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और प्यार हो गया – 9

Aur Pyar Ho Gaya – 9

Aur Pyar Ho Gaya
Aur Pyar Ho Gaya by Sanjana Kirodiwal

कार्तिक आकर क्लास में बैठ गया l नंदिनी भी उसके बगल में बैठी थी l कुछ देर बाद सोफिया मोना के साथ क्लास में आई और आकर कार्तिक से कहा,”केन आई सीट हियर ?
“स्योर”,कार्तिक ने साइड में खिसकते हुए कहा l
मोना पीछे वाली सीट पर जाकर बैठ गयी l नंदिनी को सोफिया का कार्तिक के पास बैठना बिल्कुल अच्छा नहीं लगा l आज से पहले उस बेंच पर सिर्फ नंदिनी और कार्तिक ही बैठते आये थे l श्रुति , चंदन और त्यागी साइड वाली बेंच पर बैठते थे l उस बेंच से कार्तिक और नंदिनी के रिश्ते की बहुत सी यादे जुडी थी l कार्तिक का ध्यान बुक में था लेकिन सोफिया का ध्यान सिर्फ कार्तिक पर था l गोरा रंग , भूरी आँखे , हलकी दाढ़ी और उस पर कार्तिक की प्यारी सी स्माइल सोफिया तो बस उसके चेहरे में डूबती ही जा रही थी l
वंदना मेम अभी तक क्लास में नहीं आई थी l सोफिया की नजर टेबल पर बने हार्ट पर गयी जिसमे लिखा था l
bunny & nandu लिखा हुआ था l
“ये दो नाम ?”,सोफिया ने कार्तिक से पूछा l
“ये मेरा और नंदू का नाम है , नंदिनी मेरी बेस्ट फ्रेंड”,कार्तिक ने सोफिया को नंदिनी की तरफ इशारा करते हुए कहा l नंदिनी उन दोनों से बेखबर मुंह में पेन डाले सामने बोर्ड की तरफ देख रही थी l
“हे हाय नंदू “,सोफिया ने चहककर कहा

नंदिनी को इस नाम से सिर्फ कार्तिक ही बुलाया करता था इसलिए सोफिया के मुंह से नंदू सुनकर उसे और बुरा लगने लगा l उसने सोफिया की तरफ देखकर जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा,”हाय !!”
“हाउ क्यूट यार , तुम्हारी फ्रेंड तो बहुत स्वीट है”,सोफिया ने कहा
“स्वीट और क्यूट वो भी नंदू , गुस्सा करती है ना तो आग उगलती है मुंह से”,कार्तिक ने कहा
कार्तिक की बात सुनकर सोफिया हसने लगी और उसके हाथ पर मारते हुए कहा,”यू आर सो फनी कार्तिक”
कार्तिक हसने लगा नंदिनी ने उसकी बात पर मुंह फुला लिया तो कार्तिक ने उसके गाल खींचते हुए सोफिया से कहा,”लेकिन ये मेरी जान है”
नंदिनी ने कार्तिक की पीठ पर मुक्का मारा और फिर दोनों में झंडप शुरू हो गयी l सोफिया दोनों को झगड़ते देख सोचने लगी,”जान तो तुम्हारी मैं ही बनूंगी कार्तिक”
कुछ देर बाद वंदना मेम क्लास में आयी और पढ़ाना शुरू किया l सभी का ध्यान पढाई में ही था पर नंदिनी का ध्यान आज बार बार भटक रहा था l वजह थी सोफिया जो उसकी और कार्तिक की लाइफ में बिन बताये आ गयी l क्लास ख़त्म होने के बाद वंदना मेम वहा से चली गयी l स्टूडेंट्स भी चले गए सिर्फ कार्तिक और उसकी मण्डली ही वहा बैठे रहे l कार्तिक कुर्सी से उठकर टेबल पर आ बैठा और कहा,”गाइज इस संडे मेरे पास मूवी के पासेज है , तुम लोग चलोगे न ?”
“बन्नी ये प्लान कब बना ?”,नंदिनी ने हैरानी से पूछा
“बस अभी अभी , वैसे भी हम सबको साथ में वक्त बिताये काफी टाइम हो गया है इस बहाने थोड़ा टाइम स्पेंड कर लेंगे साथ में”,कार्तिक ने कहा l
“हां यार ये आइडिया अच्छा है”,चंदन ने कहा
“कूल कार्तिक हम सब चलेंगे लेकिन इवनिंग शो मे और उसके बाद ड्राइव पर”,श्रुति ने कहा
“हां , नाईट में ड्राइव करने का मजा ही कुछ और है”,इस बार चुप बैठे त्यागी ने कहा
“वो सब तो ठीक है लेकिन हम सब में से गाड़ी है किसके पास ?”,नंदिनी ने कहा
“नंदू डोंट वरी गाड़ी मैं लाऊंगा ना डेड वाली”,कार्तिक ने इतराते हुए कहा
“आर यू श्योर ? मुझे नहीं लगता अंकल तुम्हे अपनी गाड़ी देंगे”,नंदिनी ने कह
“नंदू वो डेड है मेरे यार , मुझे कैसे मना करेंगे l मैं सीधा जाकर उनसे गाड़ी की चाबी मांग लूंगा , तुम सब बस संडे की शाम को तैयार रहना ,, “,कार्तिक ने कहा
“ओके डन”,सबने एक साथ कहा और फिर वहा से चले गए l

संडे की दोपहर
अखिलेश जी हॉल में बैठकर अख़बार पढ़ रहे थे l कार्तिक तैयार होकर आया और कहा,”पापा
अखिलेश जी – हां बेटा
कार्तिक – वो मैं ये कह रहा था की
अखिलेश जी – क्या कह रहे थे ?
कार्तिक – वो मैं ……मेरा मतलब आज मौसम कितना अच्छा है ना
अखिलेश जी – ये आज तुम अचानक से मौसम के बारे में कैसे बात करने लगे ?
कार्तिक – अरे पापा वो ऐसे ही (कार्तिक ने लम्बी साँस लेकर कहा सीधे सीधे गाड़ी की चाबी मांगने की उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी)
अखिलेश जी फिर अख़बार में लग गए l कार्तिक वही खड़ा रहा और फिर हिम्मत करके कहा,”पापा वो आपकी…………….!!
“क्या कार्तिक ? कुछ कहना है तुम्हे “,अखिलेश जी ने अख़बार साइड मे रखते हुए कहा
“हां वो आपकी शर्ट……………….!!”,कार्तिक कहते कहते फिर रुक गया
“क्या हुआ मेरी शर्ट?”,अखिलेश जी ने सधी हुई आवाज में पूछा
“अच्छी लग रही है”,कार्तिक ने कहां
“कार्तिक यहां मेरे सामने आकर बैठो”,अखिलेश जी ने कहा
कार्तिक आकर उनके सामने बैठ गया तो अखिलेश जी ने कहा,”अब कहो क्या बात है ?
“पापा वो आज शाम मैं और बाकि सब दोस्त मूवी देखने जा रहे है तो मुझे आपकी गाड़ी……………….!!”,कार्तिक आगे नहीं बोल पाया
“तो तुम्हे मेरी गाड़ी चाहिए ! बेटा जरा एक बार याद करो मैंने जब आखरी बार तुम्हे गाड़ी की चाबी दी थी तो तुमने क्या किया था ?”,अखिलेश जी ने कहा
“मुझे याद नहीं है पापा”,कार्तिक ने धीरे से कहा
“पर मुझे याद है , उस दिन मैंने तुम्हे गाड़ी की चाबी दी थी और तुम अपने दोस्तों के साथ घूमने गए थे l मेरे मना करने के बाद भी तुमने गाड़ी को फुल स्पीड में दौड़ाया , स्पीड ब्रेकर्स तक का ख्याल नहीं किया l म्यूजिक सिस्टम पहले चलता था तुम्हे गाड़ी देने के बाद वो अब सिर्फ शोर करता है l गाड़ी के दोनों साइड मिरर कहा गिराए तुम्हे पता नहीं l सीट बेल्ट गायब l पूरी गाड़ी को कीचड़ से सना दिया और आखिर में गाड़ी का सत्यानाश करके उसे घर ले आये l जानते हो कबाड़ी वाला भी उस गाड़ी को खरीदने को तैयार नहीं था l इसके बाद सोने पे सुहागा ये जब मैंने तुम्हे फोन किया तो तुमने बात करके फोन को सामने डाल दिया लेकिन फोन चालू था और क्या कहा था तुमने ,”पापा को गाड़ी चलाना मैंने सिखाया है वो भी बच्चो की तरह” l आया याद या और कुछ तरिका अपनाऊ “,अखिलेश जी ने कहा
कार्तिक सर पकड़े चुपचाप सब सुनता रहा और फिर मिमियाते हुए कहा,”इस बार गलती नहीं होगी न पापा
“नो बेटा , तुम्हारे पास बाइक है ना उस से जाओ”,अखिलेश जी ने कहा
“पापा 8 लाख की गाड़ी से जाऊंगा तो दोस्तों पर इम्प्रेशन पड़ेगा न”,कार्तिक ने कहा
“तो बेटा फिर तो तुम्हे 20 लाख वाली बस से जाना चाहिए ज्यादा इम्प्रेशन पड़ेगा”,अखिलेश जी ने कार्तिक का मजाक उड़ाते हुए कहा
“पापा मजाक मत कीजिये “,कार्तिक ने खीजते हुए कहा
“शुरू किसने किया था ?”,अखिलेश जी ने कहा
“पापा प्लीज़ पापा एक आखरी बार चाबी दे दीजिये आई प्रॉमिस मैं कुछ नहीं करूंगा”,कार्तिक ने गिड़गिड़ाते हुए कहा l
“बाहर जाने का रास्ता उधर है”,अखिलेश जी ने दरवाजे की तरफ ऊँगली करते हुए कहा
“मेरे बाप नहीं होते ना तो बताता आपको”,कार्तिक ने फुसफुसाते हुए कहा और जाने लगा
“क्या बताता ?”,अखिलेश जी ने कहा
“यही बताता पापा की मैं गाड़ी चलाना जानता हु , प्लीज़ आज के लिए अपनी गाड़ी की चाबी दे दीजिए”,कार्तिक ने मिमियाते हुए कहा
“ये कभी नहीं सुधरेगा”,कहकर अखिलेश जी अपने कमरे की तरफ चले गए l कार्तिक ने घडी में देखा 4 बज रहे थे l अब वह दोस्तों को क्या जवाब देगा ? चंन्दन तो पक्का सबके सामने उसका मजाक उड़ाएगा l और नंदू वो तो बहुत हसेंगी मुझपे l मुझे उन लोगो के सामने फेकना नहीं चाहिए था l सोचते सोचते कार्तिक घर से बाहर आ गया l तभी सामने से एक आदमी आया और कार्तिक की तरफ गाड़ी की चाबी बढाकर कहा,”सर योर्स की”
कार्तिक के हाथ में चाबी देकर उस आदमी ने जेब से एक कागज निकाला और कार्तिक की और बढाकर वहा से चला गया l कार्तिक ने कागज खोलकर देखा और पढ़ने लगा
“dear bunny !!
मुझे पूरा यकींन है की अंकल ने तुम्हे गाड़ी की चाबी नहीं दी होगी पर तुम तो सबके सामने पहले ही महान बन चुके हो l किसी को पता ना चले इसलिए मैंने तुम्हारे लिए राजवीर भैया की गाड़ी भेजी है l उसे लेकर फटाफट आ जाना देर मत करना l यहाँ सिर्फ तुम्हे और मुझे पता है गाड़ी तुम्हारी नहीं है सो एक्ट नार्मल वरना हमारी पोल खुल भी सकती है l “
खत पढ़कर कार्तिक मुस्कुराने लगा l चाबी लेकर वह आगे बढ़ा और आकर गाड़ी में बैठ गया l गाड़ी के स्टेयरिंग पर एक चिट लगी थी कार्तिक ने उसे उतारा और पढ़ा ,”i know भूख लगी होगी , बैक सीट पर तुम्हारे लिए सेंडविच रखा है पहले खा लो देन कम “
कार्तिक ने देखा पीछे एक बॉक्स में सेंडविच रखा है उसने सेंडविच उठाया और खाने लगा l खाते हुए कार्तिक को सिर्फ नंदिनी का ख्याल आ रहा था कोई तो है जो उसका इतना ख्याल रखती है l सेंडविच खाकर कार्तिक ने गाड़ी स्टार्ट की और नंदिनी के हॉस्टल की तरफ निकल गया l आधे घंटे बाद ही कार्तिक हॉस्टल के सामने था l नंदिनी के साथ साथ बाकि सब भी हॉस्टल के बाहर ही खड़े थे कार्तिक ने गाड़ी का हॉर्न बजाकर सबको आने का इशारा किया l नंदिनी ने जैसे ही कार्तिक को गाड़ी के साथ देखा उछलते हुए बाकि सब से कहा,”शर्त के पैसे निकालो !!”

श्रुति , चंदन और त्यागी ने जेब से 500-500 रूपये निकालकर नंदिनी की तरफ बढ़ा दिया l उन तीनो ने नंदिनी से शर्त लगायी थी की कार्तिक के पापा कार्तिक को गाड़ी नहीं देंगे और तीनो शर्त हार गए l सभी आकर गाड़ी में बैठ गए l नंदिनी आगे आकर बैठ गयी और वे तीनो पीछे l तीनो का उतरा हुआ चेहरा देखकर कार्तिक ने कहा,”इन्हे क्या हुआ ? ऐसे मनहूस शक्ल बनाकर क्यों बैठे है ये तीनो ?”
“इन्होने मुझसे शर्त लगायी थी की अंकल तुझे गाड़ी नहीं देंगे और ये शर्त हार गए”,नंदिनी ने कार्तिक की तरफ आँख मारते हुए कहा l

कार्तिक मुस्कुराने लगा l गाड़ी स्टार्ट कर मॉल जाने वाले रास्ते पर बढ़ा दी l मॉल पहुंचकर कार्तिक ने गाड़ी पार्किंग में लगायी और सारे अंदर आ गए l थियेटर 5th फ्लोर पर था इसलिए सभी लिफ्ट की और बढ़ गए l लेकिन लिफ्ट में आये अभी कुछ पल हुए थे की भीड़ बढ़ गयी l नंदिनी और कार्तिक दोनों पास पास खड़े थे लेकिन भीड़ बढ़ने की वजह वजह से पर पास आ गए l नंदिनी कार्तिक के बिल्कुल सामने खड़ी थी l कार्तिक का ध्यान लिफ्ट के बटनों पर था l भीड़ की वजह से उसे बहुत असहज महसूस हो रहा था l तभी लिफ्ट फिर रुकी इस बार एक भारी भरकम लड़की हाथ में बड़ा सा चिप्स का पैकेट लिए लिफ्ट में घुसी l नंदिनी को धक्का लगा और वह सीधा कार्तिक के अंदर आ गिरी l कार्तिक ने देखा नंदिनी परेशान हो रही है तो उसने अपने दोनों हाथो को उसकी कमर पर रखा और खुद के करीब कर लिया l कार्तिक की नजर अब लिफ्ट के बटनों से हटकर उस लड़की पर थी जो सबसे बेपरवाह होकर चिप्स खाने में लगी थी l कार्तिक को अपनी और देखते पाकर उसने इशारे से खाने के लिए पूछा तो कार्तिक ने ना में अपनी गर्दन हिला दी l
“bunny उसे घूरना बंद करो”,नंदिनी ने फुसफुसाते हुए कहा l
कार्तिक अब नंदिनी को देखने लगा l कार्तिक की प्यारभरी नजरे अब नंदिनी के दिल में उतरने लगी l पहली बार नंदिनी को दोस्ती से हटकर कुछ महसूस हो रहा था और ये प्यार था लेकिन नंदिनी अभी इस से अनजान थी l कार्तिक मुस्कुराता हुआ बस एक टक नंदिनी को देखे जा रहा था l लिफ्ट रुकी सभी बाहर आ गए l कार्तिक सबके साथ खड़ा था तभी वह लिफ्ट वाली लड़की आई और कार्तिक से कहा,”मैंने देखा आप लिफ्ट में पुर समय मुझे घूरते रहे , क्या आप मुझसे कुछ कहना चाहते थे ? कार्तिक ने लड़की को देखा और धीरे से कहा,”कम खाया करो वरना फट जाओगी”
लड़की ने हाथ में पकड़ा चिप्स का पैकेट कार्तिक की और फेंका और पैर पटकते हुए वहा से चली गयी l
“ये तुमने अच्छा नहीं किया bunny”,नंदिनी ने कार्तिक के पास आकर कहा
कार्तिक ने सबको वही रुकने का इशारा किया l और खुद लड़की के पीछे पीछे बढ़ गया पास ही की शॉप से उसने एक बड़ा सा चिप्स का पैकेट लिया और जाकर लड़की के कंधे पर हाथ रखा लड़की जैसे ही पलटी कार्तिक ने घुटनो के बल बैठकर चिप्स का पैकेट लड़की की तरफ बढ़ा दिया l लड़की कार्तिक को घूरने लगी तो कार्तिक ने होंठो पर बड़ी सी मुस्कराहट लाकर कहा,”सॉरी !!”
कार्तिक की स्माइल से लड़की पिघल गयी और मुस्कुराने लगी l कार्तिक ने चिप्स का पैकेट उसकी तरफ बढ़ा दिया लड़की ने पैकेट लिया और कार्तिक के गाल पर किस करके वहा से चली गयी l कार्तिक मुस्कुराता हुआ उठा और सबके पास आकर कहा ,”चले !!
सभी आगे बढ़ गए लेकिन नंदिनी वही रुकी रही तो कार्तिक ने आँखों से रुकने का कारण पूछा l नंदिनी कार्तिक के पास आयी और उसका हाथ पकड़कर कहने लगी,”bunny
“हाँ नंदू “,कार्तिक ने कहा
“तुम बहुत अच्छे हो”,नंदिनी ने मुस्कुराते हुए कहा
“i know i am , अब चले वरना मूवी शुरू हो जाएगी”,कार्तिक ने नंदिनी का हाथ पकड़कर आगे बढ़ते हुए कहा l
सभी थियेटर के बाहर रुक गए कार्तिक टिकट लेने चला गया कुछ देर बाद टिकट लेकर आया उसे याद आया पॉपकॉर्न लाना तो वह भूल ही गया l
चंदन को टिकट थमाकर उसने सबको अंदर चलने को कहा और खुद पॉपकॉर्न लेने चला गया l बाकि सब अंदर चले गए l पॉपकॉर्न लेकर रॉ में चलते चलते कार्तिक अचानक किसी से टकरा गया l
“आई ऍम सो सॉरी”,कहते हुए कार्तिक जैसे ही मुडा सामने सोफिया खड़ी थी l ब्लेक रंग की घुटनो तक ड्रेस में बला की खूबसूरत लग रही थी l कार्तिक को देखते ही उसने कहा,” आप यहां ?
“हां वो नंदू और बाकि फ्रेंड्स के साथ , पर तुम यहाँ ?”,कार्तिक ने कहा
“फ्रेडंस ने इन्वाइट किया था मूवी के लिए लेकिन अब कह रहे है प्लान केंसल”,सोफिया ने उदास होकर कहा
“ओह्ह्ह , ज्वाइन अस”,कार्तिक ने कहा
“आर यू श्योर ?”,सोफ़िया ने अपनी बड़ी बड़ी आँखों को और बड़ा करते हुए कहा l
“श्योर , कम”,कहकर कार्तिक सोफिया को साथ लेकर थियेटर के अंदर आ गया l नंदिनी और बाकि सब बैठे थे नंदिनी ने अपनी बगल में कार्तिक के लिए जगह बचाकर रखी थी l सोफिया की सीट नंदिनी की सीट से दो रॉ आगे थी l कार्तिक सोफिया को उसकी सीट तक छोड़कर आया और कहा,”सोफिया मैं थोड़ी देर में आता हु बी कम्फर्टेबल”
कार्तिक ऊपर आया उसने सबको पॉपकॉर्न के डिब्बे पकड़ाए और जाने लगा तो नंदिनी ने कहा,”bunny तू कहा जा रहा है”
“नंदू वो एक्चुली बाहर सोफिया मिल गयी थी , उसके दोस्त आने वाले थे लेकिन नहीं आये वो अकेली वहा निचे बैठी है इसलिए मैं उसके साथ बैठ रहा हु ताकि वो सहज हो सके”,कार्तिक ने कहा
“पर वो अकेले देख सकती है ना कार्तिक”,श्रुति ने कहा
“श्रुति , तुम लोगो के साथ यहां चंदन और त्यागी है ना , वो अकेले बैठी है l नंदू तू बता ऐसे किसी को अकेले छोड़ना सही है क्या ?”,कार्तिक ने नंदिनी की और देखकर कहा
नंदिनी ने ना में गर्दन हिला दी l
“तो मैं जाऊ”,कार्तिक ने सवालिया नजरो से नंदिनी से पूछा l
कार्तिक की ख़ुशी के लिए नंदिनी ने ना चाहते हुए भी जबरदस्ती मुस्कुराकर हां में गर्दन हिला दी l
“थेंक्स नंदू ! सिर्फ तू ही मुझे समझ सकती है , एन्जॉय”,कहकर कार्तिक वहा से चला गया और निचे जाकर सोफिया की बगल में बैठ गया l
मूवी स्टार्ट हो गयी l सब शांति से मूवी देख रहे थे लेकिन नंदिनी के दिल में उथल पुथल मची थी उसे कार्तिक का सोफिया के साथ बैठना बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था l कार्तिक और सोफिया हसते बातें करते हुए फिल्म एन्जॉय कर रहे थे l नंदिनी की नजर बार बार उन दोनों पर चली जाती l श्रुति ने नंदिनी को देखा तो सब समझ गयी लेकिन उस वक्त कुछ नहीं कहा l ढाई घंटे की मूवी ख़त्म हो गयी सभी थियेटर से बाहर आ गए लेकिन नंदिनी का चेहरा उतरा हुआ था l कार्तिक कुछ दूर खड़े होकर सोफिया से बातें करने लगा l चंदन और त्यागी अपने लिए कपडे देखने सामने शोरूम में चले गए l श्रुति नंदिनी के पास ही खड़ी थी l सोफिया से बात करते हुए कार्तिक बिच बिच में नंदिनी की तरफ देख लेता और मुस्कुरा देता l बदले में नंदिनी भी मुस्कुरा उठती l
श्रुति से जब ये सब बर्दास्त नही हुआ तो उसने नन्दिनी से कहा,”नन्दिनी तू कार्तिक से कह क्यों नही देती ?”
नन्दिनी – क्या श्रुति ?
श्रुति – यही की तू उसे पसन्द करती है
नन्दिनी – ऐसा कुछ भी नही है श्रुति
श्रुति – हां हां हम तो अंधे है हमे तो जैसे कुछ दिखाई नही देता है ना l
नन्दिनी – ये तू क्या कह रही है ? ( नजर चुराते हुए )
श्रुति – वही कह रही हु जो अब तक देखती आई हूं तुम दोनों एक दूसरे के साथ रहते हो , एक दूसरे को समझते हो , एक दूसरे की परवाह करते हो , ये प्यार ही तो है नंदीनी
श्रुति की बात सुनकर नन्दिनी बैचैन हो गईं और कहा,”ऐसा कुछ भी नही है श्रुति हम दोनों सिर्फ दोस्त है “
श्रुति – अच्छा तो फिर जब कार्तिक सोफिया के पास जाकर बैठा तो तुझे बुरा क्यों लगा ? फ़िल्म से ज्यादा तेरा ध्यान कार्तिक पर क्यों था ? दोस्त दोस्त बोलकर तुम दोनों उस फ़ीलिंग को इग्नोर कर रहे हो जिसे लोग प्यार कहते है l नन्दिनी एक बार महसूस करके देखो तुम्हे खुद ही अहसास हो जाएगा कि तुम कार्तिक से कितना प्यार करती हो l
नन्दिनी के पास श्रुति की बात का कोई जवाब नही था वह खामोश सी खड़ी सुनती रही श्रुति ने आगे कहा ,”देख नन्दिनी कार्तिक को मैं बहुत पहले से जानती हूं हा वो थोड़ा बदमाश टाइप का है सबको परेशान करता रहता है लेकिन सच कहूं तो वो दिल का बहुत अच्छा है l कार्तिक से अच्छा पार्टनर तुम्हे नही मिलेगा नन्दिनी ,, अपने जज्बातों को मत दबाओ नन्दिनी कार्तिक से अपने दिल की बात कह दो इस से पहले की देर हो जाये l
नन्दिनी को कुछ समझ नही आ रहा l उसकी आंखें नम हो गयी वह संमझ ही नही पा रही थी कि उसका दिल क्या चाहता है ? हा कार्तिक उसका बेस्ट फ्रेंड है लेकिन परवाह वह उसकी खुद से भी ज्यादा करती है l उसकी शरारते उसकी बदमाशियां भले ओरो को नापसंद हो पर नंदनी के चेहरे पर मुस्कान ले आती थी उसकी मासूमियत पर वह हमेशा पिघल जाया करती थी l कार्तिक भले उसके साथ न रहता हो पर जब वह कार्तिक को किसी ओर के साथ देखती तो उसे अच्छा नही लगता था l कितने कम समय मे कोई उसके इतना करीब आ जायेगा उसने सोचा नही था l नन्दिनी दोस्ती और प्यार के इन धागों में फंसी थीं l उसे कुछ समझ नही आ रहा था l उसकी आंखे भर आयी l
सोफिया वहां से चली गयी l कार्तिक नन्दिनी के पास आया उसकी आंखें देखकर उसने कहा,”क्या हुआ नंदू ?
नन्दिनी की तन्द्रा टूटी उसने देखा कार्तिक सामने खड़ा है तो वह दूसरे तरफ देखते हुए कहने लगी,”कुछ नही bunny आंख में कुछ चला गया “
नन्दिनी झूठ बोल गई श्रुति दोनो को वही छोड़कर कुछ दूर जाकर खड़ी हो गयी l
“ला मुझे दिखा “,कहकर कार्तिक ने नन्दिनी के चेहरे को अपने हाथों में लिया और उसकी आंख में हल्के से फूंक मारने लगा l
नन्दिनी कार्तिक की आंखों मे अपने लिये फिक्र साफ साफ देख रही थी l
“अब ठीक है”,कार्तिक ने पूछा l
नन्दिनी ने हां में गर्दन हिला दी कार्तिक ने नन्दिनी के कंधे पर हाथ रखकर उसे अपने करीब करते हुए कहा,”तू ना मुझे हंसती हुई ही अच्छी लगती है “
नन्दिनी मुस्कुरा दी l
दूर खड़ी श्रुति ने दोनो को देखकर मन ही मन कहा,” हे भगवान बस अब इन दोनों को अपने प्यार का अहसास हो जाये तो ये दुनिया का सबसे बेस्ट कपल बनेगा”

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क्रमश – Aur Pyar Ho Gaya – 10

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