Sanjana Kirodiwal

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रांझणा – 27 

Ranjhana – 27

Ranjhana

Ranjhana By Sanjana Kirodiwal

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Ranjhana -27

अमित के साथ गाड़ी में बैठी सारिका उदास आँखों से पीछे छूटते बनारस को देख रही थी ! उसे उदास देखकर अमित ने कहा,”सारिका आर यू ओके ?

“हम्म्म !! “,सारिका ने धीरे से कहा 

अमित ने सारिका का हाथ पकड़ा और अपने हाथ के साथ गेयर पर रख लिया ! सारिका ने देखा तो अमित सामने देखते हुए गाड़ी चला रहा था ! उसके चेहरे पर ख़ुशी और होंठो पर मुस्कराहट साफ झलक रही थी ! सारिका खिड़की से बाहर देखने लगी ये हक़ तो अमित को मिल ही चुका था , सारिका अपने दिमाग को ये समझा चुकी थी पर दिल अब भी समझने को तैयार नहीं था !

सारिका की आँखों में आंसू छलक आये एक तरफ अपने रांझणा को खो देने का गम था तो दूसरी तरफ शिवम् जैसे सच्चे दोस्त का दिल दुखाकर उसे बहुत बुरा लग रहा था !! गाड़ी में फैली ख़ामोशी को दूर करने के लिए अमित ने गाना चला दिया ! गाना बजने लगा -: तेरे इश्क़ ने साथिया , मेरा हाल क्या कर दिया !! 

“अमित स्टॉप द म्यूजिक”,सारिका ने तड़पकर कहा 

अमित ने ,मयूजिक के साथ साथ गाड़ी रोककर कहा,”सारिका क्या हुआ ? कल से देख रहा हु तुम काफी अपसेट हो ! कुछ हुआ है तो प्लीज़ बताओ ?”

“अमित क्या पीछे जाकर सो सकती हु प्लीज़ !”,सारिका ने उदासी से कहा 

“हां सारिका तुम्हारी आँखे देखकर लग रहा है तुम रातभर सोइ नहीं हो”,अमित ने कहा 

सारिका जाकर पिछली सीट पर बैठ गयी उसने अपनी आँखे बंद की और सर सीट से लगा लिया ! अमित ने गाड़ी स्टार्ट की और आगे बढ़ा दी ! गाड़ी में लगे मिरर में उसने सारिका का चेहरा देखा और मन ही मन कहा,”हो ना हो सारिका कुछ तो बात है जो तुम्हे बहुत परेशान किये हुए है !”

बनारस को पीछे छोड़कर गाड़ी आगे निकल चुकी थी !  

सारिका के चले जाने से आई और राधिका उदास हो गए ! आज आई का काम में बिल्कुल मन नहीं था सारिका हर वक्त उनके आस पास रहती थी पर आज उसके जाने से ये घर बिल्कुल सूना सूना हो गया था !! कितने सपने देखे थे आई ने उसे और शिवम को लेकर पर सब चूर चूर हो चुके थे ! आई ने इसे महादेव की मर्जी समझकर अपना लिया था ! राधिका अपने कॉलेज चली गयी ! शिवम् अपने कमरे में था और मुरारी उसके साथ !! 

मुरारी कमरे में यहाँ से वहा चक्कर काट रहा था ! उसे शिवम् पर गुस्सा आ रहा था उसने शिवम् को चुप देखकर कहा,”आखिर तुमने उनको रोका काहे नहीं ? बताय काहे नहीं दिया की तुम ही हो जिन्हे ढूंढते हुए वो यहाँ तक आई थी ?”

“किस हक़ से रोकते मुरारी ?”,शिवम् ने आंसुओ से भरी आँखों से मुरारी की और देखकर कहा 

“उसी हक़ से जिस हक़ से उनको इह घर में लाये थे , उसी हक़ से जी हक़ से उह तुमरे दर्द से घबरा उठी , उसी हक़ से जी हक़ से तुम बार बार उसकी परवाह करते रहे ,, 14 साल के इंतजार को काहे जाने दिया !! कम से कम उनको बताय तो देते उसके बाद उनका जो फैसला होता देखते पर तुम तुम तो पहले ही हार मान लिए”,मुरारी ने गुस्से से कहा  

“मुरारी हार नहीं माने है यार पर तू ही सोच का सच में हम उनके लायक है , ना हमारी उनके जितनी हैसियत है ना ही हमारा उनसे कोई मेल है ! कहा वो मुंबई जैसे बड़े शहर की कहा हम बनारस के छोटे से अकाउंटेंट , अमित को देखे ने तुम वो उनको हमसे ज्यादा खुश रखेगा !”,शिवम् ने कहा 

“पगला गए हो ? और इह हैसियत , बड़ा शहर छोटा शहर इह सब कहा से आ गया तुमरे और उनके प्यार के बिच ?”,मुरारी ने शिवम् की बांह पकड़ कर कहा 

“तो गलत का कहा हमने हमरे पास उनको देने के लिए का है , वो ऐशो आराम में पली बढ़ी है मुरारी , आज से पहले शायद ऐसी जगह पर ना रही हो , खाने में इतना सादा खाना नहीं खाया होगा , गाड़ियों से आना जाना कभी पैदल भी नहीं चली होंगी वो !! अमित उसे वो सब सुख सुविधाएं देगा मुरारी , हमारे पास उनको देने के लिए क्या है ?”,शिवम् ने खोये हुए स्वर में कहा 

“तुमरे पास एक खूबसूरत दिल है जो तुम उनको दे सकते हो , ढेर सारा प्यार है जिसमे कोई शर्ते नहीं है , पुरे बनारस का अहसास है जिस से उनका दिल धड़का सकते हो , तुम्हारी आँखों में उनके लिए सम्मान है , उनकी परवाह है और इन सबसे भी बढकर है तुम्हारा इंतजार और तुम्हारा वक्त जो तुमने उनको दिया है !! और इह सब दुनिया की सबसे अनमोल चीजे है भैया !!”,मुरारी ने शिवम् को समझाते हुए कहा !! 

“इन सब बातो का अब कोई मतलब नहीं है मुरारी , सब ख़त्म हो चुका है”,शिवम् ने मुरारी की आँखों में देखते हुए कहा 

“कछु खत्म ना हुआ है भैया , और इह तो शुरुआत है तुमरे और सारिका जी के प्यार की ! अब तक कोई चेहरा नहीं था महज एक अहसास से प्यार था अब तुमरे सामने वो खुद है सोचिये अब आपका प्यार किस अंजाम पहुंचेगा”,मुरारी ने कहा 

“तुम काहे बहस कर रहे हो ? जाओ यहाँ से !”,शिवम् ने गुस्से से झुंझलाकर कहा 

“हां चले जायेंगे ! पर पहले हमरी बात का जवाब दो , सारिका जी से प्यार करते हो की नाही ?”,मुरारी ने सख्त होकर कहा 

“नहीं करते हम किसी से प्यार , अब जाओ यहाँ से”,शिवम् ने चिल्लाकर कहा ! 

मुरारी ने कुछ नहीं कहा और वहा से चला गया ! शिवम् सर पकड़ कर वही बिस्तर पर बैठ गया और कहने लगा,”तुमको अब हम कैसे समझाए मुरारी वो हमरे लिए क्या है ? हमे जताना नहीं आता पर हमरी वजह से हम तुमको परेशान देखना नहीं चाहते !! जानते है माफ़ कर दोगे तुम हमको पर खुद को माफ़ नहीं कर पाएंगे अगर सारिका जी से उनकी खुशिया छीन ली !! अमित उनके लिए सही है ये बात इक दिन तुमको भी समझ आ जाएगी !! “

शिवम् कुछ देर बाद उठा और नहाने चला गया ! तैयार होकर बिना कुछ खाये ही वह कॉलेज के लिए निकल गया !! काफी दिनों बाद शिवम् कॉलेज आया था सबने उसे घेर लिया और उसकी मैडम जी के बारे में पूछने लगे ! प्रिंसिपल मेडम ने अब तक सबको बता जो दिया था ! शिवम् बिना कुछ कहे वहा से निकल कर अपने ऑफिस की तरफ बढ़ गया !

अपने कम्प्यूटर के सामने बैठकर शिवम् काम करने लगा लेकिन उसका काम में बिलकुल ध्यान नहीं था ! कोई भी फाइल खोलता तो सारिका का चेहरा नजर आता झुंझलाकर शिवम् ने फाइल बंद कर दी और सर पर हाथ लगाकर बैठ गया !! 

“शिवम् चाय !”,एक आवाज शिवम् के कानो में उभरी ! 

शिवम् ने देखा उसकी बगल में प्रिंसिपल मेम चाय का कप हाथ में लिए खड़ी है ! शिवम तुरंत उठ खड़ा हुआ तो प्रिंसिपल मेम ने चाय का कप उसकी और बढाकर कहा,”चाय पीकर मेरे ऑफिस में आओ तुमसे कुछ बात करनी है”

“जी !! “,शिवम् ने कहा 

कुछ देर बाद शिवम् उनके केबिन में आया मेम ने शिवम् को बैठने को कहा ! शिवम् उनके सामने पड़ी खाली कुर्सी पर आ बैठा तो मेम ने कहा,”क्या बात है शिवम् ? जबसे तुम आये हो खोये हुए से हो ! कोई परेशानी है तो तुम खुलकर कह सकते हो पिछले एक हफ्ते से तुम कॉलेज भी नहीं आये “

शिवम् कुछ देर खामोश रहा और फिर कहा,”सॉरी मेम वो हम थोडा परेशान थे इसलिए काम में ध्यान नहीं लगा पाए !”

“कोई बात नहीं , अच्छा वो तुम आगरा गए थे अपनी मैडम जी मिलने मुलाकात हुई उनसे”,मेम ने आँखों में चमक भरते हुए कहा 

मैडम जी का नाम सुनकर शिवम् के चेहरे पर फिर से उदासी आ गयी उसने धीरे से कहा,”जी मिला था”

“कैसी है वो ? मेरा मतलब बहुत खूबसूरत होगी ना ? उसे अपने साथ क्यों नहीं लाये यहाँ बनारस ? एक बार वो बनारस आती ना तो जाने का मन नहीं करता उनका”,मेम ने ख़ुशी से भरकर कहा ! 

“हां मेम बहुत खूबसूरत है वो , बनारस भी उनके आगे फीका लगे शायद”,शिवम् ने कहा 

“हमे कब मिलवा रहे हो फिर अपनी मैडम जी से ?”,मेम ने कहा 

“वो हमेशा हमेशा के लिए जा चुकी है मेम , अब शायद आप तो क्या हम भी कभी उनसे ना मिल पाए !! उनकी शादी होने वाली है किसी और से !”,आखरी शब्द कहते हुए शिवम् के चेहरे पर दर्द के भाव उभर आये !

“क्या ? पर तुमने उन्हें बताया तो होगा ना अपने बारे में , तुम जो उनकी नज्मे पढ़ते थे , उन्हें कितना चाहते हो क्या कुछ भी नहीं बताया”,मेम ने हैरानी से कहा शिवम् की बात सुनकर उन्हें यकीन नहीं हुआ ऐसा भी कुछ होगा ! 

“नहीं मेम हमने बताने में देर कर दी शायद !!”,शिवम् ने नजरे झुकाकर कहा 

“पर फिर भी तुम्हे एक बार उनसे कहना चाहिए शिवम् हो सकता है वो तुम्हारी फीलिंग्स समझे”,प्रिंसिपल मेम ने उदासी भरे स्वर में कहा 

“नहीं मेम ये सब बताकर उन्हें परेशान करना नहीं चाहते है ! हमारे लिए उनका खुश रहना बहुत जरुरी है”,शिवम् ने उठते हुए कहा और जाने लगा 

“शिवम् क्या मैं उनकी तस्वीर देख सकती हु ? देखना चाहती हु जिसे तुमने प्यार किया है वो कैसी है ? “,मेम ने कहा 

  “हमारे पास उनकी कोई तस्वीर नहीं है मेम”,शिवम् ने सहजता से कहा 

“वो मिली और उनकी तस्वीर भी नहीं ली तुमने”,मेम ने हैरानी से कहा 

“तस्वीर की जरूरत नहीं है न मेम वो हमारी आँखों में बस चुकी है , कभी देखने का मन होता है तो आइना देख लेते है”,शिवम् ने कहा और चला गया 

शिवम् की बात से मेम निशब्द हो गयी और मन ही मन ही कहा,”आज के जमाने में कोई किसी से इतना प्यार कैसे कर सकता है ? ये जानते हुए भी की वो किसी और की होने वाली है इसके प्यार में कोई कमी नहीं आई “

अपने चेंबर में आकर शिवम् फिर से अपने काम में लग गया ! इस बार उसने सारिका की यादो को खुद पर हावी ना होने दिया और एक हफ्ते का जो बचा काम था सब निपटा दिया ! शिवम् अपनी भूख प्यास सब भूल चुका था वह खुद को ज्यादा से ज्यादा व्यस्त कहना चाहता था ताकि सारिका की याद ना आये ! शाम को कॉलेज से निकलकर शिवम् घर जा रहा था जैसे ही घाट के सामने से गुजरा सहसा ही उसके कदम घाट की और बढ़ गए !

सारिका के बाद एक ये ही जगह तो थी जहा आकर शिवम् को सुकून मिलता था और आज तो मुरारी भी उस से नाराज होकर जा चुका था ! शिवम् घाट पर आया और सबसे नीचे वाली सीढ़ी पर आकर बैठ गया ! वहा बैठे बैठे वो सारे वो सारे पल शिवम् की आँखों के आगे आने लगे जो उसने अब तक सारिका के साथ बिताये थे ! घाट वाला आखरी किस्सा जब याद आया तब होंठो पर मुस्कराहट के साथ साथ उसकी आँखे भी नम हो गयी !

शिवम् पानी के पास झुका और हाथ में पानी लेकर मुंह धोने लगा ! पहली बार पर लिया मुंह धोया पर जैसे ही दूसरी बार पानी में हाथ डाला उसके हाथ में कुछ आया शिवम् ने देखा वो कोई लॉकेट था ! ध्यान से देखने पर पता चला ये वही लॉकेट था जो बचपन में उसने सारिका को दिया था !

शिवम् ने उसे होंठो से लगा लिया और पलटकर महादेव के मंदिर की और देखा और कहा,”शायद महादेव भी नहीं चाहते की हम आपसे जुदा हो इस लॉकेट को उनका संकेत समझे या आपकी आखरी निशानी !! “

शिवम् वापस सीढ़ियों पर बैठ गया और नम आँखों से पानी को निहारता रहा ! वक्त बहुत धीरे धीरे गुजर रहा था शिवम् का दिल किया घाट का पानी आज अपने साथ साथ उसे भी बहा ले जाये पर ये मुमकिन नहीं था !! अँधेरा होने लगा था पर शिवम् को घर जाने की कोई सुध नहीं थी !!

कुछ देर बाद शिवम् उठा और वहा से बाहर निकल आया ! उसकी नजर सामने गाड़ी के बोनट पर बैठे मुरारी पर गयी जो की उसी का इंतजार कर रहा था ! मुरारी को देखते ही शिवम् मुस्कुराते हुए उसकी और बढ़ा ! मुरारी बोनट से निचे उतरा और कहा,”लौट के बुद्धू घर को आये” 

शिवम् ने आगे बढ़कर उसे गले लगा लिया और धीरे से कहा,”सॉरी यार , गुस्से से कह दिया ! पर तू भी पूरा ढीठ है वापस आ गया”

“अरे हम तो तुमरी परछाई है कुछ पल के लिए इधर उधर हो सकते है , पर साथ नहीं छोड़ सकते”,मुरारी ने कहा 

मुरारी ने गाड़ी स्टार्ट की और शिवम् को साथ लेकर आगे बढ़ गया !! शिवम् ने सर सीट से लगा लिया और आँखे मूंद ली अब मन थोड़ा शांत था उसका मुरारी घर ना जाकर गाड़ी ढाबे की तरफ घुमा दी जहा शिवम् और वो सालो पहले अक्सर जाते थे ! मुरारी ने जीप रोकी तो शिवम की नींद टूटी उसने देखा जीप ढाबे के बाहर खड़ी है तो उसने मुरारी से कहा,”यहाँ क्यों ले आया ?”

“मालूम है सुबह से कुछ खाये ना होंगे , अब चलो !!”,मुरारी ने जीप से उतरकर कहा 

शिवम् मुस्कुरा दिया आई के बाद मुरारी ही था जो उसका इतना ख्याल रखता था ! दोनों आकर बैठे मुरारी को देखते ही ढाबे का छोटू दौड़ा चला आया मुरारी ने कहा,”छोटू ! कैसा है ?

“ठीक है भैया , तुम बड़े दिनों बाद आये ,, का कोई मिल गयी थी का ?”,छोटू ने शरारत से मुस्कुराते हुए कहा 

“अरे हमरी किस्मत अच्छी है जो हम ऐसे लफड़े में ना पड़े वरना आशिक़ की हालत ऐसी हो जाती है”,मुरारी ने शिवम् की और इशारा करके कहा जो कही और ही खोया हुआ था ! 

“भैया को का हुआ ?”,छोटू ने शिवम् को देखते हुए कहा 

“छोटू तुम न समझी हो इह सब जाओ जाकर खाना लाओ”,मुरारी ने कुर्सी पर पसरते हुए कहा 

“5 मिनिट बाद लगाएंगे”,छोटू ने कहा 

“काहे ? 5 मिनिट काहे ?”,मुरारी ने हैरानी से कहा शिवम् बस दोनों को ख़ामोशी से देख रहा था 

“उ का है ना हमरी GF गुजरने वाली है इधर से उसके सामने वेटर बने तो इम्प्रेसन ख़राब होगा न , 5 मिनिट रुक जाओ”,छोटू ने रौब झाड़ते हुए कहा 

मुरारी उठकर सीधा बैठ गया और कहा,”इह सब कब हुआ ?

“होना का है उ रोज गुजरती इधर से हम भी रोज खड़े रहते बस स्माइल देके सेटिंग कर लिए”,छोटू ने मुस्कुराते हुए कहा 

“का कर लिए ?”,मुरारी अब भी हैरान था 

“सेटिंग !!”,छोटू ने सहजता से कहा 

“का ?”,मुरारी ने आँखे फाड़ते हुए कहा 

“अरे भैया सेटिंग , सेटिंग लब , गुलु गुलु होता है”,छोटू ने कहा 

मुरारी ने उसका कान पकड़ा और कहा,”बेटा इह उम्र ना इह सब करने की नहीं है , जाकर खाना लगाओ वरना तुमरी सेटिंग हम बिगाड़ देंगे !! ये सब करने से अच्छा है पढ़ लिख के बाप का नाम रोशन करो , ये सेटिंग वेटिंग ना जिंदगी में भौकाल ला देती है का समझे ?” 

“खुद को नहीं मिलती तो कुछ भी बोलते हो”, छोटू ने चिढ़ते हुए कहा और चला गया 

छोटू की बात सुनकर मुरारी निशब्द हो गया और शिवम् जोर जोर से हसने लगा ! शिवम् को हसता देखकर मुरारी ने कहा,”साला अब तो बच्चे भी हमरा मजाक उड़ाने लगे , अब तो भैया हमको भी GF  चाहिए जिन्दा या मुर्दा”

शिवम् ने कुछ नहीं कहा बस हसता रहा ! छोटू मुरारी को घूरते हुए खाना रखकर चला गया ! दाल फ़्राय , मटर पनीर , दही , सलाद और गर्मागर्म नान !! मुरारी ने खाना देखा तो बस टूट पड़ा ! शिवम् ने भी खाया ! खाना खाकर दोनों कुछ देर वही बैठे रहे कुछ देर बाद मुरारी ने कहा,”भैया तुम कहो तो एक बियर मंगवा ले , अपने लिए !!”

“हम्म्म मंगवा लो”,शिवम् ने कहा ! 

मुरारी ने बियर मंगवा ली और एक घूंट पीकर रख दिया ! शिवम् को सारिका का ख्याल आ गया तो उसने कहा,”आज हम भी पियेंगे”

“का सच में ?”,मुरारी ने हैरानी से कहा 

“तो का हम तुमको मजाक के मूड में दिख रहे है  ?”,शिवम् ने सख्त होकर कहा 

“अरे ! छोटू भैया के लिए भी एक ले आओ”,मुरारी ने मुस्कुराते हुए कहा उसे मुस्कुराते देखकर शिवम् ने कहा,”हस क्या रहे हो ?”

“पीओ पीओ भैया ताकी तुमको चढ़े और फिर तुम वो सब कह दो जो हमसे छुपा रहे हो”,मुरारी ने मन ही मन सोचते हुए ना में गर्दन हिला दी ! छोटू एक बोतल और रखकर चला गया शिवम् पीने लगा ! शिवम् को पिता देखकर मुरारी सिर्फ पिने का नाटक करने लगा अब दोनों में से किसी एक का तो होश में रहना जरुरी था ना !

शिवम् पूरी बोतल पि गया मुरारी ने अपनी वाली भी शिवम् की और बढ़ा दी !! अब शिवम् को थोड़ी थोड़ी चढ़ने लगी थी ! मुरारी ने देखा यही अच्छा मौका है उसने शिवम् से कहा,”भैया वो हम कह रहे थे की तुमको तो अब सारिका जी चाहिए नहीं तो हम प्रपोज कर दे का उनको ?”

शिवम् ने मुरारी को घुरा और फिर कहा,”मुरारी तू अगर हमरा दोस्त ना होता न तो अभी मुंह तोड़ देते तुम्हारा ! सारिका सिर्फ हमारी है वो किसी की नहीं हो सकती वो सिर्फ हमसे प्यार करती है और हम उनसे हमारे बिच में कोई भी आये ना तो तुम सम्हाल लेना उसको बस सारिका जी हमको दे देना !!”

“पर भैया वो  तो शादी करने वाली है न”,मुरारी ने आग में घी डालते हुए कहा 

“शादी अरे ऐसे कैसे कर लेगी वो शादी ? हमने इतने साल उनका इंतजार क्या उनकी शादी देखने के लिए किया है !! उनकी शादी हमसे ही होगी , और अगर उन्होंने हमारी बात नहीं मानी ना तो उठा के ले आएंगे उनको ,, पर बाद में उनके घरवालों को तू सम्हाल लेना हां “,शिवम् ने लड़खड़ाते हुए कहा 

“अरे हां हां भाई मैं सब सम्हाल लूंगा”,मुरारी ने अगला पेग शिवम् की और बढाकर कहा 

“माना के अमित अच्छा है , अच्छा दिखता है अच्छा कमाता है पर वो सारिका से हमरे जितना प्यार नहीं करता है ! हमको उनसे इतना प्यार है इतना प्यार है की बया करने में सालो बित जायेंगे ! उनके हसने से , उनके बोलने से , उनके देखने से , उनकी शरारतो से और तो और उनके गुस्से से भी प्यार है वो अमित वो इतना प्यार कर सकता है उस से नहीं कर सकता !! देखा न कल कैसे थप्पड़ खाकर भी चुप रहे हम”,शिवम् ने कहा 

थप्पड़ वाली बात पर मुरारी हसने लगा तो शिवम् ने कहा,”हाँ हस लो तुम भी , वो भी हमे छोड़कर चली गयी अब तो ऐसा लगता है सारा बनारस हस रहा है हम पर , लेकिन हम बुरा नहीं माने परवाह करती है उ हमरी”

“पर तुमको परवाह ना है उनकी”,मुरारी ने कहा 

“ऐ मुरारी आई बाबा और तुमरे बाद सिर्फ उ ही है जिसके लिए जान भी देने को तैयार है ! इतना प्यार करते है उनसे बस कह नहीं पाए और वो हमे छोड़कर चली गयी !! बहुत याद आती है यार उनकी , साला बनारस के किसी भी कोने में चले जाये हर जगह वो ही दिखती है , अभी तुम सामने बैठे हो पर लगता है तुम ना होकर वो हमरे सामने बैठी है !!”,शिवम् ने उदास होकर कहा 

मुरारी ने एक पेग और बढ़ा दिया शिवम् की तरफ आज तो वह बस सब उगलवाना चाहता था  शिवम् एक साँस में गटक गया और कहा ,”मुरारी तुमको एक बात बताये पहले दिन से ही हमे लग रहा था जैसे उनसे हमारा कुछ तो कनेक्शन है , जब भी उ हमरे आस पास होती एक अलग ही अहसास जो के आज से पहले कब हो ना हुआ ! जब उनकी आँखों में देखते ना हम तो पता नहीं कहा से एक गाना हमारे कानो में बजने लगता था  

“सजदा तेरा सजदा करू मैं तेरा सजदा”,शिवम् गाकर बताने लगा और कहा,”तू मानेगा ऐसा होता है कभी , पर हमारे साथ हुआ है मुरारी !! ये प्यार ही तो था हम समझ ही नहीं पाए ना यार और जाने दिया उनको अमित के साथ”,शिवम् फिर उदास हो गया 

मुरारी समझ गया अब असली नजारा आने वाला है उसने आखरी पासा फेंकते हुए कहा,”और अगर वो ना मिली तुमको तब का करोगे ?

“मर जायेंगे मुरारी , जब तक जानते थे ना उ कौन है तब तक इंतजार करते रहे चाहे वो ना मिलती फिर भी झूठी आस लेकर उनके आने का इन्तजार करते पर अब जब वो सामने है तो खुद को तसल्ली ना दे सकते यार (रो पड़ता है) बहुते प्यार करते है उनसे तुमको बता भी नहीं सकते इस वक्त कैसा लगा रहा है हमको ? जब उ गयी ना तो ऐसे लगा जैसे सीने से कोनो दिल निकाल लिया है हमारा !!

ऐ मुरारी , हमको सारिका चाहिए यार उनके बिना नहीं जी पाएंगे हम !! उनके बिना जी सकते है पर उनको किसी और का होते हुए नहीं देख सकते यार ! हमरी वजह से उनको हर्ट हुआ , उनकी आँखों में आंसू आये सच बताय रहे है साला बहुते बुरे इंसान है हम जिससे प्यार किया उसकी आँखों में आंसू दे दिए”,कहते कहते शिवम् तड़प उठा !! 

शिवम् को देखकर मुरारी खुश भी था और शिवम् की ऐसी हालत देखकर दुखी भी हुआ वह उठा और शिवम् को गले लगाकर कहा,”वो सिर्फ तुमरी है उसे किसी का नहीं होने देंगे हम ,, तुमरा प्यार सच्चा है और सच्चा प्यार लड़ता है , गिरता है फिर उठता है पर कभी हारता नहीं !!”

शिवम् मुरारी के गले लगा सुबकता रहा और कहा,”हम बहुत प्यार करते है उनसे मुरारी वो हमारा बनारस है , उनके बिना अब हमारा कोई वजूद नहीं ना है

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हीच ! ,”एक तेज हिचकी के साथ सारिका की नींद खुली ! 

अमित ने गाड़ी रोकी और पीछे पलटकर सारिका से कहा,”आर यू ओके ? 

“जी  (हीच)  हम  (हीच )  ठीक है”,सारिका ने हिचकी लेते हुए कहा ! अमित ने सामने पड़ी पानी की बोतल उठायी और सारिका की और बढ़ाकर कहा,”ये लो पानी पी लो”

सारिका ने पानी पीया लेकिन हिचकी जाने का नाम ही नहीं ले रही थी ! सारिका का हाल बुरा था वह गाड़ी से उतरकर नीचे आ गयी ! अमित भी उसके साथ निचे आ गया उसने सारिका की पीठ थपथपाई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ कुछ देर बाद अमित ने कहा,”सारिका कल रात मैंने शिवम् की आँखों में तुम्हारे लिए फीलिंग्स देखी थी , क्या वो तुम्हे चाहता है ?”

अमित के इस सवाल से सारिका चौंक गयी ! शिवम् की आँखों में उसके लिए फीलिंग्स खुद सारिका ने भी देखी थी और महसूस किया था की शिवम् उसे चाहने लगा है पर ये सब अमित को कैसे पता  ?

देखा रुक गयी ना हिचकी , माँ ने एक बार बताया था जब भी हिचकी ना रुके तो उसके सामने कोई अजीब बात करो वो चौंकेगा और हिचकी रुक जाएगी !! अब जल्दी गाड़ी में बैठो सब हमारा इंतजार कर रहे है , इंदौर पहुँच चुके है हम तुम नींद में थी न तो मैंने जगाया नहीं”,अमित ने कहा 

सारिका अब भी अवाक् सी खड़ी थी ! शिवम् के नाम से उसे सब याद जो आ गया था साथ ही शिवम् का बर्ताव भी जो आखरी वक्त में उसने किया पर सारिका ये नहीं जानती थी की इसके बाद शिवम् को कितनी तकलीफ पहुंची थी ! सारिका की आँखे नम हो गयी

अमित ने देखा तो उसके पास आया और उसका चेहरा अपने हाथो में लेकर कहा,”हे ! मैं तो मजाक कर रहा था , सारिका तुम भी ना सच्ची बहुत ज्यादा इमोशनल हो !! तुम्हारा बहुत ख्याल रखा पड़ेगा मुझे हां ,,,,,, अच्छा बाबा सॉरी ! अब चले अंकल आंटी वेट कर रहे है !!”

सारिका को लेकर अमित गाड़ी में आ बैठा और गाड़ी स्टार्ट कर आगे बढ़ा दी ! सारिका के दिमाग में एक बार फिर शिवम् और बनारस घूमने लगा उसने अपना सर अमित के कंधे पर टिका दिया !!! 

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मुरारी शिवम को लेकर जैसे ही घर पहुंचा आई दरवाजे पर ही मिल गयी दोनों को अंदर आने का इशारा किया ! दरवाजा बंद करके आई मुरारी की तरफ लपकी और लगी सुनाने,”का रे मुरारी अब दारू पिलाना भी सीखा दिए हो का इसको ? हमको तो समझ में नहीं आता तुम दोनों का करे तो का करे हम , इह एक को हमरी सुननी ना है और तुम ससुरे सुन कर भी अनसुनी कर देते हो !! हम पूछते है का है इह सब ?”

मुरारी ने धीरे से कहा,”आई वो ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”

पर बेचारा मुरारी कुछ बोल पाता इस से पहले ही आई ने कहा,”बोलो नाही तुम ,, तुमरे कोनसे यार की शादी थी जो इतना पीकर आये हो तुम दोनों ने का हमरे घर को धर्मशाला समझ लिए है के जब जी में आया आये और जब जी में आया गए !! तुमने ,,,,,,,,,,,,,,,,,, तुमने बिगाड़ा है हमरे बेटे को ,, 

ना खुद शादी करते हो ना उसकी होने देते हो पनोती की तरह बस उसके साथ साथ घूमते रहते हो ,, और तुमरे उ विधायक चाचा को शर्म नहीं है खुद घर में रहते है तुमको खुला छोड़ रखे है ,, मुरारी तुमने का कसम खा ली है हमको हार्ट अटेक देने की “

“अरे आई ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने बोलने की कोशिश की लेकिन आई फिर बरस पड़ी !! 

“का आई आई लगा रखे हो आगे कछु बोलते नहीं , मुंह में जबान नहीं है का ? रहने दो तुम का बोलोगे हमरी सुनो आज के बाद अगर तुम दोनों में से किसी ने हमको परेशान किया या पीकर आये तो याद रखना नीम की सनटी से ऐसे मारेंगे जिंदगीभर बैठने को तरसोगे !! अच्छा मुरारी एको बात बताओ तुम्हारा कोई और भाई वाई है का ?”,आई ने थोड़ा शांत होकर कहा 

 “नहीं आई कोई नहीं है काहे पूछ रही हो ?”,मुरारी ने मुस्कुराते हुए कहा ! 

“अरे नहीं है तो बहुते अच्छा है वरना तुम जइसन 4-5 नालायक और पैदा कर दिए होते तो इह घर का तो सत्यानाश होना पक्का समझो !!”,आई ने फिर से तेज आवाज में कहा ! बेचारा मुरारी चुपचाप सुनता रहा शिवम् अपने कमरे में जा चुका था लेकिन मुरारी फस गया ! 

“अब चुप काहे हो बोलते क्यों नहीं ?”,आई ने घुरते हुए कहा 

“अरे का बोले हम , कछु बोलने को होते तो तुम बोलने ही नाही देती हो , चुप काहे हो ? चुप काहे हो ? अरे तुम रुको तो कछु बोले हम”,मुरारी ने थोड़ा खीजकर कहा !

“हां तो कल्प काहे रहे हो ? बोलो ना”,आई अब थोड़ा शांत हो चुकी थी 

“हम इह कह रहे शिवम् भैया खुद से ना पिए है हम पिलाये है उको , ताकि उ के दिल में जो दर्द है उ बाहर आ जाये नहीं तो हर वक्त परेशां रहे है वो , सारिका जी के जाने का जितना दुःख हम सबको है उ से कई ज्यादा दुःख शिवम् भैया को है और हम ओ को दर्द में नाही देख सकते !!”,मुरारी ने कहा 

 मुरारी की बात से आई थोड़ा शांत हो गयी और कहा,”देख मुरारी मोहब्बत अगर सच्ची हो तो उ लौटकर जरूर आती है”

मुरारी ने आई की तरफ देखा और कहा,”हमार वाली भी आयी थी शादी का कार्ड देने”

“तू निकल यहाँ से , चल निकल”,आई ने मुरारी को धक्का देते हुए कहा लेकिन मुरारी बाहर ना जाकर शिवम् के कमरे की और भागा और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया ! आई ने गुस्से से आसमान में देखा और कहा

“रे महादेव उठा ले रे , मुझको नहीं इस नमूने को और उठा के गंगा के किसी घाट में फेंक दे  

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संजना किरोड़ीवाल

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