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रांझणा – 35

Ranjhana – 35

Ranjhana

Ranjhana By Sanjana Kirodiwal

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Ranjhana – 35

शिवम् और मुरारी के जाने के बाद अनु सारिका को पुकारती हुई अंदर भागी l वह भागते हूये बाथरूम में घुसी और तेजी से दरवाजा बंद कर लिया l
“अनु , अनु क्या हुआ ? आर यू ओके ?”,सारिका ने बाथरूम का दरवाजा खोलते हुए कहा l


“दुसरो के लिए गड्डा खोदेगी तो खुद भी तो उसमें गिरेंगी न दीदी”,मीना ने डायनिंग टेबल से बर्तन समेटते हुए कहा
“मतलब ?”,सारिका ने हैरानी से मीना की और देखा
“रुको बताते हैं !”,कहकर मीना किचन में गयी और वहां रखी जुलाब की गोलियां उठा ले आई और सारिका को थमा दी l

सारिका ने देखा तो सब समझ गयी l घंटो बाद जब अनु बाथरूम से बाहर निकली तो उसकी हालत देखने लायक थी सारिका को गुस्सा भी आ रहा था और उसकी इस हालत पर तरस भी उसने अनु को दवा दी और सोने को कहा l
“दी आप भी चलो न साथ”,अनु ने मिमियाते हुए कहा l
सारिका भी उसके साथ अपने कमरे में चली आई l

मीना को देर हो गयी इसलिए सारिका ने उसे आज रात यही रुक जाने को कहा l घर का काम निपटाकर खाना खाने के बाद मीना वही सोफे पर सो गई l
आधी रात को किचन में खट पट हुई l
“आन्ह बिल्ली होगी सो जाते है वापस “,सोचकर मीना फिर से सो गई लेकिन खटपट बन्द नही हुई l मीना ने आँख खोलकर देखा तो अँधेरे में उसे एक परछाई दिखाई दी l

मीना बड़ी बहादुर थी वह उठी और दबे पांव किचन में गयी जैसे ही लाइट ऑन की सामने अनु खड़ी थी उसके हाथ में बड़ा वाला आईस्क्रीम का डिब्बा था l उसने मीना को देखकर मुस्कुराते हुए कहा,”आई नो यू आर सो स्वीट तुम दी से ये सब नहीं कहोगी है न”
मीना की एक कमजोरी थी इंग्लिश , उसे अंग्रेजी भाषा बहुत पसंद थी लेकिन बोलना नही आता था जब अनु ने पहले लाइन अंग्रेजी में कही तो मीना ने ख़ुशी से भरकर कहा,”अभी वो जो अंग्रेजी में बोले आप फिर से बोलो न दीदी “


“क्या इंग्लिश आती है तुमको ?”,अनु ने उसके पास आकर कहा l
“नही जीजी आते तो नही है पर सुनना बहुत पसंद है”,मीना ने चहकते हुए कहा
“ओहह आई सी , मीना यू आर स्टूपिड l व्हेन यू डोंट अबाउट इंग्लिश व्हाई डोंट यू लाईक डिस l सिली गर्ल”,अनु ने मीना के मजे लेने के लिए कहा
“हौ जीजी कैसे गिटर पिटर इंग्लिश बोलती है आप , मजा आ गया “,मीना ने कहा


“मजा तो मुझे भी आ हां है”,अनु ने मन ही मन कहा और डिब्बा लेकर जाने लगी तो मीना भी उसके पीछे पीछे चलने लगी l मीना को अपने पीछे आता देखकर अनु रुकी और पलटकर कहा,”तुम मेरे पीछे क्यों आ रही हो ?
मीना ने होंठो पर जीभ फिराते हुए डिब्बे की और इशारा किया l
“तुमको भी खानी है ?”,अनु ने पूछा l
मीना ने हां में सर हिला दिया l


“चलो आओ !”,कहकर अनु हॉल की तरफ बढ़ गयी l l
अनु और मीना दोनों हॉल में बैठकर आईस्क्रीम लेकर खाने लगी अनु के दिमाग में कुछ तो खुराफाती चल रहा था इसलिए उसने खुद के लिए कटोरी में रखी और डिब्बा मीना को थमा दिया l मीना आइसक्रीम खाते हुए बोली,”जीजी तुम न उतनी बुरी भी नई हो जितना हम सोचे थे “
“ये गाली दे रही है कि तारीफ कर रही है”,अनु ने मन ही मन सोचा और मीना की तरफ देखकर मुस्कुरा दी l


सारिका की नींद खुली उसने घडी में देखा रात के दो बजे रहे थे l अनु को अपने पास ना पाकर वह उठी और बाहर आई l हॉल उसे और मीना को आईसक्रीम खाते देखा तो सब समझ गयी l जैसे ही अनु की नजर सारिका पर पड़ी वह बिजली की फुर्ती से सारिका के पास आई और कहा,”देखो दी ये ना छुपकर खा रही थी , मैंने देखा तो इसने चुप रहने के लिए मुझे भी थोड़ी दे दी”
“हौ जीजी कितना झूठ बोल रही है , हमने इसको फ्रीज से आईस क्रीम चुराते पकड़ा था”,मीना ने चम्मच भरकर खाते हुए कहा


“पर डिब्बा तो आपके हाथ में है”,सारिका ने मीना के पास आकर कहा l
“वो दीदी वो मैं………….!”,मीना कुछ बोल ही नही पाई क्या बोलती वो चालाक खोपड़ी उसे पहले ही फसा चुकी थी l
“ये आईस क्रीम के पैसे हम इस बार आपकी सेलेरी से काटेंगे , समझी आप और आज यही आपकी पनिशमेंट है”,सारिका ने डिब्बा छिनते हुए कहा और किचन की और जाने लगी l


“दीदी …….!”,मीना ने मिमियाते हुए कहा l
सारिका को लगा वो उसे सॉरी कहेंगी सोचकर वह पलटी और कहा,”हम्म्म्म !! “
“अब जब तुम पैसे काट ही रही हो तो उ डिब्बा हमको दे दो”,मीना ने कहा
सारिका ने अपना सर पिट लिया और डिब्बा मीना को थमाकर अनु की और देखा जो मुस्कुरा रही थी

उसे देखकर सारिका ने मन ही मन कहा,”सब इसकी संगत का असर है”
मीना बेपरवाह सी फिर गपागप आईस क्रीम खाने लगी सारिका ने अनु को अंदर चलने का इशारा किया और खुद भी उसके पीछे पीछे अंदर चली आई l l

सुबह जब सारिका उठी तो उसने देखा मीना का छींको से बुरा हाल है उसने मीना को घर जाकर आराम करने को कहा और खुद किचन में चली आई l कॉफी के अलावा उसे कुछ बनाना भी नही आता था उसने अपने और अनु के लिए कॉफी बनाई और ब्रेड रोस्ट करके उसपर बटर लगाकर अनु के लिए ले आई l
आँखे मलते हुए अनु उठी और मुस्कुरा कर कहा,”गुड़ मॉर्निंग दी !’


“गुड़ मॉर्निंग , आज कॉलेज जाना है ना एडमिशन के लिए जल्दी से नाश्ता करके तैयार हो जाओ हम ऑफिस जाते हुए तुम्हे वहा तक छोड़ देंगे !”,सारिका ने चद्दर समेटते हुए कहा
अनु बाथरूम गयी मुंह धोया ब्रश किया और आकर कॉफी पीने लगी l कॉफी पिते पिते हुए अनु ने सारिका से कहा,”दी ! अमित से कह दो खाना बनाना सीख ले !
“वो क्यों ? “,सारिका ने हैरानी से पूछा


“क्योंकि शादी के बाद वो बेचारा भूखा मारने वाला है , आपको तो बनाना आता नही है l “,अनु ने सारिका की टांग खींचते हुए कहा l
“सिख लेंगे हम”,सारिका ने कहा
“अच्छा दी आपसे एक बात पुछु ?”,अनु ने ब्रेड मुंह में ठूस ली लेकिन खाते वक्त वह गले में अटक गई और अनु खाँसने लगी l सारिका ने देखा तो दौड़कर उसके पास आई टेबल पर रखा पानी का ग्लास उठाया और अनु को पिलाकर उसका सर सहलाते हुए कहा,”आराम से खाया कर !”,


“ह्म्म्म !”,अनु ने सर हिलाते हुए कहा
“तू ठीक तो है न अनु ?”,सारिका की आँखों में फ़िक्र साफ दिखाई दी
“अरे दी मैं ठीक हु आप भी ना”,अनु कहते हुए फिर से खाने लगी


“पता नही कब जागेगा तुम्हारा ये बचपना ? अनु अब तुम बड़ी हो गयी हो l”,सारिका ने कहा
“जब तक आप ऐसे ही मेरी फ़िक्र करोगे मैं कभी बड़ी नहीं होउंगी”,अनु ने मुस्कुराते हुए कहा
सारिका ने उसके सर पर हाथ रखा और तैयार होकर बाहर आने को कहा l


सारिका गाड़ी में बैठी अनु के आने का इंतजार कर रही थी l काका ने हॉर्न बजाया तो अनु दौड़ते हुए आई उसके एक हाथ में उसके पेपर्स थे दूसरे में पर्स जैकेट , उसी हाथ में दोनों शूज वह नंगे पांव ही चली आई सारा सामान उसने पिछली सीट पर फेंका और खुद भी बैठ गयी l सारिका आगे बैठी थी उसने काका से चलने का इशारा किया l l
“सॉरी दी लेट हो गया “,अनु ने जूते पहनते हुए कहा l


“इट्स ओके अनु”,सारिका ने कहा l
अनु ने जुते पहने और अपना जैकेट पहना l पेपर्स सारे पर्स में रखे l बाल चिड़िया के घोंसले जैसे लग रहे थे इसलिए उसने सबको समेटकर जुड़ा बना लिया l शीशे में खुद को देखकर कहा,”हॉट लग रही है !”
अनु एक ऐसी इंसान थी जो अक्सर अपनी तारीफ खुद ही कर लिया करती थी l वह दूसरों पर निर्भर रहना कम पसन्द करती थी और यही चीज उसे सबसे अलग बनाती थी l

अनु को कॉलेज छोड़कर सारिका अपने ऑफिस के लिए निकल गयी l ऑफिस में मुरारी व
और शिवम् पहले से ही उसका इंतजार कर रहे थे l सारिका उन्हें अपने साथ अपने केबिन में ले आई l दोनों को बैठने का कहकर सारिका उनके सामने आ बैठी और कहां,”शिवम् आप ये फॉर्म फील कर दीजिए , आज से आप इस कंपनी के मैनेजर की पोस्ट सम्हालेंगे !!”
“लेकिन इतनी बड़ी पोस्ट !”,शिवम् ने हैरानी से कहा


“घबराईये मत , हम हमेशा आपके साथ रहेंगे और आपको गाइड करते रहेंगे l आप सम्हाल लेंगे हमे पूरा भरोसा है”,सारिका ने शिवम् की आँखों में देखते हुए पोरे विश्वास के साथ कहा l
सारिका के मुंह से ये सुनकर शिवम् का दिल ख़ुशी से झूम उठा सारिका उस पस भरोसा करती है इस से ज्यादा ख़ुशी की बात और क्या हो सकती थी l शिवम् ने फॉर्म भरके सारिका को थमा दिया l

सारिका ने फॉर्म देखा जिसमे एक कॉलम पर जाकर सारिका की नजर रुक गयी जहा मैरिटल स्टेटस में शिवम् ने लिखा था – कमिटेड
सारिका ने एक नजर शिवम् को देखा और फिर वापस नजरे फॉर्म पर जमा ली l
सारिका ने कुछ वक्त बाद जोइनिंग लेकर शिवम् को थमा दिया और आज से ही ऑफिस ज्वाइन करने को कहा l शिवम् ने भी हां कर दी अब वह 10 से 6 सारिका के साथ ही रहेगा l

मुरारी से जॉब के लिए पूछा तो उसने साफ साफ मना कर दिया और कहा की वह बस शिवम् का ड्राइवर , रसोईया , धोबी और बाई बनने आया है l मुरारी को केबिन में छोड़कर सारिका शिवम् के साथ बाहर आई और शिवम् से सबका परिचय करवाया l पूजा ने सीमा को कोहनी मारते हुए कहा,”यार कितना हॉट है अपना नया मैनेजर “
“ज्यादा खुश मत हो ये तुझे भाव नही देने वाला”,सीमा ने मुस्कुराते हुए शिवम् को देखकर कहा


“वो भाव भी देगा और अपना नम्बर भी”,पूजा ने ओवर्कोफिडेन्स में कहा l
“देखते है !”,सीमा ने कहां l
शिवम् वहा से अपने केबिन में चला गया l आज ऑफिस में चर्चा का विषय कोई था तो वो शिवम् ही था वो भी खासकर लड़कियों में l

सब बस उसे इम्प्रेस करने के बारे में सोच रही थी l पहले दिन शिवम् को काम समझने में थोड़ी परेशानी हुई लेकिन सारिका ने उसकी पूरी मदद की l l
मुरारी अपनी कटरीना के साथ मुम्बई की सैर कर रहा था l

अनु के मार्क्स कम थे पर सारिका की शिफारिश से उसे कॉलेज में एडमिशन मिल गया l पहले ही दिन उसके कई दोस्त भी बन गए और क्लास में न जाकर वह उनके साथ केंटीन में बैठी थी l दोपहर में जब कॉलेज खत्म हुआ तो सारिका के कहने पर काका अनु को लेने कॉलेज पहुंचे l अनु उनके साथ जैसे ही कॉलेज से निकली सामने रेस्टोरेंट के बाहर खड़ी बाइक पर उसकी नजर गयी l वो बाइक कुछ जानी पहचानी लगी तो अनु ने काका से कहा,”काका आप चलकर बैठो मैं अभी आती हु”


अनु रेस्टोरेट के सामने पहुंची और शीशे से झांककर देखा अंदर बैठकर मुरारी समोसे खा रहा था l
“मेरी हालत ख़राब करके खुद यहाँ बैठ के समोसे खा रहा है , रुक बेटा अभी मजा चखाती हु”,कहकर अनु मुरारी की बाइक के पास आई और उसके दोनों टायरों की हवा निकाल दी l शीशे पर लिपस्टिक से होंठो का निशान बना दिया और वहां से भाग गई l अपनी गाड़ी में बैठकर काका से चलने को कहा काका ने गाड़ी आगे बढ़ा दी l

कुछ दूर जाकर काका ने गाड़ी रोकी और कहा,”बिटिया आप बैठो हम जरा atm से पैसे निकालकर लाते है “
अनु ने हाँ में सर हिला दिया और म्यूजिक ऑन करके सुनने लगी l
उधर रेस्टोरेंट से निकलकर मुरारी ने जब अपनी बाइक के टायर बैठे हुए देखे तो एक आदमी से पंचर वाले की दुकान के बारे में पूछा !
“यहाँ से सामने जाकर कुछ ही दूरी पर है भाईसाहब”,आदमी ने कहा और चला गया l


कड़ी धूप में मुरारी बाइक को घसीटता हुआ उसी रास्ते पर बढ़ रहा था जिस रास्ते पर अनु थी l मुरारी पसीने पोछता हुआ जैसे ही अनु की गाड़ी के सामने से गुजरा अनु ने पीछे से आवाज देकर कहा,”ओये चिरकुट !”
एक जानी पहचानी आवाज जब मुरारी के कानों में पड़ी तो उसने पलटकर देखा l गाड़ी के दरवाजे पर अनु खड़ी थी l घुटनो से काफी ऊपर निक्कर और उसपर टीशर्ट और जैकेट मुरारी ने देखा तो आँखों पर हाथ रखते हुये कहा,”ये महादेव भी ना , न जाने क्या क्या दिखाएंगे हमको ?”


वह अनु के पास आया और कहा,”तुमरे पास इस से बड़े कपडे नही है क्या ? जब देखो तब ये बच्चों के कपडे पहन के घूमती हो”
“ये स्टाइल है चिरकुट !”,अनु ने इतरा कर कहा
“इस्टाइल , पहली बार देखा है l l इसमें छुपता कम दीखता ज्यादा है”,मुरारी ने दूसरी तरफ देखकर कहा
“वो सब छोडो ये अपनी खटारा को लेकर कहा जा रहे हो ?”,अनु ने मुरारी से कहा


“दोपहर बाद वो बाइक ना दूध देती है , बेचने जा रहा हु ! दीखता नही अंधी हो टायर पंचर है !”,मुरारी ने झल्लाते हूये कहा ! !
“ओह्ह्ह बेचारा, गुस्सा आ रहा है , वैसे ये किसने किया होगा ?”,अनु ने एक्टिंग करते हुए कहा
“शक तो हमका तुझपे ही है चुड़ैल , तुमरे शिवा हमरी जिंदगी में भोकाल और कौन ला सकता है ?”,मुरारी ने मन ही मन अनु को कोसते हुए कहा


“मन ही मन किसको गाली दे रहे हो ?”,अनु ने उसके चेहरे के सामने चुटकी बजाकर कहा l
“मन ही मन क्या सामने से भी गाली देंगे . एक बार उ हमको मिल जाये महादेव की कसम ऐसा लपड़ मारेंगे ना उसको जिंदगीभर पंचर रहेगा उ ! महादेव करे उसका हाथ टूट जाये , उसके पांव टूट जाये , ये बडे बड़े किडे पड़ेंगे उसे , उसके सारे बाल झड़ जाये और फिर …………. फिर लोग उसे देखकर टकलू टकलू बुलाये ! तब कही जाकर हमारे कलेजे को ठंडक पड़ी है !

बेचारी हमरी कटरीना का बिगाड़ा था उसने किसी का………… हम बताय रहे है हम छोड़ेंगे नहीं उसको”,मुरारी ने दुनिया भर की बद्दुआ देते हुए कहा
“अरे अरे बस बस इतनी सी बात के लिए किसी को इतना कोसते है क्या ?”,अनु ने झेंपते हुए कहा जबकि जानती थी इन सब गालियों की हक़दार वो ही है


“अच्छा तुमको बड़ा तरस आय रहा उसपे !! ये जिसने भी किया है न सही नाही किया है ! वैसे भी इह सब तुमरी वजह से हुआ है “,मुरारी ने अनु को घूरते हुए कहा !
“मैंने क्या किया ?”,अनु ने गुस्से से कहा
“तुमने ? इह पूछो का नहीं कीया ? , जबसे तुमसे मिले है कुछ अच्छा नहीं हो रहा है ! तुमरी मनहूस शक्ल देख के ही दिन ख़राब हो जाता है”,मुरारी ने कहा


“हाउ डेयर यू ?”,अनु ने गुस्से से कहा l
“ओह्ह मैडम अंग्रेजी में गिटर पीटर करने की ज्यादा जरूरत नहीं है का समझी ? अंग्रेजी हमका भी आती है”,मुरारी ने रौब के साथ कहा
“अच्छा सुनाओ फिर”,अनु ने भी अपने दोनों हाथ बांधते हुए कहा l


“हलो , हाउ आर यू , वैरी फाइन , थैंक्स टू यू”,मुरारी ने रटे रटाये चार सेंटेंस बोल दिए अनु उसकी इस बात पर हंस पड़ी और फिर कहा,”कभी स्कूल भी गए हो ? बड़े आये अंग्रेजी बोलने वाले”


मुरारी झेंप गया और सोचने लगा,”साला बनारस में तो इन चार लाईनो पर ही लड़किया फ़िदा हो जाती थी , इह तो हमरी हंसी उड़ाए रही है !”
“क्या सोचने लगे चिरकुट ?”,अनु ने इतराते हुए कहा
“इह सोच रहे है तुमरा मुंह कैसे बंद करे ? कितना बोलती हो ना तुम पकर पकर”,मुरारी ने अनु को थप्पड़ दिखाते हुए कहा l


अनु ने रोनी सूरत बनाकर कहा,”मुझपे हाथ उठाओगे तुम , अपनी छोटी गर्लफ्रेंड जैसी लड़की पर हाथ उठाओगे तुम !”
“गर्लफ्रेंण्ड ? अरे तुम दुनिया की आखरी लड़की भी होती न तो देखते तक नहीं तुमको हम , खामखा हमारे सामने आकर हमारा सारा दिन ख़राब कर देती हो l”,मुरारी ने खीजते हुए कहा l
“तो हम क्या करे पांव पड़े तुम्हारे ?”,अनु ने कहा


“बिल्कुल ! ह तबसे तुमको झेल रहे है पांव पढ़ना तो बनता है तुम्हारा”,मुरारी ने आगे बढ़कर कहा
“हम्म्म सही कह रहे हो , मैं बहुत परेशान करती हु सबको , मुझे तो तुम्हारे पैरो में गिराकर माफ़ी मांगनी चाहिए”,कहकर अनु मुरारी के पांवो के पास बैठ गयी !
मुरारी का सीना ख़ुशी से फूल गया , इतनी ख़ुशी तो उसे कभी नहीं हुई थी !! तभी काका ने अनु को आवाज लगाई तो अनु उठी तो मुरारी ने कहा,”वैसे तूम ना इतनी बुरी भी नहीं हो”


अनु मुरारी के थोड़ा करीब आयी और उस से कहा,”बेस्ट ऑफ़ लक” ,, अनु गाड़ी की तरफ बढ गयी
“उसने बेस्ट ऑफ़ लक काहे बोला हमरा तो कोई एग्जाम भी नहीं है”,बडबडाते हुए मुरारी ने जाती हुई अनु को देखा अनु जाते जाते पलटी और मुरारी को देखकर जोर से कहा,”अरे ओह चिरकुट ! तुम्हारी कटरीना की हवा मैने ही निकाली थी उखाड़ लो जो उखाड़ना है”
“का ?………..!”,कहकर मुरारी जैसे ही आगे बढ़ा लड़खड़ा कर जमीन पर गिर पड़ा !

वह उठा और फिर से आगे बढ़ा लेकिन इस बार भी लड़खड़ा कर गिर पड़ा l मुरारी ने अपने पेरो की और देखा दोनों पांवो के जूतों की डोरी आपस में बंधी हुई थी ! ये कारनामा उस वक्त हुआ जिस वक्त अनु उसके पांवो में बैठकर मांफी मांगने का नाटक कर रही थी ! मुरारी ने गुस्से से अनु की और देखा अनु गाड़ी में बैठकर उसे चिढ़ाते हुए वहा से निकल गयी ! मुरारी उठकर बैठ गया और दोनों पांवो को देखने लगा तभी पास से गुजरते आदमी ने कहा,”अरे भैया ये जूते पहनने का नया स्टाइल आया है क्या ?


मुरारी ने उसे इशारे से अपने पास बुलाया और एक कंटाप मार के कहा,”कैसा लगा स्टाइल ?
“बहुत जोर का भैया !”,आदमी ने गाल सहलाते हुए कहा और वहा से निकल गया !
मुरारी उठा और कपडे झाड़कर अपनी कटरीना की तरफ बढ़ते हुए बड़बड़ाने लगा,”इह लड़की ने तो हमरी नाक में दम कर रखा है , छोड़ेगे नहीं हम इसको , समझती का है अपने आप को ? अरे उ बम्बई की क्वीन है न तो हम भी बनारस के राजा है ,

बाजा बजा देंगे उसका मिलने दो इस बार सीधा कंटाप मारेंगे”, कहकर मुरारी ने अपना पांव बाइक के पंप पर दे मारा पर आज उसकी किस्मत सच में ख़राब थी l जैसे ही पांव मारा दर्द से चिल्ला उठा बड़ी जोर की लगी थी !! लंगड़ाते हुए मुरारी जैसे तैसे करके कटरीना को लेकर पंचर वाली दुकान पहुंचा और वहा पड़ी बेंच पर बैठते हुए कहा,”भैया गाड़ी के टायरो में हवा भर दो और हो सके तो थोड़ी हम में भी ………………………….!!

अनु ने बाइक के साथ साथ मुरारी की भी हवा निकाल दी थी !!

दोपहर के तीन बज रहे थे ! सारिका अपने काम में व्यस्त थी उसका केबिन शिवम् के केबिन के पास ही था ! दोनों केबिन के बिच एक शीशा था जिसके दोनों तरफ परदे लगे थे ! सारिका ने देखा शिवम् इत्मीनान से अपने अपने काम में लगा हुआ था सारिका ने घडी में देखा 3 बज रहे थे ! सारिका ने साइड टेबल पर रखा लंच बॉक्स उठाया और उसे लेकर शिवम के केबिन में चली आई l

सारिका को वहा देखकर शिवम् उठ खड़ा हुआ और कहा,”आप ?
“लंच टाइम है , इतना भी काम मत कीजिये की खाने का ध्यान भी ना रहे !”,सारिका ने बॉक्स टेबल पर रखते हुए कहा !


“लेकिन ये तो आपका है , आप खाइये हम बाहर जाकर कुछ खा लेंगे”,शिवम् ने झिझकते हुए कहां !
“डोंट वरी मीना हमेशा इसमें एक्सट्रा खाना रखती है , आप और हम दोनों आराम से खा सकते है , आप हाथ मुंह धोकर आईये तब तक हम खाना लगाते है”,सारिका ने अधिकारपूर्वक कहा शिवम् को अच्छा लगा वह उठकर बाथरूम की और बढ़ गया !

शिवम् जब तक हाथ मुंह धोकर आया सारिका टेबल पर खाना लगा चुकी थी l कढ़ी , चावल , आलू की सब्जी , सलाद और चपाती थी ! ये सब देखते ही शिवम् को जोरो की भूख लगी सारिका ने उसे बैठने को कहा l शिवम् सारिका के बिलकुल सामने बैठ गया ! दोनों ख़ामोशी से खाने लगे l बिच बिच में शिवम् सारिका को देख लेता l मन तो उसका सारिका को देखकर ही भर गया था पर पेट खाली था और वो खाना खाकर उसने भर लिया !


“खाना बहुत अच्छा है “,शिवम ने खाते हुए कहा
“मीना ने बनाया है , वो पनीर बहुत टेस्टी बनाती है और राजमा चावल भी !”,सारिका ने कहा
“आपको आता है ये सब ?”,शिवम ने धीरे से पूछा l
“हम सिर्फ पानी उबाल लेते है”,सारिका ने मुस्कुरा कर कहा !


शिवम् हसने लगा l खाना खाने के बाद सारिका ने टिफिन समेटा और जब जाने लगी तो शिवम् ने पीछे से कहा,”मेडम जी !
“क्या मैडम जी ?”,सारिका ने पलटकर हैरानी से कहा !
“हां , आप हमारी मालकिन है और मालकिन को कभी नाम से तो बुला नहीं सकते है , इसलिए आज से हम आपको मैडम जी ही बुलाएँगे “,शिवम ने कहा
“लेकिन…………………………!!”,सारिका ने असमझ की स्तिथि में कहा


“इतना हक़ तो तो आप हमे दे सकती है ना”,शिवम् ने सारिका की आँखों में देखते हुए कहा !
सारिका कुछ बोल ही नहीं पाई और बस उन खाली आँखों देखती रही और हाँ में गर्दन हिलाकर वहा से चली गयी !
शिवम् बहुत खुश था अब वह अपनी मैडम जी को मैडम जी कहकर जो बुला सकता था l एक बार फिर वह अपने काम में लग गया !
“देखा पहले दिन ही अपनी बॉस ने नए मैनेजर पर आना जादू चलाना शुरू कर दिया”,पूजा ने सीमा से कहा


“अरे यार मेम है ही इतनी खूबसूरत इनसे भला कौन दूर रहना चाहेगा ! कहा मेम और कहा हम”,सीमा ने कहा
“तू सही कह रही है यार चलो हम भी लंच कर लेते है”,कहकर पूजा सीमा के साथ केंटीन की और बढ़ गयी !
अपने केबिन में आकर सारिका उन दो आँखों के बारे में सोचती रही जिनमे कुछ बहुत गहरा था l

शाम को शिवम पैदल ही रश्मि के घर जाने के लिए निकल गया l ऑफिस से रश्मि का घर ज्यादा दूर नहीं था l जैसे ही घर आया बरामदे में मुरारी बदहाल सी हालत में बैठा मिला l
शिवम् उसके पास आया और कहा,”मुरारी क्या हुआ ऐसे क्यों बैठा है ?”
“भैया ! ए भैया हमको बनारस जाने वाली गाड़ी की टिकट दिला दो हमको यहाँ नही रहना , अरे हमको रहना ही नहीं है !

बम्बई नहीं है ये माया नगरी है ! रे महादेव एक लड़की ने कितना नचाया हुआ है हमको ,, हम तो मर ही जायेंगे रे भैया ,, अरे हम सरकारी बस में चले जायेंगे , सीट ना भी मिले तो ड्राइवर के पास निचे बैठकर चले जायेंगे पर भैया हमरी टिकट करवा दो !! अरे आई ही ठीक है सिर्फ बातो से मारती है …………………..!!”,मुरारी ने रोने की एक्टिंग करते हुए कहा !!


“क्या मुरारी ? किसी ने कुछ कहा तुमसे ? ये बड़ा शहर है यहाँ दिल और दिमाग दोनों शांत रखना पड़ता है का समझे ? अब अगर कोई सामने से परेशान कर रहा है तो फिर तुम भी जवाब दे ही डालो “,कहकर शिवम् अंदर चला गया
“भैया बात तो पते की कहकर गए है , साला हम काहे इतना डर रहे है वो कोई तोप तो है नहीं !! हम नहीं जायेंगे बनारस वापस !!”,कहते हुए मुरारी शिवम् के पीछे आया !

रात के खाने के बाद मुरारी ने शिवम् से बाहर चलने को कहा थकान की वजह से शिवम् ने जाने से मना कर दिया !! मुरारी अकेला ही अपनी कटरीना को लेकर घर से निकल गया l शिवम् अपने कमरे में जाकर ले गया ! जल्दी ही शिवम् को नींद आ गयी !!

फ़ोन की रिंग से शिवम् की नींद खुली उसने फोन देखा सारिका का फोन था ! रात के 11 बजे सारिका उसे फोन कर रही थी शिवम् ने फोन उठाया तो दूसरी तरफ से सारिका ने घबराहट भरे स्वर में कहा,”शिवम् 11 बज रहे है और अनु तक घर नहीं पहुंची है , हमने सब जगह पता किया पर वो वहा नहीं है ! उसका फ़ोन भी बंद आ रहा है , हमे बहुत फ़िक्र हो रही है उसकी वो यहाँ किसी को जानती भी नहीं है ! कही वो किसी मुसीबत में ना फस जाये !! “


“मैडम जी आप घबराईये मत हम कुछ करते है , आप अनु का नंबर सेंड कीजिये !! देखिये आप भरोसा रखना हम उसे ले आएंगे !!”,शिवम् ने सारिका को विश्वास दिलाते हुए कहा
“शिवम् उसे कुछ हो गया तो हम …………………………….!!”,कहते कहते सारिका रो पड़ी

सारिका का रोना शिवम् को अंदर तक छलनी कर गया l उसने फ़ोन काटा और जेब में रख लिया ! शिवम् ने रश्मि से उसकी स्कूटी की चाबी ली और घर से निकल गया !! रस्ते भर बस कानो में सारिका की कही एक ही बात गूंजती रही

“अगर उसे कुछ हो गया तो हम……………………….!!”

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संजना किरोड़ीवाल

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