A Broken Heart – 55
A Broken Heart – 55
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A Broken Heart – 55
जिया स्कूटर लेकर रेस्त्रो चली आयी अंदर आने से पहले उसने कुछ लम्बी लम्बी सांसे ली और खुद को नार्मल किया क्योकि अंदर जाकर उसे सोफी का सामना जो करना था। जिया ने जबरदस्ती एक झूठी मुस्कराहट को अपने होंठो पर सजाया और अंदर चली आयी। अंदर आकर जिया ने देखा सोफी अपने काउंटर पर नहीं है तो वह उस तरफ चली आयी। अगले ही पल अपने केबिन से मिस्टर दयाल ने आते हुए कहा,”अरे जिया ! तुम क्या अभी तक यही हो ? मुझे लगा तुम सोफी के साथ घर चली गयी होगी।”
“हाह क्या कहा आपने ? क्या सोफी घर चली गयी है ? पर वो अकेले क्यों चली गयी मैंने उस से कहा था न कि मैं वापस आउंगी।”,जिया ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“कोई बात नहीं जिया उसे शायद कुछ काम होगा। तुम अब निकल जाओ अभी ज्यादा वक्त नहीं हुआ है चाहो तो तुम रेस्त्रो का स्कूटर अपने साथ ले जाओ।”,मिस्टर दयाल ने अपनेपन से कहा
“अह्ह्ह्ह नहीं मिस्टर दयाल आपका शुक्रिया , मेरे पास अपनी साईकिल है मैं उसी से चली जाउंगी,,,,,,,,,,,,,,मैं आपसे कल मिलती हूँ , गुड नाईट।”,जिया ने उदासी भरे स्वर में कहा उसे सोफी के बारे में सोचकर बुरा लग रहा था।
“गुड नाईट जिया अपना ख्याल रखना और हाँ ध्यान से जाना , मुझे भी अब रेस्त्रो बंद कर देना चाहिए इस वक्त कोई कस्टमर नहीं आएगा,,,,,,,,,,,,,!”,कहते हुए मिस्टर दयाल आगे बढ़ गए।
कुछ देर बाद जिया रेस्त्रो से बाहर चली आयी। उसने अपनी साइकिल ली और उसे थामे पैदल ही सड़क पर चल पड़ी। जिया का मन आज बहुत उदास था और वह काफी रो भी चुकी थी। आँसुओ की जगह अब उदासी ने ले ली। जिया आज रास्ते में ना रुककर सीधा घर चली आयी। उसने अपनी साइकिल को पार्किंग एरिया में छोड़ा और ऊपर अपने कमरे में चली आयी। आज ना जिया को भूख थी ना ही आँखों में नींद।
फ्रेश होकर जिया बिस्तर की तरफ आयी उसने देखा सोफी सो चुकी है। जिया को सोफी से बात करनी थी , वह उसे सब समझाना चाहती थी लेकिन इस वक्त उसकी सोफी से बात करने की हिम्मत नहीं हो रही थी। जिया भी बिस्तर पर आकर लेट गयी। लेटे हुए वह कुछ देर तक सोफी को देखते रही और फिर एकदम से करवट बदलकर आँखे बंद कर ली उसकी आँखों में ठहरे आँसू बिस्तर पर आ गिरे।
“किचन में तुम्हारे लिए खाना रखा है जाकर उसे खा लो तुम्हे भूखे नहीं सोना चाहिए।”,सोफी ने अपने बिस्तर पर लेटे हुए कहा
जिया ने सूना तो एकदम से बिस्तर पर उठकर बैठ गयी और कहा,”सोफी क्या हम बात कर सकते है ?”
“मुझे इस वक्त तुम से कोई बात नहीं करनी है जिया , खाना खाओ और चुपचाप सो जाओ। मुझे बहुत नींद आ रही है मुझे सोना है।”,सोफी ने कहा और अपनी कंबल को मुँह तक खींच लिया।
जिया फिर उदास हो गयी वह कुछ देर बैठकर जिया को देखते रही और फिर वापस बिस्तर पर लेटकर अपनी आँखे मूंद ली। जिया ने खाना नहीं खाया,,,,,,,,,,,,,,,,दिल टूटने के बाद आखिर भूख किसे लगती है ?
अगली सुबह लिली आंटी की आवाज से जिया की नींद खुली वह आंखे मसलते हुए खिड़की के पास आयी और जैसे ही नीचे झाँका नीचे खड़े आदमी को देखकर हैरान रह गयी और जल्दी से दौड़ते हुए नीचे आयी। जिया ने देखा घर के बाहर मोहम्मद भाई खड़े है जिनसे जिया ने कर्ज लिया था और वे लिली आंटी से बहस कर रहे है। जैसे ही मोहम्मद भाई ने जिया को देखा लिली आंटी से कहा,”देखो वो रही , वो रही वो लड़की ,, उस से पूछो क्या उसने मुझसे कर्ज नहीं लिया ? पूछो उस से,,,,,,,,,,,,!!”
“जिया ये कौन है और ये सब क्या कह रहा है ?”,लिली आंटी ने जिया से पूछा
“अह्ह्ह लिली आंटी मैं आपको समझाती हूँ,,,,,,,,,!”,जिया ने उन दोनों की तरफ आते हुए कहा
“ये समझाना , समझना बाद में पहले मेरे पैसे दो , मैंने तुम्हे इतना वक्त देकर गलती कर दी,,,,,,,,,,,मुझे लगा तुम शरीफ लड़की हो लेकिन तुमने तो जैसे मेरे पैसे वापस ना लौटाने की कसम खा ली है। चुपचाप मेरे पैसे निकालो,,,,,,,,,,,!”,मोहम्मद भाई ने गुस्से से कहा
“मोहम्मद भाई आप मुझे थोड़ा वक्त दो मैं आपके पैसे चुका दूंगी,,,,,,,,,,,,,,!”,जिया ने रिक्वेस्ट की लेकिन उन्होंने जिया की एक नहीं सुनी। शोर शराबा सुनकर सोफी और मिस्टर घोष भी बाहर चले आये।
जिया बस मोहम्मद भाई से रिक्वेस्ट करती रही लेकिन उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया। अगले ही पल उनकी नजर जिया की साईकिल पर पड़ी और वे उसे ले आये।
“तुम्हारे पास दो दिन का वक्त है मेरे पैसे लौटा दो वरना तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा,,,,,,,,,,,ये मैं लेकर जा रहा हूँ जब पैसे लौटा दो इसे वापस ले जाना,,,,,,,,,याद् रखना दो दिन।”,मोहम्मद भाई ने कहा और जिया की साइकिल लेकर वहा से चले गए।
जिया का चेहरा उदासी से घिर गया और आँखो में आँसू भर आये , उसने पलटकर जैसे ही सोफी को देखा सोफी वहा से अंदर चली गयी।
मोहम्मद भाई का कर्ज ना चुकाने के कारण जिया की साईकिल लेकर चले गए। अपनी प्यारी साईकिल को जाते देखकर जिया की आँखों में आँसू भर आये। भारी मन के साथ वह जैसे ही पलटी उसकी नजरे दरवाजे पर खड़ी सोफी से जा मिली। सोफी ने कुछ देर जिया को देखा और फिर वहा से चली गयी। जिया उदास हो गयी। सोफी आंटी जिया के पास आयी और कहा,”ये सब क्या है जिया ?
वो आदमी कौन था और ऐसे तुम्हारी साईकिल कैसे ले गया ? क्या तुमने उस से कोई कर्ज लिया है ? तुम तो जॉब करती हो और फिर तुम्हे कर्ज की क्या जरूरत है ? जिया मैं तुमसे कुछ पूछ रही हूँ बताओ मुझे ये सब क्या चल रहा है ?”
“मुझे माफ़ करना लिली आंटी इस वक्त मैं आपके सवालो का जवाब नहीं दे सकती , मैं आपसे बाद में मिलती हूँ।”,जिया ने रोआँसा होकर कहा और अंदर चली गयी।
“मुझे लगता है जिया किसी मुसीबत में है वरना वह किसी से इतना बड़ा कर्ज क्यों लेगी ?”,मिस्टर घोष ने लिली के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा
“हाँ शायद ! पर इस बार ये जिया ने अच्छा नहीं किया , अगर वो किसी परेशानी में थी तो उसने हमे क्यों नहीं बताया ? क्या हम लोग उसकी फॅमिली नहीं है ?”,लिली आंटी ने उदास होकर कहा
“लिली हो सकता है उसने परेशानी में कुछ ना बताया हो , वैसे जिया हम लोगो से कुछ नहीं छुपाती है। उसे थोड़ा टाइम दो वो खुद ही तुम्हे सब बता देगी मुझे यकीन है। चलो आओ अंदर चलो।”,मिस्टर घोष ने लिली आंटी को समझाते हुए कहा
लिली आंटी मिस्टर घोष के साथ अंदर चली आयी।
जिया अपने कमरे में आयी उसने देखा सोफी गुस्से में है तो धीरे से कहा,”मैं तुम्हे बताने ही वाली थी,,,,,,,,,,,,,,!”
“क्या जिया ? क्या बताने वाली थी तुम हाँ,,,,,,,,,,,,,तुम इतनी सेल्फीश कैसे हो सकती हो जिया ? इतना सब हो रहा है और तुमने बताया तक नहीं। तुम्हे एक अनजान आदमी से कर्जा लेने की कहा जरूरत पड़ गयी जिया , जरूर तुमने ये पैसे उस लड़के ईशान के लिए खर्च किये होंगे और मिस्टर दयाल से भी तुमने जो उधार लिया क्या वो उसी के लिए था ? बोलो जिया चुप क्यों हो ?
मुझे ये सोचकर हैरानी हो रही है एक लड़के के लिए तुम खुद को परेशानी में कैसे डाल सकती हो ? उसका सपना पूरा करने के लिए तुमने कर्ज ले लिया और वो तुम्हे छोड़कर चला गया।”
“बस करो सोफी तुम हर बार ईशान को बीच में क्यों ले आती हो ?”,जिया ने गुस्से से तेज आवाज में कहा
“क्योकि उस लड़के की वजह से आज तुम परेशानी में हो। उसका सपना पूरा करने के पीछे तुम अपनी जिंदगी का सुकून भूल चुकी हो जिया।
तुम जानतीं भी हो उस लड़के की वजह से तुम आज कितनी बड़ी मुसीबत में फंस चुकी हो। उसने पैसो के लिए तुम्हे इस्तेमाल किया और यहाँ से चला गया। तुम्हे लगता है वो लौटकर आएगा , वो कभी नहीं आएगा जिया।”,सोफी ने गुस्से से दुखभरे स्वर में कहा”मैं उस से प्यार करती हूँ सोफी,,,,,,,,,,,!”,जिया ने लगभग आँखों में आँसू भरते हुए कहा
“ये कैसा प्यार है जिया जिसमे सिर्फ तुम्हारा इस्तेमाल हो रहा है ? क्या तुम देख पा रही हो पिछले एक महीने में तुम कितना बदल चुकी हो ? तुम छुपाने लगी हो , सबसे झूठ बोलने लगी हो , और तो और जिया तुम बिना किसी को बताये कर्ज ले रही हो,,,,,,,,,,,,,,,,जैसे आज वो तुम्हारी साईकिल गया ईश्वर ना करे कल को वो तुम्हे कोई और नुकसान पहुंचा दे। तुम समझ नहीं रही हो जिया ये सब चीजे एक दिन तुम्हे बड़ी परेशानी में डाल देगी। जरा देखो खुद को क्या थी और उस लड़के के चक्कर में क्या हो गयी हो तुम ? तुम अब वो पहले वाली जिया नहीं रही,,,,,,,,,,,,,,,,!”,सोफी ने जिया को समझाते हुए कहा
जिया सोफी के पास आयी और उसके हाथो को थामकर कहने लगी,”सोफी , सोफी मेरा यकीन करो मैं ये सब ठीक कर दूंगी। मैंने कभी तुम से कुछ नहीं छुपाया , मैं ये सब तुम्हे बताना चाहती थी लेकिन मैं डर गयी थी,,,,,,,,,,,,,,,,मैंने मैंने डेस्टिनी को भी ये सब बताया है अगर तुम्हे मेरी बात का यकीन ना हो तो तुम उस से पूछ सकती हो। मेरा यकीन करो,,,,,,,,,,,,,!”
“बहुत सही जिया ! तुम एक पिल्ले से अपनी परेशानी शेयर कर सकती हो लेकिन अपनी दोस्त से नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,और शायद तुम्हे करना भी नहीं चाहिए क्योकि ईशान और उस पिल्ले के अलावा इस शहर में तुम्हारा कोई अपना है भी तो नहीं,,,,,,,,,!”,सोफी ने जिया को ताना मारते हुए कहा।
“ओह्ह सोफी ऐसा कुछ भी नही है , मैंने कहा ना मैं तुम्हे बताना चाहती थी ।”,जिया ने कहा लेकिन सोफी ने उसकी बात तक नही सुनी और कहा,”सच तो ये है जिया कि तुमने कभी मुझे अपना समझा ही नही , अगर समझती तो मुझे जरूर बताती । अच्छी दोस्ती निभाई तुमने”
जिया आगे कुछ कहती इस से पहले ही सोफी वहां से चली गयी । सोफी का गुस्सा जायज था और उसे गुस्से में देखकर जिया की आंखों में आँसू भर आये ।
उसने सोफी को जाते हुए देखा और भर्राए गले से कहा,”मेरा यकीन करो सोफी , मैं तुम्हे सब बताना चाहती थी लेकिन मैं डर गई थी , मुझे लगा ना जाने तुम कैसे रिएक्ट करोगी ? ओह्ह सोफी मैं सच कह रही हूं , मैंने तुम्हारा दिल दुखाया इसके लिए मैं तुमसे माफी मांगती हूं । प्लीज मुझे माफ़ कर देना ।”
कहते हुए जिया रो पड़ी । उसे हमेशा समझने वाली सोफी भी आज उसकी कोई बात सुनने को तैयार नही थी ।
जिया रोते हुए बिस्तर पर आ बैठी । आज जिया ईशान को बहुत मिस कर रही थी वह चाहकर भी ना ईशान से बात कर सकती थी ना ही उस से मिल सकती थी उस पर इन दिनों जिया पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा था ।
हमेशा हसने मुसकुराने वाली जिया की जिंदगी में एकदम से सब बिखर गया और उसके होंठो की हंसी गायब हो गयी ।
जिया बीते दिनों के बारे में सोचती रही और सोचते सोचते सो गयी । उसकी आंख लग गयी
कबर्ड की खटपट से जिया की नींद टूटी उसने देखा कि सोफी है तो जिया आँखे मसलते हुए उठी और कहा,”क्या तुम कही जा रही हो ?”
“हाँ मैं मिस्टर दयाल के रेस्त्रो जा रही हूं ।”,सोफी ने गले मे अपना बैग डालते हुए कहा
जिया उठी और सोफी की तरफ आते हुए कहा,”अहह लगता है मैं सो गई थी , तुमने मुझे जगाया क्यो नही ? हम साथ साथ चलते है , तुम रुको मैं तैयार होकर…………….!!”
जिया अपनी बात पूरी करती इस से पहले ही सोफी ने कहा,”मुझे देर हो रही है , मैं चलती हूं ।”
“है सोफी,,,,,,”,जिया ने रूआंसा होकर कहा लेकिन तब तक सोफी वहां दे जा चुकी थी ।जिया का चेहरा एक बार फिर उदासी से घिर गया ।
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संजना किरोड़ीवाल
Bechari ziya kitni badi mushkil m fans gyi h
🥺🥺🥺🥺 jiya hate muskurate hi achhi lgti h💜💜💜
Jiya aaj ishaan ka wajah se pareshani mein hai Sofi ka bhi gusse hun shi dost thi uski tho batana chahiye tha. Jiska ka liye wo inta kuch ki wo aaram se apne sapne jee raha hai. Ishaan ka sapna Sif jiya ka wajah se pura hua Aaj us ka wajah se jiya inta badi problem mein hai.
Sofi ka gussa jayaj h use apni dost ko sab batana chahiye tha bechari jiya😔😔😔
Ishan kya sach me jiya ko bhul gya Bechari jiya ab kya karege
Ye kya ho gaya…. Ishaan Jiya ko bhul nhi skta ..
Please daily parts daala kariye na is story ke bhi…. Nayi wali shuru hui to A broken heart ke parts ab regular hi nahi aate….
Jiya ne jo karz liya voh baat ki Sofy ko pata chal gayi Sofy Jiya se bahut naraz hai ki usne usse kitna kuch chupaya sirf us Ishaan ka sapna pura karne ke liye aur voh usse kuch samajti hi nahi hai…Jiya aaj Ishaan ko bahut miss kar rahi hai