Sanjana Kirodiwal

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A Broken Heart – 41

A Broken Heart – 41

A Broken Heart
A Broken Heart

ईशान से मिलकर जिया रेस्त्रो जाने के लिए निकल गयी। ईशान भी तैयार होकर बार चला गया। साइकिल पर सवार जिया हँसते मुस्कुराते , ख़ुशी से गुनगुनाते चली जा रही थी। ईशान से मिलने के बाद वह काफी खुश थी और ये ख़ुशी उसके चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी। सहसा ही जिया की आँखों के सामने वो पल आ गया जब ईशान ने उसे खींचकर अपने सीने से लगाया था। जिया सहसा ही मुस्कुरा उठी और उसे सिहरन का अहसास हुआ।

ईशान के ख्यालों में खोयी जिया ने ध्यान नहीं दिया और साईकिल सीधा सामने खड़ी माया से जा टकराई। माया गिरते गिरते बची उसने गुस्से से पलटकर देखा , जिया को वहा देखकर माया का गुस्सा और बढ़ गया और उसने गुस्से से कहा,”क्या तुम अंधी हो ? तुम्हे दिखाई नहीं देता”
“ओह्ह्ह्ह माफ़ करना वो मैंने ध्यान नहीं दिया , तुम्हे कही चोट तो नहीं लगी।”,जिया ने अपनी साईकिल साइड करके माया के पास आते हुए कहा


“कमाल लड़की हो तुम पहले खुद चोट पहुंचाती हो और फिर परवाह करने का दिखावा भी करती हो।”,माया ने जिया को देखकर हैरानी से कहा
“मैं तुम्हारी तरह फेक नहीं हूँ मुझे सच में तुम्हारी परवाह है इसलिए पूछा,,,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने कहा
“क्या तुमने मुझे फेक कहा ? ओह्ह्ह तुम बहुत ज्यादा बद्तमीज भी हो,,,,,,!!”,माया ने चिढ़ते हुए कहा
“किस के साथ कैसे पेश आना चाहिए ये भी मैंने तुम से ही सीखा है , बाय द वे तुम यहाँ क्या कर रही हो ?”,जिया ने कहा


“मुझसे पूछने वाली तूम कौन होती हो ?”,माया ने जिया को घूरते हुए कहा
“मैंने तो बस ऐसे ही पूछा , वो आज तुम्हारी महंगी गाड़ी और वो तुम्हारा अमीर फियोंसी नजर नहीं आ रहा।”,जिया ने इधर उधर देखते हुए कहा


जिया की बात सुनकर माया खामोश हो गयी। कुछ वक्त से उसके और देवांश के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा था , देवांश ने अपनी सगाई पर माया को जो गाडी गिफ्ट की थी इन दिनों वो भी उस से वापस ले ली थी। माया को चुप देखकर जिया ने कहा,”लगता है मैंने कुछ गलत कह दिया , क्या तुम घर जा रही हो ?तुम चाहो तो मैं तुम्हे लिफ्ट दे सकती हूँ।”


“नो थैंक्यू !”,माया ने फिर चिढ़कर कहा वह शायद ऑटो का इंतजार कर रही थी
“देखा तुम कितनी रूड हो , बेचारा ईशान अच्छा हुआ तुमने उसे छोड़ दिया देखा जाये तो तुमने उस पर अहसान ही किया,,,,,,,,,,!”,जिया बड़बड़ाई
“क्या कहा तुमने ? तुम शायद गलतफहमी में हो , वो ईशान है मेरी एक आवाज पर वो दौड़ा चला आएगा,,,,,,,,,,,,,,,इसलिए हवा में उड़ना बंद करो।”,माया ने जिया की तरफ देखकर कहा


“मैं तुम्हारी तरह पापा की परी नहीं हूँ माफ़ करना मैं हवा में नहीं उड़ सकती मैं जमीन पर ही ठीक हूँ और गकतफहमी में मैं नहीं तुम हो,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारी गलतफहमी जल्दी ही दूर हो जायेगी।”,जिया ने कहा और आगे बढ़ गयी


“ए जिया ! रुको,,,,,,,,,,,,,,,तुमने जो कहा वो क्लियर करके जाओ , मेरी बात सुनो , रुको,,,,,,,!”,माया कहते ही रह गयी लेकिन जिया तो जिया थी वह अपनी साईकिल लेकर वहा से चली गयी। जिया एक मौका नहीं छोड़ती थी माया को परेशान करने का
माया पैर पटक कर रह गयी और कुछ देर बाद वहा से चली गयी।

जिया अपनी साईकिल लेकर रेस्त्रो पहुंची उसे देखते ही सोफी उसके पास आयी और कहा,”ये आजकल अचानक से तुम कहा गायब हो जाती हो ?”
“अह्ह्ह्ह वो मैं ईशान मेरा मतलब मैंने तुम्हे बताया था ना कि मैं ट्रेफिक में फंस गयी हूँ।”,जिया ने झूठ कह दिया
“अच्छा और ये क्या तुम्हारे कपड़ो से मेल डियो की स्मेल कैसे आ रही है ? कही तुम फिर से उस लफंगे ईशान के साथ,,,,,,,,,,,,,,!!”,सोफी ने जैसे ही कहना चाहा जिया ने उसे रोकते हुए कहा,”वो तुम्हारा होने वाला जीजा है तुम्हे उसका नाम तमीज से लेना चाहिए,,,,,,,,!!”


“क्या कहा तुमने ? वो और मेरा जीजा , ये कब हुआ ?”,सोफी ने हैरानी से कहा
“अभी अभी रास्ते में , जब मैंने एक शादीशुदा कपल को देखा जो कि बिल्कुल हमारी तरह ही था बस उसे देखकर मेरे मन में ख्याल आया कि कितना अच्छा हो अगर,,,,,,,,,,उसे,,,,,,,,,,,,,मुझसे प्यार हो जाये , और,,,,,,,,,,,,,,,,,,कितना अच्छा हो,,,,,,,,,,,,,,,अगर,,,,,,,,,,,,,हम दोनों,,,,,,,,,,,,,,,,,शादी करके भाग जाये , तो मजा ही आजायेगा ना।”,जिया ने ख्याली पुलाव पकाते हुए कहा
“मुझे लगता है तुम पागल हो गयी हो,,,,,,,,,,,,,वो लड़का तुमसे शादी क्यों करेगा ?”,सोफी ने कहा
“क्यों क्या कमी है मुझमे ? मैं सुन्दर हूँ , क्यूट हूँ और मैं बहुत अच्छी लड़की हूँ।”,जिया ने अपनी तारीफ करते हुए कहा


सोफी ने सूना तो वह जिया को बड़े से शीशे के सामने लेकर आयी और उसे दिखाते हुए कहा,”जरा खुद को देखो क्या तुम किसी भी एंगल से लड़की लगती हो ? तुम्हारे जूतों से लेकर कपडे तक सब अजीब है और तो और ना तुम में लड़कियों वाली अदा है ना ही बात करने का तरिका,,,,,,,,,,,,,,,,तुम में अभी भी बचपना भरा है। तुम्हे ये शादी ब्याह का ख्याल फ़िलहाल के लिए अपने दिमाग से निकाल देना चाहिए और चलकर बचे हुए ऑर्डर्स खत्म करने चाहिए,,,,,,,,!”


जिया ने सूना तो मुँह लटका लिया हालाँकि सोफी उसकी दोस्त थी पर कभी कभी वो कुछ ऐसा बोल जाती थी जिस से जिया को हर्ट हो जाता। सोफी की बात पर जिया मुस्कुरायी और कहा,”चलो मैं बस मजाक कर रही थी।”
“तुम भी ना जिया , मुझे माफ़ करना मुझे तूम से ऐसे बात नहीं करनी चाहिए थी।”,सोफी ने उसके साथ चलते हुए कहा
“ओह्ह्ह सोफी बस करो , तुम मेरी दोस्त हो और तुम्हे मुझे डाटने का पूरा हक है।”,जिया ने कहा तो सोफी मुस्कुरा दी और फिर दोनों अपने काम में लग गयी।

जैसा कि जिया ने कहा था ईशान अपनी और माया की कहानी को पन्नो पर उतारने लगा। ईशान पहले से ज्यादा बिजी हो गया था , वह दिनभर अपनी रिकॉर्डिंग्स में लगा रहता और रात में बार में काम करता। देखते ही देखते एक हफ्ता गुजर गया। जिया भी अपने काम में बिजी होने की वजह से ईशान से नहीं मिल पायी या फिर वो मिलना नहीं चाहती थी।

जिया इन दिनों अपने आप में ही बिजी थी उसके पास इतना वक्त भी नहीं था कि वह डेस्टिनी से जाकर मिल सके। एक शाम ईशान अपने कमरे में बैठा लेपटॉप पर काम कर रहा था। कुछ देर बाद ही किसी ने घर का दरवाजा खटखटाया। ईशान उठा और दरवाजा खोलकर देखा तो हैरान रह गया सामने जिया खड़ी थी वो भी एक नए ही अवतार में। जेब वाली पेंट की जगह आज चुस्त जींस थी , लूज टीशर्ट की जगह आज महंगा फेंसी टॉप था। बाल स्ट्रेट किये हुए थे और आँखों पर स्मोकी मेकअप था।

होंठो पर लिपस्टिक थी और साथ ही जूतों की जगह हिल्स वाले सेंडल्स थे जिन्हे पहनकर जिया ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी ईशान को अपनी और देखते पाकर जिया मुस्कुराई। ईशान ने जिया को देखा और फिर हसने लगा। वह पागलों की तरह बस हसे जा रहा था। ईशान ने जिया पहले कभी इस रूप में नहीं देखा था। जिया ने ईशान को हँसते देखा तो झेंप गयी , उसके चेहरे के हाव भाव बदलने लगे वह समझ नहीं पा रही थी कि आखिर ईशान उसे देखकर ऐसे क्यों हंस रहा है ?


जिया यहाँ आने से पहले जितनी खुश थी ईशान को हँसता देखकर अब उसका चेहरा मुरझा गया। जिया ईशान को देखने लगी। ईशान ने अपनी हंसी रोकी और खुद को नॉर्मल करते हुए कहा,”ये सब क्या है जिया ? इन कपड़ो में तुम बहुत अजीब लग रही हो,,,,,,,,,,,सच में इतनी अजीब की तुम्हे ऐसे देखकर मुझे हंसी आ गयी।”
कहकर ईशान फिर हसने लगा। ईशान की बात सुनकर जिया का दिल टूट गया।

ईशान के लिए ही तो उसने ये सब किया था और वह उस पर हंस रहा था। जिया की आँखों में नमी उभर आयी और वह दुखी होकर वहा से जाने लगी। ईशान ने जिया को जाते देखा तो आगे बढ़कर उसका हाथ पकड़ा और उसे रोकते हुए कहा,”हे जिया , आई ऍम सॉरी , तुम्हे बुरा लगा क्या ?”
जिया पलटी और ईशान के हाथ से अपना हाथ छुड़ाते हुए कहा,”नहीं , मुझे कभी बुरा नहीं लगता”


जिया की आँखों में आँसू देखकर ईशान को अहसास हुआ कि जिया को उसकी बात का बुरा लगा है। उसने जिया की तरफ देखा और कहा,”आई ऍम सॉरी मैं तुम्हे हर्ट करना नहीं चाहता था,,,,,,,,,,,,,,पर मैं सच में जानना चाहता हूँ कि तुमने ये सब क्यों पहना है ? क्या तुम कही जा रही हो ?”
“मैंने ये इसलिए पहना है क्योकि मुझे भी दूसरी लड़कियों जैसे अच्छा और सुन्दर दिखना है। स्टाइलिश ड्रेसेज , मेकअप , हिल्स , मॉर्डन लुक आजकल सबको यही पसंद आता है।”,जिया ने गुस्से और चिढ भरे स्वर में कहा

जिया की बात सुनकर ईशान कुछ देर खामोश रहा और फिर कहा,”ये किसने कहा तुम्हे ? क्योकि तुम जिस टाइप की लड़की हो मुझे नहीं लगता ये तुमने खुद से किया होगा , तुम अच्छी हो जिया और तुम्हे अच्छा दिखने के लिए ये सब करने की जरूरत नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,,वो कोई बेवकूफ ही होगा जिसने तुम्हे ऐसी सलाह दी है।”
जिया ने सूना तो एकदम से उसका गुस्सा छू मंतर हो गया। वह बच्चो की तरह एकटक ईशान को देखने लगी।

ईशान ने एक नजर जिया को देखा और उसके बालों को सही करते हुए कहने लगा,”तुम जो हो , जैसी भी हो बहुत अच्छी हो जिया। दूसरे लोगो को इम्प्रेस करने के लिए तुम्हे खुद को बदलने की जरूरत नहीं है। तुम अपने आप में बेस्ट हो,,,,,,,,,,,,,,,और प्लीज ये ऐसे कपडे तो बिल्कुल नहीं,,,,,,,,,,,,,,ऐसे कपडे पहनकर मॉर्डन बनने से ज्यादा अच्छी वो जिया है जो अतरंगी कपडे पहनती है , जो हिल्स नहीं स्पोर्ट्स शूज पहनती है , जो खुद से बातें करती है , जो खुश रहती है , जो चीज बन सेंडविच खाती है,,,,,,,,,,,,,,,मुझे वो जिया पसंद है ये नई जिया नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,अहमंहम ये जिया थोड़ी अजीब है।”  


ईशान की बातें सुनकर जिया का कॉन्फिडेंस वापस लौट आया उसने अपनी आँखे पोछी और कहा,”क्या तुम सच कह रहे हो ?”
“हहमममम मैं कभी झूठ नहीं बोलता,,,,,,,,,,,,,,,!”,ईशान ने कहा
जिया ने सूना तो मुस्कुरा उठी और कहा,”उस सोफी ने कहा अगर मैं ऐसे कपडे पहनूंगी तो तुम मुझे पसंद करने लगोगे,,,,,,,,,,!!”
ईशान ने सूना तो जिया को देखने लगा और कहा,”और तुमने उसकी बात मान ली , तुम थोड़ी पागल हो,,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्ह नहीं तुम पूरी पागल हो।”


जिया ने सूना तो अपने निचले होंठ को बाहर निकालकर मासूमियत से ईशान को देखा
“देखो जिया अगर कोई सच में तुम्हे पसंद करेगा तो वैसे ही करेगा जैसी तुम हो , कोई तुम्हे बदल कर पसंद करे तो फिर वो पसंद नहीं होती वो बस स्वार्थ होता है। कभी भी खुद को किसी के लिए नहीं बदलना,,,,,,,,,,,,,,तुम जैसी हो अच्छी हो।”,ईशान ने जिया के कंधो को थामकर उसकी आँखों में देखते हुए कहा


जिया ने सूना तो उसका दिल धड़कने लगा। ईशान का उसकी आँखों में देखना इन दिनों उसे बेचैन करने लगा था।
जिया को खामोश देखकर ईशान ने कहा,”जाओ कपडे बदलकर आओ , फिर हम बाहर चलते है।”
जिया ने सूना तो उसे अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ , ईशान खुद उसे बाहर चलने को बोल रहा था वह ख़ामोशी से ईशान को देखते रही तो ईशान ने कहा,”अंदर आओ मैं तुम्हे अपने कपडे देता हूँ।”

ईशान जिया को लेकर अंदर आया और उसे अपनी हुडी देकर कहा,”लो ये पहन लो ये मुझे थोड़ा टाइट है पर तुम्हे सही आएगा , मैं बाहर जाता हूँ तुम ये पहनो , अपने बाल सही करो और प्लीज ये मेकअप हटाओ,,,,,,,,,,,!”
ईशान बाहर चला आया। जिया ने दरवाजा बंद किया और टॉप उतार कर ईशान की हुडी पहन ली। बालो को सही किया , वाशबेसिन में मेन्स फेसवाश से मुंह धोया और सब मेकअप हटाया। जिया ने मुंह पोछा और जैसे ही शीशे में खुद को देखा मुस्कुरा उठी। वह बिना मेकअप के ज्यादा सुन्दर लग रही थी।

जिया की प्यारी सी स्माइल उसके होंठो पर वापस आ गयी। उसने दरवाजा खोला और बाहर चली आयी ईशान ने जिया को देखा और उसके पास चला आया। ईशान ने देखा उसका हुडी जिया को थोड़ा बड़ा है पर वो रंग उस पर अच्छा लग रहा था।
हुडी की बांहे जिया के हाथो से बाहर तक आ रही थी। ईशान ने उन्हें फोल्ड करते हुए कहा,”तुम ऐसे ही अच्छी लगती हो जिया।”


“ओह्ह्ह्ह तुम्हे पता नहीं मैं खुद कितना परेशान हो गयी थी इन सैंडिल्स से,,,,,,,,,,,!”,जिया ने अपने सैंडिल्स उतारते हुए कहा। उन्हें उतारने के बाद जिया की हाइट कम लगने लगी। वह एक छोटी प्यारी सी लड़की लग रही थी।
“चलो चलते है।”,ईशान ने घर का दरवाजा बंद कर जिया के पास आकर कहा
“हम कहा जा रहे है ?”,जिया ने ईशान के पीछे आते हुए पूछा
“तुम्हारा फेवरेट चीज बन सेंडविच खाने,,,,,,,,,,,,,!!”,ईशान ने कहा

जिया की साईकिल बाहर खड़ी थी ईशान ने उस पर बैठते हुए कहा,”आज इसे मैं चलाता हूँ बैठो”
जिया ईशान के पीछे आ बैठी और दोनों वहा से निकल गए। हल्का अन्धेरा हो चूका था और ठंडी हवाएं चल रही थी। उस पर ईशान जिया के साथ थी उसे भला जिंदगी से और क्या चाहिए था ? रास्तेभर जिया कुछ ना कुछ बोले जा रही थी और ईशान मुस्कुराते हुए उसकी बाते सुन रहा था।


“क्या तुमने अपनी कहानी शुरू की ?”,बातो बातो में जिया ने ईशान से पूछा
“हाँ मैंने उसके कुछ सेम्पल एक रेडिओ कम्पनी में भेजे है , उम्मीद है वहा से जल्दी ही कॉल आएगा।”,ईशान ने कहा
“मुझे भरोसा है तुम ये कर लोगे।”,जिया ने ख़ुशी ख़ुशी ईशान की पीठ पर थप्पा मारते हुए कहा जिस से ईशान का मुँह बन गया लेकिन जिया खुश थी इसलिए ईशान ने उसे कुछ नहीं कहा।    

दोनों सेंडविच वाली जगह पहुंचे। ईशान ने दो चीज सेंडविच आर्डर किये और साइड में खड़े होकर अपने आर्डर का इंतजार करने लगा। कुछ देर बाद ही सामने से एक बस गुजरी तो जिया उसे देखकर हाथ हिलाने लगी। दरअसल जिया बस में बैठे लोगो को बाय कर रही थी। ईशान ने देखा तो असहज हो गया और जिया का हाथ नीचे करते हुए कहा,”जिया ये क्या कर रही हो तुम ?”


“ये करने में बहुत मजा आता है तुम भी करो तुम्हे भी अच्छा लगेगा,,,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने खुश होकर कहा
“हह सीरियसली ?”,ईशान ने हैरानी से पूछा क्योकि उसने कभी ऐसी हरकत तो बिल्कुल नहीं की थी
“हां करो बहुत मजा आएगा , ट्रस्ट मी”,जिया ने कहा ईशान उसकी बात सुनकर सामने देखने लगा क्योकि वह सबके सामने सड़क पर ऐसी कोई हरकत नहीं करना चाहता था।


अगले ही पल एक और बस उनके सामने से गुजरी जिस में कुछ बच्चे थे। जिया उन्हें देखकर हाथ हिलाने लगी सब बच्चे उसे देखकर हाथ हिला रहे थे। उसी बस की खिड़की के पास एक छोटी लड़की थी जो कि बहुत उदास थी। ईशान ने उसे देखा तो ऑटोमेटिक ईशान का हाथ भी ऊपर उठ गया और वह उसे देखकर हाथ हिलाने लगा। बच्ची की नजरे ईशान से मिली और वह मुस्कुरा उठी उसने भी ईशान की तरफ देखकर हाथ हिला दिया।

एक अनजानी ख़ुशी से ईशान का मन खिल उठा और कुछ देर बाद वह जिया के साथ मिलकर आती जाती बसों को देखकर हाथ हिला रहा था और ये करके उसे बहुत अच्छा लग रहा था। उसकी आँखों में ख़ुशी के भाव थे।

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