Sanjana Kirodiwal

Story with Sanjana Kirodiwal

Telegram Group Join Now

पाकीजा – एक नापाक जिंदगी 33

Pakizah – 33

pakizah - ak napak jindagi
pakizah – ak napak jindagi by Sanjana Kirodiwal

Pakizah – 33


कॉन्स्टेबल की बात शिवेन के सीने में चुभ सी गयी l वह आकर गाड़ी में बैठा l

“अब कहा चलना है अपनी बेइज्जती करवाने ?”,राघव ने गुस्से से ड्राइवर सीट पर बैठते हुए कहा

शिवेन ने कोई जवाब नहीं दिया और आँखे मूंदकर सर सीट से लगा लिया l उसके दिमाग में सिर्फ एक ही बात चल रही थी की आखिर पाकीजा ने ऐसा क्यों किया l राघव ने शिवेन के चेहरे की और देखा जो की गुस्से से लाल हो रहा था उसने गाड़ी स्टार्ट की घर के तरफ लिए निकल गया l घर पहुँचते ही शिवेन गाड़ी से उतरा और सीधा अपने कमरे में चला गया l राघव और मयंक भी उसके पीछे आये l राघव ने देखा शिवेन अपना सर पकडे बैठा है

राघव – उस लड़की को भूल जा शिवेन ?

शिवेन – नहीं भूल सकता मैं उसे , और वो भी कभी नहीं भूलेगी मुझे ! (गुस्से से चिल्लाते हुए)

मयंक – आज जो उसने सबके सामने कहा उस से तो यही लगता है की वो तुझे भूल ही चुकी है , कैसे तेरे प्यार को एक झटके में भुला दिया उसने (नफरत से)

शिवेन – वो मुझसे अब भी उतना ही प्यार करती है

राघव – दिमाग खराब हो गया है तेरा !! उसने क्या कहा सुना नहीं तुमने ,, तू सिर्फ उसका कस्टमर है बस

मयंक – पाकीजा ऐसा करेगी मैंने कभी सोचा भी नहीं था l कितनी मतलबी और खुदगर्ज निकली ना वो

राघव – सच कहते है लोग एक “वैश्या” कभी किसी की नहीं हो सकती

“बस !! एक और शब्द नहीं बोलेगा तुम दोनों में से कोई अब l उसने आज जो कुछ भी कहां वो सब…………..वो सब मुझे बचाने के लिए कहा l वो नहीं चाहती की उसकी वजह से मुझे कुछ हो l उसने आज जो कुछ भी कहा वो सब बोलते हुए उसे कितनी तकलीफ हो रह थी ये तुम सबने नहीं मैंने देखा था l

उसकी आंखे……………उसकी आँखों में सारा सच नजर आता है हां है वो वैश्या लेकिन जितना बड़ा दिल उसके पास है उतना किसी के पास नहीं है l मुझे तकलीफ ना हो इसलिये उसने सारी तकलीफे खुद सह ली”,शिवेन ने कहा

“शिवेन तेरा दर्द समझ सकते है लेकिन जब तक पाकीजा खुद नहीं चाहेगी उसे वहा से निकालना मुश्किल है”,राघव ने शिवेन के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा l

“वो नहीं बोलेगी , वो मर जाएगी पर ये नहीं कहेगी की वो मुझसे प्यार करती है l क्योकि वो कभी नहीं चाहेगी की मुझे कुछ हो तुम दोनों उसे कभी समझ ही नहीं पाए समझते तो उसके लिए इस तरह की बातें नहीं करते”,शिवेन ने दोनों की तरफ नफरत से देखते हुए कहा l

“i am sorry शिवेन पाकीजा की बातो से अपसेट होकर ऐसा कह दिया”,मयंक ने उदास होकर कहा

“तुम दोनों ने सिर्फ वो शब्द सुने जो उसने कहे पर उन शब्दों के पीछे का दर्द महसूस नहीं किया , तुम लोगो ने शायद उसका मासूम चेहरा नहीं देखा l वो लड़की किसी को क्या धोखा देगी जो खुद धोखे का शिकार हो चुकी है , न जाने कितनी ही बार”,शिवेन की आँखे नम हो गयी

राघव और मयंक अपने शब्दों से शर्मिंदा थे l शिवेन घुटनो के बल जमीन पर बैठ गया और कहने लगा ,”वो बहुत दर्द में है , उसकी आंखे पढ सकता हु मैं l ये एक महीना उसने कैसे निकाला है ये उसका दिल जानता है

राघव शिवेन के सामने आकर बैठ गया और कहा,”उसे कुछ नहीं होगा , हम उसे कुछ नहीं होने देंगे”

“मुझे पाकीजा चाहिए राघव उसके बिना नहीं जी पाऊंगा , उसकी उदास आँखे हमेशा मेरा पीछा करती है , मुझे पाकीजा चाहिए”,शिवेन कहते कहते रो पड़ा l

राघव ने आगे बढ़कर उसे गले लगा लिया उसने महसूस किया की शिवेन पाकीजा को बेइंतहा चाहता है l उसने शिवेन को गले लगाए रखा और कहा ,”वो जरूर आएगी , तेरा प्यार उसे तेरे पास लेकर आएगा”

शिवेन बस सुबकता रहा l

बाहर खडे अविनाश जी ने सारी बात सुनी और वहा से गुस्से में अपने कमरे की तरफ बढ़ गए l

उसी शाम पाकीजा बरामदे से होती हुई अपने कमरे में जा रही थी तो सोनाली ने उसका हाथ पकड़ा और उसे खींचती हुई अपने कमरे में लेकर गयी l पाकीजा को अंदर धकियाकर सोनाली ने दरवाजा अंदर से बंद किया और पाकीजा की तरफ पलटी ओर कहा,”क्या हो गया है तुम्हे पाकिजा ? शिवेन के साथ आज जो तुमने किया अच्छा नही किया l वो कितनी उम्मीद लेकर तुम्हारे पास आया था और तुमने तुमने उसका दिल तोड़ दिया l “


“मुझे जाना है”,कहते हुए पाकिजा दरवाजे की तरफ बढ़ी तो सोनाली ने उसकी बाँह पकड़कर उसे वापस खींच लिया और कहा,” मेरे सवालों को नजरअंदाज करके ऐसे नही जा सकती तुम पाकिजा l जरा देखो खुद को क्या बना लिया तुमने खुद को ना किसी से बात करना , ना हँसना ना मुस्कुराना , खुद को अपने आप मे कैद कर लिया है तुमने”,सोनाली ने कहा


“मुझे जाने दीजिए बाजी”,पाकिजा की आंखों में नमी तैर गयी l
“जाने दूँगी पर जाने से पहले मेरे सवालों का जवाब देकर जा l शिवेन के साथ इतना बुरा बर्ताव क्यों किया तुमने ? क्यों उसका दिल तोड़ा ? कितना प्यार करता है वो तुमसे उसे खुद से नफरत करने की वजह क्यों दे दी l बोलो पाकिजा क्यों किया ऐसा ? “,सोनाली ने उसे कंधों से पकड़कर झंझोड़ते हुए कहा

“तो ओर क्या करती मैं ?”,चिल्ला पड़ी पाकिजा ओर चिल्लाहट के साथ ही आँखों में आंसू भर आये l सोनाली हैरान सी पाकिजा की तरफ देखने लगी
“क्या करती मैं बाजी , अगर मैं वो सब नही कहती तो मार दिए जाते शिवेन जी l अम्माजी मरवा देती उन्हें , एक बार वो हमारी वजह से मरते मरते बचे है अब फिर से उनकी जान को मुसीबत में नही डाल सकते l

उनकी जिंदगी छीनकर हम यहां से आजाद होना नही चाहते l हम उनके बिना रह लेंगे पर उन्हें मरता हुआ नही देख सकते”,कहते हुये पाकिजा फुट फुट कर रोने लगी सोनाली उसके पास आई उसे सम्हाला ओर कहा
“ये तू क्या कह रही है पाकिजा ?”
“हा बाजी मैं सच कह रही हु l

अम्माजी ने उस दिन मुझसे यही बात की थी कि अगर शिवेन जी की जान बचानी है तो मैं शिवेन जी से हमेशा हमेशा के लिए दूर हो जाउ वरना पाकिजा के आदमी उन्हें खत्म कर देंगे”,कहते हुए पाकिजा फिर रोने लगी
“अम्माजी ने कहा और तुमने मान लिया , पाकिजा एक बार ये तो सोचा होता कि तुम्हारी बेरुखी देखकर शिवेन पर क्या गुजरेगी ? उसे कितना दुख होगा कि जिससे वो प्यार करता है वो उसे पहचानती तक नही”,सोनाली ने कहा


“बाजी शिवेन जी मुझसे बहुत प्यार करते है वो संमझ जाएंगे मैंने ऐसा क्यों किया , वो समझ जाएंगे बाजी”,पाकिजा सुबकने लगी
“ओह्ह पाकिजा तुम बहुत मासूम हो तुम्हे अभी अम्माजी के बारे मे कुछ नही पता वो औरत नही बल्कि एक हैवान है l वक्त आने पर किसी को नही छोड़ेगी l बहुत जल्द वो तुम्हे किसी बड़े आदमी को सौंपने वाली है l शिवेन आज तुम्हे लेने आया था उसके साथ ना जाकर तुमने बहुत बड़ी गलती कर दी पाकिजा”,सोनाली ने अफसोस जताते हुए कहा


“ये आप क्या कह रही है बाजी ?”,पाकिजा ने हैरानी से सोनाली की ओर देख के कहा
“मैं सच कह रही हु पाकिजा मैंने खुद सुना है वो जल्द ही तुम्हे यहां से दूसरी जगह भेजने वाली है”,सोनाली ने कहा
“क्या फर्क पड़ता है बाजी ? एक नरक से दूसरे नरक ही तो जाना है”,पाकिजा ने दार्शनिक स्वर में कहा
“पागल मत बनो पाकिजा , एक बार उस लड़के के बारे में तो सोचो जो तुम्हे इतना चाहता है l

क्या वो जी पायेगा ?”,सोनाली ने पाकिजा का चेहरा अपने हाथों में लेकर कहा l
“वो मर जायेगा बाजी”,पाकिजा ने उदास स्वर में कहा
“तू उस से प्यार करती है ना पाकिजा ?”,सोनाली ने चिंतित स्वर में पूछा l
“हा बाजी बहुत प्यार करते है हम उनसे खुद से भी ज्यादा उनके लिए अगर जान भी देनी पड़ जाए तो हंसते हंसते दे देंगे”,पाकिजा ने शून्य में तांकते हुए कहा l


“जब इतना प्यार है उस से तो क्या एक आखरी कोशिश नही करेगी अपने शिवेन को पाने की”,सोनाली ने प्यार से उसकी आंखो में देखते हुए कहा l
“पर मैं क्या कर सकती हूं बाजी अम्माजी हमे नही छोड़ेगी हम कही भी जाये वो हमें ढूंढ निकालेगी”,पाकिजा कहते कहते रोने लगी
“अम्माजी , अम्माजी , अम्माजी आखिर कब तक डरोगी तुम उनसे l

पाकिजा ये लड़ाई तुम्हारी है इसे तुम्हे खुद लड़ना होगा , सामना करना होगा अम्माजी जैसे कितने ही लोग तुम्हारी जिंदगी में आएंगे l बहुत डर चुकी ओर बहुत सह लिया तुमने अब वक्त है डटकर इन लोगो का सामना करने का “,सोनाली ने गुस्से से उबलते हुए कहा l
“लेकिन हम अकेले कैसे लड़ेंगे सबसे ?”,पाकिजा ने अपनी बेबसी जताते हुए कहा


“तुम अकेली नही हो पकीजा , तुम्हारी बाजी तुम्हारे साथ है l बहन कहा है ना तुमने मुझे अब तुम्हे अम्माजी के इस दलदल से मैं बाहर निकालूंगी “,सोनाली ने कहा
“पर कैसे ? “,पाकिजा ने हैरानी से सोनाली की तरफ देखते हुए कहा
“पहले मुझसे वादा करो “,सोंनाली ने अपना हाथ आगे बढाते हुए कहा l


“कैसा वादा बाजी ?”,पाकिजा ने पूछा
“यही की यहां से निकलने के बाद तुम शिवेन के साथ एक नई जिंदगी की शुरुवात करोगी”,सोंनाली ने पाकिजा की आंखों में देखते हुए कहा
पाकिजा कुछ देर खामोशी से देखती रही और फिर अपना हाथ आगे बढ़ाकर कहा ,”हम वादा करते है बाजी शिवेन जी का साथ कभी नही छोड़ेंगे “

सोंनाली ने पाकिजा को गले लगा लिया और फिर दोनों बैठकर आगे की योजना बनाने लगी l

उसी रात शिवेन ओर अविनाश जी के बीच पाकिजा को लेकर झगड़ा हुआ झगड़ा इतना बढ़ गया कि अविनाश जी ने शिवेन पर हाथ तक उठा दिया l राग्घव ओर मयंक भी वही मौजूद थे उनके सामने शिवेन ये सब बर्दाश्त नही कर पाया और हमेशा हमेशा के लिए घर छोड़कर निकल गया l
एक तरफ पाकिजा की चिंता दूसरी तरफ नीलम के आंसू शिवेन को कमजोर बनाने लगे l

तनाव में शिवेन कोई गलत कदम ना उठा ले सोचकर मयंक ओर राघव भी उसके साथ आ गए l राघव शिवेन को लेकर फ्लेट पर आया और उसे शांत करवाया l जबरदस्ती उसे दो निवाले खाना खिलाकर राघव ने उसे सुला दिया
राघव ओर मयंक कमरे की लाइट बन्द करके बाहर सोफे पर आ बैठे l
“क्या से क्या हो गया ना यार ! कितनी अच्छी जिंदगी थी हम तीनो की ओर शिवेन तो कितना खुशमिजाज ओर जिंदादिल इंसान था पर आज उसकी हालत देखकर उस पर तरस आता है यार”,मयंक ने कहा


“बुरा मुझे भी लग रहा है यार पर ये कमबख्त इश्क़ है ही ऐसा जो कुछ भी करवा सकता है l शिवेन को तो हम लोग सम्हाल लेंगे लेकिन पाकिजा ? वो बेचारी पता नही इस वक्त किस हाल में होगी”,राग्घव ने मयंक की बात का समर्थन करते हुए कहा


“भगवान इतना निर्दयी भी नही हो सकता भाई देखना वो इन दोनों को एक दिन जरूर मिलाएगा l”,मयंक ने राघव के कंधे पर हाथ रखते हुये कहा
“मैं भी यही चाहता हु की दोनो मिल जाये”,राघव ने कहा l
कुछ देर बाद दोनों शिवेन के पास सोने चले गए l

उधर पाकिजा ओर सोंनाली ने अपनी योजना के मुताबिक रात के खाने में बेहोशी की दवा मिला दी l पाकिजा ओर सोंनाली को छोड़कर बाकी सबने खाना खा लिया l धीरे धीरे सब बेहोशी में चले गए l पाकिजा ओर सोंनाली ने अपना काम शुरू कर दिया l वो अम्माजी के खिलाफ सबूत ढूंढने लगी पर कुछ नही मिला l रात के तीसरे पहर तक दोनो छानबीन करती रही लेकिन कुछ नही मिला l


सुबह होने वाली थी सोंनाली ने पाकिजा से चलने को कहा और उसे लेकर वहां से निकल गयी l पाकिजा ने सोनाली को उस जगह का नाम बताया जहा शिवेंन रहता था l सोंनाली पहले से उस जगह के बारे में जानती थी अक्सर वह अपने कस्टमर के साथ वहां जाया करती थी l
सोंनाली पाकिजा को लेकर चल पड़ी

सुबह सुबह शिवेन के फ्लैट की रिंग बजी l राघव ओर मयंक सो रहे थे लेकिन शिवेन की नींद खुली वह उठा और बाहर आकर दरवाजा खोला सामने सोंनाली को देखकर शिवेन ने कहा,”जी कहिये !
सोंनाली ने कुछ नही कहा बस शिवेन के सामने से साइड में हट गई l

सोंनाली के पीछे खड़ी पाकिजा को देखकर शिवेन हैरान रह गया l पाकिजा ने अपनी पलके उठाकर शिवेन की तरफ देखा l शिवेन ने कुछ नही कहा बस आगे बढ़कर पाकिजा को गले लगा लिया l पाकिजा की आंखो से आंसू बहने लगे l

शिवेन सोंनाली ओर पाकिजा को अंदर ले आया l सोंनाली ने सारी बात शिवेन को बताई l कुछ देर बाद मयंक ओर राघव भी बाहर आ गए l राघव ने सबके लिये कॉफी बनाई l सभी साथ बैठकर कॉफी पीने लगे l
“मुझे माफ़ कर दीजिए शिवेन जी”,पाकिजा ने शिवेन के सामने हाथ जोड़ते हुये कहा


“पाकिजा ! मैंने कहा था ना मैं हमेशा तुम्हारे साथ हु”,शिवेन ने पाकिजा का हाथ अपने हाथों में लेकर कहा l
पाकिजा ने देखा शिवेन की आँखों मे उसके लिए अथाह प्रेम था जो कुछ भी कर गुजरने की चाह में था l पाकिजा ने शिवेन को हाथों को मजबूती से कस लिया अब वह शिवेन का साथ हमेशा हमेशा के लिए चाहती थी l

कुछ देर बाद सोनाली अपनी योजना के मुताबिक सबको लेकर थाने पहुंची l उसने अम्माजी जी खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई l शिवेन , पाकिजा , मयंक राघव भी वहां मौजूद थे l
“देखो मैडम रिपोर्ट तो मैं लिख लूंगा पर उनको अरेस्ट करने के लिए कोई तो पक्का सबूत होना चाहिए ना l ओर मैं ये कैसे मान लू की आप जो कह रही हो वो सच है”,इंस्पेक्टर ने सोंनाली की तरफ देखकर कहा


“साहब मैं खुद भी अब तक उनके पास थी और मैं खुद आपको इस बात का सबूत दे रही हु”,सोनाली ने कहा l
इंस्पेक्टर ओर सोंनाली आपस मे बहस करने लगे और आखिर में इंस्पेक्टर ने कहा,”ठीक है रिपोर्ट लिख लूंगा पर अम्माजी के खिलाफ गवाही देगा कौन ? आपकी ओर पाकिजा जी की गवाही तो मान्य नही है तो फिर गवाही देगा कौन

सोनाली , पाकिजा , शिवेन , मयंक ओर राघव एक दूसरे की तरफ देखने लगे l अम्माजी के खिलाफ उनके पास कोई सबूत नही था l

“है कोई जो अम्माजी के खिलाफ गवाही देगा ?”,इंस्पेक्टर ने एक एक शब्द पर जोर देते हुए कहा l

चारो तरफ खामोशी छा गयी l तभी माहौल में एक दमदार ओर जानी पहचानी आवाज गूंजी

“मैं दूंगा गवाही !!”

सभी की नजर दरवाजे की ओर चली गयी

Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33

Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33Pakizah – 33

Continue With Part Pakizah – 34

Read Previous Part Here पाकीजा – एक नापाक जिंदगी 32

Follow Me On facebook

Sanjana Kirodiwal

pakizah - ak napak jindagi
pakizah – ak napak jindagi by Sanjana Kirodiwal

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!