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रांझणा – 60

Ranjhana – 60

Ranjhana

Ranjhana By Sanjana Kirodiwal

Ranjhana – 60

बनारस में अनु को देखकर मुरारी को तो अपनी आँखों पर विश्वास ही नहीं हुआ l वो भी इस रूप में जिसमे मुरारी सोच भी नहीं सकता था l हक्का बक्का सा मुरारी अनु को देखे जा रहा था तो अनु उसके थोड़ा करीब आयी और मुरारी की कॉलर दोनों हाथो से पकड़ कर उसे अपने करीब करके कहा,”का मिश्रा जी चौंक गए का ?” ( आपको बता दू मुरारी का पूरा नाम ‘मुरारी कुमार मिश्रा’ है , मुरारी का नाम अपने आप में इतना मशहूर था की सर नेम लगाने की कभी जरूरत नहीं पड़ी )


अनु के मुंह से ऐसी भाषा सुनकर मुरारी और भी ज्यादा हैरान था उसने खुद को काबू करते हुए कहा,”यहाँ काहे आयी हो ?”
“बिकॉज आई लव यू !”,अनु ने मुरारी की आँखों में देखते हुए कहा
“लब , पहले तो नहीं था तुमको इह लब , अब काहे ? और हम नहीं करते अब प्यार वयार”,मुरारी ने थोड़ा बिगड़ कर कहा l

Ranjhana – 60


अनु ने गुस्से से मुरारी की कॉलर छोड़ी और कहने लगी,”काहे जी ? काहे नहीं करते प्यार , बम्बई मा तो कइसन चिपके रहते थे हमसे हिया आकर नियत ख़राब हो गयी का तुमरी ? या कोनो और मिल गयी !! हम बताय रहे है मिश्रा जी अइसन पीछा नहीं छोड़ने वाले है तुमरा ! और अगर हमको फिर से छोड़ कर जाने की कोशिश भी की हो ना तो याद रखियेगा , यही गंगा में डुबाय के अमर कर दी है तोहरे प्यार को !! का समझ रखे हो जी जब जी आया पियार करोगे जब चाहा छोड़ दोगे !! ऐसे टुकर टुकर काहे देख रहे है ?”


अनु जो हिंदी कम इंग्लिश ज्यादा बोलती थी उसके मुंह से ठेठ बनारसी सुनकर तो मुरारी खामोश ही हो गया l अनु इतने अच्छे से बोल रही थी की लग ही नहीं रहा था वो कही बाहर से आयी है ऐसा लगा जैसे बनारस से ही है l मुरारी मुस्कुरा उठा और अनु के पास आकर कहा,”उह सब छोडो पहिले इह बताओ इह सब बोलना कहा से सिखा ?”


“तुम तो छोड़ के चले आये ! पर जब तुम नहीं थे तब अहसास हुआ की तुम्हारे बिना कुछ अधूरा है l जब भी तुम्हारी याद आती गूगल खोलकर बनारस के बारे में पढ़ लिया करते थे और वही पर ये सब बोलना भी सिख गए !”,अनु ने कहा
मुरारी का मन ख़ुशी से भर उठा लेकिन अनु पर गुस्सा अभी भी था इसलिए उसने कहा,”जब इतना ही प्यार था तो उस दिन हमरे साथ आयी काहे नहीं ?”


“तुम ना एक नंबर के डम्ब हो ! मुझसे पूछा प्यार करती हो या नहीं , खुद नही कह सकते थे प्यार करते हो “,अनु ने घूरकर कहा l मुरारी को अपनी गलती का अहसास हुआ पर अभी कहा वो अपनी गलती मानने वाला था उसने कहा,”हां तो मेसेज किये थे ना तुमको , काहे जवाब नहीं दिया !!
“हां तो बताया तो था की फोन खो गया है ! मुंह से भी तो बोल सकते थे !”,अनु ने अकड़कर कहा


“हम काहे मान ले अब जो कह रही हो उह सच है ?”,मुरारी ने कहा
“अच्छा तो कैसे मानोगे ? नाच गाकर मनाये तुमको अब “,अनु ने कमर पर हाथ रखकर कहा
“तुमको प्रपोज करना पड़ेगा !”,मुरारी ने शरारत से कहा
“ठीक है”,कहकर अनु मुरारी के बिल्कुल सामने आयी और उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”मुरारी आई लव यू !”
मुरारी ने भोंहे चढ़ाकर कहा,”कुछ मजा नहीं आया , बिल्कुल ए फीका सा है ! कछु और ट्राय करो !”


अनु पीछे हटी और घुटनो पर बैठकर कहा,”मिश्रा जी बहुते प्यार करते है तुमसे , तुमरे बिना हमरी जिंदगी सुनी सुनी है हमरी जिंदगी में आय के भौकाल मचाने की कृपा करो !”
“ना ये भी कुछ खास नहीं है , दिख ही नहीं रहा कितना पियार करती हो !”,मुरारी ने अनु को परेशान करने के लिए कहा !

अनु उठी और एक गहरी साँस लेकर कहने लगी,” मिश्रा जी हम तुमसे इतना प्यार करते है , इतना प्यार करते है , इतना प्यार करते है l का बताये कितना प्यार करते है , सीना चिर के दिखाए या गंगा मैया में कूद जाये तुमरे लिए बताओ का करे”
मुरारी को हंसी आने लगी उसने खुद को रोककर कहा,”इह का है इह मा तो कोई फीलिंग ही नहीं है “
“फीलिंग की माँ की आँख”,बोलकर अनु मुरारी के पास आयी उसका चेहरा अपने हाथो में पकड़ा और अपने होंठो को उसके होंठो से लगा दिया l

मुरारी का दिल तेजी से धड़कने लगा वहा खड़े सभी लोग उन दोनों को ही देख रहे थे मुरारी ने अपनी आँखे बंद कर ली l कुछ देर बाद अनु मुरारी को पीछे धकियाते हुए कहा,”अब भी यकीन ना आये ना तो जाकर डूब मरो !”
मुरारी के गाल शर्म से लाल हो चुके थे ये दूसरी बार था जब अनु ने उसे किस किया था पर इस बार अहसास दोनों तरफ था l

मुरारी मुस्कुराया और आगे बढ़कर अनु को गले लगाकर कहा,”हम भी तुमसे बहुते प्यार करते है मेग्गी ! तुम नहीं जानती एक एक पल कैसे गुजरा है हमरा तुमरे बिना ? बहुते याद किये है तुमको पर हमारा दिल कहता था तुम जरूर आओगी l”
अनु ने अपनी आंखे बंद कर ली आज वह बहुत खुश थी उसे उसका प्यार जो मिल गया था ! मुरारी अनु से दूर हुआ तो अनु ने कहा,”बाकि सब कहा है ? दी , जीजू , मम्मी , पापा ?”


“उह सब पूजा में बैठे है !”,मुरारी ने कहा !
“चलो हम लोग भी चलते है”,अनु ने चहकते हुए कहा !
मुरारी ने एक नजर अनु पर डाली उसकी कमर दिखाती टी-शर्ट और उस से भी छोटी निक्कर थी l इन कपड़ो में वह अनु को लेकर घाट पर कैसे जा सकता है ? मुरारी सोच ही रहा था की तभी अनु सीढ़ियों की और बढ़ गयी और अनु के साथ साथ वहा मौजूद लोगो की नजरे भी अनु के पीछे पीछे चल पड़ी !

मुरारी ने देखा तो अनु के पीछे आया और गले से गमछा निकालकर अनु की जांघो को ढकते हुए कहा,”अरे मेरी अम्मा काहे हमरे इज्जत का जनाजा निकालने पर तुली हो ! ऐसे कपड़ो में घाट पर जाओगी सब देखेंगे तुमको !”
“इट्स फैशन मुरारी !”,अनु ने चिहुँक कर कहा !
“फैशन के चक्कर में सबको हार्ट अटैक दे दोगी तुम”,कहकर मुरारी ने उसे उठाया और वापस घाट के बाहर ले आया l अनु ने छूटने की कोशिश करते हुए कहा,”मुरारी छोडो मुझे , मुझे भी घाट देखना है l”


“अरे तो हम दिखाते है ना तुमको घाट , पूरा बनारस घुमा देते है चलो”,कहकर मुरारी ने अनु को बाइक पर बैठाया और खुद आगे बैठकर बाइक स्टार्ट की l मुरारी जल्दी से वहा से निकल गया l मुरारी अनु को बनारस घुमाने लगा l अब तक तो पुरे बनारस के कानो में ये खबर पड़ चुकी थी की मुरारी के लिए कोई लड़की शहर से आयी है और उन दोनों का चक्कर चल रहा है l उधर सारिका और शिवम् की पूजा ख़त्म होने के बाद सभी बाहर आये लेकिन मुरारी वहा नहीं था l

राधिका भी वक्त से वापस आ गयी थी l अमित अनु को बनारस छोड़कर वापस जा चुका था l आई ने सबको घर चलने को कहा l घर आये तब तक 11 बज चुके थे l तभी अनु और मुरारी घर पहुंचे अनु को वहा देखकर सभी हैरान रह गए l सारिका ने अनु को देखा तो ख़ुशी से आकर उसके गले लग गयी l सारिका को पहले जैसा देखकर अनु का सारा डर जाता रहा l अनु सबसे मिली सभी बैठकर शिवम् और सारिका की शादी की बात करने लगे l

दो दिन बाद ही शादी का शुभ मुहूर्त निकला l अनु अपने पापा के पास ही बैठी थी उसने मुरारी की और देखकर इशारा किया l मुरारी ने शिवम् की तरफ देखकर बात करने का इशारा किया तो शिवम अधिराज जी के सामने आया और कहा,”पापा हम सोच रहे थे , सारिका के साथ साथ अगर अनु की भी शादी हो जाती तो l हमारा मतलब सरु की शादी के बाद वो अकेली पड़ जाएगी”


“बात तो सही है शिवम् बेटा पर अनामिका में अभी बचपना है l इसे सम्हालना बहुत मुश्किल है कोई इसके जैसा ही इसे समझ पायेगा”,अधिराज जी ने कहा
“अरे तो हम है समझने के लिए !”,मुरारी ने बिच में उछलकर कहा
सबकी नजरे मुरारी पर जा टिकी अनु और शिवम् ने अपना सर पिट लिया l

अधिराज जी ने मुरारी को घूरकर देखा और फिर हसते हुए कहा,”आपको देखकर लगता है आपको तो शिवम् और सारिका से भी ज्यादा जल्दी है !” मुरारी झेंप गया तो शिवम् ने अधिराज जी के सामने बैठकर उनका हाथ अपने हाथो में लेकर कहा,”पापा हम आपसे कुछ मांगे तो आप देंगे !”
“सब आपका ही है आपको मांगने की जरूरत नहीं है l बताईये आपको क्या चाहिए ?”,अधिराज जी प्यार से शिवम् के गाल छूकर कहा l

शिवम् मुस्कुराया और कहने लगा,”पापा मुरारी हमारा दोस्त है , बचपन से हम दोनों साथ रहे है हमसे ज्यादा इसे ना कोई जान सकता है ना ही समझ सकता है l हां वो थोड़ा अजीब है , सबको डराता धमकाता है l पर दिल का बहुत अच्छा है पापा और सोच से भी l मुरारी और अनु एक दूसरे को बहुत पसंद करते है हम चाहते है हमारे साथ साथ आप इन दोनों के रिश्ते को भी स्वीकार ले”


“अरे आपने तो हमारे दिल की बात कह दी l आज से अनु आपकी हुई , इसे यही रख लीजिये कम से कम इसकी शरारतो से तो बच जायेंगे हम”,अधिराज जी ने अनु की और देखकर कहा l अनु उछल पड़ी और कहा,”क्या पापा मैं इतना परेशान करती हु क्या सबको ?” l अधिराज जी ने अनु को गले लगाया और कहा,”आप तो मेरी नटखट गुड़िया है , पर ये गुड़िया देखते देखते कब शादी लायक हो गयी पता ही नहीं चला !” अधिराज जी की आंखे नम थी जिन्हे देखकर अनु ने कहा,”क्या पापा अब रोने मत लग जाईयेगा आप”


“अरे बेटा ये तो ख़ुशी के आंसू है ! बाकि रोना तो अब छोटे दामाद को ही है जिंदगीभर”,अधिराज जी ने शरारती लहजे में कहा तो मुरारी ने सर खुजाते हुए कहा,”का ससुर जी आप भी ?” मुरारी को देखकर सभी हसने लगे राधिका अंदर से सबके लिए मिठाई ले आयी और सबका मुंह मीठा करवाया l मुरारी के चाचा चाची को भी बुला लिया और फिर सबकी रजामंदी से शिवम् और सारिका के साथ साथ मुरारी और अनु की शादी भी तय हो गयी

सुबह शिवम् और सारिका की और उसी दिन शाम को मुरारी और अनु की l सारिका ने मिठाई का एक टुकड़ा उठाया और मुरारी को खिलाकर कहा,”शादी मुबारक हो देवर जी !!”
“ये शादी नहीं हो सकती !”,आई ने कड़कदार आवाज में कहा l सबकी गर्दन आई की और घूम गई बाबा उनके पास आये और कहा,”काहे कावेरी ? काहे नहीं हो सकती इह सादी ? कितने दिनों बाद बच्चो की जिंदगी में खुशिया आयी है और तुम ऐसी बाते कर रही हो !”

आई ने बाबा की तरफ देखा और कहने लगी,”बचपन से हमने मुरारी को पाला है , अरे पाला का है इह कहो झेला है ! कितनी ही बार इसने हमरे आचार के मर्तबान तोड़े , कितनी बार आधी रात को हम इसके पिछे बनारस की गलियों में घूमे है l इसकी शरारते, इसके नखरे जितने इसके चाचा ने नहीं झेले उतने हम झेली है और आज जब इसकी सादी तय हो रही है तो किसी ने हमारी राय तक नाही पूछी काहे? काहे ? काहे ?” आई ने अपनी भारी भरकम गर्दन को तीन बार झटककर कहा !

सब हैरान थे ये देखकर और खामोश भी मुरारी शिवम् के पास आया और फुसफुसाकर कहा,”तुमरी अम्मा का ना डेली सोप देख देख कर दिमाग ख़राब हो गया है ! “
“सिर्फ हमरी अम्मा नहीं है उह तुमरी भी है , जाओ झेलो !”,कहकर शिवम् साइड हट गया l मुरारी आई के पास आया और कहा,”अरे का बात है आई अइसन कैसे बात कर रही हो ? बताओ का चाहती हो तुमरे लिए सब ही करने को तैयार है हम”


आई के चेहरे के भाव कछु बदले और उसने कहा,”इस घर की बहु बनने के खातिर अनु को तीन टेस्ट पास करने होंगे तब ही इह सादी होगी” l “और कोनसे टेस्ट है उह ?”,मुरारी ने पूछा ! आई ने अनु की और देखा और कहा,”पहिला इसको रोटी बनानी होगी उह भी एकदम ए गोल ! दुसरा इसको साड़ी पहननी होगी और तीसरा इसको पूजा के लिए आँगन लीपना होगा”


मुरारी ने आई की अजीब शर्ते सुनी तो अजीब लगा पर आई ने ये सब अनु को परेशान करने के लिए कहा था l आई की शर्ते सुनकर मुरारी ने कहा,”इह जन्म में तो अनु से हमरी सादी मुमकिन नहीं है , ससुर जी कोनो और लड़का देख लो”
मुरारी की बातें सुनकर अनु आगे आयी और कहा,’मैं तैयार हु !” आई मुस्कुरा दी l अनु ने कहा,”कहा है किचन ?” आई ने इशारा कर दिया l अनु के जाने के बाद मुरारी आई के पास आया और कहा,”आई का है इह सब ? ऐसे काम काहे करवा रही हो उस से जो उसने कभी किये ही नहीं !”


“का मुरारी अपनी होने वाली मेहरारू की चिंता हो रही है l इह सब करके इह देखना है हमको की उह तुमसे सच में पियार करती है या ऐसे ही “,आई ने फुसफुसा कर कहा और चली गयी l अनु और आई के बिच मुरारी बुरा फसा l आई ने बरामदे में सबके खाने का इंतजाम करवाया l खाना पहले से तैयार था बस अनु को परेशान करने के लिए आई ने ये सब कहा था l सभी बरामदे में बैठे अनु की बनी रोटियों का इंतजार कर रहे थे l सबसे आँखे बचाकर मुरारी किचन में आया वहा आकर जब उसने अनु को देखा तो हक्का बक्क रह गया l

आटे में उलझे उसके हाथ , कुछ आटा उसके गाल और नाक पर भी लग चुका था l मुरारी ने देखा अनु ने बर्तन में बहुत सा आटा डाला हुआ है और उस से भी ज्यादा उसमे पानी डाल रखा है l मुरारी अनु के पास आया और कहा,”ऐसे तो तुम 7 जन्म में रोटी नहीं बना सकती !”
“तो मैं क्या करू ?”,अनु ने मासूमियत से कहा l मुरारी मुस्कुराते हुए उसके पास आया और गले में टंगे गमछे से पहले अनु के नाक और गाल से आटा साफ किया और फिर उसके पीछे आकर उसके हाथ अपने हाथो में लेकर बर्तन में पड़े आटे में घुमाते हुए कहने लगा

,”हम है ना हम सिखा देंगे !” अनु का दिल तेजी से धड़क रहा था l उसके आटे से सने हाथ मुरारी के हाथो की गिरफत में थे l अनु मुरारी के बहुत करीब थी मुरारी ने अपनी ठोड़ी अनु के कंधे पर टिका दी और उसे आटा गूंथना सिखाने लगा l अनु जैसे जैसे मुरारी कहता गया वैसे वैसे करती गयी l अब अपना मुरारी भी तो ठहरा जवान लड़का अनु के परफ्यूम की खुशबू उसकी सांसो में बस्ती चली गयी l उसने अपने होठ अनु की गर्दन से छुआ दिए तो अनु ने उसे पीछे धकियाते हुए कहा,”ज्यादा होशियारी नहीं मिश्रा जी , तुम जो सिखाना चाह रहे हो वो कुछ और ही है “


मुरारी मुस्कुराते हुए इधर उधर देखने लगा तो अनु ने हाथ पर लगा आटा मुरारी के गालो पर लगा दिया और हसने लगी l अनु हँसते हुए इतनी प्यारी लग रही थी की मुरारी के पांव खुद ब खुद उसकी और बढ़ गए l अनु ने अपने कदम पीछे बढ़ा लिए और उसकी पीठ दिवार से जा लगी l मुरारी अनु के बिल्कुल सामने खड़ा प्यार से अनु को देख रहा था l उसने अपना एक दिवार से टिका दिया और दुसरा अनु की कमर पर था l अनु का दिल तेजी से धड़क रहा था l

मुरारी का यु पास आना उसे खामोश कर देता था l मुरारी थोड़ा और करीब आया और अपने होंठो को जैसे ही अनु के होंठो के पास लेकर गया बाहर से आई की आवाज आयी,”बहुरानी आज आज में बना लोगी रोटियां या कल तक इंतजार करे !”
अनु ने एक बार फिर मुरारी को पीछे धकेला और कहा,”मुरारी तुम ना हमे हराकर रहोगे ! चलो जाओ यहाँ से” अनु गैस की तरफ आयी और उस पर तवा रखा l मुरारी मन ही मन आई को कोस रहा था l

अनु ने एक रोटी बनायीं पर जब उठाकर देखा तो वो किसी देश के नक़्शे से कम नहीं लग रही थी l वो रोआँसा हो गयी तो मुरारी को अच्छा नहीं लगा l वह उसके पास आया और कहा,”साइड हटो हम बनाते !” l मुरारी ने फटाफट 10-12 रोटियां बनाई और उन्हें प्लेट में रखकर कहा,”जाओ खिला दो सबको !” अनु ने मुरारी के हाथ से प्लेट ली और मुरारी के गाल पर किस करके कहा,”थैंक्यू मिश्रा जी !”


अनु के पहुंचने से पहले ही मुरारी छुपते छुपाते वहा पहुँच गया और चुपचाप आकर बैठ गया l अनु जैसे ही रोटियां लेकर आयी सब दंग रह गए l अपने घर में एक ग्लास पानी तक ना उबालने वाली लड़की इतनी सुंदर रोटियां बनाकर लायी थी !! आई ने देखा तो खुश हो गयी अनु उनकी शर्त पूरी कर चुकी थी , अब बारी थी दूसरी शर्त की आई ने अनु को बनारसी साड़ी दी और पहन कर आने को कहा l अधिराज जी बाबा और चच्चा के साथ शादी की तैयारियों के लिए बाहर चले गए l आई , चाची , सारिका राधिका और अम्बिका आँगन में आकर बैठ गयी l

मुरारी फिर से अनु की मदद करने जाने लगा ही था की आई ने उसे रोककर अपने पास बुलाया l मुरारी आई के पास आया तो आई ने उसके कान में कहा,”रसोईघर में कम मदद किये थे उसकी जो फिर से चल दिए !” आई की बात सुनकर मुरारी झेंप गया तो आई ने उसे अपने पास बैठाकर कहा,”बइठो चुप करके !” मुरारी मन मारकर वही बैठ गया l सामने बरामदे में खड़े शिवम् ने जब मुरारी को परेशान देखा तो खुद अनु की मदद करने का इशारा किया l

मुरारी के तो कलेजे पर मानो सांप लौट गया l मुरारी मन ही मन सोचने लगा,”भैया अनु को साड़ी पहनाएंगे इह का मतलब भैया का हाथ उसकी कमर को भी लगेगा ! कंधे को भी और सी……….. ! छी छी इह का सोचने लगे हम , भैया ऐसा कछु नहीं करेंगे l पर उह मेग्गी का कोनो भरोसा ना है उह जीजू जीजू करके चिपक जाएगी उनसे ……………. इह आई भी न खामखा रोक ली हम को , कही भैया प्राइवेट को सरकारी ना बना दे !”


कुछ ही देर अनु साड़ी लपेटे बाहर आयी और पल्लू आई के सामने लहराकर कहा,”हे आई व्हाट्सअप ! आई ऍम लुकिंग हॉट ना !” आई के साथ साथ सबकी नजर अनु पर पड़ी सिवाय मुरारी के वो तो अपने शिवम् को घुर रहा था मुरारी दनदनाता हुआ शिवम् के पास आया और कहा,”कहा कहा हाथ लगाया उह को ? माना के साली आधी घरवाली होती है पर उसको साड़ी पहनाने का तुमरा विचार बहुते गलत था भैया ,, हम बताय रहे है !! “


शिवम् ने अपना फोन मुरारी की आँखों के सामने कर दिया जिसमे एक विडिओ में लड़की साडी पहनना सीखा रही थी l मुरारी ने देखा तो खिंसियाते हुए कहा,”हमको तो पहले से ही मालूम था तुम ऐसा ही कछु आइडिया निकालोगे !” शिवम् ने उसके सर पर एक चपत लगाई और वहा से चला गया l तीसरी शर्त भी अनु ने आसानी से पूरी कर दी और आई से उसकी और मुरारी की शादी की परमिशन मिल गई l पास ही मैरिज गार्डन में दोनों शादियों की तैयारियां की गयी l

शादी वाले दिन सुबह शिवम् और सारिका शादी के बंधन में बंधे और दोपहर बाद अनु और मुरारी ! सबने बहुत एन्जॉय किया दोनों बेटियों को दुल्हन के जोड़े में देखकर अधिराज जी एक पल को भावुक हो गए पर जब दोनों बेटियों के साथ दोनों दामादो को देखा तो चेहरा खुशी से खिल उठा l अनु और मुरारी जब सबके साथ चाचा के घर आये तो चाची और आई उन दोनों के लिए पूजा की थाली ले आयी l

अनु को ये सब बहुत इंट्रेस्टिंग लग रहा था वह अपनी बड़ी बड़ी आँखों से दीपक की लौ को देख रही थी l आरती उतारने के बाद सभी साइड में हो गए तो आई ने अनु से कहा,”छोटी बहुरानी अपने दाहिने पैर से चावल का कलश गिराओ !” अनु ने मुस्कुराकर मुरारी की और देखा तो मुरारी ने गिराने का इशारा किया पर मुरारी की फूटी क़िस्मत अनु ने इतनी जोर से लोटे पर मारा की वह उछलकर सामने पड़े फेंसी पॉट पर जा लगा 4500 रूपये का पॉट टूटकर बिखर गया l

अनु ने अपना हाथ मुंह पर रख लिया l अनु ने आई की और देखा तो आई ने कहा,”आज तक तुमने कोई काम सीधा किया है जो इह करेगी ! माहौल को गरमाया देखकर चाचा ने कहा,”अरे कोई बात नहीं चलो चलो सब अंदर चलो !”
चाचा ने अपने घर पर एक फॅमिली पार्टी रखी l बाकि मेहमान तो जा चुके थे बस शिवम् और सारिका के माँ पापा बचे थे l चाचा ने घर में ही हॉल में जश्न का शानदार अरेंजमेंट किया l अधिराज जी अब उनके समधी बन चुके थे इसलिए उन्होंने सभी बड़े लोगो से उन्हें मिलवाया l

अधिराज जी चाचा से बहुत प्रभावित हुए l शिवम् ने देखा सारिका कही नजर नहीं आ रही है तो वह आई के पास आया और कहा,”आई सरु कही नजर नहीं आ रही है !”
“भैया भाभी ऊपर मुरारी भैया के कमरे में है !”,आई के पास बैठी राधिका ने कहा
शिवम् ऊपर मुरारी के कमरे के सामने आया जैसे ही दरवाजा खोलकर अंदर आया उसकी आंखे खुली की खुली रह गयी l सारा कमरा फूलो की लड़ियो से सजा हुआ हुआ l फूलो के कारण कमरा सुगंध से भरा हुआ था !

जगह जगह केंडल्स लगे थे और कमरे की छत पर ढेर सरे हार्ट शेप बैलून्स लगे थे l वही बैलून्स निचे जमीन पर भी बिखरे हुए थे l शिवम् सारिका के पास आया और कहा,”आप यहाँ क्या कर रही है ? और ये सब !”
सारिका मुस्कुराते हुए शिवम् की और पलटी और कहा,”आज मुरारी और अनु अपनी शादीशुदा जिंदगी की शुरुआत करने जा रहे है तो उनके लिए ये सब किया है ! कैसा है ?”
शिवम ने नजरे घुमाकर देखा और कहा,”हम्म अच्छा है !”

सारिका पलटी और सामने खिड़की में फूलो को सजाते हुए कहने लगी,”कहते है आज की रात को यादगार बनाने के लिए ये सब किया जाता है !” शिवम् ने देखा सारिका ने ब्लेक रंग की लाल बॉर्डर वाली झीनी साड़ी पहनी हुई थी l जिसमे से सारिका की पीठ और कमर साफ नजर आ रही थी l शिवम् सारिका के पास आया और अपना हाथ उसकी कमर में डालकर सारिका के कंधे पर किस करके कहा,”और हमारे लिए ये रात यादगार कब बनेगी ?”

जैसे ही शिवम् के होंठो ने सारिका के कंधे को छुआ एक सिहरन सी उसके पुरे बदन में दौड़ गयी वह तेजी से शिवम् की और पलटी और कहा,”ये क्या कर रहे है आप ? कोई आजायेगा !” शिवम् ने प्यार से सारिका की आँखों में देखते हुए कहा,”आने दीजिये ! शिवम ने जैसे ही अपने होठ सारिका के होठो के पास लाया सारिका साइड में निकलकर जाने लगी शिवम् ने सारिका का हाथ पकड़कर उसे रोक लिया l सारिका का दिल बहुत जोरो से धड़क रहा था l

शिवम् उसके करीब आया और उसे अपनी तरफ करके कहां,”हमसे दूर जाने का सोचना भी मत !”
सारिका ने प्यार से शिवम् की और देखा और कहा,”आपसे दूर जायेंगे भी कहा ! लौटकर आपके पास ही आएंगे !! अब हटिये हमे काम करने दीजिये ” कहते हुए सारिका बेड की तरफ गयी जैसे ही उसने बेडशीट उठायी उसका एक सिरा शिवम् ने पकड़ लिया और शरारत से सारिका की और देखने लगा l सारिका ने छोड़ने को कहा तो शिवम् ने बेडशीट के साथ साथ सारिका को भी अपनी और खींच लिया !

सारिका को अपनी बांहो में लेकर शिवम प्यार से उसे देखता रहा और कहा,”जी तो करता है सारी उम्र आपको यु ही देखते रहे !”
“हमे देखने के लिए अभी सारी उम्र पड़ी है कहकर सारिका ने खुद को शिवम् की कैद से आजाद किया और जाने लगी तो उसके ब्लाउज की डोरी शिवम् के हाथो में आ गयी और खींचने से खुल गयी l इस बार शिवम् ने ये जानबूझकर नहीं किया लेकिन सारिका को लगा उसने जानबूझकर किया है

वह पलटी और कहा,”आप अपनी शरारतो से बाज नहीं आएंगे ना !” शिवम् डोरी को हाथ में पकडे सारिका के पास आया और उसे पलटकर कहा,”लाईये हम बांध देते है”
शिवम् सारिका के ब्लाउज की डोरी बांधने लगा शिवम् की उंगलिया जैसे जैसे सारिका की पीठ को छूती जा रही थी एक खूबसूरत अहसास सारिका को महसुस हो रहा था l शिवम् ने अपनी भावनाओ को काबू में रखा और दूसरी तरफ देखकर डोरी बांधने लगा l

सारिका शिवम् की और पलटी और उसके गालो को अपने होंठो से छूकर कहा,”थेंक्यू !!” बदले में शिवम् मुस्कुरा दिया और कहा,”हम निचे घर जाने के लिए आपका इंतजार कर रहे है ! जल्दी आईयेगा !!”
शिवम् वहा से निचे चला आया l पार्टी ख़त्म हो चुकी थी अनु को मुरारी के कमरे में छोड़कर सारिका भी शिवम् के पास आ गयी l शिवम् ने देखा आई बाबा और राधिका नजर नहीं आ रहे थे l

मुरारी उनके पास आया और कहा,”अरे भैया आई बाबा को ढूंढ रहे हो का ? उह सब तो कुछ देर पहले ही घर के लिए निकल लिए ! तुम दोनों भी जल्दी निकलो मौसम खराब है किसी भी वक्त बारिश हो सकती है !”
“ऐसा है तो हम और सारिका यही रुक जाते है”,शिवम् ने कहा
” अरे तुम काहे ? यहां मेहमान है तो जगह नहीं है , तुम दोनों अपने घर जाओ !”,मुरारी ने शिवम और सारिका को बाहर का रास्ता दिखाते हुए कहा !


“साला कैसा दोस्त है ? एक दिन में पराया हो गया”,कहकर शिवम् सारिका के साथ वहा से निकल गया l उन दोनों के जाने के कुछ देर बाद आई बाबा जब वहा से गुजर रहे थे तो मुरारी ने उन दोनों की गर्दन में हाथ डालकर वापस पीछे खींचते हुए कहा,”अरे बुजुर्गो आप लोग किधर ?”
“घर जा रहे है मुरारी और कहा ? हमने देखा अभी अभी शिवम् और सारिका घर के लिए निकले है हम भी उनके साथ ही चले जाते है”,आई ने कहा


“एक बात बताओ तुम दोनों को पोता पोती चाहिए की नाही चाहिए ?”,मुरारी ने कहा
“चाहिए ना ! “,आई ने तपाक से कहा
“हां तो चाहिए तो काहे उन दोनों के बिच कबाब में हड्डी बन रहे हो ? अरे नया नया ब्याह हुआ है उनका थोड़ा वक्त साथ में रहने दो l बोरिया बिस्तरा उठा के चल दिए बस उनके पीछे !”,मुरारी ने कहा आई बाबा कुछ नहीं बोले तो मुरारी ने उन्हें छोड़ दिया और कहा,

“अब हमरी बात सुनो ध्यान से वहां सामने कमरे में बिस्तरा लगवाय है तुम लोगन का , वहा जाकर ब्याह में हुए खर्चे का हिसाब किताब करो l और घर तो अब तुम को सबेरे ही जाना है l का समझे !! चलो जाओ”
आई बाबा मुरारी के नए रूप से हैरान थे l शादी होने के बाद आदमी में इतनी हिम्मत आ जाती है बाबा ने पहली बार देखा था l दोनों सामने वाले कमरे में चले गए मुरारी को अनु का ख्याल आया तो मन ही मन गुदगुदी सी होने लगी और उसने कहा,”अब चलके जरा अपनी फूलन देवी को भी देख ले !”

मुरारी अपने कमरे की और जाने लगा जाते जाते पलटा और कहा

“साला अब का तुम लोगन (पाठक) भी हमरे साथ आओगे ! अबे कितनी बार बताये प्राइवेट है सरकारी नाही है , चलो निकलो !”

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संजना किरोड़ीवाल

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