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और प्यार हो गया – 8

Aur Pyar Ho Gaya – 8

Aur Pyar Ho Gaya
Aur Pyar Ho Gaya by Sanjana Kirodiwal

“नंदू ये वही लड़का है जिसने मौली दी को धोखा दिया था “,कार्तिक ने चिल्लाकर कहा l
नन्दिनी सुना तो अवाक रह गयी l कभी कार्तिक को देखती तो कभी सामने खड़े लड़के को l नन्दिनी को चुप देखकर कार्तिक उसके पास आया और कहा
“मैं सच कह रहा हू नंदू पहले इसने मौली को धोखा दिया था और अब ये तुम्हे धोखा दे रहा है”
“वो मेरे भैया है bunny “,नन्दिनी ने धीरे से कहा l
“ये तू क्या कह रही है नंदू ?”,कार्तिक को अपने कानों पर विश्वास नही हुआ l
“हा bunny वो मेरे कजिन भैया है , मुझसे मिलने आये है”,नन्दिनी ने धीरे से कहा
कार्तिक खामोश खड़ा नन्दिनी के चेहरे को देखता रहा उसे विश्वास नही हो रहा था नंदनी उसी लड़के की बहन है जिसने मौली को धोखा दिया l अगर मौली दी को ये बात पता चली तो वह नन्दिनी को कभी एक्सेप्ट नही कर पायेगी l
कार्तिक बिना कुछ बोले वहां से चला गया l
नन्दिनी ने उसे आवाज दी लेकिन कार्तिक नही रुका ओर बाइक स्टार्ट करके वहां से चला गया l
“नन्दिनी सब ठीक तो है ना”,राजवीर ( लड़के ) ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए पूछा l
नन्दिनी की आंखों में आंसू आ गए उसने राजवीर की तरफ देखते हुए कहा,”कुछ भी ठीक नही है भैया

दोनो आकर केम्पस की सीढियो पर बैठ गये l नन्दिनी ने राजवीर को कार्तिक के बारे में बताया साथ ही मौली के बारे में भी l राजवीर ने जब नन्दिनी के मुंह से मौली का नाम सुना तो सारी बाते उसके संमझ में आ गयी और उसने कहा,”आई एम सो सोरी नन्दिनी , मेरी वजह से ये सब लेकिन कार्तिक ओर मौली सिर्फ आधी बात जानते है उस रात का सच उन्हें नही पता
“आप उस रात मौली दी कि घर क्यो नही गए थे भैया ?”,नन्दिनी ने मासूमियत से पूछा l
“मैं मौली के घर जाने वाला था लेकिन उसी शाम मेरे पास माँ का फोन आया उन्होंने बताया कि पापा को अटैक आया है और वो बहुत सीरियस है l मुझे उस वक्त पापा के अलावा कुछ दिखाई नही दे रहा था l मैं उसी शाम दिल्ली निकल गया l टेंशन के कारण मौली को भी फोन नही कर पाया था l पापा खतरे से बाहर थे लेकिन मेरा प्यार खतरे में आ जायेगा l मैंने मौली से बात करने की बहुत कोशिश की लेकिन उसने बात नहीं की l कार्तिक से भी मैंने सच बताने की कोशिश की लेकिन किसी ने मेरी बात का विश्वास ही नहीं किया”,राजवीर ने उदास होकर कहां
“मुझे आप पर भरोसा है भैया , लेकिन क्या आप और मौली दी फिर से साथ साथ नहीं हो सकते ?”,नंदिनी ने सवाल किया l
“नहीं नंदिनी , मौली मुझसे नफरत करने लगी है वो मुझे कभी माफ़ नहीं करेगी”,राजवीर ने कहा
“एक कोशिश करके देखते है भैया शायद मान जाये”,नंदिनी ने कहा
“नहीं नंदिनी वो बहुत जिद्दी है वो अब कभी लौटकर नहीं आएगी”,कहते हुए उसकी आवाज से दर्द छलक उठा
“ह्म्म्मम्म”,नंदिनी ने कहा और अपनी ही सोच में गुम हो गयी
“अच्छा ये सब छोडो और ये बताओ तुम कैसी हो ?”,राजवीर ने जबरदस्ती मुस्कुराने की कोशिश करते हुए कहा
“मैं ठीक हु भैया , लेकिन आप यहाँ ऐसे अचानक ?”,नंदिनी ने हैरान होकर कहा
“पास ही के कॉलेज से अपने कुछ डॉकयुमेंट लेने थे उन्ही के लिए आया हु l ताऊजी से बात हुयी थी आज सुबह तो उन्होंने बताया की तू भी इसी कॉलेज में है इसलिए तुझसे मिलने चला आया”,राजवीर ने अपने आने की वजह बताई
नंदिनी – अच्छा किया l
राजवीर – अच्छा तो क्या किया ? मेरी वजह से कहीं तुम दोनों के रिश्ते………………!! (राजवीर ने बात अधूरी छोड़ दी)
नंदिनी – भैया ! डोंट वरी bunny बहुत अच्छा लड़का है वो मुझसे गुस्सा नहीं होता
राजवीर – नंदिनी तुम दोनों के बिच कुछ है क्या ?
नंदिनी – व्हाट ? वी आर जस्ट बेस्ट फ्रेंड्स ओनली (नंदिनी को राजवीर से ऐसे सवाल की उम्मीद नहीं थी)
राजवीर – पर उसकी आँखों में तो कुछ और ही देखा था मैंने
नंदिनी – क्या ?
राजवीर – यही की वो तुम्हे चाहता है
नंदिनी – ऐसा कुछ नहीं है भैया ( घबरा जाती है )
राजवीर – नंदिनी मैं भी एक लड़का हु और सामने वाले लड़के के दिमाग में क्या चल रहा है भांप सकता हु l जब मैंने तुम्हे हग किया तब कैसे वो गुस्सा हो उठा था l ऐसा तो एक लवर ही कर सकता है नंदिनी दोस्त नहीं
नंदिनी खामोश हो गयी तो राजवीर ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”मैंने जो गलती की वो कभी तू मत करना , कार्तिक बहुत अच्छा लड़का है , उसे कभी खुद से दूर मत करना”
“हमारे बिच ऐसा कुछ भी नहीं है भैया जैसा आप सोच रहे हो l bunny मेरे बहुत क्लोज है , वो मुझसे हर बात शेयर करता है , हम दोनों एक दूसरे के साथ टाइम स्पेंड करते है , एक दूसरे की परवाह करते है , एक दूसरे के साथ खुश रहते है”,नंदिनी ने अपना पॉइंट क्लियर करते हुए कहा

“रिलेक्स मैंने सिर्फ नॉर्मली पूछा था l अभी मुझे चलना चाहिए , अपना ख्याल रखना”,राजवीर ने नंदिनी के सर पर हाथ रखकर कहा और फिर वहा से चला गया l

नंदिनी वही सीढ़ियों पर बैठी सोचने लगी,”क्या सच में bunny के लिए मेरे लिए फीलिंग्स है , नहीं नहीं अगर ऐसा होता तो वो बता देता l वो मुझसे कुछ नहीं छुपाता l फिर भैया को ऐसा क्यों लगा ? भैया को क्या जो भी हमे साथ देखता है यही सोचता है l पर मुझे अपने नहीं बल्कि भैया और मौली दी के रिश्ते के बारे में सोचना होगा l वो दोनों गलतफहमी की वजह से दूर हो गए उन्हें फिर से एक करना ही होगा l लेकिन मैं अकेले नहीं कर पाऊँगी इसमें मुझे bunny की मदद चाहिए होगी लेकिन वो तो इस वक्त गुस्से में है अगर उस से शेयर किया तो वो और गुस्सा हो जाएगा,……………….मुझे अकेले ही कुछ करना होगा l
नंदिनी उठी और वहा से हॉस्टल के लिए निकल गयी l हॉस्टल आकर उसने सबसे पहले कार्तिक को फ़ोन किया लेकिन एक रिंग जाते ही कार्तिक ने फोन काट दिया l नन्दिनी ने फिर फोन किया लेकिन कार्तिक ने नहीं उठाया और फिर फोन को ही स्विच ऑफ कर लिया l सारी रात नंदिनी कार्तिक से बात करने के लिए परेशान रही लेकिन उसका फोन बंद आता रहा l

अगले दिन नन्दिनी सुबह जल्दी ही कॉलेज आ गयी और सीढियो पर बैठकर कार्तिक का इतंजार करने लगी l कार्तिक आया उसने नन्दिनी की ओर देखा तक नही ओर सीधा क्लास की तरफ चला गया l नन्दिनी भी उसके पीछे पीछे क्लास में आई लेकिन कार्तिक ने उस पर कोई ध्यान नही दिया l नन्दिनी को ये सब बहुत अजीब लगा l आज वह अपना ध्यान भी पढ़ाई में नही लगा पाई l
क्लास खत्म होते ही कार्तिक वहां से उठकर चला गया l नन्दिनी उदास सी वही क्लास में बैठी रही तभी श्रुति आयी और कहा,”क्या बात है नन्दिनी आज बहुत अपसेट नजर आ रही हो ?
“श्रुति पता नही bunny को क्या हो गया है ? कल से बहुत अजीब बिहेव कर रहा है l ना मेरे फोन का जवाब दे रहा है ना मेसेज का”,कहते कहते नन्दिनी की आंखे नम हो गई l
“तुम दोनों में तो कभी कोई झगड़ा नही हुआ , पता नही वो ऐसा क्यों कर रहा है ?”,श्रुति ने कहा
“अब मैं क्या करूँ श्रुति मेरा उस से बात करना बहुत जरूरी है , मुझे उसे कुछ बताना है यार”,नन्दिनी ने उदास होकर कहा
“एक काम कर तू उसे जलन फील करवा वो खुद आकर तुझसे बात करेगा”,श्रुति ने कहा
“जलन कैसे ?”,नन्दिनी ने कहा
“तुम ना एक नम्बर की बुद्धू हो , अरे लड़के को जलाने के लिए क्या करना होता है उसके सामने दूसरे लड़के से बात करनी होती है और क्या”,श्रुति ने कहा
“अच्छा “,नन्दिनी ने हामी में सर हिला दिया
श्रुति ने उसे समझाया ओर फिर दोनों क्लास से बाहर निकल गयी l बाहर आकर नन्दिनी ने देखा कार्तिक केंटीन की तरफ जा रहा है l नन्दिनी भी उसके पीछे पीछे चल पड़ी केंटीन में पवन अपने कुछ दोस्तो के साथ बैठा था नन्दिनी भी जाकर उनके पास बैठ गयी और हँसने बतियाने लगी l पवन के साथ दो लड़के और बैठे थे दोनो ही नन्दिनी को घूरकर देख रहे थे साथ ही पवन की अच्छी किस्मत से जल भी रहे थे कि नन्दिनी उसके साथ आकर बैठी है l पवन तो खुशी से फुला नही समा रहा था l
कार्तिक ने नन्दिनी को उन लोगो के साथ बैठे देखा उसे बहुत बुरा लग रहा था लेकिन वह चुपचाप बैठा रहा l नन्दिनी जान बूझकर उनसे ज्यादा ही फ्रेंक हो रही थी जिस से कार्तिक को बुरा लगें ओर वह उस से आकर बात करे l
कार्तिक से जब बर्दास्त नही हुआ तो वह उठकर वहां से चला गया l नन्दिनी फिर से उदास हो गयी उसे समझ नही आ रहा था कि आखिर कार्तिक उस से बात क्यों नही कर रहा है l नन्दिनी ने बाहर आकर कार्तिक से बात करने की कोशिश की लेकिन कार्तिक ने बाइक स्टार्ट की ओर जाने लगा नन्दिनी सामने आ गयी और कहा,” तुम ऐसा क्यों कर रहै हो कार्तिक कमसेकम एक बार मेरी बात तो सुन लो”
कार्तिक ने बाइक साइड से निकाल कर आगे बढ़ा दी तो नन्दिनी को गुस्सा आ गया और उसने चिल्लाकर कहा ,”ठीक है जाओ , मैं यही बैठकर तुम्हारा इंतजार करूँगी l

कार्तिक चला गया और नन्दिनी गुस्से से अपना बैग ओर किताबे उठाये कॉलेज के बाहर लगी बेंच पर आकर बैठ गयी ओर कार्तिक के बारे में सोचने लगी l नन्दिनी कार्तिक से बात करना चाहती थी उसे राजवीर ओर मौली के रिश्ते के बारे में बताना चाहती थी l कॉलेज बंद हो गया l सभी वहां से चले गए लेकिन नन्दिनी वही बैठी रही l अंधेरा होने लगा था पर नन्दिनी जिद्दी निकली वही बैठी रही l अभी बैठे बैठे वह कार्तिक के बारे में सोच ही रही थी कि तभी वहा दो लड़के घूमते घामते आ पहुंचे l नन्दिनी को अकेले बैठे देखकर लड़के उसके पास आये l
“इतनी रात में अकेले यहां डर नही लगता ?”,उनमे से एक लड़के ने कहा
“अरे भाई डर छोड़ ये देख कितनी हसीन रात है और उसपर ये हसीना , आज तो लगता है रात रंगीन होने वाली है”,दूसरे लड़के ने दांत दिखाते हुए कहा
“हा यार बात तो तेरी सही है”,पहले लड़के ने भी मुस्कुराते हुए कहा
नंदीनी वहां से उठी ओर जाने लगी दोनो लड़के भी उसके पीछे पीछे चलने लगे l नन्दिनी अंदर ही अंदर घबराने लगी उसने अपनी चाल तेज कर दी l लड़के भी उसके कदम से कदम मिलाकर चलने लगे l नन्दिनी के माथे पर पसीने की लकीरें उभर आई l उसकी आँखों मे डर तैरने लगा अब चलने के साथ साथ वह पीछे मुड़कर भी देखने लगी लड़के अभी भी उसका पीछा कर रहे थे l तेजी से चलते चलते नन्दिनी सामने किसी से टकरा गई उसने अपनी पलके उठाकर देखा तो उसकी आंखें भर आयी सामने कार्तिक खड़ा था l कार्तिक को वहां देखकर नन्दिनी की जान में जान आई l तब तक दोनो लड़के भी वहां आ पहुंचे उनमे से एक नए आगे बढ़कर जैसे ही नन्दिनी का हाथ पकड़ा कार्तिक ने आगे बढ़कर उसे एक थप्पड़ मारते हुए कहा,”हाथ कैसे लगाया इसको ? अपने बाप की जागीर समझा है , हाथ कैसे लगाया तूने इसे हा ,, अकेली नही है ये मैं इसके साथ हु ओर जब तक मैं हु इसे हाथ लगाना तो दूर कोई इसकी तरफ आंख उठाकर देख भी नही सकता “
कार्तिक ने एक घुसा उसके मुंह पर मारते हुए कहा l
दूसरा लड़का आगे आया तो कार्तिक ने उसे भी दो तीन घुसे जमा दिए l दोनो लड़के डरकर वहां से भाग गए l
नन्दिनी दोड़कर कार्तिक के पास आई उसकी आंखें आंसुओ से भरी हुई थी कार्तिक ने पहली बार नन्दिनी की आंखो में आंसू देखें थे उसका दिल किया अभी के अभी नन्दिनी को कसकर गले लगा ले लेकिन उसने अपने जज्बातों को काबू में रखा ओर कहा,”कुछ कहने की जरूरत नही है , चलो तुम्हे होस्टल छोड़ देता हूं”
कार्तिक चलने लगा l नन्दिनी चुपचाप उसके पीछे पीछे चल पड़ी l कार्तिक के बर्ताव से दुखी थी लेकिन खुश भी थी कि आखिर कार्तिक ने कुछ तो कहा वरना उसकी खामोशी तो नन्दिनी की जान ही ले लेती
कुछ दूर चलकर दोनो बाइक के पास पहुंचे कार्तिक ने बाइक स्टार्ट की ओर नन्दिनी को बैठने का इशारा किया l नन्दिनी चुपचाप आकर बाइक पर बैठ गयी कार्तिक ने बाइक स्टार्ट की ओर होस्टल की ओर बढ़ा दी l
बाइक के साइड मिरर में उसे नन्दिनी का उदास चेहरा नजर आ रहा था l कार्तिक को नन्दिनी की उदासी बिल्कुल अच्छी नही लग रही थी वह सोचने लगा,”इन सब मे नन्दिनी का क्या दोष है यार ? लेकिन क्या करूँ अतीत के कारण नन्दिनी का आज खराब नही कर सकता l अगर मौली दी को पता चला कि नन्दिनी राजवीर की बहन है तो वो इस से नफरत करने लगेगी l दी मुझसे नफरत करे तो मैं बर्दास्त कर भी लूंगा लेकिन नन्दिनी के लिए उनकी नफरत कभी नही देख पाऊंगा l नन्दिनी समझदार है ओर बहुत अच्छी भी मुझे पता है वो मुझे माफ कर देगी”
नन्दिनी उदास बैठी बस यही सोच रही थी,”अच्छा हुआ तुम आ गए bunny बहुत अकेला महसूस कर रही थी खुद को कितनी सारी बाते बतानी है तुम्हे लेकिन तुम………..!! खैर जाने दो तुम साथ हो ना इतना काफी है l बस एक बार तुम्हे राजवीर भैया का सच बता दु इसके बाद चाहे तुम मुझसे कभी बात मत करना”
ख्यालो में डूबे हुए कब होस्टल आ गया दोनो को ही पता नही चला l कार्तिक ने बाइक रोकी l दोनो नीचे उतर गए नन्दिनी कार्तिक के चेहरे की तरफ देखने लगी कार्तिक कमजोर नही पड़ना चाहता था इसलिए दुसरी तरफ देखने लगा l जितनी तकलीफ उस वक्त नन्दिनी को हो रही थी उस से कई ज्यादा कार्तिक को हो रही थी l नन्दिनी पलटकर जाने लगी दो कदम चलकर रुक गयी और फिर कहने लगी

“bunny तुम्हारे इस बर्ताव की वजह तो मैं नही जानती लेकिन सच कहु तो बहुत बुरा लग रहा है यार आजसे पहले कभी तुझसे दूर होना तो अलग बात है मैंने कभी ऐसा सोचा भी नही था l हा ये सच है कि राजवीर भैया मेरे भाई है लेकिन एक सच ओर है मुझे तुम्हे बताना है,”कहकर नन्दिनी ने राजवीर की बताई सारी बाते कार्तिक को बता दी l
कार्तिक ने जब सच सुना तो उसे बहुत दुख हुआ अनजाने में उसने मौली ओर राजवीर को अलग कर दिया और आज नन्दिनी का दिल भी दुखाया l नन्दिनी ने आगे कहना शुरू किया ,”यहां मैं तुम्हारे सिवा किसी को नही जानती कार्तिक , तुम ही हो जो मुझे संमझ सकते हो , मेरी खुशी , दुख परेशानी में हमेशा मेरे साथ रहते हो l लेकिन आज जब तुम ऐसा बर्ताव कर रहे हो तो ऐसा लग रहा है जैसे अंदर ही अंदर इस दिल के सेंकडो टुकड़े हो गए हो l जब कोई अपना नजरअंदाज करता है ना तो बहुत तकलीफ होती है l आज मैं तुम्हारे साथ हु इसलिए तुम्हे इस रिश्ते का अहसास नही पर कल जब मैं नही रहूंगी तब अहसास होगा मेरा होना क्या था l l भैया से अनजाने में हुई गलती की सजा तुम मुझे दे रहे हो और शायद खुद को भी l जानती हूं तुम भी खुश नही हो तुम्हे भी वही महसूस हो रहा है जो मुझे लेकिन तुम कहोगे नही l
बहुत ज्यादा बोल दिया शायद भूल गयी थी कि अब तुम्हे मेरी किसी बात से फर्क नही पड़ता ,, चलती हु गुड़ नाईट” ,कहकर नन्दिनी जैसे ही जाने लगी कार्तिक ने उसका हाथ पकड़ा और उसे अपनी तरफ खींचकर कसकर गले से लगा लिया l कार्तिक की आंख से आंसू निकलकर निचे गिर पड़ा l
“नंदू सॉरी यार”,कार्तिक बस इतना ही कह पाया और आंखे बंद किये नन्दिनी को गले लगाए रखा l नन्दिनी भी कार्तिक के सीने से लगी रही l कार्तिक को बोलने की जरूरत नही थी फोनों बिना बोले ही उस वक्त एक दूसरे की फीलिंग्स संमझ रहे थे l कुछ देर बाद कार्तिक नन्दिनी से दूर हुआ और कहा,”मैं तुमसे बिल्कुल नाराज नही हु नंदू ! रात बहुत हो गयी है तुम जाकर सो जाओ कल कॉलेज में मिलते हैं l”
नन्दिनी होस्टल चली गयी l कार्तिक ने बाइक स्टार्ट की ओर घर आ गया l घर आकर कार्तिक सीधा अपने कमरे में आया और आईने में देखने लगा l आज पहली बार किसी की आंख में आंसू देखकर कार्तिक बैचैन हो गया था l ऐसा क्यों हुआ वह नही जानता l नींद सारी रात उसकी आँख से दूर रही l

अगली सुबह कार्तिक कॉलेज पहुंचा नन्दिनी अभी आई नही थी इसलिए वह बुक्स लेने लायब्रेरी की तरफ चला गया l रॉ में किताबे देखते हुए वह सामने से आती लड़की से टकरा गया l दोनो के हाथ में पकड़ी किताबे नीचे गिर गयी l दोनो उठाने के लिए जैसे ही झुके दोनो का सर आपस मे टकरा गया l कार्तिक ने लड़की को रुकने का इशारा किया और किताबे उठाकर लड़की के हाथ में थमा दी l कार्तिक जल्दी में था इसलिए उसने लड़की को नजर भरके देखा तक नही ओर वहां से आगे बढ़ गया l लड़की ने कार्तिक को जाते हुए देखा उसे कार्तिक पहली नजर में ही भा गया l
लायब्रेरी से बाहर आकर जब कार्तिक क्लास की तरफ जाने लगा तो एक बार फिर उसी लड़की से टकरा गया लडकी का पांव फिसला ओर वह जैसे ही गिरने को हुई कार्तिक ने उसे थाम लिया l लड़की ने हाथ मे पकड़े नोट्स के पन्नो को हवा में छोड़ दिया l पन्ने आकर दोनो पर गिरने लगे l कार्तिक ने तुरंत लडक़ी को छोड़ दिया l
“थेँकयू”,लड़की ने प्यार भरी आवाज में कहा
कार्तिक ने देखा चुस्त जीन्स टॉप पहने , खुले बाल , बड़े बड़े गोल ईयर रिंग्स , काजल से सनी आंखे ओर सांचे में ढले होंठ जिनपर लाल रंग पुता हुआ था l
एक पल के लिए तो कार्तिक भी उस चेहरे में खोकर रह गया l तभी लडक़ी ने अपना दाहिना हाथ आगे बढ़ाकर कहा,”हाय आई एम सोफिया एंड योर नेम ?
“कार्तिक सक्सेना”,कार्तिक ने जवाब मे हाथ मिलाते हुए कहा l
“नाइस नेम , बाय द वे नाइस टू मीट यु”,सोफिया ने कहा
कार्तिक हल्के से मुस्कुराया ओर आगे बढ़ गया l सोफिया उसे जाते हुए देखती रही तभी उसकी दोस्त मोना ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”सोफी कौन था वो लड़का ?
“चोर ?”,सोफिया ने कार्तिक को देखते हुए कहा
“चोर ? पर उसने क्या चुराया है ?”,मोना ने असमझ की स्तिथि में कहा
सोफिया ने जाते हुए कार्तिक को देखते हुए कहा,”मेरा दिल , उसने पहली नजर में मेरा दिल चुरा लिया मोना “

Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8 Aur Pyar Ho Gaya – 8

क्रमश – Aur Pyar Ho Gaya – 9

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