Sanjana Kirodiwal

Story with Sanjana Kirodiwal

Telegram Group Join Now

“मैं तेरी हीर” – 37

Main Teri Heer – 37

Main Teri Heer
Main Teri Heer

घाट की सीढ़ियों पर , दुनिया जहा से बेखबर , गौरी और मुन्ना एक दूसरे को गले लगाए खड़े थे। वंश ने समझदारी दिखाते हुए अपने कदम पीछे ले लिए और मुन्ना गौरी को दूर होने से रोक दिया। उन्हें साथ देखकर वंश की आँखे भी नम हो गयी। मुन्ना गौरी से दूर हटा और उसका चेहरा अपने हाथो में लेकर कहा,”हम वादा करते है गौरी आज के बाद हम कभी तुम्हे हर्ट नहीं करेंगे,,,,,,,,,,,,,,,हमेशा तुम्हारे साथ रहेंगे , कभी तुम्हे खुद से दूर नहीं करेंगे”
“और फिर से किसी को मुझसे प्यार हो गया तो,,,,,,,,,,,,,तुम फिर छोड़कर चले जाओगे”,गौरी ने मासूमियत से कहा
“आज के बाद ऐसा नहीं होगा गौरी,,,,,,,,हम पुरे दिल से तुमसे माफ़ी,,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने जैसे ही कहा गौरी ने उसके मुंह पर हाथ रखते हुए कहा,”तुम्हे मुझसे माफ़ी मांगने की जरूरत नहीं है मुन्ना,,,,,,,,,,,जो कुछ हुआ उसे बुरा ख्वाब समझकर भूल जाओ,,,,,,,,,,,मैं तुम्हे हमेशा ऐसे ही प्यार करती रहूंगी मान कुछ गलतफहमियों से ये कम हो जाएगा ऐसा कभी मत सोचना,,,,,,,,,,,,और फिर इस दुनिया में तुम ही हो जो मुझे सम्हाल सकते हो”
गौरी की बात सुनकर मुन्ना ने अपने होठों से उसके सर को छुआ और कहा,”हम हमेशा तुम्हारा ख्याल रखेंगे”
गौरी उस से कुछ कहती इस से पहले ही उसका फोन बजा , गौरी ने फोन देखा स्क्रीन पर काशी का नंबर देखकर गौरी ने अपना सर पीटते हुए कहा,”ओह्ह्ह मुझे तो आज रात वापस इंदौर जाना था , और मैं यहाँ हूँ,,,,,,,,,,,,, मुझे जाना होगा”
कहते हुए गौरी जैसे ही जाने के लिए वापस पलटी मुन्ना ने उसका हाथ पकड़कर उसे अपनी तरफ खींचकर उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”तुम हमे छोड़कर कही नहीं जा रही हो गौरी शर्मा , तुम यही रहोगी हमारे साथ”
दूर खड़े वंश ने देखा तो अपने हाथो को सर पे रखकर पलटते हुए कहा,”अरे रे रे इनका रोमांस ही खत्म नहीं हो रहा”
“जाउंगी नहीं तो अपनी मम्मा को रिश्ता लेकर तुम्हारे घर कैसे भेजूंगी ?”,गौरी ने अपनी आँखे टिमटिमाते हुए कहा
“तुम मुझसे शादी करने वाली हो,,,,,,?”,मुन्ना ने पूछा
“बिल्कुल तुम्हारा कोई भरोसा नहीं है तुम फिर बदल जाओ,,,,,,,,,,,लेकिन इस बार तुमने ऐसा किया ना तो मैं तुम्हे छोडूंगी नहीं”,गौरी ने घूरते हुए कहा
मुन्ना ने देखा गौरी पहले के जैसे ही बात करने लगी है तो वह मुस्कुराने लगा और गौरी का हाथ छोड़कर कहा,”चलो फिर चलते है”
मुन्ना दो सीढिया चढ़ा तो देखा गौरी अभी भी वही खड़ी है , उसने पलटकर कहा,”क्या हुआ चलो ?”
“वो मेरे पैर बहुत दर्द कर रहे है”,गौरी ने कहा तो मुन्ना उसके पास चला आया उसे अपनी गोद में उठाया और सीढ़ियों की ओर बढ़ गया। गौरी खुश थी और वह मुस्कुराते हुए वह बस बोले जा रही थी और मुन्ना मुस्कुराते हुए उसकी बात सुनता जा रहा था। दोनों घाट से बाहर चले गए और जाते जाते ये भी भूल गए की वंश भी उसके साथ आया है। वंश मुस्कुराते हुए उन दोनों को जाते हुए देखता रहा। उनके जाने के बाद वंश जैसे ही दूसरी ओर पलटा
उसे अटैक आते आते बचा उसके ठीक पीछे निशि खड़ी थी। वंश ने तो एकदम से डरकर अपने सीने पर ही हाथ रख लिया और कहा,”ए क्या मारने का इरादा है क्या ? और तुम यहाँ क्या कर रही हो ?”
“तुम यहाँ क्या कर रहे हो ? वो भी अकेले,,,,,,,!!”,निशि ने चारो तरफ देखकर कहा क्योकी इस वक्त उस घाट पर उसके और वंश के अलावा कोई नहीं था।
“तुम मेरा पीछा कब छोड़ोगी ? जहा देखो वहा पीछे पीछे चली आती हो,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे और कोई काम नहीं है क्या ?”,वंश ने चिढ़ते हुए
“मुझे कोई शौक नहीं है तुम्हारा पीछा करने का,,,,,,,,,,,,वो तो तुम ऐसे अचानक चले आये तो मुझे लगा,,,,,,,,,!!”,निशि ने कहा
“क्या लगा तुम्हे ?,,,,,,,,,,,,,,,,नहीं बताओ क्या ?”,वंश ने एकदम से निशि की तरफ आते हुए कहा तो निशि का दिल धड़क उठा और उसने पीछे हटते हुए कहा,”वो मैं,,,,,,,,,,,,,मुझे नहीं पता मैं यहाँ क्यों आयी हूँ ? बस मुझे लगा शायद तुम किसी मुसीबत में हो तो मैं,,,,,,,,,,,,,,!!”
“ओह्ह्ह अच्छा वैसे तुम्हे किसी ने बताया नहीं मेरी सबसे बड़ी मुसीबत तुम ही हो,,,,,,,,,!”,वंश ने गुस्से से कहा हालाँकि वह खुद नहीं समझ पा रहा था की आखिर उसे इतना गुस्सा आ क्यों रहा है ?
“हाँ तुम्हारा बस चले तो तुम तो मेरा खून ही कर दो,,,,,,,,,,,!!”,निशि ने मुंह बनाते हुए कहा
“देखो अगर तुमने अब कुछ और कहा ना तो मैं,,,,,,,,,,,,,मैं तुम्हे उठाकर गंगा में फेंक दूंगा , फिर तैरते हुए चली जाना मुंबई”,वंश ने झुंझलाते हुए कहा
“तुम कितने रुड हो,,,,,,,,,,!!”,निशि ने कहा तो वंश ने फिर उसके पास आकर कहा,”हां हूँ तो क्या कर लोगी तुम ?”
निशि इस बार भी जैसे ही पीछे खिसकी उसका पैर फिसला और वह सीधा पानी में जा गिरी। वंश ने देखा तो घबरा गया वह बस निशि को डरा रहा था , लेकिन निशि पानी में गिर गयी और हाथ पैर मारने लगी ,, उसे देखकर लग रहा था जैसे उसे तैरना नहीं आता था। वंश ने मदद के लिए इधर उधर देखा लेकिन कोई नहीं था आखिर में वंश ने महादेव को याद किया और पानी में छलांग लगा दी लेकिन अगले ही पल वंश हाथ पैर मारने लगा क्योंकी उसे तैरना नहीं आता था। वंश के पानी में कूदते ही निशि पानी से निकलकर सीढ़ी पर आ बैठी और हँसते हुए कहा,”क्यों चिरकुट मजा आ रहा है ना ?”
वंश ने कोई जवाब नहीं दिया वह बस जैसे तैसे पानी में हाथ पैर मारे जा रहा था और कुछ देर बाद पानी में डूबने लगा। निशि पहले तो उस पर हंस रही थी पर जब उसे डूबते देखा तो जल्दी से पानी में कूदी और उसे बाहर निकालकर ले आयी। वंश बेहोश हो चुका था निशि ने मदद के लिए देखा इस वक्त वहा कोई नहीं था। वंश वहीं सीढ़ी पर लेटे हुए था निशि ने उसे होश में लाने के लिए उसके गाल थपथपाये , उसके हाथो को मसला लेकिन वंश को होश नहीं आया।
“शायद इसके फेफड़ो में पानी चला गया है”,निशि ने खुद से कहा और फिर अपने दोनों हाथो से उसके सीने को दबाने लगी वंश के मुंह से कुछ पानी निकला लेकिन उसे होश अभी भी नहीं आया था।
वंश को होश में ना आया देखकर निशि ने उसके सीने से अपना कान लगाकर देखते हुए कहा,”कही ये मर तो नहीं गया,,,,,,,,,,,,,,,,,नही मरा नहीं है लेकिन इसकी सांसे इतनी धीरे क्यों चल रही है ?”
निशि ने अपना सर उसके सीने से हटाया और परेशान सी वंश के चेहरे की तरफ देखने लगी। इस वक्त वंश कुछ ज्यादा ही मासूम नजर आ रहा था। निशि ने बहुत सोचा और फिर उसके बाद वंश को सीपीआर देने लगी। ऐसा करते हुए उसे बहुत अजीब लग रहा था लेकिन वंश को बचाना जरुरी था। निशि ने एक एक दो बार ऐसा किया और वंश को तेज साँस आयी। निशि उस से दूर हटी तो वंश खाँसने लगा। निशि की जान में जान आयी और उसने कहा,”थैंक गॉड तुम बच गए”
“तुमने मुझे किस क्यों किया ? क्या तुम मेरा फायदा उठाने वाली थी”,वंश ने अपने शर्ट को सही किया और निशि को खा जाने वाली नजरो से घूरते हुए पूछा
निशि ने सूना तो पहले तो हैरान हुई और फिर गुस्से से कहा,”तुम पागल हो क्या ? मैंने तुम्हारी जान बचाई और तुम,,,,,,,,,,,,,,,तुम इस दुनिया के आखरी लड़के भी होते तब भी मैं तुम्हे किस करने का नहीं सोचती”
निशि उठी और वहा से आगे बढ़ गयी। वंश को समझ आया तो वह जल्दी से उठा और उसके पीछे जाते हुए कहा,”ए सुनो मैं मजाक कर रहा था,,,,,,,,,,,,,,,सुनो तो”
“भाड़ में जाओ तुम”,निशि ने गुस्से से पलटकर कहा और सीढ़ियों की ओर बढ़ गयी।

मुन्ना गौरी को गोद में उठाये घाट से बाहर आया उसका फोन बजा। गौरी ने मुन्ना के जेब से फोन निकाला और फोन देखा तो मुरारी का था , मुरारी का नंबर देखकर गौरी ने फोन मुन्ना की तरफ कर दिया मुन्ना का दिल धड़कने लगा जो रायता उसने फैलाया था उसे समेटने की बारी थी। उसने गौरी से फोन उठाने का इशारा किया गौरी ने फोन उठाकर मुन्ना के कान से लगा दिया तो मुन्ना ने धीरे से कहा,”हेलो”
“बेटा इश्कबाजी से फुर्सत मिल गयी हो तो तनिक सामने भी देख ल्यो”,मुरारी ने कहा
मुरारी की बात सुनकर मुन्ना ने जैसे ही सामने देखा उसका दिल एक पल के लिए जैसे बंद ही हो गया। सभी घरवाले सड़क के उस पार खड़े थे। मुन्ना ने घबराकर एकदम से हाथ नीचे कर दिए और गौरी धड़ाम से नीचे आ गिरी। घरवालों ने देखा तो अपना सर पीट लिया और मुरारी ने कहा,”जे लो अपनी ही पिरोपर्टी का नुकसान कर दिए है हमारे मुन्ना महाराज”
मुन्ना ने जैसे ही उनकी तरफ जाना चाहा शिवम् ने हाथ करके उसे रोक दिया और सबकी साथ खुद मुन्ना की तरफ चला आया। काशी ने आकर अपनी दोस्त को उठाया और गौरी अपनी कमर सहलाते हुए मुन्ना को घूरे जा रही थी लेकिन मुन्ना तो अंदर ही अंदर घबरा रहा था की कही उसे गौरी के साथ ऐसे देखकर घरवाले उसे गलत ना समझ ले
“हम्म्म तो कबसे चल रहा है ये सब ?”,शिवम ने थोड़ा सख्त होकर पूछा मुन्ना के तो पैर काँपने लगे बेचारा क्या कहता ? उसने अपनी नजरे झुका ली और धीरे से कहा,”हम सबको बताने ही वाले थे बड़े पापा,,,,,,,,,,,,हम गौरी को पसंद करते है”
“तुम अब इतने बड़े हो गए हो मुन्ना की बड़ो के सामने ऐसी बातें करोगे /”,शिवम् ने फिर कठोरता से कहा
“शिवम् जी,,,,,,,,,,,,,,!!”,सारिका ने कहना चाहा तो शिवम् ने उसे रोक दिया और मुन्ना के बगल में आकर उसके कंधे पर हाथ रखकर कहा,”पापा ने हमे पहले ही सब बता दिया था , उस शाम इंदौर से आने के बाद हमने तुमसे मिलने को कहा था,,,,,,,,,,,,,,,,अगर आकर हमसे मिल लेते तो अब तक काशी के साथ साथ तुम्हारी भी सगाई हो जाती,,,,,,,,,,,,पर हमे लगा तुम इंट्रेस्टेड नहीं हो तो हमने भी बात को वही छोड़ दिया”
शिवम् की बात सुनकर मुन्ना हैरानी से देखने लगा। शिवम् मुस्कुराया और कहा,”अब हमारे बच्चो को उनका प्यार इतनी आसानी से मिल जाये तो मजा नहीं आएगा , प्रेम में थोड़ा त्याग और समर्पण जरुरी है”
“मतलब,,,,,,,,,,,,?”,मुन्ना ने फिर पूछा
“मतलब ये की गौरी के घरवालों को बनारस बुलाओ उनसे तुम्हारी शादी की बात करनी है”,शिवम् ने मुन्ना का कंधा दबाते हुए कहा तो मुन्ना मुस्कुराने लगा।
शिवम् गौरी की तरफ चला आया मुरारी मुन्ना के पास आया और कहा,”हम्म्म तो जे है तुम्हरी गौरी शंकर,,,,,,,,,,,,,,,,वैसे पसंद बढिया है तुम्हारी , कतई बवाल है जिंदगी हराम कर देगी तुम्हरी”
“पापा,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने शरमा कर कहा तो मुरारी ने उसे गले लगाते हुए कहा,”अरे मजाक कर रहे है , खुश रहो”
सारिका अनु ने एक दूसरे को देखा और खुश होकर मुन्ना के पास चली आयी। सभी घरवाले मुन्ना और गौरी के पास चले आये। अधिराज जी और अम्बिका जी को तो गौरी पहले से पसंद थी उन्हें भला इस रिश्ते से क्या ऐतराज होता , उन्होंने भी मुन्ना को बधाई दी।
“ये वंश कहा है ?”,अधिराज जी ने पूछा
“वो शायद घर चला गया है”,मुन्ना ने कहा

सभी वही खड़े थे निशि और वंश दोनों उसी ओर चले आ रहे थे लेकिन जैसे ही वंश ने सारे घरवालों को वहा देखा तो निशि को साइड में ले जाते हुए कहा,”आगे कहा जा रही हो आगे सारे घरवाले है , हमे साथ देखेंगे तो प्रॉब्लम हो जाएगी”
“प्रॉब्लम क्यों होगी ?”,निशि ने पूछा
“जरा खुद को देखो अभी अभी हम दोनों पानी में भीगकर आये है ,,,,,,,,,,,,,, तुम , तुम मेरे साथ चलो मैं एक दिन में इतने सारे स्यापे नहीं झेल सकता”,वंश ने निशि का हाथ खींचकर उसे दूसरी तरफ ले गया। निशि भी उसके साथ चली आयी। कुछ देर बाद सभी लोग वापस घर के लिए निकल गए , अधिराज जी और काशी की दोस्तों का इंदौर जाना केंसल हो गया सभी ख़ुशी ख़ुशी घर के लिए निकल गए। गौरी अपनी दोस्तों के साथ आगे चल रही थी और मुन्ना सारिका अनु के साथ पीछे , चलते चलते गौरी ने पलटकर मुन्ना को देखा , मुन्ना ने उसे देखा तो मुस्कुरा उठी।
वंश निशि को संकरी गलियों से लेकर घाट से बाहर जाने लगा , चलते चलते निशि थकने लगी तो वह रुकी और कहा,”मुझसे अब और नहीं चला जाएगा”
“बस थोड़ी दूर और आगे जाकर मेन रोड है वहा से घर चलेंगे”,वंश ने कहते हुए निशि को देखा तो एक पल के लिए उसकी नजरे निशि पर ठहर गयी। निशि अपने गीले बालो को झटककर सुखाने में लगी थी। उसके कपडे भीगने की वजह से उसके बदन से चिपके हुए थे। चेहरे से होकर जैसे ही वंश की नजर निशि की गर्दन पर पड़ी उसने नजरे घुमा ली और कहा,”वैसे तुम मुझे बचाने के लिए पानी में क्यों कूदी ? तुम डूब जाती तो,,,,,,,,,,,,,,,यहाँ के घाट का पानी बहुत गहरा होता है”
“जब तुम्हे तैरना नहीं आता था तो तुम क्यों कूदे ?”,निशि ने सामने से सवाल किया तो वंश खामोश हो गया , वह एकटक निशि को देखने लगा उसे खामोश देखकर निशि अपने बालों को सुलझाते हुए बड़बड़ाने लगी,”खुद को बड़ा होशियार समझते हो , तुम्हे कुछ हो जाता तो,,,,,,,,,,,,,,,,,बिना सोचे समझे कूद गए मेरे ,, मुझे तैरना आता है लेकिन तुम्हे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे तो वो भी नहीं आता , कभी कभी लगता है तुम सच में मासूम हो”
“क्या कहा तुमने मासूम ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुमने मुझे मासूम कहा ना ?”,वंश ने खुश होकर निशि के पास आकर कहा तो निशि उसे घूरने लगी और कहा,”बिल्कुल नहीं तुम्हारी वजह से मैं प्रॉब्लम में हूँ , अब चलो यहाँ से”
निशि आगे बढ़ गयी तो वंश को भी उसके पीछे आना पड़ा। दोनों गली से बाहर सड़क पर चले आये। निशि ने इधर उधर देखा अधिकांश दुकानें बंद हो चुकी थी। उसने वंश की तरफ देखकर कहा,”मुझे भूख लगी है”
“दिनभर तो मेरा खून पीती रहती हो फिर भी भूख लगी है”,वंश धीरे से बड़बड़ाया और फिर जोर से कहा,”यहाँ से अगले घाट के बाहर मेरी बाइक खड़ी है चलो चलते है , शायद वहा कुछ मिल जाये वरना घर तो चलना ही है”
”लेकिन मैं अब और पैदल नहीं चल सकती”,निशि ने हताश होकर कहा। इस वक्त दोनों जहा थे वहा ऑटो मिलना भी मुश्किल था। वंश ने उसका उतरा हुआ चेहरा देखा तो उसके पास आया और नीचे जमीन पर बैठकर उसे अपनी पीठ पर चढ़ने को कहा। निशि थकी हुई थी इसलिए वंश की पीठ पर चढ़ गयी। वंश ने उसे उठाया और आगे बढ़ गया। कुछ देर पहले ही दोनों में झगड़ा हुआ था और अब दोनों फिर साथ साथ थे। खाली सड़क पर , खुले आसमान के नीचे वंश निशि को अपनी पीठ पर उठाये चल रहा था। चलते चलते वंश ने कहा,”तुम अपना वजन कम क्यों नहीं करती ?”
निशि ने सूना तो एक मुक्का उसके सर में मारते हुए कहा,”बकवास बंद करो और चुपचाप चलो”
निशि की बात सुनकर वंश ने मुंह बनाया और उसे डराने के लिए जान बूझकर लड़खड़ाया तो निशि ने उसे थोड़ा कसकर पकड़ लिया। वंश मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गया।

Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37 Main Teri Heer – 37

क्रमश – Main Teri Heer – 38

Read More – “मैं तेरी हीर” – 36

Follow Me On – facebook | instagram | youtube

संजना किरोड़ीवाल

Main Teri Heer
Main Teri Heer

21 Comments

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!