Sanjana Kirodiwal

Story with Sanjana Kirodiwal

Telegram Group Join Now

रांझणा – 38

Ranjhana – 38

heart a brokenbroken heart a

Ranjhana

Ranjhana By Sanjana Kirodiwal

Ranjhana – 38

सारिका शिवम् को लेकर एक बिल्डिंग में आई जिसका नाम “आशीर्वाद कॉम्प्लेक्स” था ! कॉम्प्लेक्स के 5th फ्लोर पर सारिका ने कंपनी की और से शिवम् के लिए एक 1 bhk फ्लेट बुक किया था ! सारिका शिवम् को वह हर सुविधा देना चाहती थी जो उसे शिवम् की और से बनारस में मिली थी l सारिका ने फ्लेट भी ऐसा चुना जिसकी खिड़की से सामने का समंदर साफ साफ दिखाई दे साथ ही शिवम् को सरप्राइज देने के लिए सारिका ने खिड़की वाली पूरी दिवार पर डिजाइनर की मदद से बनारस के घाट का पुरा नजारा बना दिया l

दूर से देखने पर लगता जैसे बनारस के किसी घाट पर ही खड़े हो ! शिवम् ने देखा तो बहुत खुश हुआ !! उसने सारिका से कहा,”मैडम जी आपने तो हमे हमारा बनारस लौटा दिया”

“आपके लिए हम जितना करे , उतना कम होगा शिवम् ! अच्छा लगा आपको ?”,सारिका ने मुस्कुराते हुए शिवम् की और देखकर पूछा !

“हम्म बहुत अच्छा है”,शिवम् ने नजर घुमाकर देखते हुए कहा

“आज से इसमें आप और मुरारी रहेंगे”,सारिका ने चाबी शिवम् की और बढाकर कहा !!

“हम यहाँ कैसे ?”,शिवम् ने हिचकिचाते हुए कहा !

“शिवम् हमारी कम्पनी हर मैनेजर को गाड़ी और फ्लेट देती है , आज से ये फ्लेट आपका है”,सारिका ने सहजता से कहा !

शिवम् ने कुछ नहीं कहा बस हाँ में सर हिला दिया सारिका ने घूमकर फ्लेट की सारी वयवस्थाये देखी और कहा,”बाकि सारा इंतजाम तो हमने करवा दिया है बस कुछ सामान है अगर आप फ्री हो तो हम मॉल चलकर ले सकते है”

“ठीक है”,शिवम् ने कहा ! सारिका शिवम् के साथ निचे आयी और काका से घर जाने का कहकर का ड्राइविंग सीट पर आ बैठी और शिवम् उसकी बगल वाली सीट पर सारिका ने गाड़ी मार्किट जान वाले रास्ते की और बढ़ा दी ! एक गहरी ख़ामोशी गाड़ी में फैली रही दोनों में से कौन पहले बोले ! ख़ामोशी को तोड़ने के लिए सारिका ने गाने चला दिए पर गाने ने दोनों की ख़ामोशी को और बढ़ा दिया ! गाना बजने लगा,

“खामोशियाँ आवाज है तूम सुनने तो आओ कभी ,

छूकर तुम्हें खिल जाएंगी , घर इनको बुलाओ कभी

बेकरार हैं बात करने को , कहने दो इनको ज़रा
खामोशियाँ , तेरी मेरी, खामोशियाँ

खामोशियाँ , लिपटी हुई, खामोशियाँ”

गाने के बोल दोनों के हाल-ए-दिल बया करने को काफी थे ! शिवम् बस रास्ते भर सारिका को देखता रहा वही सारिका सामने देखते हुए भी दिल की नजरो से शिवम् को देख लेती ! गाड़ी मॉल के बाहर पहुंची सारिका ने गाड़ी पार्किंग मे लगाई और उतरकर शिवम् के साथ मॉल में दाखिल हुई ! सबसे पहले सारिका शिवम् को लेकर एक शोरूम में गयी जहा रोजमर्रा की जरूरतों का सारा सामान मौजूद था l

सारिका ने शिवम् से पूछ पूछ कर सामान पैक करवाया और फिर दूसरी दुकान में चली आई वहा से भी सामान पैक करवाया और शॉप वाले से निचे काउंटर पर भिजवाने को कहा ! शाम के 7 बज रहे थे सारिका शिवम् को लेकर सामने कॉफी शॉप में लेकर गयी ! सारिका ने दोनों के लिए कॉफी आर्डर की और शिवम् के बिलकुल सामने बैठते हुए कहा,”माफ़ करना आपके यहाँ आने के बाद आपसे ठीक से बात भी नहीं हो पाई , वो ऑफिस का कामो में इतना बिजी होते है की कुछ समझ नहीं आता”

“आपको माफ़ी मांगने की जरूरत नहीं है , बल्कि जब भी हम आपको काम करते देखते है तो हमे गर्व महसूस होता है”,शिवम् की आँखे चमक उठी !

“कैसा लगा शहर ?”,सारिका ने पूछा

“अच्छा है”,शिवम् ने छोटा सा जवाब दिया

“और यहाँ के लोग ?”,सारिका ने शिवम् की आँखो में देखते हुए पूछा

“काफी दिलचस्प !”,शिवम् ने भी सारिका की आँखों में झांकते हुए कहा

“अगर आप चाहे तो आई बाबा भी यहाँ आकर रह सकते है , अब तो आपके पास खुद का घर है”,सारिका ने कहा

“हम्म्म आई से बात हुई थी , वो जल्दी ही आएँगी (अपनी होने वाली बहु को लेने – मन ही मन आगे की बात पूरी करता है)”,शिवम् ने कहा

“हमे भी उनसे मिलना है”,सारिका ने खुश होकर कहा

लड़का दोनों के सामने कॉफी का कप रखकर चला गया ! सारिका ने कॉफी का कप शिवम् की और बढ़ाया और दूसरा कप खुद लेकर पिने लगी ! एक बार फिर खामोशियाँ उन दोनों के बिच आ गयी ! कॉफी पीकर काफी देर दोनों बैठे रहे l सारिका को शिवम् का साथ काफी सहज लगता था पर इस सहजता का मतलब वह समझ नहीं पा रही थी l कुछ देर बाद दोनों उठे और निचे आ गए सारिका ने सामान का बिल अदा करना चाहा तो शिवम् ने रोकते हुए कहा,”अपनी आदत मत डालिये मैडम जी”

सारिका ने मुस्कुराकर कार्ड वापस अपने बेग में रख लिया शिवम् ने बिल पे किया और सामान लेकर सारिका के साथ बाहर आ गया l शिवम् ने सामान गाड़ी में रखा और अंदर आकर बैठ गया सारिका ने गाड़ी स्टार्ट की और रश्मि के घर आ गयी वह आकर उसने शिवम् से अपना और मुरारी का सामान लेकर आने को कहा l शिवम् ने अपना सामान लिया साथ ही रश्मि का भी शुक्रिया अदा किया

घडी रात के 8 बजा रही थी पर आज सारिका को घर जाने की जल्दी नहीं थी शिवम् के साथ उसे वक्त का पता ही नहीं चलता था लगता था जैसे वक्त कही थम सा गया है !! शिवम् को लेकर सारिका ने गाड़ी वापस सड़क पर दौड़ा दी ! जैसे ही गाड़ी मरीन ड्राइव के सामने से गुजरी सारिका ने गाड़ी रोककर शिवम् से कहा,”समंदर देखने चलेंगे !!

शिवम् को सारिका के साथ वक्त बिताने का मौका मिल रहा था वह क्यों मना करता ? उसने हां में गर्दन हिला दी l सारिका ने गाड़ी एक तरफ लगाई और शिवम् के साथ आकर दिवार पर बैठ गयी ! रात के समय वह समंदर और भी खूबसूरत दीखता था ! शिवम् ने देखा बनारस के घाटों और यहाँ के समंदरों में भले ही काफी अंतर था पर एक चीज सेम थी वो था सारिका का साथ !

दोनों साथ साथ बैठकर समंदर की आती जाती लहरों को देखते रहे ! शिवम् बड़े गौर से समंदर के पानी को निहार रहा था उसे खोया हुआ देखकर सारिका ने कहा,”शिवम् आपसे एक बात कहे !”

“हम्म्म्म कहिये ना”,शिवम् ने समंदर से नजरे हटाकर सारिका पर जमाते हुए कहा

“हम जब भी आपके साथ होते है तो लगता है जैसे हम अब भी बनारस के ह किसी घाट पर मौजूद है , आपका साथ हमे बनारस का अहसास दिलाता है , जिसके लिए हम हमेशा आपके आभारी रहेंगे”,सारिका ने शिवम् से नजरे हटाकर सामने समंदर को देखते हुए कहा

“आप बनारस को हमसे भी ज्यादा पसंद करती है सारिका जी , वापस चलिए हमारे साथ”,शिवम् ने बातो ही बातो में अपने दिल की बात कह दी !

“नहीं शिवम् अब जाना नहीं हो पायेगा !! जानते हो जब भी हम परेशान होते है या उदास होते है यहाँ चले आते है , पिछले कुछ सालो से ये समंदर ही हमारा बनारस रहा है”,सारिका ने उदास नजरो से समंदर को देखते हुए कहा

सारिका की उदास आँखे देखकर शिवम् का दिल किया अभी उसे सब सच बता दे लेकिन वह सारिका को परेशान करना नहीं चाहता था बल्कि सारिका के दिल में अपने लिए प्यार जगाना चाहता था जो सारिका ने अपने दिल के किसी कोने में दफ़न कर लिया था ! सारिका ने शिवम् को खामोश देखा तो कहने लगी,”हम भी ना क्या कहने लगे ? आप बताईये !

“क्या अब आप कभी बनारस नहीं आएँगी ?”, शिवम् ने सारिका की आँखों में झांकते हुए कहा
“शायद !”,कहते हुए सारिका शून्य में ताकने लगी l शिवम् ने आगे कुछ नहीं कहा बस सारिका की उदास आँखों में अपने सवाल का जवाब तलाशने लगा जिनमे साफ साफ बनारस जाने की ललक दिख रही थी l जैसे जैसे वक्त बिता दिवार पर जोड़े आकर बैठने लगे l दिन दुनिया से बेखबर कोई किसी के कंधे पर अपना सर रखे हुए था l कोई किसी की गोद में सर रखे उसकी जुल्फों से खेल रहा था l

कोई हाथो को हाथ में लिए वादे कर रहा था l सारिका को ये सब अक्सर देखने को मिलता पर शिवम् तो शायद इतना खुला प्यार पहली बार देख रहा था l सारिका की गोद में सर रखना तो दूर उसने अभी तक चाहकर सारिका का हाथ भी नही थामा था l कभी प्यार से उसके कंधे पर सर नहीं रखा , कभी उसके नाजुक हाथो को अपने हाथों में लेकर नहीं बैठा था l शिवम् दूसरी तरफ देखने लगा l

उसी तरफ सारिका की नजर थी पर सामने का नजारा देखकर दोनों ही दंग थे l उनसे कुछ ही दूरी पर बैठे एक प्रेमी जोड़े ने एक दूसरे के होंठो से सटाया हुआ था और सबसे बेखबर दोनों रसपान करने में मग्न थे l ये देखकर शिवम् ने नजरे तुरन्त हटा ली पर देख चुका ही था l सारिका शिवम् की और देखने लगी सारिका का इस तरह देखना उसे बैचैन कर गया l उन आँखों में आज कुछ अलग ही कशिश थी शिवम् का दिल अब सामान्य से तेज चलने लगा था l

सारिका एकटक बस शिवम् को ही देखे जा रही थी सारिका के इस तरह देखने से शिवम् का दिल और तेज धड़कने लगा l सारिका शिवम् के करीब आई और जैसे ही अपना हाथ शिवम् के गाल की तरफ बढ़ाया शिवम् हल्का सा पीछे हट गया l सारिका फिर भी आगे आई l पसीने की बुँदे शिवम् के माथे पर साफ दिखाई दे रही थी l सारिका ने गाल से होते हुए उसका हाथ बालो तक बढ़ाया और कुछ लेकर शिवम् के सामने करके कहा,”डोंट वरी सिर्फ ये निकाल रही थी !”


कहकर सारिका फिर सामने देखने लगी l शिवम् ने अपना हाथ अपने दिल पर रख लिया और एक लंबी साँस ली (शिवम् ने भी वही सोचा जो आपने सोचा था पर ऐसा कुछ नही हुआ) कुछ देर बाद सारिका ने कहा,”चले !”
“जी !”,कहते हुए शिवम् उठ खड़ा हुआ l दोनों वहा से फुटपाथ पर आये सारिका की नजर सामने मक्के वाले पर गयी शिवम् को रुकने का कहकर सारिका उस और बढ़ गयी और दो मक्के ले आई

एक अपने लिए दुसरा शिवम् के लिए जब शिवम् के पास आई तो उसका फोन बजने लगा उसने दोनों शिवम् को दिए और खुद फोन पर बात करने लगी बात करते हुए उसने शिवम् से चलने का इशारा किया शिवम् दोनों हाथों में मक्का थामे उसके साथ चलने लगा तभी उसने देखा उसके जूतों की लेस खुली हुई है पर बांधे कैसे ? उसके हाथ में मक्के थे और सारिका बात करते हुए आगे निकल गयी शिवम् परेशान सा वही रुक गया l

सारिका ने देखा शिवम् उसके साथ वह पलटी और रुके हुए शिवम् के पास वापस आई तो शिवम् ने जूतो की लेस के बारे में बताया l शिवम् ने उसे मक्के पकड़ने को कहा ताकि वह शु लेस बांध सके लेकिन सारिका नीचे बैठी और खुद ही शिवम् की शु लेस बाँधने लगी l शिवम् को बड़ी हैरानी हुई इतनी बड़ी कंपनी की मालकिन और उसमें जरा भी घमण्ड नही l
“वाओ हाऊ रोमांटिक , कितना खूबसूरत कपल है”,पास से गुजरते एक जोड़े से लडके ने कहा


“या मेन यू आर सो लकी जो तुम्हे इतना प्यार करने वाली लड़की मिली”,साथ आई लड़की ने भी कहा
सारिका उठी ओर मुस्कुराकर दोनों से कहा,”सॉरी वी आर नॉट कपल्स “
प्रेमी जोड़े ने हैरानी से एक दूसरे की और देखा और फिर मुस्कुराकर चले गए l
“हमने सही कहा न शिवम्”,सारिका ने शिवम् की आँखों में झांकते हुए कहा l
“हम्म्म्म !”,शिवम् ने कहा और मन ही मन बोल पड़ा ,”आपने सही कहा वी आर नॉट कपल , क्योंकि हम दोनों एक ही है l”


सारिका ने शिवम् के हाथ से अपना मक्का लिया और दोनों खाते हुए साथ साथ फुटपाथ पर चलने लगे l कहने को दोनों के पास कुछ खास नहीं था बस खामोशिया ही उनकी साथी थी l दोनों गाड़ी के पास चले आये l कुछ देर रुके और फिर सारिका ने कहा,”चलिये आपको घर छोड़ देते है”
“गाड़ी हम चला सकते है”,शिवम् ने हिचकिचाते हुए पूछा
“हां बिल्कुल !!”,सारिका ने गाड़ी की चाबी शिवम् की और बढ़ा दी l


दोनों अंदर आ बैठे l सारिका ने बैठते ही कहा,”आपने मुरारी को बताया ना नयी जगह के बारे में ?
“नहीं हम शाम से ही उसका फोन ट्राय कर रहे है पर आउट ऑफ नेटवर्क है , उसकी चिंता मत कीजिये वो हमें फोन कर लेगा”,शिवम् ने गाड़ी स्टार्ट कर आगे बढ़ाते हुए कहा l
“फिर ठीक है , हम उनसे भी ठीक से बात नही कर पाए”,सारिका ने कहा
शिवम् सामने देखते हुए गाड़ी चलाता रहा खामोशिया एक बार फिर पसर चुकी थी l

शिवम् मिरर में सारिका की आँखे बार बार देखने लगा l ख़ामोशी पसरी देखकर सारिका ने म्यूजिक ऑन कर दिया l कहते है जब आप प्यार में होते है तो हर रोमांटिक गाना आपको खुद से जुड़ा हुआ महसूस होने लगता है l प्लेयर पर गाना बजने लगा
,”महसूस खुद को तेरे बिना मैंने कभी किया नहीं ,
तू क्या जाने लम्हा कोई मैंने कभी जिया नहीं
अब जो मिले है तो शिकवे गीले ना हो
बस इश्क़ हो बस इश्क़ हो


अब जो हंसे है तो आंसू कोई ना हो
बस इश्क़ हो बस इश्क़ हो l
ये जूनून मेरा मचल जाये कहा , कहा
रब तुझमे अब पा रहा हु मैं यहाँ
अब जीलू लू तेरी आँखों में ये समा वो हो
तू गया तो रोया था संग मेरे आसमा , आसमा l

वैसे इंसान सेंकडो गाने सुनता है पर जब प्यार में होता है तो उसे गाने के शब्द समझ आने लगते है l गाड़ी में बजता वो गाना , सिर्फ गाना नहीं बल्कि यु मानिये शिवम् की वो फीलिंग्स थी जो वह सारिका के लिए महसूस करता था l सारिका खिड़की से बाहर देखते हुए एक बार फिर बनारस की यादो में डूब गई l अभी कुछ ही दूर चले थे की बारिश शुरू हो गयी l अब देखो भैया मुम्बई की बारिश का कोई भरोसा नहीं है l

बारिश , खूबसूरत गाना और साथ में अपना महबूब हो तो किसी को ऊपरवाले से और क्या चाहिए l शिवम् बहुत खुश था l गाड़ी आशीर्वाद कॉम्प्लेक्स के बाहर आकर रुकी l शिवम् और सारिका गाड़ी से उतरे और भागते हुए कॉरिडोर में आये l दोनों भीग चुके थे l
“मैडम जी , आप तो पूरा भीग चुकी है ऐसे खड़ी रहेंगी तो आप बीमार हो जाएँगी l जब तक बारिश नहीं रुक जाती आप ऊपर चलकर खुद को सुखा लीजिये”,शिवम् ने सारिका से कहा


“आप परेशान मत होइए , हम ठीक है”,सारिका ने कांपते हुए कहा बारिश का ठंडा पानी बदन ने झुरझुरी पैदा कर रहां था l
“देखिये आप बीमार पड़ जाएँगी , चलकर कपडे बदल लीजिये “,शिवम् ने कहा
सारिका मना नहीं कर पाई और शिवम् के साथ ऊपर उसके फ्लेट में चली आई l शिवम् ने सारिका से वही रुकने का कहा और दौड़कर नीचे आया l बारिश अपने पूरे जोर पर थी शिवम् ने गाड़ी से अपना बैग निकाला और ऊपर ले आया l शिवम् पूरा भीग चुका था उसके कपड़ो से पानी टपक रहा था और फर्श को गीला कर रहां था उसे देखकर सारिका ने कहा,”पहले आप चेज कर लीजिए”


अपनी हालत देखकर शिवम् ने ही पहले चेंज करना सही समझा l वह बैग से कपडे निकालकर बाथरूम की और बढ़ गया l कुछ देर बाद सफ़ेद कुरता पाजामा पहले बालो को तोलिये से पोछते हुए वह बाहर आया l उसने सारिका से कहा,”आप भी जाकर बदल लीजिये”
“पर हम पहनेंगे क्या ?”,सारिका ने असमझ से कहा
“एक मिनिट”,कहकर शिवम् टेबल की और बढ़ा जहा उसका बैग रखा था l

उसने अपने बैग से अपना दूसरा कुरता पाजामा निकाला और सारिका की और बढाकर कहा,”फ़िलहाल के लिए हमारे पास यही है , थोड़े लूज रहेंगे पर जब तक आपके कपडे सूखेंगे तब तक काम निकल जायेगा “
सारिका ने शिवम् के हाथ से कपडे लिए और बाथरूम की और बढ़ गयी l तब तक शिवम् नीचे आया और गार्ड से कुछ खाने का इंतजाम करने को कहा l
“कॉम्प्लेक्स में नए हो का साहब ? अब तक तो मुम्बई की सड़कों पर पानी जमा हो गया होगा !

खाने का बन्दोबसत तो मुश्किल है l हाँ बारिश रुकने के बाद कुछ हो सकता है और बारिश को देखकर लगता नही के रुकेगी”,गार्ड ने हाथ में खैनी रगड़ते हुए कहा
बुझे मन से शिवम् वापस जाने लगा तो गार्ड ने कहा,”अच्छा सुनो ये सामने चाय की दुकान है वहां चाय और बिस्कुट मिल सकता है , अगर कहो तो ला दू आज आज उसी से काम चला हो साहब “


“ठीक है ले आइये “,कहकर शिवम् ने जेब से पैसे निकालकर गार्ड की और बढ़ा दिए l
“कहा पहुचाना है ?”,गार्ड ने कहा l
“यही , हम यही खड़े होकर आपकी जगह ड्यूटी करेंगे तब तक आप ले आओ”,शिवम् ने हाथ बांधते हुए कहा l
“आदमी बड़े अच्छे हो आप , हम अभी जाते है l”,कहकर गार्ड मुस्कुराया और वहां से चला गया l
कुछ देर बाद वापस आया तो उसके हाथ में एक छोटा थर्मस था जिसमे चाय थी और हाथ में एक बड़ी थैली जिसमें बाकि सामान था l

गार्ड ने सामान मुरारी की और बढाकर कहा,”साहब वो बिस्कुट के साथ चिप्स के पैकेट भी ले आया जरूरत पड़ेगी आपको”
गार्ड ने बाकि बचे पैसे शिवम् को देने चाहे तो शिवम् ने मना कर दिया और एक कप में चाय डालकर उनकी और बढाकर कहा,” बारिश तेज है , ख्याल रखियेगा !!
शिवम् वहा से चला गया लेकिन गार्ड कुछ ही वक्त में उसका कायल हो गया l

उपर आकर शिवम् ने सामान टेबल पर रखा जैसे ही नजर सामने गयी शिवम् तो बस देखता ही रह गया l सामने सारिका खड़ी थी उसके कपडे पहले फिट तो नही थे पर सफ़ेद रंग सारिका पर जच रहा था l सारिका तोलिये से अपने लंबे घने बालो को झटक रही थी l शिवम् की आँखे ओर दिल बस उन बालो में उलझकर रह गया l सारिका की नजर शिवम् पर गयी तो उसने बालो को समेटा और कहा,”आपके कपडे बहुत लूज है”
सारिका ने अपने दोनों हाथ आगे कर दिए जिससे कुर्ते के बाजू उसके हाथो के बाहर तक लटक रहे थे l

शिवम् सारिका के पास आया और सारिका के कुर्ते का बाजु फोल्ड करते हुए कहा,”वो गार्ड बता रहा है कि बारिश रुकने का कोई पता नही है l आप कहे तो हम आपको घर तक छोड़ आते है”
“शिवम् इतनी तेज बारिश में गाड़ी चलाना मुश्किल होगा , हम यही रूककर बारिश के रुकने का इंतजार करते है , हमारे यहाँ रुकने से आपको कोई ऐतराज तो नहीं होगा”,सारिका ने कहा


“अरे नहीं नहीं मेडम जी ऐसा क्यों कह रही है आप ? आपका घर है जब तक आप चाहे रुक सकती है”,शिवम् ने कहा
“थैंक्यू !”,खाकर सारिका सोफे की और बढ़ गयी l शिवम् ने थर्मस से चाय कप में निकाली और लेकर सारिका के सामने आया l चाय का कप सारिका को दिया और फिर बिस्किट और चिप्स के पैकेट ले आया l उन्हें सारिका के सामने रखकर कहा,” इस वक्त यही मिला l”
“आप प्यार से जो खिलाओगे वो ही काफी है”,कहते हुए सारिका चाय पीने लगी l


शिवम् चाय पीते हुए सारिका को देखकर सोचने लगा,”इतनी सादगी और इतना सुंदर मन है आपका मेडम जी , महादेव आपकी हर इच्छा पूरी करे”
दोनों वही बैठे बारिश के रुकने का इंतजार करते रहे पर बारिश ना रुकी l सारिका अब बैठे बैठे उघने लगी थी l शिवम् को भी उबासियां आने लगी थी l वह उठा और खिड़की के पास आया बारिश अब हलकी हो चली थी पर मुम्बई पानी में डूबा हुआ था l कुछ देर बाद शिवम् वापस आया तो देखा सारिका सोफे पर ही सो गई है l

शिवम् अंदर गया और एक तकिया और चद्दर ले आया उसने आहिस्ता से सारिका के सर के नीचे तकिया लगाया और चद्दर ओढा दी l सारिका की नींद में कोई खलल ना पड़े इसलिए उसने हॉल की लाइट भी बंद कर दी l पर गेलरी में जल रहे बल्ब से हॉल में हलकी रौशनी आने से सब दिखाई दे रहा था l सारिका बेपरवाह सी सो रही थी शिवम् कुछ ही दूर जाकर कुर्सी पर बैठ गया और आँखे सारिका पर जमा दी l

कितना सुकून था उस चेहरे पर शिवम् बस प्यार से उस चेहरे की मासूमियत को देखता रहा l आज की रात वह सारिका को देखते हुए गुजार देना चाहता था l सारिका को देखते हुए उसके होंठो पर मुस्कान आ गयी l उसने बैग से अपनी खाली डायरी निकाली और उसमें लिखा

“कितनी ही रातो का इंतजार है तेरा मेरा इश्क़
जी करता है ये एक और रात तुझे देखते हुए गुजार दू !
!

शिवम् ने नजरे एक बार फिर सारिका पर टिका दी l बड़े सुकून से वह उसे निहार रहा था और फिर नींद के आगोश में चला गया l

Continue With Part Ranjhana – 39

Read Previous Part Here रांझणा – 37

Follow Me On instagram

संजना किरोड़ीवाल

Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38

Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38Ranjhana – 38

sanjana kirodiwal bookssanjana kirodiwal ranjhana season 2sanjana kirodiwal kitni mohabbat haisanjana kirodiwal manmarjiyan season 3sanjana kirodiwal manmarjiyan season 1

One Comment

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!