Category: Shah Umair Ki Pari

शाह उमैर की परी – 50

Shah Umair Ki Pari – 50 Shah Umair Ki Pari – 50  दूसरी दुनिया ”ज़ाफ़रान क़बीला ” :- ”फर्श पर बिछी  गुलाब के फूलों की पंखुड़ियों पर परी को अपने साथ लेकर चलती हुई नफिशा और मरयम उसके कमरे तक पहुँचाती...

शाह उमैर की परी – 49

Shah Umair Ki Pari – 49 Shah Umair Ki Pari – 49 दूसरी दुनिया ”ज़ाफ़रान क़बीला ” :- उमैर का घर बहुत ही खूबसूरत मोतियों और चमेली के फूलों से सजाया हुआ रहता है। शाह ज़ैद अपने हाथों से अपने घर...

शाह उमैर की परी – 48

Shah Umair Ki Pari-48 Shah Umair Ki Pari-48 दूसरी दुनिया ”ज़ाफ़रान क़बीला ” :- एक साल बाद :- अपने बेड पर लेटा उमैर अपने कमरे में रखे आईने को घूरता रहता है ! ”अरे उमैर बेटा तुम इसी तरह उदास कब...

शाह उमैर की परी – 44

Shah Umair Ki Pari – 44 Shah Umair Ki Pari – 44 शहर धनबाद में :-   ‘’हसन भाई अस्सलामो अलैकुम। कैसे हो और उदास इस तरह क्यों खड़े हो? अरे भाई अब आप मेरे समधी हो। चले घर मेरे बहु के...

शाह उमैर की परी – 43

Shah Umair Ki Pari – 43 Shah Umair Ki Pari – 43 दूसरी दुनिया ”ज़ाफ़रान क़बीला ” :- ”बेटा ज़ैद काफी दिन होगये है यही महल में हमेशा रहने का इरादा है या अपने घर भी चलोगे इस बड़े से महल...

शाह उमैर की परी – 42

Shah Umair Ki Pari – 42 Shah Umair Ki Pari-42 शहर धनबाद में :- अपने उजड़े हुए सपनो का बोझ लिए परी बोझल क़दमों के साथ उदास मायूस चेहरा आँसुओ से डबडबाये हुई सूजी आँखे लिए अपने मम्मी पापा के पास...
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