A Broken Heart – 56
A Broken Heart – 56
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A Broken Heart – 56
सोफी जिया से अच्छी खासी नाराज थी। वह ना जिया से बात कर रही थी ना ही जिया की कोई बात सुन रही थी जिस से जिया और उदास हो गयी। सोफी के रेस्त्रो जाने के बाद जिया तैयार हुयी और रेस्त्रो जाने [के नीचे चली आयी। जिया घर से बाहर आयी सहसा ही उसके कदम पार्किंग की तरफ बढ़ गए जहा उसकी साइकिल खड़ी रहती थी और अगले ही पल उसे याद आया कि उसकी साईकिल तो आज सुबह ही जा चुकी है।
ये याद आते ही जिया की आँखों में एक बार फिर नमी तैर गयी। वह पैदल ही रेस्त्रो जाने के लिए निकल गयी। चलते चलते जिया सेंडविच शॉप के सामने से गुजरी तो उसे महसूस हुआ कि उसने आज सुबह का नाश्ता भी नहीं किया है। हमेशा सोफी ही जिया और अपने लिए नाश्ता बनाया करती थी लेकिन आज सोफी भी बिना नाश्ता किये रेस्त्रो चली गयी। जिया के कदम सेंडविच शॉप की तरफ बढ़ गए।
“एक चीज बन सेंडविच प्लीज,,,,,,,,,,!”,जिया ने बुझे मन से कहा
“आप थोड़ा इंतजार कीजिये ये बस तैयार है,,,,,,,!”,आदमी ने कहा
जिया वही पास में खड़े होकर सेंडविच बनने का इंतजार करने लगी। कुछ देर बाद आदमी ने उसे सेंडविच दिया
जिया सेंडविच लेकर बेंच के पास चली आयी और एक किनारे बैठ गयी। चीज सेंडविच के लिए जिस जिया की आँखों में हमेशा चमक रहती थी आज उसी चीज सेंडविच को लेकर जिया की आँखों में उदासी थी। जिया कुछ देर ख़ामोशी से सामने खाली पड़ी सड़क को देखते रही और फिर सेंडविच का एक टुकड़ा खा लिया।
सेंडविच खाते हुए जिया की आँखों में आँसू भर आये और उसे वो सुबह याद आ गयी जब ईशान उसके साथ था। आँखों पर भरे आँसू गालों पर लुढ़क आये तो गले में चुभन का अहसास होने लगा। जिया रोना नहीं चाहती थी लेकिन वह अपने परेशान दिल को भी कैसे समझाती,,,,,,,,,,,,,,,,,हालाँकि जिया का मन नहीं था लेकिन भूख होने के कारण उसे खाना पड़ा। वह मुश्किल से आधा सेंडविच खा पायी और बाकि का आधा डस्टबिन में फेंककर रेस्त्रो के लिए निकल गयी।
जिया रेस्त्रो पहुंची देखा सोफी कस्टमर्स के ऑर्डर्स तैयार करने में बिजी है। वह काउंटर के पास आयी और धीरे से कहा,”सोफी,,,,,,,,,,,,,,!!”
“ये कुछ ऑर्डर्स है और ये इनका अड्रेस , उम्मीद है तुम इन्हे वक्त से पहुंचा दोगी।”,सोफी ने बिना जिया की तरफ देखे खाने के पार्सल जिया की तरफ खिसकाते हुए कहा। ये देखकर जिया का मन और उदास हो गया। वह समझ गयी कि सोफी अब उस से बात करना नहीं चाहती है। जिया ने सभी ऑर्डर्स उठाये और बैग में रखकर वहा से चली गयी।
रेस्त्रो से बाहर आकर जिया ने मिस्टर दयाल का स्कूटर स्टार्ट किया और वहा से चली गयी। जिया ने वक्त से 3 अलग अलग जगह आर्डर पहुंचा दिए अब एक आखरी आर्डर बचा था। उसे प्यास लगने लगी तो उसने स्कूटर साइड में रोका और बोतल निकालकर पानी पीने लगी। जिया ने आखरी स्लिप देखी वह आखरी आर्डर ऐड कम्पनी से था जो कि देवांश ने किया था। जिया ने स्कूटर स्टार्ट किया और ऐड कम्पनी जाने वाले रास्ते की ओर बढ़ गयी
जिया आर्डर लेकर ऐड कम्पनी में आयी “जरा सुनिए ! मिस्टर देवांश ने ये फ़ूड आर्डर किया है क्या आप उन्हें बुला देंगी प्लीज ?”,जिया ने रिसेप्शन पर आकर कहा
“आप वेट कीजिये मैं उन्हें बुलाती हूँ।”,लड़की ने कहा और रिसीवर कान से लगाकर देवांश को फोन लगाने लगी। जिया वेटिंग एरिया में चली आयी और सोफे पर बैठकर देवांश के आने का इंतजार करने लगी। वेटिंग एरिया में बैठी जिया की नजर अचानक से सामने खाली पड़े सोफे पर चली गयी।
जिया ने पहली बार ईशान को इसी ऐड कम्पनी में देखा था और पहली बार में उसे पसंद करने लगी थी। जिया का मन भारी होने लगा उसे वो सारे पल याद आने लगे जब वह इस कम्पनी से ईशान से बार बार मिली थी। ईशान के बारे में सोचते हुए कब जिया की आँखे नम हो गयी उसे पता ही नहीं चला।
“एक्सक्यूज मी , देवांश सर ने आपको ऑर्डर्स लेकर ऊपर बुलाया है।”,रिस्पेशन पर बैठी लड़की की आवाज से जिया की तंद्रा टूटी। जिया उठी और बैग लेकर लिफ्ट की तरफ बढ़ गयी। जिया लिफ्ट में चली आयी वहा कुछ और लोग भी थे। जिया एक तरफ खड़ी रही। लिफ्ट ऊपर आकर रुकी जिया बाहर आयी और मीटिंग रूम के बाहर आकर खड़ी हो गयी। जिया उलझन में थी कि अंदर जाये या ना जाये।
जिया कोई फैसला ले पाती इस से पहले ही देवांश मीटिंग रूम से बाहर आया और अपनी क्लाइंट्स से हाथ मिलाते हुए कहा,”थैंक्यू मिस्टर मित्तल हम जल्दी ही इस ऐड पर काम करेंगे। मैं आपसे वीकेंड पर मिलता हूँ।”
“थैंक्यू मिस्टर देवांश , मैं इंतजार करूंगा।”,मिस्टर मित्तल ने कहा और वहा से चले गए।
देवांश की नजर जिया पर पड़ी तो वह उसके पास चला आया और कहा,”माफ़ करना मैं एक जरुरी मीटिंग में था इसलिए नीचे नहीं आ सका और तुम्हे ऊपर आना पड़ा।”
“आपका आर्डर सर , आपको हमारे रेस्त्रो का खाना कैसा लगा इसके लिए रेटिंग और रिव्यू जरूर देना।”,जिया ने बिना किसी भाव के खाने का पार्सल देवांश की तरफ बढ़ाकर कहा।
देवांश ने देखा जिया की आँखों में आज ना चमक थी ना ही होंठो पर मुस्कुराहट वह काफी बुझी बुझी सी लग रही थी। देवांश कुछ देर जिया को देखता रहा और फिर कहा,”क्या तुम ठीक हो ? ओह्ह्ह् याद आया क्या तुमने कल डॉक्टर को दिखाया ?”
“अह्ह्ह्हह नहीं ! मैं ठीक हूँ , आप ये खाना रखे मुझे और भी ऑडर्स डिलीवर करने जाना है।”,जिया ने पार्सल देवांश की तरफ बढ़ाते हुए कहा
“अह्ह्ह ठीक है ! वैसे थैंक्यू तुम बहुत मेहनती लड़की हो और बहुत अच्छा काम कर रही हो।”,देवांश ने खाना लेते हुए कहा
“आपका शुक्रिया !”,जिया ने कहा और वहा से चली गयी।
चलते चलते जिया बड़बड़ाने लगी,”आह्ह्ह्ह लगता है ये माया का बॉस पागल हो गया , ये कितना अजीब है ज़रा सी चोट पर मुझे डॉक्टर को दिखाने को बोल रहा है , इसे लगता है मैं एक बहुत अमीर लड़की हूँ जिसके पास ढेर सारा खजाना है,,,,,,,,,,,,,,,,,हाह ऐसा होता तो क्या मैं एक फ़ूड डिलीवरी गर्ल की नौकरी करती,,,,,,,,,,,,,कभी नहीं , मैं मिस्टर दयाल के रेस्त्रो से भी बड़ा रेस्त्रो खोलती और वहा अपनी पसंद के केक्स और डोनट्स रखती , जिन्हे मैं जब मर्जी खा सकती,,,,,,,,,,!!”
बड़बड़ाते हुए जिया ने ध्यान नहीं दिया और उसका सर सामने लिफ्ट के दरवाजे से जा टकराया। उसने अपना सर सहलाते हुए पलटकर देखा देवांश अभी भी वही खड़ा जिया को देख रहा था।
जिया ने अपना सर झटका और वहा से चली गयी। देवांश हल्का सा मुस्कुराया और जैसे ही जाने लगा उसकी नजर फर्श पर गिरी सिल्वर चैन पर चली गयी। देवांश ने उसे उठाया और देखते हुए कहा,”शायद ये उस डिलीवरी गर्ल की है , मैं शाम में घर जाते वक्त उसे लौटा दूंगा।”
देवांश ने चैन को अपनी जेब में रखा और वापस मीटिंग रूम में चला गया
जिया अपना सर सहलाते हुए ऐड कम्पनी से बाहर चली आयी। देवांश के बारे में सोचकर जिया झल्ला रही थी की सामने से आती माया से टकरा गयी।
“अरे अरे देखकर तुम्हे ईशान के प्यार में इतना भी अंधा नहीं होना चाहिए कि तुम्हे इंसान ही ना दिखाई दे,,,,,,,,,,,,,,,,,बाय द वे तुम ऐड कम्पनी के बाहर क्या कर रही हो ? ईशान अब तुम्हे छोड़कर चला गया है तो खाली खाली लग रहा होगा ना , हाँ तुम्हे एक नए बॉयफ्रेंड की जरूरत होगी जो तुम्हे घुमा फिर सके , तुम्हे खाना खिला सके और तुम्हारी जरूरते पूरी कर सके।
तो क्या तुम इस ऐड कम्पनी में नया बॉयफ्रेंड ढूंढने आयी हो,,,,,,,,,,,,,,,,वैसे तुम्हारी जानकारी के लिए बता दू कि यहाँ सब लड़के तुम्हारी औकात से बाहर है तो तुम कोई अपने लायक देखो जो तुम्हारा खर्चा उठा सके।”,माया ने बड़ी ही बेशर्मी से कहा।
माया की बात सुनकर जिया को गुस्सा आया उसने माया को घूरते हुए कहा,”तुम सबको अपने जैसा क्यों समझती हूँ ?
क्या तुम्हे कोई बीमारी है या फिर तुम बचपन में सर के बल गिर गयी थी। तुम्हे क्या मिलता है लोगो को परेशान करके क्या तुम अपने काम से काम नहीं रख सकती हाँ,,,,,,,,,,,मैं तुमसे बहस नहीं करना चाहती इसलिए मेरा रस्ता छोडो मुझे और भी फूड्स की डिलीवरी करने जाना है मैं तुम्हारी तरह जॉबलेस नहीं हूँ।”
“एक्सक्यूज मी ! व्हाट डू यू मीन ? मैं तुम्हारी तरह गरीब नहीं हूँ , मेरे पास बहुत पैसा है और मुझे तुम्हारी तरह ये छोटी मोटी नौकरी करने की जरूरत नहीं है।”,माया ने इतराते हुए कहा
“ओह्ह्ह्ह क्या सच में ? क्या सच में तुम इतनी अमीर हो ? जानकर अच्छा लगा पर काश कि तुम दिल की भी इतनी ही अमीर होती पर मैं हूँ क्योकि मैं कभी तुम्हारे लिए बुरा नहीं सोचती , तुम्हारे लिए क्या इन्फेक्ट मैं किसी के लिए भी बुरा नहीं सोचती,,,,,,,,,,अभी कुछ देर पहले क्या कहा तुमने,,,,,,,,,,,हाँ कि मैं अपने लिए नया बॉयफ्रेंड ढूंढ रही हूँ,,,,,,,,,,,,,,मुझे तुम्हारी तरह लड़को के दिलों से खेलने की आदत नहीं है। मेरे लिए एक लड़का ही काफी है,,,,,,,,,,,,,,और वो बेहतर है।”,जिया ने ईशान के बारे में सोचते हुए कहा
“ओह्ह्ह जिया तुम अब भी ईशान के सपने देख रही हो ! वेक अप बेबी ईशान तुम्हारी जिंदगी से जा चुका है वो लौटकर नही आएगा । तुम्हे उसे भूलकर अपनी जिंदगी में आगे बढ़ जाना चाहिए ।”,माया ने जिया पर तरस खाते हुए कहा ।
जिया हल्का सा मुस्कुराई और कहा,”कुछ लोग हमारी जिंदगी का ताउम्र हिस्सा रहते है जिन्हें ना जिंदगी से निकाला जाता है ना ही भुलाया जाता है , ईशान कभी नही आयेगा इस ख्याल से मैं उसका इंतजार करना तो नही छोड़ सकती ना माया । कुछ लोगो के लिए भूल जाना आसान होता है लेकिन मेरे साथ ऐसा नही है , मैं हमेशा उसके लिये दुआ करूँगी , उसके अच्छे भविष्य की कामना करूँगी और हर रोज उसके लौट आने का इंतजार करूगी ।”
“हहहह तुम कितनी अजीब हो”,माया ने बुरा से मुंह बनाकर कहा
“ईशान भी अक्सर यही कहता था ।”,जिया ने ईशान के बारे में सोचते हुए कहा
माया ने देखा जिया को कुछ कहना बेकार ही तो वो वहां से आगे बढ़ गयी ।
माया की बातों से मायूस होकर जिया रेस्त्रो चली आयी ।
जिया परेशान रहने लगी । ना सोफी उस से बात करती ना ही लिली आंटी । घोष अंकल भी लिली आंटी के कहने पर जिया से बात नही करते थे । वही जिया को मोहम्मद भाई के कर्जे की चिंता थी । जब जिया वक्त से उनका कर्ज नही चुका पाई तो मोहम्मद भाई ने जिया की साईकिल को कबाड़ में बेच दिया उस दिन जिया बहुत रोई लेकिन उसके आँसू पोछने वाला कोई नही था ।
धीरे धीरे वक्त गुजरने लगा ओर उसके साथ ही जिया की उम्मीद भी खत्म होने लगी । ना ईशान आया ना ही उसका कोई पता चला । ईशान को लेकर जिया ने कभी गुस्सा जाहिर नही किया ।
एक शाम जिया उदास सी पैदल चलकर रेस्त्रो से घर जा रही थी तभी उसकी नजर सामने से आते लड़के पर पड़ी । जिया ने देखा तो उसका दिल धड़कने लगा , गला भर आया और आंखों में आँसू भर आये । सामने खड़ा वो लड़का कोई और नही बल्कि ईशान था । जिया के कदम रुक गए , वह एकटक ईशान को देखते रही । ईशान जिया को देखकर मुस्कुराया और अपना हाथ हिलाकर कहा,”हे जिया !!”
कितने दिनों बाद जिया ने ईशान की आवाज सुनी थी उसकी आँखों मे भरे आँसू की बूंदे नीचे आ गिरे जैसे ही ईशान जिया के पास आने लगा जिया पलटकर आगे बढ़ गयी
“हे जिया ! रुको कहा जा रही हो ? जिया जिया है जिया सुनो l”,कहते हुए ईशान जिया के सामने आ गया तो जिया को रुकना पड़ा
वह फिर पलटी और जाने लगी तो ईशान ने कहा,”हे क्या हेलो तक नही बोलोगी ?”
“नही !!”,जिया ने पलटकर गुस्से से कहा और तेजी से कदम बढ़ाते हुए वहां से चली गयी “जिया जिया सुनो ।”,ईशान वही खड़ा जिया को आवाज देता रहा लेकिन जिया ने नही सुना ।
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क्रमश – A Broken Heart – 57
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संजना किरोड़ीवाल
Bhut hi bura lg rha h ziya k liye
Finally Ishan aa gaya….but ab aage kya…
Very excited for next part yay!! Prince charming of jiya is back
Thank you mam for posting the story A broken heart aap main to bahut excited hun aage kya hua dekhe ke liye
😅😂😝🤫☺️☺️I mean padhne ne ke liye
Finally Ishaan wapash aa gaya….Abhi Jiya ko Ishaan thorda gussa rhna chahiye …uski wajha se usne kitna kuch jhela….
Finally Ishan aa gya 😍😍😍😍😍जिया k lia ab thoda to achha hua aa
Please is story ko continue hi rkhyega 🙏
To Ishan aa hi gya but jiya ka naraj hona jayaj h Ishan se
Jiya Udaas rehne lagi Kyu na sofy usse baat karti nalily aunty na gosh uncle aur uski cycle bi bej di gayi karz na chukane se aur Maya jab bi milti Jiya ko rula deti thi,Ishaan itne dino baat Jiya ke samne aya aur Jiya usse baat nahi ki…per Jiya kab bi Ishaan ke baare me galat jisne bi kaha nahi sunni aur nahi kabhi khud uske barre me galat socha..