Sanjana Kirodiwal

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रांझणा – 34

Ranjhana – 34

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Ranjhana – 34

सारिका के ऑफिस में मुरारी की अनामिका से दुसरी मुलाकात थी , या यूं कहें दूसरी झड़प थी l सारिका ने अनु को शांत किया और काका के साथ घर जाने को कहा l साथ ही सारिका ने अनु को मुरारी से माफी मांगने को कहा जो कि नीचे शिवम के साथ खड़ा था l अनु ने बैग्स काका को थमाए ओर खुद अपना पर्स उठाये नीचे आ गयी l मुरारी सामने ही खड़ा था अनु उसके सामने आई और खड़ी होकर उसे घूरने लगी l मुरारी भी कहा डरने वाला था बदले में वो भी घूरने लगा l

अनु को उसका यू घुरना अच्छा नही लगा वह मुरारी के करीब आई इतना कि मुरारी की धड़कने बढा दी l अनु ने उसकी आंखो में देखते हुए कहा,”सोररी चिरकुट !!
कहकर अनु अदा से पलटी उसके मैग्गी वाले बाल जाकर मुरारी की आंख में लगे l अपनी आंखें सम्हाल पाता इस से पहले ही अनु ने अपने पैर से उसके पैर पर दे मारी


“अरे भैया मार डाला चुड़ैल ने”,चिल्लाते हुए अपने पांव को सम्हाला l
दूर से आती सारिका ने देख लिया तो चिल्लाकर कहा,”अनु !!
”बाय दी शाम को मिलते है “,कहकर अनु गाड़ी की ओर भागी ओर काका से चलने को कहा l

सारिका मुरारी के पास आई और कहा ,”मुरारी आप ठीक हो ना ? वो अनु की तरफ से हम माफी मांगते है !! “
“अरे नही सारिका जी , आप क्यों माफी मांग रही है l हम ठीक है”,मुरारी ने अपनी आंखें मसलते हुए कहा
सारिका ने वही पास पड़ी बेंच पर मुरारी को बैठाया ओर सामने खड़े गार्ड से पानी लाने को कहा l

गार्ड पानी ले आया तो सरिका ने बोतल मुरारी की ओर बढ़ा दिया l मुरारी अपनी आंख धोने लगा l सारिका शिवम के पास आई और कहा,”यहां आने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया l पर आप खाली हाथ आये है ,, आपके बैग ?”


“आया तो खाली हाथ हु पर आपको लेकर जाऊंगा”,शिवम ने मन ही मन कहा ओर फिर बोला,”बैग वहां सामने रखे है”
“आई बाबा कैसे है ? “,सारिका ने पूछा
“ठीक है आपको याद कर रहे थे ?”,शिवम ने कहा
“हमने भी उन्हें बहुत याद किया , राधिका को भी ओर…….!!”,कहते कहते सरिका शिवम की आंखो में देखने लगी
“ओर ? “,शिवम ने सारिका की आंखो में झांकते हुए कहा l


“ओर ? आई थिंक हमे चलना चाहिए !”,सारिका ने बात बदलते हुए कहा
“हम्म्म्म जी , हम समान ले आते है”,शिवम ने कहा और सामने की तरफ बढ़ गया l तब तक सारिका पार्किंग से गाड़ी निकाल ले आई l मुरारी आकर आगे बैठ गया और शिवम सामान के साथ पीछे l सारिका ने गाड़ी आगे बढ़ा दी l तीनो खामोश थे आखिर बोले तो क्या बोले ! आखिरकार सारिका ने ही कहा,”मुरारी वो हमारी बहन थोड़ी शरारती ओर जिद्दी किस्म की है ,यहां मुम्बई पढ़ने आई है l प्लीज़ हो सके तो ऊसकी बातों को दिल पर मत लेना !!”


“उ की बाते दिल पर नही सीधी दिमाग पर लगती हैं”,मुरारी ने मन मन गुस्से से कहा l
“मुरारी वो पापा की लाडली है ना इसलिए ठहराव थोड़ा कम है उसमें , वैसे दिल की बुरी नही हैं”,सारिका ने मुरारी को खामोश देखकर कहा
“दिल क्या दिमाग क्या शक्ल अकल हर जगह से बुरी है वो , पहली मुलाकात में इतनी बदतमीजी , तुमरे पापाजी नही झेल पाए होंगे इसलिए उसको तुमरी जान खाने यहां भेज दिया और हमरी जान भी !!!”,मुरारी ने मन ही मन कहा l


“लगता है आप हमसे अभी भी नाराज है , है ना ?”,सारिका ने अपनी बात पर जोर देकर कहा तो मुरारी की तन्द्रा टूटी उसने सारिका की ओर देखकर कहा,”अरे नही नही आपसे नाराज होना मतलब अपने महादेव से नाराज होना l”
शिवम खामोशी से पीछे बैठा सोच रहा था,”कमीने भाभी है तेरी कमसे कम यहां तो मक्खन मत लगा”


मुरारी शिवम की मन की बात कभी कभी महसूस कर लेता था इसलिए उसने गाड़ी में लगा मिरर घुमा दिया जिससे पीछे बैठे शिवम को सारिका का चेहरा बिना किसी परेशानी के दिख सके l शिवमने देखा तो मुस्कुरा उठा और फिर नजर शीशे पर जमा ली ll

“शिवम जी , आप लोग इतनी दूर से आये हो थक गए होंगे इसलिए अभी घर चल रहे है , वहां आप आराम कर लीजिएगा , आफिस का काम हम आपको कल समझा देंगे !!”,सारिका ने गाड़ी चलाते हुए कहा
“जी कोई बात नही “,शिवम ने धीरे से कहा
“क्या हम आपके घर जा रहे है ?”,मुरारी ने पूछा l
“हमारे घर नही , वो हमारी दोस्त का घर है पर अपना ही समझिए “,सारिका ने झिझकते हुए कहा l


“अच्छा हुआ आपके घर तो वो होगी न , हमे देखते ही झपट पड़ेगी उ “,मुरारी ने मुंह बनाकर कहा तो सारिका ने मुरारी की ओर देखा मुरारी झेंप गया और अपनी झेंप मिटाने के लिए कहा,”वो हमारा मतलब अच्छी है वो भी पर आप उस से ज्यादा अच्छी है”

सारिका मुस्कुरा दी और फिर रास्ते भर मुरारी से बतियाती रही शिवम बस मुस्कुराते हुए सारिका को सुनता रहा l उसकी आवाज वह अपने दिल तक महसूस जो करना चाहता था l l

सारिका ने गाड़ी रश्मि के घर के सामने लाकर रोकी l गाड़ी से उतरकर तीनो घर के दरवाजे के सामने आए सारिका ने बेल बजाई कुछ देर बाद रश्मि ने दरवाजा खोला सारिका के साथ शिवम को मुरारी को देखकर रश्मि चोंक गयी उसके कुछ पूछने से पहले ही सारिका ने कहा,”अंदर चलो सब बताते है !!
चारो अंदर आये सारिका ने मुरारी ओर शिवम से सोफे पर बैठने को कहा ओर खूद रश्मि को लेकर अंदर कमरे में आई l
“सारिका ये दोनों कौन है ?”,रश्मि ने कमरे में आते ही सवाल किया


“हमने बताया था ना बनारस में हम किसी दोस्त के घर रुके थे ये दोनो वही है l इन्हें हमने ही यहां बुलाया है नोकरी के लिए l रश्मि दो दिन इन्हें यहां रुकने दो तब तक हम इनके रहने की व्यवस्था कर देंगे l “,सारिका ने कहा l
“सारिका पागल हो गयी है क्या ? दो अनजान लड़को को अपने घर कैसे रख सकती हूं यार मम्मी पापा भी नही है”,रश्मि ने हैरानी से कहा


“अंकल आंटी नही है तभी तो बोल रहे है l प्लीज़ तू तो जानती है ना मुम्बई के खर्चे ओर इस वक्त ये दोनों मेहमान है इन्हें होटल में रखना अच्छा नही लगेगा l ओर अपने घर ले जा नही सकते यु नो अनु है वहा”,सारिका में मजबूरी जताते हुए कहा
“अनु नाम मत लो तुम उस बदतमीज लड़की का ! जानती हो क्या क्या किया आज उसने ?”,रश्मि ने कहा l
“वो सब हम बाद में फुरसत से सुनेंगे l प्लीज़ अभी के लिए मान जाओ “,सारिका ने कहा
“बट सारिका वो दोनो लड़के है”,रश्मि ने कहा


“रश्मि फिक्र मत करो हमे इन दोनों पर भरोसा है ये ऐसा कुछ नही करेंगे जिस से तुम्हे या तुम्हारे सम्मान को ठेस पहुंचे “,सारिका ने विश्वास के साथ कहा l
“अच्छा ठीक है पर सिर्फ दो दिन हा”,रश्मि ने कहा
“थेँकयू रश्मि !”,कहकर सारिका ने रश्मि को गले लगा लिया l


दोनो बाहर आई शिवम ओर मुरारी खामोशी से बैठे थे l सारिका ने दोनो को रश्मि से मिलवाया ओर जैसे ही सारिका ने रश्मि को मुरारी का परिचय दिया रश्मि ने खुशी से उछलते हुए कहा,”तुम हो मुरारी ?
रश्मि के मुंह से अपना नाम सुनकर मुरारी चौक गया और सोफे से उठते हुए कहा,”जी हम ही है
रश्मि आगे बढ़ी ओर मुरारी को गले लगाकर कहा,”नाइस टू मीट यु यार , जबसे सारिका से आपके बारे में सुना है मैं तो फैन हो गयी थी आपकी ‘”


मुरारी को यकीन नही हुआ कोई लडक़ी उसे गले लगाए खड़ी है l शिवम ओर सारिका भी हैरान थे सारिका ने देखा तो उसने रश्मि को खींचकर मुरारी से दूर करते हुए कहा,”रश्मि मेहमान है वो दो दिन यही रहेंगे , आराम से बातें करना !”
“महादेव ये सपना है या सच !”,मुरारी मन ही मन सोच रहा था l


“शिवम जी हम चलते है , रश्मि हमारी बहुत अच्छी दोस्त है सो इसे अपना ही घर समझिए बी कम्फर्टेबल ! शाम को खाने पर मिलते है हम गाड़ी भेज देंगे !!”,सारिका ने शिवम के सामने आकर कहा
“जी !”,शिवम ने कहा l

सारिका वहां से चली गयी l रश्मि मुरारी ओर शिवम को गेस्ट रूम में ले गयी l उन्हें कमरा दिखाकर खुद किचन में आ गयी और कामवाली से उनके लिए खाना बनाने को कहा l किचन से आकर रश्मि सोफे पर बैठकर टीवी देखने लगी l

कमरे में आकर शिवम नहाने चला गया और मुरारी बिस्तर पर लेटकर रश्मि के बारे में सोचने लगा और बड़बड़ाने लगा ,”इह सब का है महादेव ? पहले लडकिया हमसे दूर ही रहती थी और अबहे आकर डायरेक्ट गले ! इह बम्बई का असर है या हमरी किस्मत में कुछ भौकाल लिख दिए हो l सच बताये तो जब उह आकर हमरे गले लगी तो कोनों फील ना हुआ पर अच्छा लगा l वैसे लड़की इतनी भी बुरी न है उह चुड़ैल से तो ठीक है l चलो करते है इनको इम्प्रेस का पता हमारी किस्मत में ए ही लिखी हो “

शिवम नहाकर बाहर आया तो मुरारी चला गया l शिवम ने बैग से कपड़े निकाले ओर पहन लिए बेग की एक पॉकेट में सारिका का वह लॉकेट भी रखा हुआ था शिवम ने उसे भी गले मे पहना ओर शर्ट के बटन बन्द कर लिए l

शिवम तैयार होकर सारिका के बारे में सोचने लगा यहां वह सारिका को सच्चाई बताने आया था लेकिन जब फोन पर अमित का मैसेज देखा तो परेशान हो गया l अमित के दिल मे भी सारिका के लिए जो फीलिंग्स थी वह सच थी और शिवम किसी का दिल दुखाना नही चाहता था !!

“इतना गहराई में जाकर का सोच रहे हो भैया ?”,मुरारी ने सर पोछते हुए कहा l
“सारिका के बारे में सोच रहे है मुरारी हम जितना सोचे थे उतना आसान नही है इह सब”,शिवम ने कहा
“का आसान नही है भैया ? हम तो कहते है सारिका जी से कहो ओर ले चलो उनको अपने साथ l का समझे ? “,मुरारी ने शिवम के पास बैठते हुए कहा l


“ऐसे कैसे मुरारी ? वो हमसे प्यार काहे करेगी वो उह बचपन वाले शिवा से प्यार करती थी और अब उनकी जिंदगी में अमित है l “,शिवम ने उदास होकर कहा
“तो तुम बता दो का करे ? अमित को उठवा ले ?”,मुरारी ने रौब से कहा
“नही मुरारी ! सारिका के दिल मे अपने लिए प्यार फिर से जगाना होगा रांझणा बनकर नही बल्कि बनारस का शिवम बनकर !”,शिवम ने कहा
“वो कैसे ?”,मुरारी ने हैरानी से पूछा


“उनके साथ रहकर ! इतना प्यार भर देंगे उनके दिल मे की वो हमारे अलावा किसी ओर के बारे में सोच भी ना पाएगी ll उनको उनका रांझणा ओर हमे हमारी मेडम जी जरूर मिलेगी !!” ,शिवम ने विश्वास से कहा
“जे बात भैया !”,मुरारी ने समर्थन किया
“पर इसके लिए सारिका की सगाई तक हमे यही रुकना होगा मुम्बई में”,शिवम ने मुरारी की तरफ देखकर कहा l


“अरे भैया कोई ना आपके लिए कुछ भी , बाकी सह लेंगे थोड़ा l का”,कहकर मुरारी उठा और शीशे के सामने जाकर परफ्यूम लगाने लगा l उसे सजता सँवरता देखकर शिवम ने कहा ,”क्या मुरारी इतना तैयार किसलिए ? सारिका जी ने घर शाम को बुलाया है”
“अरे भैया ! तुम नही समझोगे !”,मुरारी ने शर्माते हुए कहा l
“कुछ तो है जो मुरारी छुपा रहा है , देखते है क्या ?”,शिवम ने मन ही मन सोचा l

“साहब खाना लगा दिया है रश्मि दीदी आप दोनो को बाहर बुला रही है”,घर की मेड ने आकर कहा l

रश्मि नाम सुनते ही मुरारी के चेहरे पर स्माइल आ गयी जिसे शिवम ने देख लिया दोनो बाहर आ गए l शिवम कुर्सी पर बैठ गया लेकिन मुरारी रश्मि से कुछ ही दूर खड़ा स्टाइल मारने के लिए अदा के साथ शर्ट की बाजू मोड़ने लगा l कभी कॉलर ऊपर कर ली रश्मि ने देखा तो मुस्कुराते हुए कहा ,”अरे मुरारी भैया बैठिये ना , आज का खाना स्पेशली आपके लिए ही बना है”

“भैया !!”,ये नाम सुनते ही मुरारी पर जैसे कोई बम आ गिरा हो l बेचारा रश्मि को इम्प्रेस करने चला था भैया नाम सुनकर खुद ही डिप्रेस हो गया l उसने शर्ट की कॉलर वापस नीचे कर ली और बाजु भी सीधी करके चुपचाप कुर्सी पर बैठ गया l शिवम् को मन ही मन बहुत हंसी आ रही थी मुरारी की हालत पर l मुरारी बेचारा मन ही मन खुद को कोस रहा रहा था कहा शादी के सपने देखने चला था और कहा भैया बन गया l किस्मत ही ख़राब थी बेचारे की l


“मैंने अपने बॉयफ्रेंड को बताया था आपके बारे में तो उसने कहा वो भी आपसे मिलना चाहता है , क्या है न वो मुझे लेकर बहुत केयरलेस है तो थोड़ा उसको अपनी भाषा में डोज देना”,रश्मि ने मुरारी की प्लेट में चावल परोसते हुए कहा


मुरारी बेचारा हां में गर्दन हिलाते हुए खाता रहा और सोचता रहा ,”एक ही तो लड़की पटने वाली थी उह भी सेट निकली ,, तुमरा कछु नहीं हो सकता मुरारी !”
खाना खाकर दोनों वापस कमरे में आ गए l कमरे में आते ही शिवम् जोर जोर से हँसने लगा तो मुरारी ने खीजते हुए कहा,”हा हा हस लो तुम्हे तो बहुते मजा आ रहा होगा ना ?

हमारी ना किस्मत ही ख़राब है ससुरी जिस भी लड़की को अपना समझे उह हमे छोड़कर सबकी अपनी होती है l इह सब ना उह चुड़ैल की वजह से हुआ है l सुबह सुबह उसका चेहरा जो देखे थे तबसे साला दिन ही बेकार जा रहा है , हम बताये रहे है उसको तो हम छोड़ेंगे नहीं “
“यार मुरारी एक्को बात बताओ जबसे तुम आये हो बार बार उसी का जिक्र तुमरी जुबान पर होता है , ऐसा काहे ?”,शिवम् ने कहा l


“मत मारी गई है हमरी इसलिए , देखो भैया तुम ना ज्यादा मजे ना लो हमरे”,मुरारी ने गुस्सा दिखाते हूये कहा l
“अरे तो हमपे काहे बिगड रहे हो ? चलो आजाओ टीवी देखते है , मूड ठीक होगा तुमरा”,कहकर शिवम् ने टीवी ऑन किया l टीवी ऑन करके वह चेनल बदलने लगा तभी गाना बजा

  • तू प्यार है किसी और का तुझे चाहता कोई और है !

जैसे ही ये गाना बजा मुरारी ने शिवम् की और देखा और कहा,”अभी अभी मिले जख्म पर ये नमक मिर्च लगाना जरूरी है का ?”
“रुको चैनल चेंज करते है “,कहकर शिवम् ने चेनल चेंज किया गाना बजा ,”अच्छा चलता हूं दुआओ में याद रखना !”
इस बार मुरारी का चेहरा गुस्से से लाल हो उठा l शिवम् ने एक बार फिर चैनल चेंज कर दिया इस बार भी गाना मुरारी को ताने मारने जैसा ही था -: तुम तो ठहरे परदेशी , साथ क्या निभाओगे l l

“भैया एक्को काम करो इह रिमोट हमरे सर पे दे मारो ! ऐसे गाने बजा के काहे हमरा दुःख बढ़ा रहे हो !!”,मुरारी ने रोते हुए कहा l शिवम् ने टीवी बन्द करना ही सही समझा l और आकर मुरारी के पास बैठ गया और उसे प्यार से समझाते हुए कहने लगा l


“देखो मुरारी ऐसा है जिसे तुम हर बार प्यार समझते हो असल में वो प्यार है ही नहीं l हम सबकी जिंदगी में एक खास इंसान आता है जो हमारा हमसफर बनता है l

जिसके लिए बहुत कुछ महसूस करते है बहुते खास जो किसी और के लिए कभी महसूस नही ना होता l हमारे लबो पर हर वक्त उसका ही जिक्र होता है , ख़ुशी हो या गम हम उसी को याद करते है l जब उह हमारे सामने होती है न तो ये दिल अपनी गति से चार गुना तेज दौड़ने लगता है l और अगर गलती से छू ले ना तो 440 वाल्ट का झटका महसूस होता l अरे जिसके लिए हम पूरी दुनिया से भिड़ जाने को तैयार हो जाये वो है प्यार !! का समझे ?”


“कछु ना समझे ? और तुमरी ये सारी बाते दिमाग के ऊपर से गयी है हमरे l आज से किसी लड़की की तरफ नहीं देखेंगे , आज से सख्त लौंडे बनेंगे “,मुरारी ने विश्वास से भरकर कहा
“बाबु जिस दिन सही लड़की आएगी ना तुम भी पिघल जाओगे”,शिवम् ने उसके गाल खींचते हुए कहा
“अरे कोई आये कोई जाये ये पत्थर पिघलने वाला नही है अब”,कहकर मुरारी उठा और टीवी ऑन करके बैठ गया l

शाम को सारिका ने मीना से 4 लोगो का डिनर बनाने को कहा l “दीदी कोई आ रहां है क्या खाने पर ?”,अनु ने पूछा
“हां हमारे दो खास मेहमान आ रहे है “,कहते हुए सारिका मुस्कुरा उठी l
सारिका ने काका से कहकर गाड़ी रश्मि के घर भेज दी l शिवम् और मुरारी दोनों काका के साथ सारिका के घर आये l शिवम् तो बस सारिका को देखने के लिए बेचैन था l जैसे ही उसने दरवाजे पर आकर बेल बजाई दरवाजा सारिका ने ही खोला l

गहरे हरे रंग का अनारकली सूट पहने सारिका सामने खड़ी थी शिवम् को लगा बस उसका दिल सीने से बाहर आ गिरेगा वह एकटक सारिका को देखता रहा l मुरारी ने कोहनी कमर पर मारी तब अहसास हुआ और शिवम् अपने खयालो से बाहर आया l सारिका दोनों को अंदर ले आई l अंदर आकर दोनों सोफे पर आ बैठे मीना उनके लिए जूस ले आई l
“आपका घर बहुत अच्छा है”,शिवम् ने ग्लास रखते हुए सारिका से कहा l
“चलिये ! जब तक खाना लगता है तब तक आपको घर दिखा देती हूं !”,सारिका ने कहा


शिवम् के पास इस से अच्छा मौका और क्या हो सकता था जब उसे सारिका के साथ अकेले में कुछ वक्त बिताने का मौका मिले l मुरारी भी साथ जाने के लिए उठा लेकिन फिर कुछ सोचकर वापस बैठ गया l शिवम् ने उसे आँखों ही आँखों में थैंक्स कहा और सारिका के साथ वहां से चला गया l मुरारी उदास सा बैठा वहा पड़ी किताब के पन्ने पलट रहा था

किताब देखते देखते मुरारी बोर हो गया तो उठकर बालकनी में आ गया और वहां लगे पौधे देखने लगा l उन्हें देखकर मुरारी का मन कुछ शांत हो गया l मुरारी अभी वहा खड़ा ही था जैसे ही वह पलटा किसी से टकरा गया उसने सामने देखा और हैरानी से कहा,”तुम ? तुम यहाँ क्या कर रही हो ?
“तुम यहां क्या कर रहे हो ?”,अनु ने उल्टा सामने से सवाल किया l
“हम सारिका जी के खास मेहमान है “,मुरारी ने अकड़ के कहा


“खास नहीं बहुत बकवास मेहमान हो”,अनु ने भी अकड़ दिखाई l
“का बकवास कही हमको ? “,मुरारी ने गुस्से से कहा
“अरे नही नहीं बाबु तारीफ की है तुम्हारी और ये कोनसी भाषा में बात करते हो तुम ? इंसान ही हो न “,अनु ने मजाक उड़ाते हुए कहा
“हां अभी तक तो इंसान ही है तुमरे साथ रहे ना तो शैतान बनते देर नहीं लगेगी !! हटो सामने से !’,कहकर मुरारी जाने लगा


अनु को अपनी बेइज्जती कैसे बर्दास्त होती मुरारी जैसे ही जाने लगा उसने अपना पांव बिच में कर दिया ताकि मुरारी गिरे और वो उस पर हँस सके लेकिन वो कहते है ना जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदते है पहले खुद उसमे गिरते है मुरारी जैसे ही गिरने को हुआ उसने अनु को हाथ पकड़ा और उसे भी अपने साथ लेकर नीचे आ गिरा l

अनु उसके ऊपर गिरी तो मुरारी ने कहा,”खाने में का खाती हो ? इतनी भारी हो हड्डी वड्डी टूट जायेगी हमरी”
अनु ने मारने को लिए जैसे ही हाथ उठाया मुरारी ने उसका हाथ पकड़ा और पलटी खाकर अनु को जमीन से लगा दिया और उसकी आँखों में देखते हुए कहा ,”हाथ चलाना हमे भी आता है l कायदे में रो फायदे में रहोगी l का समझी ?”
मुरारी का ने उसके दोनों हाथ जकड के उसे जमीन से लगाया हुआ था l

मुरारी का अनु की आँखों में देखना उसे ना जाने क्यों बैचैन कर रहा था पर अनु तो अनु ठहरी हाथ बंधे है तो क्या पांव तो खाली थे l जमा के एक लात मुरारी के पिछवाड़े पर मारी मुरारी गुलाटी खाता हुआ आगे जा गिरा l अनु फुर्ती से उठी और मुरारी के सामने बैठकर कहा ,”सिर्फ हाथ चलाना सीखा लात चलाना सीखते तो काम आती”

कहकर अनु जैसे ही जाने लगी मुरारी बिजली सी फुर्ती सा उठा और पास पड़ा फुटबाल अनु की और फेंक दिया अनु नीचे झुक गयी बॉल जाकर गार्डन में घूमते शिवम् को लगा जिसे सारिका अपना घर दिखा रही थी l मुरारी ने देखा तो दांतो तले जीभ दबा ली अनु के चक्कर में अपने ही भैया को मार दिया l सारिका ने शिवम को सम्हाला और अंदर ले आई अनु मुरारी पर हंसती हुई अंदर चली गयी l
अंदर आकर अनु को चैन नही था उसे तो बस मुरारी को मजा चखाना था l

सारिका शिवम् और मुरारी के साथ आकर खाने की टेबल पर बैठ गयी l अनुं ने किचन में जाकर खीर के एक प्याले में जुलाब की गोलियां मिला दी और कहा,”बच्चू अब आएगा मजा !”
अनु खीर के कटोरी रखे लाइ और सबके सामने रखे आखरी वाला कटोरा जिसमे बवाल घुला था वह मुरारी के सामने रखे हुए कहा,”खीर आपके लिए ! खाइये ना “
अनु के इस बदले रूप ने मुरारी को शक के घेरे में ला दिया अनु भी प्लेट लेकर खाने बैठ गयी l

जब उसकी नजर दूसरी और थी मुरारी ने चुपके से खीर वाला कटोरा बदल लिया और फिर मजे से खीर खाने लगा l उसे मजे से खाता देखकर अनु ने मन ही मन कहा,”खा बच्चू खा आज रात तुझे सारे टिशू कम पड़ने वाले है “
अनु को अपनी और देखता पाकर मुरारी ने कहा,”अरे आप तो खीर खा ही नही रही , खाइये ना खीर में कुछ मिलाया है क्या ?”
कही सच सामने ना आजाये सोचकर अनु ने खीर खाते हुए कहा,”जी हा मिलाया है ना ढेर सारा प्यार”

मुरारी मुस्कुरा उठा !

खाना खाने के बाद सभी हॉल में आ बैठे और बाते करने लगे कुछ देर बाद शिवम् ने सारिका से जाने की अनुमति मांगी l
सारिका उनको छोड़ने दरवाजे तक आई l सारिका शिवम् से बात कर रही थी इसी बीच अनु ने मुरारी को बुलाकर कहा,”तुमको तुम्हारे विधायक चाचा ने बताया नहीं की किसी के घर जाते है तो खाली हाथ नही जाते”
“अरे तो हम लाये है न”,मुरारी ने कहा


“तो फिर दीजिये”,अनु ने हाथ आगे करके कहा
मुरारी ने टिशू पेपर का डिब्बा अनु के हाथ पर रख दिया l
“ये क्या ? आप टिशू लाये हो “,अनु ने हैरानी से कहा
“हां ये तुमरे बहुते काम आने वाला है”,मुरारी ने रहस्यमयी मुस्कान के साथ कहा और वहां से चला गया l

काका शिवम् और मुरारी को घर छोड़ने चले गए l

अनु टिशू हाथ में पकडे हैरानी से अभी भी मुरारी की कही आखरी बात का मतलब समझने की कोशिश कर रही थी l

बात समझ तब आई जब उसके पेट में गुड़गुड़ शुरू हुई !

दी ……………..!”,चिल्लाते हुए अनु अंदर भागी

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संजना किरोड़ीवाल

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