Sanjana Kirodiwal

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रांझणा – 54

Ranjhana – 54

Ranjhana

Ranjhana By Sanjana Kirodiwal

Ranjhana – 54

सारिका की सांसे उखड़ने लगी l शिवम् ने देखा तो उसका दिल जोर जोर से धड़कने लगा उसे लगा बस कुछ ही पलो में वह सारिका को खो देगा l सारिका का हाथ शिवम् के हाथ से छुटकर निचे गिर गया l शिवम् के कानो में मशीन की बीप गूंजने लगी उसे लगा जैसे सारिका उसे छोड़कर जा चुकी है वो जोर से चीखा……………सरु !!! “
“शशशशश , आप इस वक्त icu में है आवाज मत कीजिये”,नर्स ने शिवम् को फटकार लगाते हुए कहा l


शिवम् को अहसास हुआ की वह अभी भी सारिका के सामने बैठा है और सारिका का हाथ उसके हाथ में है l वह पसीने से तर-बतर था , उसने निगाहे मशीन की तरफ घुमाई तो मॉनिटर पर सारिका की हार्ट रेट सामान्य चल रही थी l शिवम् ने राहत की साँस ली उसने महसूस किया की वह एक बुरा सपना देख रहा था l सारिका उसके साथ जानकर उसे ख़ुशी हुई ! शिवम् ने नर्स से सॉरी कहा और सारिका के सर पर हाथ फिराकर देखा……………हां सारिका उसके साथ थी l

शिवम् ने मन ही मन महादेव का शुक्रिया अदा किया l नर्स ने शिवम् से बाहर जाने को कहा l शिवम् उठा उसने सारिका का हाथ अपने हाथ से दूर किया और बड़े प्यार से सारिका का सर चूमकर बाहर आ गया l बाहर मुरारी बेंच पर ही बैठे बैठे सो गया था l शिवम् उसके पास आया और मुरारी के पास बैठकर उसके चेहरे की और देखने लगा l मुरारी के चेहरे पर पुरे दिन की थकान शिवम् साफ साफ महसूस कर रहा था l उसने मुरारी के हाथ पर अपना हाथ रखा मुरारी नींद से जागा और कहा,”अरे भैया तुम , तुम कब आये ?”


“बस अभी अभी , हमरे लिए तुम इतना सब कर रहे हो………………..!!”,कहते कहते शिवम् रुक गया तो मुरारी ने कहा,”का भैया अब अहसान जताओगे इह सब कहकर , अरे सारिका हमरी भी तो कछु लगती है की नई ! तुम न जियादा ना सोचो इह बताओ उनको होश आया के नहीं ?”
शिवम् ने ना में गर्दन हिला दी तो मुरारी ने कहा,”भैया हमको लगता है चच्चा की बात मान लेनी चाहिए , भाभी को किसी बड़े हॉस्पिटल लेकर चलते है !”


“नहीं मुरारी सरु की हालत बहुत नाजुक है ऐसे में उन्हें यहाँ से ले जाना उनकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने जैसा है , हम उनकी जिंदगी खतरे में नहीं डाल सकते मुरारी !”,शिवम् ने उदास होकर कहा
“हम्म्म तुम बैठो हम चाय लेकर आते है”,कहकर मुरारी वहा से उठकर चला गया l शिवम् icu के दरवाजे को देखता रहा l कुछ देर बाद अधिराज जी , चाचा और बाबा भी वहा आ आ पहुंचे l अम्बिका और आई को उन्होंने घर ही छोड़ दिया अनु की देख रेख के लिए अब तक घर से सब रिश्तेदार जा चुके थे l

घर में सिर्फ अनु , अम्बिका , आई , चाची और मीना थे l चाची और आई बमुश्किल अम्बिका जी को सम्हाले हुई थी l अधिराज जी और बाबा शिवम् के पास आकर बैठ गए l मुरारी ने निचे सबको देख लिया था इसलिए सबके लिए चाय ले आया l सबने चाय पि और डॉक्टर के आने का इंतजार करने लगे l नर्स अंदर अपने काम में लगी हुई थी तभी उसकी नजर सारिका पर गयी सारिका को होश आ रहा था l

नर्स उसके पास आयी और उसकी नब्ज चेक की नब्ज बहुत धीरे चल रही थी पर सारिका को होश आ चूका था उसने जल्दी से वहा पड़े लेडलाइन से डॉक्टर को फोन लगाया कुछ ही देर में डॉक्टर्स और उनकी टीम भागते हुए आई l उन्हें इस तरह देखकर सबका दिल बैठा जा रहा था सब ये जानने को उत्सुक थे की आखिर अंदर क्या हो रहा है ?
डॉक्टर्स ने सारिका का चेकअप किया l तब तक शिवम् का दिल ट्रेन के इंजन की तरह धाड़ धाड़ करता रहा l

मुरारी ने देखा तो उसने मजबूती से शिवम् का हाथ थाम लिया l कुछ देर बाद डॉक्टर अपनी टीम के साथ बाहर आया उसने शिवम् और बाकि सब से अपने केबिन में आने को कहा l डॉक्टर के केबिन में आकर अधिराज जी चाचा और बाबा सामने पड़ी कुर्सियों पर बैठ गए l शिवम् और मुरारी उनके पास ही खड़े थे l डॉक्टर ने सबके चेहरे देखे और कहा,”पेशेंट को होश आ गया है और अब वो खतरे से बाहर है !”


डॉक्टर की बात सुनकर सबके मुरझाये चेहरे खिल उठे l शिवम् की आँखों में तो ख़ुशी के मारे आंसू आ गए उसने मन ही मन महादेव को शुक्रिया कहा l सभी डॉक्टर की और कृतज्ञ भावो से देखने लगे तो डॉक्टर ने आगे कहना शुरू किया,”पेशेंट खतरे से बाहर है लेकिन……………..लेकिन इतनी उचाई से गिरने के कारण उनके दिमाग को एक बहुत गहरा सदमा लगा है जिससे उनकी बॉडी का 90% हिस्सा पैरालाइज हो गया है l

वो देख सकती है , सुन सकती है , समझ सकती है यहाँ तक के सब महसूस भी कर सकती है लेकिन बोल नहीं सकती है , बॉडी द्वारा महसुस किये गए संकेत दिमाग तक नहीं जाने से वह किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दे सकती है l “
डॉक्टर की बात सुनकर अधिराज जी को चक्कर आने लगे l उनकी बच्ची के साथ ही ये सब क्यों हुआ ? वो मन ही मन खुद से सवाल करते जा रहे थे l शिवम् अवाक् सा खड़ा बस डॉक्टर की बात सुनता रहा उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था , सारिका जिस दर्द से गुजरने वाली थी उसके बारे में सोचकर ही शिवम् अंदर तक कांप गया l

बाबा ने अधिराज जी को सम्हाला और चाचा ने डॉक्टर से कहा,”कोई तो इलाज होगा डॉक्टर , आपको जितना पैसा चाहिए ले लीजिये पर बिटिया को ठीक कर दीजिये”
“देखिए सर ये यहाँ का बेस्ट हॉस्पिटल है , मैंने और मेरी टीम ने पूरी कोशिश की है , उन्हें बचा लिया लेकिन वो पैरालाइज की आखरी स्टेज पर है ऐसे में कोई दवा उनपर असर नहीं करेगी l दुसरा उनके दिमाग के एक हिस्से में ब्लड क्लॉट अभी भी फसा हुआ है जब तक वह पिघलता नहीं है बॉडी का कोई भी संकेत दिमाग तक नहीं पहुंचेगा

दिमाग हमारे पूरे शरीर को चलाने का काम करता है पर इस वक्त उनका आधे से ज्यादा दिमाग भी काम करना बंद कर चुका है l अब तो ईश्वर ही कुछ कर सकता है”
शिवम् ने सूना तो उसकी आँखों से आंसू निकल आये ! उसने अपने आंसुओ को पोछा और कहा,”क्या हम उन्हें घर ले जा सकते है ?” डॉक्टर ने शिवम् की तरफ देखा उसे शिवम से एक तरह की हमदर्दी हो चुकी थी उन्होंने शिवम् को समझाते हुए कहा,”सारिका के घाव अभी ताजा है और उसे स्पेशल केयर की जरूरत है , जख्म भरने और माइनर फ्रेक्चर ठीक होने तक उसे यही रखे तो बेहतर होगा l “


शिवम् ने उदासी से हाँ में सर हिला दिया l अधिराज जी जो अब तक खामोश बैठे थे उन्होंने डॉक्टर से कहा,”क्या हम सारिका से मिल सकते है , प्लीज़ !”
“स्योर !”,कहकर डॉक्टर ने वहा खड़े स्टाफ से उनके साथ जाने को कहा l अधिराज जी , बाबा , मुरारी और चाचा वहा से बाहर चले गए l शिवम् वही खड़ा रहा तो डॉक्टर उसके पास आया और उसके कंधे पर हाथ रखकर कहा,”सब ठीक हो जाएगा , हिम्मत रखो l इस वक्त सारिका को तुम्हारे साथ और प्यार की बहुत जरुरत है”


शिवम् ने आँखों के किनारे आये आंसू पोछे और बाहर निकल गया l बाहर आकर वह बेंच पर बैठ गया l अधिराज जी , बाबा और मुरारी सारिका से मिलने एक एक कर icu गए l इंजेक्शन के असर से सारिका एक बार फिर नींद में थी l सबने सारिका को देखा और वापस आ गए l अधिराज जी ने शिवम् से आकर कहा,”बेटा आप कल सुबह से यहाँ है , मुरारी ने बताया कल से आपने कुछ खाया भी नहीं है l यहाँ हम सब लोग है आप घर जाकर थोड़ा खा लीजिये और आराम कर लीजिये l”


“हम सरु को छोड़कर कही नहीं जायेंगे !”,शिवम् ने बिना किसी भाव के कहा
“सारिका के पास हम सब है , कम से कम अपने बारे में तो सोच शिवम् l तू घर जा और थोड़ी देर सो तुझे आराम मिलेगा , जरा आँखे देख अपनी रो रोकर क्या हाल बना लिया है तूने !”,चचा ने शिवम् को समझाते हुए कहा l
“नहीं चाचा उनको घर लिए बिना हम नहीं जायेंगे !”,शिवम् ने तड़पकर कहा तो बाबा उसके पास आये और उसका चेहरा अपने हाथो में लेकर कहा,”शिवा , सारिका को कुछ नहीं होगा , डाक्टर ने कहा ना उह ठीक है !

तेरी सरु को कुछ नहीं होने देंगे महादेव ,, जल्दी ही वो घर भी आ जाएगी तुझे अपने बाबा पर भरोसा है ना तो देख तुझे मेरी कसम है , घर जा और कुछ खा पि ले !! और जरा हुलिया सुधार अपना , सारिका के सामने ऐसी रोनी सूरत लेकर जायेगा तो क्या अच्छा लगेगा उसे “,कहते हुए बाबा मुरारी की तरफ पलटे और कहा,”मुरारी इसे अपने साथ घर लेकर जा !!”


शिवम् के ना कहने के बाद भी मुरारी उसे जबरदस्ती वहा से ले गया l निचे आकर मुरारी ने गाड़ी स्टार्ट की और शिवम् उसकी बगल में आ बैठा l शिवम् ने अपनी आँखे बंद कर सर सीट से लगा लिया l मुरारी ने गाड़ी आगे बढ़ा दी l सुबह सुबह का वक्त था l सड़को पर ट्रैफिक कम था इसलिए मुरारी आराम से गाड़ी चला रहा था l गाड़ी में फैली ख़ामोशी तोड़ने के लिए उसने म्यूजिक चला दिया उसे पता था शिवम् अभी सोया नहीं है बस आँखे मूंद रखी है ! गाना बजने लगा


“खुदा को दिख रहा होगा , न दिल तुझसे जुदा होगा
तेरी तक़दीर में मुझको वो अब तो लिख रहा होगा
तेरा ही बस होना चाहू , तेरे दर्द में रोना चाहू
तेरे दिल के इन जख्मो पे , मरहम मैं होना चाहू
खुदा को दिख रहा होगा ………………….!!


कर ले कुबूल खुदाया मेरे सजदे
अब तो नसीब में मेरे उसे लिख दे !!
गाने का एक एक शब्द शिवम् के दिल पर चोट कर रहा था शिवम् ने आँखे खोली और नम आँखों से खिड़की के बाहर देखने लगा l मुरारी को लगा गाने की वजह से कही शिवम् ज्यादा उदास न हो जाये सोचकर उसने गाना चेंज कर दिया l पर इस बार भी गाना कुछ ऐसा ही था जिसने शिवम् की आँखों को भीगा दिया


“है दिल है ये मेरा मुझे हरदम ये पूछता
क्यों मुझे तुझसे इतनी वफ़ा
क्यों तेरी हसरत , है हर ख्वाहिश से बढ़के मुझे
क्यों नाम तेरा ही लेती जुबा
साथी तेरा बन जाऊ क्यों है ये जूनून
हर आंसू तेरा पि जाऊ और दे दू सुकून


हर दिन तुझको चाहू , तेरी राह तकु l
अपनी बांहो में तुझको मैं सलामत रखु …………!!
मुरारी ने फिर से गाना चेंज कर दिया पर शायद उसकी किस्मत थी की हर बार ऐसा ही गाना आया जिससे शिवम् का दर्द साफ साफ बयां हो ! मुरारी ने आखरी बार गाना लगाया l एक बार फिर गाना सर्द आवाज के साथ बजने लगा पर इस बार दर्द ज्यादा था -:

पास आये दूरिया फिर भी कम ना हुई
इक अधूरी सी हमारी कहानी रही l
आसमा को जमी ये जरुरी नहीं जा मिले , जा मिले
इश्क़ सच्चा वही जिसको मिलती नहीं मंजिले , मंजिले
रंग थे , नूर था , जब करीब तू था इक जन्नत सा था ये जहां
वक्त की रेत कुछ मेंरे नाम सा लिख के छोड़ गया तू कहा
हमारी अधूरी कहानी , हमारी अधूरी कहानी ,
हमारी अधूरी कहानी , हमा…………………!!”


मुरारी ने इस बार म्यूजिक सिस्टम ही बंद कर दिया l उसे खुद पर ही झुंझलाहट महसूस हो रही थी की उसने ये सब चलाया ही क्यों मुरारी के म्यूजिक बंद करते ही शिवम् ने सहज भाव से खिड़की के बाहर देखते हुए कहा,”म्यूजिक बंद कर देने से सच्चाई बदल नहीं जाती मुरारी !!
“पर तुमरी कहानी को हम अधूरा रहने नहीं देंगे !”,मुरारी ने विश्वास के साथ कहा तो शिवम् उसकी और पलट कर कहने लगा,”हमारी कहानी तो उसी दिन पूरी हो गयी थी जिस दिन सरु हमे दूसरी बार मिली थी !

वो हमेशा हमारी जिंदगी का एक हिससा रहेंगी” “सिर्फ आपकी जिंदगी का नहीं भैया हम सबकी जिंदगी का हिस्सा है वो”,मुरारी ने कहा l शिवम् इस वक्त सारिका के बारे में सोचकर कमजोर पडना नहीं चाहता था उसने बात बदलकर कहा,”अनु कैसी है ?
“बहुते डरी हुयी है , भाभी के साथ हुए हादसे से उह के दिमाग पर बहुते गहरा असर पड़ा है l कल शाम बड़ी मुश्किल से उह को खाना खिलाकर सुलाए थे l सुबह अस्पताल आये तब उह सोय रही थी l”,मुरारी ने उदास होकर कहा


“इस वक्त उसे तुमरे प्यार की जरूरत है मुरारी , उसका ख्याल रखना तुमरी जिम्मेदारी है l उसके के दिमाग से इह बात निकालनी होगी की ये महज एक हादसा है”,शिवम् ने कहा
“मुश्किल है भैया ! उसे रोता देखकर हमरे कछु समझ नहीं आता का कहे का ना कहे , उह हंसती खेलती अच्छी लगती थी अब तो उसकी आँखों में सिर्फ एक डर और होंठो पर एक चुप्पी रहती है है बस , भैया का तुम उसे नहीं समझा सकते ! मतबल इह वक्त तुमसे बेहतर उसे कौन समझा सकता है भला”,मुरारी ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा l


”ठीक है हम कोशिश करते है”,शिवम् ने मुरारी के हाथ पर हाथ रखकर कहा और एक बार फिर गाड़ी में खमोशी छा गयी l

क्या से क्या हो गयी थी इन चार लोगो की जिंदगी l मुरारी जिसे अपने और शिवम् के अलावा किसी की परवाह तक नहीं थी , जो बनारस की गलियों में अपनी जीप में सवार बेफिक्र घूमता था आज सबसे जिम्मेदार इंसान बना हुआ था l उस घर में मौजूद हर सख्स की उसे फ़िक्र थी ! अपनी परेशानी , दुःख को उसने अपने चेहरे पर भी नहीं आने दिया l हर वक्त बस वो सब सही हो जाने की दुआ करता था l l

अनु जो हमेशा से अपनी जिदंगी मस्ती में जीती आयी थी , जो हर वक्त घर में चहकती रहती थी l सबको परेशान किया करती थी आज एक डर में थी l सारिका जिसने कभी किसी का बुरा नहीं किया था आज जिन्दा लाश बनकर रह गयी थी l और बचा शिवम जिसने अपनी मोहब्बत से मिलने के लिए 14 साल इंतजार किया उसे मोहब्बत तो मिली पर साथ में हद से ज्यादा दर्द भी ! गाड़ी घर के अंदर आकर रुकी l

शिवम् और मुरारी अंदर आये मुरारी ने सबको सारिका के ठीक होने की खबर दी l शिवम् नहाने चला गया l नहाने के बाद उसे थोड़ा आराम मिला आंखे रातभर ना सोने से भारी हो रही थी पर शिवम् सोना नहीं चाहता था उसे जल्द से जल्द सारिका के पास वापस पहुँचना था l आई ने बड़ी मुश्किल से उसे एक रोटी खिलाई l खाना खाकर वह वापस सारिका के पास जाने की जिद करने लगा मुरारी ने उसे दस मिनिट बाद चलने का कहा l

शिवम् वही बिस्तर पर दिवार से पीठ लगाकर बैठ गया l बार बार वह घडी में देखता लेकिन ये वक्त बहुत धीरे कट रहा था 10 मिनिट भी उसे 10 दिन जैसे लग रहे थे l शिवम ने अपना सर दिवार से लगाकर आँखे बंद कर ली l नींद से आँखे बोझिल होने लगी और शिवम् वही बैठे बैठे सो गया l मुरारी जब आया तो शिवम् को सोते हुए देखकर उसे अच्छा लगा l

उसने बिना आवाज कीये आहिस्ता से शिवम् को एक साइड लेटाया और सर के निचे तकिया लगाकर कमरे की लाइट बंद कर दी l मुरारी कमरे का दरवाजा बंद करके बाहर आ गया l वह चाहता था शिवम् कुछ दे सोता रहे जिससे कुछ वक्त के लिए ही सही वह इस दर्द से बाहर निकल सके !!
शिवम् ऐसा सोया की शाम तक सोता रहा शाम को अचानक से जब उसकी आँख खुली तो उसने दिवार पर लगी घडी की तरफ देखा उसमे शाम के 6 बज रहे थे !

शिवम् तेजी से उठा और जैसे ही दरवाजे की और बढ़ने लगा सामने से अनु को आता देखकर रुक गया l अनु शिवम् के पास आयी और कहा,”मुझे दी से मिलना है , मॉम और पापा मुझे वहा जाने नहीं दे रहे l सबकी तरह उन्हें भी लगता है की हमने दी के साथ ये सब…………………….!” अनु रोने लगी उस से आगे बोला ही नहीं गया l शिवम् ने अनु को चुप कराया उसने देखा रोने से अनु की आँखे लाल हो चुकी है और उसका चेहरा भी काफी मुरझाया हुआ है l

शिवम् ने अनु का हाथ पकड़ा और उसे बेड के पास ले जाकर बैठने को कहा l टेबल पर रखा पानी का ग्लास उसने अनु की तरफ बढ़ा दिया अनु एक साँस में वो सारा पानी पि गयी जैसे वो बहुत प्यासी हो ! अनु के रिलेक्स होने के बाद शिवम् कोने मे पड़ी एक कुर्सी उठा लाया और बिल्कुल अनु के सामने अनु से कुछ दूरी बनाकर उस कुर्सी को डालकर बैठ गया l

अनु की आँखों में अभी भी नमी थी शिवम् ने अनु की और देखा और कहा,”हम तुम्हे सारिका के पास लेकर जरूर जायेंगे , पर उस से पहले हमे तुमसे ये जानना है की कल सुबह तुम सारिका के साथ वहा क्या कर रही थी ? हम जानते है तुम सबसे कुछ छुपा रही हो कल जो कुछ भी हुआ था सब हमे साफ साफ बताओ अनु !”
शिवम् की बात सुनकर अनु सहम गयी l

उसके घबराया देखकर शिवम् ने उसका बांया हाथ अपने हाथ में लिया और कहने लगा,”देखो अनु हम तुम्हे जज नहीं कर रहे है ना ही उस हादसे के लिए तुम्हे जिम्मेदार मानते है , बस जानना चाहते है की आखिर ऐसा क्या हुआ था जो सरु ने ऐसा कदम उठाया l तुम इस वक्त हमे अपना दोस्त , अपना भाई , शुभचिंतक , पिता जो चाहे समझ सकती हो l हम वादा करते है तुम्हे गलत साबित होने नहीं देंगे l

अनु ने अपना सर ऊपर उठाया और शिवम् की तरफ देखने लगी शिवम् में उसे एक समझदार और परिपक्व इंसान नजर आ रहा था ! अनु ने अपनी आँखों की नमी साफ की और कहने लगी ! -“बचपन से ही मैं और दी साथ साथ बड़े हुए है , मुझे हमेशा लगता था की पापा और मॉम मुझसे ज्यादा दी को पसंद करते है उनसे प्यार करते है l पर दी मुझे मॉम और पापा से भी ज्यादा प्यार करती थी l

फिर एक दिन पापा से किसी बात पर झगड़ा होने की वजह से दी हमेशा हमेशा के लिए इंदौर से मुंबई आ गयी और यही की होकर रह गयी l मेरी पढाई के लिए पापा ने मुझे लंदन भेज दिया l जब पापा ने बताया की दी ने अमित से शादी करने के लिए हां कर दी है तो मैं लंदन से वापस आ गयी और आगे की पढाई यही करने का इरादा कर लिया ताकि मैं दी और अपनी फॅमिली के साथ रह सकू !”


“अनु तुम ये सब मुझे क्यों बता रही हो मैं तुमसे सिर्फ कल के बारे में जानना चाहता हु”,शिवम् ने हैरान होकर कहा
“क्योकि मैं जो आपको बताने वाली हु ये सब उसी का एक हिस्सा है !”,अनु ने शिवम् की तरफ देखकर उदास स्वर में कहा l शिवम् ने सहमति में सर हिला दिया तो अनु ने आगे बताना शुरू किया,”मुंबई आकर मेरी मुलाकात आपसे हुई , आपको पहली बार देखते ही मैं आपसे काफी इम्प्रेस हुई l आपका ऐटिटूड , आपका लुक , आपकी बाते मुझे अच्छी लगी और मैं आपसे प्यार करने लगी l”

अनु की बात सुनकर शिवम् अवाक् सा उसकी और देखने लगा तो अनु ने अपनी पलके निचे झुका ली और बोलना जारी रखा,”उस वक्त तक मैं नहीं जानती थी की आप और सारिका दी भी एक दूसरे से प्यार करते है l आपकी सादगी मुझे अपनी तरफ खींचती गयी l जिस दिन सारिका दी और अमित की सगाई होने वाली थी उस दिन मैं बहुत खुश थी क्योकि उनकी सगाई के बाद मैं पापा से आपके बारे में बात करने वाली थी लेकिन उसी दिन मुझे पता चला की आप सारिका दी का प्यार हो l

बनारस वाला प्यार ! मुझे उस दिन बहुत बुरा लगा इसलिए मैं सगाई के वक्त वहा से निकल गयी l मैंने आज तक जिस चीज की खवाहिश की वो मुझे मिली और शायद इसी वजह ने मुझे जिद्दी बना दिया l आप मेरा पहला प्यार थे और आपको हासिल करना मेरा जूनून था l पापा ने आप दोनों की शादी भी फिक्स कर दी थी l शादी से पहले वाली रात जब आप और सारिका आपके कमरे में थे उस वक्त मैं उसी कमरे में थी l

आपसे कुछ बात करने आई थी लेकिन दी के आते ही मैं पर्दे के पीछे छुप गयी l उस वक्त तक मेरे सर पर आपको पाने का जूनून सवार था l”
अनु की बाते सुनकर शिवम् को भी एक पल को लगा की सारिका के साथ जो कुछ हुआ वो हादसा नहीं है l पर बिना अनु की बात सुने शिवम् किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना नहीं चाहता था l

वह खामोश बैठा अनु की बात सुनता रहा अनु ने एक ठंडी साँस ली और कहने लगी,”उस वक्त जब दी आपके पास थी , आपसे बाते करते हुये मैंने उनके चेहरे पर ख़ुशी और आँखों में सुकुन देखा था l पर जब मैंने आपकी आँखों में सारिका दी के लिए बेइंतहा प्यार देखा तो मुझे खुद पर शर्म आयी , आपसे प्यार करने का अपना फैसला मुझे गलत लगने लगा था l अनजाने में ही सही मैं अपनी ही बहन जो मुझे बहुत प्यार करती है उनका प्यार उनकी खुशिया छीनने चली थी मैं !

मैं आप लोगो से नजरे बचाकर वहा से अपने कमरे में आ गयी लेकिन बहुत गिल्टी फील हो रहा था l उसी गिल्ट से बचने के लिए मैं शादी वाले दिन सुबह सुबह ही घर से चली गयी l ताकि दी की खुशियों में कोई प्रॉब्लम ना आये l मैं दी के ऑफिस चली आई स्ट्रेस और गिल्ट कम करने के लिए मैंने ड्रिंक किया l मैं ऑफिस के टेरेस पर थी अचनाक वहा दी आ गयी l वो वहा कैसे आयी मुझे नहीं पता l

नशे में मैंने दी को वो सब कह दिया जो मेरे अंदर था पर मैं उन्हें ये भी बताना चाहती थी ये सब अनजाने में हुआ लेकिन उन्होंने मेरी बात सुनी ही नहीं ll मुझे लगा सब सच बताकर मैं दी से माफ़ी मांग लुंगी तो वो मुझे माफ़ कर देगी पर दी को लगा की वो मेरी खुशियों के बिच आ रही है तो वो वहा से निचे………………….मैं उन्हें रोक पाती , सच बता पाती इस से पहले ही……………..!!” अनु रो पड़ी !

शिवम् को सब समझ आ गया सारिका उन लोगो में से है जो अपने लोगो की ख़ुशी के लिए हमेशा सेक्रिफाइज करना जानते है इसके लिए चाहे उन्हें कोई भी कीमत अदा करनी पड़े l वही उसे अनु की बात से ये भी समझ आया की अनु मासूम थी उसका ऐसा कोई इरादा नहीं था की वह सारिका की जान ले बल्कि शिवम् और सारिका के रिश्ते के बिच आने की गिल्ट की वजह से वो उस जगह पहुंची थी l शिवम् खामोशी से अनु को देखता रहा l

उसकी मासूमियत और उसका बचपना देखकर कही से नहीं लगता की वो अपनी बहन के साथ ऐसा करने का सोच भी नहीं सकती है ! शिवम् उठा और आकर अनु की बगल में बैठ गया उसने कहना शुरू किया,”तुमने कुछ नहीं किया अनु , तुम्हारी कोई गलती नहीं है l प्यार करना गलत नहीं होता है , प्यार कब कहा किस से हो जाये कोई कह नहीं सकता है l

इसके लिए कोई समय , कोई जगह , कोई इंसान तय नहीं होता है l पर जो तुमने किया वो प्यार नहीं था महज एक अट्रेक्शन था , लगाव था , पाने का जूनून था ! वैसे ही जैसे फिल्मो में , किस्से कहानियो में हम नायक या फिर नायिका को पसंद करते है , बस वैसे ही हम तुम्हारी पसंद बन गए !! “
“मैं कुछ समझी नहीं !”,अनु ने आंसू भरी आँखों से शिवम् की और देखकर कहा
“अच्छा एक बात बताओ तुम्हारा फेवरेट हीरो कौन है ?”,शिवमं ने सवाल किया


“ऋतिक रोशन !”,अनु ने मासूमियत से कहा l
“कितना पसंद है ?”,शिवम् ने अगला सवाल दागा
“बहुत पसंद है , उसकी हर फिल्म मैंने 4-5 बार रिवाईंड करके देखी है , कितने ही फोटोज और पोस्टर्स मेरे रूम में लगे है , आई लव हिम”,अनु ने शिवम् के साथ सहज होकर कहा
“यू लव् हिम इसका मतलब तुम शादी भी उस से ही करोगी”,शिवम ने शादी शब्द पर जोर देते हुए कहा


“नहीं मैं उस से शादी क्यों करुँगी ?”,अनु ने हैरानी से कहा
“अभी तो तुमने कहा तुम उस से प्यार करती हो , पसंद करती हो तो फिर शादी क्यों नहीं ?”,शिवम् ने अनु को फिर उलझा दिया
“आई लव हिम बिकॉज़ वो अच्छा लगता है , गुड़ लुक्स , बॉडी , डांस बस लेकिन शादी कैसे कर सकते है ?’,अनु अब भी हैरान थी l


“यही बात तो हम तुम्हे समझाना चाहते है अनु ! हमे भी तुमने लुक्स और बातो से पसंद किया है और उसे तुम प्यार समझ बैठी l क्या तुम्हे कभी लगा की हम तुम्हे पसंद करते है या प्यार करते है l क्या कभी हमारा ख्याल तुम्हारे जहन में आया नहीं आया होगा क्योकि जिसे तूम प्यार समझती हो वो सिर्फ तभी महसूस होता था जब कभी तुम हमे देखती थी l

तुम्हारी हालत उस वक्त वैसे ही थी जैसे एक छोटा बच्चा किसी खिलोने के लिए जिद कर बैठता है उसकी सुंदरता या अच्छाई देखकर पर उसे मालूम नहीं होता की इस खिलोने का करना क्या है !”,शिवम् ने अनु को बच्चो की तरह समझाते हुए कहा l
अनु को अब धीरे धीरे समझ आ रहा था l शिवम् उसका सिर्फ अट्रेक्शन था प्यार जैसा कुछ नहीं था l

अनु को सोचते हुए देखकर शिवम ने थोड़ा गंभीर होकर कहा,”अनु सारिका से हम तबसे प्यार करते है जब वो पहली बार हमे बनारस में मे थी तब हम दोनों बहुत छोटे थे पर वो भावनाये मजबूत थी जिन्होंने हमे बांध लिया l हमारा प्यार किसी भरोसे का मोहताज नहीं था अनु 14 साल हमने एक दूसरे का इंतजार किया है ये सोचकर की एक दिन हम जरूर मिलेंगे !! हमने कभी एक दूसरे की कल्पना भी नहीं की थी बस एक अहसास था जिसके साथ हमने वो वक्त गुजारा था l

जब पता चला की सरु ही हमारा प्यार है और जब उनके पापा ने उनका हाथ हमारे हाथ में सौंपा तो लगा जैसे दुनिया की सारी खुशिया हमे मिल गयी l पर वो कहते है ना किसी का प्यार पाना इतना आसान नहीं है l तुम अपनी दी से बहुत प्यार करती थी इसलिए उनसे सच को छुपाये रखा रखा शादी वाले दिन चली गयी जिससे तुम्हारी दी को दुःख न हो………………….

पर सरु तुम्हे इतना प्यार करती है की बिना सच्चाई जाने ही उसने तुम्हारी ख़ुशी के लिए अपने कदम पीछे ले लिए और…………………!!” शिवम की आँखों में आ गए तो अनु ने अपना हाथ शिवम् के हाथ पर रख दिया शिवम् ने आँखों के किनारे पोछे और कहने लगा,”किसी को पसंद करना , उसकी अच्छाईयों को पसंद करना , किसी के साथ वक्त बिताना ये सब प्यार नहीं होता है अनु l प्यार वो है जो सारिका तुमसे करती है , वो है जो हम सारिका से करते है l पसंद और प्यार दो अलग अलग चीजे है अनु !! अपनी भावनाओ को प्यार का नाम मत दो !” शिवम् खामोश हो गया !

अनु को अपनी गलती समझ आ रही थी , शिवम् की हर बात सही थी l उसने शिवम् की तरफ देखा और आँखों में आंसू भरकर कहा,”मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गयी , मैंने अपनी नादानी की वजह से आप सब को बहुत हर्ट किया है l ” कहते हुए अनु रोने लगी शिवम् को इस वक्त अनु में एक मासूम बच्ची नजर आ रही थी जो कुछ वक्त के लिए रास्ता भटक गयी थी l शिवम् ने उसके आंसू पोछे और गले लगाकर कहा,”तुम गलत नहीं हो अनु बस तुम्हे अपनी फीलिंग्स कंट्रोल करनी नहीं आयी l””


“आई ऍम सॉरी जीजू , आई ऍम रियली सॉरी”,अनु ने रोते हुए कहा l शिवम् अनु को समझाने में सफल रहा उसने अनु के आंसू पोछे और उसका चेहरा अपने हाथो में लेकर कहा,”अपनी दी के पास जाना है ना , तो क्या ऐसी रोनी सूरत लेकर जाओगी उनके सामने ? नहीं न ! तो फिर जल्दी से तैयार होकर बाहर आओ !”
अनु उठी शिवम् को सच बताकर उसके मन का बोझ हल्का हो गया और साथ ही साथ सारिका और शिवम् के रिश्ते के लिए भी उसके दिल में अब कोई जलन की भावना नही थी

बल्कि शिवम् के साथ अपना नया रिश्ता बना देखकर खुश थी साथ ही उसे एक अच्छा अडवाईजर भी मिल चूका था l अनु शिवम् के साथ हॉस्पिटल आयी l उसे देखकर अधिराज जी थोड़े खफा हुए लेकिन शिवम् ने उन्हें समझा दिया l मुरारी भी वही मौजूद था l शिवम अनु को लेकर icu में आया सारिका और उनके बिच शीशे का एक दरवाजा था l दिन में icu में पेशेंट के पास जाना अलाउड नहीं था l

अनु ने शीशे के इस पार से ही अपनी बहन को देखा l सारिका सो रही थी l सारिका को इस हालत में देखकर अनु की आँखों में आंसू निकल आये वो शिवम् के सीने से लगाकर रो पड़ी l शिवम् ने उसे सम्हाला और बाहर ले आया !


शिवम् ने सबसे घर चलने को कहा और मुरारी को वही रुकने के लिए कहा l अधिराज जी , बाबा और चाचा आगे बढ़ गए l अनु अभी भी बाहरी दरवाजे से अंदर झाँकने की कोशिश कर रही थी तभी शिवम ने आवाज देकर कहा,”साली साहिबा , चले ? अनु आयी और शिवम् के साथ वहा से चली गयी !!

बेंच के पास खड़े मुरारी ने अपना सर खुजाते हुए कहा,”साला इह चमत्कार कैसे हो गया ?

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संजना किरोड़ीवाल

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