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रांझणा – 53

Ranjhana – 53

Ranjhana

Ranjhana By Sanjana Kirodiwal

Ranjhana – 53

इंस्पेक्टर के मुंह से अनु का नाम सुनकर सब सकते में आ गए l शिवम् अवाक् सा इंस्पेक्टर को देखने लगा l मुरारी ने सुना तो उसे इंस्पेक्टर की बातो पर यकीं ही नहीं हुआ उसने आगे आकर गुस्से से कहा,”इह का बकवास कर रहे हो ? इंस्पेकटर ! होस में तो हो l अनु भला ऐसा क्यों करेंगी ?”
“वो तो हम भी नहीं जानते , जब तक विक्टिम का बयान नहीं ले लेते तब तक कुछ कहना बेकार है ! पर लिहाजा अनामिका शर्मा का घटना वाली जगह पर मौजूद होना , इस से साफ जाहिर होता है की इस हादसे में कही न कही उनका हाथ है”,इंपेक्टर ने सहज भाव से कहा


“आपको कोई गलत फहमी हुई है डॉक्टर अनु कभी ऐसा कर ही नहीं सकती l अपनी ही बहन के साथ वो ऐसा कभी नहीं करेगी अनु सारिका से बहुत प्यार करती है l”,अधिराज जी ने कहा
“आप ?”,इंस्पेक्टर ने अधिराज जी को शक भरी निगाहो से देखकर पूछा
“जी हम अधिराज शर्मा , सारिका शर्मा और अनामिका शर्मा के पिता ! देखिये इंस्पेक्टर आज सारिका की शादी होने वाली थी ऐसा कुछ हो जाएगा किसी ने नहीं सोचा था l”,अधिराज जी भावुक हो उठे


“देखिये हमे आपसे पूरी हमदर्दी है , पर इस वक्त हमे अपना काम करना है ! सारिका शर्मा से मिलना है उनका बयां लेना है उसके बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है”,इंस्पेक्टर ने अधिराज जी के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा l
“सर सारिका इस वक्त ऑपरेशन थियेटर में है l उनकी हालत बहुत नाजुक है”,शिवम् ने उदास स्वर में कहा l
“इट्स ओके ! जब भी उन्हें होश आता है आप है सुचना दे ! सारिका जी को मैं पेर्सनली जानता हु इसलिए उनका बयान बहुत जरुरी है ! “,इंस्पेक्टर ने कहा


“सर अनु…………………?”,अधिराज ने बेचैनी से कहा !
“जब तक विक्टिम के बयान नहीं हो जाते तब तक उन्हें छोड़ा नहीं जा सकता l घटना वाली जगह पर उनका मिलना अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है ! ऊपर से बात मिडिया तक पहुंच गयी है”,इंस्पेक्टर ने अपनी मज़बूरी जताई !
“हे भगवान ये कैसा संकट आया है हमारी दोनों बच्चियों पर”,अम्बिका कहते हुए सुबकने लगी !
“इंस्पेक्टर क्या हम लोग अनु से मिल सकते है ! प्लीज़ !”,अधिराज जी ने कहा l


“जी जरूर ! आईये”,कहकर इंस्पेक्टर अपने बाकि लोगो के साथ वहा से निकल गया l अधिराज जी , बाबा , शिवम् और मुरारी इंस्पेक्टर के पीछे चले आये उन्होंने अम्बिका और आई को वही सारिका के पास रुकने को कहा l
सभी पुलिस स्टेशन पहुंचे l हवालात के सामने आकर अधिराज जी ने देखा अनु घुटनो मे अपना सर छुपाये सेल के एक कोने में सहमी हुई सी बैठी है l बेटी की ये हालत देखकर अधिराज जी का गला भर आया उन्होंने भर्राये गले से कहा,”अनु ……….!!” अधिराज जी की आवाज सुनकर अनु ने अपना सर उठाया और सामने देखा l

उसके पापा खडे थे अनु उठकर दौड़ते हुए आयी और कहा,”पापा , पापा वो दी दी वहा से गिर गयी………….हम उन्हें बचा नहीं पाए पापा !” कहते हुए अनु रो पड़ी इस हादसे से वो इतना डर गयी थी की उस से ठीक से कुछ बोला भी नहीं जा रहा था ! अधिराज जी ने उसे सम्हाला उसके हाथो को अपने हाथ में लिया और कहा,”घबराओ मत बेटा कुछ नहीं होगा ! हम सब है ना”
शिवम् बाबा और मुरारी इंस्पेक्टर से बात करने में लगे हुए थे l डर से अनु काँप रही थी अधिराज जी अभी भी उसका हाथ थामे खड़े थे और मन ही मन ईश्वर से सब सही हो जाने की प्रार्थना कर रहे थे !

इंस्पेक्टर ने अधिराज जी को बुलाया और फाइल पर साइन करवाए l सभी वहा बैठे थे की तभी दरवाजे से एक हट्टा कट्टा आदमी अंदर आया सभी नजर उस और गयी आदमी ने मझ सफ़ेद रंग का कुरता पजामा पहना हुआ था l गले में सोने की चेन हाथ की चारो उंगलियों में सोने की भारी भरकम अँगूठिया , आँखों पर धुप से बचने के लिए काला चश्मा ! आदमी के पीछे 10-12 लोग और खड़े थे ! उन्हें देखते ही इंस्पेक्टर खड़ा हो गया और कहा,”जय हिन्द सर !”


“जय हिन्द !”,आदमी ने चश्मा उतारकर जेब में रखते हुए कहा !
मुरारी ने देखा तो उसकी आँखों में चमक और चेहरे पर थोड़ा सुकून लौट आया l वह आदमी के सामने आया और कहा,”चच्चा तुम हिया ?”
“हां उह शिवा की शादी के लिए आये रहे यहाँ आकर पता चला की इह सब हो गया है ! हॉस्पिटल से सीधा हिया चले आये l घबराने की जरूरत नहीं है हम सब ठीक कर देंगे”,चाचा ने मुरारी के कंधे पर हाथ रखकर कहा l चाचा ने इंस्पेक्टर से बात की तो उसने जमानत के पेपर्स पर अनु को छोड़ने की बात कही l

चाचा ने वही बैठे किसी को फोन किया और पेपर्स रेडी करने को कहा l फोन रखने के बाद चाचा ने इंस्पेक्टर से कहा,”शाम तक आपको पेपर्स मिल जायेंगे l उसके बाद तो बिटिया को घर ले जा सकते है ना ?”
“सर कैसी बात कर रहे है ? आपको भला कौन रोक सकता है ? पेपर्स साइन होने के बाद अनामिका को ले जा सकते है , बस ध्यान रहे की अनामिका ये शहर छोड़कर नहीं जाये “,इंपेक्टर ने कहा l

“वो सब हमारी जिम्मेदारी है इंस्पेक्टर ! शुक्रिया” कहकर चाचा उठे और अधिराज जी के पास आकर कहा,”हमने वकील से बात कर ली है शाम तक बिटिया घर आ जाएगी बस ध्यान रहे किसी भी हालात में वह ये इल्जाम अपने सर न ले !”
“बहुत बहुत शुक्रिया , आपका ये अहसान हम जिँदगीभर नहीं भूलेंगे !”,अधिराज जी ने चाचा के सामने हाथ जोड़ते हुए कहा l चाचा ने अधिराज जी के हाथो को थामकर कहा,”ये क्या कर रहे है आप ? हमने कोई अहसान नहीं किया है वो केवल आपकी नहीं हमारी भी बच्ची है l आईये हॉस्पिटल चलते है l यहाँ आप मे से कोई चाहे तो रुक सकता है”


“हम रुक जाते है !”,मुरारी ने कहा l
“ठीक है , मुरारी यहाँ रुक जाएगा बाकि वकील से हम बात कर लेंगे”,चाचा ने मुरारी से कहा l चाचा सबको लेकर वापस हॉस्पिटल के लिए निकल गए l मुरारी अनु के पास आया उसने देखा अनु की आँखों रोने से लाल हो चुकी है l उसका चेहरा डर से पीला पड़ चुका था मुरारी ने उसके गाल पर आये आंसुओ को पोछते हुए कहा,”ए मैगी ! चिंता नाय करो कुछ नहीं होने देंगे तुमको और सारिका जी को भी कछु नहीं होगा” l

मुरारी को सामने देखकर अनु फफक कर रो पड़ी अनु का रोना मुरारी को अच्छा नहीं लग रहा था उसने अनु का सर सहलाते हुए कहा,”यार तुम ऐसे रोओगी तो हम कमजोर पड़ जायेंगे , भैया को सम्हालने के लिए हमरा मजबूत रहना जरुरी है ! हम जानते है इह थोड़ी मुश्किल घडी है पर भरोसा रखो हम सब सही कर देंगे” l अनु ने भीगी आँखों से मुरारी की और देखकर कहा,”दी की इस हालत की जिम्मेदार मैं ही हु मुरारी !”


मुरारी ने अनु के चेहरे को अपने दोनों हाथो में थामा और उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”अगर खुद महादेव भी आकर इह बात कहे तो हम नहीं मानेंगे !” मुरारी की आवाज में अनु के लिए विश्वास था
“सर चाय !”,एक लड़के ने आकर मुरारी को चाय का ग्लास थमाते हुए कहा l मुरारी ने अनु की तरफ देखा और प्यार से कहा,”चाय पिओगी ?” अनु ने ना में सर हिला दिया l मुरारी ने चाय वाले से एक ग्लास और लिया और अनु से कहा,”चलो आधी आधी पिते है !” लड़के के जाने के बाद मुरारी ने अपनी चाय के दो भाग किये और अनु की और बढ़ा दिया l

अनु ने ग्लास लिया और चाय पिने लगी उसके होंठ अब भी काँप रहे थे मुरारी ने अनु के हाथ पर अपना हाथ रखा और कहा,”हम है ना !” अनु ने हां में गर्दन हिला दी l सारिका के साथ जो हुआ उसके लिए अनु सिर्फ खुद को जिम्मेदार समझ रही थी और गिल्टी फील कर रही थी !! बार बार उसकी आँखों के सामने सारिका का खून से रंगा चेहरा घूम रहा था l मुरारी ने चाय ख़त्म की और आकर इंपेक्टर के सामने पड़ी कुर्सी को उठाया और अनु की तरफ मुंह करके बैठ गया उसकी आँखे बस अनु के चेहरे को देखे जा रही थी l

इंस्पेक्टर ने चापलूसी करते हुए कहा,”ही ही ही आपने पहले क्यों नहीं बताया की आप विधायक जी के टच में है ! खामखा आप सबको परेशान होना पड़ा”
मुरारी ने इंस्पेक्टर की बात पर कोई ध्यान नहीं दिया वह बस एक टक अनु को देखे जा रहा था ! शाम 5 बजे तक वकील पेपर्स ले आया l इंस्पेक्टर ने जमानत के कागज लेकर अनु को रिहा कर दिया l मुरारी अनु को घर ले आया l शादी में आये अधिकतर रिश्तेदार जा चुके थे कुछ बाकि थे जो अनु को शक और नफरत की नजरो से देख रहे थे

अनु जैसे ही अंदर आयी रिश्ते में एक औरत ने उस पर तंज कसते हुए कहा,”आ गयी महारानी ! अरे माँ बाप की दी छूट का खुलकर फायदा उठाया इसने , बड़ी बहन की शादी बर्दास्त नहीं हुई तो उसे मार डाला !”
“अरे भगवान बचाये ऐसी लड़कियों से ! बिगड़ी हुई लड़की है तभी तो बहन का घर उजाड़ने से पहले एक बार भी नहीं सोचा”,दूसरी औरत ने अनुसरण करते हुए कहा.
अनु की आँखो से आंसू बहने लगे तो एक आदमी जो की अधिराज जी का रिश्तेदार था ने कहा,”अरे ऐसे ही है ये अपनी ही बड़ी बहन के होने वाले पति पर नजर डाली और जब हाथ नहीं लगा तो बहन को रास्ते से हटा दिया !”


“बस बहुते हो गया , बिना सच जाने सब के सब बकेतियो की तरह शुरू हो गए”,मुरारी ने चिल्लाकर कहा तो माहौल में एकदम से सन्नाटा छा गया l मुरारी ने अनु का हाथ पकड़कर उसे अपने पीछे किया और कहने लगा,”परोब्लम अनु में नाही तुम सबन लोगो में है , अरे रिश्तेदार कहते हो तुम सब खुद को , तो का ऐसे होते है रिश्तेदार ? अरे हादसा हुआ है ओके बाद इन सबका दुःख बाटने के बजाय आप लोग गैरो की तरह इन पर कीचड़ उछाल रहे है !

अरे दिक्कार है तुम लोगन पे ,, न सोचा ना समझा बस शुरू हो गए !! इस वक्त इनपे का गुजर रही है अंदाजा भी है तुम लोगन को ………….अब अगर किसी ने एक और शब्द कहा न तो गंगा मैया की कसम ससुरा जिन्दा दफना देंगे उह को !”
मुरारी की बात से सबको जैसे सांप सूंघ गया हो ! मुरारी ने सबको देखा और कहा,”जिसको रुकना है यहाँ रुके , वरना अपना बोरिया बिस्तर लेकर चलता बने यहाँ से ! अनु के इकलौते रिश्तेदार काफी है हम ,, किसी को कहना है और कुछ ?”


किसी ने कुछ कहा तो नहीं बस कुछ लोग हर्ट होकर वहा से चले गए l मुरारी अनु को लेकर कमरे में आया उसने अनु को बैठने को कहा और पास रखा पानी का ग्लास अनु की और बढ़ा दिया अनु ने पानी पिया और भीगी आँखों से मुरारी की और देखने लगी अनु को अपनी और देखता पाकर मुरारी ने कहा,”क्या हुआ ? अनु मुरारी के गले आ लगी और रोते हुए कहने लगी,”सब मुझे गलत समझ रहे है मुरारी ! दी की हालत के लिए मैं ही जिम्मेदार हु , काश उनकी जगह मैं मर जाती तो ये सब लोग ऐसा नहीं कहते !”

“तुम गलत नाही हो अनु , जो कुछ भी हुआ उह महज एक हादसा है l उह के लिए तुम खुद को काहे दोष देय रही हो ? हमने कहा ना सब ठीक हो जाएगा तुम चिंता नाही करो”,मुरारी ने अनु को समझाते हुए कहा l अनु कुछ देर वैसे ही मुरारी के गले लगी रही और फिर दूर होकर बेड पर आकर बैठ गयी l मुरारी अनु के लिए एक प्लेट में खाना लेकर आया और आकर अनु के सामने बैठ गया l उसने एक निवाला तोड़ा और अनु को खिलाने के लिए हाथ बढ़ाया
“हमे नहीं खाना मुरारी”,अनु ने उदासी से कहा !


“खाओगी नहीं तो बीमार पड़ जाओगी , थोडा सा खा लो”,मुरारी ने निवाला आगे बढ़ाते हुए कहा
“हमारा बिल्कुल मन नहीं है मुरारी ! “,अनु की आँखों में आंसू आ गए
“फिर भी खा लो , अपने लिए ना सही हम सबके लिए”,कहते हुए मुरारी ने निवाला अनु को खिला दिया मुश्किल से अनु ने दो चार निवाले खाये l मुरारी ने प्लेट साइड में रख दी अनु मुरारी की गोद में ही अपना सर रखकर लेट गयी l मुरारी उसके बालो को सहलाता रहा उसे सारिका और शिवम् का ख्याल आया l

लेकिन वह अनु को इस तरह अकेला छोड़कर भी नहीं जा सकता था l वह अनु के सोने का इंतजार करने लगा l अनु को नींद आ गई लेकिन अगले ही पल वह चिल्लाते हुए उठी,”दी………..!”
अनु डर से थर थर काँप रही थी मुरारी ने उसे अपने सीने से लगाया तो महसूस हुआ की उस वक्त अनु कितना डरी हुई थी अनु रोने लगी और कहा,”मुझे अपनी दी के पास जाना है मुरारी , दी को कुछ हो गया तो मैं खुद को कभी माफ़ नहीं कर पाउगी !”

अनु का रोना देखकर मुरारी की आँखों में भी आंसू आ गए l अनु को इस हादसे से गहरा सदमा लगा था वो इस हाल में अनु को छोड़कर नहीं जा सकता था l अगर अनु ऐसे ही रही तो उसकी तबियत ज्यादा ख़राब हो जाएगी l अनु का सोना बहुत जरुरी था जिससे उसके दिमाग को थोड़ा आराम मिल सके l मुरारी ने मीना को आवाज लगाई और उसे दवाई का डब्बा लाने को कहा l मीना डिब्बा ले आई तो मुरारी ने उसमे से नींद की दवा निकाली और अनु को खिला दी l

मुरारी ऐसा करना नहीं चाहता था लेकिन अनु के लिए करना पड़ा l दवा के असर से अनु को नींद आने लगी वह सो गयी l मुरारी ने उसे सुलाया और चद्दर ओढ़ा दी l उसने मीना को वहा अनु के पास छोड़ा और खुद हॉस्पिटल जाने के लिए निकल गया ! दिल और दिमाग दोनों अब काम करना बंद कर चुके थे l मुरारी की आँखो के आगे शिवम् का दर्द , सारिका की ख़ामोशी और अनु के आंसू बार बार किसी फिल्म की भांति चलने लगे l ! हॉस्पिटल पहुंचकर मुरारी ot के सामने आया सभी लोग वहा मौजूद थे l

पिछले 5 घंटे से सारिका का ऑपरेशन चल रहा था l सभी टकटकी लगाए दरवाजे की और देख रहे थे !! कुछ देर बाद डॉक्टर और उनकी टीम बाहर आयी तो शिवम् तेजी से उनके पास आया और कहा,”सर सारिका ठीक तो है ना !”
शिवम् की बात सुनकर डॉक्टर का चेहरा उदास हो गया उसने शिवम् के कंधे पर हाथ रखा और कहने लगे,”देखिये ऑपरेशन हो चुका है , बॉडी में बहुत से माइनर फ्रैक्चर्स है l

दिमाग के जिस हिस्से में खून जमा था वो काफी हद तक पिघल चुका है पर एक थक्का अभी भी बना है जिसका पिघलना बहुत जरुरी है ! अभी वह बेहोश है उनके होश में आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है लेकिन………………!”
“लेकिन क्या डॉक्टर ?”,अधिराज जी ने बेचैनी से पूछा !
“अगर 12-24 घंटे के अंदर पेशेंट को होश नहीं आया तो पेशेंट हमेशा हमेशा के लिए कोमा में भी जा सकता है ! और हो सकता है साइलेंट अटेक से उनकी जान भी चली जाये”,डॉक्टर ने कहा l

सुनते ही शिवम् घुटनो के बल निचे गिर पड़ा एक आखरी उम्मीद थी पर ये उम्मीद भी उसे अब टूटती हुई नजर आ रही थी l डॉक्टर ने अधिराज जी से कहा,”हमारे हाथ में अब कुछ नहीं है , पेशेंट के दिमाग के 80% हिस्से ने काम करना बंद कर दिया है l अब ईश्वर ही कुछ कर सकते है” डॉक्टर बाकि सबको सांत्वना देकर वहा से अपनी टीम के साथ चला गया l घरवालों ने शिवम् को सम्हाला पर उसके चेहरे पर कोई भाव नही था
शिवम् का दिमाग काम करना बंद कर चुका था l

उसे किसी की आवाज ना सुनाई दे रही थी ना कुछ दिखाई दे रहा था बस कानो में डॉक्टर के कहे आखरी शब्द गूंज रहे थे l अम्बिका रोने लगी थी एक बच्ची मौत के मुंह में थी तो दूसरी सदमे में l उनकी हंसती खेलती जिंदगी में ये कैसा तूफान आया था l आई ने अंबिका को सम्हाला पर उनके आंसुओ के आगे उनके सब्र का बांध भी टूट चुका था l सारीका के लिए उनकी आँखों में भी आसु भर आये l
“फ़िक्र मत कीजिये , हम बड़े से बड़े डॉक्टर से बात करते है , सारीका को विदेश लेकर चलते है l

मुझे यकीन है वो पूरी तरह ठीक हो जायेगी”,चाचा ने अधिराज जी के कंधे पर हाथ रखकर कहा l
“हमे तो कुछ समझ नही आ रहा है , क्या करे!’,अधिराज जी की आँखे भर आयी l
“आप हिम्मत रखिये हम अभी विदेश जाने का इंतजाम करते है , मेडिकल वीजा से हमे जाने की परमिशन मिल जायेगी”,चाचा ने किसी को फोन लगाते हुये कहा
“सरू कही नहीं जाएगी !”,बेंच पर बैठे शिवम् ने बिना किसी भाव के कहा


“पर उसकी जान बचाने के लिए कुछ तो करना ही होगा ना”,बाबा ने पास आकर कहा
“नहीं बाबा सरू कही नहीं जाएगी , उसे कुछ नही हुआ है नाटक कर रही है वो ! हम बिना बताये गये उसे इसलिए नाराज है वो बस , अभी जाकर दो डाँट लगाएंगे ना तो झट से खड़ी होकर हमारे गले लग जाएगी l उसे कुछ नही हुआ है हमारे होते उसे उसे कुछ हो भी नही सकता”,बोखला उठा था शिवम् सदमे में बहकी बहकी बाते करने लगा था l इस से बेखबर चाचा ने कहा,”हम सब इंतजाम करते है ! “


“हमने कहा ना सरू कही नही जायेगी “,चीख उठा शिवम् l और फिर शांत होकर कहने लगा,”सरू कही नही जायेगी यही रहेगी , सुबह तक उसके होश में आने का इंतजार करेंगे हम , वो जरूर उठेगी l वो ऐसे हमे अकेला छोड़कर नहीं जा सकती”
मुरारी की आँखों में आँसु आ गए शिवम् की ये हालत उस से देखी नही जा रही थी l वह शिवम् के पास आया और उसके हाथों को अपने हाथ में लेकर कहने लगा,”भाभी कही नही जायेगी , तुम तुम हिम्मत रखो l”


मुरारी बाकि लोगो के पास आया और उनसे घर जाने को कहा l चाचा के कहने पर वह कहने लगा,”उसकी हालत देख रहे है ना चचा इस वक्त वो किसी की नही सुनेगा , उसे कुछ देर अकेले रहने दीजिए हम हम समझा बुझाकर लाते है उसे l उसने जो खोया है उसका दर्द सिर्फ वो ही समझ सकता है”
“ठीक है पर उसका ख्याल रखना और कोई भी जरूरत हो तो तुरंत फोन करना हम यही है”,चाचा ने कहा और फिर सबको समझा बुझाकर घर ले जाने लगा l


“चचा इनमें से किसी ने भी सुबह से कुछ नही खाया है , ऐसे वक्त में मुश्किल है पर खिला देना आप इन्हें कुछ और चाची से कहना आई और अम्बिका माँ का ख्याल रखे !”,मुरारी ने कहा l चाचा ने मुरारी को गले लगाया और कहा,”इतने बुरे वक्त में तुम इनके साथ हो देखकर ख़ुशी होय रही है बेटा , आज लग रहा है जैसे हमरा मुरारी बड़ा हो गया , जिम्मेदार हो गया l अपना और शिवम् का ध्यान रखना बेटा l”

चाचा वहा से चले गए l

मुरारी अपनी आँखे पोछकर शिवम् के पास आया और उसके पास बैठ गया उसने शिवम् के कंधे पर हाथ रखा तो शिवम् फफक पड़ा और कहने लगा,”देख ना मुरारी क्या कह रहे है इह सब लोग की सरू नहीं बचेगी , ऐसे कैसे कह सकते है इह लोग l उह हमे अकेला छोड़कर कैसे जा सकती है ? हमारे महादेव इतने निर्दयी कैसे हो सकते है मुरारी l”
“महादेव हमारे साथ है भैया तुम फ़िक्र नाही करो देखना जल्दी ही सारीका जी बिलकुल ठीक हो जायेगी”,मुरारी ने शिवम् को समझाते हुए कहा l


शिवम् मुरारी की गोद में सर रखकर लेट गया l दर्द से सर फटा जा रहा था l मुरारी ने वहा घूमते हुये वार्ड बॉय को इशारे से बुलाया और खाना लाने के लिए कुछ पैसे दिए थोड़ी देर में वार्ड बॉय एक पानी की बोतल और डिब्बा ले आया जिसमे खाना था l उसने डिब्बा मुरारी को दिया और चला गया l मुरारी ने शिवम् को उठाया और खाना खाने के लिए कहा l


“नहीं मुरारी जब तक हम सरू को देख नही लेते हम कुछ नही खाएंगे , उन्होंने भी तो सुबह से कुछ नही खाया है !”,शिवम् ने उदास होकर कहा
“भैया समझो बात को ऐसे तुम भी बीमार पड़ जाओगे , थोड़ा सा खा लो”,मुरारी ने मिन्नते करते हुए कहा
“नहीं मुरारी नहीं खा पाएंगे , वो वहा है और यहाँ हम खाये खाना हलक से नीचे नही उतरेगा”,शिवम् ने कहा l


मुरारी शिवम् से मिन्नते करता रहा पर शिवम् ने खाने को छुआ तक नहीं l सारीका को ot से icu में शिफ्ट कर दिया रात के राउंड पर जब डॉक्टर आया तो शिवम् ने कहां,”सर एक बार सरू को देखने दीजिये ! प्लीज़ सर एक बार हम देखकर वापस आ जायेंगे”
शिवम् के बार बार रिक्वेस्ट करने पर डॉक्टर ने परमिशन दे दी l नर्स ने शिवम् को गाउन पहनने को दिया और मुंह पर मास्क लगा दिया ताकि सारीका के पास जाने से उसे कोई बाहरी इंफेक्शन ना हो !

शिवम् अंदर आया उसके कदमो ने जैसे आगे बढ़ने से मना कर दिया हो l मशीनों से घिरी सारीका को जब उसने देखा तो होंठो से एक आहः निकली l शिवम् ने खुद को मजबूत किया और सारीका के पास आया l सारीका के सर पर जगह जगह पट्टियां बंधी हुई थी l हाथ में मॉनिटर और दूसरे हाथ में ड्रिप लगी हुई थी l नाक में श्वास नली लगी थी l आँखे बंद , चेहरे पर दर्द साफ दिखाई दे रहा रहा था सारीका बेहोशी की हालत में थी l नर्स ने शिवम् को बैठने का इशारा किया l

शिवम् सारीका के पास रखी कुर्सी पर बैठ गया l उसकी आँखों में आंसू भर आये काँपते हाथो से उसने सारीका के एक हाथ को अपने हाथ में लिया l सारीका का हाथ बिल्कुल ठंडा था l शिवम् उसके अहसास को महसूस करने लगा l बीती शाम वह सारीका के साथ कितना खुश था और आज सारीका इस हाल में थी l शिवम् एकटक सारीका को देखता रहा l लगता जैसे अभी वह उठकर बोल पड़ेगी पर ऐसा नही हुआ l
“चलो समय हो गया है”,नर्स ने शिवम् से कहा


“सिस्टर क्या हम आज रात यहाँ रुक सकते है प्लीज़ “,शिवम् ने विनती करते हुये कहा l
“नहीं डॉक्टर ने यहाँ रुकने के लिए बिल्कुल मना किया है ! पेशेन्ट के पास रुकना अलाउड नही है”,नर्स ने सख्ती से कहा
“प्लीज़ सिस्टर , प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ ! हमे रुकने दीजिये”,शिवम् ने सारीका के हाथ को अपनी उंगलियों में कस लिया l


नर्स ने जब शिवम् का दर्दभरा चेहरा देखा तो एक पल के लिए मान गयी लेकिन फिर उसे हॉस्पिटल के रूल याद आ गए उसने कहा,”सोररी आपको इसी वक्त बाहर जाना होगा , प्लीज़ सर”
शिवम् सारीका का हाथ छोड़ने को तैयार नहीं था नर्स ने वार्ड बॉय को बुलाया उसने शिवम् का हाथ सारीका के हाथ से अलग किया और उसे बाहर ले आया l शिवम् अंदर जाने की जिद करने लगा l उधर से गुजरते सीनियर ने देखा तो वह उनके पास आया l

पूछने पर नर्स ने बताया तो शिवम् सीनियर की और पलटा और कहा,”सर प्लीज़ सर वहा अंदर हमारी सरू है सर , प्लीज़ आज रात मुझे उसके पास रुकने दीजिये वो अकेली है सर , बहुत दर्द में है वो सर उसे हमारी जरूरत है ! प्लीज़ सर महादेव की कसम हम कोई परेशानी नही करेंगे l प्लीज़ सर प्लीज़ प्लीज़ !”
शिवम् की आँखों में आंसू भर आये उसके होंठ कांप रहे थे l सीनियर ने उसे अंदर जाने की परमिशन दे दी l

शिवम् की आँखों में ऐसे ख़ुशी छा गयी जैसे किसी छोटे बच्चे को उसकी मनपसन्द चीज मिल गयी हो l शिवम् थैंक्यू बोलकर अंदर चला गया l
“सर डॉक्टर्स को पता चलेगा तो , आप जानते है ये रूल नहीं है ………….!”,नर्स ने कहना चाहां


“सिस्टर रूल से बढ़कर उस लड़के का प्यार है , जाने दो उसे l कोई पूछे तो कहना मेने परमिशन दी है”,सीनियर ने कहा और चला गया l
मुरारी वही बेंच पर बैठ गया नजर डिब्बे पर गयी तो खोलकर खाने लगा इस वक्त खाने की जरुरत उसे सबसे ज्यादा थी l

शिवम् अंदर आया l सारीका के पास बैठकर उसने फिर से सारीका का हाथ अपने हाथ में ले लिया और प्यार से सारीका को देखने लगा l रात भर वह सारीका के हाथ को अपने हाथ में थामे बैठा रहा l नींद आँखों में आई लेकिन शिवम् नहीं सोया और फिर अपना सर सारीका के सिरहाने से लगा लिया l नींद कब आँखों में आई पता नहीं चला l सुबह सारीका की आँख खुली उसे साँस लेने में बहुत दिक्कत हो रही थी l उसकी गहरी सांसो से शिवम् जाग उठा उसने देखा सारीका को हालत बिगड रही थी l

शिवम् उठा उसने सारीका का हाथ मजबूती से थाम लिया l सारीका तड़प रही थी उसे तड़पता देखकर शिवम् घबरा गया , उस से कुछ बोला नहीं गया उसके गले से एक शब्द नही फूटा l शिवम् ने हिम्मत की और उठकर जाने लगा तभी मशीन से बीप की आवाज आने लगी l शिवम् ने पलटकर देखा हार्ट बीट की लाइन बिल्कुल सीधी थी l शिवम् का दिल बैठ गया उसने देखा सारीका के हाथ की उंगलियां अब भी उसकी उंगलियों में फंसी थी और फिर सारीका का हाथ बेजान सा नीचे गिर गया l

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संजना किरोड़ीवाल

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