Sanjana Kirodiwal

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रांझणा – 52

Ranjhana – 52

Ranjhana

Ranjhana By Sanjana Kirodiwal

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Ranjhana – 52

शर्मा कम्पनी के टेरेस से निचे गिरी सारिका का बेजान जिस्म खून से लथपथ था l भीड़ जमा हो गयी ऑफिस के सारे लोग जमा हो गए l किसी ने एम्बुलेंस को फोन किया l कुछ ही देर में सायरन बजाती एम्बुलेंस वहा आयी l गाड़ी से निकलकर दो वार्ड बॉय ने सारिका के शरीर को उठाकर स्ट्रेक्चर पर लिटाया l उसकी नब्ज बहुत धीरे चल रही थी लेकिन उसे होश नहीं था खून बहुत बह चुका था l एम्बुलेंस के निकलते ही पुलिस की गाड़ी वहा आ पहुंची l

सारिका ऊपर से जहा गिरी थी उस जगह को सील का दिया गया l पुलिस वहा मौजूद लोगो से पूछताछ करने लगी l पर किसी को नहीं पता था सारिका वहा कैसे आयी ? कोई इसे सुसाइड बता रहा था तो कोई ह्त्या ! पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी चूँकि सारिका शहर की एक जानी मानी हस्ती थी इसलिए पुलिस पर ऊपर से प्रेशर आने लगे l छानबीन के तहत पुलिस टेरेस पर पहुंची l डरी सहमी सी अनु वहा एक कोने में बैठी थी l

पुलिस वालो में से एक महिला कॉन्स्टेबल उसके पास आयी और उसका हाथ पकड़ कर उसे इंस्पेक्टर के सामने ले आयी l इंस्पेक्टर ने एक नजर अनु की तरफ देखा और कहा,”कौन हो तुम ? और यहाँ क्या कर रही हो ? कुछ देर पहले यहाँ से शर्मा कम्पनी की ऍम.डी. मिस सारिका अधिराज शर्मा निचे गिरी थी , क्या तुम उसे जानती हो ? खामोश क्यों हो जवाब दो ?”


अनु ने कुछ नहीं कहा उसकी आँखे आंसुओ से भरी हुई थी l शब्द उसके हलक में अटक गए l न उसे कुछ समझ आ रहा था ना ही वह कुछ बोल पा रही थी बस अपनी भीगी आँखों से उस जगह को देखे जा रही थी जहा से सारिका गिरी थी l इंस्पेक्टर ने उस से जानने की कोशिश की पर अनु कुछ बोल ही नहीं पाई l तभी पीछे से एक हवलदार आया और कहा,”सर ये विक्टिम की बहन है सर ‘अनामिका अधिराज शर्मा’ सारिका शर्मा के ऑफिस में काम करने वाले स्टाफ ने बताया की आज सुबह अनामिका ऑफिस आयी थी ,

उन्होंने ये भी बताया की अनामिका बहुत गुस्से में थी l किसी अनहोनी के डर से स्टाफ ने सारिका शर्मा को फोन किया और उन्हें अनामिका के यहाँ आने की खबर दी l सारिका यहाँ आयी और अनामिका से बात करने ऊपर चली आयी जिसके कुछ देर बाद ही ये हादसा हो गया”
हवलदार एक ही साँस में सब कुछ कह गया l इंपेक्टर ने अनु को देखा और फिर महिला कॉन्स्टेबल से कहा,”गिरफ्तार कर लो इसे !”

पुलिस ने अनु को गिरफ्तार किया और निचे आ गयी तब तक मिडिया वाले वहा जमा हो चुके थे अनु के हाथो में हथकड़ी देखकर सबको लगने लगा की अनु ने ही सारिका की जान ली है ! पुलिस ने अनु को जीप में बैठाया और वहा से तेजी से निकल गयी !! जल्द ही ये खबर सारे शहर में आग की तरह फ़ैल गयी l

उधर शिवम् जब पार्लर से बाहर आया तो मुरारी तो बस उसे देखता ही रह गया क्लीन शेव में शिवम् किसी राजकुमार से कम नहीं लग रहा था l मुरारी उसके पास आया और गाने लगा,”बहारो फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है , मेरा महबूब आया है !………….भैया अगर सारिका नहीं होती न तो हम ही तुमसे शादी कर लेते बाय गॉड , फिर चाहे जमाना कुछ भी कहे !”


“भक साले कुछ भी कहते हो ! जल्दी चलो सरु हमारा इंतजार कर रही हो “,शिवम् ने बेचैनी से कहा !
“आये हाय ये बेसब्री , उह से जियादा तो तुम बेक़रार नजर आय रहे हो ,,का बात है भैया शादी के लड्डू फुट रहे की ना फुट रहे मन मा”,मुरारी ने छेड़ते हुए कहा
“तुम न ज्यादा बकवास ना करो और चलो !”,शिवम् ने बिल चुकाते हुए कहा l


“अच्छा बाबा ठीक है चलते है !!”,कहकर मुरारी ने शर्ट से निकालकर चश्मा आँखों पर लगाया और शिवम् के साथ बाहर निकल आया l दोनों बाइक पर आ बैठे और घर के लिए निकल गए l रास्ते में शिवम् की नजर फूलो की दुकान पर गयी तो उसने मुरारी से बाइक रोकने को कहा और उतरकर दुकान की तरफ बढ़ गया l उसने सारिका के लिए सफ़ेद रंग के फूलो का बुके खरीदा सारिका को सफ़ेद फूल बहुत पसंद थे l

उसने जेब से फोन निकाला और ऑन करके सारिका की तस्वीर देखकर कहा,”बस जल्दी ही आपके पास आ रहे है !” शिवम् जैसे ही आगे बढ़ा फोन हाथ से छूटकर निचे जा गिरा उसने फोन उठाया और देखा सारिका की तस्वीर धुंधली पड़ चुकी थी l फोन की स्क्रीन पर कई दरारे आ चुकी थी ये देखकर शिवम् का मन बैचैन हो उठा l फोन जेब में रखकर वह दुकान से बाहर आया और मुरारी से चलने को कहा l मन बेचैनियों और किसी अनहोनी के डर से घबराने लगा था l

दोनों कुछ ही दूर चले थे की सामने से तेजी से आती एम्बुलेंस गुजरी , एम्बुलेंस के पीछे और भी कई गाड़िया थी जिन्हे देखकर मुरारी ने कहा,”लगता है कोनो बड़ा आदमी घायल हुआ है !” उसने बाइक आगे बढ़ा दी शिवम् ने पीछे पलटकर एम्बुलेंस को देखा और मन ही मन कहा,”भोलेनाथ उसकी रक्षा करे !”
एम्बुलेंस में लेती सारिका को साँस का भभका उठा और वापस वो बेहोशी की हालत में चली गई l शिव्म के सामने से जो एम्बुलेंस गुजरी थी उसमे कोई और नहीं बल्कि सारिका ही थी l

शिवम और मुरारी घर पहुंचे बाइक एक साइड रोककर मुरारी ने उतरते हुए शिवम् से कहा,”भैया आज तो भाभी के स्वागत में हम कुर्ता फाड़कर नाचेंगे ! अरे दिखा देंगे बम्बई वालो को की बनारस वाले किसी से कम नाही है !” शिवम् हैरान था शादी वाले घर में कोई शोर गुल नहीं था बल्कि मरघट जैसी ख़ामोशी फैली हुई थी l मुरारी को भी अजीब लगा उसने अंदर आते हुए कहा,”यहाँ इतना सन्नाटा काहे है ?” उसने आँखों से चश्मा उतारकर वापस शर्ट की जेब में डाल लिया और शिवम् के साथ अंदर हॉल में आया l

अधिराज जी , अम्बिका , बाबा , आई सभी ख़ामोशी से खड़े थे किसी के चेहरे पर ख़ुशी नहीं थी l l शिवम् ने उन्हें देखकर कहा,”क्या बात है आप सब लोग इतना खामोश क्यों है ?”
“सारिका सुबह से मिल नहीं रही है , ना ही अपना फ़ोन उठा रही है”,अम्बिका ने धीरे से कहा l
“सारिका मिल नहीं रही मतलब ? आपने देखा घर में अरे यही कही होगी वो , हम बिना बताये चले गए थे ना तो नाराज होकर कही बैठी होगी वो ………………..

हम अभी ढूंढते है उन्हें”,शिवम् ने बेचैनी से आगे बढ़ते हुए कहा अधिराज जी उसके पास आये और उसका हाथ पकड़कर रोकते हुए कहा,”हम सब जगह देख चुके है बेटा ! काका ने बताया की सारिका अकेले ही गाड़ी लेकर चली गयी है l”
“ऐसे कैसे कही जा सकती है वो ? और उन्हें अकेले बाहर जाने क्यों दिया आप लोगो ने l आप जानते है ना उनकी जान को खतरा है “,शिवम् ने तड़पकर कहा l


तभी अधिराज जी का फोन बजा दूसरी तरफ से किसी की आवाज आयी अधिराज जी कटे पेड़ की तरह धम से सोफे पर आ गिरे l शिवम् ने उनके हाथ से फोन लिया और कान से लगाकर कहा,”हेलो !!
“सर हम लाइफ केयर हॉस्पिटल से बात कर रहे है l शर्मा कम्पनी की ऍम.डी. मिस सारिका यहाँ एडमिट है l प्लीज़ जल्दी आईये”,दूसरी तरफ से आवाज आयी और फिर फोन कट गया l शिवम् के हाथ से फोन छूटकर निचे गिर गया उसने अपने कदम पीछे बढ़ाये और तेजी से बाहर की और भागा l

मुरारी उसे आवाज देते हुए उसके पीछे आया l अंबिका , आई और बाबा ने अधिराज जी को सम्हाला l अधिराज जी के होंठ थरथरा रहे थे और शरीर काँप रहा था फोन पर उन्होंने जो सुना वो किसी को बताने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे l बाबा ने अधिराज जी के हाथ को अपने हाथ में लेकर कहा,”क्या हुआ ? आप ठीक तो है l फोन पर कौन था और क्या कहा उसने ?
“सारिका……………..सारिका हॉस्पिटल में है l बहुत सीरियस है , बचेगी भी या नहीं पता नहीं…!!”,कहते हुए अधिराज जी बच्चो की तरह फफक पडे l

बाबा ने उन्हें गले लगाया और कहा,”आप बिल्कुल चिंता मत कीजिये , हमारी सारिका को कुछ नहीं होगा l हम सभी अभी अस्पताल चलते है l” अम्बिका ने जैसे ही सुना उसे बेहोशी आने लगी आई और बाकि रिश्तेदारों ने किसी तरह अम्बिका को सम्हालकर सोफे पर बैठाया वो बच्चो की तरह सारिका के पास जाने की जिद करने लगी l अधिराज जी और बाबा किसी तरह अम्बिका और आई को समझा बुझाकर वहा से हॉस्पिटल जाने के लिए निकले l मुरारी ने बाहर आकर अपनी बाइक स्टार्ट की और शिवम् के पीछे दौड़ा दी l

क्या हुआ होगा सोचकर ही मुरारी का दिल बैठा जा रहा था उसने शिवम् के सामने आकर बाइक रोकी और कहा,”भैया बैठो ! “
शिवम् ने मुरारी को पीछ खिसकने का इशारा किया और खुद आगे बैठकर फूल स्पीड में बाइक आगे बढ़ा दी l उसका दिल तेजी से धड़क रहा था और आँखों में डर के डोरे तैर रहे थे l वह जल्द से जल्द सारिका के पास पहुंचना चाहता था l पंडित जी की बात रह रह कर उसके कानो में गूंज रही थी l

बाइक हॉस्पिटल के सामने आकर रुकी शिवम् तेजी से उतरा और अंदर भागा मुरारी बाइक पार्किन में लगाकर शिवम् के पीछे पीछे आया l रिसेप्शन पर आकर शिवम् ने सारिका के लिए पूछा तो जवाब मिला,” 2nd फ्लोर , इमरजेंसी वार्ड !” शिवम् वहा से लिफ्ट की और भागा लेकिन लिफ्ट बीजी थी शिवम सीढ़ियों से भागते हुए 2nd फ्लोर पहुंचा और एमरजेंसी वार्ड की तरफ आया l

शिवम् जैसे ही दरवाजे की और बढ़ा वार्ड बॉय ने रोककर कहा,”सर आप अंदर नहीं जा सकते ! l तब तक मुरारी , बाबा और अधिराज जी भी वहा आ पहुंचे l शिवम् ने गुस्से से कहा,”देखिये हमारा अंदर जाना बहुत जरुरी है”
“सर ये इस हॉस्पिटल का रूल है ! आप अंदर नहीं जा सकते”,वार्ड बॉय ने सहजता से कहा
“भाड़ में गया रूल , अंदर मेरी होने वाली पत्नी है मेरी सरु है अंदर ! समझ नहीं आता तुम्हे”,शिवम् चिल्ला उठा


बाहर शोर सुनकर अंदर से एक स्टाफ ने आकर कहा,”देखिये शोर मत कीजिये ! पेशेंट की हालत बहुत नाजुक है , प्लीज़ को-ऑपरेट कीजिये प्लीज़ “
“देखिये वो अंदर मेरी होने वाली पत्नी है , एक बार हमे उनसे मिलने दीजिये l प्लीज़”,शिवम् ने हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाते हुए कहा l “आपको एक बार कह दिया न की अभी कोई उनसे नहीं मिल सकता , उनकी हालत नाजुक है यहाँ तक उनका बचना भी बहुत मुश्किल है”,स्टाफ ने थोड़ा गुस्से से कहा l

स्टाफ की बात पर शिवम् ने उसका कॉलर पकड़ लिया और कहा,”तुम होते कौन हो ऐसा कहने वाले ? उन्हें हमसे कोई नहीं छीन सकता l ना ही तुम लोग हमे उनसे मिलने से रोक सकते हो l “
अधिराज जी , बाबा और मुरारी शिवम् की तरफ आये और उसे पकड़कर किसी तरह स्टाफ से अलग किया l शिवम् उस वक्त उन तीनो के बस से बाहर था वह लगातार छटपटाते हुए छूटने की कोशिश कर रहा था l

बाबा और अधिराज जी ने किसी तरह उसे सम्हाला और वहा से दूर ले गए l मुरारी स्टाफ के पास आया और कहा,”माफ़ कीजिए , परेशान है उह थोड़ा हम उसे समझाते है” “इट्स ओके !”,कहकर स्टाफ अंदर चला गया l मुरारी शिवम् के पास आया उस वक्त शिवम् की हालत देखकर मुरारी की आँखों में भी आंसू आ गए l शिवम् घुटनो के बल जमींन पर बैठा था और अपना चेहरा अपने हाथो में छिपाये रो रहा था !

अधिराज जी और बाबा उसे हिम्मत बंधाने की कोशिश कर रहे थे l मुरारी शिवम् के पास आया और उसके सामने घुटनो के बल बैठ गया l उसने शिवम् के चेहरे से उसके हाथ हटाए और कहा,”ए भैया सम्हालो खुद को , अपनी सारिका जी को कछु नहीं होगा ! उह बिल्कुल ठीक हो जाएगी l l तुम तुम ऐसे दिल छोटा ना करो……………अरे हम सब है ना ऐसे ही उनको कुछ थोड़े होने देंगे !”
शिवम् मुरारी के सीने से लगकर रो पड़ा l उसकी पीड़ा उसका दर्द उसकी आँखों से झलक रहा था l

शिवम् को इतना दर्द में पहले कभी नहीं देखा था मुरारी ने उसने शिवम् को अपनी बांहो में छुपा लिया और अपनी आँखे बंद कर ली l इस वक्त शिवम् को सम्हालना उसके लिए मुश्किल हो रहा था l पर उसने हिम्मत की और शिवम् को वैसे ही सीने से लगाए रखा l कुछ देर बाद शिवम् मुरारी से दूर हुआ और कहा,”हमे उनसे मिलना है ! हम हम उन्हें कुछ नहीं होने देंगे………..वो ऐसा कैसे कर सकती है हमारे साथ ? हर बार क्या उनकी मर्जी चलेगी ?

वो जब चाहेगी तब हमे छोड़कर चली जाएगी………………इस बार हम उन्हें नहीं जाने देंगे ! “,सारिका को खो देने के ख्याल से ही शिवम् बौखला उठा l वह उठा और एक बार फिर एमर्जेन्सी की तरफ बढ़ा मुरारी ने रोकना चाहा पर शिवम् उसकी कोई बात सुनने को तैयार ही नहीं था मुरारी ने खींचकर एक थप्पड़ शिवम् के गाल पर मारा और चिल्लाकर कहा,”दिमाग ख़राब हो गया है तुमरा , वहा वो जिंदगी और मौत से लड़ रही है और हिया तुम हो के कोई बात समझने को तैयार नहीं हो l

सिर्फ तुमरी नहीं हम सबकी भी जान बसती है उसमे , अरे कछु नहीं होने देंगे उनको l बस तुम हिम्मत रखो अगर तुम ही ऐसा करोगे तो कैसे सम्हाल पाएंगे हम खुद को ? “
रो पड़ा मुरारी l शिवम् वहा से हटा और साइड में जाकर दिवार से सर लगाकर खड़ा हो गया l उसका दिल कुछ समझने को तैयार नहीं था और दिमाग उसकी कुछ सुनना नहीं चाहता था l मुरारी उसके पास आया और उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”तुमरा दुःख समझ सकते है !”


शिवम् आँखों में आंसू भरकर मुरारी की और पलटा और कहा,”नहीं मुरारी ये दर्द कोई नहीं समझ सकता l हर बार उनको पाने से पहले ही खो देते है हम , अब तक ना जाने कितनी बार खो चुके है उन्हें मुरारी पर आज नहीं , आज नहीं खोना चाहते !” शिवम् के आंसू बह रहे थे l मुरारी ने शिवम् का हाथ पकड़ा और उसे लेकर जाने लगा l “कहा लेकर जा रहे हो हमे ?”,शिवम् ने मुरारी से कहा मुरारी ने शिवम् की बात का कोई जवाब नहीं दिया खींचते हुए उसे खिड़की तक लेकर गया l मुरारी ने शिवम् को खिड़की से बाहर देखने का इशारा किया l

शिवम् ने देखा हॉस्पिटल में सेंकडो लोग खड़े है जिनमे सब सारिका के चाहने वाले थे सब सारिका की तबियत के बारे में जानना चाहते थे l उन्हें देखकर शिवम् ने मुरारी की और देखा तो मुरारी ने कहा,”इह जो सामने देख रहे हो ना इह सब यहाँ सारिका के लिए खड़े है ! इनकी दुआए कुछ नहीं होने देगी उनको ! खुद को सम्हालो भैया ,, भाभी अगर आपको इस हाल में देखेंगी तो उनको बिल्कुल अच्छा नहीं लगेगा ! अपने लिए ना सही एक बार भाभी के लिए सोचकर देखो !”


शिवम् वहा से हटकर पास रखी बेंच पर आकर बैठ गया l अधिराज जी और बाबा भी आकर शिवम् के पास बैठ गए l मुरारी दिवार से पीठ सटाए खड़ा कभी शिवम् तो कभी इमरजेंसी वार्ड के दरवाजे को देखता l मन ही मन वह अपने महादेव से सारिका की सलामती के लिए ना जाने कितनी ही बार दुआ कर चुका था l आई और अम्बिका भी वहा आ पहुंची अम्बिका का तो रो रोकर बुरा हाल था l अधिराज जी ने उन्हें सम्हाला सभी धड़कते दिल के साथ एमरजेंसी वार्ड के उस दरवाजे को देख रहे थे l

आई शिवम् के पास आकर बैठ गई शिवम ने अपना सर उनके कंधे पर रखा और उनके हाथ को कसकर पकड़ लिया l लगभग दो घंटे बाद डॉक्टर बाहर आया l अधिराज जी के साथ साथ सभी डॉक्टर के पास आये डॉक्टर ने कहना शुरू किया,”पेशेंट की हालत बहुत क्रिटिकल है , इतनी उचाई से गिरने की वजह से उनके शरीर में 16 फ्रेक्चर आये है , चोट सर में भी लगी है जिसकी वजह से उनका काफी खून बह गया है और इस वजह से दिमाग के एक हिस्से की नस ब्लॉक हो चुकी है !

किसी तरह उनकी जान तो हमने बचा ली है पर वो कब तक ज़िंदा रहेगी इस बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता !”
डॉक्टर की बात सुनकर शिवम् को सदमा सा लगा उसे लगा जैसे सारिका धीरे धीरे उस से दूर जा रही है l थके कदमो से चलकर वह वापस आकर बेंच पर बैठ गया डॉक्टर के शब्द उसके कानो में हथोड़े की तरह प्रहार कर रहे थे उसने अपना सर झुका लिया आँखों से बहकर आंसू निचे फर्श पर गिरने लगे अधिराज जी और बाबा डॉक्टर से कुछ बात कर रहे थे शिवम् को कुछ सुनाई नहीं दे रहा था या शायद वो कुछ सुनना नहीं चाहता था l

डॉक्टर ने अधिराज जी से कुछ कहा और फिर वापस अंदर चला गया l सभी आकर वापस बेंच पर बैठ गए l मुरारी शिवम् को सम्हाले हुए था l इस सब मे किसी को भी अनु का ख्याल नहीं आया l डॉक्टर कुछ देर बाद एक फाइल लेकर आया उसने फाइल अधिराज जी की तरफ बढाकर कहा,”पेशेंट की जान अभी भी खतरे में है , जिसके लिए उनका ऑपरेशन होना बहुत जरुरी है वरना कुछ वक्त में उनकी जान जा सकती है l

उनकी प्लस सेल्स काफी डाउन जा चुकी है और साँस भी मुश्किल से ले पा रही है ! ये ऑपरेशन उनके कंधे में हुए फ्रेक्चर के लिए है और भी कई गहरे जख्म आये है जिस्म पर !”
“आपको जो करना है कीजिये बस कुछ भी करके हमारी बच्ची को बचा लीजिये”,अम्बिका ने डॉक्टर के सामने हाथ जोड़ते हुए कहा l “देखिये हम एक कोशिश कर सकते है लेकिन,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,डॉक्टर ने अपनी बात अधूरी छोड़ दी ! “लेकिन क्या डॉक्टर ?”,अधिराज जी ने पूछा


“ऑपरेशन के दौरान दिमाग अगर प्रेशर नहीं झेल पाया तो उसमे पेशेंट की जान भी जा सकती है , ये एक बहुत ही रेयर केस है l इसमें पेशेंट के बचने के चांस बहुत कम है फिर भी आप परमिशन दे तो हमारी टीम एक कोशिश कर सकती है”,डॉक्टर ने सहज भाव से कहा
“नो डॉक्टर हम आपको ये परमिशन नहीं देंगे l दुनिया का कोई भी बाप आपको इसकी इजाजत नहीं देगा जिससे उसकी बच्ची मौत के मुंह में जाये”,रो पड़े अधिराज जी l

बाबा ने उन्हें सम्हाला डॉक्टर ने कहा,”देखिये पेशेंट के पास वक्त बहुत कम है , आपको जल्दी कोई फैसला लेना होगा l अगर आपने देरी की तो पेशेंट की जान जा सकती है , दिमाग की नसों में हुए उस ब्लॉकेज का हटना बहुत जरुरी है !” l शिवम् उठा और डॉक्टर के पास आकर कहा,”आप ऑपरेशन शुरू कीजिये डॉक्टर !”
अधिराज जी अपनी जगह से उठे और शिवम् को अपनी और खींचकर कहा,”दिमाग ख़राब हो गया है तुम्हारा , इस से सारिका की जान भी जा सकती है सूना नहीं तुमने” अधिराज जी की आवाज कांप रही थी


“और अगर कुछ नहीं किया तो भी वो मर जाएगी !”,शिवम् ने चिल्लाकर कहा l एक पल को अधिराज जी भी उसकी आवाज से सहम गए उन्होंने कांपते हाथो से फाइल शिवम् की और बढ़ा दी शिवम् ने सिग्नेचर किये और फाइल डॉक्टर की तरफ बढाकर कहा,”सरु को बचा लीजिये सर !”
“हम कोशिश करेंगे !”,डॉक्टर ने शिवम् के कंधे पर हाथ रखकर कहा ! डॉक्टर फाइल लेकर अंदर चला गया अंदर आकर उसने सारिका को ऑपरेशन थियेटर में ले चलने के लिए कहा l

स्ट्रेचर पर लेटी सारिका को स्टाफ बाहर लेकर आया अधिराज जी और अम्बिका ने सारिका को देखा एक दर्द उनके चेहरे पर उतर आया सारिका की हालत देखकर उनकी आँखों से आंसू बहने लगे l अम्बिका ने अधिराज जी के सीने से लगकर फुट फुट कर रो पड़ी l सबके बाद शिवम् आया उसने देखा सारिका का सर पट्टियों से लिपटा हुआ है ! मुंह पर ऑक्सीजन मास्क लगा है l एक हाथ में ड्रिप लगी है l सारिका का चेहरा पीला पड़ चुका था l

सारिका की ऐसी हालत देखकर शिवम् की आँखों से आंसू बहने लगे शिवम् को रोते देखकर वहा मौजूद स्टाफ भी उदास हो गया डॉक्टर की आँखों में शिवम् और सारिका के लिए दया के भाव साफ नजर आ रहे थे l स्टाफ जब उसे ले जाने लगा तो शिवम् ने सारिका का हाथ अपने हाथ में ले लिया और कसकर पकड़ लिया जैसे सारिका हमेशा हमेशा के लिए उसे छोड़कर जा रही हो !

मुरारी और बाबा ने शिवम् को वहा से हटाने की नाकाम कोशिश की पर शिवम् ने सारिका का हाथ नहीं छोड़ा तो डॉक्टर ने कहा,”ot ऊपर 4th फ्लोर पर है इन्हे हमारे साथ आने दीजिये और आप सब सीढ़ियों से आ जाईये”
शिवम् को छोड़कर बाकि सब सीढ़ियों की तरफ बढ़ गए l डॉक्टर शिवम् के पास आया और उसके कंधे पर हाथ रखकर अपनेपन से कहा,”चले , वक्त बहुत कम है इनके पास !”


शिवम् ने एक हाथ में सारिका का हाथ मजबूती से थामे रखा और दूसरे हाथ से अपने आंसू पोछकर सबके साथ लिफ्ट में दाखिल हो गया l 4th फ्लोर पहुंचकर डॉक्टर और स्टाफ सारिका को ले जाने लगे , सारिका के हाथ से शिवम् के हाथ की पकड़ ढीली होने लगी वह कुछ नहीं कर पाया l और आखिर में सारिका का हाथ उसके हाथ से छूट गया आंसू एक बार फिर उसकी आँखों से बहने लगे ! सारिका पल पल उस से दूर जा रही थी और शिवम् बस उसे जाते हुए देख रहा था l

स्ट्रेक्चर जैसे ही ot के सामने पहुंचा सारिका का हाथ स्ट्रेचर से निचे लटक गया l शिवम् की नजर सारिका के हाथ पर गयी रक्षासूत्र जो पंडित जी ने सारिका के हाथ पर बाधा था वो खुला हुआ था और हाथ के साथ ही झूल रहा था l शिवम् दौड़कर सारिका के पास गया और स्टाफ को एक मिनिट रुकने का कहा l स्ट्रेचर दरवाजे पर ही रुक गया शिवम् घुटनो के बल बैठ गया और कांपते हाथो से सारिका के हाथ में लिपटे उस रक्षा सूत्र को दोबारा बांधने लगा l

शिवम् अंधविश्वासी नहीं था पर इस वक्त सारिका की जान बचाने के लिए वह कुछ भी करने को तैयार था l शिवम् उठा और सारिका के सर को चूमकर कहा,”ये हमारे प्यार का सबसे बड़ा इम्तिहान होगा सरु !”
“सर देर हो रही है !”,नर्स ने शिवम् से कहा ! पर शिवम् सारिका को कैसे जाने देता ? मुरारी आया और शिवम् को सम्हाल कर ले आया l अधिराज जी बाबा , आई , अम्बिका को लेकर निचे चले गए l शिवम् वही ऑपरेशन थियेटर के बाहर बेंच पर बैठा रहा l

दिन के 2 बज रहे थे शिवम् ने सुबह से कुछ खाया पीया नहीं था l मुरारी निचे आया सबसे पहले उसने अधिराज जी , अम्बिका और आई बाबा को चाय पिलाई ! सबके गले से मुश्किल से वो दो घूंठ चाय उतरे थे उन सबको निचे छोड़कर मुरारी एक कप चाय और पानी की बोतल लेकर ऊपर शिवम् के पास आया l उसने चाय का कप शिवम् की तरफ बढ़ाया तो शिवम् ने तड़पकर कहा,”नहीं मुरारी जब तक हम सरु को देख नहीं लेते हम ये , वो ठीक तो हो जाएगी ना ? उन्हें कुछ होगा तो नहीं ना मुरारी ?”


मुरारी ने कप साइड में रखा और शिवम् को गले लगाकर कहा,”कुछ नहीं होगा उन्हें !” शिवम् छोटे बच्चे की तरफ मुरारी से चिपका रहा l ये दर्द मुरारी से भी देखा नहीं जा रहा था पर क्या कर सकता था शिवम् और सारिका दोनों की किस्मत में इतने इम्तिहान जो लिखे थे ! ऑपरेशन शुरू हो चुका था !

पुलिस स्टेशन मुंबई -:

“सर बहुत पूछा पर वो लड़की कुछ बताने को तैयार ही नहीं है , बस जब से आयी है खामोश है l शायद उसे अपनी बहन की मौत का सदमा लगा है”,महिला कॉन्स्टेबल ने इंस्पेक्टर से आकर कहा
“ठीक है ! विक्टिम इस वक्त हॉस्पिटल में है , सबसे पहले हमे वहा चलकर उसका बयान लेना होगा l उसके बाद ही इस केस पर को सुलझाया जा सकता है”,इंपेक्टर ने अपनी कैप लगाते हुए कहा l


“सर इस लड़की का क्या ?”,जूनियर इंस्पेक्टर ने पूछा
“शक के बिनाह पर और हादसे वाली जगह पर पाए जाने के लिए इसे हवालात में बंद कर दो ! सारिका शर्मा शहर की जानी मानी बिजनेस वीमेन है , ऐसे में जल्दबाजी करना सही नहीं होगा l उनका स्टेटमेंट मिल जाये तब तक इसे यही रहने दो “,कहकर इंस्पेक्टर बाकि लोगो के साथ स्टेशन से बाहर निकल गया l
पुलिस की गाड़ी लाइफ केयर हॉस्पिटल के सामने आकर रुकी l

पुलिस को वहा देखकर वहा मौजूद सारिका के लोगो को यकीं हो गया की ये कोई आत्महत्या नहीं बल्कि कोई सोची समझी साजिश थी l इंस्पेकटर ने रिसेप्शन पर आकर सारिका के बारे में जानकरी मांगी तो पता चला वो ऑपरेशन थियेटर में है ! अधिराज जी ने सूना तो वे इंस्पेक्टर के पास आये और फिर सब 4th फ्लोर आये l पुलिस को वहा देखकर मुरारी और शिवम् दोनों ही हैरान थे l

दोनों उठकर इंपेक्टर के सामने आये तो इंस्पेक्टर ने शिवम् से कहा,”तुम ही हो जिस से सारिका शर्मा की शादी होने वाली थी ?”
“जी सर !”,शिवम् ने कांपते होंठो से कहा
“घर से जाने से पहले सारिका ने आप में से किसी को खबर दी थी वो कहा जा रही है ? किस से मिलने जा रही है ?”,इंस्पेक्टर ने अगला सवाल किया !


“नहीं सर उस वक्त हम वहा नहीं थे होते तो सारिका को कभी जाने नहीं देते !”,शिवम् ने तड़पकर कहा l
“हम्म्म्म सारिका अपने ऑफिस की बिल्डिँग के टेरेस से निचे गिरी थी ! जो की 5 फ्लोर के बाद है !! शादी वाले दिन उसका वहा जाना किसी खास वजह को दर्शाता है लेकिन जब वो निचे गिरी तब टेरेस पर कोई और भी मौजूद था l जिससे शक होता है की ये कोई हादसा नहीं बल्कि कोई सोची समझी साजिश है”,इंस्पेकटर ने कहा


“कौन था वो ? हम बताय रहे है हम उसे छोड़ेंगे नहीं !! जान ले लेंगे उसकी जिसने सारिका के साथ इह सब किया है “,मुरारी ने आगे आकर गुस्से से कहा

इंस्पेकटर ने मुरारी की तरफ एक नजर डाली और फिर शिवम् की और देखकर कहा,” अनामिका शर्मा सारिका शर्मा की छोटी बहन !

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संजना किरोड़ीवाल

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