Sanjana Kirodiwal

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रांझणा – 50

Ranjhana – 50

Ranjhana

Ranjhana By Sanjana Kirodiwal

heart a brokenbroken heart a

Ranjhana – 50

मुरारी सबके साथ स्टेशन से बाहर आया अनु आकर आगे बैठ गयी और बाकि सब पीछे और मुरारी ड्राइवर सीट पर l मुरारी ने गाड़ी स्टार्ट की और आगे बढ़ा दी l आई तो बस अनु को ही घूरे जा रही थी और मुरारी बैठा बैठा मन ही मन महादेव से प्रार्थना कर रहा था की कुछ गड़बड़ ना हो पर भला ऐसा कभी हो सकता है जहां मुरारी और अनु साथ हो और गड़बड़ न हो ? और आज तो आई भी साथ थी कुछ न कुछ तो होना ही था l

आई अपनी ही भाषा में मुरारी से बात कर रही थी और मुरारी जवाब दे रहा था l अनु को कुछ समझ नहीं आ रहा था और साथ ही इरिटेशन भी हो रहा था उसने म्यूजिक ऑन कर दिया सिस्टम पर कोई अंग्रेजी गाना बजने लगा


Ooh whoa, ooh whoa, ooh whoa
You know you love me, I know you care
Just shout whenever and I’ll be there
You are my love, you are my heart
And we will never, ever, ever be apart


Are we an item? Girl quit playin’
We’re just friends, what are you sayin’
Said there’s another, look right in my eyes
My first love, broke my heart for the first time
And I was like baby, baby, baby oh


Like baby, baby, baby no
Like baby, baby, baby oh
I thought you’d always be mine
अनु और राधिका के अलावा गाना कीसी को समझ नहीं आ रहा था l मुरारी को भी सिर्फ बेबी बेबी शब्द समझ आ रहा था l

अनु के गाना चलाने पर आई को लगा वह उन्हें चिढ़ाने के लिए अंग्रेजी गाना चला रही है उन्होंने एक मुक्का मुरारी के कंधे पर मारकर घूरते हुए म्यूजिक बंद करवाने का इशारा किया l मुरारी ने म्यूजिक बंद कर दिया और आई से बात करने लगा l अनु ने वापस चला दिया और इस बार म्यूजिक के साथ साथ वह खुद भी गुनगुना रही थी l आई ने फिर से मुरारी को घुरा तो मुरारी ने म्यूजिक बंद कर दिया l

बस फिर क्या था शीत युद्ध शुरू दोनों के बिच अनु चालू करती और मुरारी वापस बंद करता जब अनु नहीं मानी तो मुरारी ने कहा,”तुमको दिख नाही रहा बात कर रहे है !”
पहली बार था जब मुरारी ने अनु से थोड़ी तेज आवाज में बात की थी l अनु गुस्से से दूसरी तरफ देखने लगी आई को अब अच्छा नहीं लग रहा था उन्होंने मुरारी से म्यूजिक वापस चला देने को कहा l

बेचारा मुरारी अंदर ही अंदर खुद को कोस रहा था उसने म्यूजिक वापस चला दिया पर अनु तो अनु ठहरी उसने वापस बंद कर दीया l मुरारी ने फिर चला दिया लेकिन अनु ने वापस बंद कर दिया शीत युद्ध एक बार फिर शुरू हो चूका था बंद चालू बंद चालू बंद l थककर मुरारी ने कहा,”अरे अब चला रहे है सुन लो !” अनु ने एक नजर मुरारी की तरफ देखा मुस्कुराई और म्यूजिक सिस्टम को हाथ से पकड़कर उखाड़ कर मुरारी को थमा दिया l

मुरारी तो बस देखता ही रह गया l पीछे बैठी राधिका की हंसी छूट गयी उसने अपन हाथ मुंह के आगे कर लिया l अब मुरारी ने खामोश रहना ही बेहतर समझा l बाबा भी मुरारी की हालत पर मंद ही मंद मुस्कुरा रहे थे l आई ने राधिका के कान में धीरे से कहा,”कइसन लड़की है अपनी ही गाड़ी का कबाड़ा कर रही है , इह हमको न सरफिरी लग रही है”
“पर मुझे तो ये बहुत पंसद है !”,राधिका ने अनु की तरफ देखकर कहा


“लगता है तुमरा दिमाग भी घूम फिर गया गया”,आई ने राधिका को घुड़क दिया और एक नजर अनु पर डाली टीशर्ट कंधे से झूल रह थी जिस से उसके गोरे कंधे साफ साफ दिखाई दे रहे थे l आई ने नजरे घुमा ली l अनु ने मुरारी से शॉप के सामने गाड़ी रोकने को कहा l जब उतरकर जाने लगी तो मुरारी ने कहा,”अरे हमका बताओ हम ले आते है”
“लड़कियों वाला सामान है मैं ले आउंगी”,अनु ने कहा


“हां तो बताओ का चाहिए हम ले आते है , तुम ऐसे जाओगी तो…………………..!”,मुरारी ने अनु की शॉर्ट्स देखकर कहा l
“ओके फाइन , मुझे पैड चाहिए !”,अनु ने बिना किसी भाव के वापस अपनी सीट पर बैठते हुए कहा l
“पेड़ ? पेड़ का करोगी ? तुमरे घर में पहले से इतने पेड़ खड़े है और एक पेड़…………!!”,मुरारी ने सोचते हुए कहा
“स्टुपिड ! मैं पेड़ की नहीं………………..आअह्ह छोडो मैं खुद ही जाकर ले आती हु”,कहकर अनु उतरकर वहा से चली गयी l मुरारी समझ नहीं पाया अनु किस पैड की बात कर रही थी l

राधिका को अब मुरारी की बेवकूफी पर हंसी आ रही थी कुछ देर बाद अनु वापस आई उसके हाथ में एक छोटा बैग था जिसे उसने अपने साइड में रख लिया और दूसरे बैग से एक डेरी मिल्क चॉकलेट राधिका की तरफ बढ़ा दी l राधिका ने मुस्कुराते हुए ले ली l अनु ने बैग से एक चिप्स का पैकेट निकाला और आई की और बढाकर कहा,”घर पहुँचते पहुंचते आधा घंटा लग जाएगा आप लोगो को भूख लगी होगी न”


आई ने पैकेट ले लिया और खोलकर बाबा की और बढ़ा दिया l अनु वापस अपनी सीट पर जमकर बैठ गयी और मुरारी से चलने का इशारा किया l उसने बैग में रखी स्नीकर्स निकाली और खाने लगी खाते खाते मुरारी की तरफ देखा वो अनु को ही देख रहा था , उसे अपनी और देखता पाकर अनु ने इशारे से खाने के लिए पूछा तो मुरारी मन ही मन सोचने लगा,”अजीब लड़की है इह अभी कुछ देर पहले इतना गुस्सा हो रही थी और अभी अचानक से इतना प्यार दिखा रही है” l

मुरारी को खामोश देखकर अनु ने आधी चॉकलेट मुरारी की तरफ बढ़ा दी l और खुद अपने पांव ऊपर करके बैठ गयी और फोन चलाने में बिजी हो गयी l मुरारी अनु की जूठी चॉकलेट खाने लगा l महबूब की जूठी चीजे खाने का मजा ही कुछ और है l आई ने राधिका से कहा,”ये इसकी जूठी खा रहा है हमका तो लगता है……………!
“क्या लगता है आई ?”,राधिका ने पूछा !
“इन दोनों का पक्का चक्कर चल रहा है”,आई ने हैरानी से कहा l


“कितना अच्छा हो ना आई अगर सच में इन दोनों का चक्कर चले तो”,राधिका ने चहकते हुए कहा
“कुछ अच्छा नहीं होना है , अब तो हमका बेचारे मुरारी की फ़िक्र होय रही है”,आई ने चिप्स खाते हुए कहा l
गाड़ी ट्रेफिक में आकर रुकी l तभी पीछे से किसी ने आकर गाड़ी को टक्कर मारी l अनु गाड़ी से उतरी और सीधा पीछे बाइक सवार लड़के के पास जाकर उसे लतियाने लगी l

मुरारी उसे रोकने के लिए आया लेकिन वो कहा किसी की सुनने वाली थी उसने लड़के का कॉलर पकड़ लिया और कहा,”तेरे बाप की गाड़ी है जो ठोक दी , साले मुंह तोड़ दूंगी तेरा मैं , अँधा है दिखता नहीं तेरी तो मैं “
लड़का कहा पीछे रहने वाला था वह भी सुनाने लग गया l आई बाबा राधिका भी गाड़ी से बाहर आ गए l ट्रैफिक क्लियर हो चूका था लेकिन लड़का और अनु अभी भी लगे पड़े थे l बाकि मुंबई की पब्लिक कहा रुकने वाली थी वो तो अपने अपने रास्ते निकल गयी l

लड़के ने कुछ कहा तो अनु ने आगे बढ़कर उसे ऊँगली दिखाकर कहा,”अबे तू जानता नहीं है मेरे पापा कौन है ? अभी एक कॉल किया न तो सीधा अंदर जाएगा साले तेरी तो मैं…………….!”
“हे महादेव इह लड़की तो गाली भी देती है राधिका”,आई ने हैरानी से राधिका की तरफ देखकर कहा
“ऊँगली किसे दिखा रही है बे ?”,कहकर लड़के ने अनु के कंधे पर हाथ रखकर धक्का दिया l अनु के कुछ करने से पहले ही मुरारी ने एक थप्पड़ लड़के के गाल पर मारकर कहां,”का बे अकेली समझे हो ? कायदे में रहो बेटा !”

अनु गुस्से से दनदनाते हुए आयी और मुरारी को साइड करके लड़के का कॉलर पकड़ते हुए कहा,” तूने कॉलर कैसे पकड़ा बे ? तेरी ऐसी की तेसी साले हाथ कैसे लगाया तूने ! ” मुरारी ने अनु को कमर से पकड़ा और उठाकर गाड़ी की तरफ ले जाने लगा आई बाबा और राधिका को भी बैठने का इशारा किया l लड़के ने अनु को देखकर गुस्से से कहा,”साली पागल !! , उसकी इस बात से अनु और ज्यादा चिढ गयी

उसने मुरारी की पकड़ से छूटने की कोशिश करते हुए लड़के को कहा,”अबे तू पागल , तेरा बाप पागल , तेरा पूरा खानदान पागल ! आँखे फाड् फाड के क्या देख रहा है आँखे नोच लुंगी तेरी , तेरे मुंह का न मशरूम बना दूंगी ! l मुरारी अनु को पकड़कर ले आया गाड़ी में बैठाया और खुद भी आकर ड्राइवर सीट पर आ बैठा , लड़का बाइक लेकर वहा से जा चूका था पर अनु का गुस्सा अभी भी शांत नहीं हुआ था l मुरारी ने कहा,”का जरुरत थी तुमको इह सब करने की , वो लड़के है खामखा उनके मुंह काहे लगना “


“तुम तो कुछ बोलो ही मत मुरारी अगर तुम बिच मे नहीं आते न तो बताती उसे मैं कौन हु ?”,अनु ने गुस्से से कहा
“ठीक है अब घर चलते है”,मुरारी ने बात आगे ना बढ़ाते हुए कहा लेकिन आई बोल पड़ी,”तुम लड़की होकर गाली देती हो ?”
“तो क्या दो चार गालियों के लिए जेंडर चेंज करवाऊ ? गाली नहीं उन हरामियों की तो मैं ………!”,अनु ने पलटकर कहा l
मुरारी ने अनु के मुंह पर हाथ रखा और कहा,”चुप बिल्कुल ए चुप ! एक शब्द नहीं निकालना मुंह से !”,मुरारी ने अनु की आँखों में देखकर कहा l

मुरारी का हाथ अनु के मुंह पर था और अनु एक टक मुरारी की आँखों में देखे जा रही थी l पीछे बैठे आई बाबा और राधिका की नजरे उन दोनों पर थी l मुरारी और अनु को देखकर बाबा ने खांसने का नाटक किया तो मुरारी अनु से दूर हट गया l शर्म के मारे मुरारी की आई बाबा को देखने की हिम्मत भी नहीं हो रही थी l बस अब तो मुरारी जल्दी से जल्दी घर पहुंचना चाहता था ताकि कोई और बवाल ना हो एक ही दिन में इतने सारे बवाल पहले से हो चुके थे l

मुरारी ने गाड़ी की स्पीड तेज की और आगे बढ़ा दी कन्फयूजन में उसने गाड़ी गलत साइड मोड़ दी अनु ने जैसे ही बोलना चाहा मुरारी ने कहा,”कहे थे ना चुप मतबल चुप !”
अनु चुपचाप बैठ गयी आधे घंटे लगातार गाड़ी चलाने के बाद गाड़ी जाकर एक बड़ी सी दिवार के सामने जाकर रुकी l मुरारी ने हैरानी से कहा,”इह हम कहा आ गए ?” उसने अनु की तरफ देखा तो अनु ने अपने कंधे उचका दिए l

मुरारी ने गाड़ी बैक ली और एक साइड खड़ी करके निचे उतरकर किसी से पूछा तो उसने बताया की वो लोग गलत जगह आ गए है l मुरारी वापस आकर गाड़ी में बैठा और अनु से कहा,”तुम बता नहीं सकती थी हम गलत रास्ते जा रहे है” l अनु ने कोई जवाब नहीं दिया बस अपनी पलके झपकाते हुए मुरारी को देखती रही l “अब बोलो भी”, मुरारी ने कहा


“तुमने ही तो कहा था चुप रहना , एक शब्द नहीं बोलना”,अनु ने मासूमियत से कहा तो पीछे बैठे आई बाबा और राधिका हंस पड़े l मुरारी ने अपना सर पिट लिया l आगे आगे उसके साथ क्या क्या होने वाला है सोचकर ही वह घबरा गया l मुरारी को परेशान देखकर अनु न उसे अपनी सीट पर आने को कहा और खुद ड्राइवर सीट पर आ बैठी l उसने गाड़ी स्टार्ट की फूल स्पीड में आगे बढ़ा दी l आधे घंटे का रास्ता उसने 15 मिनिट में तय कर दिया l गाड़ी घर के अंदर थी अनु उतरी और अंदर चली गयी l

आई बाबा मुरारी और राधिका भी गाड़ी से उतरे l अधिराज जी , अम्बिका , शिवम् और सारिका उन्हें लेने बाहर आये l सारिका ने आकर आई बाबा के पांव छुए उसे देखते ही आई के चेहरे पर ख़ुशी छा गयी l वह तो आते ही सारिका की बलाये लेने लगी l बाबा और आई सारिका के माँ पापा से मिले तो जाना की वे दोनों बहुत भले लोग है l अधिराज जी सबको अंदर ले आये l राधिका गाड़ी से सामान निकालने में मुरारी की मदद करने रुक गयी l

मुरारी गाड़ी से उतरा और बाहर आया उसने अपना हाथ अपने सर से लगाया हुआ था उसे देखकर राधिका ने मुस्कुराकर कहा,”का भैया अभी से सर में दर्द होने लगा ?”
“राधिका अनु अपने आप में एक बवाल है और तुझे पता है आई भी यहाँ है , इसका मतलब जानती हो ?”,मुरारी ने परेशान होकर कहा l राधिका ने ना में गर्दन हिलायी तो मुरारी ने रुआंसा होकर कहां,” इह का मतलब है हमारी अब दोनों तरफ से बेंड बजने वाली है” l


मुरारी की बात सुनकर राधिका हसने लगी और कहा,”ये बात तो है भैया और हमको इह भी मालूम है की तुम सब एडजस्ट कर लोगे l बाकि भाभी और तुमरी जोड़ी गजबे है !” मुरारी मुस्कुरा दिया और सामान उठाकर राधिका के साथ अंदर चला आया l हॉल में बैठकर सभी बाते कर रहे थे l अधिराज जी और अम्बिका का सरल व्यवहार देखकर आई बाबा के मन से बडे शहर का डर भी जाता रहा l अधिराज जी ने बाबा से शिवम् और सारिका की शादी की बात की तो आई बाबा ने अपनी तरफ से सहमति दे दी l

अनु ने जब सुना तो उसका दिल टूट गया वो वहां से उठकर अपने कमरे में चली गयी कमरे में आकर वह यहाँ से वहा चक्कर काटने लगी l आखिर उसके साथ ही ऐसा क्यों हुआ ? जिस से उसे प्यार हुआ वो किसी और का कैसे हो सकता है वो भी उसकी बड़ी बहन का होने वाला पति l शिवम् को लेकर अनु के मन में सारिका के लिए धीरे धीरे नफरत पैदा होने लगी थी वह सोचने लगी की आखिर ऐसा क्या करे जिस से शिवम् उसका हो जाये ? जाकर शिवम् को बता दे ,

नहीं इस से शिवम् को कोई फर्क नहीं पड़ेगा सारिका के होते वह कभी उस से प्यार नहीं करेगा l तो फिर सारिका को बता दे , पर सारिका अपना प्यार भला इतनी आसानी से उसे क्यों देगी ? तो फिर क्यों ना सारिका को ही रास्ते से हटा दे , और उसके बाद शिवम् खुद ब खुद उसका हो जाएगा !”
अनु के दिमाग मे ऐसे अजीबो गरीब ख्याल आने लगे l वह पसीने से तरबतर हो चुकी थी जैसे ही सारिका ने आकर उसके कंधे पर अपना हाथ रखा वह घबराकर पीछे पलटी l

उसे देखकर एक पल को सारिका भी घबरा गयी और कहा,”अनु ! अनु क्या हुआ तुझे ? तेरी तबियत तो ठीक है ना
“आई ऍम ओके !”,अनु ने सकपकाते हुए कहा
सारिका ने उसे बेड पर बैठाया और पास रखा पानी का ग्लास उठाकर उसे पानी पिलाते हुए पूछा,”अनु सच बता तू ठीक है ना ,जबसे आये है तबसे तू कुछ परेशान सी दिख रही है l कोई बात है तो तू मुझसे कह सकती है !”
“नहीं दी ऐसा कुछ नहीं वो बस सफर के कारण थोड़ा थक गयी हु न तो “,अनु ने बहाना बनाया l

सारिका ने उसके माथे पर आया पसीना पोछते हुए कहा,”तुम एक काम करो आराम करो , हम तुम्हारे लिए नाश्ता यही ले आते है”
सारिका अनु को वही छोड़कर चली गयी l सारिका को लेकर आये खयालो में अनु उलझी हुई थी सारिका जब नाश्ता लेकर आयी तो अनु सो चुकी थी l सारिका ने उसे कम्बल ओढ़ाया और उसके सर पर किस करके कहा,”ईश्वर करे तुम्हारी सारी परेशानिया जल्दी से ख़त्म हो जाये l सारिका ने रूम की लाईटे बंद की और खिड़की पर परदे लगाकर वह बाहर आ गयी l सबने नाश्ता किया l

अधिराज जी ने आई बाबा से कुछ देर आराम करने को कहा राधिका सारिका के साथ उसके कमरे में चली आयी ताकि अपनी होने वाली भाभी से बात कर सके l आई बाबा शिवम् और मुरारी गेस्ट रूम में आ गए l बाबा कुछ देर के लिए लेट गए लेकिन अपनी आई को कहा आराम था उसने बैग खोला और एक बड़ा सा पैकेट उसमे से निकाला जिसमे सारिका के लिए उसकी शादी का जोड़ा था l आई ने शिवम् को वह जोड़ा दिखाया और गहने भी जो वह सारिका के लिए लेकर आये थे l

मुरारी ने देखा तो आई के पास बैठते हुए कहा,”और हमरे लिए ?
“अरे रुको तनिक तुमरे लिए भी लाये है”,कहते हुए आई ने एक पैकेट मुरारी की तरफ बढ़ा दिया l मुरारी ने जल्दी से खोलकर देखा तो उसमे एक सफ़ेद रंग की गुलाबी फूलो वाली शर्ट थी l मुरारी को वह शर्ट बहुत पसंद आयी l उसने आई को थैंक्यू कहा आई शिवम् और सारिका के लिए बहुत खुश थी अब तो बस वह जल्द से जल्द सारिका को अपनी बहु बनाकर बनारस ले जाना चाहती थी l

दोपहर के खाने के बाद अम्बिका ने आई को मार्किट चलने को कहा l अधिराज जी बाबा को सारिका का ऑफिस और मुंबई घुमाने ले गए l आई ने सारिका और शिवम् को भी साथ चलने को कहा l सारिका ने अनु और राधिका को भी अपने साथ जाने के लिए मना लिया l सभी तैयार होकर आये अनु जा रही है जब मुरारी को पता चला तो वह भी अंदर गया और आई की लाई हुई शर्ट पहनकर बाहर आया l अनु ने जैसे ही मुरारी को उस शर्ट में देखा कहा,”ये क्या पहना है गुलदस्ते लग रहे हो ?”


“अच्छी नही है क्या ?”,मुरारी ने शर्ट सही करते हुए पूछा
“नही जाओ जाकर चेंज करके आओ”,अनु ने लगभग आर्डर देते हुए कहा l
मुरारी अंदर गया और शर्ट चेंज करके आया लेकिन जैसे ही बाहर आया अनु वहा नही थी बल्कि आई खड़ी थी मुरारी को दूसरी शर्ट में देखते ही आई ने कहा,”का रे मुरारी हम जॉन शर्ट लाये थे उह का पसन्द नही आय रहा तुमको ? जो बदलकर आये हो ! हम इतने मन से लाय रहे तुमरे लिए और तुम !”


“अरे आई पसन्द है वो भी हमको”,मुरारी ने झेंपते हुए कहा
“पसन्द है तो ऊह काहे नहीं पहिने , तू बदल गया है रे मुरारी”,आई ने ताना मारते हुए कहा
“अरे अरे आई ऐसा कुछ नहीं है”,मुरारी ने कहा
“तो जाओ फिर जो हम लाय रहे ऊह ही शर्ट पहिन के आओ , और सुनो जरा जल्दी आना”,कहकर आई वहा से चली गयी


बेचारा मुरारी एक बार फिर फूलो वाली शर्ट पहनकर बाहर आया घर से बाहर आया तो अनु और आई साथ में ही मिल गयी मुरारी को उसी शर्ट में देखकर अनु ने कहा,”व्हाट इज दिस अभी तो कहा था अच्छा नही है , चलो जाओ चेंज करके आओ”
“हम्म्म्म जाते है”,मुरारी ने कहा और वापस अंदर की और भागा l अम्बिका , राधिका, शिवम् और मुरारी एक गाड़ी से पहले ही वहा से निकल चुके थे बचे आई मुरारी और अनु l मुरारी के अंदर जाते ही अनु ने आई की तरफ देखा और मुस्कुरा कर भौंहे चढ़ा ली l

आई को इस से लज्जा महसूस हुई l मुरारी जैसे ही शर्ट चेंज करके आया आई ने कहा,”अरे मुरारी बकरी की दुम इक लड़की के इशारे पर कैसे नाच रहा है तू , हमारी शर्ट नही पहने ना तो समझ लियो बनारस का दरवाजा बंद तुमरे लिए”
आई का इतना कहना था कि मुरारी फिर से अंदर भागा और आई वाली शर्ट पहन कर आया l मुरारी हांफ रहा था अब तो अनु और आई के बीच एक हल्का मुकाबला शुरू हो चुका था l

दोनों ही मुरारी को शर्ट चेंज करवाने पर अड़ गयी l आई के पास दिमाग था तो अनु के पास हुस्न और अदाएं वह मटकती हुई मुरारी के पास आयी और अपनी ऊँगली मुरारी के गाल पर घुमाते हुए कहा,”बेबी ये शर्ट तुम पर बिल्कुल सूट नही कर रहा , प्लीज़ चेंज इट ना !”
अनु की छुअन से मुरारी पिघल गया दौड़कर अंदर गया और फिर से शर्ट चेंज कर ली l अनु ने आई की तरफ देखकर आँख मारी आई का तो खून ही जल गया l

इस वक्त आई और अनु मदारी बनकर मुरारी नाम के उस एक बन्दर को बखूबी नचा रही थी और बेचारा बन्दर मतलब अपना मुरारी नाच भी रहा था क्योंकि दोनों में से किसी भी एक को नाराज करना मुसीबत को न्योता देने जैसा था l मुरारी बाहर आया तो अनु और आई झगड़ने लगी अपनी अपनी पसंद को लेकर मुरारी ने चिल्लाकर कहा ,”बस ! हमारे पास एक आइडिया है”

कहकर मुरारी अंदर गया लेकिन काफी देर तक बाहर नहीं आया l अनु ने आई के कंधे पर अपनी कोहनी रखते हुए कहा,”वो अंदर कर क्या रहा है ?
आई ने अपना कंधा झटक कर अनु का हाथ नीचे कर दिया और कहा खुद ही जाके देख लो ! “
मुरारी बाहर आया लेकिन इस बार उसे देखकर ना अनु कुछ बोल पाई ना ही आई बल्कि दोनों उसे देखकर हैरान थी मुरारी ने दो शर्ट को जोड़कर एक बनाया हुआ था

एक तरफ आई वाला दूसरी तरफ अनु की पसन्द का l मुरारी ने दोनों को देखकर कहा,”अब ठीक है , अब चलो!”
आई और अनु दोनों चुपचाप मुरारी के पीछे चल दी दोनों ने चलते हुए एक दूसरे की तरफ देखा और ठहाका लगाकर हंस पड़ी l मुरारी आगे चलते हुये मन ही मन खुद को कोसते हुए बोला,”एक कम थी जो अब दूसरी को भी भेज दिए मेरी वाट लगाने , कैसे मेरी बेइज्जती पर मुंह फाड़ रही है दोनो”

सभी मुम्बई के बड़े मॉल में पहुंचे और खरीदारी करने लगे l हर कोई मुरारी को देखकर हंस रहा था सारिका ने देखा तो मुरारी को अपने साथ एक शॉप में ले गयी और नया शर्ट खरीदकर पहनने को दिया और कहा,”अब आपसे कोई भी कहे चेंज मत करना कहना हमारी भाभी ने दिया है”
मुरारी मुस्कुरा दिया l अनु राधिका को साथ लेकर चली गयी और अपने और राधिका के लिए ड्रेसेज देखने लगी l

अम्बिका और आई अपने लिए साड़ियां देखने में बिजी थे l मॉल के चौथे माले पर थियेटर था मुरारी ने फिल्म की दो टिकट बुक की और लेकर शिवम् सारिका के पास आकर टिकट उन्हें देते हुए कहा,”इह लो टिकट और जाकर फिल्म देखो !”
“लेकिन आई और आंटी जी”,शिवम् ने कहा
“अरे इन बुड्ढियो में तुमरा का काम तुम दोनों इंजॉय करो l इनको हम सम्हाल लेंगे और फिर भाभी का भी तो मन होगा ना तुमरे साथ फिल्म देखने का”,मुरारी ने कहा


सारिका आगे आयी और मुरारी के गले लगकर कहा,”आप बहुत अच्छे है देवर जी !”
“का कही जरा फिर से कहना ?”,मुरारी ने ख़ुशी से चहकते हुए कहा l
“देवर जी , अगर हम आपकी भाभी है तो हुए ना आप हमारे देवर जी”,सारिका ने प्यार से मुरारी के गाल पकड़ते हुए कहा
“इह लाड़ प्यार सब बाद में दिखा दीजियेगा पहीले जाकर फिल्म देख लो , निकल जाएगी और हां पॉपकॉर्न ले जाना ना भूलना”,कहकर मुरारी आई की तरफ चला गया


सारिका और शिवम् दोनों भी मूवी देखने चले गए शॉपिंग में सब इतने बिजी थे की किसी को शिवम् सारीका का ध्यान नही l सबने शॉपिंग की और अपने अपने बैग लेकर आये अम्बिका ने अपने बैग मुरारी के हाथ में थमा दिए l आई ने भी अपने बैग मुरारी को थमा दिए और अम्बिका के साथ गहने देखने निकल गयी l राधिका आयी तो उसने भी बैग मुरारी को ही दिए और बची अनु उसने देखा

मुरारी के हाथ में आलरेडी इतना सब है तो उसने अपना बैग अपने पास ही रखा लेकिन एक बड़ा पर्स कहा रखती तो मुरारी ने गर्दन झुकाकर कहा,”लाइये यहां डाल दीजिए l अभी तो मुंह कान नाक सब बाकि है एक जगह मत छोड़िये l”
अनु ने मुरारी की इस बकवास पर पर्स तो उसके गले में डाला ही साथ ही साथ बैग भी थमा दिया और चली गयी मुश्किल से मुरारी सब उठाये गाड़ी तक पहुंचा और सामान रखकर गाड़ी में ही बैठ कर सुस्ताने लगा l एक महीने में वो इतना नही थका था जितना आई और अनु ने आधे दिन में थका दिया था l


अम्बिका और राधिका भी आ गयी और पीछे पीछे आई और अनु आ रही थी दोनों में अकड़ अभी भी बाकि थी तभी एक लड़का सामने से आते हुए अनु से टकरा गया आई ने देखा तो उन्होंने लड़के को डांटते हुए कहा,”क्यों बे दिखाई नहीं देता ऐसे लड़कियों को धक्के मारते चल रहा है “
“तो क्या आंटी तुमको तो टच नही किया न”,लड़के ने आई के कंधे पर धक्का मारकर कहा l


आई कुछ समझती इस से पहले ही अनु ने खींचकर एक थप्पड़ लड़के के कान के नीचे मारा लड़का नीचे जा गिरा तो अनु ने उठाकर कहा,”चल सोररी बोल उन्हें , घर में माँ है ना तो इज्जत किया कर हर औरत की चल सोररी बोल
लड़के ने आई को सोररी बोला और चला गया आई हक्की बक्की सी अनु के पास आयी और कहा,”इह का था ? तुमरे एक थप्पड़ में उह नीचे जा गिरा !”


“आंटी वो था कंटाप , कंटाप मारना नहीं सीखा है आपने ,, अरे आपके बनारस में फेमस है”,अनु ने चहकते हुये कहा
आई बस ख़ामोशी से अनु के आँखों की चमक देखती रही अनु ने आई से चलने को कहा चलते हुए अनु ने आई के कंधे पर अपना हाथ रखा पर इस बार आई ने उसका हाथ नही झटका बल्कि अनु की तरफ देखकर मुस्कुरा दी l

मुरारी ने जब दोनों को साथ साथ मुस्कुराते आते देखा तो अपनी आँखे मसली और हैरानी से देखते हुए मन ही मन कहा

गब्बर और मोगेम्बो में दोस्ती हो गयी , मतलब ठाकुर (मुरारी) तो गियो”

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संजना किरोड़ीवाल

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