शाह उमैर की परी -26
Shah Umair Ki Pari-26
शहर धनबाद में :-
“परी यह बताओ जब मैं शॉप पर गया ही नहीं तो फिर सारे आर्डर डिस्पैच किसने करवाए?” आसिफ ने पूछा
“ओफ्फो आसिफ मैंने कहा ना कि मैं जिस दिन आयी थी घर पर, मैंने उसी रोज सब कर दिया था !” परी ने
समझाते हुए कहा !
“हम्म खैर यक़ीन तो नहीं होता मगर करना पड़ेगा अगर तुम कह रही हो तो!” आसिफ कहता हुआ चुप हो जाता है
!
”मगर क्या आसिफ ? तुम मुझ पर ऐसे शक कर रहे हो जैसे मैं कोई जादू जानती हूँ !” परी ने चिढ़ते हुए कहा !
“तुम दोनों फिर लड़ने लगे , कितनी बार कहा है एक दूसरे को समझो !” नदिया जी कहा !
“हाँ वही तो मैं कह रहा हूँ आंटी। मुझे अपना समझो कुछ भी मुझसे छुपाने की जरूरत नहीं है !” आसिफ ने मज़े
लेते हुए कहा !
“तुम अपनी छिछोरे वाली हरकतों से बाज नहीं आओगे !” परी ने कहा !
“अरे यार! गुस्सा तो हरदम तुम्हारी नाक पर रहता है। चलो छोड़ो यह देखो के नई आर्डर आये के नहीं ?” आसिफ
ने कहा !
“गुस्से दिलाने वाली हरकते मत किया करो तुम !” परी कहती है और लैपटॉप लेकर अपने कमरे से आ जाती है !
“आंटी चाय बना कर पिलायेंगी ठण्ड लग रही है बहुत आसिफ ने दोनों हाथों को रगड़ते हुए कहा !”
आम खाते हुए हसन जी किचन से निकलते है और आसिफ की तरफ आम की प्लेट बढ़ाते हुए कहते है !
”बेटा तुम पहले आम खाओ उसके बाद पकौड़ी के साथ चाय पियेंगे हम सब !”
आप को चलता देख बहुत ख़ुशी हो रही और अंकल नवंबर में आम कहा से मिल गयी आप को !” आसिफ ने चौंकते
हुए कहा ! आसिफ के सवाल पर परी सहम सी जाती है , उसे तो ध्यान ही नहीं रहा के आसिफ भी आता है उसके
घर !
“परी लेकर आयी है मॉल से , वैसे भी मॉल में तो अब हर मौसम के फल मिलते है स्टोर किये हुए होते है !वैसे यह
आम बड़े लज़ीज़ है खाओ बेटा ” हसन जी मज़े से आम खाते हुए कहते है !
“परी कौन से मॉल से तुमने आम लिया ? मुझे बताओ मैं भी लूंगा !” आसिफ ने कहा !
“अरे खरीदने की क्या जरुरत है बेटा? बहुत है हमारे पास रुको मैं लेकर आती हूँ !” नदिया जी ने कहा फिर दो आम
लाकर आसिफ को दे दिए ! आसिफ कुछ हद तक मामला समझ चुका होता है। हॉस्पिटल से लेकर कपड़ो के
डिस्पैच और अब यह आम ! “कुछ तो बात है जो परी मुझसे छुपा रही है। आसिफ सोचता है फिर आम खा कर
देखता है बेहद ही लज़ीज़ आम होता है ! “पक्का यह आम यहा का नहीं है ! खैर अभी खा लेता हूँ बाद में वजह
तलाश करूँगा इन सब के पीछे की।” आसिफ सोचते हुए आम खाता है !
“लो चाय और पकौड़ी है खा लो सब !” नदिया जी चाय की ट्रे रखते हुए कहती है !
“देखो आसिफ 150 आर्डर है यह सारी लिस्ट है with कस्टमर एड्रेस तुम शॉप से माल कलेक्ट कर लो, मैं बाकी के
काम देख लेती हूँ !” परी ने समझाते हुए कहा !
“बेटा मुझे माफ़ करदेना तेरा मुँह मीठा करवाना चाहता था तेरी पहली कामयाबी, पहले आर्डर पर। मगर तुझे
हॉस्पिटल के चक्कर लगाने पड़ गए मेरी वजह से !” हसन जी उदास होते हुए कहा !
“पापा आप अपने पैरों पर चलने लगे है, मीठा खाने का वक़्त तो अभी है ऐसा करो आसिफ तुम जाओ जल्दी से
गुलाब जामुन लेकर आओ गुल्लू के होटल की !” परी ने कहा फिर आसिफ को 500 रूपए की नोट देकर जाने को
कहा !
“बस दो मिंट में आया लेकर !” आसिफ उठ कर दौड़ते हुए जाता है और गरमा गरम गुलाब जामुन लेकर आता है !
सब साथ में मिल कर हँसी ख़ुशी खाने लगते है !
तभी परी को नफिशा आवाज़ देती है ! उसके साथ साथ आसिफ की नज़र भी नफिशा पर पड़ जाती है उसकी
खूबसूरती देख कर वह दंग रह जाता है काले लंबे बाल छोटा सा चेहरा नीली आँखे
“आप लोग खाओ मैं आती हूँ !”परी कहती है फिर चुप चाप अपने कमरे में आकर दरवाज़ा अंदर से लॉक कर लेती
है !
“अरे परी यह प्यारी सी लड़की कौन है ?” आसिफ ने पूछा !
“क… क… कौन लड़की आसिफ? यहाँ तो सिर्फ मैं, तुम और मम्मी पापा है !” परी थोड़ा घबराते हुए कहती है !
नफिशा को जब यह एहसास हो जाता है के आसिफ उसे देख सकता है तो वो वापस परी के कमरे में चली जाती है !
“अरे वही जो अभी तुम्हारे कमरे से निकली थी और वापस तुम्हारे कमरे में चली गयी !” आसिफ ने हाथ के इशारे
से कहा !
“बेटा तुम्हे वहम हुआ है यहाँ कोई भी लड़की नहीं है। बेगम मैं अब जा रहा हूँ रफ़ीक भाई के पास जरा प्याले में दो
गुलाब जामुन देना उन्हें भी खिला दूँ वरना शिकायत करेंगे कि हम अकेले अकेले खा गए !” हसन जी ने कहा !
“परी मुझे कोई वहम नहीं हुआ है ! खैर बाद में इस बात की तह तक जाऊँगा मैं ! अब मैं जाता हूँ ! चले अंकल ?”
आसिफ ने कहा फिर हसन जी के साथ अपने घर चल दिया !
“मम्मी मुझे बहुत नीदं आ रही है। मैं सोने जा रही हूँ, आप प्लीज मुझे उठाना मत !” परी ने कहा !
“मगर बेटा अभी तो बस आठ बज रहे इतनी जल्दी क्यों सोना है तुम्हे ?” नदिया जी ने कहा !
“अरे बेगम ठण्ड बढ़ गयी है और वैसे भी ठण्ड के दिनों में जल्दी नींद आती है ! जा बेटा जा कर सो जा !” हसन जी
घर पर आते हुए कहा !
“खाना तो खाले !” नदिया जी ने कहा !
“नहीं मम्मी भूख नहीं है, शाम को ही तो इतना कुछ खाया था मैंने। आप दोनों खा लो मैं चली सोने !” परी ने कहा !
परी जब यह इत्मीनान कर लेती है के उसके मम्मी पापा अब उसे डिस्टर्ब नहीं करेंगे, तब वो आईने के पास आकर
अमाइरा और नफिशा को आवाज़ देती है !
“भाभी वो लड़का कौन था? जिसने मुझे देख लिया था जब कि मैं तो सब की नज़र से गायब थी !” नफिशा ने कहा
!
“वो मेरे मकान मालिक का बेटा और मेरा दोस्त आसिफ है नफिशा ! यह बात तो मुझे भी खाये जा रही कि तुम्हे
कैसे देख सकता है? अगर वो तुम्हे देख सकता है तो उसने उमैर को भी देखा है। तभी वो उस दिन कॉफी पीने के
दौरान मुझसे पूछ भी रहा था कि मैं किससे बात कर रही हूँ ?” परी ने परेशान होते हुए कहा !
“परी परेशान मत हो अगर वो किसी तरह की ताक़त रखता है तो हम भी कम नहीं है। खैर उसके बारे में बाद में
सोचेंगे पहले तुम यह पहन लो आज ही उमैर भाई लेकर आये है। तुम्हारे लिए चलों उनको सरप्राइज देंगे ! ”
अमाइरा ने कहा !
“इतना खूबसूरत गाउन कही फिर से उमैर किसी का चुरा कर तो नहीं लाया है ना ?” परी ने कहा !
“नहीं इस बार उन्होंने हम तीनों के लिए बनवाया है ! इसे पहन कर हम तीनों शहजादियाँ लगेंगे !” नफिशा ने
कहा !
“वैसे मैं आईने के अंदर कैसे आऊं !”परी तैयार हो कर कहती है !
“तुम सब भाई बहनो का हाथ हमेशा गर्म क्यों रहता है !” परी ने अमाइरा के हाथ को थामते ही हटाते हुए कहा !
“हाथ ही नहीं परी हमारा पूरा जिस्म आग की तरह गरम रहता है। वजह यह है कि हमे खुदा ने आग से बनाया है !”
अमाइरा ने कहा !
“लो जल्दी पकड़ो मेरा हाथ हमे जाना भी है !” अमाइरा अपना हाथ परी की तरफ बढ़ाते हुए कहती है !
अमाइरा का हाथ पकड़े परी अगले ही लम्हे वो एक नयी दुनियाँ में होती है ! आईने से वो कैसे पार हुई उसे पता भी
नहीं चला !
दूसरी दुनिया ”ज़ाफ़रान क़बीला ” :-
फूलों की भीनी खुश्बू से मरयम की आँख खोलती उसे अपने चारों तरफ हर तरह के फूल बिछे नज़र आते है , अपने
नरम मुलायम बिस्तर से निकलती है तो उसकी सभी मुलजिमा जिन लड़किया उस के हर क़दम पर उसपर फूल
डालती है !
“शहजादी हमाम (गुसलखाना ) तैयार है आप चल कर नहा ले। ” एक गुलाब जिन जादी ने कहा !
“तुम चलो मैं आती हूँ अब्बा से मिल कर !”शहजादी मरयम ने कहा !
“अस्लाम वालैकुम अब्बा हुज़ूर !” शहजादी मरयम ने तख़्त पर बैठे शहशांह की तरफ आते हुए कहा !
“वालेकुम अस्सलाम , जन्मदिन बहुत मुबारक हो मेरी बच्ची , खुदा तुम्हे आला तक़दीर से नवाज़े !” शहंशाह
इरफ़ान अब्बास ने कहा !
“मेरी तरफ से भी तुम्हे जन्मदिन मुबारक हो मेरी प्यारी बहन !” पास ही बैठे शहजादे इरफ़ान ने कहा !
“शुक्रिया आप दोनों का , चलिए आप दोनों मेरा तोहफा लाईये !” शहजादी मरयम कहती हुई अपने अब्बा के पास
बैठ जाती है !
”यह क्या बात हुई पहले जाकर तैयार हो जाओ कुछ ही वक़्त में मेहमान आना शुरू हो जाएंगे। जो चाहिए वो शाम
में मांग लेना !” शहंशाह ने समझाते हुए कहा !
“ठीक है जाती हूँ, जन्मदिन पे भी मुझे ही हुक्म मानने पड़ते हैं।!” शहजादी मरयम कहती है फिर नहाने के लिए
हमाम में चली जाती है !
“अमाइरा, नफिशा इधर आओ मेरे कमरे में !” उमैर कहते हुए अपने कमरे में जाता है उसके हाथ में एक बड़ा सा
तोहफे वाला थैला होता आता है !
“जी उमैर भाई क्या हुआ ? सब खैरयत तो है न ?” अमाइरा ने कहा !
“हाँ सब ठीक है यह लो तुम दोनों के लिए तोहफा !” उमैर ने दोनों को एक एक थैला थमा दिया !
“उमैर भाई आप सच में हम लोग के लिए कपड़े ले आये ?” नफिशा ने खुश होते हुए कहा !
“नहीं ख्वाब है , अब ज्यादा बकवास ना कर। शहजादी का आज जन्मदिन है तुम दोनों को भी चलना है जाकर
तैयार हो जाओ शाम होने वाली है !” उमैर ने नफिशा को हमेशा की तरह सर पर मारते हुए कहा !
“उमैर भाई यह दोनों थैले किस के लिए ?” अमाइरा ने पूछा !
“यह एक मेरे लिए जुबाह है शहजादी की दावत में पहनूंगा उन्होंने तोहफे में दिया है मुझे और दूसरा तेरी भाभी के
लिए तोहफा !” उमैर ने थैले से एक गाउन निकालते हुए कहा !
“माशाअल्लाह कितना खूबसूरत है उमैर भाई !” नफिशा ने आँखे फाड़ के देखते हुए कहा !
“चल अब नज़र मत लगा, तुम दोनों का भी बहुत खूबसूरत है और यह हनीफ ने बनाया है, मैं रात में आकर परी
को दे दूंगा। अभी मेरे पास वक़्त नहीं है मैं नहा कर महल जा रहा हूँ तुम दोनों आ जाना !” उमैर कहता है फिर नहा
कर अपना जुब्बाह पहन कर महल की ओर निकल जाता है !
“अमाइरा आपी उमैर भाई तो चले गए आप ने उन्हें बताया नहीं के परी भी हमारे साथ जा रही है !” नफिशा ने
कहा !
“नहीं हम जब शाम में अचानक परी उनके सामने आएगी तो उमैर भाई की आँखे हैरत से फटी रह जाएगी !”
अमाइरा हँसते हुए कहती है !
“मगर आपी अगर अब्बा को पता चल गया तो ?” नफिशा ने कहा !
“तुम डरो मत कुछ नहीं होगा। मुझे बहुत सारे जादू आते है कोई भी परी को पहचान नहीं पायेगा , अब जा जरा परी
को बुला कर ले आ और हाँ उसे कहना पहले वाले लिबास पहनने की जरुरत नहीं है आज जो उमैर भाई लेकर आये
है उसे ही पहन कर जाएगी वो !” अमाइरा ने कहा !
“मगर आपी यह तो नया है बिलकुल इसे भाभी पहनेगी तो सब उसकी महक महसूस कर लेंगे !” नफिशा ने कहा !
“ठीक है तुम जाओ, मैं इसे पहन कर उतार के रख दूंगी वो इसे पहन लेगी फिर अब जा जल्दी !” अमाइरा ने कहा !
“अमाइरा तुम लोगों का घर तो महल की तरह है और यहाँ रात में भी कितनी रौशनी है !” परी ने चारो तरफ नज़र
दौड़राते हुए कहा !
“हाहा परी भाभी यह तो हमारी दुनिया का एक छोटा सा घर है असल महल में तो हम अब जाएँगे !” नफिशा ने
हँसते हुए कहा !
“हमारे दुनिया में लाइट की जरुरत भी नहीं है बिन लाइट के यहाँ हमारे घर के दियो से ही उजाला रहता है !”
अमाइरा ने कहा !
“आपी शहजादी मरयम ने हमारे लिए शाही सवारी भेजी है !” नफिशा ने कहा !
“परी मेरी बात गौर से सुनो तुम हम दोनों के साथ ही रहना और ज्यादा किसी से बात मत करना ठीक है !”
अमाइरा ने समझाते हुए कहा !
“ठीक है मगर मुझे डर लग रहा है , अगर किसी को पता चल गया के मैं इंसान हूँ तो। …. क्या वो मुझे मार कर खा
जाएंगे ?” परी ने कहा तो दोनों बहने एक साथ हँस देती है ! और वो दोनों को हँसता हुआ देख कर डरने लगती है !
“मतलब उमैर भाई और हम दोनों से तुम्हे डर नहीं लगा और बाकी जिनो से डर रही हो? ” अमाइरा ने कहा !
“देखो मैं तुम सब को जानती हूँ और जो लोग मेरे बुरे वक़्त में मेरा साथ दे सकते है वो भला मुझे क्या नुकसान
पहुंचायेंगे ? ” परी ने कहा !
“परी हम जिन आदम खोर नहीं होते। हमे भी तुम्हारी तरह साग सब्जी पसंद है, हाँ कुछ खब्बीस जिन भी होते है
मगर हमारे क़ाबिले ज़ाफ़रान में ऐसा कोई भी नहीं है ! तुम चलो तो सही तुम्हे अंदाज़ा हो जाएगा !” अमाइरा ने
कहा ! फिर तीनो शाही सवारी में बैठ कर महल की तरफ निकल जाते है !
क्रमशः shah-umair-ki-pari-27
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Written By : Shama Khan
“दो दुनिया , दो दिल , दो लोग , दो अलग रास्ते ,
Shah Umair Ki Pari
चले है मुकम्मल करने एक सफर को !”
Asif kaise jin ko dekh skta h jab phli bar umair aaya tha tab to use Aasif ne nhi dekha