Sanjana Kirodiwal

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और प्यार हो गया – 3

Aur Pyar Ho Gaya – 3

Aur Pyar Ho Gaya
Aur Pyar Ho Gaya by Sanjana Kirodiwal

प्रिंसिपल के रूम से निकल कर चारो केम्पस के बरामदे में आ गए l घूंघट में कोई और नहीं बल्कि नंदिनी थी l
“तुम………….?”,नंदिनी को देखकर कार्तिक ने चौकते हुए कहा l
“उस दिन तुमने हमारी मदद की आज हमने तुम्हारी मदद कर दी , हिसाब बराबर”,नंदिनी ने मुस्कुरा कर कहा
“अरे मदद नहीं तुमने तो मुझे बचा लिया, वरना आज तो मेरी कॉलेज से छुट्टी हो ही जानी थी !”,कार्तिक ने कहा
“इस बात पर तो पार्टी बनती है”,श्रुति ने कहा
“बिल्कुल !”,चंदन ने भी सहमति जताते हुए कहा l
“पार्टी किस बात की पार्टी ? कमीनो तुम लोगो ने तो फसा ही दिया था मुझे ,, कोनसी मम्मी साड़ी के निचे स्पोर्ट्स वाले शूज पहनती है ?”,कार्तिक ने कहा
चंदन और श्रुति एक दूसरे का मुंह ताकने लगे तो नंदिनी ने कहा,”ये तो गलत बात है इन्होने तुम्हारी हेल्प की है
“अच्छा ठीक है , पार्टी चाहिए ना अभी कुछ जुगाड़ करता हु………..!!”,कहकर कार्तिक इधर उधर देखने लगा
कुछ ही दूर एक मोटा सा लड़का लड़का अकेला उदास खड़ा था उसे देखते ही कार्तिक के चेहरे पर स्माइल आ गयी और वह उस लड़के की तरफ बढ़ गया कुछ देर बाद उसे लेकर आया और कहा ,”गाईज ये है ‘वरुण त्यागी’ आज से हमारा नया दोस्त
वरुण ने सबसे हाथ मिलाया l
“सो वरुण तुम हमारे नए नए दोस्त बने हो इसलिए पार्टी तो बनती है ना बोस”,कार्तिक ने कहा
“हां हां बिल्कुल गाइज”,वरुण ने कहा
कार्तिक ने चंदन की तरफ देखकर आँख मारी तो चंदन ने फुसफुसाते हुए श्रुति से कहा,”कमीना , देखा कैसे बेचारे भोले भाले मोटू को फसा लिया’
कार्तिक सबके साथ केंटीन की तरफ जाने लगा l नंदिनी वही खड़ी रही कार्तिक ने देखा तो कहा,”नंदिनी , चल न वहा क्यों खड़ी है ?”
कहकर कार्तिक आगे बढ़ गया l
“ये लड़का कभी नहीं सुधरेगा “,नंदिनी ने मन ही मन कहा और आगे बढ़ गयी l

चंदन , कार्तिक , वरुण , श्रुति और नंदिनी आकर केंटीन में बैठ गए l वरुण ने सबके लिए कॉफी और सेंडविच आर्डर की l सभी बातें करते हुए खाने लगे l नंदिनी बिल्कुल कार्तिक के सामने ही बैठी थी कॉफी पीते पीते कार्तिक फिर से नंदिनी के चेहरे की तरफ देखने लगा l एक आकर्षण था उसके चेहरे में गोल चेहरा , भूरी भूरी आँखे , सुर्ख गुलाबी होंठ , सांचे में ढली गर्दन , कानो में छोटी छोटी बालियां , गालो पर आती बालो की लट जो हवा से बार बार नंदिनी के गाल को छू रही थी l कोफ़ी पिते हुए नंदिनी कितनी सहजता से उस लट को साइड में करती और वह वापस आ जाती l कार्तिक को ये सब रोमांचक लग रहा था l जैसे ही नंदिनी की नजरे उस से टकराई वह दूसरी तरफ देखने लगा l
सेंडविच और कॉफी ख़त्म कर सभी उठकर काउंटर के सामने आकर खड़े हो गए l वरुण ने जैसे ही पैसे देने चाहे कार्तिक ने मना करते हुए कहा,”वी आर फ्रेंड्स , मैं पे कर देता हु”

कार्तिक ने बिल भरा और सब बाहर आ गए l चंदन और श्रुति अपनी अपनी क्लासो की और चले गए और वरुण अपनी क्लास की तरफ l कार्तिक अपना बैग सम्हाले आगे बढ़ गया l नंदिनी भी उसके साथ साथ चलने लगी और कहा,”तुम ऐसे क्यों हो ?
“कैसा ?”,कार्तिक ने नदिनी की तरफ देखकर कहा
नंदिनी – मेरा मतलब तुम सबको इतना परेशान क्यों करते हो ?
कार्तिक – मैं कहा सबको परेशान करता हु , ये सब लोग ही मुझसे परेशान है
नंदिनी – वो सब तुम्हारी शरारतो की वजह से !
कार्तिक – इंसान इस उम्र में शरारत नहीं करेगा तो कब करेगा ? बुढ़ापे में ? बुढ़ापे में भी शरारत करेगा ना तो लोग उसे ठरकी कहेंगे और मुझे ये नहीं सुनना
नंदिनी हसने लगी और फिर कहा,”तुम कभी सीरियस नहीं होते क्या ?
कार्तिक – हुआ था ना एक बार जब मुझे 104 डिग्री बुखार हुआ था l सीरियस रहने वाले लोग बहुत अजीब दीखते है लाईक आउट ऑफ़ वर्ल्ड
नंदिनी – तुम भी आउट ऑफ़ वर्ल्ड ही हो (मुस्कुराते हुए)
चलते हुए दोनों केम्पस की सीढ़ियों पर आ बैठते है l कार्तिक नदिनी से थोड़ी दुरी बनाकर बैठ जाता है
नंदिनी – प्रिंसिपल सर से तुम्हे क्या प्रॉब्लम है ?
कार्तिक – वो टकलू , वो मेरे पापा का दोस्त है l मैं तो मुंबई जाना चाहता था पर उसी ने पापा से कहा की इसे मेरे कॉलेज में डाल दो ,, तबसे हर रोज टॉर्चर करता है l
नंदिनी – इसलिए तुम उनसे बदला ले रहे हो ? देखो वो हमारे प्रिंसिपल है हमारे भले के लिए ही वो हमे पनिश करते है l तुम्हे पढाई करना पसंद नहीं है ?
कार्तिक – नहीं , बुक्स खोलते ही मुझे नींद आने लगती है ,, पता नहीं लोगो ने इतनी सारी किताबे क्यों लिख दी ?
नंदिनी – फिर क्या पसंद है ?
कार्तिक – क्यों बताऊ ? वैसे भी मैं अनजान लोगो से अपनी पर्सनल लाइफ शेयर नहीं करता (थोड़ा खीजकर)
नंदिनी – फ्रेंड्स (अपना दाहिना हाथ आगे बढाकर)
कार्तिक मुस्कुराया और हाथ मिलाते हुए कहा,”फ्रेंडस !! बाय द वे थैंकयू तुमने मेरी दो बार मदद की
नंदिनी – इट्स ओके , इस कॉलेज में तुम्हारा दूसरा साल है न ?
कार्तिक – मजाक उडा रही हो ? (नंदिनी को घूरते हुए)
नंदिनी – सॉरी मेरा वो मतलब नहीं था l लेकिन तुम्हारे इतने कम नंबर बने इसलिए पूछा (डरते डरते)
कार्तिक – रिलेक्स ! वो सब लम्बी कहानी है कभी फुर्सत में सुनाऊंगा , तुम बताओ ? तुम इस कॉलेज में क्यों हो ?
नंदिनी – मम्मी पापा लखनऊ में है , कानपूर लखनऊ के पास ही पड़ता है इसलिए और फिर प्रिंसिपल सर पापा के दोस्त भी है तो उन्होंने ही रेकमेंड किया
कार्तिक – क्या ? वो तुम्हारे पापा का भी दोस्त है , ये बुड्ढा हम सबको डुबाएगा एक दिन !
नंदिनी – लेकिन मुझे पढाई करना पसंद है और ये कॉलेज यहाँ का बेस्ट कॉलेज है
कार्तिक – बेस्ट कॉलेज तो होगा ही इसमें मैं जो हु (क्यूट सी स्माइल उसके चेहरे पर आ जाती है)
नंदिनी एक पल के लिए उसकी मुस्कराहट में खो जाती है और फिर कहती है,”तुम खुद को बहुत पसंद करते हो न ?
कार्तिक – बहुत ज्यादा , i love myself ,, कभी कभी तो सोचता हु खुद से ही शादी कर लू !!
नंदिनी फिर हसने लगती है और उसके चेहरे की तरफ देखते हुए सोचने लगती है,”वो लड़की बहुत खुशनसीब होगी जिससे तुम्हारी शादी होगी , क्योकि तुम उसे हमेशा अपनी इन स्टूपिड बातों से हसांते रहोगे”
दोनों खामोश बैठे सामने मैदान को देखते रहे कुछ देर बाद नंदिनी ने घडी में देखा और कहा,”वंदना मेम की क्लास शुरू हो गयी होगी , हमे चलना चाहिए”
कार्तिक भी उठ खड़ा हुआ और नंदिनी के साथ साथ क्लास की तरफ बढ़ गया l
दोनों आकर अपनी अपनी सीट पर बैठ गए कुछ देर बाद वंदना मेम आई और पढ़ाना शुरू किया l l वंदना मेम जब जाने लगी तो प्रिंसिपल सर क्लास में आ गए l प्रिंसिपल को देखते ही कार्तिक उनसे छुपता छुपाता सबसे पीछे वाली बेंच पर जाकर छुपकर बैठ गया l प्रिंसिपल ने सरसरी निगाह से क्लास को देखा और फिर कहा,”अटेंशन क्लास ! मैं आप सबका परिचय एक खास शख्स से करवाना चाहता हु जिसने पिछले 7 सालो से अपने स्कूल में टॉप 1 का ख़िताब जीता है और अब वो हमारे कॉलेज में आप सबके बिच शामिल है उसका नाम है “मिस नंदिनी कश्यप” ,, प्लीज़ कम
सारी क्लास नंदिनी के लिए तालिया बजाने लगी नदिनी उठकर आगे आई और प्रिंसिपल के पास खड़ी हो गयी l प्रिंसिपल नंदिनी की तारीफ के पुल बांधने लगे और नंदिनी मुस्कुराती रही l कार्तिक ने जब सूना तो हैरान रह गया “नंदिनी एक टॉपर है , पर उसने तो कभी बताया ही नहीं”

प्रिंसिपल और वंदना ने नंदिनी को विश किया और चले गए l सभी स्टूडेंट्स भी एक एक करके बाहर चले गए l नंदिनी अपना बेग और बुक्स उठाये क्लास से बाहर आ गयी l बरामदे में चंदन , श्रुति और वरुण खड़े उसी का इंतजार कर रहे थे जैसे ही नंदिनी उनके पास आयी श्रुत्ति ने उसके गले लगते हुए कहा,”वॉव यार तुम अपने सिटी की टॉपर हो , हमे तो बताया ही नहीं सच्ची तुम्हारे साथ पढ़कर सच में बहुत मजा आने वाला है”
“थैंक्यू ! तुम लोगो से ज्यादा बाते नहीं हुई न इसलिए नहीं बता पाई”,नंदिनी ने मुस्कुराते हुए कहा
“तो अबसे करेंगे ना ज्यादा बातें , फ्रेंड्स ?”,चंदन ने नंदिनी की तरफ हाथ बढाकर कहा
“फ्रेंड्स !”,नंदिनी ने भी अपनी सहमति दे दी और चारो दोस्त बन गए पर कार्तिक इन सबके बिच से गायब था
“ये कार्तिक कहा गया ?”,श्रुति ने इधर उधर देखकर कहा
“मैं यहाँ हु”,कार्तिक ने कहा
सबने देखा कार्तिक निचे नंदिनी के पेरो में हाथ जोड़कर आलथी पालथी मारकर बैठा है l
“तुम निचे क्या कर रहे हो ?”,नंदिनी ने कमर पर दोनों हाथ रखकर कहा l
“अब तो सिर्फ तुम ही मेरी नैया पार लगा सकती हो , तुम तो टॉपर हो प्लीज़ मुझे इस साल पास करवा दो”,कार्तिक ने नौटंकी करते हुए कहा l
“चलो उठो , मैं तुम्हारी स्टडी में हेल्प करुँगी लेकिन उसके लिए तुम्हे मेरी बात माननी पड़ेगी”,नंदिनी ने कहां
“जो कहोगी करूँगा बस इस साल मैं पास हो जाऊ l लेकिन तुम ठहरी टॉपर तुम मेरी हेल्प क्यों करोगी ? “,कार्तिक ने कहा
“पॉइंट है”,चंदन ने कहा
“गाईज ! इसलिए तो मैं यहाँ आई हु लखनऊ में टॉपर के नाम से लोग मुझसे बात तक नहीं करते थे l मुझे तुम लोगो की तरह नार्मल कॉलेज लाइफ जीनी थी पर प्रिंसिपल अंकल ने यहाँ भी सबको बता दिया”,नंदिनी ने उदास होकर कहा
“क्या ? प्रिंसिपल सर तुम्हारे अंकल है ?”,श्रुति ने पूछा
“हां वो मेरे पापा के दोस्त है”,नंदिनी ने उसी लहजे में कहा
“बदकिस्मती से !!”,कार्तिक ने मुंह बनाकर कहा
“शट-अप वो बहुत अच्छे है”,नंदिनी ने कहा
“joke of the day मिस नंदिनी , यहाँ सिर्फ दो ही लोग अच्छे है”,कार्तिक ने कहा
“कौन ?”,नंदिनी ने कहा
श्रुति और चंदन मन ही मन ये सोचकर खुश हो रहे थे की कार्तिक उनका नाम बताएगा लेकिन जब कार्तिक ने बताया तो दोनों की ख़ुशी छू मंतर हो गयी
” पहला तो मैं “,कार्तिक ने कहा
“अच्छा और दूसरा”,नंदिनी ने दोनों हाथो को आपस में बांधकर कार्तिक को घूरते हुए कहा
“दुसरा…………………… दुसरा भी मैं”,कार्तिक ने कहा और शर्ट में लगा चश्मा निकाल कर आँखों पर लगाया और वहा से निकल गया l
“जिस दिन तुम्हारी जिंदगी में कोई सही लड़की आएगी ना उस दिन तुम्हे खुद के अलावा भी कोई अच्छा लगने लगेगा , और वो दिन बहुत जल्दी आएगा”,नंदिनी ने मन ही मन कहा
“नंदिनी चले !”,श्रुति ने कहा तो नदिनी उसके साथ अपनी अगली क्लास की तरफ चली गयी l

उसी शाम कार्तिक के घर में बरसी का प्रोग्राम था पर प्रिंसिपल सर नहीं आये उन्हें किसी जरुरी काम से जाना पड़ा कार्तिक की जान में जान आयी l चंदन रात में उसके घर पर ही रुक गया l अगली सुबह दोनों नाश्ते की टेबल पर थे l अखिलेश जी भी वही बैठे नाश्ता कर रहे थे l मौली आयी और कुर्सी खिसकाकर नाश्ता करने के लिए बैठ गयी l चंदन को खाते देखकर उसने धीरे से कहा,”पहले ये यहाँ आता जाता रहता था अब तो ये परमानेंट यही रहने लगा , खाना देखकर तो ऐसे टूट पड़ता है जैसे जन्मो से भूखा हो , भुक्खड़ कही का l
“मौली दी , आप कुछ कह रही है ?’,चंदन ने उन्हें बड़बड़ाते देखकर पूछा
“नहीं चंदन वो मैं ये कह रही थी नाश्ते में इतना खा रहे हो लंच में क्या खाओगे फिर”,मौली ने ताना मारते हुए कहा
चंदन ने चम्मच निचे रख दिया l कार्तिक ने देखा तो उसे कहा,”तुझे कबसे फर्क पड़ने लगा ?
“सही है तू मेरा दोस्त है और मौली दी मेरी बहन तो मुझे क्यों फर्क पडेगा”,कहकर चंदन फिर से खाने पर टूट पड़ा l
नाश्ता करके दोनों कॉलेज के लिए निकल गए l
रास्ते में चंदन ने कहा,”यार ये मौली दी इतना गुस्से मे क्यों रहती है ?
कार्तिक – किसी से कहेगा तो नहीं ना ?
चंदन – नहीं कहूंगा बता क्या हुआ ?
कार्तिक – पिछले महीने जब वो मुंबई गयी थी न तब वहा उसमे एक भूत का साया आ गया तबसे वो गुस्से में रहती है
चंदन – चल मैं नहीं मानता कुछ भी
कार्तिक – तूने देखा नहीं कैसे वो प्यार से बात करती है और फिर अचानक से गुस्सा हो जाती है , कभी कभी बिल्कुल नहीं बोलती और कभी कभी बड़बड़ाने लगती है , ये सब उसी साये का असर है
चंदन – हां यार ये तो मैंने भी देखा है (डरते हुए) आज के बाद मैं तो उनके आस पास भी नहीं जाऊंगा कही वो मेरा ही गला ना दबा दे l
कार्तिक – मुझे तेरी बहुत चिंता है ना इसलिए मैंने तुझे बताया
चंदन – थैंक्यू भाई !!
दोनों कॉलेज पहुंचे और क्लास में आकर बैठ गए कार्तिक ने देखा आज नंदिनी नहीं आयी है l क्लास के बाद वह नंदिनी को ढूंढ़ने लगा l बरामदे के आखरी कमरे में उसे नंदिनी बैठे मिल ही गयी l
“तुम यहाँ हो मैं तुम्हे पुरे कॉलेज में ढूंढ रहा हु आज क्लास में भी नहीं आई तुम “,कार्तिक ने उसके सामने पद कुर्सी पर बैठते हुए कहा
नंदिनी ने टेबल पर बिखरे सारे कार्ड्स को समेटा और कार्तिक की तरफ बढाकर कहा,”ये लो’
कार्तिक – ये क्या है ?
नंदिनी – सॉरी कार्ड्स , तुमने कॉलेज में जिस जिस को परेशान किया है उन्हें ये कार्ड देकर सॉरी बोलोगे “
कार्तिक – मैं ऐसा कुछ भी नहीं करूँगा
नंदिनी – तुमने कहा था तुम मेरी हर बात मानोगे
कार्तिक – लेकिन ये तो चीटिंग है
नंदिनी – एक सॉरी बोलने से कोई छोटा नहीं हो जाता है कार्तिक , और मुझे लगता है इस वक्त ये छोटा सा सॉरी तुम्हारे बहुत काम आने वाला है
कार्तिक – नंदिनी मैंने आज तक किसी को सॉरी नहीं बोला है
नंदिनी – तो अब बोल दो
कार्तिक – क्यों मेरी इज्जत का भाजी पाला करने पर तुली हो यार ,
नंदिनी – अगर तुम चाहते हो मैं तुम्हारी स्टडी में हेल्प करू तो तुम्हे ये करना ही होगा
कार्तिक ने कार्ड्स उठाये और कहा,”रिश्वत बिना आजकल कोई काम नहीं होता , ये कॉलेज बिक गया है , यहाँ के स्टूडेंट भी बिक गए है” (मासूमियत से कहता है)
नंदिनी हसने लगती है और फिर वापस अपनी बुक्स में लग जाती है

नंदिनी के दिए कार्ड्स पर उन सबका नाम लिखा होता है जिसे जिसे उसे सॉरी बोलना था अंदर क्या लिखा था ये कार्तिक को भी नहीं पता था l खैर बेचारा सबके पास बारी बारी गया और वह कार्ड देकर आया l वापस आकर केम्पस की सीढ़ियों पर बैठ गया ये जगह उसकी हमेशा से पसंदीदा रही है l कुछ देर बाद नंदिनी , चंदन और श्रुति भी वहा आ गए l
“अब और क्या करना होगा मुझे ?”,कार्तिक ने मुंह बनाते हुए नंदिनी से कहा
“आज से सब शरारते बंद और सिर्फ पढाई”,नंदिनी ने मुस्कुराते हुए कहा
“ये हुई न बात नंदिनी , लगता है तुम इस बिगड़े हुए लड़के को सुधार दोगी “,श्रुति ने कहा
“नहीं श्रुति ये बिगड़ा हुआ नहीं है बस थोड़ा सा भटका हुआ है l अगर इसकी शरारतो को एक तरफ करके देखा जाये तो ये इस कॉलेज का सबसे क्यूट और स्वीट इंसान है”,नंदिनी ने कहा
नंदिनी के मुंह से अपनी तारीफ सुनकर कार्तिक मुस्कुराने लगा l
नंदिनी कल मिलते है बोलकर घर जाने के लिए आगे बढ़ गयी तो कार्तिक ने जोर से कहा,”नंदू……………..!!
नंदिनी पलटी और हैरानी से कहा,”नंदू ….?
“वो क्या है ना तुम्हारा नाम बहुत बड़ा है इसलिए मैंने प्यार से निक नेम रखा है “नंदू” , चाहो तो तुम भी रख सकती हो मैं बुरा नहीं मानूंगा”,कार्तिक ने नंदिनी के पास आते हुए कहा
नंदिनी मुस्कुराने लगी और कहा,”तुम कभी नहीं सुधरोगे’
कार्तिक नंदिनी के थोड़ा और करीब आया और उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”तुम हो ना सुधारने के लिए”
नंदिनी वहा से चली गयी और कार्तिक उसे जाते हुए देखता रहा !!

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क्रमश – Aur Pyar Ho Gaya – 4

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