Sanjana Kirodiwal

Story with Sanjana Kirodiwal

Telegram Group Join Now

और प्यार हो गया – 4

Aur Pyar Ho Gaya – 4

Aur Pyar Ho Gaya
Aur Pyar Ho Gaya by Sanjana Kirodiwal

सुबह के 5.30 बज रहे है कार्तिक नींद में मुस्कुरा रहा था , शायद कोई अच्छा सपना देख रहा था और सपना देखते देखते ही निचे गिर पड़ा l सर सहलाते हुए उठा और आईने के सामने जाकर खुद को देखते हुये कहने लगा,”ऐसे सपने कब तक देखेगा कार्तिक , वक्त आ गया है इन सपनो को पूरा करने का बस जल्दी ही वो मौका मिले और फिर ये दुनिया देखेगी”
कार्तिक बाथरूम में नहाने के लिए गया नहाते नहाते गाने लगा ,”ओह ओ जाने जाना , ढूंढे तुझे दीवाना सपनो में रोज आये , आ जिंदगी में आना सनम ………..!!
नहाकर कार्तिक ने कबर्ड से कपड़े निकाले और तैयार होकर अलमारी से एक कागज का बना बैग निकाला और मुस्कुराते हुए कमरे से बाहर आया l रंजना पूजा घर के सामने खड़ी आराधना कर रही थी कार्तिक को इतनी सुबह सुबह देखकर रंजना हैरान हो गयी हमेशा देर से उठने वाला कार्तिक आज इतनी जल्दी उठ गया l
“मौली दी उठ गयी ?”,कार्तिक ने धीरे से पूछा l
रंजना ने ना में सर हिला दिया l कार्तिक मौली के कमरे के सामने आया और वो कागज का बैग दरवाजे पर टांग दिया l
कार्तिक आकर भगवान की मूर्ति के सामने हाथ जोड़कर खड़ा हो गया और मन ही मन कहने लगा,”हे गणपति बप्पा , मौली दी को ढेर सारी खुशिया देना और उनकी जिंदगी में कभी कोई गम ना आये l उन्हें मेरी भी उम्र लग जाये”
“आज इतना क्या मांग रहे हो भगवान से”,रंजना ने कार्तिक की हथेली पर प्रशाद रखते हुए कहा
“वो थोड़ा पर्सनल है”,कार्तिक ने मुंह बनाकर कहा l
“अच्छा बाबा तुम और तुम्हारी पर्सनल बाते , ये बताओ नाश्ते में क्या लोगे ?”,रंजना ने किचन की तरफ जाते हुए कहा
“पास्ता विथ व्हाइट सॉस”,कार्तिक ने कहा
“पर तुम्हे तो ये बिल्कुल पसंद नहीं है”,रंजना ने किचन से झांकते हुए कहा l
“पर दीदी को तो पसंद है ना”,कार्तिक ने कहा और जाकर सोफे पर बैठ गया l रंजना हैरानी से कार्तिक को देख रही थी और सोच रही था,”आज इस शैतान को हो क्या गया है ? खैर जो भी हो पर मौली से ये आज भी उतना ही प्यार करता है”
सोफे पर बैठे कार्तिक की नजर बार बार मौली के कमरे की तरफ चली जाती l दरवाजा बंद था उसने घडी में देखा 6.30 हो रहे थे उसने टेबल से रिमोट उठाया और टीवी ऑन करके देखने लगा l ‘डोरेमोन’ उसका पसंदीदा प्रोग्राम था , 22 साल का जवान लड़का होकर भी वह बच्चो की तरह कार्टून देखता था l कार्तिक के शौक ही उसे बाकि लोगो से अलग बनाते थे l 7 बज गए लेकिन मौली अभी तक सो रही थी कार्तिक को उसे उठाने का तरिका सुझा और उसने टीवी की आवाज तेज कर दी और खुद भी मौली के कमरे के दरवाजे के सामने नोबिता की तरह आवाजे निकालने लगा ,”प्लीज़ डोरेमॉन मुझे अपना उड़ने वाला गैजेट दो ना डोरेमॉन मुझे शिजुका से मिलने जाना है l डोरेमॉन सुनो ना ,, आह हां देखो ना मॉम ये मेरी मदद नहीं कर रहा है l प्लीज़ डोरेमॉन “
टीवी की आवाज से मौली जाग गयी और गुस्से से बाहर आई और कार्तिक पर कुशन फेंकते हुए कहा,”सुबह सुबह ये बकवास बंद करो”
कार्तिक ने तकिया कैच कर लिया और कहा,”हैप्पी बर्थडे दी”
मौली को याद आया आज तो उसका जन्मदिन है कार्तिक ही हमेशा उसे सबसे पहले विश किया करता था मौली कार्तिक की तरफ देखती रही तो उसने कहा,”क्या , अब क्या थैंक्यू भी नहीं बोलोगी”
“थैंक्यू !”,मौली ने कहा और जैसे ही जाने के लिए वापस पलटी उसकी नजर दरवाजे से लगे बैग पर गयी l मौली ने बैग को उठाया और देखा उसमे एक बहुत ही प्यारा ड्रेस था जिसे मौली पिछले कुछ दिनों से रोजाना ऑनलाइन सर्च कर रही थी पर प्राइस ज्यादा होने की वजह से खरीद नहीं पाई , आज वही ड्रेस कार्तिक ने उसे गिफ्ट कर दी l उसने कार्तिक की तरफ देखा तो वह कहने लगा,”पसंद आया ?
“ये सब प्यार दिखाने की कोई जरूरत नहीं है”,कहकर मौली ने ड्रेस वापस उसी बेग में डाली और साइड टेबल पर रखकर अपने कमरे में चली गयी l
कार्तिक का चेहरा उतर गया l उसने टीवी बंद कर दिया और अपने कमरे में चला गया l बैग और बुक्स उठायी और कमरे से बाहर आ गयी l उसे जाते हुए देखकर रंजना दौड़कर आयी और कहा,”बेटा आज इतनी जल्दी जा रहे हो ? नाश्ता तो करते जाओ”
“भूख नहीं है मॉम”,कार्तिक ने धीरे से कहा
“मौली की बात का बुरा लगा ?”,रंजना ने पूछा
“नहीं मॉम आप जानती है न मुझे किसी की बात का बुरा नहीं लगता , और फिर अपनों की बातो का क्या बुरा मानना”,कार्तिक ने जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा लेकिन उसकी आँखों ने उसका साथ नहीं दियारंजना उसकी आँखे देखकर समझ गयी l

कार्तिक कॉलेज के लिए निकल गया l कॉलेज आया तो देखा वहा कोई नहीं आया है सिर्फ गेट पर चपरासी खड़ा है l
“क्या बात है आज इतनी जल्दी कॉलेज आ गए ?”,चपरासी ने हाथ पर जर्दा रगड़ते हुए कहा l
अमूमन कार्तिक जवाब दे दिया करता था लेकिन आज वह हल्का सा मुस्कुराया और अंदर चला गया l अंदर आकर वह केम्पस की सीढ़ियों पर बैठ गया मौली का बिहेव उसे हर्ट कर गया था l कार्तिक काफी देर तक अकेले बैठा रहा और फिर धीरे धीरे वहा स्टूडेंट्स आने लगे l कार्तिक सर झुकाये हुए बैठा ही था की तभी सोनिया वहा आयी और कहा,”हाय कार्तिक !
“हाय”,कार्तिक ने हैरानी से सोनिया की तरफ देखते हुए कहा l सोनिया ने खुद आकर उसे हाय कहा उसे यकींन नहीं हो रहा था l
“सॉरी कार्तिक मैंने तुम्हे गलत समझा , भले तुमने मुझे परेशान किया पर तुम दिल के बहुत अच्छे लड़के हो l”,सोनिया ने कहा
कार्तिक हक्का बक्का रह गया ये आज उलटी गंगा कैसे बहने लगी उसने धीरे से कहा,”तुम मजाक कर रही हो ना ?
“अरे ! मैं भला मजाक क्यों करुँगी ? सच्ची कल जब तुमने वो सॉरी कार्ड दिया तब मुझे अहसास हुआ की तुम सच में बहुत अच्छे हो”,कहकर सोनिया वहा से चली गयी l

कार्तिक तो ख़ुशी से भर उठा l सोनिया के बाद एक एक करके वो सब लोग आकर उससे सॉरी कहने लगे जिनको उसने वो सॉरी कार्ड दिया था l कार्तिक को याद आया ये सब तो नंदिनी की वजह से हुआ है l अब तो कार्तिक बेसब्री से नंदिनी का इंतजार करने लगा l बार बार उसकी नजर कॉलेज के गेट पर चली जाती , बार बार वह अपनी कलाई पर बंधी घडी देखता और वापस गेट की तरफ देखने लगता l कुछ देर बाद उसे नंदिनी सामने से आती हुई दिखाई दी उसके चेहरे पर बड़ी सी स्माइल आ गयी l वह वही सीढ़ियों पर बैठा रहा लेकिन ये क्या नंदिनी उसके पास ना आकर सीधा बरामदे की और बढ़ गयी l कार्तिक उठा और नदिनी के पीछे गया l
“नंदू……………. अरे नंदू सुनो तो”,कार्तिक ने नंदिनी के पीछे आते हुए कहा
“क्या है ?”,नंदिनी ने पलटकर कहा
“आज तो चमत्कार हो गया जो लड़किया मुझसे दूर भागती थी आज वो खुद से आकर मुझे सॉरी बोल रही है मेरी तारीफ कर रही है , ये सब तुम्हारे उस सॉरी कार्ड की वजह से हुआ है ,, थैंक्यू सो मच”,कार्तिक ने मुस्कुराते हुए कहा
“देखा मैंने कहा था ना एक सॉरी से कोई छोटा नहीं हो जाता”,नंदिनी भी मुस्कुरा उठी
“हां तुमने सही कहा था , और तुम बहुत अच्छी भी हो”,कार्तिक ने कहा
“अच्छा ठीक है अभी क्लास का वक्त हो गया चलते है”,नंदिनी नेक कहा और आगे बढ़ गयी l
“नंदू सुनो तो , तुमने मेरा निक नेम क्या रखा बताओ बताओ ?”,कार्तिक नंदिनी के साथ साथ चलते हुए कहने लगा
“मैंने कोई नाम नहीं रखा , दरअसल मुझे कोई नाम मिला ही नहीं”,नदिनी ने जवाब दिया
“ये क्या बात हुई , बताओ ना क्या नाम रखा है”,कार्तिक बच्चो की तरह नंदिनी के आगे पीछे उछलते कूदते हुए चलने लगा
“स्टॉप”,नंदिनी ने झुंझलाकर कहा कार्तिक बिल्कुल उसके सामने आकर रुक गया तो नंदिनी ने कहा,”कितने हायपर एक्टिव हो ना तुम , एक पल के लिए भी चैन नहीं है तुम्हे”
“तो फिर बताओ ना क्या नाम रखोगी मेरा ? आज तक किसी ने मेरा प्यार से नाम नहीं रखा सब कार्तिक ही बुलाते है”,कार्तिक ने मासूमियत से कहा
नंदिनी ने कार्तिक के चेहरे को देखा और कहा,”ठीक है आज से तुम्हारा नाम “बन्नी”
“क्या ? बन्नी (bunny) ये भी कोई नाम है भला ? हुंह , नाम रखना ही था तो जानू , स्वीटू या बाबू शोना रखती”,कार्तिक ने मुंह बनाकर कहा
नंदिनी मुस्कुराने लगी और कहा,”bunny खरगोश को कहते है और खरगोश बहुत हायपर एक्टिव होते है वो एक जगह कभी नहीं टिकते दिनभर उछल कूद करते है तुम्हारी तरह इसलिए मैंने तुम्हारा नाम ‘bunny’ रखा है l
“हम्म तो इसमें अच्छा क्या है ?”, कार्तिक ने झूठी नाराजगी दिखाते हुए कहा
“बुद्धू हो तुम , bunny हायपर एक्टिव होने के साथ साथ बहुत ‘क्यूट’ भी होते है तुम्हारी तरह”,नंदिनी ने मुस्कुराते हुए कहा
कार्तिक ने सूना तो उसका गुस्सा छू मंतर हो गया उसने अपने अंगूठे के नाख़ून को अपने दांतो तले दबाया और शर्माने की एक्टिंग करते हुए कहा,”तुम्हारे मुंह से मेरी तारीफ कितनी अच्छी लगती है थोड़ी और तारीफ करो ना”
“तुम्हारा कुछ नहीं हो सकता , बाय”,नंदिनी ने हसते हुए कहा और जाने लगी
“नंदू………………..!!”,कार्तिक ने जाती हुयी नंदिनी को आवाज देते हुए कहां
“अब क्या है ?”,नंदिनी ने पलटते हुए कहा l
“तुम्हारा रखा हुआ नाम बहुत अच्छा है , थैंक्यू !!”,कार्तिक ने होंठो पर बड़ी सी मुस्कान लाकर कहा l

नंदिनी मुस्कुरायी और आगे बढ़ गयी l कार्तिक वही खड़ा उसे जाते हुए देखते रहा तभी वहा चपरासी आया और कहा,”कार्तिक तुम्हे प्रिंसिपल सर ने अपने केबिन में बुलाया है”
“अब मैंने क्या कर दिया ? बचा लेना भगवान्”,कार्तिक ने मन ही मन कहा और प्रिंसिपल के केबिन की और बढ़ गया l l
“में आई कम इन सर”,कार्तिक ने धीरे से कहा l
“अरे कार्तिक आओ आओ अंदर आओ”,प्रिंसिपल सर ने फाइल निचे रखते हुए कहा l
“अब मुझसे क्या गलती हुई सर ? प्लीज़ उस दिन के लिए पापा से शिकायत मत कीजियेगा आप जो पनिशमेंट देंगे मंजूर है प्लीज़ सर “,कार्तिक ने सर झुकाये हुए कहा l
“अरे गलती तुमसे नहीं मुझसे हुई है तुम्हे पहचानने में पर कल तुम्हारे उस सॉरी कार्ड को पढ़ने के बाद मुझे अहसास हुआ की तुम कितने अच्छे और सच्चे लड़के हो”,प्रिंसिपल ने आत्मीयता से कहा
“मैंने क्या लिखा ?”,कार्तिक ने हैरानी से कहा
“आह ये होती है एक महान इंसान की पहचान वह अपनी लिखी अच्छाइया भूल जाता है l ये लो बेटा खुद ही पढ़ लो”,कहकर प्रिंसिपल ने कार्तिक का दिया हुआ सॉरी कार्ड उसकी तरफ बढ़ा दिया l कार्तिक ने कार्ड खोला और पढ़ने लगा
“dear प्रिंसिपल सर !
मैंने आपको बहुत परेशान किया , आपका मजाक उड़ाया उसके लिए मैं आपसे दिल से माफ़ी मांगता हु l मेरी इतनी शैतानियों के बाद भी आपने मुझे इस कॉलेज में रहने का मौका दिया , आप बहुत महान है सर l मेरे लिए तो आप आदर्श इंसान है मैं बड़ा होकर बिल्कुल आप जैसा बनुंगा सर , अपने घर में आपकी तस्वीर लगाऊंगा मोटिवेशन के लिए l मैं तो अपने होने वाले बच्चो से भी कहूँगा की वो आप जैसा बने आपसे कुछ सीखे l आपका दिल कितना बड़ा है सर l”
पढ़कर कार्तिक का सर चकराने लगा और वह सोचने लगा मैंने ये सब कब लिखा l
“तुम्हारी यही बातें मेरे दिल को छू गई और मैंने अगले ही पल तुम्हे माफ़ कर दिया l जितनी मर्जी शरारते करो इस उम्र में नहीं करोगे तो क्या हमारी उम्र में करोगे l पर बेटा अचानक से तुम में इतना बदलाव इसकी वजह क्या है ?”,प्रिंसिपल सर ने कार्तिक के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा l
“एक सॉरी बोलने से कोई इंसान छोटा नहीं हो जाता सर”,कार्तिक ने नंदिनी की कही लाइन प्रिंसिपल सर के सामने चिपका दिया
“वाह ! कितने अच्छे विचार है तुम्हारे देखना तुम एक दिन इस कॉलेज का नाम जरूर रोशन करोगे , बस यही कॉन्फिडेंस बनाये रखना बेटा बेस्ट स्टूडेंट का अवार्ड मैं तुम्हारे हाथ में देखना चाहता हु”,प्रिंसिपल ने कहा
कार्तिक वहा से बाहर आ गया l वह अब नंदिनी को ढूंढ रहा था l उसे लगा था नंदिनी ने कार्ड्स में सिर्फ सॉरी लिखा है पर यहाँ तो भर भर कर झूठ लिखा हुआ था l
उधर अपने केबिन में बैठा प्रिंसिपल सोचने लगा,”मेरी तस्वीर स्टूडेंट्स अब घर में लगाएंगे , मैं उनकी , उनके बच्चो की प्रेरणा बनूंगा आह कितना अच्छा लगेगा l सब मुझसे मिलने आएंगे , मेरा इंटरव्यू लेंगे , मेरी तस्वीरें अखबारों में छपेगी , मेरे नाम के स्कूल ,कॉलेज बनेगे l”
ऐसा कुछ नहीं होने वाला प्रिंसिपल को भी कार्तिक की हवा लग गयी थी इसलिए वो दिन में सपने देख रहा था l

क्लास ख़त्म होने के बाद नंदिनी जैसे ही क्लास से बाहर आई कार्तिक उसे देखते ही भड़का और उसकी और लपकते हुए कहा,”नंदू की बच्ची , रुक तुझे मैं बताता हु , प्रिंसिपल को दिए कार्ड में क्या क्या लिखा तुमने ?”
“बाप रे ! मर गए , इसे तो सच पता चल गया अब क्या करे ? भाग नंदिनी”,नंदिनी ने खुद से कहा और वहा से भाग गयी l
आगे आगे नंदिनी और पीछ पीछे उसे पकड़ने के लिए कार्तिक दौड़ रहा था
“रुक जा नंदू , आज तो तू मेरे हाथ से बचेगी नही”,कार्तिक ने नंदिनी के पीछे दौड़ते हुए कहा
“झूठ बोलने से अच्छा हो तो वो झूठ झूठ नहीं होता है”,नंदिनी ने भी भागते भागते कहा
कार्तिक थोड़ा तेजी से भागा और नंदिनी का हाथ पकड़कर मोड़ा और उसकी पीठ पीछे लगाकर कहा,”क्या कहा प्रिंसिपल सर से वो मेरे आदर्श है , उनकी तस्वीर में अपने घर में लगाऊंगा l उस मोटे , टकलू प्रिन्सिपल को झेलना क्या कम है जो उसकी तस्वीर को भी झेलू मैं”
“लेकिन मैं तो तुम्हारी हेल्प कर रही थी न सब सही करने में”,नंदिनी ने हाथ छुड़ाने की कोशिश करते हुए कहा
लेकिन कार्तिक ने उसका हाथ और कसते हुए कहा,”ओह्ह्ह मेडम जी नहीं चाहिए ऐसी हेल्प और बाय द वे प्रॉब्लम उन लोगो को मुझसे है तो मैं उनकी झूठी तारीफ क्यों करू ? और क्या लिखा तुमने मैं अपने बच्चो को उनके जैसा बनाऊंगा , अरे ! क्यों बनाऊंगा मैं अपने बच्चो को उनके जैसा हां ,, वो स्टूडेंट्स को कितना टॉर्चर करते है ये सिखाऊंगा उनको l
“हां तो मत बनाना कौन कह रहा है”,नंदिनी ने दर्द से तड़पते हुए कहा
“हां तो नहीं बनाऊंगा वो मेरे बच्चे है मैं क्यों बनाऊंगा उनको प्रिंसिपल के जैसा”,कार्तिक ने कहा
श्रुति , चंदन और त्यागी ने देखा तो दौड़े हुए आये l
“अबे क्यों झगड़ रहे हो दोनों ?”,चन्दन ने कहा
चंदन और बाकि सबको वहा देखकर कार्तिक ने नंदिनी का हाथ छोड़ा और चन्दन की तरफ पलटकर कहा,”देख ना ये बोल रही है मैं अपने बच्चो को उस टकलू प्रिंसिपल जैसा बनाँऊगा”
“तुम्हारे बच्चे है कहा ?”,नंदिनी ने अपना हाथ सहलाते हुए कहा
“देख यार अब ये बोल रही है मेरे बच्चे ही नहीं है”,कार्तिक ने झुंझलाकर कहा
“हां तो सही तो कह रही है , कहा है बच्चे ?”,चंदन ने कहा
“कहा गए ?”,कार्तिक ने उदासी से कहा
“अबे तेरी शादी ही कब हुई जो बच्चे होंगे”,चंदन ने झुंझलाकर कहा
“हां यार मेरी तो अभी शादी ही नहीं हुई है”,कार्तिक ने सोचते हुए कहा l त्यागी , श्रुति और नंदिनी ने अपना सर पिट लिया
“यही तो नंदिनी समझा रही है तबसे”,चंदन ने थोड़ा ऊँची आवाज में कहा
“ओह शीट शीट शीट आई ऍम सॉरी नंदू , वो मैं गुस्से में…………… आई ऍम रियली सॉरी नंदू”,कार्तिक ने नंदिनी की तरफ बढ़ते हुए कहा
नंदिनी वहा से चली गयी कार्तिक उसके पीछे पीछे आया और कहा,”नंदू सुनो तो सही…………….!!
नंदिनी रुकी और कार्तिक के सामने अपना हाथ कर दिया जो की उसकी मजबूत पकड़ से लाल हो गया था l दर्द की वजह से नंदिनी की आँखों में नमी भी तैर गयी l
“सॉरी नंदू , मेरी वजह से ये सब l मैं ना सच में बहुत स्टुपिड हु दोबारा ऐसा नहीं होगा सच्ची , अगर करू तो खींचकर एक थप्पड़ मेरे गाल पर मार देना”,कार्तिक ने मासूमियत से कहा
“सोच लो”,नंदिनी ने कहा
“सोच लिया , पक्का मार लेना”, कार्तिक ने कहा
नंदिनी आगे आयी और धीरे से एक थप्पड़ उसके गाल पर मार दिया और कहा,”तुम सच में पागल हो , पता नहीं तुम्हारे घरवाले कैसे झेलते है तुम्हे ?”
“ये क्या सच में मार दिया”,कार्तिक ने गाल पर हाथ लगाए हुए मासूमियत से कहा l
“सॉरी”,नंदिनी ने अपने दोनों कानो को पकड़कर कहा
“अच्छा चलो”,कार्तिक ने नंदिनी का हाथ पकड़कर कहा
“कहा ?”,नंदिनी ने कहा
“चलो बताता हूं”,कहकर कार्तिक नंदिनी का हाथ पकड़े उसे केंटीन की ओर ले गया l केंटीन में आकर कार्तिक ने नन्दिनी से बैठने को कहा और खुद जाकर बर्फ ले आया उसने बर्फ को अपने रूमाल पर रखा और धीरे धीरे नंदिनी के हाथ पर लगाने लगा l ठंडक से नंदिनी के हाथ को थोड़ा आराम मिला l
जितने कार्तिक प्यार से ये सब कर रहा था नंदिनी उतने ही प्यार से उसे देखे जा रही थीं l
चंदन , श्रुति ओर त्यागी भी वहां आ गए l सभी बैठकर कॉफी पीने लगे l
कार्तिक ने भीगा हुआ रुमाल नंदिनी के हाथ पर ही लपेट दिया l सभी कॉफी पी ही रहे थे कि तभी कार्तिक का फोन बजा l कार्तिक ने कुछ देर बात की ओर फिर कहा ,”गाइज आज शाम को घर में पार्टी है और तुम सबको आना है”
“अरे आज क्या है ?”,श्रुति ने कॉफी पीते हुए कहा l
“दीदी का बर्थडे है न तो पापा ने रखी है , तुम सब मेरे दोस्त हो इसलिए तुम्हे भी आना है”,कार्तिक ने कहा
चंदन – मैं तो पक्का आऊंगा
त्यागी – मैं भी
श्रुति – ok गाइज मैं भी आजाउंगी
नंदिनी चुपचाप कॉफी पीने मे बिजी थी l कार्तिक ने कहा,”तुम भी आओगी ना ?
“मैं , मैं होस्टल में रहती हूं परमिशन नही मिलेगी , सॉरी गाइज तुम लोग एन्जॉय करो l”,नंदिनी
कार्तिक – नंदू पार्टी 7 बजे है और 10 बजे तक तो खत्म भी हो जाएगी
नंदिनी – बन्नी ! मैं नही आ पाऊंगी सॉरी
कार्तिक – नही आओगी तो उठा के ले आऊंगा
नंदिनी – कैसे ?
“ऐसे”,कहकर कार्तिक ने नंदिनी को गोद मे उठा लिया
सब कार्तिक को देखते ही रह गए l
“बन्नी नीचे उतारो मुझे सब देख रहे है”,नंदिनी ने कहा
“आओगी या नही”,कार्तिक ने कहा
“अच्छा बाबा ठीक है मैं आ जाउंगी अब तो उतारो”,नंदिनी ने कहा
कार्तिक ने नंदिनी को नीचे उतारा और फिर सभी बैठकर शाम की पार्टी के बारे में बात करने लगे l केंटीन से निकलकर सब अपनी अगली क्लासो के लिए बढ़ गए l

शाम का समय , कार्तिक का घर
कार्तिक गेट पर खड़ा बेसब्री से अपने दोस्तों के आने का इंतजार कर रहा था l 7 बजते ही वे चारो भी आ गए l नंदिनी ने आज गोल्डन कलर का पंजाबी सूट पहना हुआ था वह बहुत ही प्यारी लग रही थी l कार्तिक ने जब उसे देखा तो बस देखता ही रह गया नंदिनी अपने उड़ते बालो को सम्हालते हुए कार्तिक की तरफ बढ़ रही थी l जब नंदिनी कार्तिक के सामने आई तो कार्तिक ने कहा, “नंदू अगर तू दोस्त नही होती ना तो कसम से भगा ले जाता तुझे”
“फ्लर्ट कर रहे हो मेरे साथ ?”,नंदिनी ने कहा
“तू फ्लर्ट करने के लिए नही बनी है यार”,कार्तिक ने उसे देखते हुए कहा
“फिर ?”,नंदिनी भी शरारत के मूड में थी
“तु…………………कभी फुरसत में बताऊंगा”,कहकर कार्तिक आगे बढ गया l
“तुम्हे समझना मुश्किल ही नही नामुमकिन है”,नंदिनी ने धीरे से कहा
सभी अंदर आये l चंदन को छोड़कर बाकी सभी दोस्त कार्तिक के मम्मी पापा से पहली बार मिले थे l सभी हॉल में लगे सोफे पर आकर बैठ गए l नंदिनी ने देखा सिर्फ उनके ओर कार्तिक की फैमिली के अलावा वहा ओर कोई नही था l
रंजना सबके लिए जूस ले आयी l
चंदन वाशरूम जाने के लिए उठा ओर वहा से चला गया l सभी बैठकर बातें करते हुए जूस पी ही रहे थे कि तभी बालकनी की तरफ से चंदन भागते हुए आया और चिल्लाते हुए कहा
“कोई मुझे इस भूत से बचाओ

Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4 Aur Pyar Ho Gaya – 4

क्रमश – Aur Pyar Ho Gaya – 5

Read More – और प्यार हो गया – 3

Follow Me On – instagram | facebook | youtube

Read More Story Here – waveofshama

संजना किरोड़ीवाल

Aur Pyar Ho Gaya
Aur Pyar Ho Gaya by Sanjana Kirodiwal

2 Comments

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!