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मनमर्जियाँ – 55

Manmarjiyan – 55

Manmarjiyan - 55

Manmarjiyan – 55

गुड्डू को पिंकी के साथ जाते देखकर शगुन को कुछ गड़बड़ लगा तो वह भी उन दोनों के पीछे चल पड़ी। वेदी को कुछ समझ नहीं आया ना ही उसने ज्यादा दिमाग लगाया की शगुन कहा गयी है वह मस्त अपनी चाट खाने में लगी हुई थी। पिंकी गुड्डू को लेकर होटल में आयी। अंदर आकर गुड्डू ने कहा,”हिया काहे लेकर आयी हो हमे ? तुमहू तो कही थी की तुमको हमसे कुछो जरुरी काम है”
“हां जरुरी काम तो है ही गुड्डू , तुम चलो तो सही”,पिंकी ने गुड्डू को लगभग खींचते हुए कहा
“हमको ना इह जगह कुछो ठीक नहीं लग रही है पिंकिया”,गुड्डू ने पिंकी के साथ चलते हुए कहा
पिंकी उसे लेकर होटल के एक कमरे में लेकर आयी जो उसने अपने किसी दोस्त से कहकर बुक करवाया था। कमरे में आते ही पिंकी ने दरवाजा बंद कर दिया
“दरवाजा काहे बंद की हो ?”,गुड्डू को अब बेचैनी होने लगी थी उसका दिल कह रहा था जैसे कुछ गलत होने वाला है। पिंकी ने उसकी बैचैनी भांपते हुए कहा,”गुड्डू हमे तुम्हारे साथ कुछ क्वालिटी टाइम बिताना था इसलिए हम यहाँ आये है ताकि कोई हमे डिस्टर्ब ना कर सके”
“हां लेकिन इस तरह बंद कमरे में क़्वालिटी टाइम,,,,,,,,,,,,,,कुछ अजीब नहीं लग रहा तुम्हे ?”,गुड्डू ने कहा
पिंकी गुड्डू के करीब आयी और अपनी ऊँगली उसके गालो पर घुमाते हुए कहा,”तुम सच में बहुत भोले हो गुड्डू ,, क़्वालिटी टाइम मतलब तुम और हम,,,,,,,,,,,,,हमारे बीच तिसरा कोई नहीं आएगा”
पिंकी ने जैसे ही गुड्डू को छूआ एक झुरझुरी सी उसके जिस्म में उठी और उसने पीछे हटते हुए कहा,”पिंकिया हमे कुछ समझ नहीं आ रहा है”
पिंकी गुड्डू के थोड़ा करीब आयी और कहा,”अभी समझा दूंगी गुड्डू” कहते हुए पिंकी ने गुड्डू को पीछे हल्का सा धक्का दिया जिस से गुड्डू वहां पड़े बिस्तर पर जा गिरा। पिंकी बाथरूम की और बढ़ गयी और गुड्डू बिस्तर पर बैठा बंद दरवाजे की और देखता रहा। गुड्डू ने देखा कमरे में एक बिस्तर है , एक शीशा है , गन्दी सी बदबूदार चद्दर और परदे लगे है। गुड्डू को उस कमरे में घुटन सी होने लगी थी।
शगुन होटल के मेन गेट के पास पहुंची उसे वह जगह कुछ अजीब लगी उसने मन ही मन सोचा,”पिंकी गुड्डू जी को लेकर यहाँ क्यों आयी है ? कही गुड्डू जी फिर से कोई मुसीबत में ना फंस जाये। मुझे उन्हें यहाँ से निकालना होगा”
शगुन हिम्मत करके अंदर चली आयी जैसे ही अंदर आयी वह बैठे कुछ लोग उसे अजीब नजरो से देखने लगे। शगुन ने उन्हें इग्नोर किया और रिसेप्शन पर आकर कहा,”एक्सक्यूज मी , अभी थोड़ी देर पहले एक लड़का और लड़की यहाँ आये थे क्या आप बता सकते है वे दोनों कहा है ?”
“सॉरी मैडम पर्सनल इनफार्मेशन देना यहाँ के रूल्स के खिलाफ है”,रिसेप्शन पर बैठे लड़के ने कहा
“रूम की चाबी”,शगुन की बगल में खड़े एक लड़के ने कहा जिसने बहुत ज्यादा शराब पि रखी थी और अपने साथ खड़ी लड़की की कमर में बांह डालकर खड़ा था। शगुन शराब की बदबू को बर्दास्त नहीं कर पाई और उस ने अपना हाथ अपने नाक पर रख लिया। लड़के की नजर शगुन पर पड़ी तो उसने कहा,”ओह्ह्ह हाय ब्यूटीफुल चलोगी मेरे साथ ?”
“ये क्या बदतमीजी है ?”,शगुन ने गुस्से से कहा
“पैसे ले लेना इतना भाव क्यों खा रही है ?”,लड़के ने भी अकड़ते हुए कहा
शगुन ने खींचकर एक थप्पड़ लड़के को मारा और कहा,”सबको अपने जैसा समझा है क्या ?”
“बेबी चलो ना यहा से ये कोई सरफिरी लगती है,,,,,,,,,,,,,,,एन्जॉय करते है”,कहते हुए लड़के के साथ खड़ी लड़की उसे लेकर चली गयी। शगुन ने तो अपना सर ही पकड़ लिया। गुड्डू के लिए उसे ऐसी जगह आना पड़ा सोचकर ही उसे बहुत अजीब लग रहा था। उसने एक बार फिर रिशेप्शन वाले लड़के से पूछा लेकिन उसने साफ मना कर दिया। वहा आस पास में घूमता वेटर बार बार शगुन को ही देखे जा रहा था। शगुन वापस जाने के लिए मुड़ी तो वेटर उसके पास आया और कहा,”आप चाहे तो मैं आपकी हेल्प कर सकता हूँ”
उसकी बात सुनकर शगुन ने जैसे ही उसकी और देखा वेटर ने हाथ की उंगलियों से पैसे देने का इशारा किया। शगुन के पास मिश्रा जी दिए कुछ रूपये थे शगुन ने उनमे से ही एक 500 का नोट निकालकर उस वेटर को दे दिया और वेटर ने टिशू पेपर पर रूम नंबर लिखकर शगुन को पकड़ा दिया।
शगुन वहा से सीढ़ियों की और बढ़ गई। चलते हुए उसकी ना जाने कितने ही कपल्स पर गयी जो की दुनिया से बेखबर बेहूदा हरकते कर रहे थे। ये सब देखकर शगुन का मन बैचैन होने लगा और डर भी लगने लगा की गुड्डू ऐसी जगह क्यों आया होगा ?
गुड्डू परेशान सा बिस्तर के एक कोने पर बैठा हुआ था तभी बाथरूम का दरवाजा खुला और पिंकी बाहर आयी ,गुड्डू ने देखा तो उसका दिल धड़क उठा और उसने नजरे घुमा ली। पिंकी ने घुटनो से ऊपर तक की एक बहुत ही छोटी सी ड्रेस पहन रखी थी , बाल खुले और होंठो पर गहरी लिपस्टिक लगाए वह बड़ी ही कातिल नजरो से गुड्डू को देख रही थी। गुड्डू को पसीने छूटने लगे थे वह उठा और कहा,”इह सब का है पिंकिया ? उतार दो इह ड्रेस तुमहू बिल्कुल अच्छी नहीं लग रही हो”
पिंकी गुड्डू के करीब आयी और उसके गले में अपनी बांहे डालते हुए कहा,”क्यों का खराबी है इह ड्रेस में ? कितनी अच्छी तो है और स्पेशल तुम्हारे लिए पहनी है हमने”
“हमे ये सब पसंद नहीं है , और हमे लगता है हमे यहाँ से चलना चाहिए”,गुड्डू ने पिंकी को खुद से दूर करते हुए कहा।
“गुड्डू आई लव यू और आज मैं तुम्हे सारे हक़ देती हूँ , अब मुझसे ये दूरिया बर्दास्त नहीं होती”,पिंकी ने गुड्डू से चिपकते हुए कहा
गुड्डू को आज पहली बार पिंकी का साथ अच्छा नहीं लग रहा था। उसने पिंकी को खुद से दूर करने की कोशिश की लेकिन पिंकी तो जैसे उसे छोड़ने का नाम ही नहीं ले रही थी तभी किसी ने दरवाजा खटखटाया। गुड्डू ने पिंकी को साइड किया और दरवाजा खोला। सामने शगुन खड़ी थी शगुन को देखते ही गुड्डू के चेहरे पर हवईया उड़ने लगी थी। वह कुछ कहता इस से पहले ही शगुन अंदर आ गयी उसने पिंकी को ऐसे कपड़ो में देखा तो नजरे घुमा ली और गुड्डू की और देखने लगी। गुड्डू की हिम्मत नहीं हो रही थी शगुन से नजरे मिलाने की ,,,,,,,,,,,,पिंकी तो मन ही मन बहुत खुश हो रही थी की गुड्डू को उसके साथ देखकर शगुन जल भून जाएगी और हो सकता है हमेशा हमेशा के लिए गुड्डू को छोड़कर चली जाये। तीनो खामोश थे की तभी एक लड़के ने आकर कहा,”अरे भागो यहाँ से ! पुलिस की रेट पड़ी है”
शगुन ने जैसे ही सूना उसका दिमाग सुन्न हो गया अब उसे समझ आ रहा था की ये होटल अजीबोगरीब क्यों लग रहा था ? उसने गुड्डू की और देखा और फिर पिंकी के पास आकर कहा,”तुम जल्दी से यहाँ से निकलो प्लीज किसी ने देखा तो प्रॉब्लम में फंस जाओगी,,,,,,,,,,,,,,,,जाओ”
“लेकिन पुलिस यहाँ कैसे आयी ? कही तुमने तो उन्हें नहीं बुलाया ?”,पिंकी ने शगुन को घूरते हुए कहा
“मेरे पास तुम्हारे जितना ओवर दिमाग नहीं है , ये एक घटिया होटल है जहा कपल्स आते है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे तुमसे अभी कोई बहस नहीं करनी तुम जाओ यहाँ से,,,,,,,,,,,,,खिड़की से नीचे कूद जाओ”,शगुन पिंकी को खिड़की के पास लाते हुए कहती है
“पागल हो क्या इतने ऊपर से कैसे कूदेंगे हम ?”,पिंकी ने नीचे देखते हुए कहा
“अभी ये सब सोचने का टाइम नहीं है किसी भी वक्त यहाँ आती होगी , प्लीज तुम निकलो”,शगुन ने कहा तो पिंकी ने जल्दी से खुद को दुपट्टे से ढका और शगुन की मदद से खिड़की से नीचे कूद गयी। शगुन गुड्डू के पास आयी और कहा,”चलिए”
“शगुन हमे तुमसे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!”,गुड्डू ने जैसे ही कहना चाहा शगुन ने कहा,”अभी बात करने का टाइम नहीं है पहले यहाँ से निकलिए”
कहते हुए शगुन ने गुड्डू का हाथ पकड़ा और जैसे ही दरवाजे की और जाने लगी दो पुलिसवाले वहा आ पहुंचे और उनमे से एक ने कहा,”कहा भाग रहे हो ?”
“सर हम पति पत्नी है , गलती से यहाँ फंस गए है”,शगुन ने कहा तो दोनो हसने लगे और एक ने कहा,”पकडे जाने के बाद सब यही कहते है , हथकड़ी पहनाओ इन दोनों को और लेकर चलो पुलिस स्टेशन”
“अरे सच में हमहू पति पत्नी इह कह रही है तो समझ नहीं आ रहा है तुमको ?”,गुड्डू ने कहा तो एक पुलिसवाला उसके सामने आया और उसे गौर से देखकर कहा,”तुम तो वही हो ना मिश्रा जी के लौंडे ? आज हाथ लगे हो बेटा तुम्हायी तो जमानत भी नहीं होने देंगे,,,,,,,,,,,,,,,,लेकर चलो इन्हे”
कहकर पुलिसवाला बाहर निकल गया। दूसरे ने गुड्डू और शगुन को हथकड़ी पहनाई और लेकर बाहर निकल गया। गुड्डू को याद आया ये वही पुलिसवाला था जिसे एक बार उसने किसी बात पर थप्पड़ मारा था। चलते हुए उसने एक बार शगुन की और देखा लेकिन शगुन ने कुछ नहीं कहा और चुपचाप चलती रही। गुड्डू शगुन के साथ पुलिसवालों ने 4-5 लोगो को और पकड़ा था बाकि सब तो कबका भाग चुके थे। बाकि सबके साथ गुड्डू और शगुन को भी पुलिस जीप में बैठाया और ले गए। चाट वाले के पास खड़ी वेदी की नजर जब जीप में जाती शगुन पर पड़ी तो उसके होश उड़ गए और उसने कहा,”ये भाभी को पुलिस काहे पकड़ी है , गुड्डू भैया को बताना चाहिए”
वेदी ने गुड्डू को फोन लगाया लेकिन कवरेज क्षेत्र से बाहर था।
वेदी ने ऑटो रुकवाया और घर के लिए निकल गयी। पुलिस की गाड़ी आकर स्टेशन के बाहर रूकती है। सभी को लेकर पुलिस वाले अंदर आते है गुड्डू पुलिस वालो से नहीं डरता लेकिन आज शगुन साथ थी और वह नहीं चाहता था उसकी वजह से शगुन प्रॉब्लम में आये। पुलिसवाले सबको लेकर अंदर आये और दिवार के पास खड़े रहने को कहा। इंस्पेक्टर जिसे गुड्डू से खुन्नस थी वह गुड्डू को घूरते हुए जाकर अपनी कुर्सी पर बैठ गया और कॉन्टेबल से सबके नाम पते लिखने को कहा। कॉन्स्टेबल सबके नाम पते लिखने लगा। गुड्डू के सामने जब कॉन्स्टेबल आया गुड्डू ने कहा,”यार तुम लोग हमायी बात काहे नहीं सुन रहे हो ? हमहू कह रहे है हम उनके पति है जाने दो हमे”
“ऐसा है गुड्डू भैया पुलिस की रेड में पकडे गए है आप , ज्यादा चू-चपड़ की ना तो उठा के अंदर डाल देंगे का समझे ?”,इंस्पेक्टर ने गुड्डू की और आकर कहा
“अरे हम झूठ नहीं बोल रहे है अभी कुछ दिन पहिले ही हमायी शादी हुई है उनसे”,गुड्डू ने कहा
“शादीशुदा लोग ना ऐसे होटलो में नहीं जाते है गुड्डू मिश्रा”,इंस्पेक्टर ने कहा तो गुड्डू ने एक नजर सहमी हुई शगुन को देखा और कहा,”अच्छा एक ठो काम करो , उन्हें जाने दो हमे हिया रखलो”
“काहे छोड़ दे , मजे तो उसने भी किये है ना”,इंस्पेक्टर ने गन्दी नजरो से शगुन को देखते हुए कहा
गुड्डू ने दोनों हाथो से उसकी कॉलर पकड़ी और घूरते हुए कहा,”अबे ए इंस्पेक्टर साले जबान खींच लेंगे तुम्हारी अगर उनके लिए एक शब्द भी कहा तो”
इंस्पेक्टर ने देखा सब उसे ही देख रहे है उसने पास खड़े कॉन्स्टेबल को इशारा किया , कॉन्स्टेबल ने गुड्डू को दूर करने की कोशिश की लेकिन मजाल है गुड्डू इंस्पेक्टर को छोड़ दे। ये देखकर दो कॉन्स्टेबल और आये और गुड्डू पर डंडे बरसाने शुरू कर दिए। शगुन से जब देखा नहीं गया वह गुड्डू के पास आयी और उसका हाथ पकड़ते हुए कहा,”गुड्डू जी छोड़ दीजिये इन्हे,,,,,,,,,,गुड्डू जी प्लीज”
गुड्डू ने शगुन की आँखों में डर और अपने लिए परवाह देखी तो इंस्पेक्टर की कॉलर छोड़ दी लेकिन बदले में इंस्पेक्टर ने गुड्डू को दो तीन घुसे जड़ दिए और
उसके होंठो से खून निकल आया। शगुन ने गुड्डू को सम्हाला और वही सबके साथ बैठ गयी। गुड्डू को बहुत बुरा लग रहा था की उसकी वजह से शगुन यहाँ थी
शगुन भी बहुत घबराई हुयी थी क्योकि आज से पहले वह कभी पुलिस स्टेशन नहीं आयी।
इसंपेक्टर वहा से चला गया। कुछ देर बाद ही मिश्रा जी और मिश्राइन वहा आ पहुंचे। उन्हे देखते ही गुड्डू का सर शर्म से झुक गया। मिश्रा जी की कानपूर में अच्छी पहुँच थी इसलिए उन्होंने बड़े अफसर से बात करके गुड्डू और शगुन को वहा से लेकर चले गए। रास्तेभर गुड्डू और शगुन खामोश रहे बस मिश्राइन आंसू बहाती रही। घर पहुंचकर मिश्रा जी दोनों को लेकर अंदर आये।
मिश्रा जी तख्ते पर बैठ गए , गुस्सा और तकलीफ उनके चेहरे पर साफ नजर आ रहा था। गुड्डू सर झुकाये उनके सामने खड़ा था , शगुन और मिश्राइन पास ही में खड़ी थी। वेदी और लाजो भी चली आयी। मिश्रा जी गुस्से से उठे और जैसे ही गुड्डू के पास आये शगुन एकदम से गुड्डू के सामने आ गयी और नजरे झुकाकर मिश्रा जी से कहा,”गुड्डू जी की इसमें कोई गलती नहीं है पिताजी”

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संजना किरोड़ीवाल

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