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शाह उमैर की परी -27

Shah Umair Ki Pari-27

Shah Umair Ki Pari

Shah Umair Ki Pari-27
दूसरी दुनिया ”ज़ाफ़रान क़बीला ” :-
शाही सवारी से उतर कर परी , नफिशा और अमाइरा महल के अंदर दाखिल होती है !
“इतना बड़ा बाहरी दरवाज़ा मैंने तो आज तक अपनी ज़िन्दगी में नहीं देखा और यह महल तो !” परी
हैरत से चारो तरफ देखते हुए कहती है !
“अंदर और भी बहुत कुछ है भाभी चलिए तो !” नफिशा ने परी का बाजू पकड़ते हुए कहा !
आसमान को छूता हुआ चाँद की कुदरती रौशनी से रौशन सफ़ेद संगे मर्मर का महल ,मिज़ाज़ को
हल्का करती खुशगवार फ़िज़ा जहाँ तरह तरह की पकवानों की खुश्बूं , के साथ साथ फूलों की भीनी
खुश्बू भी फ़िज़ा में फैली रहती है ! चारों तरफ उम्दा कपड़े पहने लम्बे कद के लोग होते है जिनके
हाथों में शर्बत की सुनहरी ग्लास होती है और सब ही खाने पीने और बातों में मगन रहते है ! एक
अलग ही ज़ुबान में नाच गानें हो रहे होते है ! परी को यह सब काफी पुरसरार लग रहा होता है !
“उमैर तुम यहाँ बाग़ में क्या कर रहे हो? चलो अंदर मेरे साथ !” उमैर को अकेले खड़ा देख शहजादी
मरयम ने कहा !
“आप जाये मुझे इतनी भीड़ पसंद नहीं है ! वैसे भी आप का जन्म दिन है आप जश्न मनाये !”
उमैर ने बेरुखी से कहा !
“अच्छा यह बताओ मेरा तोहफा कहा है? उमैर कंही तुम इस डर से तो यहां नहीं छुपे हो ना के मैं
तुमसे कोई कीमती तोहफा ना मांग लूँ ? ” शहजादी मरयम ने हाथ पीछे किये उमैर के आगे पीछे
टहलते हुए कहा !
“मैं आप को क्या तोहफा दूँ शहजादी? आप के पास तो सब कुछ है !” उमैर ने कहा !
“उमैर मुझे तोहफे में आज तुम्हारी मोहब्बत चाहिए, जो इस दुनिया में मेरे लिए सब से कीमती
तोहफा होगी। बोलो दोगे ? तुम मुझे पहले दिन से ही पसंद हो जब मैंने तुम्हे पहली बार महल में
देखा था !” शहजादी मरयम शोखी भरे अंदाज़ में उमैर के और क़रीब आते हुए कहती है ! जो महल
में सब से अलग बाग़ में पेड़ से टेक लगाए खड़ा रहता है !
“कैसी बातें कर रही हैं आप शहजादी? आप शहजादी हैं। नहीं, कभी नहीं। आप मेरे लिए मालकिन
की हैसियत रखती हैं। मैं बस एक गुलाम का फ़र्ज़ अदा कर रहा हूँ।” उमैर मरयम के पास से हटते
हुए कहता है !

“मोहब्बत हैसियत नहीं देखती वह तो बस कभी भी किसी से भी हो जाती है ! तुम मुझसे इतना
कटे हुए क्यों रहते हो उमैर? क्या कभी तुम्हारे मन में मुझे पाने की ख्वाहिश नहीं होती? सच सच
बताओ ?” मरयम उमैर का रास्ता रोकते हुए कहती है !
”मैं आप से कटा कटा नहीं रहता। बस मुझे ज्यादा सब से ताल मेल रखना पसंद नहीं है। मैं बस
अपनी बहनों के साथ खुल कर बात करता हूँ और आप ने सही कहा के मोहब्बत हैसियत नहीं देखती
ना ही किसी तरह की सरहदें। मगर शहजादी मैं आप से मोहब्बत नहीं करता और आप जबरदस्ती
किसी को खुद से मोहब्बत करने के लिए नहीं बोल सकती हो !” उमैर ने कहा !
“उमैर पर मैं तुम्हे बहुत पसंद करती हुँ। मैं चाहती हुँ कि तुम भी अपने पसंद का इज़हार करो। तभी
मैं अब्बा से अपने और तुम्हारे बारे में बात कर सकती हूँ क्योंकी आज मैंने अब्बा से तोहफे में
तुम्हारा साथ मांगने का सोचा है ।” शहजादी मरयम उमैर के गले लगते हुए कहती है !
“मुझे माफ़ करियेगा शहजादी। मैंने आप से कहा ना, मैं आप को पसंद कभी भी नहीं कर सकता !”
उमैर शहजादी को खुद से अलग करता हुआ कहता है कहता है !
“मगर क्यों उमैर ?” शहजादी मरयम कहती है !
“सीधे लफ्जों में कहूंगा जो सच है। क्योंकि मैं किसी और को चाहता हूँ और मैं अपने जीते जी उसकी
जगह किसी और को नहीं दे सकता, शहजादी बहतर यही होगा के आप मुझसे दूर रहे या जो दोस्ती
का रिस्ता आप ने मुझसे रखा है वही क़ायम रखे ! ” उमैर ने कहा !
“क्या ? तुम किसी और को चाहते हो मगर तुमने मुझे कभी बताया नहीं के तुम किसी और को
चाहते हो, कौन है वो ?” शहजादी मरयम ने रोते हुए कहाँ !
“आप ने कभी पूछा ही नहीं तो कैसे बताता ? हमारी कभी इस तरह की बात भी नही हुई। वह कौन
है मैं आप को अभी नहीं बता सकता हूँ ! ” उमैर ने कहा तभी सामने उसे अमाइरा और नफिशा के
साथ परी आती दिखाई देती है उसकी आँखे हैरत से चौड़ी हो जाती है !
शहजादी मरयम ख़ामोशी से अमाइरा और नफिशा को देख उनके पास चली आती है!
”जन्मदिन मुबारक हो शहजादी मरयम !” अमाइरा और नफिशा ने एक साथ कहा !
“बहुत बहुत शुक्रिया तुम लोगों का यहाँ आने के लिए और यह तुम दोनो के साथ प्यारी सी लड़की
कौन है ?” शहजादी मरयम ने कहा !

“यह हमारी दोस्त परी है दूसरे क़बिले से आयी थी हमसे मिलने , तो हम इसे अपने साथ यहाँ
लेकर आ गये ! वैसे शहजादी आप आज के दिन उदास लग रही है सब खैरयत तो है ?” अमाइरा
ने कहा !
“हाँ मैं ठीक हूँ बस अकेले मन नहीं लग रहा था तो, मगर अब तुम सब आ गयी हो तो बहुत मज़ा
आएगा चलो महल के अंदर अब्बा और इरफ़ान भाई से मिलवाती हूँ तुम सब को !” शहजादी मरयम
ने अपने आँख के कोने से आँसू साफ़ करते हुए कहा ! अंदर ही अंदर शहजादी का दिल बुरी तरह रो
रहा होता है मगर वो खुद को शांत रखती है ! उनके पीछे खड़ा उमैर परी को देख उसकी जान हलक
में अटकी होती है वो बेचारा कुछ कहे भी तो कैसे सामने शहजादी जो होती है !
शहजादी उन सब को अपने साथ लिए सब से मिलवाती हुई महल के दरबार में जाती है जहाँ उसके
अब्बा तख़्त पर बैठे होते है उनके बगल में शाह ज़ैद खड़े होते है वो दोनों काफी गंभीर होकर बात
कर रहे होते है उनके पास शहजादे इरफ़ान भी खड़े होते है जो अमाइरा को दरबार में आता देख खुश
हो जाता है , मुलाजिमों की क़तार में हनीफ भी खड़ा नफिशा को मोहब्बत भरी नज़रों से देख रहा
होता है !
“वाह आप सब तो यही मिल गए अब्बा मिलीए मेरी नयी सहेलियों से !” शहजादी शहंशाह के पास
जाते हुए कहती है !
“खुश आमदीद मेरी बच्चियों आओ इधर मेरे पास बैठो !” शहंशाह ने खुशदिली से सब का सवागत
किया !
“अरे परी कहा गयी अभी तो तुम दोनों के साथ ही थी ना !” शहजादी ने कहा ! तो अमाइरा और
नफिशा एक दूसरे का मुँह तकने लगती है !
“व व … वो वो शायद बाहर ही रह गयी मैं अभी बुला कर लाती हूँ !” नफिशा ने कहा
“मरयम किस परी की बात कर रही हो तुम लोग ?”शहंशाह ने पूछा !
“वो अब्बा हुज़ूर अमाइरा और नफिशा की सहेली है !” शहजादी मरयम ने कहा !
”अच्छा फिर उसे बुला कर ले आओ अंदर !” शहंशाह कह कर फिर बातों में मसगुल हो गए !
अब तो अमाइरा को भी डर लगने लगता है वो नफिशा को इशारे से परी को तलाश करने के लिए
कहती है !
नफिशा पुरे महल में ढूंढ़ती है मगर उसे कहि भी परी नहीं मिलती है वो थक हार के वापस आकर
अमाइरा के पास बैठ जाती है !

“आपी परी नहीं मिली अब क्या होगा ? अगर परी को कुछ हो गया तो उमैर भाई ना जाने क्या
करेंगे हमारे साथ ?” नफिशा परेशान होते हुए कहती है !
“नफिशा तुमने उमैर भाई को देखा ?” अमाइरा ने कहा !
“नहीं आपी वो भी मुझे कही पर भी नहीं दिखे !” नफिशा ने कहा !
“अगर उमैर भाई भी नहीं दिख रहे तो जरूर परी उन्ही के साथ होगी ! तुम यही रुको मैं उन दोनों
को ढूँढ कर लाती हूँ !” अमाइरा ने कहा !
उमैर परी को अपनी हाथों में उठाये उसे महल से दूर सब से ऊँचे पहाड़ पर एक मोटे और घने
दरख्त के ऊपर लेकर जाता है ! ”उमैर यह तुम मुझे कहा लेकर आ गये हो नीचे उतारो। मुझे डर
लग रहा है !” परी ने डरते हुए कहा !
“यहाँ जिनो की दुनिया में आने में तुम्हे डर नहीं लगा और अब मेरे साथ तुम्हे डर लग रहा है ?”
उमैर परी को पेड़ की मोटी शाख पर खड़ा करते हुए कहता है !
परी पेड़ से नीचे देखती है उसे ज़मीन नज़र ही नहीं आती वो डर कर जैसे ही लड़खड़ा कर गिरने
लगती है उमैर उसे थाम लेता है और उसकी आँखों में देखते हुए कहता है !
” तुम यहाँ मेरे लिए आयी हो ना? बताओ नहीं रह पायी ना मेरे बगैर !”
“हाँ नहीं रह पायी , तुम कई दिनों से ना तो मेरे ख्वाबों में आये ना ही हक़ीक़त में ,फिर जब
अमाइरा और नफिशा ने महल साथ चलने की बात कही तो मैं खुद को रोक नहीं पायी तुमसे मिलने
से और फिर मैं यहाँ खुद को तुम पर क़ुर्बान करने आ गयी उमैर !” परी ने मोहब्बत से उमैर का
हाथ थामे कहा तो उमैर ने प्यार से उसकी पेशानी को चुम कर उसे गले से लगा लिया !
” पागल नहीं आना चाहिए था तुम्हे इस दुनिया में तुम्हारे लिए क़दम क़दम पर खतरा है। मेरी बहने
तो खुद ज्यादातर घर पर ही रहती है , उन्हें सही गलत अभी पता कहा है? कहि तुम्हे कुछ हो
जाता तो ?” उमैर ने कहा !
“तुम्हारे लिए तो हर खतरे उठा लूँ मैं तुम्हारे होते हुए मुझे क्या हो सकता है? तुमने भी तो मेरा
कितना साथ दिया है उमैर, तुम्हारी वजह से आज मेरे पापा अपने पैरों पर चलने लगे है , अब क्या
ऐसे ही मुझे गले लगाए रहोगे ? या अपनी दुनिया भी दे
दिखाओगे ?” परी ने कहा तो उमैर उसे अलग होकर खड़ा हो जाता है पहले इधर उधर देखता है फिर
सब से ऊँची शाख पर परी को अपने साथ खड़ा कर के कहता है !

” देखो मेरी दुनिया अपने आँखों से।” परी जब नज़रे उठा कर देखती है उसे चारों तरफ जुगनुओं की
तरह जगमग पूरा ज़ाफ़रान क़बीला दिखता है ! बिन बिजली के भी सब के घर रौशन होते है दूर से
दुल्हन की तरह सजा हुआ महल और भी खूबसूरत लग रहा होता है !
“तुम्हे वो जगह देखनी है ? जो अक्सर तुम ख्वाब में देखती हो जिनमे मैं तुम्हारे साथ होता हूँ !”
उमैर ने कहा !
“हाँ देखनी है मुझे !” परी ने कहा !
“तो चलो मेरे साथ , वैसे भी अभी सारे क़बीले के लोग महल में मौजूद होंगे !” उमैर ने कहा फिर वो
परी को वापस अपने हाथों में थामे नीचे आ जाता है , रात में चाँद की चाँदनी में आस पास के
सभी छोटे बड़े पेड़ पौधे जुगनू की तरह जगमगा रहे होते है चलते हुए परी जिस भी पौधे से टकराती
उससे एक रंग बिरंगी रौशनी निकलती !
”उमैर कितनी खूबसूरत है तुम्हारी दुनिया बिलकुल जादुई !” परी खुश होते हुए कहती है !
“देखो यही वो नहर है जहाँ पर तुम उस दिन बैठी हुई थी और यह वही मैदान है जहाँ हम लेट कर
बात किया करते थे और उस वाले पेड़ पे तुम्हारे लिए झूला लगाया था मैंने !” उमैर अपनी उँगलियों
के इशारे से परी को सब दिखता है तो परी अचानक दौड़ने लगती है !
“कहा जा रही हो परी ?” उमैर आवाज़ देते हुए कहता है !
“पकड़ो मुझे उमैर देखना चाहती हूँ कि तुम कितने फुर्तीले हो? ” परी ने दौड़ते हुए कहा !
“अच्छा तो तुम मुझे आजमाना चाहती हो !” उमैर ने कहा !
“नहीं नहीं बस देखना है के मैं दौड़ने में तेज़ हूँ या तुम !” परी ने कहा ! अभी वो उमैर से कुछ ही
दूर जाती है के उमैर उसे सामने खड़ा दिखता है !
“मैं जीत गया !” उमैर ने कहा फिर वो झूले पर बैठ जाता है !
“हम्म तुमने चीटिंग की है मेरे साथ , खैर जाने दो माफ़ किया !” परी ने कहा फिर वो उसके बगल
में आकर बैठ जाती है !
कभी वो झूले पर बैठ कर बातें करते तो कभी टहलते हुए ! उमैर फूलों से भरे घांस के खेत में अपने
बाहें फैला कर लेट जाता है जिसमे सर रख कर परी भी उसके साथ लेट जाती है !” कितना साफ़
आसमान दिख रहा तुम्हारी दुनिया से हमारी दुनिया में तो इतना प्रदूषण है के अब हमे यह
टिमटिमाते हुए खूसूरत तारे दिखते ही नहीं है !” परी ने कहा !

“परी तुम्हारी दुनिया बहुत खूबसूरत है मगर तुम इंसानो ने अपने आराम के लिए कुदरत के बनाये
नियमो के साथ बहुत खिलवाड़ किया है इसलिए तुम सब अब कुदरती खूबसूरत नज़ारों से मरहूम हो
गये हो , वैसे तुम चाहों तो मेरी दुनिया में आकर इन सब के मज़े ले सकती हो !” उमैर ने कहा !
”उहू उहू तो आप दोनों यहाँ इश्क़ फरमा रहे है उधर मैं और नफिशा परेशान हो रहे थे !” अमाइरा ने
खाँसते हुए कहा !
उमैर और परी अमाइरा को देख हड़बड़ा कर उठ बैठते हे ,
“नहीं न नहीं इश्क कन्हा? वो हम बस बातें कर रहे थे !” उमैर अमाइरा से नज़रे चुराते हुए कहा !
“मैंने कब कहा के आप दोनों कुछ और कर रहे थे !” अमाइरा ने कहा !
“वैसे उमैर भाई आप ने कब परी को हमारी नज़रों से गायब कर के यहाँ लेकर आ गये के हमें पता
ही नहीं चला !” अमाइरा ने सवालिया नज़रों से देखते हुए कहा !
“जिस वक़्त तुम लोग महल के अंदर जा रही थी मैं चुप चाप आकर परी कर हाथ थमा और उसे वहां
से गायब करता हुआ यहाँ ले आया !वैसे तुम्हे कैसे पता चला के मैं और परी यहाँ पर है ?” उमैर ने
कहा !
“बहुत तेज़ हो आप भाई किस वक़्त परी हमारी नज़रों से गायब हुई पता ही नहीं चला वैसे परी ने
जो लिबास पहना है वो मेरा उतारा हुआ है, इसलिए मुझे इसे ढूंढने में वक्त नहीं लगा तो अब चले
हम सब हमारा इंतज़ार कर रहे है !” अमाइरा ने कहा !
“चलो मगर मैं नहीं चाहता के परी सब के सामने आये !’’ उमैर ने फिक्र से कहा !
“नहीं आएगी ये सब नज़र में, मैं इसको सब की नज़रों से गायब कर देती हूँ !” अमाइरा ने कहा फिर
वो उमैर और परी के साथ महल में पहुँचते है !
जहाँ शहंशाह फरहान अब्बास सब को एक जगह होने का हुक्म दे रहे होते है फिर वो अमाइरा,
नफिशा ,उमैर,शहजादी मरयम और शहजादे इरफ़ान को एक साथ खड़ा होने का हुक्म देते है !
अमाइरा परी को साइड में खड़ा कर के तख़्त के क़रीब मंच पर खड़ी हो जाती है ! सब एक दूसरे को
इशारे में पूछते है के शहंशाह आखिर करना क्या चाहते है ?
”मगर शहजादे इरफ़ान मरयम को मुस्कुरा कर देख रहे होता है फिर कहता है ! ”तुम्हे तुम्हारा तोहफा
कुछ ही देर में मिल जायेगा !”
”मैं आज अपनी चहेती बेटी शहजादी मरयम के जनमदिन के मौके पर एक बेहद ही खास ऐलान
करने जा रहा हूँ ! मैं और मेरे सब से खास मुलाजिम शाह ज़ैद की रजा मंदी से मैंने अपने बेटे

इरफ़ान और बेटी मरयम की शादी शाह ज़ैद की बड़ी बेटी अमाइरा और बेटे शाह उमैर से , साथ में
शाह ज़ैद की छोटी बेटी नफिशा की शादी मेरे मुलाजिम हनीफ से करने का एलान करता हूँ और
अगले महीने के चाँद की चौदाह तारीख को इनकी शादी की जाएगी आप सब जरूर आईएगा। इन सब
को नयी ज़िन्दगी की दुआए देकर जाईएगा !” शहंशाह फरहान अब्बास ने कहा ! तो महल तालियों
की आवाज़ के साथ गूंज उठता है ! सभी उन सब को मुबारक बाद देने लगते है ! अमाइरा उमैर और
नफिशा एक दूसरे को हैरान होकर देखने लगते है ! उधर यह सब सुन कर परी भी हैरान रहती है !
शहजादी मरयम और शहजादे इरफ़ान दोनों इस ऐलान पे खुश हो रहे होते है ! जब परी और उमैर
की नज़रे टकराती है तो परी उमैर को देख रोने लगती है !

क्रमशः shah-umair-ki-pari-28

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Written By – Shama Khan

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‘पल में मोहब्बत पल भर में तकरार ,
दो दिलो के बीच आ गयी है कई सरहदें वा दिवार ,
कैसे अपनाएगा वो किसी और को ?
उमैर को तो है बस अपनी परी से प्यार !”

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