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शाह उमैर की परी – 5

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Shah Umair Ki Pari – 5

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Shah Umair Ki Pari


दूसरी दुनियाँ ‘’ ज़ाफ़रान क़बीला : –
शाह ज़ैद उमैर को ढूंढते हुए बागीचे में आते है वो इधर उधर देखते है मगर उन्हें उमैर नज़र नहीं आता फिर उनकी नज़र पेड़ पर पड़ती है तो उन्हें उमैर पेड़ पर आराम से सोया हुआ उमैर दिखता है !
” शाह उमैर नालायक तुझे शहंशाह की खिदमत के लिए यहां रखा है बागों में आराम करने के लिए नहीं! मैं तुम्हारे हरकतों से परेशान हो गया हु !” शाह ज़ैद गरजते हुए कहते है !


उनकी गरजदार आवाज़ सुनते ही उमैर की आँखे खुलजाती है और वो डर से जैसे ही उठ कर बैठना चाहता है पेड़ से गिर जाता है !
” वो अब्बा थक गया था तो इधर आराम कर रहा था और अचानक कब आँख लगी पता ही नहीं चला ” उमैर उठ कर सम्भलते हुए कहता है !
”आराम करने के लिए घर और नौकरों के कमरे भी है महल में और तुमने ऐसा कौनसा काम करलिया के तुम थक गए !”‘ शाह ज़ैद गुस्से में कहते है !


उमैर बेचारा खामोश खड़ा अपने अब्बा की तरफ देखता रहता है !
अब मेरा मुँह ही ताको गे या कुछ काम भी करोगे चलो अंदर ” शाह ज़ैद कहते हुए चले जाते है !
उमैर भी अंगड़ाई लेते हुए महल की तरफ चल देता है उसकी नज़र शहज़ादी मरयम पे पड़ती है जो अपने बालकॉनी में खड़े उमैर को देख कर बे इन्तेहाँ हँसती रहती है ! उमैर मुँह बना कर अंदर आजाता है और शहंशा के कमरे की तरफ चल देता है !


” खाना खाया के नहीं ” शाह ज़ैद चलते चलते पुछते है
” नहीं अब्बा अभी नहीं खाया ” उमैर जवाब देता है
” उमैर पहले जाकर खाना खालो फिर कुछ काम करना ! ”शाह ज़ैद उमैर को रोकते हुए कहते है !
जी अब्बा अभी जाता हु आज घर से खा कर आता हु कई दिन होगये है घर गए हुए !” उमैर कहता है
” घर नहीं जाना है तुम्हे , अभी कुछ दिन जब तक यहां हो यही खालो रसोई की तरफ नौकरों का रूम है

वही पे सब खाना खाते है तुम भी वही जाकर खाना खालो !” शाह ज़ैद उमैर को समझाते हुए कहते है !
” अच्छा मतलब यहां का नौकर बना के रख दिया है मुझे अब्बा ने, अब पता नहीं कब तक यहां क़ैद रहुंगा ? ” सोचते हुए उमैर खाना खाने चला जाता है !
इधर नफिशा मौके की तलाश में रहती है के कब अमाइरा कही किसी काम में मसरूफ हो और वो उमैर के रूम में जाकर उस आईने वाली लड़की को देखे !


” आपी अभी तक काम कर रही हो आप कभी आराम भी कर लिया कीजिए जब देखो दिन भर घर के कामो में लगी रहती है! ” नफिशा अमाइरा को कहती है!
” क्या बात है ? आज मेरी बहन को मेरी बड़ी फ़िक्र हो रही है सब खैरयत तो ! कुछ चाहिए तो साफ़ साफ़ बोलो मखन ना लगाओ मुझे !” अमाइरा जानेमाज़ बिछाते हुए कहती है !
मैं कोई मखन नहीं लगा रही आपी आप को बस आप की फिक्र होरही और कुछ नहीं ! आप नमाज़ पढ़ो मैं भी आती हु वज़ु कर के ” नफिशा कहती हुई सिधा उमैर के कमरे में जाती है !


चलो आपी तो नमाज़ पढ़ रही तब तक मैं आईने में झांक लु जरा ” कहते हुए नफिशा हल्का सा चादर उठा कर देखती है
जिसमे उसे परी अपने मम्मी पापा के साथ बातें करती और हँसती हुई दिखती है ! या अल्लाह ये तो हमारी तरह ही खुबसूरत और प्यारी है बस इसकी आँखे भुरी है इंसान भी काफी खुबसूरत होते है !” नफिशा खुद से कहती है !


नफिशा पुरी चादर को मोड़ कर साइड कर देती है और आराम से खड़े होकर देखती है और कहती है! ‘’ कितना प्यार करते है यह एक दूसरे से और यह लड़की तो माँ बाप की खिदमत गुज़ार भी है ! कितना अच्छा होगा अगर यह हमारी भाभी बन के आये !‘’
जब उसने देखा के परी अपने मम्मी पापा को आईने की तरफ इशारा कर के उसके बारे में बता रही वो जल्दी से वहां से हट जाती है और तेज़ी से चादर से आईने को ढक कर रूम में दबे पैर निकलती है और सामने दरवाज़े पे खड़ी अमाइरा से टकरा जाती है !


क्या कर रही थी तुम उमैर भाई के कमरे में ? ” अमाइरा आपी दोनों हांथो को बांधे नफिशा को शक की नज़र से देखती है !
कुछ नहीं आपी मैं बस ऐसे ही इधर उधर घुम रही थी और मैं तो जानेमाज़ ढूंढ़ रही थी नमाज़ पढ़ने के लिए !” नफिशा नज़रे चुराते हुए कहती है !
‘’ शर्म करो नफिशा कितना झूठ बोलोगी तुम ! मैंने आईने से चादर हटाने के लिए तुम्हे मना किया था ! तुम क्या चाहती हो के हमारी छुपी हुई दुनियाँ सब के सामने आजाये !” अमाइरा गुस्से में नफिशा को डांटते हुए कहती है !


नहीं आपी बस मैं उस लड़की को एक बार देखना चाहती थी इसलिए चादर हटाया ! मैं कोई शरारत नहीं कर रही थी!” नफिशा मासुमियत से कहती है !
तुम्हारे और उमैर भाई के अंदर बस शरारते भरी हुई है मुझे ही कुछ करना होगा कहते हुए अमाइरा आईने के पास जाती है और कुछ पढ़ पढ़ कर आईने पे फूँक मरती है ! ”
अमाइरा आपी आप यह क्या कर रही है ? ” नफिशा चौंकते हुए पुछती है !


” जब तक हम ना चाहे आईने में ना कोई हमें देख सकता है और ना कोई हमे नज़र आएगा अब ये एक आम आईने जैसा होगया है इसको चादर से ढक कर रखने की भी जरूरत नहीं है ऐसा ना करती तो हम सब का इसमें नुक्सान था ! चलो अब तुम यहां से और मेरे साथ बैठ कर क़ुरान की तिलावत करो ” अमाइरा आईने से चादर हटाते हुए कहती है !


बस मैं किसी तरह आईने वाली लड़की की बात उमैर भाई तक पहुँचा दु फिर सुकून मिलेगा मुझे !” नफिशा मन में सोचती है ,फिर अमाइरा के साथ बैठ कर क़ुरान पढ़ने लगती है !

परी के शहर धनबाद में :-
” कितनी बार तुम्हे बोला है के धियान से काम करो मगर पता नहीं तुम कौनसी दुनिया में रहती हो बार बार एक ही गलती अभी नहीं सिखोगी तो कब सीखो गी !” परी के सीनियर मनोज सर परी की टेबल पर फाइल पटकते हुए कहते है !
सर क्या होगया आप इतना चिल्ला क्यों रहे हो ? ” परी अपने चेयर से उठते हुए कहती है !


” क्या होगया तुम्हे बोला था ना के हर महीने की दस तारीख तक बैंक में स्टॉक डिटेल चले जाने चाहिए और आज बिस तारीख हो रही है बैंक से मुझे बार बार कॉल आरहा है!” मनोज सर परी को उसकी गलती याद करवाते हुए कहते है !
” सॉरी सर मुझे याद नहीं रहा आइंदा से ऐसी गलती नहीं होगी ! ” परी शर्मिंदा होते हुए कहती है !
” दुबारा यह गलती हुई तो बॉस से कह के तुम्हारी नौकरी खतम करदूंगा ” मनोज सर कहते हुए अपनी चेयर में बैठ जाते है!


” परी लंच नहीं करना क्या ? लंच टाइम होगया है ! ” परी के colleagues पंकज गुप्ता पूछते है !
” बस कुछ टाइम बाद सर अभी एक पेंडिंग काम है उसको कम्पलीट करलु वरना मनोज सर लंच कर के वापस आएंगे और इन्कम्प्लीट रहेगा तो फिर चिल्लायेंगे तो मैं कम्पलीट कर के ही खाउंगी !” परी रिपोर्ट बनाते हुए कहती है !
ठिक है तुम काम करो मैं बाहर जारहा हु लंच करने धियान देना बॉस अगर आवाज़ दे तो ” पंकज गुप्ता कहते हुए ऑफिस से बाहर चले जाते है और परी अपने काम में मगन हो जाते है !


” सब लंच करने गए है क्या ? कितनी देर में आएंगे ” परी के बॉस सुमित कुमार परी के केबिन के दरवाज़े पे खड़े हो कर कहते है !
” ज़ी बॉस अभी अभी सब लंच करने गए है आजाएंगे पंद्रह मिनट में ” परी कहती है !
तुमने लंच नहीं किया करलो बहुत टाइम होगया है ” कहते हुए सुमित कुमार परी की केबिन में आते है और परी के बगल में खड़े हो जाते है !


” नहीं बॉस वो कुछ काम पेंडिंग था उसी को कम्पलीट कर रही हु उसके बाद खाउंगी !” परी जवाब देती है और मन में सोचती है के आज बॉस मेरी केबिन में अचानक, ऊपर से कोई भी मौजूद नहीं है ऑफिस में मेरे और बॉस के एलावा और यह मेरे केबिन में ही आरहे !””
मुझे जरा अग्रवाल इंटरप्राइजेज का ledger दिखाना कितना बाक़ी है उसका पैसा !” कहते हुए परी के बॉस उससे सट कर टेबल पे हाथ रख कर झुक कर खड़े हो जाते है !


जी बॉस अभी दिखाती हुए कहते हुए परी tally खोल कर अग्रवाल इंटरप्राइजेज का ledger बॉस को देखती है ! इसका 4,35,900 रुपए बाकी है और टेढ़ लाख का चेक दिया है जो अभी तक क्लियर नहीं हुआ है !” परी घबराते हुए कहती है !
जरा इंदु सेल्स का ledger दिखाना !” कहते हुए परी के बॉस सुमित कुमार परी के हाथों के ऊपर बार बार अपना हाथ रख देता है , परी अपना हाथ तुरंत अपने बॉस के के हाथ से हटा लेती है इस तरह कभी उसके बॉस उसके कंधे तो कभी उसकी पीठ पर हाथ रख देते !


‘’बॉस आप मुझे ledger दिखाने दो या मैं हट जाती हु आप खुद बैठ कर देख लो ” कहते हुए परी चेयर से उठ खड़ी हो जाती है !
तुम मुझे एक बार tally देखना सिखा दो फिर मैं अपने computer में खुद देख लूंगा !” कहते हुए सुमित कुमार परी के और क़रीब आकर अपने हाथ उसके सीने पे रख देते है!
परी के बॉस जैसे ही अपना हाथ परी के सीने पे रखते है परी चेयर से उठ कर दूर जाकर खड़ी होजाती है! और कहती है!‘’’ बॉस आप का दिमाग तो सही है ना यह क्या कर रहे हो आप ? ‘’


उसका बॉस उसकी बातों को अनसुना कर के फिर जैसे ही उसकी तरफ बढ़ता है के पंकज गुप्ता की आवाज़ सुन कर परी से दूर हट कर खड़ा होजाता है और कहता है!” जो लिस्ट मैंने दिया उसे रेडी कर के दो और फिर अपने केबिन में वापस चला जाता है !
परी के आँखों से आँसू बहने लगते है और वो सब से छुप कर आँसुओ को पोंछते हुए अपनी जगह पर वापस बैठ जाती है !


” अरे परी तुम अभी तक काम कर रही हो चलो उठो खाना खा लो हम सब खाना खा कर आ भी गए !” पंकज गुप्ता कहते है!
” मन नहीं है खाने का घर जाकर खा लूंगी! फिलहाल स्टॉक रिपोर्ट त्यार करनी है!” परी स्टॉक का काम करते हुए भरी आवाज़ में कहती है !
” ठीक है जैसा तुम्हे ठीक लगे ! मगर खाना तुम्हे टाइम पे खाना चाहिए !” कहते हुए पंकज गुप्ता अपने केबिन में चले जाते है !


परी बार बार गालो पे आते हुए आंसुओ को पोछती और ख़ामोशी से काम करती रही जैसे ही उसके छुट्टी का टाइम हुआ बिना कुछ कहे किसी को ऑफिस से बाहर निकल जाती है !


” क्यों सब ऐसे है दुनिया में ? क्यों दुनिया में ज्यादातर मर्द हवस के भूके होते है ? उनके नज़र में एक औरत की कोई इज्जत नहीं ! जिसको भी देखो वो हवस की नज़र से देखता है ! एक अकेली लड़की इनको मौका क्यों लगती है ? मैं क्या करू मेरे अल्लाह तु ही बता मुझे मैं क्या करू ? ” काश के मेरी मजबूरी ना होती तो आज के आज ही जॉब छोड़ देती ! परी रोते हुए कहती हुई घर की तरफ पैदल ही चलती रहती है!

died of a broken heart broken heart emoji

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”शराफत का नक़ाब पहने वो इज्जत दार लोग
तन्हाइयों में दूसरों की इज्जत को बरबाद किया करते है !”

Shama Khan

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