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और प्यार हो गया – 16

Aur Pyar Ho Gaya – 16

Aur Pyar Ho Gaya
Aur Pyar Ho Gaya by Sanjana Kirodiwal

“गर्लफ्रेंड” नाम सुनते ही अखिलेश जी और रंजना ने चौंककर कार्तिक की तरफ देखा l रंजना को तो यकीन ही नहीं हो रहा था की कार्तिक की जिंदगी में नंदिनी के अलावा कोई और लड़की भी है l वही अखिलेश जी ख़ामोशी से कभी सोफिया तो कभी कार्तिक को देख रहे थे l
“ओह्ह तो भाईसाहब ये गुल खिला रहे है”,मौली ने मन ही मन सोचा
नंदिनी सोफिया को वहा देखकर हैरान थी अब पता नहीं वो कोनसी साजिश करके यहाँ आई होगी l वो ख़ामोशी से सब देखने लगी पर अंदंर ही अंदर सोफिया को लेकर डर भी रही थी l
“पापा इसके कहने का मतलब कॉलेज फ्रेंड , है ना सोफिया”,कार्तिक ने हड़बड़ाते हुए कहा
“बेटा जितनी उम्र तुम्हारी है उतनी उम्र से हम बहुत पहले गुजर चुके है , कॉलेज हम भी गए है फ्रेंड और गर्लफ्रेंड में अंतर अच्छे से जानते है”,अखिलेश जी ने लगभग कार्तिक को घूरते हुए कहा l
“इसका मतलब आपकी भी गर्लफ्रेंड थी”,कार्तिक ने अखिलेश जी से कहा
“क्या ?………………..आपकी गर्लफ्रेंड थी और अापने आज तक मुझे बताया भी नहीं”,रंजना ने बिच में कूदते हुए कहा
“अरे ! तुम कैसी बातें कर रही हो रंजू , और तुम कार्तिक क्या बक रहे हो ये सब l दोनों आकर बैठो और खाना खाओ इस बारे में बात बाद में करेंगे”,अखिलेश जी ने कहा
सोफिया आकर मोली के बगल में और कार्तिक के बिल्कुल सामने बैठ गयी उसने एक नजर नंदिनी की तरफ देखा और फिर मौली से बात करने लगी l मौली को सोफिया अच्छी लगी क्योकि नंदिनी तो उसे पहले से ही पसंद नहीं थी और सोफिया के आने से अब नंदिनी हमेशा हमेशा के लिए कार्तिक से दूर हो जाएगी l कार्तिक से बदला लेने का इस से अच्छा मौका भला और क्या हो सकता था उसके पास l नंदिनी को कार्तिक से दूर करके मौली कार्तिक को हर्ट कर सकती है l मौली नंदिनी को दिखाने के लिए जान बूझकर सोफिया से घुलने मिलने का नाटक करने लगी l
“आपकी सच में कॉलेज में गर्लफ्रेंड थी ?”,रंजना ने खाते हुए धीरे से अखिलेश जी से पूछा
“रंजू , पागल हो गयी l कॉलेज में मैं एक ही लड़की से बात करता था और वो तुम थी और हमारी शादी हो चुकी है”,अखिलेश ने कहा
“तो फिर गर्लफ्रेंड वाली बात क्यों कही ?”,रंजना ने हैरानी से कहा
“अरे बाबा वो सिर्फ उदाहरण दिया था , तुम भी ना न जाने आजकल क्या क्या सोचने लगती हो”,अखिलेश जी ने कहा
“सॉरी ! “,रंजना ने प्यार से कहा
“कोई बात नहीं खाना खाओ”,कहकर अखिलेश जी मुस्कुरा उठे ये सोचकर की आज भी रंजना उनसे कितना प्यार करती है l करे भी क्यों ना दोनों की लव मैरिज जो हुई थी l
सभी चुपचाप खाना खा रहे थे तभी कार्तिक को अपने पैर पर किसी का स्पर्श महसूस हुआ l कार्तिक ने देखा टेबल के निचे से सोफिया उसके पैर पर अपना पैर रखकर बैठी है l वह घबरा गया अगर पापा ने देख लिया तो उसकी खटिया खड़ी कर देनी है l उसने सोफिया से आँखों ही आँखों में पांव हटाने का इशारा किया लेकिन सोफिया वो तो जैसे आज सोच के आई थी कोई न कोई तमाशा करना ही है l कार्तिक के माथे से पसीने की बुँदे टपकने लगी l एक तो पापा का डर उसपर सोफिया का उसे ऐसे टच करना l कार्तिक भले कितना भी शरारती हो , सबको परेशान करता हो पर उसने कभी किसी लड़की को इस तरह से नहीं छुआ था शिवाय नंदिनी के l लेकिन नंदिनी का टच उसे हमेशा कम्फर्टेबल लगता था l सोफिया जब भी उसके करीब आने की कोशिश करती उसे अजीब सा महसूस होने लगता था l उस अहसास को कार्तिक अभी भी नहीं समझ पा रहा था l सोच में डूबे कार्तिक के परेशान चेहरे पर जब नंदिनी की नजर पड़ी तो उसने सामने देखा सोफिया मुस्कुरा रही है
कुछ गड़बड़ का सोचकर नंदिनी ने इधर उधर देखा नजर कार्तिक के पांव पर गयी जिसे सोफिया ने अपने पांव से दबाया हुआ था l नंदिनी को सोफिया की इस हरकत पर बहुत गुस्सा आ रहा था l उसने अपना पांव आगे किया और सोफिया के पांव पर दे मारा l
“आउच !!”,कहकर सोफिया ने अपना पांव वहा से हटा लिया
“क्या हुआ बेटा ?”, रंजना ने पूछा l
“कु कुछ नहीं आंटी वो खाते वक्त ऊँगली दांतो के निचे आ गई , खाना टेस्टी बना है ना”,सोफिया ने सफ़ेद झूठ कहा
रंजना मुस्कुरा उठी और वापस खाने में लग गयी l

सोफिया घूरकर नंदिनी को देखने लगी नंदिनी भी कहा पीछे रहने वाली थी वो भी फूल एटीटटुड से सोफिया को देखे जा रही थी l दोनों इस वक्त जंग के मैदान में खड़े किसी दुश्मन से कम नहीं लग रही थी l सोफिया ने एक बार फिर अपना पैर आगे किया लेकिन वो कार्तिक के पांव से टच कर पाती इस से पहले ही नंदिनी ने कार्तिक के पांव को अपने पांव से पीछे कर लिया बेचारी सोफिया उस वक्त उसकी शक्ल देखने लायक थी l बेचारा कार्तिक वो तो बुरी तरह फंस चुका था कभी सोफिया तो कभी नंदिनी उसके पांव का टंगड़ी कबाब बनाने पर तुली हुई थी l लेकिन नंदिनी की छुअन से कार्तिक को कुछ फील नहीं हुआ l उसकी छुअन हमेशा उसे पॉजिटिव अहसास कराती थी l वह अब आराम से अपना खाना खाने लगा
कार्तिक को लेकर सोफिया के साथ नंदिनी की ये पहली जीत थी l
खाना खाकर अखिलेश जी उठे और वाशबेसिन की तरफ बढ़ गए l कमरे की तरफ जाने से पहले उन्होंने कार्तिक से कहा,”कार्तिक , खाना खाकर मेरे कमरे में आओ !”
निवाला कार्तिक के गले में ही अटक गया उनकी बात सुनकर नंदिनी ने पास रखा पानी का ग्लास उठाया और कार्तिक की और बढाकर फुसफुसाते हुए कहा,”इश्क़ के पर्चे भरे है , एग्जाम तो देना पडेगा”
“तुझसे तो मैं बाद में निपटता हु”,कहकर कार्तिक ने अपना खाना ख़त्म किया और हाथ धोकर पापा के कमरे की और बढ़ गया l कार्तिक के जाने के बाद मौली नंदिनी को नीचा दिखाने के लिए कहने लगी,”वेल सोफिया ! तुम्हारा ड्रेसिंग सेन्स बहुत अच्छा है l यू लुकिंग सो हॉट वरना यहाँ कुछ लोग ऐसे भी है जिनकी न कोई क्लास है ना कोई अच्छी चॉइस”
“आई थिंक ऐसे लोग एवरेज होते है और उनकी लाइफ भी इसी में गुजर जाती है”,कहते हुए सोफिया ने नंदिनी की और देखा l “अपने इस एवरेज लुक का लोग फायदा बड़ा उठाते है , बेस्ट फ्रेंड के नाम पर अगले के घर में घुसकर यहाँ तक के उसकी जिंदगी पर भी अपना हक़ जमाने लगते है”,मौली आज पुरे मूड में थी नंदिनी को निचा दिखाने का वो एक भी मौका छोड़ना नहीं चाहती थी
“ऐसे लोगो को तुम क्या कहोगी मौली ?”,सोफिया ने इतराते हुए कहा
“बेस्टफ्रेंड के नाम पर सबसे बड़े बेवकूफ है जो सिर्फ अपना उल्लू सीधा करने की कोशिश करते है”,मौली ने भी उसी टोन में कहा
“बिल्कुल मजे के मजे और रिलेशनशिप का रिलेशनशिप”,सोफिया ने कहा तो मौली हसने लगी l
नंदिनी चुपचाप दोनों की बातें सुन रही थी l मौली और सोफिया के कहे एक एक शब्द उसके सीने में तीर की भांति चुभ रहे थे और आखरी बात ने तो उसकी आँखों में आंसू तक ला दिए l नंदिनी वहा से उठी और अपनी जूठी प्लेट उठाकर किचन की और बढ़ गयी l दूसरी तरफ कार्तिक अपने पापा के सामने ख़ामोशी से खड़ा था
“कबसे चल रहा है ये सब ?”,उन्होंने सहज भाव से कहा
“वो पापा आप जो सोच रहे है ऐसा कुछ भी नहीं है”,कार्तिक ने हिचकिचाते हुए कहा
“ये तो हुआ झूठ , अब बताओ सच क्या है ?”,अखिलेश जी ने कहा
“पापा , वो सोफिया और मैं दोनों एक दूसरे को पसंद करते है पापा”,कार्तिक ने धीरे से कहा
“हम्म्म , देखो बेटा अगर ये पसंद अगर गंभीर है तो ठीक है अगर मस्ती मजाक के लिए है तो ध्यान रहे मैं इस सब के लिए बिल्कुल सहमत नहीं हु”,अखिलेश जी ने कहा
“नहीं पापा ऐसी बात नहीं है”,कार्तिक ने कहा
“अगर तुमने पसंद कर ही लिया है तो देखते है आगे फ़िलहाल पढाई पर ध्यान दो”,कहकर अखिलेश जी किताब खोलकर पढ़ने लगे
“पापा”,कार्तिक उनसे कुछ पूछना चाहता था
“हम्म”,अखिलेश जी ने किताब में ध्यान लगाए हुए कहा
“आपको सोफिया पसंद नहीं आई”,कार्तिक ने पूछा
अखिलेश जी मुस्कुराये और कहा,”अच्छी लड़की है बस कपडे थोड़े छोटे पहनती है”
अखिलेश जी की बात सुनकर कार्तिक मुस्कुराये बिना नहीं रह सका और कमरे से बाहर आ गया हॉल में कोई नहीं दिखा तो कार्तिक अपने कमरे की तरफ चला गया l सोफिया मौली को घर दिखाते हुए बातें करने लगी l दोनों की अच्छी बन रही थी मौली कार्तिक से गश खाये हुए थे और सोफिया नंदिनी से l

उधर नंदिनी किचन में गयी उसने सिंक में प्लेट रखी और हाथ धोकर पानी पिने लगी l रंजना किचन की प्लेटफॉर्म साफ करने में लगी हुई थी l वह साफ कर वह धोये हुए प्लेट पोछकर जमा रही थी l प्लेट पोछते पोछते वह सोच में डूब गयी l उसे सोफिया बिल्कुल पसंद नहीं आई , उसके कपडे उसके बात करने का तरिका सब अजीब लग रहा था रंजना को l अपने कार्तिक के लिए वह नंदिनी जैसी बहु चाहती थी लेकिन कार्तिक सोफिया को पसंद करता है ये जानकर उसे बहुत बुरा लग रहा था l अचानक हाथ से छूट कर प्लेट निचे जा गिरी l
“अरे , आंटी क्या हुआ आप ठीक तो है ?”,नंदिनी ने उनके पास आकर गिरी हुई प्लेट उठाते हुए कहा l
“हम्म्म्म हां वो हाथ से फिसल गयी”,रंजना ने अपने ख्यालो से बाहर आकर कहा
“आईये आप यहाँ बैठिये और ये मुझे दीजिये मैं कर देती हु”,नंदिनी ने रंजना के हाथ से कपड़ा लेकर उन्हें पास पड़ी चेयर पर बैठाते हुए कहा l
“अरे बेटा मैं कर लुंगी तुम खामखा परेशान हो रही हो”,रंजना ने कहा
“तो क्या हुआ आंटी मैं कर देती हु वैसे भी मुझे ये सब करना पसंद है , लखनऊ में मम्मी की हेल्प भी तो करती हु ना”,नंदिनी ने मुस्कुराते हुए कहा और फिर प्लेटफॉर्म पर रखी प्लेटे उठा उठाकर जमाने लगी l
रंजना बड़े प्यार से उसे ये सब करते हुए देख रही थी l नंदिनी ने सभी प्लेटे जमाई और आकर रंजना के पास बैठ गयी
“अब बताईये आप इतनी उदास क्यों है ? सुबह जब मैं आई तब तो आप कितनी खुश फिर अचानक से l अंकल जी की बात से बुरा लगा क्या आपको ? अरे आंटी वो तो मजाक कर रहे थे वरना अंकल तो कितने स्वीट है”,नंदिनी ने कहा
“नंदिनी क्या तुम कार्तिक से प्यार करती हो ?”,रंजना ने नंदिनी से सीधा सवाल किया
नंदिनी को रंजना से इस सवाल की उम्मीद नहीं थी l वह अवाक् सी रंजना को देखने लगी तो रंजना ने उसके हाथो को अपने हाथ में ले लिया और कहाँ,”नंदिनी बताओ मुझे क्या तुम्हे कार्तिक पसंद है ? क्या तुम उस से प्यार करती हो ?”
“आंटी ये आप क्या कह रही है ?”,नंदिनी के गले से मुश्किल से दो शब्द निकले होंगे
“नंदिनी मुझसे कुछ छुपा नहीं है माँ हु मैं उसकी सब देख सकती हु , पर जो देखा है वो सच है या नहीं तुमसे जानना चाहती हु , अब बताओ तुम मेरे बेटे से प्यार करती हो या नहीं”,रंजना ने कहा
“आंटी कार्तिक सोफिया को पसंद करता है”,नंदिनी ने कहा
“करता होगा पर जहा तक मैं जानती हु वो तुम्हारे साथ ज्यादा खुश रहता है , सोफिया कार्तिक के लिए सही नहीं है नंदिनी और शायद ये तुम भी जानती हो l कुछ देर पहले मौली के साथ मिलकर उसने जो कुछ भी कहा वो सब सूना मैंने l”,रजना ने दुखी स्वर में कहा
“मुझे उन लोगो की बात का बुरा नहीं लगा आंटी”,नंदिनी ने धीरे से कहा
“पर मुझे बुरा लगता है बेटा जब कोई तुम्हारे लिए कुक बोलता है l मैं तुम्हे फाॅर्स नहीं करुँगी पर जिस तरह से कार्तिक की जिंदगी में आकर तुम उसे सही रास्ते पर ले आई l अब इस घर में आकर उसे सोफिया के मायाजाल से बाहर निकाल लो बेटा”,रजना ने प्यार से नंदिनी का चेहरा अपने हाथो में थामकर कहा
“मैं कैसे ?”,नंदिनी अभी भी रंजना की बातो से हैरान थी
“वो मैं नहीं जानती , बस इतना जानती हु की कार्तिक के लिए तुम बेस्ट हो सोफिया नहीं”,रंजना ने कहा
“लेकिन कार्तिक सोफिया से………………..!!”,कहते कहते नंदिनी रुक गयी
“अरे वो तो एक नंबर का गधा है , पर जिस दिन उसे अहसास होगा वो तुमसे आकर अपने दिल की बात तुमसे कह देगा बस तुम कभी उसका साथ मत छोड़ना बेटा”,रंजना ने नंदिनी की आँखों में देखते हुए कहा
नंदिनी को जब पता चला की कार्तिक की मम्मी उसे इतना पसंद करती है तो वो ख़ुशी से भर उठी उसकी आँखे नम हो गयी और वह रंजना के गले लगकर कहने लगी,”मैं कार्तिक के साथ गलत नहीं होने दूंगी आंटी “
“आंटी नहीं माँ , आज से तुम मुझे माँ कहकर बुलाओगी”,रंजना ने प्यार से नंदिनी के गालो पर आये आंसुओ को पोछते हुए कहा l नंदिनी शर्मा कर मुस्कुराने लगी l
दोनों किचन से निकलकर बाहर हॉल में आकर बैठ गयी l रंजना नंदिनी को कार्तिक के बचपन की बाते बताने लगी l

अपने कमरे में आकर कार्तिक अपनी कबर्ड में कुछ ढूंढ रहा था l तभी सोफिया कमरे में आयी कार्तिक को ध्यान नहीं था सोफिया के हाथ में कॉफी का मग था वह आकर कार्तिक के बिल्कुल पीछे खड़ी हो गयी l कार्तिक जो ढूंढ रहा था वह उसे नहीं मिला वह जैसे ही पलटा पीछे खड़ी सोफिया से टकरा गया कप में रखी कॉफी उसके शर्ट पर आ गिरी l
“सॉरी बेबी मैंने देखा नहीं था , मैं साफ कर देती हु”,सोफिया ने कहा
“इट्स ओके सोफिया मैं कर लेता हु”,कहकर कार्तिक वहा से हटा
सोफिया कहा मौका छोड़ने वाली थी उसने कॉफी का कप टेबल पर रखा और कार्तिक के पास आकर कहा,”मैंने गिराया है मैं साफ करुँगी”
कार्तिक पीछे हटते हटते दिवार से जा लगा l उसका दिल तेजी से धड़क रहा था सोफिया उसके पास आई ओर शर्ट का बटन खोलने लगी l
“सोफिया ये तुम क्या कर रही हो ?”,कार्तिक ने असहज महसूस करते हुए कहा
“बेबी तुम बहुत अनरोमांटिक हो , कपल्स ऐसे मौको का इंतजार करते है और एक तुम हो के भाव खा रहे हो”,सोफिया ने दुसरा बटन खोलते हुए कहा l

कार्तिक कुछ बोल नहीं पाया वही घुटन और अजीब सा महसूस करने लगा जो सोफिया के साथ होने पर हमेशा किया करता था l सोफिया अपनी उंगलिया उसके गालो पर घुमाने लगी , फिर गर्दन और फिर सीने पर l कार्तिक ना उसे रोक पा रहा था ना सह पा रहा था l उसकी धड़कने सामान्य से तेज थी और चेहरे पर पसीने की बुँदे उभर आई l सोफिया ने एक एक करके कार्तिक की शर्ट के सभी बटन खोल दिए l कार्तिक को खामोश देखकर सोफिया ने अदा के साथ अपने बालो को एक तरफ किया और कार्तिक के और करीब आकर अपने होंठों को उसके होठो के पास ले आई l कार्तिक को कुछ समझ नहीं आ रहा था सोफिया ने अपनी आँखे बंद की और जैसे ही कार्तिक के होंठो को छुने वाली थी नंदिनी वहा आ गयी
“नंदू तुम जैसा सोच रही हो वैसा कुछ नहीं है , सोफ़िया से शर्ट पर कॉफी गिर गई थी बस वो ही साफ कर रही थी”,कहते हुए कार्तिक सोफिया को साइड में करके नंदिनी के पास आ खडा हुआ
“शर्ट के बटन खुले है bunny”,नंदिनी ने दूसरी तरफ देखते हुए कहा l
कार्तिक ने जल्दी से शर्ट के बटन बंद किये और कहा,”नंदू………………….!!”,
“मैं तुम्हे ये बताने आयी थी की मैं हॉस्टल वापस जा रही हु मम्मी पापा आ रहे है”,कहकर नंदिनी जाने लगी तो कार्तिक ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोकते हुए कहा,”मैं छोड़ देता हु”
“मैं चली जाउंगी , एन्जॉय”,कहकर नंदिनी तेज कदमो से वहा से चली गयी कार्तिक को अब खुद पर ही गुस्सा आ रहा था l नंदिनी ने उसे सोफिया के साथ इस हाल में देखा पता नहीं वह उसके बारे में क्या सोच रही होगी l कार्तिक नंदिनी के पीछे पीछे आया लेकिन तब तक नंदिनी वहा से जा चुकी थी l कार्तिक को बहुत बुरा लग रहा था l वह बाहर बगीचे में पड़े झूले पर आ बैठा और सोचने लगा,”ये मुझे क्या हो गया है ? सोफिया से प्यार करता हु उसे पसंद भी करता हु पर जब भी वो मेरे करीब आने की कोशिश करती है तो अजीब क्यों लगता है ? जितना खुश नंदू के साथ रहता हु , जितना खुलकर नंदू से बात करता हु उतना सोफिया से क्यों नहीं कर पा रहा हु ? एक तरफ नंदू है तो दूसरी तरफ सोफिया , एक तरफ प्यार है तो दूसरी तरफ दोस्ती l मैं दोनों को हर्ट करना नहीं चाहता l क्या सही है क्या गलत कुछ समझ नहीं आ रहा है”
अंदर सोफिया ने मौली को हाई फाइव देते हुए कहा,”मान गए तुम्हे , तुम तो मास्टर माइंड हो यार l हमारा प्लान सक्सेस हुआ और नंदिनी……..उसकी तो शक्ल उस वक्त देखने लायक थी”
“सोफिया जैसे आज वो घर से गयी है न देखना बहुत जल्दी ही कार्तिक की जिंदगी से भी ऐसे ही चली जाएगी”,मौली ने मुस्करात हुए कहा
दोनों ने एक दूसरे से हाथ मिलाया और फिर सोफिया बिना कार्तिक से मिले वहा से चली गयी l
हॉस्टल आने के बाद नंदिनी की आँखों के आगे बार बार वही पल आ रहा था जब कार्तिक सोफिया की बाहों में था l नंदिनी की आँखों में आंसू आ गये l कार्तिक को सोफिया से जितना दूर रखने की कोशिश करती कार्तिक उसके उतना ही करीब जाते जा रहा था l कैसे वह सोफिया का सच कार्तिक के सामने लायेगी और अगर ले भी आई तो क्या कार्तिक उस सच को अपना पायेगा l कही मैं कार्तिक को खो ना दू l
इतवार की वह शाम बहुत उदासीन और खामोश थी l नंदिनी हॉस्टल के कमरे में अँधेरे में अपनी खिड़की के पास उदास सी खड़ी बाहर सड़क पर आते जाते लोगो को देख रही थी l वही दूसरी और कार्तिक अपने कमरे में औंधे मुंह बिस्तर पर पड़ा हुआ था l मन काफी उदास था l नन्दिन को कई बार फोन किया लेकिन स्विच ऑफ था l कार्तिक उठा और नंदिनी से मिलने हॉस्टल जाने के लिए सोचने लगा l जैसे ही उसने टेबल से बाइक की चाबी उठाई उसकी नजर टेबल पर पड़े अपने ताबीज पर गई जिसमे नंदिनी की चैन उलझी हुई थी l कार्तिक ने उसे उठाया और देखने लगा चैन में एक छोटा सा पेन्डेन्ट भी था जिसमे k और n खुदा हुआ था l कार्तिक उसे देखकर मुस्कुराने लगा l वह वही बैठकर दोनों को सुलझाने लगा जब दोनों सुलझ गए तो उसने अपना ताबीज पहन लिया और नंदिनी वाली चैन को अपने शर्ट की जेब में डाल लिया जो की बांयी तरफ बनी हुई थी l
चैन अब उसके दिल के करीब थी और नंदिनी भी……………………………….!!

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