Sanjana Kirodiwal

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“मैं तेरी हीर” – 5

Main Teri Heer – 5

Main Teri Heer
Main Teri Heer

गौरी को अपनी बाँहो में भरे मुन्ना प्यार से उसे देखे जा रहा था। गौरी उस से दूर हुई और कहा,”तुम्हे समझना बहुत मुश्किल है , कभी तूम लोगो के सामने मेरा हाथ पकड़ने से भी डरते हो तो कभी ऐसा कुछ कर देते हो की यकीन करना मुश्किल हो जाता है”
“हम्म्म्म शायद हम ऐसे ही है , हमे अपनी भावनाये जाहिर करनी नहीं आती शायद इसलिए, लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है की हम तुम्हे पसंद नहीं करते,,,,,,,,,,,,,,,हम तुम्हे बहुत पसंद करते है गौरी , बनारस से यहाँ आने की पहली खास वजह सिर्फ तुम हो बाकि सब बाद में,,,,,,,,,,,,हम कभी नहीं चाहेंगे हम तुम्हे हर्ट करे और अगर हम कभी ऐसा करते है तो तुम्हे हमे सजा देने का पूरा हक,,,,,,,,,,,,,,!”,मुन्ना ने इतना ही कहा वह आगे कुछ कहता इस से पहले ही गौरी ने आगे बढ़कर मुन्ना के होंठो पर अपने होंठो को रख दिया और मुन्ना खामोश हो गया। उसका दिल धड़काने के लिए गौरी की ये हरकत काफी थी। कुछ पल बाद गौरी पीछे हटी और कहा,”मैं तुम्हे बहुत ज्यादा पसंद करती हूँ इसलिए तुम्हे किसी तरह की सफाई देने की जरूरत नहीं है। तुम इतने स्वीट हो कि तुम कभी किसी को हर्ट नहीं कर सकते,,,,,,,,,,,,,,,,,,और रही बात सजा देने की तो तुम्हारी सजा ये है की तुम जिंदगी भर मुझे ऐसे ही प्यार करोगे,,,,,,,,,,,,,,,,जब मैं 60-65 की हो जाऊ तब भी,,,,,,,,करोगे ना ?”
गौरी ने मुन्ना की आँखों झाँकते हुए पूछा तो मुन्ना ने धीरे से हाँ में अपनी गर्दन हिला दी कोई लड़की उसे इतना पसंद करेगी उसने कभी सोचा नहीं था। वह बस प्यार से गौरी को देखता रहा उसके पास वो शब्द नहीं थे जो उसकी भावनाओ को जाहिर कर पाए। मुन्ना को अपनी तरफ ऐसे देखता पाकर गौरी ने कहा,”क्या तुम्हे मुझसे फिर से प्यार हो गया है ?”
मुन्ना ने सूना तो मुस्कुराने लगा। कुछ दूर खड़ी काशी ने मुन्ना को मैसेज किया और वहा से चली गयी। काशी नहीं चाहती थी वह मुन्ना और गौरी के इतने अच्छे मोमेंट को खराब करे। फोन बजने पर मुन्ना ने देखा काशी का मैसेज था जिसमे लिखा था “भाई हम अपनी दोस्तों के साथ घर जा रहे है , आप आराम से घर आजाईयेगा”
“चलो तुम्हे घर छोड़ देते है”,मुन्ना ने अपना फोन जेब में रखते हुए कहा
“लेकिन तुम तो यहाँ काशी से मिलने आये थे ना , वो इंतजार कर रही होगी”,गौरी ने कॉफी शॉप की तरफ जाते हुए कहा तो मुन्ना ने हाथ पकड़कर उसे रोक लिया और अपनी तरफ करके कहा,”काशी घर चली गयी है , हमे लगता है हमे काशी को हमारे बारे में बता देना चाहिए”
“उसे पहले से पता है”,गौरी ने कहा
“उसे किसने बताया ?”,मुन्ना ने हैरानी से कहा
“ऑफकोर्स मैंने,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने अपने दोनों हाथो को फैलाकर कहा
“तुम्हारा बस चले तो तुम पुरे इंदौर को बता दो”,मुन्ना ने धीमी आवाज में कहा
“इंदौर क्या मैं तो चाहती हूँ मैं पूरी दुनिया के सामने तुमसे कहू की मैं तुमसे प्यार करती हूँ”,गौरी ने ख़ुशी से अपने हाथो को फैलाते हुए कहा। आसमान में उड़ते लैम्प बैलून्स के बीच आतिशबाजी के नजारे भी देखने को मिल रहे थे। मुन्ना अपने हाथो को बांधे मुस्कुराते हुए गौरी को देख रहा था। रात गहराने लगी और ठंडी हवाओ की वजह से माहौल में थोड़ी ठंड भी बढ़ चुकी थी। मुन्ना ने देखा गौरी ने बस झीना सा कुर्ता पहना हुआ है , उसने अपना जैकेट निकाला और गौरी की तरफ आकर उसे ओढ़ाते हुए कहा,”अब बस करो वरना तुम्हे तुम्हारी ही नजर लग जाएगी”
“तुम जब मेरी परवाह करते हो तब कितने अच्छे लगते हो”,गौरी ने प्यार से कहा
“तुम अब हमे शर्माने पर मजबूर कर रही हो”,मुन्ना ने गौरी से नजरे चुराते हुए कहा
“ओह्ह्ह्ह तुम कितने क्यूट हो , चलो चलते है”,गौरी ने मुन्ना की बाँह थामते हुए कहा और उसके साथ आगे बढ़ गयी।

मुंबई , नवीन का घर
नवीन , नवीन की पत्नी , निशि और वंश चारो नाश्ता करने के लिए डायनिंग टेबल के इर्द गिर्द बैठे थे। निशि को वंश का उसकी फॅमिली के साथ बैठकर नाश्ता करना बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था लेकिन नवीन की वजह से चुप थी। वंश भी उनके साथ बैठकर थोड़ा असहज था इसलिए सर झुकाये चुपचाप अपना नाश्ता कर रहा था।
“वंश तुम बता रहे थे की तुम्हारा सेलेक्शन हो चुका , तुम्हारी शूटिंग कबसे है ? अगर कुछ जरूरत हो तो मुझे बताना”,नवीन ने खाते हुए कहा
“अंकल शूटिंग एक महीने बाद है , एक दो दिन में कॉन्ट्रेक्ट उन्हें दे कर मैं वापस बनारस चला जाऊंगा”,वंश ने कहा
“अगर तुम एक दो दिन ही रुकने वाले हो तो क्यों ना आज शाम सब घूमने चले ?”,नवीन ने पूछा
“मैं आप लोगो के साथ नहीं जा रही हूँ पापा , मेरी दोस्त की बर्थडे पार्टी है इसलिए मुझे वहा जाना है”,निशि ने खाते हुए कहा
“वंश पहली बार मुंबई आया है तुम वो पार्टी केंसल भी कर सकती हो”,नवीन ने कहा
“इट्स ओके अंकल आई थिंक वो नहीं जाएगी तो मैं ज्यादा कम्फर्टेबल रहूंगा”,वंश ने कहा तो निशि उसे घूरने लगी
“वैसे तुम क्या अब फिल्मो में आने वाले हो ? जैसे टीवी पर आते है”,नवीन की पत्नी ने खुश होकर पूछा
“नहीं आंटी मुझे एक वेब-सीरीज में रोल मिला है, ये OTT प्लेटफॉर्म पर आएगा , अब कही ना कही से तो शुरुआत करनी होगी ना”,वंश ने कहा
“सही कहा वंश कोई भी काम छोटा नहीं होता , ये शुरुआत तुम्हे बहुत आगे लेकर जाएगी”,नवीन ने वंश का होंसला बढ़ाते हुए कहा
“ये वेब-सीरीज पक्का फ्लॉप होने वाली है”,निशि ने कहा
“क्यों ?”,नवीन ने हैरानी से कहा
“इसमें ये जो काम कर रहा है”,निशि ने उठते हुए कहा और वहा से चली गयी। वंश को गुस्सा तो बहुत आया लेकिन उसने खुद को रोक लिया। उसे समझ नहीं आ रहा था आखिर इस लड़की को उस से प्रॉब्लम क्या थी ?
“आई ऍम सॉरी बेटा उसकी बात का बुरा मत मानना मेरे लाड़ प्यार ने उसे कुछ ज्यादा ही बिगाड़ है”,नवीन ने कहा
“इट्स ओके अंकल”,वंश ने कहा हालाँकि उसे निशि पर बहुत गुस्सा आ रहा था। नाश्ता करने के बाद वंश तैयार होने लगा उसे सुमित से मिलना था उस कॉन्ट्रेक्ट के सिलसिले में , वंश ने जींस , ब्लैक टीशर्ट और व्हाइट जैकेट पहना , जूते पहने , बालो को सेट किया और शीशे में खुद को देखा वह काफी स्मार्ट लग रहा था। उसने अपना बैग उठाया उसमे पेपर्स रखे और कमरे से बाहर निकल गया। उसे देखते ही नवीन की पत्नी ने कहा,”बेटा उन्होंने कहा है तुम ये बाइक लेकर चले जाओ गाडी वो लेकर चले गए है”
“थैंक्यू आंटी”,वंश ने चाबी लेते हुए कहा , नवीन की पत्नी अपने कमरे की तरफ चली गयी। वंश लगा जाने तो उसने देखा निशि बाथरूम में जा रही है। सुबह की गयी बेइज्जती का बदला लेने का सोच वंश दबे पांव बाथरूम की तरफ आया और बाहर से कुण्डी लगा दी और वहा से चला गया।

वंश बाइक लेकर नवीन के घर से निकल गया । वह सुमित के ऑफीस पहुँचा और उस से मिलने के बाद उसे Kकॉन्ट्रेक्ट साइन करके दे दिया । सुमित ने वंश को कुछ सायनिंग अमाउंट दिया और शूटिंग की डेट बता दी जो कि एक महीने बाद थी । वंश खुशी खुशी वहां से निकल गया । एक महीना वह मुम्बई में नही रह सकता था इसलिए उसने अगले दिन शाम की फ्लाइट टिकट् बुक करवा दी ताकि वापस बनारस जा सके ।अब वंश के हाथ मे पैसा हो और वो कुछ ना करे ऐसा भला कैसे हो सकता था ? बाइक से नवीन के घर की ओर जाते हुए उसे मॉल नजर आया और हमारे वंश भैया चले आये मॉल में अंदर आकर उसने अपने सब घरवालों के लिए कुछ ना कुछ खरीदा । कुछ गिफ्ट्स देखते हुए वंश की नज़र एक बहुत झुमको पर पड़ी वंश ने उन्हें उठाया और हाथ मे लेकर देखने लगा । झुमके देखते ही वंश को गौरी की याद आ गयी और वह मुस्कुरा उठा । गौरी ने उसे बेंड गिफ्ट किया था लेकिन वंश ने उसे कोई तोहफा नही दिया था इसलिए वंश ने दुकानावाले से वो झुमके पैक करने को कहे । मॉल में घूमते हुए उसे नवीन की पत्नी का ख्याल आया तो एक हैंडबैग उनके लिए भी खरीद ही लिया । दोपहर में वंश घर पहुँचा 
घर आकर वंश ने बाकि सामान गेस्ट रूम में रखा और नवींन की पत्नी को हैंडबैग देने बाहर चला आया। निशि वही हॉल के सोफे पर बैठी टीवी देख रही थी। वंश को देखते ही उसने मुंह बना लिया और अपना ध्यान वापस टीवी में लगा लिया। वंश ने निशि की मम्मी को आवाज दी वे बाहर आयी तो वंश ने हाथ में पकड़ा बैग उनकी ओर बढ़ा दिया और कहा,”आंटी ये आपके लिए”
“अरे बेटा इसकी क्या जरूरत थी ? वैसे थैंक्यू ये बहुत प्यारा है”,निशि की मम्मी ने कहा
“हाँ बिल्कुल आपकी तरह”,वंश ने मुस्कुरा कर कहा
“ओह्ह्ह तो ये फ्लर्ट भी करता है,,,,,,,,,,,,एटलीस्ट मेरी मम्मा को तो छोड़ ही दो तुम”,निशि बड़बड़ाई
“निशि देखो कितना अच्छा हैंडबैग है”,निशि की मम्मी ने उसे दिखाते हुए कहा
“इसकी तरह इसकी पसंद भी बकवास है”,निशि ने टीवी देखते हुए कहा तो वंश ने उसे खा जाने वाली नजरो से घुरा लेकिन कुछ कहा नहीं। निशि की मम्मी वंश की तरफ आयी और कहा,”ये लड़की ऐसी है चिड़चिड़ी , वंश बेटा तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए गर्मागर्म कॉफी लेकर आती हूँ”
“थैंक्यू आंटी”,वंश ने कहा निशि के साथ वाले सोफे पर आकर बैठ गया। निशि का ध्यान टीवी में था वह कोई सीरियल देख रही थी और वंश को वह बिल्कुल ही बेकार लग रहा था। उसकी नजर सामने टेबल पर रखे रिमोट पर गयी वंश ने जैसे ही उसे उठाने के इरादे से अपना हाथ बढ़ाया निशि ने भी उसके दूसरे सिरे को पकड़ लिया। रिमोट दोनों के हाथ में था और दोनों एक दूसरे को घूर रहे थे।
“रिमोट छोडो मुझे चैनल चेंज करना है”,वंश ने निशि को घूरते हुए कहा
“मैं यही देखूंगी”,निशि ने कहा
“ये बहुत ही बकवास सीरियल है , मुझे नहीं देखना”,वंश ने भी घूरते हुए कहा
“रिमोट पर पहले नजर मेरी पड़ी थी”,निशि ने अकड़ते हुए कहा
“उठाया पहले मैंने था”,वंश ने भी कहा
“टीवी मेरे पापा का है”,निशि ने उसे घूरते हुए कहा यहाँ वंश को चुप होना पड़ा क्योकि एक हद तक निशि ने सही कहा था। वंश ने रिमोट तो नहीं छोड़ा पर निशि को घूरता रहा। वह खुद नहीं समझ पा रहा था की निशि से वह इतना चिढ़ता क्यों था जबकि लड़किया हमेशा उसके लुक और पर्सनालिटी की वजह से हमेशा उसके आस पास रहती थी। वंश का घूरना निशि को अच्छा नहीं लगा तो निशि ने एकदम से रिमोट छोड़ दिया , वंश गिरते गिरते बचा। उसने रिमोट लिया और चैनल चेंज कर दिया। जैसी निशि थी वंश उस से उलट था उसने सीरियल हटाकर कार्टून चैनल लगा दिया और मजे से बैठकर देखने लगा। निशि हैरानी से कभी कार्टून देखती तो कभी वंश को,,,,,,,,,,,,,,,!!
“वंश ये लो तुम्हारी कॉफी,,,,,,,,,,,,,,,अरे तुम इस उम्र में भी कार्टून देखते हो”,निशि की मम्मी ने हँसते हुए कहा
“अब कार्टून तो कार्टून ही देखेगा ना”,निशि कहते हुए उठी और चली गयी। वंश बस मन ही मन निशि को कोसकर रह गया

इंदौर , अधिराज जी का घर
सुबह के 6 बज रहे थे और मुन्ना अपने कमरे में गहरी नींद में सोया हुआ था। देर रात काम करने की वजह मुन्ना लेट सोया था। गौरी सुबह सुबह काशी के घर चली आयी। हमेशा देर से उठने वाली गौरी के सर पर आज अचानक से जॉगिंग का भूत सवार हो चुका था और फिर सुबह सुबह मुन्ना से मिलने का मौका भी मिल रहा था। ट्राउजर और हुडी पहने गौरी काशी के घर चली आयी। अधिराज जी सुबह की सैर पर गए हुए थे , अम्बिका जी अपने कमरे में थी , काशी किचन में अपने लिए चाय बना रही थी। गौरी दबे पाँव किचन में आयी और काशी को चौंका दिया
“तुमने तो हमे डरा ही दिया था , वैसे इतनी सुबह तुम यहाँ क्या कर रही हो ?”,काशी ने सवाल किया
गौरी के होंठो पर एक बड़ी सी स्माइल तैर गयी , जिसे देखते ही काशी समझ गयी और चाय बनाते हुए कहा,”मुन्ना भैया सो रहे है और उन्हें परेशान करने की तुम सोचना भी मत,,,,,,,,,,,,,,,चाय पिओगी,,,,,,,,,,,,,,,तुम ?”
कहते हुए काशी जैसे ही पलटी गौरी वहा से गायब थी , काशी मुस्कुराते हुए फिर अपना ध्यान चाय में लगाने लगी।
किचन से निकलकर गौरी दबे पांव मुन्ना के कमरे में आयी। अंदर आकर उसने देखा मुन्ना सो रहा है , सोते हुए वह मुन्ना बहुत ही मासूम लग रहा था। गौरी ने प्यार से उसे देखते हुए हवा में ही हाथ की पाँचो उंगलियों को अपने होंठो से लगाकर किस किया और मुस्कुराने लगी। कुछ देर बाद उसने धीरे से मुन्ना के कंबल को साइड किया और उसके बगल में आकर लेट गयी , नींद में मुन्ना को भी पता नहीं चला उसने करवट ली और अपना हाथ गौरी की कमर पर डालकर उसके थोड़ा करीब आ गया। गौरी बस जैसे तैसे अपनी हंसी रोकने की कोशिश कर रही थी। उसने धीरे से अपनी गर्दन घुमाकर मुन्ना के चेहरे की ओर देखा और मन ही मन कहा,”सोते हुए कितने प्यारे लगते हो तुम ,काश मैं हर रोज तुम्हे ऐसे देख पाती तो कितना अच्छा होता”
कुछ देर बाद मुन्ना को अहसास हुआ जैसे उसके साथ कोई और भी है , उसने धीरे से अपनी आँखे खोली जब उसने देखा की वह और गौरी एक ही बिस्तर पर है और वो भी इतना पास पास तो वह एक झटके से उस से दूर हटा और कहा,”तुम यहाँ क्या कर रही हो ? वो भी ऐसे ?”
“तुम्हे गुड मॉर्निंग कहने आयी हूँ , मेरा फोन क्यों नहीं उठाया तुमने ?”,गौरी ने घूरते हुए कहा
“वो हम सो रहे थे , वैसे तुम्हे ऐसे हमारे कमरे में नहीं आना चाहिए”,मुन्ना ने उठकर अपनी हुडी पहनते हुए कहा क्योकि सुबह सुबह यहाँ हल्की ठंड थी
“वो क्यों ?”,गौरी ने उसके सामने आकर कहा
“अरे लड़के अपने कमरे में किसी भी हालत में मिल सकते है ऐसे में तुम्हे उनके कमरे में नहीं जाना चाहिए”,मुन्ना ने धीरे से कहा
“कैसी हालत में ?”,गौरी ने मुन्ना के सामने आकर शरारत से पूछा तो मुन्ना खामोश हो गया और फिर कुछ देर बाद कहा,”वैसे तूम इन कपड़ो में सुबह सुबह क्या कर रही हो ?”
“मॉर्निंग वाक पर जाने के लिए , चलो जल्दी से मुझे गुड मॉर्निंग कहो और वाक पर चलो”,गौरी ने बच्चो की तरह जिद करते हुए कहा
“गुड मॉर्निंग”,मुन्ना ने कहा
“ऐसे नहीं ऐसे”,गौरी ने अपना गाल मुन्ना के आगे करके कहा
“तुम में बिल्कुल शर्म नहीं है ?”,मुन्ना ने हैरानी से कहा
“बहुत है लेकिन तुम्हारे सामने पता नहीं क्यों गायब हो जाती है ? अब जल्दी से गुड मॉर्निंग कहो”,गौरी ने एक बार फिर अपना गाल मुन्ना के सामने करके कहा मुन्ना ने धीरे से अपने होंठो से उसके गाल को छुआ और कहा,”गुड मॉर्निंग”
“ओह्ह्ह्ह तुम कितने क्यूट हो , कोई और लड़का होता तो अब 10-12 पप्पिया कर चूका होता,,,,,,,,,,,,लेकिन कोई नहीं तुम्हारा एक किस भी 10 के बराबर है ,,,,,मैं तो चाहती हूँ मेरी हर सुबह,,,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने जैसे ही कहा मुन्ना ने उसके होंठो को पकड़ कर बंद करते हुए कहा,”आह्ह कितना बोलती हो तुम”
गौरी कुछ उटपटांग हरकत करे इस से पहले ही मुन्ना कमरे से बाहर निकल गया। वह डायनिंग की तरफ आया तो काशी चाय लिए मिल गयी और मुन्ना की तरफ चाय का कप बढ़ाते हुए कहा,”भाभी से मिले ?”
“हाँ,,,,,,,!!”,मुन्ना ने चाय का घूँट भरते हुए कहा , अगले ही पल उसे अहसास हुआ की काशी ने उस से क्या कहा ? उसने हैरानी से काशी की तरफ देखा तो पाया की काशी उसे ही देखकर मुस्कुरा रही थी

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क्रमश – Main Teri Heer – 5

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