Sanjana Kirodiwal

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A Broken Heart – 28

A Broken Heart – 28

A Broken Heart
A Broken Heart

जिया ने ईशान को खाने के लिए जो बिरयानी दी ईशान ने पूरी खत्म कर दी। बेचारी जिया तो मुंह फाडे ईशान को देखते रही और सोफी गुस्से से जिया को घूर रही थी क्योकि उसने बिरयानी की पूरी प्लेट ईशान को जो दे दी थी। ईशान ने बिरयानी खत्म की और खाली प्लेट जिया की तरफ बढ़ाकर,”थैंक्स फॉर दिस ये काफी अच्छी थी।”
“हाहहह इट्स ओके,,,,,,,,,,,,,,,वहा वाशबेसिन है तुम अपने हाथ धो सकते हो।”,जिया ने जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा


ईशान उठा और हाथ धोने चला गया। उसके जाने के बाद जिया ने सोफी की पीठ पर मुक्का मारा और कहा,”तुमने उसे पूरी प्लेट क्यों दी ? अब हम लोग क्या खाएंगे ?”
“डोंट वरी हम लिली आंटी से थोड़ी बिरयानी और मांग लेंगे”,जिया ने अपनी पीठ सहलाते हुए कहा
“हां जैसे वो अपनी पूरी बिरयानी तुम्हारे सामने रखकर कहेगी ‘लो जिया इसे खा लो , कम पड़े तो और मांग लेना। एक तो ईशान के यहाँ होने से वो वैसे ही गुस्सा है   “,सोफी ने गुस्से से दबी आवाज में कहा


“वो इतनी बुरी भी नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,,!”,जिया ने इतना ही कहा कि ईशान हाथ धोकर वापस आ गया। आनन् फानन में जिया ने सोफी के मुंह पोछने का तौलिया ईशान की तरफ बढ़ा दिया। ईशान ने उस से अपने हाथ पोछे और वापस जिया की तरफ बढ़ाकर कहा,”क्या तुम दोनों भी यही सोने वाली हो ?”
“जी नहीं हम लोग नीचे जा रहे है तुम यहाँ आराम करो और किसी चीज की जरूरत पड़े तो हमसे मत कहना उठकर खुद ले लेना”,सोफी ने जिया को पीछे कर ईशान के सामने आकर कहा।


सोफी को चिढ़ा हुआ देखकर ईशान को अजीब लगा लेकिन उसने कुछ नहीं कहा।
“हम यहाँ क्यों नहीं सो सकते,,,,,,,,,,,,,,,,,यहाँ रहेंगे तो इस से,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,जिया ने धीमी आवाज में सोफी से कहा लेकिन तब तक सोफी उसे खींचते हुए वहा से लेकर चली गयी। ईशान सोफी और जिया के बिस्तर पर सोकर सोफे पर लेट गया और अपनी आँखे मूँद ली। दिनभर की थकान से उसकी आँखे मूंदने लगी और नींद ने उसे अपने आगोश में ले लिया।

“हे सोफी तुम मुझे नीचे क्यों ले आयी ? हम वहा सो सकते थे उस कमरे में काफी जगह है।”,जिया ने नीचे आकर कहा
“तुम इतनी बेवकूफ कैसे हो सकती हो ? मतलब एक अनजान लड़के पर तुम इतना भरोसा कैसे कर सकती हो कि उसके साथ एक कमरे में रुक जाओ।”,सोफी ने जिया को घूरते हुए कहा
“पर वो बुरा लड़का नहीं है,,,,,,,,,,,!”,जिया ने मासुमियत से कहा


“ये बात तुम्हे पता है उस लड़के को नहीं,,,,,,,,,इन लड़को का दिमाग कब ख़राब हो जाये कोई नहीं जानता तुम मेरे साथ यही नीचे हॉल में सोने वाली हो समझी तुम,,,,,,,,,,,,,,,,,और खबरदार अगर तुम ऊपर गयी।”,सोफी ने कठोरता से कहा तो जिया ने हाँ में गर्दन हिला दी।


लिली आंटी से बात करके सोफी स्टोर रूम से दो गद्दे ले आयी। उन्हें हॉल में लगाया और जिया से सोने को कहा लेकिन भूखे पेट जिया को नींद कैसे आती भला वह सोफे पर आलथी पालथी मारकर बैठ गयी और अपने हाथो को गालों से लगाकर खाने के बारे में सोचने लगी।


सोफी ने देखा तो कहा,”अब तुम किसी सोच में डूबी हो जिया , चलो आओ और आकर सो जाओ।”
“लेकिन मुझे भूख लगी है,,,,,,,,,,,और ऐसे मुझे नींद नहीं आएगी !”,जिया ने रोआँसा होकर कहा
“भूख तो मुझे भी लगी है लेकिन इस वक्त हमारे पास खाने को कुछ नहीं है।”,सोफी ने कहा


“अगर तूम कहो तो मैं लिली आंटी के किचन से बिरया,,,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने कहना चाहा लेकिन सोफी ने उसकी बात काटते हुए कहा,”नहीं तुम ऐसा बिल्कुल नहीं करोगी वैसे भी रात बहुत हो चुकी है। कल सुबह रेस्त्रो जाकर तुम कुछ खा लेना अभी आकर सो जाओ।”
“हाह तुम कितनी निर्दयी हो , एक मासूम बच्ची भूख से तड़प रही है और तुम्हे सोने की पड़ी है। कही भूख के मारे इस रात के साथ मैं ही ना गुजर जाऊ”,जिया ने अफ़सोस भरे स्वर में कहा।


“तुम अपनी नौटंकी बंद करो और आकर सो जाओ,,,,,,,,,,,,,,,मुझे अब नींद आ रही है।”,कहते हुए सोफी ने कम्बल अपने मुँह तक खींच लिया और आँखे मूंद ली।
जिया ने देखा तो मुंह बना दिया और वही सोफे पर बैठी खाने के बारे में सोचते रही।  

कुछ देर बाद खटर पटर की आवाज से सोफी की नींद टूटी उसने देखा जिया उसके बगल में नहीं है। सोफी उठकर बैठ गयी और हॉल में चारो तरफ देखा लेकिन जिया वहा नहीं थी। सोफी ने जैसे ही किचन की तरफ देखा हलकी रौशनी उसे दिखाई दी। सोफी उठी और दबे पाँव किचन की तरफ चली आयी।

किचन में प्लेटफॉर्म पर बैठी जिया को देखकर सोफी एक बार तो डर ही गयी और अंदर आकर धीमी आवाज में कहा,”तुम इस वक्त यहाँ क्या कर रही हो ? लिली आंटी ने देखा तो तुम्हारी खैर नहीं,,,,,,,,,,,वो बहुत गुस्सा करेगी जानती हो ना तुम”
“हाँ लेकिन मुझे बहुत भूख लगी थी अगर मैं खाना नहीं खाती तो मर जाती”,जिया ने कहा उसके मुँह में खाना भरा हुआ था जिस से वह ठीक से बोल भी नहीं पा रही थी।


“जिया तुमने कभी सूना है एक दिन खाना ना खाने से किसी की मौत हुयी हो”,सोफी ने कहा
“नहीं लेकिन मैं ऐसा रिस्क लेना नहीं चाहती अभी मेरी उम्र ही क्या है ?”,जिया ने फिर निवाले अपने मुँह में ठूसते हुए कहा।
जब जिया ने सोफी को अपनी तरफ घूरते हुए पाया तो एक निवाला उसकी तरफ बढ़ा दिया अब जैसा की सोफी को भी भूख लगी थी तो कुछ देर के लिए वह लिली आंटी को भूल गयी और जिया के साथ खाना खाने लगी।

सोफी को खाते देखकर जिया को तो और हिम्मत मिल गयी और वह वहा रखी दूसरी चीजे भी खाने लगी। खाने के साथ साथ जिया ने काफी गंदगी भी कर दी और अब उसे नींद आने लगी थी। उसने हाथ धोये और किचन के परदे से ही अपने गंदे हाथ मुँह पोछ डाले और आकर हॉल में सो गयी। सोफी को भी काफी नींद आ रही थी इसलिए उसने किचन में फैली गंदगी को नहीं देखा और आकर जिया के बगल में लेट गयी।

“ओह्ह्ह्ह जीसस मेरे किचन का ये हाल किसने किया ? घोष , घोष,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,सुबह सुबह लिली आंटी की आवाज से जिया और सोफी की नींद खुल गयी। मिस्टर घोष किचन में आये और कहा,”क्या हुआ लिली तुम इतना गुस्से में क्यों हो ?”
“ये देखो घोष ये किचन की ऐसी हालत किसने की है ? क्या कल रात तुम किचन में थे ?”,लिली आंटी ने मिस्टर घोष को घूरते हुए पूछा


“नहीं लिली डिनर करने के बाद तो मैं अपने कमरे में था , मैं किचन में क्यों आऊंगा ?”,मिस्टर घोष ने हैरानी से कहा
“मुझे पता है ये सब किसने किया है ? सोफी,,,,,,,,,,,,,,जिया , दोनों किचन में आओ”,लिली आंटी ने तेज आवाज में कहा
सोफी और जिया किचन में आयी लिली आंटी ने उन्हें घुरा तो जिया ने झूठ मुठ का हैरान होते हुए कहा,”हाहहहह मिसेज घोष किचन की ये हालत किसने की ? मुझे लगता है कल रात हमारे घर चोर आया था।”


“अच्छा और पुरे घर को छोड़कर चोर इस किचन में क्या कर रहा था ?”,लिली आंटी ने जिया को घूरते हुए पूछा
“हो सकता है वो भूखा और खाना चुराने आया हो,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने उतनी ही हैरानी से कहा तो सोफी की हंसी निकल गयी लेकिन अगले ही पल उसने खुद को सम्हाल लिया और अपना हाथ अपने मुंह पर रख लिया।
लिली आंटी सोफी के सामने आयी और कहा,”सच सच बताओ सोफी ये सब किसने किया ?”


“लिली आंटी वो,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,सोफी ने इतना ही कहा कि जिया ने बीच बोल पड़ी,”अरे लिली आंटी हमे कैसे पता होगा हम लोग तो सो रहे थे कौनसा आपके किचन की चौकीदारी कर रहे थे। आप खामखा हम लोगो पर शक कर रही है।”
जिया को चिढ़ा हुआ देखकर लिली आंटी ने कहा,”हाँ ठीक है लेकिन जिसने भी ये किया है वो मेरी नजरो से बचेगा नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम दोनों जाओ यहाँ से।”


सोफी की जान में जान आयी वह जिया को वहा से लेकर जाने लगी तो जिया की नजर किचन के परदे पर चली गयी और उसे याद आया कि कल रात उसने ही इस से गंदे हाथ पोछे थे। जिया को न जाने क्या सुझा और उसने कहा,”हाहहह लिली आंटी ये देखो उस चोर ने खाना भी खाया और आपके परदे से गंदे हाथ भी पोछे,,,,,,,,,,,,,,,उसे बिल्कुल मत छोड़ना आप”


सोफी ने सूना तो वह खींचते हुए जिया को वहा से ले गयी। लिली आंटी ने अपने फेवरेट परदे को गन्दा देखा तो मिस्टर घोष से कहा,”ओह्ह्ह्ह उस चोर ने मेरे इतने प्यारे परदे को भी खराब कर दिया मैं उसे बिल्कुल नहीं छोडूंगी,,,,,,,,,,,,,,,एक बार बस वो मेरे हाथ लगे।”
“बस करो लिली शांत हो जाओ,,,,,,,,,,,,,आओ मैं इसे साफ़ करने में तुम्हारी मदद कर देता हूँ।”,मिस्टर घोष ने लिली के कंधो पर अपना हाथ रखते हुए कहा और फिर उसकी मदद करने लगे।

“तुम्हे क्या जरूरत थी लिली आंटी के सामने बकवास करने की,,,,,,,,,,,,,,,अगर उन्हें सच पता चल जाता तो उन्हें कितना बुरा लगता”,सीढिया चढ़ते हुए सोफी ने कहा
“मैं बस उका ध्यान हटाने की कोशिश कर रही थी।”,जिया ने कहा और कमरे का दरवाजा खोलकर अंदर चली आयी। जिया ने देखा ईशान नहाकर तैयार हो चुका था और सोफे पर बैठा था।

जिया और सोफी को वहा देखकर ईशान उठा और कहा,”मुझे रातभर यहाँ रुकने देने के लिए तुम दोनों का शुक्रिया , मेरी वजह से जो भी परेशानी हुई उसके लिए आई ऍम सॉरी,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं अब चलता हूँ फिर मिलेंगे”
“हे क्या तुम अभी चले जाओगे ? मेरा मतलब क्या तुम कॉफी पीना चाहोगे या फिर नाश्ता ?”,जिया ने हड़बड़ाहट में कहा


“नहीं तुम्हारा शुक्रिया,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे कुछ जरुरी काम है इसलिए मुझे अब जाना होगा।”,ईशान ने अपना बैग उठाकर पीठ पर टांगते हुए कहा  
जिया चाहती थी ईशान कुछ देर रुक जाए लेकिन वह सीधे सीधे ईशान को रुकने को कैसे कह सकती थी। ईशान ने सोफी और जिया का शुक्रिया अदा किया और अपना बैग लेकर कमरे से निकल गया। ईशान अपना सामान लेकर वहा से निकल गया और जिया सोफी रेस्त्रो जाने के लिए तैयार होने लगी।

ईशान अपना सामान लेकर एक बार फिर घर की तलाश में निकल गया लेकिन इतनी जल्दी घर मिलना मुश्किल था। दोपहर में ईशान खाना खाने के लिए एक जगह रुका सामने ही एक गैराज था जिसे देखकर सहसा ही ईशान को अपनी बाइक की याद आयी जो कि पिछले कुछ वक्त से खराब थी। ईशान ने खाना खाया और वापस उस जगह आया जहा वो रहता था उसने पार्किंग से अपनी बाइक निकलवाई और उसे लेकर गैराज चला आया।

ईशान के पास पैसे नहीं थे और अभी दो हफ्ते उसे दिल्ली में सर्वाइव करना था इसलिए उसने अपनी बाइक को बहुत सस्ते में बेच दिया जिस से अपने रहने और खाने का इंतजाम कर सके। ईशान को बाइक के बदले में कुछ रूपये मिल गए और उसने एक सस्ते होटल में कुछ दिन के लिए कमरा ले लिया।


ईशान के पास कोई काम नहीं था इसलिए दिनभर होटल के कमरे में बैठा वह बस अपनी रिकॉर्डिंग्स और ऑडिशन की तैयारी में लगा रहता ईशान ने महसूस किया कि उसके काम में पहले से ज्यादा इम्प्रूवमेंट है और इस बात से वह खुश भी था। देखते ही देखते वक्त निकल गया। फ्लाइट सुबह 6 बजे थी इसलिए बंगलौर जाने से एक दिन पहले ईशान अपनी पैकिंग करने लगा।

उसने अपना जरुरी सामान एक बैग में रखा और दुसरा बैग होटल के रिसेप्शन एरिया में रख दिया। इन कुछ दिनों में जिया ने ईशान की बहुत मदद की थी बैंगलोर जाने से पहले वह एक बार जिया से मिलना चाहता था इसलिए होटल से बाहर निकल गया। होटल से जिया का रेस्त्रो ज्यादा दूर नहीं था इसलिए ईशान पैदल ही चल पड़ा। शाम का वक्त था और मौसम काफी अच्छा था और आसमान में बादल छाये हुए थे।


चलते चलते ईशान बन सेंडविच शॉप के सामने से गुजरा तो उसके कदम ठिठक गए। ईशान शॉप पर चला आया और दुकानवाले से एक चीज बन सेंडविच पैक करने को कहा। दुकानवाले ने सेंडविच पैक करके ईशान को दे दिया।    

मिस्टर दयाल के रेस्त्रो में आज किसी ने शानदार पार्टी रखी थी और जिसमे रेस्त्रो के स्टाफ को भी शामिल किया गया था। जिया कुछ आर्डर लेकर बाहर गयी थी। ईशान रेस्त्रो आया उसने देखा रेस्त्रो में आज काफी भीड़ थी। वह अंदर चला आया और जिया को ढूंढने लगा लेकिन जिया उसे कही दिखाई नहीं दी।  


सोफी ने ईशान को रेस्त्रो में देखा तो उसके पास चली आयी और कहा,”हे तुम यहाँ बड़े दिनों बाद आये हो , तुम क्या लेना चाहोगे ?”
“शुक्रिया मैं बस यहाँ जिया से मिलने आया था।”,ईशान ने कहा
“जिया अभी थोड़ी देर पहले ही कुछ ऑर्डर्स लेकर गयी है। तुम बैठो वो थोड़ी देर में आ जाएगी,,,,,,,,,,,,वैसे यहाँ एक शानदार पार्टी चली रही है तुम चाहो तो इन्हे ज्वाइन कर सकते हो।”,सोफी ने कहा


“दरअसल मुझे किसी जरुरी काम से बाहर जाना है तो मैं नहीं रुक पाऊंगा , क्या ये तुम जिया को दे दोगी एक्चुली उसने मेरी बहुत हेल्प की और जाने से पहले मैं उस से मिलना चाहता था।”,ईशान ने सेंडविच सोफी की तरफ बढ़ाकर कहा
“हाँ जरूर,,,,,,,,,,,,,,!!”,सोफी ने ख़ुशी भरे स्वर में कहा। ईशान जिया से खुद मिलने आया है ये जानकर ही सोफी का मन ख़ुशी से खिल उठा


ईशान ने सोफी को सेंडविच का पैकेट दिया और वहा से चला गया। सोफी ने उसे लाकर काउंटर पर रख दिया और खुद पार्टी इंजॉय करते लोगो को अटेंड करने लगी।

जिया आर्डर देकर वापस आयी। पार्टी अभी भी जारी थी जिया ने देखा तो ख़ुशी से सोफी के पास आयी और कहा,”ये आज रेस्त्रो में क्या हो रहा है ?”
“एक अमीर कपल ने हमारे रेस्त्रो में पार्टी रखी है और साथ में रेस्त्रो के स्टाफ को भी शामिल किया है। हम सब इनके साथ खा पी सकते है और इंजॉय कर सकते है।”,सोफी ने कहा


“वाह्ह्ह्ह फिर तो मैं अपने पसंदीदा आइटम खा सकती हूँ वो भी बिल्कुल फ्री बिना कोई पैसे दिए।”,जिया ने ख़ुशी से चहकते हुए कहा
“हाँ तुम खा सकती हो लेकिन उस से पहले मेरे पास तुम्हारे लिए कुछ है,,,,,,,,,,,,,,,,मैं तुम्हे जो बताने वाली हूँ वो सुनकर तुम्हे यकीन नहीं होगा।”,सोफी ने जिया को हैरानी में डालते हुए कहा।


“क्या मिस्टर दयाल ने मुझे काम से निकाल दिया है ?”,जिया ने अफ़सोस भरे स्वर में पूछा
“ओह्ह्ह नहीं ये कुछ और है,,,,,,,,,,,,,,,मेरे साथ आओ”,कहते हुए सोफी जिया को अपने साथ लेकर काउंटर की तरफ चली आयी। सोफी ने ईशान का दिया पार्सल जिया को दिया और कहा,”टाडा ! तुम्हे जानकर हैरानी होगी कि ये ईशान तुम्हारे लिए लाया है , वो तुम से मिलना चाहता था लेकिन तुम यहाँ नहीं थी और वह जल्दी में था इसलिए चला गया।”


जिया ने सूना तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा और आँखों में दिल से चमकने लगे। जिस ईशान को वह पसंद करती थी वो उस से मिलने आया था। जिया ने जल्दी से उस पार्सल को खोला तो पाया उसमे उसका फेवरेट बन चीज सेंडविच था। जिया ने खुश होकर कहा,”ओह्ह्ह्ह वो कितना प्यारा है मेरे लिए बन सेंडविच लेकर आया था,,,,,,,,,,,,,,,काश मैं उस से मिल पाती।”


“ओह्ह्ह ये तो एक मामूली सा बन सेंडविच है , जिया चलो चलकर उस लजीज खाने का मजा लेते है।”,सोफी ने कहा
“इसके सामने वो सारा लजीज खाना बेकार है,,,,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने प्यार भरी नजरो से सेंडविच को देखते हुए कहा

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