Sanjana Kirodiwal

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“मैं तेरी हीर” – 6

Main Teri Heer – 6

Main Teri Heer
Main Teri Heer

काशी ने गौरी के लिए “भाभी” शब्द इस्तेमाल किया और मुन्ना ने हामी भी भर दी। अगले ही पल मुन्ना को अहसास हुआ तो उसने काशी की तरफ देखा काशी उसे देखकर मुस्कुरा रही थी और फिर कहा,”आपको क्या लगता है हमे कुछ पता नहीं होगा ?”
“काशी वो हम तुम्हे बताने ही वाले थे”,मुन्ना ने धीमी आवाज में कहा
“कोई बात नहीं वैसे हम आपके लिए बहुत खुश है,,,,,,,,,,,,गौरी बहुत अच्छी लड़की है वो हमेशा आपका ख्याल रखेगी,,,,,,,,,,,,हाँ थोड़ी सी पागल है जिनसे प्यार करती है उनके लिए कुछ ज्यादा ही डेडिकेट रहती है वो”,काशी ने अपनी चाय पीते हुए कहा
“हमे समझने के लिए तुम्हारा शुक्रिया,,,,,,,,,,!”,मुन्ना ने कहा
“हम्म्म क्या बातें हो रही है ? कही तुम दोनों मिलकर मेरी बुराई तो नहीं कर रहे हो ?”,गौरी ने मुन्ना और काशी के पास आते हुए कहा
“मिस गौरी शर्मा सिर्फ मुन्ना भैया को इम्प्रेस करने से कुछ नहीं होगा , बनारस वाली पूरी फॅमिली को इम्प्रेस करना होगा और सबसे पहले तो हमारी आई को,,,,,,,,,वो बहुत स्ट्रिक्ट है , अनु मौसी और मुरारी चाचा की शादी के टाइम भी उन्होंने अनु मौसी के कितने सारे टेस्ट लिए थे जानती हो तुम”,काशी ने बहुत
ही गंभीरता से कहा।
“हाँ क्या सच में ?,,,,,,,,,,,,,तो उन्हें इम्प्रेस करने के लिए मुझे क्या करना होगा ?”,गौरी ने भी काशी की बातो को सीरियस लेते हुए कहा
“कुछ नहीं करना काशी बस तुम्हे खिंचाई कर रही है”,मुन्ना ने कहा तो काशी मुस्कुराने लगी
“तुम दोस्त हो या दुशमन ?”,गौरी ने काशी को घूरते हुए कहा
“तुम्हारी होने वाली ननद,,,,,,,,,,!!”,काशी ने कहा तो गौरी ने उसे हाई-फाइव दिया और दोनों खिलखिलाकर हंस पड़ी। मुन्ना ने वहा से धीरे से खिसकना चाहा तो गौरी ने उसकी बांह पकड़कर उसे रोकते हुए पूछा,”हम्म्म्म तुम कहा ? तुम्हे याद है ना हम वाक पर जाने वाले है”
“मुन्ना भैया वैसे आपको गौरी के साथ आपको थोड़ा वक्त बिताना चाहिए , आज शाम वैसे भी हम लोग वापस बनारस चले जायेंगे”,काशी ने एकदम से कहा
मुन्ना ने गौरी की तरफ देखा जिस पर एकदम से उदासी छा गयी। मुन्ना और काशी आज शाम वापस बनारस जाने वाले थे और मुन्ना ने ये बात अभी तक गौरी को नहीं बताई थी , वह नहीं चाहता था गौरी को इस बारे में पता चले और वह उदास हो। मुन्ना को अपनी तरफ देखता पाकर गौरी ने जबरदस्ती मुस्कराते हुए कहा,”तुम लोग वापस जा रहे हो ? मुझे लगा तुम कुछ दिन रुकोगे”
“हम रुकना चाहते थे लेकिन कुछ जरुरी काम की वजह से जाना होगा , काशी के एग्जाम्स भी हो चुके है और बड़े पापा चाहते है की अब काशी उनके साथ रहे”,मुन्ना ने कहा
“हम्म्म कोई बात नहीं चलो चलते है , आज का दिन तो है ना हमारे पास”,गौरी ने कहा हालाँकि वह नहीं चाहती थी मुन्ना वापस जाये
“हम्म्म , काशी हम थोड़ी देर में आते है ,, नानी माँ पूछे तो उनसे कहना हम बाहर है”,मुन्ना ने अपनी चाय खत्म करते हुए कहा और गौरी के साथ मॉर्निंग वाक पर निकल गया। बनारस होता तो शायद मुन्ना उसके साथ ऐसे नहीं जाता लेकिन इंदौर में मुन्ना को कम ही लोग जानते थे। दोनों पैदल चलते हुए उसी कॉलोनी के पार्क में पहुंचे। मुन्ना और गौरी के अलावा भी काफी लोग वहा सुबह की सैर के लिए आये हुए थे। मुन्ना को गौरी के साथ यहाँ आना अच्छा लग रहा था। मुन्ना ने देखा हमेशा बोलने वाली गौरी आज चुप थी। गौरी के बगल में चलते हुए मुन्ना ने उसकी ओर देखा और अपने धीरे से गौरी के हाथ को अपने हाथ में पकड़ लिया। मुन्ना के ठन्डे हाथो की छुअन से गौरी की तंद्रा टूटी और उसने मुन्ना की तरफ देखा। गौरी की आँखों में खालीपन और उदासी भरी थी। वह सामने देखते हुए आगे बढ़ गयी और मुन्ना भी उसका हाथ थामे उसके साथ साथ चल पड़ा।
“क्या तुम फिर से बनारस आना चाहोगी ?”,मुन्ना ने ख़ामोशी को तोड़ते हुए कहा
“किसलिए ?”,गौरी ने सामने देखते हुए पूछा
“हमसे मिलने , और अभी तुमने पूरा बनारस भी नहीं देखा ,, आई थिंक तुम्हे देखना चाहिए”,मुन्ना ने कहा
“मुझे नहीं लगता मम्मा मुझे फिर से वहा जाने देगी , हाँ काशी की शादी में मैं वहा जा सकती हूँ”,गौरी ने मुन्ना की तरफ देखकर कहा
“काशी की शादी में अभी वक्त है , क्या तुम उस से पहले नहीं आओगी ?”,मुन्ना ने आसभरे शब्दों में कहा
गौरी चलते चलते रुकी मुन्ना ने उसका हाथ छोड़ दिया वह मुन्ना की तरफ पलटी और कहा,”मान क्या तुम्हे सच में मेरे होने या ना होने फर्क पड़ता है ?”
गौरी का ये सवाल मुन्ना को अजीब लगा लेकिन वह जानता था की उसके बनारस वापस जाने की बात से गौरी अपसेट है इसलिए उसने गौरी के दोनों हाथो को अपने हाथो में लिया और कहा,”पहले नहीं पड़ता था लेकिन हाँ अब पड़ता है”
“तो फिर तुमने मुझे बताया क्यों नहीं की तुम वापस जा रहे हो ?”,गौरी ने लगभग अपनी आँखों को नम करते हुए कहा
मुन्ना कुछ देर ख़ामोशी से गौरी को देखता रहा और फिर कहने लगा,”
गौरी घर में काशी के अलावा हमारे और तुम्हारे रिश्ते के बारे में किसी को पता नहीं है और हम चाहते है की हम खुद उन्हें बताये,,,,,,,,,,,,,,,हम वंश से कभी कोई बात नहीं छुपाते हमने उसे भी तुम्हारे बारे में नहीं बताया है। अभी हमारी जिंदगी में काफी उलझने है और हम तुम्हे उन का हिस्सा बनाना नहीं चाहते है। सब सही होने के बाद हम पापा को तुम्हारे बारे में बता देंगे तब तक लिए हमे समझने की कोशिश करो”
“मान,,,,,तुम्हारा सुख , दुःख , उलझने , परेशानिया , तुम्हारी सक्सेज , तुम्हारी फेलियर ये सब अब मेरी भी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। अगर तुम किसी बात को लेकर खुश होते हो तो मैं भी खुश रहूंगी , अगर तुम्हे हर्ट हुआ तो मुझे भी हर्ट होगा , अगर तुम्हे किसी बात से तकलीफ हुई तो मुझे भी तकलीफ होगी”,गौरी ने मुन्ना की आँखों में देखते हुए कहा
“कितनी फ़िल्मी हो ना तुम”,मुन्ना ने शरारत से गौरी की आँखों से झांकते हुए कहा
“तुम्हे ये सब फ़िल्मी लग रहा है ? तुम बहुत बुरे हो मुझे तुमसे बात नहीं करनी”,कहते हुए गौरी जैसे ही आगे बढ़ी मुन्ना ने उसकी हुड्डी के कैप को पकड़कर उसे वापस खींच लिया।
“आहहह छोडो मुझे जाना है”,गौरी ने कहा
“तुम हमे यहाँ अकेला छोड़कर नहीं जा सकती”,मुन्ना ने कहा
“तो क्या तुम मुझे धमका रहे हो ?”,गौरी ने मुन्ना को घूरते हुए कहा
“अभी तक तो नहीं लेकिन हाँ धमका सकते है , अभी तुम हमे जानती नहीं हो गौरी शर्मा”,मुन्ना ने गौरी की आँखों में झाँकते हुए कहा
मुन्ना की बात सुनकर गौरी उसकी आँखों में देखने लगी , तभी वहा से भागते हुए कुछ बच्चो ने गौरी को धक्का दे दिया और वह मुन्ना की बाँहो में आ गिरी। मुन्ना ने उसे सम्हाल लिया और गिरने से बचा लिया। गौरी एक टक मुन्ना को देखते रही वही हाल मुन्ना का था,,,,,,,,,,,,,,,!
“सुबह सुबह पार्क में ये सब देखना पड़ रहा है”,मुन्ना और गौरी के बगल से गुजरती आंटी ने कहा जो की सुबह की सैर के लिए आयी थी। उसकी बात सुनकर मुन्ना गौरी से दूर हट गया , ये देखकर दूसरी आंटी ने कहा,”हाँ बहन जी आजकल के बच्चो का कुछ भरोसा नहीं है कब कहा क्या गुल खिलाते नजर आ जाए ?”
“ओह्ह हेलो थोड़ा लिमिट में,,,,,,,,,,,,कुछ भी बोले जा रही हो”,गौरी ने मुन्ना को साइड कर आगे आते हुए कहा
“तुम्हे दिखाई नहीं दे रहा ये पब्लिक प्लेस है”,आंटी ने कहा
“हाँ तो हमने क्या किया ? मैं गिरने वाली थी उसने मुझे बचाया तो इसमें कौनसे गुल खिला दिए हमने,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,बिना कुछ जाने किसी के बारे में गलत बोला ना तो मुंह तोड़ देना है मैंने,,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी कहते हुए जैसे ही आंटियो की तरफ जाने को हुई मुन्ना ने उसकी कमर में हाथ डालकर उसे रोक लिया और आंटियो से कहा,”माफ़ कीजियेगा ये थोड़ी परेशान है इसलिए,,,,,,,,,,,,,,,आप लोग जाईये प्लीज”
“ए मान छोडो मुझे इन्हे तो मैं,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने मुन्ना के हाथो में छटपटाते हुए कहा लेकिन मुन्ना ने उसे नहीं छोड़ा और तब तक आंटिया भी आगे बढ़ गयी। उनके जाने के बाद मुन्ना ने गौरी को छोड़ते हुए कहा,”तुम्हे उनसे ऐसे बात नहीं करनी चाहिए थी”
“अच्छा तुमने सूना नहीं उन्होंने क्या कहा ?”,गौरी ने चिढ़ते हुए कहा
“हाँ हमने सूना लेकिन सब लोगो का अपना अपना नजरिया होता है , उन्हें थोड़े पता था हम कौन है ? और तुम क्या सब से झगड़ा करोगी ?”,मुन्ना ने प्यार से कहा
“हाँ करुँगी , अगर कोई तुम्हारे बारे में गलत बोलेगा तो नहीं सुनूंगी”,गौरी ने कहा
“वैसे तुम थोड़ी बद्तमीज भी हो”,मुन्ना ने धीरे से कहा
“तुम्हारे लिए”,लेकिन गौरी ने उतने प्यार से कहा
“तुम्हारी और पापा की खूब बनेगी”,मुन्ना कहते हुए आगे बढ़ गया , गौरी भी मुस्कुराते हुए उसके पीछे चल पड़ी।

मुंबई , मरीन ड्राइव
वंश वापस बनारस जाने वाला है सोचकर नवीन वंश और अपनी पत्नी को लेकर मरीन ड्राइव चला आया। निशि नहीं आयी क्योकि उसे अपनी दोस्त की बर्थडे पार्टी में जाना था। नवीन वंश को मरीन ड्राइव के इतिहास के बारे में बताते जा रहा था और वंश को ये सब सुनना बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था। वह बोर हो चुका था और उस पर हर जगह उसे कपल्स दिखाई दे रहे थे जिनकी वजह से नवीन और उसकी पत्नी के साथ घूमना उसे और ज्यादा अनकम्फर्टेबल लग रहा था। कुछ देर बाद ही वंश का एक फेसबुक फ्रेंड वहा से गुजरा जब उसने वंश को देखा तो उसके पास चला आया और कहा,”हे वंश तू मुंबई कब आया ?”
“हाय !”,वंश को थोड़ी तसल्ली मिली
“तुम दोनों एक दूसरे को जानते हो ?”,नवीन ने पूछा
“अंकल ये मेरा दोस्त है”,वंश ने कहा तो लड़के ने नवीन और उसकी पत्नी को हेलो कहा और फिर वंश की तरफ पलटकर कहा,”तू यहाँ क्या कर रहा है ? चल ना तुझे मुंबई घुमाता हूँ ,, अंकल इफ यू डोंट माइंड मैं इसे साथ लेकर जाऊ , मेरे पास गाड़ी है मैं इसे घर छोड़ दूंगा”
“हम्म्म ठीक है”,नवीन ने कहा तो वंश अपने दोस्त के साथ वहा से चला गया। चलते चलते उसने अपने दोस्त के कंधे पर हाथ रखा और कहा,”थैंक्स यार तूने बचा लिया”
नवीन उन दोनों को जाते हुए देखता रहा , नवीन की पत्नी उसके पास आयी और कहा,”आई थिंक वंश को उसकी उम्र के लोगो के साथ रहने देना चाहिए , हमारे साथ इस जगह घूमते हुए वो कम्फर्टेबल नहीं था”
“हां तुमने ठीक कहा , चलो चलते है”,कहकर नवीन ने अपनी पत्नी का हाथ थामा और आगे बढ़ गया।

मुंबई घुमाने के बाद रात के 10 वंश का दोस्त वंश को लेकर मुंबई के सबसे चर्चित क्लब में लेकर आया। वंश खुश था कितने दिनों बाद उसने क्लब की शक्ल देखी थी। अंदर बहुत तेज म्यूजिक बज रहा था। वंश के दोस्त ने वंश को बैठने को कहा और खुद सीढ़ियों से ऊपर किसी से मिलने चला गया। वंश बार काउंटर की तरफ चला आया और क्लब का जायजा लेने लगा। क्लब काफी खूबसूरत था और वंश को पसंद भी आया उसने वहा अपनी दो चार तस्वीरें ली ताकि सोशल मिडिया पर डालकर अपने बनारस वाले दोस्तों को दिखा सके। उसने अपने लिए एक सॉफ्ट ड्रिंक आर्डर की क्यों की बनारस में पीने के बाद उसे सम्हालने वाला मुन्ना होता था लेकिन यहाँ वो ऐसा कुछ नहीं करना चाहता था। कुछ लड़कियों ने वंश से आकर डांस का भी पूछा लेकिन वंश से सहजता से मना कर दिया और वही बैठकर अपनी सॉफ्ट ड्रिंक इंजॉय करने लगा।
कुछ देर बाद वंश की नजर क्लब के कोने में रखे सोफों पर गयी जहा कुछ लड़के लड़कियों के साथ बैठी निशि उसे दिखाई दी। पहले वंश को लगा शायद ये उसका वहम है लेकिन कुछ देर बाद वंश की नजर फिर उस तरफ चली गयी। वह उठकर उस तरफ गया तो उसे यकीन हो गया की वो निशि ही थी लेकिन निशि इस बात से बेखबर थी वंश भी उसी क्लब में मौजूद था। वंश मुस्कुराने लगा क्योकि निशि अपने दोस्तों के साथ वहा बैठकर हुक्का पी रही थी। वंश ने अपना फोन निकाला और एक छोटा सा विडिओ बना लिया। उसने फोन वापस जेब में रखा और जाकर बिल्कुल निशि के सामने वाले सोफे पर आ बैठा। वंश को देखते ही निशि की सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी। वंश के बगल में बैठे लड़के ने वंश को वहा देखा और कहा,”हे ब्रो तुम कौन हो ?”
“बर्थडे पार्टी है लेकिन केक तो कही दिखाई नहीं दे रहा”,वंश ने निशि की तरफ देखते हुए कहा। दरअसल वंश के साथ जाने से बचने के लिए निशि ने अपने पापा से झूठ कहा था। वंश को वहा देखते ही वह उठी और उसकी तरफ आयी वंश कुछ और कहता इस से पहले ही निशि ने उसका हाथ पकड़ा और उसे लेकर वहा से निकल गयी। वह वंश को क्लब से बाहर लेकर आयी और कहा,”प्लीज पापा को इस बारे में मत बताना , एक्चुअली मैं तुम सब लोगो के साथ आना नहीं चाहती थी इसलिए मैंने झूठ कहा,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम उन्हें कुछ मत बताना प्लीज”
“देखा आज ये शेरनी कैसे भीगी बिल्ली बन गयी ? इसे कहते है कर्मा”,वंश ने मन ही मन कहा और फिर मुस्कुराते हुए निशि से कहा,”अरे बिल्कुल नहीं मैं उन्हें ये सब थोड़े बताऊंगा,,,,,,,,,,,,!!”
“ओह्ह थैंक्यू सो मच , तुम कितने अच्छे हो मैंने तुम्हे गलत,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए निशि ने जैसे ही वंश को देखा वंश ने रिकॉर्ड किया विडिओ चलाकर निशि के सामने करके अपनी अधूरी बात पूरी करते हुए कहा,”बल्कि मैं तो उन्हें ये दिखाऊंगा”
निशि ने अपना विडिओ देखा जिसमे वह बड़े मजे से दोस्तों के साथ बैठकर हुक्का पी रही थी। उसकी आँखे खुली की खुली रह गयी उसने घूरते हुए वंश को देखा और कहा,”इसे डिलीट करो,,,,,,,,,अभी”
“मिस निशि शर्मा ना तो मैं तुम्हारा गुलाम हूँ और ना ही तुम्हारा बॉयफ्रेंड जो तुम्हारी बात सुनुंगा ,वैसे भी तुमने मुझे बहुत परेशान किया है अब मेरी बारी,,,,घर पर मिलते है,,,,,,,बाययययययय”,कहते हुए वंश वहा से चला गया और निशि इस बिन बुलाई मुसीबत को कोसने लगी ,

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क्रमश – Main Teri Heer – 7

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संजना किरोड़ीवाल

मुंबई घुमाने के बाद रात के 10 वंश का दोस्त वंश को लेकर मुंबई के सबसे चर्चित क्लब में लेकर आया। वंश खुश था कितने दिनों बाद उसने क्लब की शक्ल देखी थी। अंदर बहुत तेज म्यूजिक बज रहा था। वंश के दोस्त ने वंश को बैठने को कहा और खुद सीढ़ियों से ऊपर किसी से मिलने चला गया। वंश बार काउंटर की तरफ चला आया और क्लब का जायजा लेने लगा। क्लब काफी खूबसूरत था और वंश को पसंद भी आया उसने वहा अपनी दो चार तस्वीरें ली ताकि सोशल मिडिया पर डालकर अपने बनारस वाले दोस्तों को दिखा सके। उसने अपने लिए एक सॉफ्ट ड्रिंक आर्डर की क्यों की बनारस में पीने के बाद उसे सम्हालने वाला मुन्ना होता था लेकिन यहाँ वो ऐसा कुछ नहीं करना चाहता था। कुछ लड़कियों ने वंश से आकर डांस का भी पूछा लेकिन वंश से सहजता से मना कर दिया और वही बैठकर अपनी सॉफ्ट ड्रिंक इंजॉय करने लगा।
कुछ देर बाद वंश की नजर क्लब के कोने में रखे सोफों पर गयी जहा कुछ लड़के लड़कियों के साथ बैठी निशि उसे दिखाई दी। पहले वंश को लगा शायद ये उसका वहम है लेकिन कुछ देर बाद वंश की नजर फिर उस तरफ चली गयी। वह उठकर उस तरफ गया तो उसे यकीन हो गया की वो निशि ही थी लेकिन निशि इस बात से बेखबर थी वंश भी उसी क्लब में मौजूद था। वंश मुस्कुराने लगा क्योकि निशि अपने दोस्तों के साथ वहा बैठकर हुक्का पी रही थी। वंश ने अपना फोन निकाला और एक छोटा सा विडिओ बना लिया। उसने फोन वापस जेब में रखा और जाकर बिल्कुल निशि के सामने वाले सोफे पर आ बैठा। वंश को देखते ही निशि की सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी। वंश के बगल में बैठे लड़के ने वंश को वहा देखा और कहा,”हे ब्रो तुम कौन हो ?”
“बर्थडे पार्टी है लेकिन केक तो कही दिखाई नहीं दे रहा”,वंश ने निशि की तरफ देखते हुए कहा। दरअसल वंश के साथ जाने से बचने के लिए निशि ने अपने पापा से झूठ कहा था। वंश को वहा देखते ही वह उठी और उसकी तरफ आयी वंश कुछ और कहता इस से पहले ही निशि ने उसका हाथ पकड़ा और उसे लेकर वहा से निकल गयी। वह वंश को क्लब से बाहर लेकर आयी और कहा,”प्लीज पापा को इस बारे में मत बताना , एक्चुअली मैं तुम सब लोगो के साथ आना नहीं चाहती थी इसलिए मैंने झूठ कहा,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम उन्हें कुछ मत बताना प्लीज”
“देखा आज ये शेरनी कैसे भीगी बिल्ली बन गयी ? इसे कहते है कर्मा”,वंश ने मन ही मन कहा और फिर मुस्कुराते हुए निशि से कहा,”अरे बिल्कुल नहीं मैं उन्हें ये सब थोड़े बताऊंगा,,,,,,,,,,,,!!”
“ओह्ह थैंक्यू सो मच , तुम कितने अच्छे हो मैंने तुम्हे गलत,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए निशि ने जैसे ही वंश को देखा वंश ने रिकॉर्ड किया विडिओ चलाकर निशि के सामने करके अपनी अधूरी बात पूरी करते हुए कहा,”बल्कि मैं तो उन्हें ये दिखाऊंगा”
निशि ने अपना विडिओ देखा जिसमे वह बड़े मजे से दोस्तों के साथ बैठकर हुक्का पी रही थी। उसकी आँखे खुली की खुली रह गयी उसने घूरते हुए वंश को देखा और कहा,”इसे डिलीट करो,,,,,,,,,अभी”
“मिस निशि शर्मा ना तो मैं तुम्हारा गुलाम हूँ और ना ही तुम्हारा बॉयफ्रेंड जो तुम्हारी बात सुनुंगा ,वैसे भी तुमने मुझे बहुत परेशान किया है अब मेरी बारी,,,,घर पर मिलते है,,,,,,,बाययययययय”,कहते हुए वंश वहा से चला गया और निशि इस बिन बुलाई मुसीबत को कोसने लगी ,

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