और प्यार हो गया – 20

Aur Pyar Ho Gaya – 20

Aur Pyar Ho Gaya
Aur Pyar Ho Gaya by Sanjana Kirodiwal

चाँद को निहारते हुए कार्तिक कब नींद के आगोश में गया उसे पता ही नहीं चला l रंजना के उठने से पहले ही वह उठ गया उसने सबके लिए चाय बनाई और दो कप लेकर रंजना के कमरे का दरवाजा खटखटाया l दरवाजा रंजना ने खोला कार्तिक को सामने देखकर चौंक गयी l कार्तिक चाय लेकर अंदर आया तब तक अखिलेश जी भी उठ चुके थे l कार्तिक ने चाय टेबल पर रखी और दोनों को गुड़ मॉर्निंग बोलकर जाने लगा l
“कार्तिक ! क्या बात है बेटा आज ये सब”,अखिलेश जी कार्तिक का ये बदला रूप देखकर कहा
कार्तिक रुक गया और पलटकर कहा,”पापा आजसे मैं आपकी हर बात मानूंगा !!
“इसकी कोई जरूरत नहीं है बेटा , तुमने इतना कह दिया काफी है l मैं ही आजतक कुछ ज्यादा ही सख्तिया करता आया हु तुम पर”,अखिलेश जी ने कहा
“नहीं पापा आपने जो किया मेरे अच्छे के लिए किया”,कार्तिक ने मुस्कुरा कर कहा और फिर वहा से चला गया
कार्तिक के जाने के बाद रंजना ने अखिलेश जी से कहा,”आज ये इसे क्या हो गया है ?”
“आज हमारा बेटा बड़ा हो गया है रंजू”,अखिलेश जी ने आँखे नम करते हुए कहा और फिर दोनों साथ बैठकर सुबह की चाय पिने लगे l
मम्मी पापा को चाय देकर कार्तिक वापस आया और किचन से चाय का कप लेकर अपने कमरे की तरफ जाने लगा , तब तक मौली भी उठकर बाहर आ चुकी थी l मौली को देखते ही कार्तिक ने सहज भाव से कहा,”गुड़ मॉर्निंग दी , आपकी चाय डायनिंग टेबल पर रखी है पी लेना , और हां मीठा थोड़ा कम है उसमे चलेगा ना”
मौली ने सूना तो अवाक् सी खड़ी कार्तिक को देखने लगी आज ये इसे क्या हो गया ? उसने अपनी आँखों को मसला शायद वो कोई सपना देख रही हो पर नहीं ऐसा कुछ भी नहीं था l कार्तिक सच में एक नए अवतार में खड़ा था उसके सामने फिर भी उसने चेक करने के लिए कहा,”तूने क्या चाय का नया बिजनेस शुरू किया है ?
“रिश्तो में बिजनेस नहीं होता न मेरी डोरेमॉन (जैसे हमेशा मौली को बुलाया करता था)”,कार्तिक ने कहा और जाने लगा
मौली कुछ नहीं बोल पाई वह डायनिंग टेबल के पास आयी और चाय का कप उठाकर एक घूंट पिया और कहा,”कार्तिक
कार्तिक पलटा और मौली की तरफ देखा तो वह दूसरी तरफ देखकर कहने लगी,”चाय अच्छी बनी है”
कार्तिक मुस्कुराया और आगे बढ़ गया l कमरे में आकर उसने चाय के कप टेबल पर रखे और बेड के पास आया नंदिनी अभी तक सो रही थी वह खिड़की के पास गया और परदे हटा दिए बाहर मौसम सुहावना था l कार्तिक नंदिनी के पास आया और प्यार से उसके सर को सहलाते हुए कहा,”नंदू , वेक अप बच्चा देखो सुबह हो गयी”
“क्या है bunny सोने दो ना”,नंदिनी ने नींद में उँघते हुए कहा
कार्तिक ने उसे कंधो से पकड़ा और एक झटके में उठाते हुए कहा,”अबे ! उठ जा कितना सोयेगी आलसी”
“ऐसे कौन उठाता है यार”,नंदिनी ने आँखे मसलते हुए कहा
“मैं , चल अब जल्दी से चाय पि ठंडी हो जाएगी”,कार्तिक ने चाय का कप नंदिनी की और बढ़ाते हुए कहा l
नंदिनी ने चाय का कप लिया और पिने लगी l चाय फीकी थी पर फिर भी वह चुपचाप पि रही थी l चाय पिने के बाद कार्तिक सहारा देकर नंदिनी को बाथरूम तक छोड़कर आ गया और खुद आकर कमरे को साफ करने लगा उसने बेड्शीट सही की , पिलो को सही से रखा , बिखरी मेग्जीन्स किताबे रॉ में रखी l जब तक नंदिनी आयी कार्तिक ने पूरा कमरा चकाचक कर दिया l नंदिनी को वापस बेड तक लेकर आया और धीरे से उसका पांव ऊपर रखा और उसके निचे तकिया लगा दिया जिस से नंदिनी को थोड़ा आराम मिले l
“नंदू तुम्हारे कपडे मेरे कबर्ड में रख देता हु , यहाँ बहुत स्पेस है”,कार्तिक ने नंदिनी के बेग से कपडे निकालकर कबर्ड में रखते हुए कहा l
“bunny तुम क्यों परेशान हो रहे हो ? मैं कर लुंगी ये सब”,नंदिनी को कार्तिक का यु परेशान होना अच्छा नहीं लग रहा था l
“फिर तो तुम फुटबॉल भी खेल सकती हो”,कार्तिक ने कपड़े रखते हुए कहा
“मजाक उड़ा रहे हो ?”,नंदिनी ने घूरकर देखते हुए कहा
“शुरू किसने किया था , तुम्हारे पांव में प्लास्टर है तुम्हे आराम की जरूरत है काम करने के लिए मैं हु न तुम्हारा असिस्टेंट”,कार्तिक ने कबर्ड का दरवाजा बंद करते हुए कहा
“सो मिस्टर असिस्टेंट , जरा मेरा फ़ोन देना पापा से बात कर लू दो दिन से उन्ह कोई फोन नहीं किया है”,नंदिनी ने कहा
कार्तिक ने चार्जिंग पॉइंट पर लगा फोन निकालकर नंदिनी को दे दिया और फिर नंदिनी के बेग से बुक्स निकालकर नंदिनी के पास पड़ी टेबल पर रखने लगा ताकि नंदिनी आराम से वहा बैठे बैठे अपनी बुक्स उठा सके l नंदिनी ने फोन लगाया लेकिन फोन आउट ऑफ़ रिच आ रहा था l नंदिनी ने फोन साइड में रख दिया l किताबे रखते हुए एक डायरी निचे गिर पड़ी कार्तिक ने उसे उठाया कवर पेज पर सुनहरे अक्षरों में लिखा हुआ था – मेरी डायरी
कार्तिक के हाथ में अपनी डायरी देखते ही नंदिनी ने कहा,”bunny मेरी डायरी वापस करो
“नंदू तू डायरी भी लिखती है कमाल है ना”,कार्तिक ने डायरी को उसे उलट पलट के देखते हुए कहा
“bunny डायरी वापस करो ! ये मेरी पर्सनल डायरी है”,नंदिनी ने झुंझलाते हुए कहा शायद वह नहीं चाहती थी की कार्तिक उस डायरी को पढ़े l
“तेरे मेरे बिच पर्सनल कबसे होने लगा , चुप करके बैठ मैं तो पढूंगा , वैसे मैंने सुना है लड़किया ना डायरियों में अपने क्रश , लवर्स के बारे में बहुत लिखती है l”,कहते हुए वह डायरी लेकर सोफे पर आ बैठा l
नंदनी का दिल तेजी से धड़कने लगा l आखिर उसने उस डायरी में सब कार्तिक के लिए ही तो लिखा था कार्तिक ने डायरी को खोला जैसे ही उसकी नजर पहले पन्ने पर गयी वहा बहुत ही खूबसूरत रायटिंग में लिखा हुआ था – “और प्यार हो गया”
कार्तिक मुस्कुराया और फिर जोर जोर से पढ़ने लगा

“खूबसूरत था वो पल जब तुमसे मुलाकात हुई
अधूरी सी ही सही पर कुछ तो बात हुई
तब सोचा न था तुम दिल में उतर जाओगे
होकर मेरे दिल से धड़कनो से गुजर जाओगे
जब पाया की तुम बस चुके मेरी हर साँस में
तब मैंने महसूस किया तुम्हे
और प्यार हो गया !!
वो समंदर से गहरी आँखे जिनमे डूब जाये साहिल
वो इश्क़ की किताब सा मैं अनपढ़ सी एक जाहिल
किसी और से नजरे मिलाने में डरता था दिल
पर जब वो मेरी आँखों में देखता है तो अच्छा लगता है
वो सबसे अलग है वो सबसे जुदा है
शरारतो से कभी कभी वो मुझे बच्चा लगता
जब देखा तुमने मेरी आँखों में डूबकर उस शाम
तो खो मैं भी गयी थी तुम में
और प्यार हो गया !!
अनजाने ही कभी तुम्हारी उंगलिया सहला जाती थी मेरे गालो को !
वो स्पर्श मुझे आज भी याद है
जब पिघल जाया करता था मेरा मन किसी गीली मिटटी की तरह
वो पल मुझे आज भी याद् हैं
तुम्हारे ख्वाब खुली आँखों से देखते हुए
महसूस कीया है मैंने खुद को खोये हुए
और प्यार हो गया !! “

कार्तिक चुप हो गया l उसका दिल सामान्य से तेज धड़कने लगा उसने नंदिनी की तरफ देखा जो ख़ामोशी से उसे ही देख रही थी l कार्तिक ने डायरी बंद कर दी और धीरे से कहा,”तुम ये सब कबसे लिखने लगी नंदू ?
नंदिनी – bunny ये सब बस ऐसे ही
कार्तिक – अरे ऐसे नहीं , बहुत अच्छा लिखा है पढ़ने वाला खो जायेगा इसमें (सोफे से उछलते हुए कहता है)
नंदिनी अवाक् सी उसे देखती रहती है तो कार्तिक उसके पास आता है और डायरी उसकी तरफ बढाकर कहता है,”ये लो आगे नहीं पढूंगा”
नंदिनी – क्यों ? (हैरानी से)
कार्तिक – अगर इसे किसी ने पूरा पढ़ लिया ना नंदू तो उसे तुमसे प्यार हो जाएगा
नंदिनी कार्तिक की आँखो में देखने लगती है कार्तिक उसे इस तरह देखता पाकर कहता है,”ऐसे मत देख नजर लग जाएगी”
नंदिनी – तुम कभी सीरियस नहीं होते ना (दिल की बात जुबान पर आते आते रुक गयी)
कार्तिक – हम्म इस जन्म में तो मेरा सुधरने का कोई प्लान नहीं है l (नंदिनी के सामने आकर बैठ जाता है)
नंदिनी – मत सुधारना , तुम जैसे भी हो परफेक्ट हो
कार्तिक – लोग मेरे बारे में क्या सोचते है मेटर नहीं करता बस तुम क्या सोचती हो वो जरुरी है
नंदिनी – लोगो का टेस्ट ख़राब है bunny ,
कार्तिक – हाहाहाहाहा तू भी मेरी तरह बात करने लगी है
नंदिनी – संगत का असर है असिस्टेंट साहब
कार्तिक – अच्छा मैंने बिगाड़ा है तुमको
नंदिनी – बिल्कुल
कार्तिक ने उसके सर पर हलकी सी चपत लगा दी l बस फिर क्या दोनों में मारपीट शुरू हो गयी l साफ सुथरा कमरा फिर से युद्ध का मैदान बन चूका था पर कार्तिक को एक फायदा था नंदिनी उसे पकड़ नहीं सकती थी , ना उठ के मार सकती थी l
“आउच”,नंदिनी ने अपने पांव को हाथ लगाते हुए कहा
कार्तिक दौड़कर उसके पास आया और उसका पैर देखते हुए कहँने लगा,”मैंने कहा था ना नंदू लग जाएगी , दिखाओ मुझे”
नंदिनी को कार्तिक का यु परवाह करना बहुत अच्छा लग रहा था वह प्यार से कार्तिक के चेहरे को देखने लगी l कार्तिक ने तकिया नंदिनी के पांव के निचे लगाया और पास ही बैठ गया l
“bunny तुम्हे कॉलेज नहीं जाना ?”,नंदिनी ने अचानक से याद आने पर पूछ लिया
“जब तक तुम ठीक नहीं हो जाती मैं तुम्हारे साथ ही रहूंगा”,कार्तिक ने नंदिनी की और देखते हुए कहा
नंदिनी – bunny पागल हो गए तुम , पैर ठीक होने में 1 महीना लग जायेगा तब तक अपनी पढाई बर्बाद करोगे तुम l बिल्कुल नहीं तुम रोज कॉलेज जाओगे
कार्तिक – लेकिन नंदू ……………….!!
नंदिनी – लेकिन वेकिन कुछ नहीं , bunny मेरा ख्याल रखने के लिए आंटी है ना और मैं इतनी भी बीमार नहीं हु सिर्फ 4 घंटे की ही तो बात है मैं अकेले रह सकती हु
कार्तिक – हां नंदू , लेकिन तुम्हे कीसी चीज की जरूरत पड़ी तो ?
नंदिनी – तब आंटी है ना मैं उनसे कह दूंगी , तुम्हे मेरी कसम है
कार्तिक – कसम देकर दुविधा में डाल दिया कर बस तू तो
नंदिनी – स्वीट बॉय (गाल खींचते हुए)
कार्तिक उठा और बाथरूम की और बढ़ गया l तैयार होकर वह अपना और नंदिनी का नाश्ता अपने कमरे में ही ले आया l खुद ने कम खाया और नंदिनी को ज्यादा खिलाया l नाश्ता करके कार्तिक ने अपना बेग उठाया और नंदिनी को बाय बोलकर कॉलेज के लिए निकल गया
“अरे bunny अपना फ़ोन तो यही भूल गया”,नंदिनी ने बेड पर रखे फोन को उठाते हुए कहा
नंदिनी ने उसके फोन को देखा सोफिया के सेंकडो कॉल्स और मेसेज आये हुए थे जिन्हे कार्तिक ने खोलकर भी नहीं देखा था l शायद सोफिया की वजह से कार्तिक इस बार बहुत ज्यादा हर्ट हुआ था l नंदिनी फोन देख ही रही थी फिर उसे कुछ ऐसा दिखा की दिमाग के सेंकडो तार एक साथ झन्ना उठे l
“अरे ! नंदू वो मैं शायद अपना फोन यही भूल गया”,कहते हुए कार्तिक अंदंर आया नंदिनी ने बिना किसी भाव के कार्तिक का फोन उसकी तरफ बढ़ा दिया l
कार्तिक वहा से चला गया नंदिनी भी कुछ देर के लिए लेट गयी अकेले लेटे लेटे जब बोर होने लगी तो अपना फोन उठाया और उसमे आये मेसेज देखने लगी l स्वाति , श्रुति , चंदन के कितने ही मेसेज थे l नंदिनी उन सबको रिप्लाई करने लगी l

अपने कमरे में बैठी मौली बड़े गौर से किसी किताब को पढ़ने में लगी हुई थी तभी उसके फोन पर मेसेज आया l मौली ने फोन देखा “text मेसेज व्हाट्सप्प के जमाने में ये text मेसेज कौन कर रहा है ?”,सोचते हुए मौली ने मेसेज ओपन किया

  • hiii
    अननोन नंबर से मेसेज था इसलिए मोली ने कोई जवाब नहीं दिया और वापस अपनी किताब पढ़ने में बिजी हो गयी l कुछ ही देर बाद फोन फिर बजा l उसी नंबर से मेसेज था मौली ने मेसेज ओपन किया
  • अब क्या hii का जवाब भी नहीं दोगी
    मौली – who are you ?
  • राजवीर
    राजवीर का नाम देखते ही मौली का दिल एक पल के लिए मानो जैसे धड़कना ही बंद हो गया l उसने कांपते हाथो से टाइप किया – कौन राजवीर ?
  • और कितने राजवीर है तुम्हारी जिंदगी में मेरे अलावा ?
    मौली को यकीन हो गया ये उसका ही राजवीर है l वह राजवीर जिस मौली बहुत प्यार करती थी उसकी आँखे भर आई इतने साल बाद उसका मेसेज जो मिला था लेकिन अगले ही पल उसका चेहरा गुस्से से भर गया और उसने लिख भेजा – आज इतने सालो बाद याद कैसे आ गई तुम्हे मेरी ?
  • याद तो रोज ही आती है बस तुम्हे मेसेज करने की हिम्मत नहीं कर पाया
    मौली – तो फिर आज क्यों किया ?
  • दिल के हाथो मजबूर हो गया
    मौली – जब छोड़कर गए तब भी मजबूर थे क्या ?
  • मौली उस वक्त हालात ऐसे थे की खैर छोडो…………..और बताओ कैसी हो ?
    मौली – जिन्दा हु
  • ऐसे मत कहो मौली
    मौली – हमारे बिच सा ख़त्म हो चुका है
  • ये फैसला अकेले करने वाली तुम कौन होती हो ? प्यार हमारा था, रिश्ता हमारा था तो फिर सब ख़त्म तुम अकेले कैसे कर सकती हो ?
    मौली – तुमने धोखा दिया है मुझे , उस रात नहीं आकर तुमने साबित कर दिया की तुम झूठे थे , तुम्हारा प्यार झूठा था (आँखो में ठहरे आंसू बहकर गालो पर आ जाते है)
  • मैंने तुमसे कभी झूठ नहीं कहा है मौली , आज भी मेरे दिल में तुम्हारे लिए वही जगह है , वही प्यार है कुछ नहीं बदला है
    मौली – पर मेरे दिल में तुम्हारे लिए सिर्फ नफरत है
  • मुझे तुम्हारी नफरत भी मंजूर है l
    मौली कोई जवाब नहीं देती अपने अतीत को याद करते हुए उसकी आँखों से आंसू बहने लगते है l राजवीर उसकी जिंदगी में वापस आएगा ये उसने सोचा नहीं था l फोन फिर बजा मौली ने आंसू पोछे और मेसेज देखा
  • रोने लगी ना , तुम आज भी नहीं बदली
    मौली – राजवीर
  • हम्म्म
    मौली – क्यों आये हो वापस ?
  • तुम्हारे लिए , सच तो ये है की तुम्हारे बिना मैं अधूरा हु मौली
    मौली कोई जवाब नहीं देती और फोन बंद कर देती है l भर चुके जख्म फिर से ताजा हो उठे l मौली घुटनो में सर छुपाकर सिसकती रही l उसे राजवीर के साथ बिताया एक एक पल याद आने लगा l

नेशनल कॉलेज , कानपूर
कार्तिक ने अपनी बाइक पार्किंग में लगाई और क्लास की और बढ़ गया l क्लास में आने पर चंदन ने बताया की पवन कल हुयी बेइज्जती की वजह से कॉलेज छोड़कर चला गया l कार्तिक को बुरा लग रहा था उसकी वजह से किसी की पढाई बर्बाद हो गयी पर पवन ने जो किया उसके लिए तो वह उसे शायद ही कभी माफ़ कर पायेगा l कार्तिक वही बेंच पर बैठा चंदन से बात कर रहा था की सोफिया आई और कहा,”कार्तिक , आई वांट टू टॉक विथ यू
“चंदन इसे बोल यहाँ से चली जाये”,कार्तिक ने गुस्से से सोफिया की तरफ देखे बिना कहा
“कार्तिक मेरी बात तो सुनो , मैं सब क्लियर कर दूंग”,सोफिया ने कार्तिक के पास आकर कहा
कार्तिक उठा और बाहर जाने लगा तो सोफिया ने उसका हाथ पकड़ कर उसे रोकते हुए कहा,”कार्तिक प्लीज़ मेरी बात तो सुनो”
कार्तिक ने सोफिया के हाथ से अपना हाथ छुड़ाया और कहा,”मुझसे दूर रहो”
कार्तिक वहा से चला गया l चंदन भी उसके पीछे पीछे बाहर निकल गया l सोफिया वही खड़ी कार्तिक को जाते हुए देखती रही l मोना और रीना जो की सोफिया की दोस्त थी उसके पास आई l मोना ने सोफिया का मजाक उड़ाते हुए कहा,”क्या हुआ बेबी ने घास नहीं डाली ? सोफिया ने घूरकर मोना को देखा तो दोनों बगले झाँकने लगी l सोफिया पैर पटकते हुए वहा से चली गयी l

दिन गुजरने लगे पर बहुत कुछ था जो इन गुजरते दिनों के साथ साथ बहुत कुछ था जो बदलने लगा था l मौली और राजवीर की दूरिया और कड़वाहटे मेसेज के जरिये ही सही पर धीरे धीरे कम होने लगी थी l कार्तिक नंदिनी का ख्याल रखने लगा था कुछ कुछ उसे समझने भी लगा था l रंजना और अखिलेश जी भी नंदिनी के साथ वक्त बिताते और वक्त बिताते बिताते कब नंदिनी उन्हें अपनी सी लगने लगी वे भी नहीं समझ पाये l l रंजना ने तो अखिलेश जी से साफ साफ कह दिया की उनके घर की बहु नंदिनी ही बनेगी l बस अब दोनों को इंतजार था तो कार्तिक की हाँ का l जब तक कार्तिक अपने दिल की बात नन्दिनी से नहीं कह देता l एक नंदिनी जिस इंतजार था तो बस उस पल का जब कार्तिक उसकी अधूरी डायरी पढ़ेगा और उसे भी नंदिनी से प्यार हो जाएगा l l सब बदलने लगा था बस नहीं बदला था तो कार्तिक और मौली का रिश्ता …………………… दोनों पहले से कम झगड़ते थे पर बात अभी भी नहीं होती थी l दो सप्ताह गुजर गए l सब शांत था पर ये शांति आने वाले तूफ़ान का इशारा थी l
एक शाम रीना ने अपने घर पर छोटी सी पार्टी रखी जिसमे उसने मोना और सोफिया को भी बुलाया l तीनो ने रीना के फ्लेट में मिलकर पहले तो खूब डांस किया और फिर सोफे पर आ बैठी l सामने टेबल पर बियर और शेम्पेन की बोतले और चिकन रखा हुआ था l तीनो बुरी तरह उस पर टूट पड़ी l सोफिया ने ज्यादा पि ली और फिर वो नशे में बड़बड़ाने लगी ,”उस नंदिनी की बच्ची को तो मैं छोडूंगी नहीं , मेरे कार्तिक को मुझसे छीन लिया साली बिच “
“उसने नहीं छिना तेरी हरकतों की वजह से कार्तिक तुझे छोड़कर गया”,मोना ने नशे में कहा
“तू चुप कर मोना , तू जानती भी है कितना प्यार करती हु मैं कार्तिक से”,सोफिया ने मोना को फटकारते हुए कहा
“हाहाहा प्यार और तुझे , सोफिया तू किसी लड़के के साथ 5 मिनिट बिता ले तो तुझे तो उस से भी प्यार हो जाएगा l तेरी लाइफ में कितने आये कितने गए कोई हिसाब ही नहीं है”,रीना ने अपनी ड्रिंक बनाते हुए कहा
“हाहाहा यू आर राईट बेबी , बट दिस टाइम सोफिया इज सीरियस , आई वांट कार्तिक आई लव हिम”,सोफिया ने शराब की बोतल को चूमते हुए कहा
“रीना मैं बता रही हु इसे चढ़ गयी है , जिसके आगे पीछे इतने लड़के है उसे एक लड़के के जाने से क्या फर्क पडेगा”,मोना ने सोफिया का मजाक उड़ाते हुए कहा
“फर्क पड़ता है यू बिच”,कहते हुए सोफिया ने हाथ में पकड़ा शराब से भरा ग्लास सामने दिवार पर दे मारा l
मोना और रीना दोनों उसे देखने लगी तो सोफ़िया ने कहा,”उसकी इतनी हिम्मत की वो मुझे द सोफिया को दूर रहने के लिए कहे l उसकी ओकात क्या है हां ? अगर वो मेरा नहीं हो सकता तो मैं उसे किसी का नहीं हों दूंगी l कार्तिक सिर्फ मेरा है सिर्फ मेरा और अगर हम दोनों के बिच कोई आया तो मैं उसे जान से मार दूंगी ……………….मार दूंगी मैं उसे !!
सोफिया का बदला रूप देखकर टीना और मौना दोनों घबरा गयी l
“और मोना तू तुझे देखना है ना मैं अपने कार्तिक से कितना प्यार करती हु तो देख”,कहते हुए सोफिया उठी और दिवार की और बढ़ी उसने टूटे हुए ग्लास का कांच का टुकड़ा उठाया और अपने हाथ पर कार्तिक का नाम गोद कर मोना को दिखाते हुए कहा,”देख , आँखे खोलकर देख इतना प्यार करती हु मैं उस से !!
सोफिया के हाथ से खून बहने लगा l सोफिया आगे कुछ बोल पाती इस से पहले ही वह चक्कर खाकर निचे गिर पड़ी और गिरते गिरते उसके मुंह से निकला
“कार्तिक सिर्फ मेरा है”

Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20Aur Pyar Ho Gaya – 20

क्रमश – Aur Pyar Ho Gaya – 21

Read More – और प्यार हो गया – 19

Follow Me On – instagram | facebook | youtube

संजना किरोड़ीवाल

Aur Pyar Ho Gaya
Aur Pyar Ho Gaya by Sanjana Kirodiwal

One Comment

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!