Tere shahar me आख़िरकार हाथ जोड़कर पैर पड़कर मैंने घरवालों से अपनी दोस्त के शहर जाकर उस से मिलने की परमिशन ले ही ली ! ‘कोमल गुप्ता’ मेरी दोस्त जो की दूसरे शहर नहीं बल्कि दूसरे राज्य से है – कानपूर...