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पाकीजा – एक नापाक जिंदगी 16

Pakizah – 16

pakizah - ak napak jindagi
pakizah – ak napak jindagi by Sanjana Kirodiwal

Pakizah – 16


( अब तक आपने पढ़ा अम्माजी मुरली को अपने कोठे से निकाल देती है !! कहानी को पढ़ने वाले रूद्र को अहसास होता है की वह रातभर सोया नहीं है , सुबह जब दरवाजे पर दस्तक होती है तो रद्र जाकर दरवाजा खोलता है – अब आगे ! )

रूद्र ने जैसे ही दरवाजा खोला सामने रागिनी को देखकर चौंक गया l

“गुड़ मॉर्निंग सर !”,रागिनी ने मुस्कुराकर कहा l

“गुड़ मॉर्निंग , तुम सुबह सुबह यहाँ ?”,रूद्र ने हैरानी से रागिनी की तरफ देखकर पूछा

“बताती हु , पहले अंदर तो आने दीजिये”,रागिनी ने हसते हुए कहा l

“ओह्ह ! सॉरी ,, आओ ना अंदर आओ”,रूद्र ने दरवाजे से हटते हुए कहा l

रागिनी अंदर आ गयी l सिम्पल चूड़ीदार सूट में वह बहुत अच्छी लग रही थी l रूद्र ने उसे बैठने को कहा और खुद किचन की तरफ बढ़ गया l रागिनी भी रूद्र के पीछे पीछे किचन में आ गयी

रूद्र को चाय बनाते देख रगीनी ने कहा ,”लाईये सर मैं बनाती हु”

“तुम्हे देखकर लगता तो नहीं की तुम्हे ये सब काम आते होंगे”,रूद्र ने रागिनी को छेड़ते हुए कहा

“किसने कहा आपसे ? मुझे सब काम आता है झाड़ू , पोछा , कपड़े धोना , खाना बनाना , और चाय…………….चाय तो मैं इतनी अच्छी बनाती हु ना आप बस पूछो मत”,रागिनी ने बढ़ा चढ़ाकर अपनी तारीफ में कहा l

“अच्छा तो फिर बनाओ , मैं भी तो देखु कितनी अच्छी बनाती हु”,रूद्र ने मुस्कुराते हुए कहा l

रागिनी चाय बनाने लगी रूद्र वही खड़ा फोन में आये नोटिफिकेशन्स देखने लगा l चाय बनाते हुए रागिनी की नजर बार बार रूद्र पर चली जाती l टीशर्ट और ट्राउजर में रूद्र उसे बहुत प्यारा लग रहा था उस पर उसका मासूम सा चेहरा रागिनी की आँखों में बसता ही जा रहा था l रागिनी से बेखबर रूद्र फोन में बीजी था l

रागिनी ने चाय उबाली और कप में छानकर रूद्र की तरफ बढ़ा दी l रूद्र ने फोन साइड में रखा और चाय का कप लेकर जैसे ही एक घूंट भरा उसे हंसी आने लगी उसने चाय का कप टेबल पर रखा और जोर जोर से हसने लगा l हँसता हुआ रूद्र बहुत प्यारा लग रहा था पर जब वह लगातार हसंता ही गया तो रागिनी ने पूछा – क्या हुआ सर ? आप इतना हस क्यों रहे है ?

रूद्र ने अपनी हंसी रोकते हुए कहा ,”सच ही कहा था तुमने , तुमसे अच्छी चाय कोई नहीं बना सकता”

रागिनी को कुछ समझ नही आया उसने कप उठाया और जैसे ही एक घूंठ पीया उसका खुद का मुंह बन गया उसने कप निचे रखते हुए कहा ,”इसमें तो चीनी ही नहीं है”

रागिनी ने इतनी मासूमियत से कहा की रूद्र की फिर हंसी निकल गयी और उसने अपनी हंसी रोकते हुए कहा ,”ये सब काम तुम्हारे बस के नहीं है , तुम तो बस पुलिसगिरी में ही ध्यान दो”

रूद्र की बात सुनकर रागिनी झेंप गयी l रागिनी को चुप देखकर रूद्र ने कहा ,”वैसे चाय बहुत अच्छी थी , तूम चाहो तो इसमें एक चम्मच चीनी मिलाकर मुझे पीला सकती हो”

रागिनी मुस्कुरा उठी l रूद्र के फ़ोन पर कॉल आने से रूद्र वहा से बाहर निकल गया l

“24 साल की लड़की चाय में चीनी डालना क्यों भूल गयी ये भी नहीं जानते”, रागिनी ने मुस्कुराते हुए जाते हुए रूद्र को देखते हुए धीरे से कहा l

रूद्र अपने कमरे में आया और फोन उठाया दूसरी तरफ से आवाज आयी – हेलो रूद्र प्रताप सिंह ! कैसे हो ?
रूद्र – हेलो डॉक्टर ! मैं ठीक हु आप कैसे है ?
डॉ. – मैं भी ठीक हु l मैंने तुम्हें याद दिलाने के लिए फोन किया है कल तुम्हे अपने ट्रीटमेंट के लिए आना है , तुम्हे याद है या भूल गए
रुद्र – मुझे याद है डॉक्टर !


डॉ. – अब तबियत कैसी है तुम्हारी ? i hope बेटर ही हो l
रुद्र – मैं ठीक हु डॉक्टर और इसके लिए आपका जितना शुक्रिया अदा करू कम है आपने मुझे नई जिंदगी दी है
डॉ. – रुद्र ! तुम भी ना हद करते हो , हमारा रिश्ता डॉक्टर पेशेंट का नही बल्कि दोस्त का है
रुद्र – जी डॉक्टर बिल्कुल मैं कल वक्त से पहुंच जाऊंगा l


डॉ. – वैसे तुम्हारे लिए लड़की देखी है मैंने
रुद्र – लगता है आप मुझे खुश देखना नही चाहते
डॉक्टर हँसने लगता है और कहता है ,”अरे भई मैं तो मजाक कर रहा हु l तुम आओ तो सही
रुद्र – ठीक है मैं आ जाऊंगा l

रुद्र ने फोन काट दिया l रागिनी चाय लेकर आ गयी l उसने चाय का कप रुद्र की तरफ बढ़ाया तो सहसा ही उसकी उंगलियां रुद्र के हाथ को छू गयीं l रागिनी रुद्र की आंखों में खुद को देखने की नाकाम कोशिश करने लगी l
“हम्ममम्म चाय बहुत अच्छी बनी है”,रुद्र ने चाय पीते हुए कहा l
“सच बोल रहे है या यूं ही झूठ मुठ”,रागिनी ने घूरते हुए कहा
रुद्र – अरे बाबा सच ही कह रहा हु l सच मे बहुत ही अच्छी बनी है
रागिनी – अच्छा thankyou


रुद्र – ह्म्म्म वैसे तुमने बताया नही आज यहां कैसे ?
रागिनी – अरे हा , आज दीदी ओर जीजाजी की एनिवर्सरी है तो शाम को घर पर पार्टी है और आपको आना है ,
रूद्र – ह्म्म्म लेकिन आज शाम को मुझे मुम्बई के लिए निकलना है , वहां मेरी कोई इम्पोर्टेन्ट मीटिंग है
रागिनी – सर प्लीज़ , असलम ओर प्रवीण भी आ रहे है l प्लीज़ मना मत कीजिये
रुद्र – मैं जरूर आता रागिनी पर मुझे आज शाम को ही निकलना है


रागिनी – ठीक है , आप शाम को दीदी के घर से सीधा निकल जाना l अब तो ठीक है
रुद्र – अच्छा ठीक है मैं कोशिश करूंगा
रागिनी मुस्कुरा दी और प्यार से रुद्र की तरफ देखने लगी l रुद्र के दिमाग में बहुत कुछ चल रहा था एक तरफ पाकिजा , एक तरफ डॉक्टर ओर एक तरफ रागिनी के घर जाने का प्लान l


रागिनी रुद्र की तरफ देख ही रही थी कि तभी उसकी नजर सामने स्टडी टेबल पर रखी किताब पर गयी l रागिनी जैसे ही टेबल की तरफ बढ़ी रुद्र सामने आ गया
“क्या हुआ मुझे देखने दीजिये”,रागिनी ने कहा
“प्लीज़ वो नही”,रुद्र ने किताब को बंद करके उसे रागिनी से छुपाते हुए कहा


“खास है”,रागिनी ने पूछा
“हम्म्म्म किसी खास इंसान की है”,रुद्र ने कहा l
“अच्छा ठीक है , आपको फ़ोर्स नही करूँगी l अभी मैं चलती हु बहुत सी तैयारियां करनी है”,रागिनी ने कहा
“चलो मैं घर तक छोड़ देता हूं”,रुद्र ने किताब को ड्रावर में रखते हुए कहा l


“नही सर आप परेशान मत होइए मुझे मार्किट जाना है मैं चली जाउंगी”,रागिनी ने मुस्कुराते हुए कहा
“ठीक है शाम को मिलता हु”,रुद्र ने कहा और रागिनी को गेट तक छोड़ने आया l
रागिनी चली गयी l
रुद्र अंदर आया तो देखा फोन पर असलम के 3 मिस्ड कॉल आये हुये थे l रुद्र ने असलम को फोन मिलाया असलम से कुछ देर बात हुई और फिर उसने रुद्र से मिलने को कहा l

रुद्र ने थोड़ी देर बाद मिलने का कहकर फोन रख दिया l
पाकिजा की डायरी पढ़ने का अभी सवाल ही नही था l रुद्र नहाकर तैयार होकर असलम से मिलने निकल गया
गांधी रोड पर बने कॉफी शॉप में असलम रुद्र का इंतजार कर रहा था l रुद्र आकर असलम के सामने आ बैठा रुद्र को देखते ही असलम का चेहरा खिल उठा l


“कहा गायब हो गए थे सर आप ? कोई फोन नही कोई मिलना नही ?”,असल्म ने कहा
“कुछ नही पिछले दो दिन से किसी खास काम मे बिजी था”,रुद्र मुस्कुरा उठा l
“लगता है हमारे दबंग सर जी आजकल कही और ही बिजी है”,जवाब में असलम भी मुस्कुरा दिया l
रुद्र – अच्छा ये बताओ यहां कैसे बुलाया ?


असलम – सर एक बहुत जरूरी बात पता चली है , जिस पाटिल को आपने सही समझा वो ही आपके आस्तीन का सांप निकला l वो बड़े अफसरों से मिला हुआ था और आपकी हर खबर उन तक पहुंचाता रहता था l ये सब मुझे कल ही पता चला जब मैंने उसे कमिश्नर साहब से बात करते हुए सुना l
असलम की बात सुनकर रुद्र की आंखे फैल गयी असलम ने आगे कहना जारी रखा – हर्षद के साथ जो हादसा हुआ उसमे भी कमिश्नर साहब का ही हाथ है ताकि वो आपका ट्रांसफर करवा सके ,

पर वो ऐसा क्यों कर रहे है ये मैं पता नही लगा पा रहा हु
रूद्र – मैं जानता हूं वो ऐसा क्यों कर रहे है ?
असलम – क्यों सर ?
रुद्र – वो सब मैं वक्त आने पर तुम्हे बता दूंगा फिलहाल तुम बिना कमिश्नर को शक हुये उनकी सारी गतिविधियो पर नजर रखो l


असलम – बिल्कुल सर )
रुद्र – खैर ! आज शाम को रागिनी के घर आ रहे हो ना
असलम – हा सर !
रुद्र – ठीक है शाम को मिलते है
असलम – सर रागिनी ने आपको भी बुलाया है


रुद्र – हा उसने कहा कि कुछ खास तो मैं मना नही कर पाया
असलम – हममममम ( उदास हो जाता है और कही खो जाता है)

असलम को उदास देखकर रुद्र कहता है – क्या हुआ ? आर यू ओके ?
असलम – हम्म्म्म
रुद्र – असलम तुम्हारे ओर रागिनी के बीच कुछ है क्या ? प्लीज़ डोंट टेक माइंड
असलम – मैं उसे बहुत पसंद करता हु सर
रुद्र – ग्रेट तो फिर तुम उसे कहते क्यों नही ?


असलम – डर लगता है कही उसने ना कर दी तो
रुद्र – असलम तुम हिम्मत करके कहो तो सही क्या पता ना हा हो जाये l
असलम – सर ……….!!!
रुद्र – अच्छा ठीक है आज शाम को मैं रागिनी से तुम्हारे बारे में बात करूंगा मेरी बात वो कभी नही टालेगी l
रुद्र की बात सुनकर असलम का चेहरा खिल उठा l

रुद्र वहां से चला गया l

असलम बहुत खुश था आज पहली बार वो रागिनी से अपने दिल की बात कहने वाला था वह सामने बनी गिफ्ट गैलेरी में घुस गया और रागिनी के लिए कोई अच्छा सा गिफ्ट देखने लगा l

असलम रागिनी को चाहता था ?
रागिनी रुद्र को चाहने लगी थी ?
रुद्र के दिल मे पाकिजा बसने लगी थी ?
ओर पाकिजा…………….उसकी जिंदगी में शिवेन आने वाला था l
ये मोहब्बत का सफर किसे कहा ले जाएगा कोई नही जानता था l

रुद्र , रागिनी ओर असलम तीनो को बस अब आने वाली शाम का इंतजार था l

Pakizah – 16 Pakizah – 16 Pakizah – 16 Pakizah – 16 Pakizah – 16 Pakizah – 16 Pakizah – 16 Pakizah – 16 Pakizah – 16 Pakizah – 16 Pakizah – 16 Pakizah – 16 Pakizah – 16

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