Sanjana Kirodiwal

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A Broken Heart – 61

A Broken Heart – 61

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A Broken Heart
A Broken Heart

A Broken Heart – 61

देवांश और जिया एक दूसरे के आमने सामने खड़े थे और उनसे कुछ ही दूर खड़ा ईशान उन्हें देख रहा था। बेचारी जिया देवांश को वहा देखकर उलझन में थी तभी देवांश ने मुस्कुराते हुए कहा,”अब तुम्हारा हाथ कैसा है ?”
“अह्ह्ह्ह वो अब ठीक है। तुम यहाँ क्यों आये हो ? कही तुम मेरे खाना देर से डिलीवर करने की शिकायत करने तो नहीं आये ?

देखो अगर ऐसा है तो प्लीज यही रुक जाओ आज मैं बहुत खुश हूँ और मैं नहीं चाहती मिस्टर दयाल की डांट से मेरा मूड खराब हो। हाँ तुम चाहो तो मुझे यहाँ डांट सकते हो और मैं पूरी कोशिश करुँगी आगे से ऐड कम्पनी के सभी आर्डर समय से पहुंचे,,,,,,,,,,,,!!”,जिया बस लगातार बोलते ही चली गयी बिना ये जाने कि देवांश वहा क्यों आया है ?
“हे स्टॉप ! मैं तुम्हारी शिकायत करने नहीं आया हूँ।”,देवांश ने जिया को बोलने से रोकने के लिए कहा


“तो फिर तुम यहाँ क्यों आये हो ?”,जिया ने मासूमियत से पूछा
जिया की मासूमियत देखकर देवांश एक पल के लिए उसे देखता ही रह गया और फिर एकदम से उसकी तंद्रा टूटी और उसने अपने जेब से जिया की चैन निकालकर उसके सामने करते हुए कहा,”मैं तुम्हे ये लौटाने आया था उस दिन तुम ऐड कम्पनी में आयी थी तब ये शायद गिर गयी थी।”


“ओह्ह्ह्ह हाँ ये मेरी है ! तुम्हारा शुक्रिया,,,,,,,,,,,,,क्या मैं इसे ले सकती हूँ , मैं इसे रख लेती,,,,,,,,,,,,,!”,जिया ने खुश होकर दांत दिखाते हुए जैसे ही कहा ईशान ने उसके पास आकर उसे पीछे करते हुए कहा,”कोई तुम्हे कुछ भी आकर देगा तो क्या तुम ले लोगी ?”
“अह्ह्ह्ह लेकिन वो,,,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने कहना चाहा लेकिन ईशान ने उसे आगे बोलने का मौका ही नहीं दिया और कहा,”तुम वो नहीं ले सकती !”


“हाह ! लेकिन क्यों ?”,जिया ने पूछा
“क्योकि मैं कह रहा हूँ !”,ईशान ने जिया को घूरते हुए कहा
“तुम मुझ पर इस तरह हक़ नहीं जाता सकते,,,,,,,,,,,!”,जिया ने भी ईशान को घूरते हुए कहा
“मैं जता सकता हूँ , तुम ये नहीं लोगी और इस आदमी से तो बिल्कुल भी नहीं,,,,,,,,,,,,,,,!!”,ईशान ने कहा
“जिया सही कह रही है तुम्हे इस पर ऐसे हक़ नहीं जताना चाहिए,,,,,,,,,,,!”,इस बार देवांश ने कहा


देवांश जो कि ईशान की नजर में माया का फियोंसी था और जिस से ईशान को पहले से नफरत थी उसने जिया के बगल में खड़े होकर कहा,”तुम्हे हमारे बीच बोलने का कोई हक़ नहीं है तो बेहतर होगा तुम चुप ही रहो।”
“तुम तो इस पर ऐसे हक़ जता रहे हो जैसे ये तुम्हारी गर्लफ्रेंड हो। !”,देवांश ने हँसते हुए कहा
“हाँ बिल्कुल ! ये मेरी गर्लफ्रेंड है !”,ईशान ने जिया के कंधो पर हाथ रख उसे अपनी तरफ करके कहा


जिया आँखे फाड़े हैरानी से ईशान को देखने लगी तो ईशान ने उसके कंधे को हल्का सा दबा दिया जिस से जिया नार्मल होकर जबरदस्ती मुस्कुराते हुए देवांश को देखने लगी।
“ओके नॉट बेड ! वैसे तुम दोनों साथ में अच्छे लग रहे हो। !”,देवांश ने कहा


“हम्म्म थैंक्यू !”,ईशान ने मुस्कुरा कर कहा जिया बेचारी अभी तक सदमे में थी कि उसके साथ ये क्या हो रहा है ?
“तो मैं ये चैन जिया को,,,,,,,,,,,,,,!!”,देवांश ने जैसे ही चैन जिया की तरफ बढ़ाई ईशान ने उसे लेकर कहा,”अह्ह्ह्ह ये मैं इसे पहना दूंगा , अपने हाथो से,,,,,,,,!”
“ठीक है फिर मैं चलता हूँ,,,,,,,,,,,,,फिर मिलेंगे !”,देवांश ने वहा से जाते हुए कहा
“जरूरत नहीं पड़ेगी।”,ईशान ने हाथ हिलाकर मुस्कुराते हुए कहा 

जिया और ईशान को करीब देखकर देवांश वहा से चला गया। ईशान ने चैन को अपने हाथो में पकड़ा और जिया को पहनाने लगा। जिया को वो शाम याद आ गयी जब पहली बार ईशान ने ऐसे ही उसे उसका आई डी कार्ड अपने हाथो से पहनाया था। ईशान का पूरा ध्यान जिया को चैन पहनाने में था और जिया का ईशान के चेहरे पर। ईशान जिया के बहुत करीब था जिस से जिया का दिल जोरो से धड़क रहा था।

ईशान ने जिया को चैन पहनाई और पीछे हटते हुए कहा,”ये तुम पर अच्छी लग रही है।”
“तुमने उस ऐड कम्पनी वाले से ये क्यों कहा कि मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ ?’,जिया ने पूछा
“अगर मैं ऐसा नहीं कहता तो वो तुम्हारा पीछा नहीं छोड़ता , मैं नहीं चाहता वो तुम्हारे करीब आये।”,ईशान ने जिया की आँखों में देखते हुए कहा


“क्या सिर्फ इसलिए कि माया का फियोंसी है ?”,जिया ने फिर सवाल किया
ईशान कुछ देर के लिए खामोश हो गया और फिर कहा,”नहीं बल्कि इसलिए क्योकि मैं नहीं चाहता कोई तुम्हारे करीब आये अब चाहे वो कोई भी हो मुझे फर्क नहीं पड़ता।”,ईशान ने कहा
“हाह तुम इतने अजीब क्यों हो ?”,जिया ने हैरानी से कहा


“शायद तुम्हारे साथ रहकर हो गया हूँ और वैसे भी जिया सिर्फ ईशान के साथ अच्छी लगती है , किसी ऐरे गेरे ऐड कम्पनी वाले के साथ नहीं,,,,,,,,,,,उसके लिए माया ही ठीक है।”,ईशान ने कहा
जिया ने सूना तो उसका दिल ख़ुशी से उछलने लगा। उसने ईशान को पीछे से हग करते हुए कहा,”ओह्ह्ह्ह तुम कितने अच्छे हो , मुझे लगा मुझे उसके साथ देखकर तुम गलत समझोगे,,,,,,,,,!!”


“क्या कर रही हो जिया सब देख रहे है ?”,ईशान ने कहा तो जिया उस से दूर हो गयी और कहा,”वैसे अब हम लोग कहा जा रहे है ?””मूवी , उसके बाद मैं तुम्हे अपने कुछ फ्रेंड्स से मिलवाऊंगा और देन आज शाम में अवार्ड फंक्शन है तो मैं तुम्हे वहा लेकर जाऊंगा,,,,,,,,,,,,,,तुम चलोगी ना मेरे साथ ?”,ईशान ने पूछा


“हाँ जरूर ! इस दिन का मैंने बहुत इंतजार किया है , तुम्हे याद है मैंने कहा था कि जब तुम्हे पहला अवार्ड मिलेगा तब मैं क्राउड में खड़े होकर तुम्हारे लिए सबसे ज्यादा तालिया बजाऊंगी,,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने खुश होकर कहा
“हाँ मुझे याद नहीं,,,,,,,!!”,ईशान ने प्यार से जिया को देखते हुए कहा और फिर मन ही मन खुद से कहा,”तुम्हे क्राउड में नहीं बल्कि मेरे साथ खड़े होना है पागल जिया लेकिन तुम्हे ये सब समझ नहीं आएगा।”


“क्या हो गया कहा खो गए चलो,,,,,,,,,,!”,जिया की आवाज से ईशान की तंद्रा टूटी तो ईशान उसके साथ चल पड़ा।
“वैसे तुम्हारी वो साइकिल कहा है ? कही दिखाई नहीं दे रही , तुम तो उसके बिना एक मिनिट भी नहीं रहती थी।”,ईशान ने साथ चलते हुए कहा
“वो मोहम्मद भाई ले गए।”,जिया ने मायूस होकर कहा


“ये मोहम्मद भाई कौन है ?”,ईशान ने पूछा
“अगर मैंने इस से झूठ कहा तो इसे एक मिनिट में पता चल जायेगा,,,,,,,,,,,,,,,!!”,जिया धीरे से बड़बड़ाई
“क्या तुम बताओगी ये मोहम्मद भाई कौन है और वो तुम्हारी साइकिल क्यों ले गए ?”,ईशान ने जिया को बड़बड़ाते देखकर कहा


“अह्ह्ह वो मोहम्मद भाई यही पास में ही रहते है। मैंने उनसे कर्ज लिया था और जब वक्त से नहीं चुकाया तो बदले में वो मेरी साइकिल ले गए कहा जब मैं कर्ज के पैसे वापस करुँगीतब वे मेरी साइकिल लौटा देंगे।”,जिया ने धीमे स्वर में कहा
ईशान ने सूना तो उसे हैरानी हुई वह चलते चलते रुका और कहा,”लेकिन तुमने उनसे कर्ज क्यों लिया ? क्या तुम किसी परेशानी में थी ?”


“वो मैंने,,,,,,,,,,,,,,,मैंने तुम्हारे,,,,,,,,!”,जिया ने अटकते हुए कहा
“जिया तुम मुझसे कुछ छुपा रही हो , साफ साफ बताओ तुमने उनसे कर्ज क्यों लिया ? बोलो !!”,ईशान ने थोड़ा गुस्से से कहा तो जिया डर गयी और कहा,”वो मैंने तुम्हारे लिए उनसे कर्ज लिया था। उस वक्त जब तुम बहुत परेशान थे अपने रिकॉर्डिंग सिस्टम्स को लेकर तब मैंने उनसे कुछ पैसे उधार लिए थे।”


ईशान ने सूना तो खामोश हो गया उसके दिल में एक टीस उठी उसने अपने हाथ को अपने चेहरे से घुमाया और कहा,”ओह्ह्ह जिया तुमने ऐसा क्यों किया ? मेरे लिए तुमने खुद को परेशानी में डाल दिया। मेरे सपने का क्या वो आज नहीं तो कल पूरा हो जाता लेकिन उसके लिए तुमने,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे ऐसा नहीं करना चाहिए था। मेरी वजह से तुम्हे उनकी बातें सुननी पड़ी होगी , तुम्हारी प्यारी साइकिल भी चली गयी और मुझे इसकी खबर तक नहीं थी ,

थोड़ी देर के लिए मैं कितना सेल्फिश हो गया ना जिया कि मैंने तुम्हारे बारे में जानने की कोशिश भी नहीं की। मुझे माफ़ कर दो मैं बहुत बुरा इंसान हूँ,,,,,,,,,,,,,,,मुझे माफ़ कर दो जिया।”
जिया ने देखा ये सब कहते हुए ईशान की आँखों में आँसू आ गए है तो उसने ईशान के हाथो को अपने नाजुक हाथो में थामा और कहने लगी,”इतनी छोटी सी बात के लिए तुम्हे परेशान नहीं होना चाहिए। वो साइकिल बहुत मामूली थी और वो काफी बुरी हालत में थी मुझे उसके जाने का कोई दुःख नहीं है। मैं खुश हूँ कि तुम्हारा सपना पूरा हुआ।”


“ये छोटी बात नहीं है जिया ! तुमने मेरे लिए जो किया वो प्राइसलेस है। तुम बहुत अच्छी हो जिया।”,ईशान ने नम आँखों से कहा तो जिया भी नम आँखों के साथ मुस्कुरा दी और मन ही मन खुद से कहा,”मेरे इतना अच्छा होने के बाद भी तुम्हे मुझसे प्यार क्यों नहीं हुआ ईशान ?”
 वही जिया को देखते हुए ईशान ख़ामोशी से मन ही मन खुद से कह रहा था,”तुम इतनी अच्छी हो जिया कि मैं तो क्या कोई भी तुम्हारा साथ पाना चाहेगा।”


गाड़ी के हॉर्न से दोनों की तंद्रा टूटी और दोनों हंस पड़े। जिया ने ईशान को माफ़ कर दिया था और ईशान ने भी जिया से माफ़ी मांगकर ये अहसास दिला दिया कि वो शर्मिंदा है।

ईशान दिनभर जिया के साथ रहा और फिर जिया को घर छोड़ने चला आया। जिया और ईशान लिली आंटी के घर के दरवाजे पर खड़े थे। ईशान ख़ामोशी से जिया को देखता रहा और फिर कहा,”तो आज रात तुम आ रही हो ना ?”
“हम्म्म्म !”,जिया ने ख़ुशी से हामी भरते हुए कहा


“मैं तुम्हारा इंतजार करूंगा,,,,,,,,,,,,!”,ईशान ने कहा और वहा से चला गया। ईशान के जाते ही जिया ख़ुशी से चिल्ला उठी और जैसे ही उछली पीछे खड़ी लिली आंटी से टकरा गयी। लिली आंटी को देखकर जिया की ख़ुशी एकदम से गायब हो गयी और सांसे गले में ही अटक गयी। वह बड़ी बड़ी आँखों से लिली आंटी को देखने लगी।
“ईशान अच्छा लड़का है तुम्हे आज शाम उसे अपने दिल की बात बता देनी चाहिए जिया।”,लिली आंटी ने एकदम से मुस्कुरा कर कहा


“ओह्ह्ह लिली आंटी क्या सच में ये आप कह रही है ? मुझे यकीन नहीं हो रहा है,,,,,,,,,,!”,जिया ने खुश होकर हैरानी से कहा
“तुम थोड़ी पागल हो तुम्हे अच्छी चीजे जरा देर से समझ आती है। अब देर हो इस से पहले ईशान से अपने दिल की बात कह दो,,,,,,,,,,,,,!!”,लिली आंटी ने जिया के सर पर हल्का सा मुक्का जमाते हुए कहा।
“ओह्ह्ह लिली आंटी आप बहुत अच्छी है मैं आज बहुत खुश हूँ।”,जिया ने लिली आंटी से चिपकते हुए कहा
“जाओ जाकर फंक्शन के लिए तैयार हो जाओ”,लिली आंटी ने कहा


“हाँ मैं अभी जाती हूँ।”,जिया ने ख़ुशी से भरकर कहा और सीढ़ियों की तरफ बढ़ गयी
“ओह्ह्ह्ह जीसस आज रात जिया को इसका प्यार मिल जाये और जिया उसके साथ हमेशा खुश रहे।”,लिली आंटी ने जाती हुई जिया को देखकर कहा

अवार्ड फंक्श दिल्ली के एक आलिशान होटल के हॉल में था जहा काफी लोग आये हुए थे। जिया थोड़ा पहले चली आयी ताकि क्राउड में सबसे आगे खड़े हो सके। उसने सोफी से भी आने को कहा लेकिन सोफी ने कहा वह देर से आएगी।  
जिया तैयार होकर इवेंट हॉल पहुंची। उसने देखा वहा काफी लोग जमा है जो ईशान से मिलना चाहते है और उसकी बातें कर रही है।

ईशान के बारे में अच्छा सुनकर ही जिया का दिल खुश हो गया। वह मुस्कुराते हुए पुरे हॉल में घूमते रही। चलते चलते अचानक वह सामने से आते किसी शख्स से टकरा गयी। जिया ने गर्दन घुमाकर देखा उस से टकराने वाला कोई और नहीं बल्कि माया थी। जिया को वहा देखते ही माया के चेहरे के भाव बदल गए और उसने बुरा सा मुंह बनाते हुए कहा,”तुम यहाँ क्या कर रही हो ? मुझे लगा नहीं था तुम यहाँ आओगी !!”


“देखो मुझे तुम्हारी इन बकवास बातो से कोई फर्क नहीं पड़ता है। मैं आज ईशान के लिए बहुत खुश हूँ और उसने मुझे यहाँ बुलाया है।”,जिया ने कहा
“ओह्ह्ह्ह लगता है तुम अभी तक ईशान के सपनो से बाहर नहीं निकली हो। लिस्टन जिया ईशान तुम जैसी लड़की को कभी पसंद नहीं करेगा बल्कि वो तो आज भी मेरे लौट आने के इंतजार में है। “,माया ने विश्वास से भरकर कहा


माया को ख़ुशी और कॉन्फिडेंट देखकर एक पल के लिए जिया के मन में भी बुरा विचार आया लेकिन अगले ही पल उसने कहा,”तुम ये कैसे कह सकती हो ? ईशान और तुम्हारा ब्रेक अप हो चूका है।”
“हाहाहाहा ऐसा ब्रेकअप तो हमारा ना जाने कितनी बार हुआ है ? वो कही भी जाये लौटकर वापस मेरे पास ही आएगा। तुम्हे शायद यकीन नहीं हो रहा रुको मैं उसे फोन लगाती हूँ।”,कहते हुए माया ने अपना सेल फोन निकाला और ईशान का नंबर डॉयल कर स्पीकर ऑन कर दिया।


कुछ देर बाद ईशान ने फोन उठाया और कहा,”हेलो !”
“हाय ईशान ! मैं माया बोल रही हूँ।”,माया ने अदा के साथ इतराते हुए कहा
“हाय माया ! कैसी हो ?”,ईशान ने कहा


“मैं ठीक हूँ , अच्छा मुझे तुम से कुछ पूछना था क्या मैं तुम्हारी जिंदगी में वापस आ सकती हूँ ?”,माया ने जिया की तरफ देखते हुए कहा
“हाँ जरूर !”,ईशान ने कहा और फिर माया ने फोन काट दिया। जिया ने सूना तो उसका दिल टूट गया और आँखों में आँसू भर आये 

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