Sanjana Kirodiwal

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रांझणा – 28 

Ranjhana – 28

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Ranjhana – 28

अमित देर रात सारिका के साथ अधिराज जी के घर पहुंचा ! सारिका अब भी उसके कंधे पर सर रखे सो रही थी ! अमित ने धीरे से कहा,”सारिका , सारिका उठो देखो हम घर पहुँच गए है !”

 सारिका ने अपनी आँखे खोली गाड़ी घर के सामने खड़ी थी ! अमित और सारिका गाड़ी से उतरकर बाहर आये और बेल बजा दी ! दरवाजा अम्बिका ने खोला अमित और सारिका को सामने देखकर उसके चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान फ़ैल गई ! अम्बिका ने नौकर से सामान अंदर लाने को कहा और खुद सारिका और अमित को लेकर अंदर आ गयी ! अंदर अधिराज जी और अनु बेसब्री से दोनों के आने का इंतजार कर रहे थे !

अधिराज जी ने जैसे ही सारिका को देखा वे उठकर उसके पास आये और उसे गले लगा लिया ! सारिका के चेहरे पर कोई भाव नहीं था ! वह ख़ामोशी और हैरानी के मिले जुले भावो से अधिराज जी को देख रही थी अधिराज जी ने उसके चैहरे को अपने हाथो में लेकर कहा,”आज हम बहुत खुश है !!”

“अमित यू इडियट ! तुमने बताया क्यों नहीं की तुम इंदौर आ रहे हो ,? मैं भी तुम्हारे साथ चली आती ट्रेन में धक्के नहीं खाने पड़ते और तुम्हे कंपनी भी मिल जाती”,अनु ने अमित के गले लगते हुए कहा 

अमित और अनु बचपन से ही बहुत अच्छे दोस्त थे , दोनों की उम्र में 6-7 साल का फासला था लेकिन फिर भी अनु हमेशा उसे अपने बराबर ही समझती थी और हर वक्त उसे परेशान करती थी ! अनु को वहा देखकर अमित थोड़ा हैरान हुआ क्योकि उसको अनु के आने की जानकारी नहीं थी उसने अनु के कान खींचते हुए कहा,”तुम आज भी नहीं बदली वैसी ही हो”

“क्यूट ना ?”,अनु ने इतराकर कहा 

“जी नहीं बद्तमीज और पागल”,अमित ने उसके गाल पर चपत  लगाते हुए कहा 

अनु ने मुंह बना लिया तो अमित उसे मनाने लगा ! 

“अरे भई क्या सब खड़े खड़े ही बाते करोगे”,अम्बिका ने कहा तो सब आकर सोफे पर बैठ गए ! नौकर गाड़ी से सामान ले आया सुइटकेस उसने हॉल में रखे और मिठाईयों के डिब्बे और बाकि सामान जो शिवम् के घर से मिला था वो लाकर सोफे के सामने पड़ी सेंटर टेबल पर रख दिया ! उसे देखकर अम्बिका और अधिराज जी असमझ की स्तिथि में आ गए और फिर अधिराज जी ने कहा,”सारिका ये सब सामान आप लेकर आई है ?

“जी ! बनारस में हम किसी दोस्त के घर ठहरे थे , आते वक्त उन्होंने ये सब तोहफे दिए है”,सारिका ने सहजता से कहा 

अनु उठी और टेबल से मिठाई का एक डिब्बा उठाया उसे खोलकर देखा उसमे मोतीचूर के लड्डू थे जिन पर चांदी का वर्क लगा हुआ था ! अनु ने एक लड्डू उठाया और खाते हुए कहा,”उम्म्म सो टेस्टी , इतने अच्छे लड्डू तो मैंने पहले कभी नहीं खाये , पापा आप भी लीजिये ना”,अनु ने एक लड्डू उठाकर उनकी तरफ बढ़ाते हुए कहा ! 

“नहीं अनु हमे नहीं चाहिए”,अधिराज जी ने थोड़े रूखे स्वर में कहा !

“क्यों पापा ? आपको तो लड्डू पसंद है न”,अनु ने हैरानी से कहा 

“लड्डू पसंद है , पर जहा से ये आये है वो जगह पसदं नहीं है !! (कहते हुए अपनी जगह से उठ खड़े होते है और अम्बिका की और देखकर कहते है) अम्बिका हम सोने जा रहे है ! “,कहकर अधिराज जी वहा से चले गए !! 

सारिका ने देखा बनारस को लेकर अधिराज जी की नफरत अभी भी कम नहीं हुई है !! 

अनु को भी अजीब लगा पर उसने डिब्बा अम्बिका और अमित की तरफ  बढ़ा दिया ! अमित और अम्बिका ने एक एक लड्डू उठाया और खाने लगे ! सारिका को चुप देखकर अम्बिका ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”अपने पापा की बात का बुरा मत मानियेगा सारिका”

सारिका की आँखों में नमी तैर गयी उसने अम्बिका की और देखते हुए कहा,”अब उनकी कोई बात का बुरा नहीं लगता है , खाना लगा दीजिये बहुत भूख लगी है”

 अम्बिका ने खाना लगा दिया सारिका , अमित आकर बैठ गए ! अनु भी आकर बैठ गयी खाना तो वह पहले ही खा चुकी थी अब तो बस लड्डुओं पर हाथ साफ कर रही थी ! सारिका चुपचाप खाने लगी और अमित अनु और अम्बिका से बाते करता हुआ खाने लगा ! खाना खाकर सारिका अपने कमरे में चली गयी और अमित अनु से बाते करने लगा ! कितने दिनों बाद मिले थे दोनों और फिर एक दूसरे को बताने को लिए बहुत कुछ था दोनों के पास !

घडी में रात के 11 बज रहे थे ! अम्बिका अमित और अनु से जल्दी सोने का कहकर अपने रूम में चली गयी ! अनु और अमित दोनों सोफे पर आमने सामने बैठे थे अनु ने पास पड़ा कुशन उठाकर उसकी और फेककर कहा,”अब खुद से बताओगे या मुहूर्त निकलवाउ तुम्हारे लिए !! 

“क्या बताना है ?”,अमित ने हैरानी से कहा !

“यही की सारिका दी को कैसे पटाया और वो मान कैसे गयी शादी के लिए ?”,अनु ने सोफे पर आलथी पालथी मारकर बैठते हुए कहा ! 

अमित मुस्कुराया और कहा,”मैं उसे पसंद करता हु ! ये पटाने वटाने जैसी छिछोरी बाते मत करो”

“अच्छा बाबा ठीक है पर ये सब हुआ कब ? कैसे ? मुझे कभी क्यों नहीं बताया ?”,अनु ने घूरकर देखते हुए कहा !! 

“अच्छा सुनो सारिका को मैं तबसे पसंद करता हु जब वो और मैं 10 की बोर्ड में साथ साथ थे ! बस वही से मेरा प्यार जगा बस उसे कह नहीं पाया कभी फिर मैं पढ़ने के लिए यहाँ से मुंबई चला गया फिर वहा से न्यूयॉर्क ! चार साल पहले ही मैंने सारिका को तुम्हारी कजिन की शादी में फिर देखा था बस तब वो मुझे भा गयी मैंने मोम को बताया उन्होंने पापा को देंन मेरे पापा ने तुम्हारे पापा से बात की पर सारिका ने मना कर दिया ! बस तबसे उसकी हाँ का इंतजार कर रहा था एंड फाइनली उसने हां कह दी !!”

“वॉव अमित तुम और प्यार , मुझे तो यकीं नहीं हो रहा डूड”,अनु ने तकिया सर के निचे लगाकर सोफे पर लेटते हुए कहा 

“पहले मुझे भी नहीं हुआ था , बट जब अंकल ने बताया की सारिका ने हाँ कह दी है , तुम यकीं नहीं करोगी उस वक्त मैं न्यूयॉर्क में था और वहा से मैं सीधा सारिका को लेने जा पहुंचा ! एंड देन आई रियलाइज की मैं उस से कितना प्यार करता हु !”,अमित ने ख़ुशी से भरकर कहा ! 

“हाय क्या लव स्टोरी है ? बिल्कुल बोरिंग इसमें ना कोई थ्रिल है ना ही कोई फन”,अनु ने मुंह बनाकर कहा 

“अच्छा बेटा , जब तुझे किसी से प्यार होगा ना तब समझ आएगा ये सब”,अमित ने भी अपने सोफे पर लेटते हुए कहा 

“ओह्ह प्लीज़ मुझे नहीं पड़ना ये प्यार वयार के चक्कर में , मैं ऐसे ही ठीक हु”,अनु ने कहा 

“अच्छा वो तुम्हारे यूनिवर्सिटी वाले बन्दे का क्या हुआ ? जिसके साथ लास्ट ईयर बहुत घूमी हो तुम”,अमित ने शरारत से मुस्कुराते हुए कहा 

“सशशशशश पागल है क्या धीरे बोल पापा ने सुन लिया न तो पंगा हो जाएगा , उसके चक्कर में ही तो बैक लगी है !”,अनु ने अमित के मुंह पर तकिया फेंकते हुए कहा 

‘अरे तुम तो डर गयी !!”,अमित ने उसे छेड़ते हुए कहा 

“डरती तो मैं अपने बाप से भी नहीं”,अनु ने इतरा कर कहा 

“अच्छा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, अंकल अनु आपसे कुछ बात करना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अमित ने जोर से कहा लेकिंन आगे कुछ बोल पता इस से पहले ही आकर अनु ने उसका मुंह बंद करते हुए कहा,”तू सच में पागल है !! ऐसे कौन करता है यार ?

अमित ने अपने मुंह से उसका हाथ हटाया और कहा,”मैं करता हु अब सच सच बता क्या बात हुई उस बन्दे के साथ “

अनु वही अमित के पास बैठ गयी और कहने लगी,”हम अच्छे दोस्त थे , साथ घूमना , डिनर करना , क्लास साथ लेना , मैं उस से अपनी हर प्रोब्लेम शेयर करती थी ! फिर अचानक एक दिन उसने शादी के लिए परपोज़ कर दिया ,, शादी ! मैंने साफ मना कर दिया पापा को पता चलता तो वो तो मेरी जान ही ले लेते , यु नो ना उनको लव मैरिज नहीं पसंद 

इसलिए मै दूर हो गयी”

“ऐसा क्यों किया तूने ?”,अमित ने हैरानी से कहा 

“अरे वो सीरियस हो गया था वैसे भी वो मेरे टाइप का नहीं है”,अनु ने झुंझलाकर कहा 

“मतलब तू सीरियस नहीं थी ?”,अमित अभी भी हैरान था 

“हां नहीं थी”,अनु ने बेपरवाही से कहा 

“तेरा कुछ नहीं हो सकता , पता नहीं जिस से तुझे प्यार होगा वो कैसे झेलेंगा तुझे ?”,अमित ने अनु के सर पर चपत लगाते हुए कहा 

“क्यों नहीं हो सकता ? मेरे नखरे उठाने वाला कोई ना कोई तो होगा ही पापा के बाद”,अनु ने कहा 

“जहा भी होगा तुमसे पहले मुझे मिल जाये तो अच्छा है”,अमित ने कहा 

“वो क्यों ?”,अनु ने असमझ की स्तिथि में कहा 

“वो मिला तो उस से कहूंगा तुझसे कभी ना मिले ! क्योकि तुझे प्यार करने वाला आधा पागल तो पहले से ही होगा बाकि का आधा पागल तू उसे कर देगी”,अमित ने हसते हुए कहा 

“अमित यू ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,जाओ मैं तुमसे बात नहीं करती”,कहकर अनु उठी और पैर पटकते हुए  वहा से चली गयी ! 

“अरे अनु सुनो तो मजाक कर रहा हु बाबा”,अमित ने पीछे से आवाज लगाते हुए कहा लेकिन अनु वहा से चली गयी ! अमित मुस्कुराया और मन ही मन कहा,”फ़िक्र मत करो अनु तुम्हारे लिए दुनिया का बेस्ट लड़का आएगा जो तुम्हारे नखरे भी उठाएगा और तुमसे बहुत प्यार भी करेगा !!”

कुछ देर बाद अमित उठकर गेस्ट रूम में चला गया ! 

ऊपर कमरे में सारिका अपने बिस्तर के एक कोने पर बैठी शिवम् के बारे में सोच रही थी ! सब कितना अच्छा था बनारस में और यहाँ आते ही सारिका को फिर से घुटन महसूस होने लगी ! सब कितनी जल्दी बदल गया जब दिल मजबूर हो गया तो सारिका ने पास पड़ा  अपना फोन उठाया और कांपते हाथो से शिवम् का नंबर डायल किया !

जैसे जैसे रिंग जा रही थी सारिका का दिल उतनी ही  तेजी से धड़क उठता ! रिंग जाती रही पर शिवम् ने फोन नहीं उठाया सारिका ने फोन वापस साइड में रख दिया !! बिस्तर से उठकर वह खिड़की के पास आकर आसमान में चमकते सितारों को देखने लगी ! मन भावनाओ से घिरा था पर सारिका कुछ समझ नहीं पा रही थी ! मन किया जाकर फिर से घाट की उन्ही सीढ़ियों पर जाकर बैठ जाये !

अगली सुबह अमित , अधिराज जी और अम्बिका नाश्ते की टेबल पर बैठे थे ! सारिका और अनु को वहा ना देखकर अमित ने कहा,”आंटी वो दोनों कहा है ?

“अनु तो अभी तक सो रही है और सारिका अपने कमरे में होगी , हम उसे बुलाकर ले आते है”,अम्बिका ने उठते हुए कहा 

“नो आंटी इट्स ओके आप बैठिये , मैं जाकर सारिका को बुला लाता हु”,कहकर अमित उठा और सीढ़ियों की और बढ़ गया !

“अमित हमारी सारिका को बहुत पसंद करता है”,अम्बिका ने अधिराज जी की तरफ देखकर कहा ! 

“अम्बिका हमने सारिका के लिए अमित को चुनकर सही फैसला किया है , देखना एक दिन सारिका को भी हमारे इस फैसले पर नाज होगा”,अधिराज जी ने घमंड के साथ कहा 

अमित सारिका के कमरे के सामने आया दरवाजा खुला हुआ था सारिका पीठ किये बिस्तर पर बैठी थी अमित ने दरवाजा खटखटाया और अंदर आ गया सारिका ने अमित को देखकर अपने हाथ में पकड़ी तस्वीर को साइड में रख दिया और आँखों के किनारो को पोछते हुए कहा,”आप कब आये ?

“बस अभी जब तुम अपने आंसू छुपाने की कोशिश कर रही थी”,अमित ने सारिका के चेहरे की और देखते हुए कहा 

“अमित जी ऐसा कुछ नहीं है वो आँख में कुछ चला गया था बस इसलिए आँखों में पानी आ गया”,सारिका ने झूठ कह दिया 

“सारिका सबसे पहले तो तुम मुझे ये अमित जी बोलना बंद करो , क्या तुम मुझे सिर्फ अमित नहीं बुला सकती ? और दूसरी बात ये की तुम शायद नहीं जानती तुम्हे झूठ बोलना बिल्कुल नहीं आता”,अमित ने सारिका की आँखों में झांकते हुए कहा 

अमित की बात से सारिका खामोश हो गयी अमित ने माहौल को थोड़ा सामान्य करने के लिए कहा,”बैठने के लिए नहीं कहोगी “

“बैठीये ना प्लीज़ !”,सारिका ने सामने पड़ी कुर्सी की और इशारा करते हुए कहा 

“नाइस रूम , पुरे घर से ये कमरा कुछ अलग है”,अमित ने कुर्सी पर बैठते हुए कहा !

“हम्म्म्म इस कमरे में जो सामान है वो सब हमारी माँ का है”,सारिका ने अमित के सामने बिस्तर पर बैठते हुए कहा ! 

“तुम अपनी माँ को बहुत मिस करती हो ना”,अमित ने धीरे से कहा 

सारिका ने रोकने की बहुत कोशिश की पर उसकी आँखों ने उसका साथ नहीं दिया और आँखे भर आयी ! अमित ने देखा तो थोड़ा आगे खिसकर सारिका के हाथो को अपने हाथ में लेकर कहा,”सारिका ! आई नो तुम बहूत स्ट्रांग लड़की हो , पर मैं तुम्हारी आँखों में इस तरह आंसू नहीं देख सकता ! मैं वादा करता हु बी आँखों में कभी आंसू नहीं आने दूंगा !!”

सारिका ख़ामोशी से अमित को देखती रही सारिका का इस तरह देखना अमित को बैचैन कर गया ! उसने सारिका से कहा,”ऐ कही तुम शादी से मुकर तो नहीं जाओगी ना , देखो ऐसा बिल्कुल ना करना वरना मैं अपनी जान दे दूंगा !”

अमित की बात सुनकर सारिका परेशान हो गयी तो अमित हसने लगा और कहा,”अरे बाबा मजाक कर रहा हु , चलो उठो अब निचे नाश्ते के लिए सब तुम्हारा इंतजार कर रहे है ! “

सारिका उठी और जैसे ही जाने को हुई अमित ने उसका हाथ पकड़ कर उसे रोक लिए और कहा,”सारिका वैसे मुझे तुमसे कुछ कहना था”

“जी !! “,सारिका ने पलके झुकाकर कहा 

“ये रंग तुम पर बहुत अच्छा लग रहा है , ब्लू मेरा फेवरेट है”,अमित ने कहा 

“निचे चले”,सारिका ने धीरे से कहा 

“हम्म्म !! “,कहकर अमित सारिका के साथ निचे आ गया !  

“सारिका तुम चलकर बैठो मैं अनु को उठाकर आता हु”,कहकर अमित अनु के कमरे की और बढ़ गया ! 

अनु सो रही थी उसका एक पांव चददर से बाहर था चारो और तकिये थे ! अमित ने जाकर उसके रूम का टीवी ऑन कर दिया और आवाज बढ़ा दी ! अनु ने अपनी दोनों उंगलिया कान में डाल ली ! अमित का प्लान फ़ैल हो गया तो उसने पास रखे ग्लास को उठाया और उसमे रखा सारा पानी अनु पर डाल दिया अनु हड़बड़ाकर उठ गयी और कहा,”सुबह सुबह क्यों मेरी गालिया सुनने पर तुले हो ?”

“मिस अनामिका शर्मा सुबह के 9 बज रहे है , अगर आप अब भी नहीं उठी तो हम आपको छोड़कर मूवी देखने चले जायेंगे”,अमित ने कहा 

“क्या मूवी ?”,मूवी का नाम सुनते ही अनु फटाक से उठकर बैठ गयी ! दो ही शौक थे उसके एक थियेटर में बैठकर फिल्मे देखना दुसरा बाइक चलाना ! उसके उठते ही अमित ने कहा,”नहाकर जल्दी से निचे आ जाओ , मेरे मॉम  डेड आने वाले है “

“वो भी फिल्म देखने जायेंगे , अपने बिच इन बुड्ढ़ो का क्या काम ?”,अनु ने आँखे मसलते हुए कहा 

“मेरी तीखी मिर्ची वो फिल्म देखने नहीं मेरी और सारिका की सगाई की डेट फिक्स करने आ रहे है”,अमित ने कहा 

“तो फिर मेरा क्या काम ?”,कहकर अनु चददर ओढ़कर वापस सो गयी 

अमित ने चददर खींची और कहा,”अरे इकलौती साली हो मेरी , तुम्हारी प्रेजेंस भी तो जरुरी है ना वहा !! चलो अब उठो और नखरे मत करो

 अमित चला गया अनु उठकर बैठ गयी और सोचने लगी,”इतनी बेइजजती से कोई किसी को उठाता है क्या ?”

 इंदौर से मिलो दूर बनारस में -:

शिवम् के घर के आँगन में खटिया पर सोया मुरारी मीठे मीठे सपनो में खोया हुआ था ! दूध सी सफ़ेद लड़की गुलाबी रंग की बनारसी साड़ी में लिपटी , कमर तक आते बाल जिनमे मोगरे के फूलो का गजरा लगाया हुआ है और जिसकी सोंधी सोंधी खुशबू मुरारी को मदहोश किये जा रही है ! कमर मटकाती हुयी वह मुरारी की तरफ ही चली आ रही थी ! मुरारी का दिल ट्रेन के इंजन की तरह धाड़ धाड़  करते हुए कोई मधुर राग छेड़ रहा है !

लड़की करीब आती है मुरारी अपनी ऊँगली के इशारे से उसे अपने पास बुलाता है और फिर वही ऊँगली अपने गाल पर रख देता है ! लड़की शर्माती संकुचाती  मुरारी की और बढ़ती है लड़की जैसे ही अपने होंठो से मुरारी के गाल को छूने वाली होती है !! पानी का एक फवारा आकर उसपर गिरता है हड़बड़ा कर मुरारी उठ बैठता है ! सामने गुस्से से भरी आई हाथ में खाली बाल्टी लिए खड़ी थी ! मुरारी ने सपना देखा था जिसे आई ने पूरा होने से पहले ही तोड़ दिया !  

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