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रांझणा – 45

Ranjhana – 45

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Ranjhana

Ranjhana By Sanjana Kirodiwal

Ranjhana – 45

शिवम के सरप्राइज के आगे अमित का सरप्राइज फीका था l दो वजह थी पहली सारिका के दिल में शिवम् के लिए प्यार और दुसरा शिवम् की सादगी ! सारिका ने हमेशा देखा की शिवम् कभी उसके सामने दिखावा नहीं करता था , जब वह खुश होता तो खुश जाहिर करता , दुखी होता तो दुःख , गुस्सा होता तो सारिका को डांट देता और दर्द में होता तो बयां भी कर देता और शिवम् की यही बातें सारिका को पसंद थी !!

इन कुछ दिनों में शिवम् ने सारिका को जो तकलीफ पहुंचाई उसकी भरपाई वह आज के सरप्राइज से कर चुका था ! सारिका के चेहरे की ख़ुशी बता रही थी उसे शिवम् का सरप्राइज अच्छा लगा ! सारिका को अपनी और देखता पाकर शिवम् ने कहा,”ऐसे मत देखिये ना हमे शर्म आती है”
सारिका मुस्कुरा उठी और दूसरी तरफ देखने लगी !


“आईये केक काटते है”,कहकर शिवम् सारिका का हाथ पकड़कर टेबल की और बढ़ गया सारिका ने अपने बालो को समेटा और क्लिप लगा लिया , शिवम् को सारिका का बालो को यु समेटना अच्छा नहीं लगा उसे सारिका के बाल खुले ही ज्यादा पसंद थे पर उस वक्त उसने अपने दिल को समझा लिया l सारिका ने टेबल पर रखे केक को देखा तो आंखे चमक उठी !

केक ब्रेड क्रीम से बना ना होकर सूजी के हलवे से बना था जिस पर काजू बादाम से सारिका लिखा हुआ था उसने शिवम् की तरफ देखा तो शिवम् ने कहा,”बाहर से खरीदी हुई चीजे हमे वेस्ट ऑफ़ मनी लगती है इसलिए हमने घर पर ही बनाया पूरा एक घंटा लगा सिर्फ इसे बनाने में ! आपकी पसंदीदा डिश जो है”
“कभी कभी आपको समझ पाना हमारे लिए बहुत मुश्किल हो जाता है”,सारिका ने कहा
“हम जो भी है आपके सामने है , अब जल्दी से केक काटिये वरना केक ठंडा हो जाएगा”,शिवम् ने कहा


“पहली बार गर्म केक देखा है”,कहते हुए सारिका ने चाकू से हल्का सा टुकड़ा काटा और शिवम् को खिला दिया ! शिवम् ने भी सारिका को खिलाया तो सारिका ने कहा,”ये बहुत अच्छा बना है” शिवम् मुस्कुरा उठा ! इस रात की एक बात सबसे खूबसूरत ये थी की आज कोई दर्द नहीं था सिर्फ मुस्कराहट थी ! सारिका मुस्कुराते हुए शिवम् को देखे जा रही थी तो शिवम् ने कहा,”अरे आपने अपना तोहफा तो देखा ही नहीं , रुको अभी दिखाते है”


शिवम् ने टेबल के कोने पर रखा छोटा सा बॉक्स उठाया और सारिका की और बढ़ा दिया ! सारिका ने बॉक्स खोलकर देखा उसमे गोल्डन कलर के बहुत ही खूबसूरत ईयररिंग्स थे ! सारिका को वह बहुत पसंद आये उसने शिवम् से शुक्रिया कहा और बॉक्स को वापस टेबल पर रख दिया ! कुछ देर ख़ामोशी के बाद सारिका ने कहा,”आप कुछ पिएंगे ?”
“हम्म्म शेम्पेन , हम लेकर आते है !”,शिवम् ने सधी हुई आवाज में कहा और वहा से किचन की और चला गया


सारिका ने शिवम् को पहले कभी पीते हुए नहीं देखा था पर आज वह सीधा सेम्पेन पीना चाहता है l सारिका के दिल में शिवम् को लेकर एक पल के लिए अविश्वास प्रकट हुआ पर अगले ही पल वह शिवम् के वापस आने का इंतजार करने लगी ! शिवम् कुछ देर बाद अपने हाथ में दो ग्लास ले आया जिसमे गहरे लाल रंग का पीने का पानी था l सारिका के सामने आकर शिवम् ने एक ग्लास उसकी और बढ़ा दिया सारिका ने धड़कते दिल के साथ ग्लास लिया

l शिवम् सारिका की आँखो में देखते हुए पिने लगा और सारिका से भी पिने का इशारा किया l सारिका ने ग्लास होंठो से लगाया और जैसे ही पिया उसके आश्चर्य की सीमा नहीं थी उसने हैरानी से शिवम् की और देखकर कहा,”ये शेम्पेन नहीं है !
“हा जानते है , ये अनार का जूस है ! हमे लड़कियों के साथ पीना पसंद नहीं है और ये भी जानते थे की आपको पीना पसंद नहीं इसलिए बस थोड़ा सा आपको परेशान करने के लिए कहा ये सब”,शिवम् ने मंद मंद मुस्कुराते हुए कहा


“आपको देखकर लगता नहीं आप ऐसे मजाक भी करते है”,सारिका ने शिवम् को प्यार से घूरते हुए कहा
“इसमें सारा दोष हमारी शक्ल का है , हम दिखते ही इतना सीरियस है की हर किसी को ऐसा ही लगता है”,शिवम् ने कहा
“जी नहीं आप इतने बुरे भी नहीं दीखते”,सारिका ने कहा
“मतलब कुछ तो बुरे दिखते है”,शिवम् ने सारिका को परेशान करते हुए कहा
“अरे नहीं , हमने ऐसा कब कहा ?”,सारिका ने कहा


“तो फिर ?”,शिवम् आज सारिका से अपने बारे में जानना चाहता था
“आपसे एक बार मिलने वाला इंसान आपको जिंदगीभर याद रखेगा ऐसे दिखते है आप”,सारिका ने अपनी पलके उठाकर शिवम् की और देखते हुए कहा l सारिका की बात सुनकर शिवम् ने अपने दिल पर हाथ रख लिया ! दोनों एक बार फिर खामोश हो गए l जब साथ होते है तो खामोशियाँ ही उनकी साथी होती है ,

सारिका के सामने आकर शिवम् में भी ज्यादा कुछ बोलने की हिम्मत नहीं होती , वही सारिका उसे शिवम् के साथ एक सुकून महसूस होता जिसे वह खामोश रहकर ही खुद में समेट लिया करती !!
“पार्टी थोड़ी बोरिंग है………….नइ !”,शिवम् ने ख़ामोशी को तोड़ते हुए कहा !
“रुकिए हम म्यूजिक चला देते है , डांस आता है ना आपको ?”,सारिका ने म्यूजिक सिस्टम की और बढ़ते हुए कहा
“डांस का डी भी नहीं आता हमे”,शिवम् ने कहा


“कोई बात नहीं हम सीखा देंगे ! अगर अच्छा नहीं भी किया तो यहाँ हमारे सिवा देखने वाला कौन है ?”,कहते हुए सारिका ने म्यूजिक सिस्टम ऑन कर दिया और शिवम् के पास आई उसने अपना एक हाथ शिवम की और बढ़ाया और दूसरे हाथ से शिवम् का हाथ पकड़कर का अपनी गोरी पतली कमर पर रख दिया ! शिवम् की सख्त उंगलियो ने जब सारिका की कमर को छुआ तो वह अहसास सारिका को अंदर तक छू गया ,

वही सारिका के इतना करीब आकर शिवम् का दिल जोरो से धड़क रहा था और हाथ काँप रहे थे ! शिवम् को उस वक्त इतनी शर्म आ रही थी की वह सारिका की आँखो में भी नहीं देख पा रहा था l सारिका और शिवम् के कदम एक ही धुन पर थिरकने लगे और सारिका शिवम की आँखों में खुद को तलाशने लगी !! इस पल में दोनों की आँखे , सांसे , दिल , दिमाग , ख्याल और अहसास उन दोनों का साथ दे रहे थे और इन सबके अलावा साथ दे रहा था

सिस्टम पर बजता खूबसूरत संगीत , जो इस वक्त शिवम् की भावनाओ को शब्द दे रहा था ! !
“कैसे कहु ? इश्क़ में तेरे कितना हु , बेताब मैं !!
आँखों से आँखे मिला के चुरा लू , तेरे ख्वाब मैं !!
कैसे कहु ? इश्क़ में तेरे कितना हु , बेताब मैं !!
आँखों से आँखे मिला के चुरा लू , तेरे ख्वाब मैं !!


तेरे साये है साथ में , या आज इस जगह तुम हो ओहो …
मैं जो जी रहा हु…………..वजह तूम हो ! वजह तुम हो !!
मैं जो जी रहा हु…………..वजह तूम हो ! वजह तुम हो !!”
दोनों की आँखे जैसे ही मिली सारिका का दिल धड़क उठा वह शिवम् से दूर होकर जाने लगी तो शिवम् ने उसका हाथ पकड़ कर रोक लिया !

सारिका की सांसो का उतार चढाव जारी था , शिवम् ने कुछ कहा नहीं बस सारिका का हाथ पकडे वैसे ही खड़े रहा आज उन आँखों में सारिका के लिए हद से ज्यादा प्यार था ! और उस प्यार को बयां कर रहे थे उस गाने के बोल
“है ये नशा , या है जहर , इस प्यार को हम क्या नाम दे
“है ये नशा , या है जहर , इस प्यार को हम क्या नाम दे
कबसे अधूरी है ये दासता , आजा इसे आज अंजाम दे !!


तुम्हे भूलू कैसे मैं ?…………….मेरी पहली खता तुम हो ओहो ….
मैं जो जी रहा हु…………..वजह तूम हो ! वजह तुम हो !!
मैं जो जी रहा हु…………..वजह तूम हो ! वजह तुम हो !!”
सारिका ने पलटकर शिवम् की तरफ देखा तो शिवम् ने उसका हाथ छोड़ दिया और उसके करीब आकर अपना हाथ सारिका के चेहरे की और बढ़ा दिया l

बदहवासी में सारिका ने अपनी पलके मूंद ली , सांसे धोकनी सी तेज और लरजते होंठ ! शिवम् ने सारिका के बालो में लगे क्लिप को निकाल दिया और अपने होंठो को सारिका के कानो के पास लाकर धीरे से कहा,”आपके बाल खुले ज्यादा अच्छे लगते है”
कहकर शिवम् वहा से बाहर बरामदे में चला आया l सारिका आँखे मूंदे उस अहसास को दिल की गहराईयो को महसूस करने लगी !

आखिर ऐसा क्या था शिवम् में जो सारिका उसके करीब जाने से खुद को रोक नहीं पा रही थी ? शिवम का देखना , उसका छूना , उसका करीब आना , कुछ भी तो बुरा नहीं लगता था सारिका को !! उसकी एक नजर सारिका के दिल की धड़कने बढ़ा देती थी , ये सब उसने कभी किसी और के साथ महसूस नहीं किया था ! जितना सहज वह शिवम् के साथ थी उतना कभी किसी और के साथ नहीं हुई
बिजली की गड़गड़ाहट से सारिका ने अपनी आँखे खोली

शिवम् को अपने सामने ना पाकर उसने इधर उधर देखा पर वह कही नजर नहीं आया l सारिका दौड़कर बाहर आई तो बरामदे में रेलिंग के पास खड़ा शिवम् उसे दिख गया सारिका मुस्कुरा उठी ! शिवम् को वहा ना पाकर उसे लगा जैसे किसी ने उसकी जान ही निकाल ली हो l बाहर ठंडी हवाएं चल रही थी l सारिका शिवम् के पास आई और कहा,”शायद बारिश आने वाली है !”
“आपको बारिश पसंद है ?”,शिवम् ने सारिका की और देखकर कहा


“हाँ बहुत !”,सारिका की आँखों में एक चमक उभरी l
“फिर तो हम आज ऊपर वाले से दुआ करेंगे की आज जमकर बारिश हो”,शिवम् ने तेज आवाज में चिल्लाकर कहा
शिवम् के कहने के कुछ देर बाद ही झमाझम बारिश शुरू हो गयी सारिका का चेहरा ख़ुशी से खिल उठा ! वह बरामदे में खड़ी अपने दोनों हाथो को आगे करके बारिश की उन बूंदो को अपनी गोरी हथेलियों में समेटने लगी ! सारिका उस वक्त बिल्कुल बच्ची लग रही थी शिवम् उसके मासूम चेहरे को देखता रहा

उसे सालो पुरानी सारिका की याद आ गयी !! पानी की बुँदे सारिका के चेहरे पर गिरने से वैसी ही दिखाई दे रही थी जैसे ओस की बुँदे ! शिवम् उस पल को अपनी आँखों में कैद कर लेना चाहता था l उसने देखा सारिका लगातार बारिश में अपने हाथो और चेहरे को भिगो रही है तो शिवम् ने चिंत जताते हुए कहा,”ज्यादा भीगेंगी तो बिमार पड़ जाएँगी !!”
“भीगने दीजिये ना , ऐसी बारिश पहले कभी नहीं हुई”,सारिका ने मासूमियत से पानी को हाथो से उछालते हुए कहा


“ऐसी बारिश तो आपके शहर में अक्सर होती है”,शिवम् ने हैरानी से कहा
“हां पर तब हम इतना खुश नहीं होते और…………………..!!”,सारिका ने शिवम् की तरफ देखा
“और………….?”,शिवम् ने सारिका की आँखों में झांकते हुए कहा
“और हर बारिश में आप भी तो साथ नहीं होते…………..!!”,कहते हुए सारिका ने अपनी पलके झुका ली l
शिवम् रेलिंग के पास आया उसने अपनी हथेलियों में बारिश का पानी जमा किया और सारिका पर उछाल दिया l

सारिका ने देखा तो शिवम् मुस्कुराने लगा सारिका ने भी कुछ पानी लिया और शिवम् पर उछाल दिया बस फिर क्या था दोनों बच्चो की तरह एक दूसरे पर पानी उछालने लगे l कुछ देर बाद बारिश एकदम से बंद हो गयी तो सारिका ने उदास होकर कहा,”बारिश तो बंद हो गयी !!”
“हम्म्म रुको हम देखते है”,कहकर शिवम् सारिका को वही छोड़कर कुछ दूर आया और किसी को फोन लगाया l दूसरी तरफ फ़ोन उठते ही शिवम् ने दबी आवाज में कहा,”अबे बारिश क्यों बंद कर दी ?”


“तुमरी बारिश के चक्कर में हमरी हालत ख़राब हुई पड़ी है , पिछले आधे घंटे से पानी का फंवारा लेकर बैठे है l साला दो पानी के टेंकर ख़त्म कर चुके है ! अब नहीं होगी बारिश”,दूसरी तरफ से मुरारी की आवाज उभरी जो की बरामदे के छज्जे पर बैठकर पानी का फनवारा पकड़े हुए था !
“अरे यार कुछ तो कर”,शिवम् ने कहा
“समय देखे हो रात का 1 बज रहा है अब तुमरे लिए इस वक्त और टेंकर कहा से लाये l हमे नहीं पता अब तुम जानो…………आह्ह छी !”,मुरारी ने छींकते हुए कहा !


शिवम् ने फोन काट दिया और वापस सारिका के पास आकर कहा,”कॉफी ?”
“हां इतनी अच्छी बारिश के बाद कॉफी को भला कौन ना कहेगा ? पर आज हम चाय पिएंगे वो भी आपके हाथो से बनी l आई ने बताया था आप बहुत अच्छी चाय बनाते है”.सारिका ने कहा
“हम्म्म आप बैठिये हम अभी लेकर आते है”,कहकर शिवम् अंदर चला गया और सारिका वही बरामदे में खड़ी रही l अनु और अमित अभी तक लौटे नहीं थे l

सारिका मन ही मन दुआ की के वो लोग देर से ही आये ताकि सारिका को शिवम् के साथ वक्त बिताने का मौका मिले l इंदौर जाने से पहले वह इन सब यादो को अपने साथ लेकर जाना चाहती थी ! शिवम् चाय ले आया और सीढ़ियों पर बैठ गया सारिका भी आकर शिवम् की बगल में बैठ गयी l शिवम् ने चाय का कप सारिका की और बढ़ाते हुए कहा,”आप कबसे चाय पिने लगी ?”


“बनारस से आने के बाद शुरू कर दी , कुछ तो ऐसा होना चाहिए ना जिस से बनारस को याद कर सके ! उसके लिए चाय को बहाना लिया”,सारिका ने चाय का घूंठ भरते हुए कहा


“बनारस को याद रखने के लिए भी क्या बहाने की जरूरत पड़ती है ?”,शिवम् ने सारिका की तरफ देखकर कहा
“नहीं , बनारस अपने आप में एक खूबसूरत मंजर है जो जीते जी कभी हमारी आँखों से दूर नहीं होगा , हाँ मरने के बाद……………!!”,सारिका के आगे बोलने से पहले ही शिवम् ने सारिका के होंठो पर अपनी उंगलिया रखते हुए कहा,”भूलकर भी ये लफ्ज अपने होंठो पर मत लाइयेगा !”
सारिका ने शिवम् की आँखों में देखते हुए कहा,”जानते है बनारस से हमे मिलने वाला सबसे खूबसूरत तोहफा क्या है ?”


शिवम् ने ना में गर्दन हिला दी तो सारिका ने मुस्कुराकर कहा,”आप ! हम्म हम नहीं जानते आपका और हमारा क्या रिश्ता है पर पता नहीं क्यों कभी कभी लगता है जैसे आपके बिना कुछ अधूरा सा है हमारी जिंदगी में !! आपकी दी हुई ये छोटी छोटी खुशिया हमारे लिए बहुत अनमोल है l आज से पहले हम इतना खुश कभी नहीं हुए थे , पर आज से पहले किसी को हमारी याद भी तो नहीं आई थी !! आप हमारे लिए बहुत लकी है शिवम् जबसे आप हमारी जिंदगी में आये सब अच्छा हो रहा है ,,

बनारस का सच भी जान गए , आई बाबा का प्यार मिला , मुरारी जैसा दोस्त मिला , अनु का साथ मिला , अम्बिका माँ का प्यार और सबसे जरुरी हमारे पापा …………… हमारे पापा हमे वापस मिल गए ! “
सारिका की आँखों में नमी तैर गयी शिवम् ने देखा तो उसका हाथ अपने हाथ में लेकर कहा,”आप बहुत प्यार करती है अपने पापा से ?”


“हम्म्म्म”,सारिका ने धीरे से अपना सर हिला दिया
“आपके पापा भी आपसे उतना ही प्यार करते है”,शिवम् ने कहा


“हम उनसे ज्यादा कुछ बोल नहीं पाते लेकिन माँ के जाने के जाने के बाद ऐसा कोई पल नहीं गुजरा जिस पल हमने उन्हें याद ना किया हो l हमारे पापा हमारे हीरो है शिवम् , उन्होंने हमेशा हमारी भलाई सोची बस हम ही नहीं समझ पाए l हमने कभी उनकी कोई बात नहीं मानी पर जब हमने अमित से रिश्ते के लिए हाँ कहा तो जानते हो उन्होंने हमारी सारी गलतिया भुला दी , हमे माफ़ कर दिया और कहा की वो हमे अनु से , अम्बिका माँ से भी ज्यादा चाहते है ,, हम उनका सर हम कभी झुकने नहीं दे सकते”,सारिका ने भारी आवाज में कहा !


“आपसे एक बात पूछे ?”,शिवम् ने सारिका की और देखकर कहा
“हम्म्म्म”
“अमित के साथ क्या आप खुश है ?”,शिवम् ने सारिका की दुखती रग पर हाथ रखते हुए कहा
“नहीं !”,सारिका ने सधी हुई आवाज में कहा पर आँखों में दर्द झलक आया
“तो फिर क्यों कर रही हो ये सगाई ?”,सारिका की आँखों का दर्द शिवम् की आवाज में झलक उठा


“पापा की ख़ुशी के लिए , अमित को हमारे लिए उन्होंने चुना है ! पापा ने आज तक कभी कोई गलत फैसला नहीं लिया शिवम् ये फैसला भी उन्होंने सोचकर ही किया होगा”,सारिका ने कहा
“लेकिन आप तो खुश नहीं हो ना ?”,शिवम् की आवाज में अब भी दर्द था
“पापा की ख़ुशी में ही हमारी ख़ुशी है , कितने सालो के इंतजार के बाद वो हमे फिर से मिले है और इस बार हम उन्हें खोना नहीं चाहते , उनके लिए हम सब एडजस्ट कर लेंगे”,सारिका ने कहा तो उसकी आंख से छलककर आंसू शिवम् के हाथ पर आ गिरा l


“लेकिन ये एडजस्ट क्यों ? आज एडजस्ट किया तो जिंदगीभर करना पड़ेगा l सबके सामने खुश रहने का दिखावा करना पडेगा l”,शिवम् ने कहा
“अपने पापा के चेहरे पर ख़ुशी देखने के लिए हम सब करने को तैयार है l हम अपने पापा से बहुत प्यार करते है शिवम् उनके सिवा अब हमारा कोई नहीं है”,कहकर सारिका ने अपना सर शिवम् के कंधे पर रख दिया और उसके हाथ की बाजु को कसकर थामते हुए कहा,”बस आज की रात हम अपनी जिंदगी अपने तरीके से जी सकते है उसके बाद हम किसी और के हो जायेंगे”


शिवम् का दिल एक बार फिर टूट गया , आज वह यहाँ सारिका को सब सच बताने आया था लेकिन सारिका की बाते सुनकर अब बार फिर उसने अपने जज्बातो को रोक लिया l “सारिका अपने पापा को बहुत चाहती है आज अगर शिवम उसे अपना सच बता भी दे तो वह अपने साथ साथ सारिका को भी तकलीफ पहुंचाएगा”,शिवम् ने मन ही मन सोचा और फिर सारिका की और देखकर खुद से कहा,”ये राज मेरे साथ वापस बनारस चला जाये तो बेहतर होगा l

सारिका को दुःख पहुंचाकर हम कभी खुश नहीं रह सकते” शिवम् की आँखों में आंसू छलक आये उसने दूसरी तरफ देखकर अपने आंसू पोछे और एक ठंडी साँस लेकर मन ही मन कहा,”सही कहा सारिका ने बस आज की रात है हमारे पास उसके बाद सब बदल जाएगा l क्यों ना आखरी बार इस वक्त को अपनी मोहब्बत के साथ जी लू”
शिवम् ने सारिका के हाथ पर अपने हाथ की पकड़ मजबूत कर ली l शिवम् के कंधे पर सर रखे सारिका को कब नींद आई कुछ पता ही नहीं चला l वह बस सारिका का हाथ थामे वही बैठा रहा l

सारिका के हलचल ना करने पर शिवम् को अहसास हुआ की सारिका सो चुकी है l उसने आहिस्ता से सारिका को अपनी गोद में उठाया और अंदर आ गया l सारिका के कमरे में आकर शिवम् ने सारिका को बेड पर लेटाया , तकिया उठाकर आहिस्ता से सारिका के सर के निचे तकिया लगा दिया l चददर ओढ़ाकर शिवम् जाने लगा तो दरवाजे पर उसके कदम रुक गए वह वापस पलटा उसकी आंखे आंसुओ से भरी हुई थी इतनी मुस्किलो के बाद भी वह अपनी मोहब्बत को पा नहीं सका l

उसने अपने आंसू पोछे और सारिका के पास आकर घुटनो के बल बैठ गया उसने सारिका के चेहरे को देखा और फिर अपने होंठो से सारिका के सर को हलके से चुम लिया !!
शिवम् उठा और तेजी से बाहर निकल गया ! शिवम् को घर से बाहर जाते देखकर मुरारी छज्जे से निचे कूदा और शिवम् के पीछे आकर कहा,”का भैया बता दिए भाभी को सब सच ?


शिवम् चलते चलते रुक गया और मुरारी की तरफ देखकर कहा,”सारिका अपने पापा से बहुत प्यार करती है”
“तो करने दो , तुम अपनी बात कहे की नाही ?”,मुरारी ने परेशानी से कहा
“अपने पापा को फिर से पाकर उह बहुत खुश है”,शिवम् ने कहा
“उह सब बाद में पहले इह बताओ तुम सारिका को सच बताये की नहीं ?”,मुरारी ने शिवम् के दोनों बाजु पकड़कर कहा
“अपने पापा के लिए वो कुछ भी कर सकती है”,शिवम् ने उसी लय में कहा


“अरे हम तुमसे कछु पूछ रहे है ? तुम हर बात में पापा को काहे घुसाय रहे हो ?”,मुरारी ने झुँझलाकर कहा !
शिवम् ने कुछ नहीं कहा और मुरारी के गले लगकर सिसक उठा l मुरारी ने शिवम् को गले लगाए रखा शिवम् की कही बाते मुरारी को अब समझ आ रही थी शिवम् को लेकर वह घर आ गया l शिवम् बालकनी में खड़ा समंदर को देखता रहा l मुरारी को इस वक्त शिवम् से कुछ पूछना सही नहीं लगा l

अगली सुबह शिवम् उठा और नहाने चला गया l मुरारी शिवम् और सारिका को मिलाने के बारे में सोचकर परेशान हो रहा था तभी उसने खिड़की से देखा सारिका आ रही थी l यही सही मौका है सोचकर मुरारी पलटा और कमरे में आया उसने शिवम् का बैग उठाया और उसमे से सारा सामान बिस्तर पर उड़ेल दिया सामान को इधर उधर बिखेर कर मुरारी उसमे कुछ ढूंढने लगा , डायरी पर नजर पड़ते ही मुरारी की आँखे चमक उठी

उसने डायरी उठायी और लेकर बाहर आया उसने डायरी को वही पास पड़ी टेबल पर खोलकर रख दिया और हाथ जोड़कर मन ही मन कहा,”अब तो तुम्ही इन दोनों को मिला सकते हो महादेव ! बस कैसे भी करके सारिका जी इह डायरी को देख ले”
कुछ देर बाद डोरबैल बजी मुरारी ने दरवाजा खोला सामने सारिका थी मुरारी को देखकर सारिका ने कहा,”अच्छा हुआ आप मिल गए , हम आपको और शिवम् जी को इन्वाइट करने आये है अपने साथ इंदौर चलने के लिए l “


“आप बाहर काहे खड़ी है अंदर आईये ना , शिवम् भैया नहाय रहे है l आप बैठो तब तक हम आपके लिए कड़क सी कॉफी लेकर आते है”,कहते हुए मुरारी सारिका के साथ अंदर आ गया ! सारिका अंदर आई और शिवम् का इंतजार करने लगी तभी उसकी नजर सामने टेबल पर रखी डायरी पर पड़ी जिसके पन्ने हवा से फड़फड़ा रहे थे ! सारिका उस डायरी की तरफ बढ़ी उसने डायरी उठायी और देखने लगी l किचन से मुरारी सब देख रहा था उसने मन ही मन महादेव को धन्यवाद दिया और सारिका के लिए कॉफी बनाने लगा l

सारिका ने जब डायरी में लिखी वो नज्मे पढ़ी तो उसका दिल धड़कने लगा l उसने डायरी का पहला पन्ना देखा जिसपर लिखा था “रांझणा” , उसकी आँखों से आंसू बहने लगे थे l 14 सालो से वह जिसे पागलो की तरह ढूंढ रही थी वह उसके साथ था l पर दोनो में से कौन ? मुरारी या शिवम् ? सारिका एक एक करके डायरी के पन्ने पलटती गयी l उसका गला रुंध गया , आँखे रुकने का नाम नहीं ले रही थी और दिल ख़ामोशी से चीख रहा था !
“अरे इतनी सुबह आप यहाँ ?”,शिवम् ने सारिका को देखकर कहा


सारिका शिवम् की और पलटी सारिका के हाथ में डायरी देखकर शिवम् ने उसके हाथ से डायरी छीनकर कहा,”ये आपको कहा से मिली ?”
“कौन है आप ?”,सारिका ने दर्दभरी आवाज में शिवम् से पूछा l
“ये कैसा सवाल है ?”,शिवम् ने हैरानी से कहा
“कौन है आप ? ये जो डायरी आपके हाथ में है ये सालो पहले किसी के लिए हमने बनारस के मंदिर में छोड़ी थी , ये आपके पास कैसे आई ? सच सच बताईये कौन है आप ?”,सारिका ने रोते हुए कहा


सारिका की बातो को नजरअंदाज करके शिवम् वहा से जाने लगा तो सारिका ने उसे रोककर उसका कॉलर पकड़कर कहा,”आप बताते क्यों नहीं ?” (चीख़ पड़ी सारिका ) मुरारी भी बाहर आ गया और ख़ामोशी से देखने लगा l कॉलर पकड़ने की वजह से शिवम् कीशर्ट के दो बटन टूट गए और गले में पहना वो लॉकेट बाहर झूलने लगा l सारिका की नजर उस पर पड़ी तो उसने शिवम से कहा,”ये ये आपके पास कहा से आया ?


शिवम् अब भी खामोश था , शिवम् को खामोश देखकर सारिका ने उसे खुद से दूर धक्का देकर चिल्लाते हुए कहा,”आखिर आप बताते क्यों नही आप कौन है ?
शिवम् ने एक ठंडी साँस भरी और कहा – शिवा

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संजना किरोड़ीवाल

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