Sanjana Kirodiwal

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रांझणा – 51

Ranjhana – 51

Ranjhana

Ranjhana By Sanjana Kirodiwal

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Ranjhana – 51

अनु की एक छोटी मदद के बाद आई के विचार बदल गए l उनके हिसाब से अनु इतनी भी बुरी नहीं थी जितना आई ने समझा था l हां वो थोड़ी बेशर्म , बद्तमीज और अल्हड थी पर दिल की बुरी नहीं थी l अम्बिका ,आई और अनु गाड़ी में आकर बैठे तो अम्बिका ने मुरारी से पूछा,”मुरारी शिवम् और सारिका कहा है ?”
“अरे उह दोनों तो पहिले ही घर चल गए”,मुरारी ने झूठ कहा l
“अच्छा ठीक है फिर आप गाड़ी किसी होटल ले चलिए , सब खाना खा लेते है”,अम्बिका ने कहा


मुरारी ने वैसा ही किया चारो ने होटल आकर खाना आर्डर किया l दूसरी तरफ सारिका और शिवम् अपनी जिंदगी के बेहतरीन लम्हे साथ बिता रहे थे , सब वैसा ही हो रहा था जैसा सारिका चाहती थी l शिवम् और सारिका दोनों एक दूसरे का हाथ थामे फिल्म देखने में व्यस्त थे l फिल्म के बिच में आया हर गाना सारिका को अपनी कहानी से जुड़ा हुआ महसूस हो रहा था और होता भी क्यों ना फिल्म अपने बनारस से जो जुडी थी जैसे ही फिल्म में गाना बजा,”तू बन जा गली बनारस की मैं शाम तलक भटकु तुझमें” l

सारिका और शिवम् एक दूसरे की आँखों में देखते हुए मुस्कुराने लगे l उनके दिल को जोड़ने वाला वो एक शब्द बनारस ही तो था l सारिका ने अपना सर शिवम् के कंधे पर टिका दिया और शिवम् ने सारिका की उंगलियों को अपनी उंगलियों में कसकर पकड़ लिया l फिल्म ख़त्म होने के बाद दोनों ने सारिका के कहने पर एक ही आइस क्रीम से साथ खायी l शिवम् को थोड़ी शर्म आ रही थी पर सारिका की ख़ुशी के लिए वह करना चाहता था l दोनों घर आ गए l

मुरारी जब बाकि सबके साथ घर पहुंचा तो शिवम् और सारिका को पहले से वहा देखकर राहत की साँस ली l शाम के 5 बज रहे थे सभी हॉल में बैठकर चाय का आनंद ले रहे थे l चाय पीते हुए अधिराज जी ने शिवम् के बाबा से कहा,”समधी जी , यहाँ किसी तरह की कोई परेशानी तो नहीं है न ?”
“अरे नहीं नहीं भाईसाहब कैसी बाते कर रहे है ? बड़े शहर में आप जितने भले लोग पहली बार देखे है l

पहले तो डर गए थे की शिवम् का रिश्ता इतने बड़े घर में होने जा रहा है पर यहाँ आकर आप लोगो से मिलकर वह चिंता भी दूर हो गयी”,बाबा ने हाथ जोड़ते हुए कहा
“अरे अरे ये क्या कर रहे है आप ? ऐसा बोलकर शर्मिंदा मत कीजिये , हम बस वही कर रहे है जिसमे इन बच्चो की ख़ुशी हो ! समधन जी को शादी में लड़की वालो की तरफ से कुछ चाहिए तो उनसे पूछ लीजिये”,अधिराज जी ने आई की और देखकर कहा l आई ने सुना तो उन्होंने अपनी भाषा में कहना शुरू किया,”अरे इह का कह रहे है आप ? सारिका जैसी सुन्दर सुशिल बहु हमरे घर आ रही है इह से जियादा हमको कछु नाहै चाहिए !! समधी जी”


“आपके विचार बहुत अच्छे है ! हमने आज शाम पंडित जी को बुलाया है उनके आने के बाद शादी का मुहूर्त निकलवा लेते है l “,अधिराज जी ने ख़ुशी से कहा तो सहसा ही शिवम् और सारिका की नजर एक दूसरे से जा मिली और दोनों मुस्कुरा उठे लेकिन अनु को ये बात सुनकर बिल्कुल अच्छा नहीं लगा वह बहाने से उठकर वहा से चली गयी l अधिराज जी ने चाय ख़त्म की और कहा,”समधी जी अब चूँकि शादी यहाँ हो रही है तो हम चाहते है कम से कम लोग शामिल हो , हां आप अपने रिश्तेदारों को यहाँ बुला लीजिये हम सबके आने का बंदोबस्त करवा देंगे”


“आप परेशान मत होईये ! यहाँ शादी हो जाये उसके बाद बनारस में रिसेप्शन रखेंगे जिसमे हम अपने सभी रिश्तेदारों को बुला लेंगे l और आपको और समधन जी को भी तो वहा चलना ही है”,बाबा ने मुस्कुराते हुए कहा
“जी है बिल्कुल सारिका ने बहुत तारीफ की है वहा की जरा हम भी तो चलकर देखे बनारस को कितना बदला है 14 सालो में”,अधिराज जी ने कहा l बाबा मुस्कुराये और कहा,”हां बिल्कुल हमे भी तो खातिरदारी का मौका मिले” बाबा की बात सुनकर सब खिलखिलाकर हंस पड़े l

अम्बिका के पास बैठी सारिका ने उनके कंधे पर सर रख दिया तो अम्बिका उसके बालो को सहलाने लगी l कुछ ही देर बाद पंडित जी वहा आ पहुंचे l सबने उन्हें नमस्ते किया l चाय नाश्ते के बाद पंडित जी ने अधिराज जी से शिवम् और सारिका की कुंडली देने को कहा और आकर मंदिर के सामने आसन पर बैठ गए l आई ने अधिराज जी को शिवम् की कुंडली दी l सभी आकर पडित जी के पास बैठ गए अधिराज जी ने शिवम् और सारिका की कुंडली पंडित जी को दी l

पंडित जी काफी देर तक दोनों की कुंडली देखते रहे और कहा,”दोनों की कुंडली बहुत अच्छी है पुरे 31 गुण मिल रहे है l काफी मुस्किलो के बाद इन दोनों का विवाह संपन्न होने जा रहा है l 4 दिन बाद ही शादी का शुभ मुहूर्त है लेकिन…………!” कहते हुए पंडित जी के चेहरे पर चिंता की लकीरे उभर आयी l अधिराज जी ने कहा,”लेकिन क्या पंडित जी ?”
“वधु की जान को खतरा है”,पंडित जी ने बिना किसी भाव के कहा तो अधिराज जी के साथ साथ अम्बिका और आई बाबा का दिल बैठ गया l

शिवम् ने सारिका का हाथ कसकर पकड़ लिया जैसे वो उसे कही जाने नहीं देगा और सारिका की तरफ देखने लगा l अधिराज जी ने अपने आपको सम्हालते हुए पंडित जी से कहा,”ये आप क्या कह रहे है ? सरु की जान को ख़तरा भला कैसे ? कौन करेगा ऐसा ?”
“कोई बाहर वाला नहीं , ना ही कोई इंसान से बल्कि ये खतरा प्राकृतिक है जो कुछ समय बाद टल जाएगा l लेकिन तब तक आप सबको सचेत रहना होगा”,पंडित जी ने कुंडली में देखते हुए कहा l

शिवम् जो अब तक खामोश बैठा था ने कहा,”कोई तो उपाय होगा पंडित जी , हम सब करेंगे पर सारिका को कुछ नहीं होने देंगे !” l पंडित जी ने शिवम् की और देखा और कहने लगे,”ध्यान से सुनो बेटा ! इनका और तुम्हारा मिलना बहुत मुश्किल है जिसके बिच काफी परेशानिया आएगी पर अंत अच्छा ही होगा l बस इतना ध्यान रहे की शादी होने तक सारिका घर से बाहर ना जाये और जाये भी तो कोई हमेशा उसके साथ हो l एक बार शादी हो जाये उसके बाद ख़तरा टल जाएगा पर तब तक ध्यान रखना होगा बेटा !”


“हम पूरा ध्यान रखेंगे , पंडित जी !”,शिवम् ने कहा l
पंडित जी ने सारिका को अपने पास बुलाया और उसके माथे पर कुमकुम लगाकर हाथ आगे बढ़ाने को कहा l सारिका ने अपना हाथ आगे कर दिया पंडित जी ने कुछ मन्त्र पढ़ते हुए उसके हाथ पर मौली बाँधी और कहा,”बिटिया ये रक्षा सूत्र है शादी से पहले इसे अपने हाथ से मत निकालना , ईश्वर तुम्हारी रक्षा करे !” सारिका इन सब बातो पर विश्वास तो नहीं करती थी पर शिवम् की आँखों में डर देखकर उसने हाँ में अपनी गर्दन हिला दी l

सबके उदास चेहरे देखकर पंडित जी ने कहा,”अरे जजमान आपकी बेटी की शादी पक्की हो चुकी है मुंह मीठा नहीं कराएँगे सबको !”
“हम अभी मिठाई लेकर आते है !”,अम्बिका उठी और मिठाई लेने चली गयी l अधिराज जी अभी भी चिंता से घिरे हुए थे बाबा ने देखा तो उनके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”चिंता मत कीजिये समधी जी सब ठीक होगा l” सभी एक बार फिर हॉल में जमा हो गए l अम्बिका ने सबका मुंह मीठा करवाया पंडित जी ने आगे होने वाले शुभ कामो की सूची बनाकर अम्बिका को पकड़ा दी और दक्षिणा लेकर वहा से चले गए l

सभी एक बार फिर हॉल में जमा थे l सबको उदास देखकर मुरारी ने कहा,”अरे काहे मुंह लटका के बैठे हो सब ? शादी होने वाली है लेकिन माहौल मातम वाला बना रखा है l पंडित जी कहके तो गए है कुछ नहीं होगा भाभी को फिर काहे इतनी फ़िक्र कर रहे है अब ! और महादेव खुद इनके साथ है हमारे शिवम् भैया वो का कुछ होने देंगे इनको “


मुरारी की बात से सबको तसल्ली मिली तो सब भूलकर सभी हसने मुस्कुराने लगे l सारिका उठकर अपने कमरे में चली गयी वह आकर बिस्तर पर लेट गयी और हाथ में बंधे उस धागे को देखने लगी l शिवम् मुरारी के साथ अपने कमरे में आ गया l सारिका को लेकर चिंतित तो वह भी था पर वह सबको परेशान करना नहीं चाहता था l मन ही मन वह उसने सारिका के लिए न जाने कितनी ही प्रार्थनाये कर डाली l

अधिराज जी ने शादी के सभी प्रोग्राम की सूची देखी और अपने रिश्तेदारों को फोन करना शुरू किया l आई बाबा ने बनारस से सिर्फ मुरारी के चाचा चाची को न्योता दिया l सभी खुश थे 4 दिन बाद सारिका हमेशा हमेशा के लिए शिवम् की हो जाएगी l रात के खाने के बाद मुरारी को कुछ खुराफात सूझी तो उसने मीना से कहकर हॉल में आमने सामने करके गद्दे लगवाए l

सब इंतजाम होने के बाद मुरारी सबको ले आया सभी अपनी अपनी टीम बनाकर बैठ गए l पर मुरारी ने सबको अलग करके कहा,”मर्द मर्द एक तरफ औरते दूसरी तरफ ! मंजूर है “
“हां मंजूर है”,सबने एक साथ ख़ुशी से कहा l
अधिराज जी , बाबा , शिवम् आकर एक तरफ बैठ गए और आई , अम्बिका जी , सारिका , मिना बिल्कुल उनके सामने वाले गद्दों पर बैठ गयी l

मुरारी ने देखा अनु कही नजर नहीं आ रही थी उसने शिवम् से कहा,”यार इह हमार फूलन देवी कहा है नजर ही नहीं आ रही है , हम जरा उनको लेकर आते है !” मुरारी उठा और ऊपर अनु के कमरे की तरफ चला गया l अनु के कमरे में आकर देखा अनु खिड़की के पास खड़ी निचे कुछ देख रही है l मुरारी थोड़ा सा आगे आया और कहा,”ओह्ह मैग्गी इधर का कर रही हो अकेले , निचे चलो सब बुला रहे है !”
“मुझे नहीं आना , तुम जाओ यहाँ से !”,अनु ने बिना मुरारी की और देखे कहा l


“अरे काहे नहीं आना , तुमरी बहन की शादी है निचे सब खुशिया मना रहे है और तुम हो के हिया अकेले बंद हो”,मुरारी ने कहा l “मैंने कहा न मुझे नहीं जाना , ख़ुशी मनाये या मातम आई डोंट केयर”,अनु ने पलटकर गुस्से से कहा और फिर से खिड़की के बाहर देखने लगी l मुरारी को अनु का व्यवहार कुछ अजीब लगा पर फिर भी उसने एक बार और कोशिश की और कहा,”अरी ओह्ह फूलन देवी तुम खुद से चलती हो के उठा के ले जाये तुमको ?”


“मुरारी तुम्हे तो मैं…………….!”कहते हुए जैसे ही मुरारी की तरफ आयी उसका पांव कार्पेट में उलझ गया l जैसे ही गिरने वाली थी मुरारी ने उसे अपने हाथो में थाम लिया और उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”अगर ऐसे ही तुम गिरती रही और हम सम्हालते रहे ना तो तुमको हमसे……………..खैर जाने दो इह बताओ तुमरी अम्मा ने का खा के पैदा किया था तुमको जो इह गुस्सा हर वक्त तुमरी नाक[पर रहता है” l अनु ने मुरारी की बात का कोई जवाब नहीं दिया और खुद को सम्हाला उसके होंठ मुरारी के कंधे से जा लगे l

अनु ने मुरारी को घुरा तो मुरारी ने शरमाते हुए कहा,”ऐसे ना देखो बबली की तरह !”
“बबली ? अब ये बबली कौन है ?”,अनु ने झुंझलाकर कहा
“अरे बनारस में हमरी जो भैंसिया है ना उसको बबली ही बुलाते है हम , उह भी कभी कभी ऐसे ही देखती है l प्यार से !!”,मुरारी ने अनु को छेड़ते हुए कहा l मुरारी की बात सुनकर अनु को और ज्यादा गुस्सा आ गया उसने दांत पीसते हुए कहा,”अगर मुझे कभी किसी का खून करने की इजाजत मिली ना तो पक्का मैं तुम्हारा खून कर दूंगी” l

मुरारी मुस्कुराया और कहा,”हाय इस से ज्यादा ख़ुशी की बात और का होगी ? तुम चाहो तो अभी कर दो !”
मुरारी को मुस्कुराता देखकर अनु एक पल के लिए उसके चेहरे की तरफ देखने लगी और कहा,”तुम्हे क्या कभी बुरा नहीं लगता” l “अपनों की बात का क्या बुरा मानना “,मुरारी ने अनु की आँखों में देखते हुए कहा ! अनु ख़ामोशी से मुरारी की और देखने लगी तो मुरारी ने कहा,”अच्छा हमरे एको सवाल का जवाब दो , मैगी मर्द है की औरत”


अनु सोचने लगी और फिर कहा,”मर्द है क्योकि कोई भी औरत दो मिनिट में तैयार नहीं हो सकती पर मैगी हो जाती है l इसलिए मैगी मर्द है !” l अनु के जवाब पर मुरारी मुस्कुराया और कहा,”पर हम जिस मैगी को जानते है वो तो औरत ही है” मुरारी की इस बात पर अनु खिलखिलाकर हंस दी और फिर मुरारी के साथ निचे चली आयी l अनु सारिका के पास ना बैठकर अम्बिका के पास जा बैठी l सारिका को थोड़ा अजीब लगा पर फिर वह सा भूल गयी l

मुरारी जैसे ही आकर शिवम् की बगल में बैठा शिवम् की नजर उसकी शर्ट पर गयी जहा लिपस्टिक का हल्का दाग लगा हुआ था शिवम् ने दबी आवाज में मुरारी से कहा,”का बेटा का गुल खिला के आये हो ?” l “कुछ भी तो नहीं किये है”,मुरारी ने हैरानी से कहा
शिवम ने मुरारी को उसकी शर्ट का वो हिस्सा दिखाया जहा दाग लगा हुआ था और आँखों ही आँखों में पूछा l

मुरारी को याद आया जब अनु को सम्हाला था तब गलती से लग गया पर इस वक्त शिवम् को बताता तो वो उसकी बात पर विश्वास नहीं करता इसलिए मुरारी ने इतराते हुए कहा,”अंदर का मामला है भैया तुम नहीं समझोगे !” शिवम् ने मुरारी की कमर पर कोहनी मारी और कहा,”वाह बेटा जी , हम नहीं समझेंगे ! तुमको देख के तो लग रहा है जैसे हमसे पहले बैंड बजवाओगे !”
“इरादा तो है , पर बड़े भैया से पहले नाही !”,मुरारी ने कहा


“अरे बातें बंद करो , यहाँ ह हार रहे है और आप लोग बातें कर रहे है l दामाद जी आगे आईये”,अधिराज जी ने कहा l दामाद का नाम सुनकर मुरारी आगे आया तो अधिराज जी ने कहा,”आप क्यों आये हो ?” l “अरे वो हम भी तो कभी न कभी किसी के दामाद बनेंगे ही”,मुरारी ने झेंपते हुए कहा l “चलो अब आ गए हो तो प स गाना भी गा दो”,अधिराज जी ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा l मुरारी ने गाना शुरु किया,”पहला पहला प्यार है , पहली पहली बार है l जान के भी अनजाना ऐसा मेरा यार है , हो हो !”


गाते हुए मुरारी की नजरे बस अनु पर थी और ये गाना भी अनु के लिए ही था जिसे मुरारी बड़े दिल से रहा था l मुरारी के रुकते ही उसने सामने वाली टीम को देखकर कहा,”ह से !
सामने वाली टीम सोचने लगी तभी अनु ने गाना शुरू किया,”हां हंसी बन गए , हाँ नमी बन गए l तुम मेरे आसमा मेरी जमी बन गए …. ओहो आहा !


मुरारी तो बस खो सा गया जबकि अनु की नजरे मुरारी से पीछे बैठे शिवम् पर थी वह शिवम् के लिए अपनी भावनाओ को रोक पाने में असफल थी l गाना खत्म करके उसने कहा,” ए से !
बाबा अपनी जगह खड़े हुए और आई की तरफ देखकर नाचते हुए कहा,”ए मेरी जोहरजबी , तुझे मालूम नहीं l तू अभी तक है हंसीं और मैं जवान , तुझपे कुर्बान मेरी जान मेरी जान !” आई ने देखा तो शर्म से अम्बिका के पीछे छिप गयी l

अनु ने आई से कहा,”अरे आंटी इतना क्या शरमाँ रही हो आप , शुरू हो जाओ अब आपकी बारी है !” आई ने एक नजर बाबा को देखा और न से गाने लगी,”नैनो में सपना सपनो में सजना , सजना पे दिल आ गया l क्यों सजना पे दिल आ गया !”
“अरे वाह आंटी मुह्हा”,अनु ने ख़ुशी से आई के गाल चूमते हुए कहा l
“तुमरे आई बाबा तो तुमसे भी जियादा रोमांटिक है , लगता है अपने जमाने के इमरान हाश्मी यही रहे है”,मुरारी ने खींसे निपोरते हुए कहा l

बेचारा शिवम् शर्म से सर झुकाकर बैठा था l सारिका के सामने आई बाबा ऐसे गाने गा रहे है और ऊपर से साथ में डांस भी कर रहे है l और उसने अभी तक सारिका के लिए ऐसा कोई गाना नहीं गाया l आई के गाना ख़त्म करते ही अनु ने कहा,”चलो चलो य से गाओ ! इस बार शिवम् ने सारिका की तरफ देखा और गाना शुरू किया,”ये समा समां है ये प्यार का , किसी के इंतजार का , दिल ना चुरा ले कही मेरा मौसम बहार का ………. ये समा !
“चलो चलो म से गाओ !”,मुरारी ने कहा


सारिका ने अधिराज जी और अम्बिका की तरफ देखकर गाना शुरू किया,”मायन ए माय मुंडेर पे तेरी बोल रहा है कागा , जोगन हो गयी तेरी दुलारी मन जोगी संग लागा !” गाते हुए सारिका की आँखों में नमी तैर गयी वह अम्बिका के गले आ लगी l माहौल को हल्का करने के लिए अनु ने कहा,”बॉयज नाउ योर टर्न ग से !
लेकिन इस बार किसी ने नहीं गाया सब अटक गए l सारे मर्द एक दूसरे की और देख रहे थे पर किसी को गाना याद नहीं आ रहा था

मुरारी ने अपने दिमाग पर जोर डाला एक गाना याद आया तो वह उछलकर सबके सामने आया औरगाने लगा,”गोरी है क़लईया पहना दू तुझे हरी हरी चुडिया , अपना बना लू तुझे साजना !
“ये चीटिंग है ! ये गाना ऐसे है ही”,अनु ने बिच में टोकते हुए कहा
“ऐसे कैसे गलत है !”,मुरारी ने अनु के सामने आकर कहा
“गलत है !”


“नहीं है !”
“कहा ना गलत है”
“हमने भी कहा ना गलत नहीं है”
तुमने चीटिंग की
नहीं की
की है
नहीं की


की है
अरे नहीं की
अरे की है
नहीं
हां
नहीं की


की है की है की है
हां की है
”देखा सबने हमने कहा था ना इसने चीटिंग की है”,अनु ने पीछे पलटते हुए कहा लेकिन उसके और मुरारी के अलावा हॉल में कोई नहीं था उन दोनों की बहस सुनकर सब सोने जा चुके थे l “सब तो चले गए “,अनु ने मासूमियत से कहा l


“हां और अब सिर्फ हम दो ही बचे है , रात का वक्त है तुम और हम”,मुरारी शरारत से कहते हुए अनु की तरफ बढ़ा तो अनु उसे धक्का देकर भाग गयी मुरारी हसने लगा और कहा,”अरे मैग्गी मजाक कर रहे है ! ” अनु ने पलटकर गुस्से से एक बार मुरारी को देखा और चली गयी मुरारी वही हॉल में रखे गद्दों पर गिर पड़ा !
सुबह घर में मेहमान आने लगे शादी होने में 3 दिन ही बाकि थे l आज शिवम् और सारिका की हल्दी की रस्म थी l सारिका के ऑफिस के कुछ लोग भी आये थे l

सभी बारी बारी शिवम् और सारिका को हल्दी लगा रहे थे अम्बिका ने देखा अनु दूर एक कोने में खड़ी है तो अम्बिका ने उसे अपने पास बुलाया और कहा,”सब शिवम् और सारिका को हल्दी लगा रहे है तुम नहीं लगाओगी ! चलो अपनी बहन और होने वाले जीजाजी को हल्दी लगाओ” अनु ने बेमन से हाथो में हल्दी उठायी और सारिका की तरफ बढ़ी l

अनु को वहा देखकर सारिका का चेहरा ख़ुशी से खिल उठा लेकिन अनु ने कोई प्रतििक्रया नहीं दी उसने पहले सारिका को हल्दी लगाई और फिर शिवम् को हल्दी लगाकर जाने लगी तो आई ने रोकते हुए कहा,”अनु बिटिया सारिका के बाद तुमरा ही नंबर है !”
अनु वहा से भागते हुए अंदर चली गयी लेकिन सामने से आते मुरारी से टकरा गयी और उसके हल्दी से भरे हाथ मुरारी के सीने पर जा लगे l मुरारी ने सफ़ेद रंग का कुरता पहना था अब पीला हो चुका था l

अनु सॉरी बोल कर चली गई मुरारी ख़ुशी ख़ुशी बाहर आया और शिवम् सारिका को हल्दी लगाने लगा l आई ने मुरारी का पीला कुरता देखा तो उसे पकड़कर साइड में करके कहा,”तुमरे कुर्ते पर हल्दी किसने लगा दी ? इह का मतलब पता है जिसने भी इह हल्दी लगाई है उह से तुमरी शादी की पुरे पुरे चांस है l अब जल्दी बता किसने लगाईं इह हल्दी “
“अनु ने !”,मुरारी ने शर्माते हुए कहा l
“आये हाय शरमा तो ऐसे रहा है जैसे शादी शिवम की नहीं तुमरी होने वाली है l

वैसे अनु को देखते ही समझ गए थे हम की उह बवाल तुमरे लिए ही है l हम आज ही समधी जी से तुमरी और उसकी शादी की बात करते है”,आई ने चहकते हुए कहा
“अरे नहीं नहीं आई , पहिले भैया की शादी उसके बाद ! तब तक किसी से कछु नहीं कहना तुमको हमरी कसम !”,मुरारी ने कहा l “अच्छा ठीक है नहीं कहेंगे !”,आई ने मुस्कुराते हुए कहा


“आई तुमको अनु ठीक लगी ना ?”,मुरारी ने पूछा
“एकदम ए बवाल है”,आई ने कहा और फिर वापस औरतो की तरफ चली गई l मुरारी मुस्कुरा उठा l

मेहमानो के बिच हंसी ख़ुशी में शादी की रस्मे निभाते हुए दो दिन कब गुजरे पता ही नहीं चला शादी के एक दिन पहले शाम को संगीत और मेहँदी की रस्म थी l अम्बिका के बार बार कहने पर अनु ने लहंगा पहना था l सारिका निचे हाल में बैठकर मेहँदी लगवा रही थी शिवम् सामने खड़ा बड़े प्यार से सारिका को देख रहा था l लाल रंग की साड़ी जो आई बनारस से सारिका के लिए लेकर आयी थी उसमे सारिका बहुत प्यारी लग रही थी l

शिवम् की तो बस उस पर से नजरे ही नहीं हट रही थी l सभी मेहमान निचे जमा थे , मेहँदी और संगीत का मजा ले रहे थे l ऊपर अनु अपने कमरे से निकलकर बलाउज की डोरी बांधते हुए आ रही थी सामने से आता मुरारी दिखा तो अनु उसके सामने आकर पलट गयी और कहा,”मुरारी इसे बांध दो ना , एक तो मॉम ने ये इतना हैवी पहना दिया l अरे बांधो ना इसे”
मुरारी ने डोरी अपने हाथो में ली और बांधने लगा उसके हाथ ठन्डे पड़ चुके थे , उंगलिया काँपने लगी थी l मुरारी ने जैसे तैसे करके डोरी बांध दी l अनु उसकी और पलटी और कहा,”ठीक लग रहा है !”


मुरारी ने उसकी आँख के किनारे से काजल निकाला और अनु के कान के पीछे लगाकर कहा,”बहुते गजब !”
अनु मुस्कुरा कर निचे चली गयी पर मुरारी दिल थामे वही खड़ा रहा आज अनु को पहली बार इन कपड़ो में देखकर कोई भी अपना दिल हार जाता l अनु जैसे ही निचे आयी सबकी नजरे बस उसी पर जम गयी l अम्बिका , अधिराज जी , आई , बाबा , शिवम् और सारिका ने पहली बार उसे ऐसे कपड़ो में देखा था l आई तो अनु की बलाये लेती नहीं थक रही थी l

अनु ने आकर सारिका के हाथ में थोड़ी सी मेहँदी लगाई और फिर लड़कियों के साथ मिलकर डांस करने लगी l ऊपर खड़ा मुरारी बडे प्यार से अनु को देख रहा था l मेहँदी की रस्म के बाद सबने खाना खाया , मेहमानो के लिए पास के लॉज में व्यवस्था कर दी गयी थी l बस कुछ खास मेहमान घर में रुके थे l सारिका हाथो में मेहँदी लगाए अपने कमरे में आयी शिवम् वहा पहले से मुरारी के साथ बैठा कुछ बात कर रहा था l

सारिका शिवम् के पास आकर बैठ गयी तो मुरारी खुद ही उठकर चला गया l “समझदार है”,शिवम् ने मन ही मन कहा और सारिका को अपनी बांहो में कैद कर लिया l सारिका ने शिवम् को अपने हाथ दिखाकर कहा,”कैसी है ?
“बहुत खूबसूरत है ! देखना आपकी मेहँदी का रंग बहुत गहरा रचने वाला है “,शिवम् ने कहा
“आपको कैसे पता ?”,सारिका ने कहा
“आपसे इतना प्यार जो करते है l”,शिवम् ने प्यार से कहा l


“शिवम् हमे तो अब सब सपने जैसा लग रहा है !”,सारिका ने कहा
“ये हकीकत है सरु ! बस आज की रात और उसके बाद कल हमेशा हमेशा के लिए आप हमारी हो जाएँगी l और फिर हमे अलग नहीं कर पायेगा l ये शगुन की मेहँदी गवाह है हमारे मिलन की”,शिवम् ने सारिका के हाथो को अपने हाथो में लेकर कहा l
तभी दरवाजे पर किसी की दस्तक हुई मुरारी था उसके हाथ में सारिका का फोन था

उसने लाकर सारिका को दिया और चला गया सारिका ने फोन कान से लगाया तो दूसरी तरफ से एक सधी हुई आवाज उभरी,”मेम आपके सभी डोक्युमेंट्स तैयार है l”
“ठीक है तिवारी जी आप उन्हें कल सुबह मेरे ऑफिस भिजवा दीजियेगा l हम वही से ले लेंगे”,सारिका ने सहजता से कहा
“मैडम एक बार फिर सोच लीजिये ! आप एक बहुत बड़ा फैसला करने जा रही है”,तिवारी जी ने कहा


“अपनों के लिए सोचने की जरूरत नहीं पड़ती है तिवारी जी , आप पेपर कल ऑफिस भिजवा दीजियेगा”,सारिका ने कहा
“ठीक है मैडम जैसी आपकी मर्जी ! बाय द वे शादी मुबारक”,तिवारी जी ने कहा
“थैंक्यू कल शादी में जरूर आईयेगा”,कहकर सारिका ने फोन काट दिया और शिवम् की और पलटकर कहा,”शिवम् हमने आपको बताये बिना एक बहुत बड़ा फैसला किया है !”


“आपका फैसला जो भी हो हमे मंजूर है”,शिवम् ने मुस्कुराकर कहा
“हम ये शादी नहीं करेंगे हम आपको छोड़कर जा रहे है !”सारिका ने बिना किसी भाव के कहा l शिवम् ने जैसे ही सुना उसका दिल एक पल को जैसे रुकना बंद हो गया l चेहरे पर दर्द और वेदना के भाव झलक आये आँखों में आंसू भर आये उसके गले से आवाज नहीं निकली l होंठ कांपने लगे थे l सारिका न देखा तो हसने लगी और शिवम् के गले लगकर कहा,”अरे मजाक कर रहे है हम”


शिवम् को थोड़ी राहत मिली तो उसने उदास होकर कहा,”आइंदा ऐसा मजाक मत कीजियेगा !” सारिका ने महसूस किया की उसके मजाक से शिवम् का दिल दुखा है उसने अपने कान पकड़ लिए तो शिवम् ने उसके हाथो को अपने हाथो में लेकर कहा,”आप जो सजा दे मंजूर है , पर कभी हमसे दूर जाने की बात मत कीजियेगा इन आँखों को अब आपकी आदत हो चुकी है l आपके बिना हमारा जीना बेकार है ….

सारिका ने हां में गर्दन हिलायी और कहा,”अच्छा सुनिए हमने अपना मुंबई वाला ऑफिस और ये घर अनु के नाम किया है l हमारे जाने के बाद उसके पास ये सब होना जरुरी है l”
“ये आपने बहुत अच्छा किया l आपका दिल बहुत बड़ा है सारिका , अनु के लिए इतना सब सोचा हमे ख़ुशी हुई”,शिवम् ने मुस्कुराकर कहा l
“पर आप उसे अभी ये सब मत बताईयेगा l कल शादी के बाद हम उसे खुद सारे पेपर्स की फाइल देंगे”,सारिका ने कहा

“बड़े बुजुर्गो ने कहा है शादी से पहिले लड़का लड़की का मिलना जुलना सही नाही है”,मुरारी ने अंदर आकर कहा कहा शिवम् और सारिका एक दूसरे से दूर हट गए l सारिका उठी और मुरारी के सामने आकर कहा,”जब आपकी शादी होगी न तब पूछेंगे आपको ?”
“अरे भाभी जल्दी से करवाईये शादी , ओके बाद जो पूछना है पूछ लीजियेगा”,मुरारी ने बेसब्री से कहा
“धत बेशर्म !”,सारिका ने मुरारी का कान खींचते हुए कहा


“अरे अरे भाभी मजाक कर रहे है”,मुरारी ने कहा
“पर आपका ये मजाक बहुत जल्द सच करने का सोच रहे है हम , अनु की इंटर्नशिप ख़त्म होते ही हम आपके लिए पापा से बात करेंगे”,सारिका ने मुस्कुरा कर कहा
मुरारी ने ख़ुशी के मारे सारिका के गाल पर किस करते हुए कहा,”थैंक्यू भाभी !”
“अबे हो हमारी है , जरा कायदे में”,शिवम् ने मुरारी को गर्दन से पकड़ते हुए कहा l


“का भैया हमको तो आज पहली बार मिली है , तुमको तो अब रोज मिलनी है”,मुरारी ने शरारत से कहा और भाग गया l सारिका भी अपने कमरे में चली आयी पर आज की रात नींद किसे आनी थी वो तो इंतजार में कट गयी l सुबह शिवम् मुरारी के साथ मार्किट चला गया l मुरारी ही उसे जबरदस्ती पार्लर ले गया l सारिका आज बहुत खुश थी इतनी परेशानियों और आंसुओ के बाद शिवम् उसका होने जा रहा था

l घर की महिलाओ से घिरी सारिका शिवम् के बारे में सोच रही थी तभी सारिका का फ़ोन बजा वह फोन लेकर बाहर आयी उसने फोन उठाया दूसरी तरफ से विकास (कम्पनी का अकाउंटेंट) की घबराई हुई सी आवाज उभरी,”मेडम अनु मैडम ऑफिस आयी है , इस वक्त वो ऊपर टेरेस पर है l उन्होंने शराब पि रखी है हो सके तो आप जल्दी से ऑफिस आ जाईये मैडम”


“ठीक है हम अभी आते है”,सारिका ने कहा और फोन काट दिया उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था की वह क्या करे ? उसने देखा सभी बहुत खुश है अनु के बारे में उन्हें बताकर सारिका परेशान नहीं करना चाहती थी l उसने किसी को बिना बताये ही गाड़ी की चाबी ली और चुपचाप घर से निकल गयी l सारिका तेजी से गाड़ी चलाये जा रही थी उस पंडित जी की कही बात का भी आभास नहीं था उसे तो बस किसी भी तरह अनु को सही सलामत देखना था l

सारिका ऑफिस पहुंची और आकर विकास से कहा,”अनु कहा है ?”
“ऊपर टेरेस पर”,विकास ने कहा
“आप यही रुकिए हम जाकर उस से बात करते है”,कहकर सारिका सीढ़ियों से टेरेस पहुंची उसने देखा अनु दिवार के सहारे खड़ी बियर पि रही है l अनु को सुरक्षित देखकर सारिका उसके पास आयी उसने अनु के हाथ से बोतल ली और साइड में फेंककर कहा,”अनु क्या है ये सब ? पागल हो गयी हो तुम ?

क्या कर रही हो यहाँ ? और ये बियर कबसे पीने लगी तुम ,, नहीं तुम ठीक नहीं हो तुम चलो मेरे साथ , घर चलो l सारिका ने अनु का हाथ पकड़ा और उसे ले जाने लगी तो अनु ने सारिका का हाथ झटककर कहा,”क्यों जाऊ मैं आपके साथ ? आखिर क्या हक़ है आपका मुझपर ? जब देखो तब अपने बड़े होने का फायदा उठाती रहती हो !
सारिका अवाक् सी अनु की तरफ पलटी और कहा,”हमने बड़े होने का कोई फायदा नहीं उठाया है अनु !


“उठाया है , बचपन से लेकर आजतक सिर्फ आपको हर चीज पहले मिली है , कपडे , खिलोने , बुक्स हर चीज पर पहले आपका हक़ होता था l”,अनु ने चिल्लाते हुए कहा सारिका उसका ये रूप देखकर अंदर तक सहम गयी अनु सारिका के पास आयी और नफरत से कहने लगी,”सारिका अधिराज शर्मा ! घर की बड़ी बेटी ,, वो घर जहा हमेशा आपको मुझसे ज्यादा और मुझसे बेहतर मिला , बड़ी होने के कारण पापा हमेशा आपसे प्यार करते थे मुझसे नहीं ,

मॉम भी हमेशा आपकी ही बाते आपकी ही तारीफ किया करती थी l हर चीज आपके पसंद की होती थी थी और अगर कोई चीज आपके थ्रू रिजेक्ट होती तो वह मुझे मिलती आपकी उतरन l यही औकात थी ना मेरी l कितना दुःख होता था तब मुझे , कितना बुरा लगता था उस वक्त मेरी बहन होकर भी कभी आप उस दुःख को समझ नहीं पाई l”
अनु की बातें सुनकर सारिका की आँखों से आंसू बहने लगे l सारिका जिसने अनु को हमेशा अनु की ख़ुशी चाही आज वही उसे गलत समझ रही थी l

सारिका को आंसू बहाते देखकर अनु ने कटाक्ष करते हुए कहा,”मत बहाइये ये झूठे आंसू ! बहुत बड़ी नौटंकी है आप l क्या दिया है आपने मुझे कुछ भी तो नहीं बल्कि जो मेरा था भी छीन लिया मुझसे l “,कहते हुए अनु पलट गयी सारिका की तरफ पीठ करके कहने लगी,”लन्दन से आने के बाद मुझे लगा शायद आप बदल जाओगी आपका , पापा का प्यार मिलेगा मुझे पर नहीं मेरे आने के बाद भी पापा हर वक्त बस आपकी बातें करते थे l

एक शिवम् जिससे से मैं प्यार करने लगी थी उसे भी आपने अपना बना लिया l मेरा दिल तोड़ दिया एक बार भी नहीं सोचा की मुझपर क्या बीतेगी ? पर हु केयर्स किसे फर्क पड़ता है ? पहले मुझसे मेरे पापा छीने , फिर मेरे सपने छीने , मेरी खुशिया मेरी ख्वाहिशे और अब ……………..अब मुझसे मेरा प्यार भी छीन लिया l और सब कुछ छीनने के बाद अब यहाँ झूठा दिलासा देने चली आयी तुम”
अनु का कहा एक एक शब्द सारिका के दिमाग में हथोड़े की भांति प्रहार कर रहा था l

अनु के दिल में उसके लिए इतनी नफरत है ये जानकर सारिका का दिल टूटकर बिखर गया l सारिका की आँखों से आंसू बहते जा रहे थे वह अपने कदम पीछे बढ़ाने लगी l दर्द की इंतहा थी अनु शिवम् से प्यार करती है , अपनी बड़ी बहन से नफरत करती है जानकर सारिका को बहुत दुःख हो रहा था l सौतेली होने के बाद भी उसने अनु को कभी ये अहसास नहीं होने दिया बल्कि सगी बहन से भी ज्यादा अहमियत दी पर आज अनु के शब्दों ने सारिका को तोड़कर रख दिया l

सारिका पीछे कदम बढाती जा रही थी इस बात से अनजान की पीछे कुछ कदम की दूरी पर कोई दिवार नहीं है वह निचे गिर सकती है l सारिका ने अपना दिल मजबूत किया और पीछे जाते हुए अनु से कहँने लगी,”हमे इस बात का बहुत दुःख है अनु की हम कभी एक अच्छी बहन नहीं बन पाए , पर ये सच है की हमने कभी तुम्हारा बुरा नहीं चाहा l माँ पापा और शिवम् के बाद हम सबसे ज्यादा मोहब्बत तुमसे करते थे और हमेशा करते रहेंगे l हमने हमेशा तुम्हारी ख़ुशी चाही है अनु”


सारिका की आवाज सुनकर अनु पलटी उसने देखा सारिका पीछे जा रही है और आगे कोई दिवार नहीं है उसका नशा एक झटके में उतर गया उसने तेज आवाज में कहा,”दी पीछे मत जाईये दी , आप गिर जाएँगी”
पर सारिका अपने आप में ही बड़बड़ाये जा रही थी उसे जैसे अनु की बाते सुनाई ही ना दे रही हो l अनु को देखकर वह कहने लगी,”तुमने एक बार कहा होता की तुम शिवम् से प्यार करती हो ,

हम ख़ुशी ख़ुशी तुम्हे शिवम् दे देते अनु पर तुम्हारी आँखों में अपने लिए नफरत कैसे देख पाएंगे ? शिवम् का इंतजार हमने 14 साल किया है पर तुम्हारी ख़ुशी के लिए हम वो इंतजार जिँदगीभर कर लेते l कभी कहा तो होता की तुम्हे शिवम् चाहिए हम हसंते हँसते उनकी नजरो में गिर जाते अनु “
“दी पीछे मत जाईये दी”,रोने लगी थी अनु वह सारिका की तरफ बढ़ी तो सारिका ने बिना कीसी भाव के कहा,”मुझ माँफ कर देना अनु l

आज से शिवम् तुम्हारा अब तुम दोनों के बिच कोई नहीं आएगा , हम भी नहीं l उनका ख्याल रखना और इतना प्यार देना उसे की चाहकर भी उन्हें कभी हमारी याद ना आए l उनसे कहना हम उनसे बहुत प्यार करते थे”,कहते हुए सारिका ने अपना आखरी कदम पीछे बढ़ा दिया l 5 मंजिला उस बिल्डिंग से सारिका निचे जा गिरी l
“दी……………….”,अनु चीख पड़ी वह सारिका को रोक पाती इस से पहले ही सारिका का शरीर नीचे गिरकर खून से लथपथ हो चुका था l अनु पथराई आँखों से सारिका के जिस्म को ऊपर खड़ी देखती रही और फिर घुटनो के बल वही गिर पड़ी !!!

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संजना किरोड़ीवाल

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