Sakinama – 26 Sakinama – 26 रात के 2 बज रहे थे और सागर उस खाली पड़े स्टेशन की बेंच पर बैठा हाथ में पकड़ी किताब को देखे जा रहा था। उसके जहन में सिर्फ मृणाल का ख्याल था। राघव आज...
Sakinama – 25 पुरे दो महीने बाद मैं अपने शहर में थी। मैं कितनी बीमार थी ये मुझे अपने घर आने के बाद अहसास हुआ। अपने घर आने के बाद मेरी हिम्मत टूट चुकी थी। मैं दिनभर बिस्तर पर रहने लगी...
Sakinama – 24 Sakinama – 24 “9 बजे से पहले बस नहीं है क्या ?”,मैंने पूछा“नहीं मैडम”,उसने कहा तो मैं और परेशान हो गयी ना मेरे पास ज्यादा पैसे थे और ना ही वहा मैं किसी को जानती थी। पहली बार...
Sakinama – 23 Sakinama – 23 दिवाली में अभी एक हफ्ता बाकि था और मम्मी पापा भी घर नहीं आये थे ना ही आना चाहते थे। मम्मी ना जाने क्यों ऐसा कर रही थी। राघव अब पहले से ज्यादा चुप रहने...
Sakinama – 22 Sakinama – 22 जब राघव से पहली बार मिली तब मैंने ही उस से कहा था कि मेरे लिए मेरी सेल्फ रेस्पेक्ट और मेरे सपने बहुत मायने रखते है और उसने क्या किया ? उसने सबसे पहला वार...