Sanjana Kirodiwal

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“मैं तेरी हीर” – 39

Main Teri Heer – 39

Main Teri Heer
Main Teri Heer

वंश गेस्ट रूम में आकर बिस्तर पर गिर गया लेकिन नींद उसकी आँखों से कोसो दूर थी। उसकी आँखों के सामने बार बार निशि का चेहरा आ रहा था। निशि की आवाज उसके कानो में गूंज रही थी। वंश बिस्तर पर पेट के बल लेट गया और मुंह तकिये में छुपा लिया। एक बेचैनी उसे घेरे हुए थी और कुछ देर बाद वह एकदम से उठकर बैठ गया और खुद से कहने लगा,”मैं गौरी को पसंद करता था लेकिन गौरी मुन्ना पसंद करती है ये जानकर मेरा दिल टूट गया और मुझे अब दुखी होना चाहिए लेकिन मैं नहीं हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्हह मैं कितना अजीब हूँ , इसका मतलब तो ये हुआ की मुझे गौरी से कभी प्यार था नहीं बल्कि मैं अट्रेक्शन को ही प्यार समझ रहा था,,,,,,,,,,,,,,हाऊ स्टुपिड आई ऍम,,,,,,,,,,,,,मेरी वजह से उन दोनों को कितना कुछ झेलना पड़ा,,लेकिन अब सब ठीक है। गौरी और मुन्ना साथ साथ खुश है और अब मैं भी मुंबई जाकर अपने काम में ध्यान लगा सकता हूँ। ह्म्मम्म्म्म,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन वो लड़की जब उसे तैरना आता था तो उसने डूबने का नाटक क्यों किया ? और मैं मुझे क्या हो गया था मैं उसे बचाने के लिए पानी में क्यों कूद गया जबकि मुझे तो पानी से डर लगता है,,,,,,,,,पता नहीं ये मेरे साथ हो क्या रहा है ? ऊपर से मेरा पहला किसी भी खराब हो गया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैंने अपनी लाइफ का पहला किस मतलब दुसरा उस निशि को क्यों कर दिया ? मैंने नहीं किया उसने मुझे किया वो भी जब मैं बेहोश था तब,,,,,,,,,,,,पहले कितनी अच्छी लाइफ थी मेरी , कोई टेंशन नहीं और अब एक टेंशन से बाहर निकलो तो दूसरी में जा गिरो,,,,,,,,,,,,आई विश अब सब ठीक रहे और कोई प्रॉब्लम ना आये।
कहते हुए वंश फिर से बिस्तर पर आ लेटा और निशि के बारे में सोचने लगा , वह चाहकर भी उसका ख्याल अपने जहन से नहीं निकाल पा रहा था।

गौरी मुन्ना को ढूंढते हुए छत पर चली आयी देखा छत की दिवार के पास खड़ा मुन्ना आसमान में चमकते चाँद को देख रहा है। गौरी आयी और दिवार से पीठ लगाकर मुन्ना के बगल में खड़े हो गयी। मुन्ना ने जब गौरी को वहा देखा तो वह भी पलटा और अपनी पीठ दिवार से लगाते हुए कहा,”तुम यहाँ वो भी इस वक्त”
“देखो वैसे तो मुझे इस घर में कही भी आने जाने की परमिशन अब मिल ही चुकी है , लेकिन फ़िलहाल मैं यहाँ तुमसे मिलने आयी हूँ”,गौरी ने कहा
“अच्छा वो क्यों ?”,मुन्ना ने मुस्कुरा कर कहा
गौरी के चेहरे के भाव एकदम से सख्त हो गए और उसने मुन्ना की तरफ पलटते हुए कहा,”मिलने नहीं बल्कि मैं तुमसे सवाल करने आयी हूँ , तुमने मुझे नीचे गिराने की हिम्मत कैसे की ? हाहह्ह्ह्ह तुम इतने डरपोक कैसे हो सकते हो मान ?”
मुन्ना को याद आया कैसे घाट के बाहर घरवालों को देखते ही मुन्ना ने गौरी को नीचे जमीन पर गिरा दिया था। उसने गौरी की तरफ देखकर कहा,”हमे माफ़ कर दो वो हम थोड़ा डर गए थे”
गौरी उसके जवाब पर अपनी आँखों को छोटा करके उसे घूरने लगी तो मुन्ना ने कहा,”इसके लिए तुम हमे जो सजा देना चाहो दे सकती हो”

“मैं जो कहूँगी वो करोगे ?”,गौरी ने पूछा
“हम्म्म करेंगे”,मुन्ना ने सहजता से कहा
“ठीक है फिर 20 बार उठक-बैठक निकालो और हर उठक-बैठक के साथ तुम्हे मुझे आई लव यू बोलना होगा”,गौरी ने कहा और अपने हाथ बांधकर खड़ी हो गयी। मुन्ना ने सूना तो गौरी के बचपने पर उसे मन ही मन हंसी आयी , उसने अपने दोनों कान पकडे और गौरी के सामने उठक-बैठक लगाते हुए “आई लव यू” बोलने लगा। ऐसा करते हुए मुन्ना काफी क्यूट लग रहा था और मासूम तो वो था ही। गौरी को उसे सजा देकर बड़ा मजा आ रहा था वह मुस्कुराते हुए प्यारभरी नजरो से उसे देखे जा रही थी। मुन्ना ने बीस उठक बैठक खत्म किये और कहा,”और कुछ ?”
गौरी उसके पास आयी और प्यार से उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”इतना काफी है मान , वैसे भी मुझे तुम्हे ऐसे परेशान करना ज्यादा अच्छा नहीं लगता,,,,,,,,,,,,,चलो अब नीचे चलते है”
कहते हुए गौरी जैसे ही जाने लगी मुन्ना ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लिया और अपने सामने करके कहा,”हमे तुमसे कुछ कहना है”
“हम्म्म कहो”,गौरी ने कहा
“तुम्हे हमे इतनी जल्दी माफ़ नहीं करना चाहिए था गौरी , हमने जो किया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने इतना ही कहा की गौरी ने उसके होंठो को अपने होंठो से छू लिया मुन्ना आगे बोल नहीं पाया गौरी पीछे हटी और उसके हाथो को अपने हाथो में थामकर कहने लगी,”मान तुम सोचते बहुत हो , तुमने जो किया वो सब हालातों की वजह से , बुरा तब लगता अगर किसी लड़की के लिए मुझे छोड़ देते। तुम्हे अपनी गलती का अहसास है मेरे लिए इतना काफी है मान,,,,,,,,,,,,,,,मैं अगर तुम्हे माफ़ नहीं करती तो शायद हमेशा के लिए खो देती। मैं नहीं चाहती जिस तकलीफ से मैं गुजरी उस से तुम भी गुजरो इसलिए मैंने तुम्हे माफ़ कर दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,और फिर मैं थोड़ी ज्यादा क्यूट हूँ ना इसलिए तुम्हारी तरह तुम्हे ज्यादा देर तक इग्नोर नहीं कर सकती”
कहते हुए गौरी ने अपनी दोनों हथेलियों को गालों से लगाया और मुस्कुरा उठी। मुन्ना ने देखा तो गौरी को गले लगाया और उसका सर सहलाते हुए कहा,”हाँ तुम बहुत क्यूट हो , हमसे भी ज्यादा”
“अहम्म्म अहममम टाइम प्लीज”,काशी ने छत पर आते हुए कहा। काशी की आवाज सुनकर मुन्ना गौरी से एकदम से दूर हट गया और काशी की तरफ पलट गया। मुन्ना के कुछ कहने से पहले ही काशी ने कहा,”मुरारी चच्चा ने आपको घर जाने के लिए नीचे बुलाया है , चलिए”
“मैं थोड़ी देर यही रुकूंगी”,गौरी ने कहा
“ठीक है”,काशी ने कहा तो मुन्ना उसकी तरफ जाने लगा।
“मान”,गौरी ने कहा तो मुन्ना ने पलटकर गौरी को देखा गौरी ने फिर बच्चो की तरह अपने दोनों हाथो को होंठो से छूते हुए उसे एक साथ कई सारे फ्लायिंग किस दे दिए। मुन्ना मुस्कुराते हुए वहा से चला गया। नीचे आकर मुन्ना मुरारी और अनु के साथ घर लिए निकल गया गौरी आज बहुत खुश थी उसने अपनी जेब से फोन निकाला और अपनी मॉम का नंबर डॉयल किया। कुछ देर बाद गौरी की मॉम ने फोन उठाया और गौरी के कुछ कहने से पहले ही उसे डाँटना शुरू कर दिया,”कितनी लापरवाह लड़की हो ना तुम गौरी ? बनारस जाकर एक बार भी फोन करना जरुरी नहीं समझा तुमने,,,,,,,,,,,,,,,,,आई नो तुम अपनी दोस्त के घर में हो बट कितनी चिंता हो रही थी मुझे,,,,,,,,,,,,,,,,तुम वापस इंदौर कब आ रही हो ? इस बार तुम्हारी टाँगे तोड़ दूंगी मैं ताकि कुछ महीनो के लिए तुम कही जा ना पाओ,,,,,,,,,,,,,,,अब चुप क्यों हो कुछ बोलोगी ?”
“मान के घरवालों ने हमारे रिश्ते के लिए हाँ कह दिया मॉम”,गौरी ने एकदम से कहा
“हाँ ठीक है लेकिन तुम इंदौर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,एक मिनिट अभी तुमने क्या कहा ?”,गौरी की मम्मी ने गौरी की बात समझते हुए कहा
“हाँ मॉम मान के घरवालों ने हमारे रिश्ते को मंजूरी दे दी है और ये सब लोग आपसे मिलना चाहते है , शिवम् अंकल ने कहा है की आप बनारस आ जाये ताकि मान के घरवालों से बात कर सके”,गौरी ने खुश होकर कहा
“मतलब तुम्हारे और मुन्ना के बीच सब ठीक हो गया ?”,गौरी की मम्मी ने खुश होकर कहा उन्हें तो मुन्ना पहले से पसंद था
“यस मॉम आप कल सुबह की फ्लाइट से बनारस के लिए निकल जाईये”,गौरी ने कहा
“क्या उस मुन्ना ने तुम्हे बताया वो तुम्हारा फोन क्यों नहीं उठा रहा था ?”,जय ने अपनी मम्मी के हाथ से फोन लेकर गौरी से कहा
“ए जय के बच्चे तमीज से,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारा होने वाला जीजा है वो”,गौरी ने जय को डाँटते हुए कहा
“हाहहहहह ये कब हुआ ?”,जय ने हैरानी से कहा , जय की मम्मी ने उस से फोन लिया और कहा,”तुम खुश हो ना बेटा ?”
“यस मम्मा मैं बहुत खुश हूँ , बस आप जल्दी से यहाँ आ जाईये”,गौरी ने ख़ुशी से चहकते हुए कहा और कुछ देर बाद फोन काट दिया। मुस्कराहट गौरी के चेहरे से जाने का नाम नहीं ले रही थी। कुछ देर छत पर रुकने के बाद गौरी नीचे चली आयी।

अगली सुबह सारिका सबसे पहले उठी उसने दीना से कहकर घर के जरुरी काम करवाए। धीरे धीरे करके सब उठ गए , काशी , गौरी , ऋतू और प्रिया बाबा और अधिराज जी के साथ सुबह जल्दी उठकर अस्सी घाट पर सूर्योदय देखने चली आयी। आई अम्बिका जी के साथ उन्हें अपने अचार के पुराने बिजनेस के बारे में बताने लगी। शिवम् ने भी कुछ दिनों के लिए अपने गोदाम से छुट्टी ले ली थी उसकी गैर हाजरी में उसका काम उसका मैनेजर सम्हाल रहा था। वही सारिका के ओल्ड ऐज होम को भी दूसरे लोग सम्हाल रहे थे क्योकि इन कुछ दिनों में सारिका का वहा जाना बिल्कुल नहीं हो पा रहा था। शक्ति को आज वापस इंदौर जाना था , जाने से पहले शक्ति शिवम् और सारिका से मिलने घर चला आया , सोचा उनके साथ काशी से भी मिल लेगा लेकिन काशी घर पर नहीं थी। शक्ति को देर हो रही थी इसलिए वह बिना काशी से मिले ही वहा से चला गया।

निशि नींद से जगी और उठकर बैठ गयी , उसने खुद को वंश के कपड़ो में देखा तो उठकर दरवाजे की तरफ जाते हुए कहा,”उस चिरकुट ने मुझे अपने कपड़ो में देखा तो वो तो मेरा खून ही कर देगा , वो कमरे में आये इस से पहले ही मैं यहाँ से निकल जाती हूँ”
निशि नीचे चली आयी देखा वंश बरामदे में है। वह दबे पांव गेस्ट रूम की तरफ चली गयी। कमरे में आकर उसने जल्दी से अपने दूसरे कपडे लिए और लेकर नहाने चली गयी। नहाकर निशि बाहर आयी देखा घर खाली था उसे कोई नजर नहीं आया तो उसने हॉल में आते हुए सारिका से कहा,”आंटी सब लोग कहा है ?”
“काशी और उसकी दोस्त बाबा के साथ बाहर गयी है , आई और माँ वहा पीछे बरामदे में है , तुम्हारे अंकल बाहर है और वंश यही कही होगा,,,,,,,,,,,,,,तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए चाय बना देती हूँ”,सारिका ने किचन की तरफ जाते हुए कहा
“थैंक्यू आंटी”,निशि ने मुस्कुराकर कहा और सोफे पर आ बैठी उसने टीवी ऑन किया और अपना फेवरेट सीरियल देखने लगी। निशि सीरियल देखने में इतना खोई हुयी थी की उसे ध्यान भी नहीं रहा वंश कब आकर उसके बगल में बैठ गया है। वंश ने उसके हाथ से रिमोट लिया और चैनल चेंज करते हुए कहा,”ये क्या तुम सुबह सुबह बकवास सीरियल देख रही हो”
वंश ने शिनचैन लगाया और बैठकर मजे से देखने लगा , निशि उसके चेहरे की तरफ देखने लगी कार्टून देखते हुए वह बिल्कुल बच्चा लग रहा था लेकिन निशि उसे खुश कैसे देख सकती थी उसने रिमोट छीना और चैनल चेंज करते हुए कहा,”तुम अब बड़े हो गए हो तुम्हारी कार्टून देखने की उम्र नहीं रही”
“ये मेरा फेवरेट है रिमोट इधर दो”,वंश ने जैसे ही वापस छीना किचन के दरवाजे पर खड़ी सारिका पर उसकी नजर पड़ी जो की उसे ही देख रही थी। सारिका को अपनी और देखता पाकर वंश झेंपते हुए मुस्कुराया और रिमोट निशि को दे दिया।
निशि ने ख़ुशी ख़ुशी अपना सीरियल लगाया और देखने लगी। वंश भी उसके साथ बैठा सीरियल देखकर मुंह बनाने लगा। कुछ देर बाद वंश को भी सीरियल में दिलचस्पी होने लगी और वह बिल्कुल निशि से सटकर बैठ गया और कहा,”ये इसकी सास कितनी हरामी है , जानबूझकर खाने में नमक मिला दिया”
“लेकिन मुक्ति बहुत होशियार है वो खुद को इस मुसीबत से निकाल लेगी”,निशि ने भी टीवी देखते हुए कहा
सारिका उन दोनों के लिए चाय लेकर आयी थी , जब उसने वंश और निशि को साथ साथ देखा तो मुस्कुरा उठी। दोनों टीवी देखते हुए बच्चो की तरह डिस्कस कर रहे थे निशि से हमेशा लड़ने झगड़ने वाला वंश कितने आराम से उसके साथ बैठकर उसी का सीरियल देख रहा था। सारिका उन दोनों के पास आयी और ट्रे टेबल पर रखते हुए कहा,”ये सब बाद में देखना पहले चाय पी लो”
सारिका को वहा देखकर वंश को ख्याल आया की वह निशि के कुछ ज्यादा ही करीब है तो उठते हुए कहा,”माँ मैं अपनी चाय लेकर अपने कमरे में ही चला जाता हूँ”
निशि भी चुपचाप अपनी चाय पीने। वंश ने चाय उठायी और वहा से चला गया। वंश अपने कमरे में आया और घूमते हुए चाय पीने लगा , घूमते हुए उसकी नजर अपनी ड्रेसिंग के शीशे पर पड़ी जिस पर लिखा था “आई थिंक यू आर क्यूट चिरकुट”
वंश ने देखा तो मुस्कुरा उठा , वह चाहकर भी अपने चेहरे पर आयी ख़ुशी को छुपा नहीं पा रहा था। चाय पीकर वंश वही अपने बिस्तर पर लेट गया।

दोपहर तक गौरी , काशी , ऋतू , प्रिया , बाबा और अधिराज जी घर लौट आये। सब साथ बैठकर खाना खाने लगे। गौरी बार बार दरवाजे की तरफ देख रही थी काशी ने देखा तो धीरे से फुसफुसाते हुए कहा,”सब्र रखो आज जायेंगे मुन्ना भैया”
“मैंने सुबह से उसे एक बार भी देखा नहीं है , ना ही उस से बात हुई है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने भी फुसफुसाते हुए कहा
“निशि बेटा बनारस घुमा तुमने ?”,शिवम् ने निशि से पूछा
“जी अंकल बहुत खूबसूरत है , मुझे यहाँ आकर सच में बहुत अच्छा लगा”,निशि ने मुस्कुराकर कहा
“क्या तुम कुछ दिन और रुकना चाहोगी बेटा ?”,शिवम् ने पूछा
“मैं जरूर रूकती अंकल लेकिन जल्दी ही मेरे क्लासेज शुरू होने वाले है इसलिए मुझे कल सुबह निकलना होगा”,निशि ने कहा
वंश ने सूना तो खाते खाते रुक गया और निशि की तरफ देखने लगा।
“निशि तुम कभी इंदौर आयी हो ? अगर कभी मौका मिले तो आना”,काशी ने कहा
“नहीं दी मैं नहीं आयी , हाँ आप सब लोग मुंबई क्यों नहीं आते ?”,निशि ने कहा
“अब तो इंदौर , मुंबई , बनारस चलता ही रहेगा बेटा हमारे सारे बच्चे इधर उधर जो हो गए है”,बाबा ने कहा तो सभी हंसने लगे। सभी खाना खाने लगे। निशि के वापस जाने की बात से वंश को अजीब लग रहा था। उसने दो चार निवाले खाये और वहा से चला गया। घर में वंश का मन नहीं लग रहा था इसलिए उसने अपनी बाइक उठाई और बाहर निकल गया।

शाम में मुरारी अनु और मुन्ना को शिवम ने घर बुला लिया। गौरी की मम्मी और भाई आना वाला था ताकि सब मिलकर गौरी और मुन्ना के रिश्ते की बात कर सके। गौरी ने जब मुन्ना को देखा तो उसका चेहरा ख़ुशी से खिल उठा। घर के सब बड़े साथ थे इसलिए मुन्ना उनके सामने हाथ बांधे साइड में खड़ा था। गौरी ने देखा तो काशी से कहा,”यार ये तुम्हारा भाई बड़ा अजीब है , ऐसे अनजान बनकर खड़ा है जैसे मुझे जानता ही नहीं है”
“वो क्या है ना हमारे मुन्ना भैया थोड़े से शर्मीले है और तुम ठहरी चतुर चालाक हमे तो अपने भैया की परवाह हो रही है”,काशी ने गौरी की टाँग खींचते हुए कहा
“हाँ कितनी शैतान हो ना तुम , एक बार मुझे तुम्हारी भाभी बनकर इस घर आने दो फिर तुम्हारी छुट्टी ,,,,,,,,,वैसे तुम्हारे होने वाले वो तुमसे मिले बिना ही चले गए,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा
“शक्ति ने कहा है हमारे इंदौर जाने के बाद वो हमसे मिलेगा”,काशी ने फुसफुसाते हुए कहा।
सभी बैठकर चाय पीते हुए बाते कर रहे थे की एक लड़का आया और कहा,”भैया जी उह टेंट का सामान देख लीजिये , फिर उतरवा देते है”
“हम देख लेते है”,मुन्ना ने जैसे ही कहा मुरारी उठा और कहा,”अरे मुन्ना तुम बैठो हम देख आते है”
मुरारी लड़के के साथ बाहर चला गया और उन्हे सब हिसाब किताब देखने लगा। म्यूजिक सिस्टम के पास खड़ा लड़का उसे चेक कर रहा था , वह बार बार वायर निकालकर और साउंड चेक कर रहा था। मुरारी भी वही खड़ा सबको जल्दी जल्दी काम करने को कह रहा था। घर के बाहर आकर ओला रुकी और उसमे से गौरी की मम्मी और जय नीचे उतरे। दोनों अंदर चले आये , बगीचे में लगे बड़े से झूले को देखकर जय ने उस तरफ जाते हुए कहा,”वाह माँ यहाँ कितना बड़ा झूला है”
“जय रुको ये लड़का भी ना”,कहते हुए गौरी की मम्मी आगे बढ़ गयी , चलते चलते वो अपनी साड़ी सही करने लगी और सामने ध्यान नहीं दिया। सामने मुरारी गौरी की मम्मी की तरफ पीठ किये खड़ा था। लड़को को काम बताते हुए वह जैसे ही पीछे आया एकदम से गौरी की मम्मी से टकरा गया। अचानक टकराने से गौरी की मम्मी जैसे ही गिरने को हुई मुरारी ने उसे अपनी बाँहो में सम्हाल लिया , दोनों की नजरे एक दूसरे से मिली ही थी की तभी साउंड चेक करने वाले लड़के ने वायर चेंज किया और सिस्टम पर तेज आवाज में गाना बजा – देखा है पहली बार , साजन की आँखों में प्यार,,,,,,,,,,,अब जाके आया मेरे बेचैन दिल को करार”
मुरारी और गौरी की मम्मी ने जब ये गाना सूना तो दोनों ही असहज हो गए। मुरारी ने सिस्टम वाले की तरफ देखकर कहा,”अबे गाना चेंज करो बे”
लड़के ने जल्दी से वायर निकाल दिया इतने में गौरी की मम्मी ने खुद को सम्हाला और मुरारी को घुरते हुए जाने को हुई तो महसूस हुआ की उसकी साड़ी मुरारी के पैर के नीचे है एक बार फिर गौरी की मम्मी लड़खड़ाई और आदतन मुरारी ने उनका हाथ थामकर उन्हें सम्हाल लिया लेकिन लड़के की टाइमिंग इतनी खराब थी की उसने फिर वायर चेंज किया और गाना बजा – जाती हूँ मैं , जल्दी है क्या ? धड़के जिया वो क्यों भला ?”
“अबे तुम्हरी ऐसी की तैसी , साले तुम्हरा डीजे उखाड फेक देंगे हम जे का अंट शंट बजा रहे हो”,मुरारी फिर चिल्लाया
गौरी की मम्मी ने सूना तो मुरारी का हाथ झटका और घूरते हुए कहा,”मुझे पता ही था इतने सालो में भी तुम नहीं सुधरोगे”
कहकर गौरी की मम्मी आगे बढ़ गयी और लड़के ने आखरी बार जैसे ही वायर बदला गाना बजने लगा – बेवफा बेवफा बेवफा निकली है तू,,,,,,,,,,,,!!”
इतना सुनते ही मुरारी का गुस्सा सांतवे आसमान पर था वह म्यूजिक सिस्टम की तरफ आया और सिस्टम उठाकर नीचे पटका और कहा,”ना रहेगा सिस्टम और ना बजेगा गाना”
“भैया जी जे का किया हमारा म्युजिक सिस्टम तोड़ दिया”,लड़के ने कहा तो मुरारी ने सिस्टम में लगे वायर उखाड़े और लड़के को देकर कहा,”जे सब भी हिसाब किताब में जोड़ देना”

Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39 Main Teri Heer – 39

क्रमश – Main Teri Heer – 40

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संजना किरोड़ीवाल

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