Sanjana Kirodiwal

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हाँ ये मोहब्बत है – 48

Haan Ye Mohabbat Hai – 48

Haan Ye Mohabbat Hai
Haan Ye Mohabbat Hai

निधि की हल्दी की रस्म में अक्षत का मन थोड़ा उदास हो गया तीन दिन बाद निधि हमेशा के लिए व्यास हॉउस से जाने वाली थी। जीजू ने अक्षत को समझाया की उसे निधि के सामने ऐसे बिहेव नहीं करना है। उन्होंने सामने बैठी निधि का खिलखिलाता चेहरा अक्षत को दिखाते हुए कहा,”देख उसे कितनी खुश है वो अपनी शादी से , और उसकी बगल में जो बैठा है ना वो अपनी निधि को बहुत प्यार करता है। उसे हमेशा खुश रखेगा इसलिए अब ये सब करना बंद कर और चलकर इंजॉय कर सबके साथ”
“हम्म्म्म सॉरी”,अक्षत ने आँखों के किनारे साफ करके कहा तो जीजू उसके कंधे पर हाथ रखते हुए बाकि सबकी तरफ बढ़ गए। सभी हल्दी की रस्म को एन्जॉय कर रहे थे की कुछ देर बाद हनी की भुआ ने विजय जी से कहा,”भाई साहब ऐसे सुखी सुखी हल्दी में मजा नहीं आ रहा , हम पंजाबी लोग है जब तक भंगड़ा ना करे हर रस्म फीकी है”
“अरे बिल्कुल इंतजाम है दो मिनिट दीजिये अभी करवाते है”,कहते हुए विजय जी ने अर्जुन को इशारे से बुलाया उन्होंने अर्जुन से कुछ कहा तो अर्जुन वहा से चला गया। कुछ ही देर में वहा गान बजने लगा
“तू हो गयी वन टू टू, ओ कुड़िये व्हाट टू डू
ओ हो गयी मुंडे दी, तू तुरु तुरु तुरु
पतंगा वर्गी तू ऐन्वई उड़ दी
ओ हो गयी मुंडे दी, तू तुरु तुरु तुरु
तू घंटी बिग बेन दी, पूरा लन्दन ठुमकदा
ओ जद्दो नच्चे पेहन दी, पूरा लन्दन ठुमकदा

जैसे ही गाना बजा एक एक करके गार्डन में जमा हुए और मस्ती वाला डांस करने लगे। हनी और निधि भी सबके बीच चले आये दोनों को साथ डांस करने का मौका जो मिल रहा था। सोमित जीजू अर्जुन और अक्षत को भी खिंच लाये। तीनो साथ में डांस कर रहे थे। सोमित जीजू ने तो चीकू को अपने कंधे पर ही बैठा लिया था। बड़े बुजुर्ग बैठकर हँसते मुस्कुराते सबको देख रहे थे। अक्षत ने अपनी दादी को देखा तो उनकी तरफ आया और उनका हाथ पकड़कर उन्हें सब बीच लाकर डांस करने लगा। आज कई दिनों बाद दादी ने अक्षत को इतना खुलकर हँसते मुस्कुराते देखा था , करना आधे से ज्यादा वक्त तो वह सीरियस ही रहता था। नीता ने सबको साथ डांस करते देखा तो वह मीरा और तनु को भी अपने साथ खींच लाई और डांस करने लगी। विजय जी अमायरा को गोद में लिए थिरक रहे थे। माहौल पूरा खुशियों से भरा था। निधि की नजर डांस करते अक्षत पर पड़ी तो वह उसके पास चली आयी और साइड से उसे हग
किया। अक्षत ने भी उसे हग किया इतने में जीजू और अर्जुन उनके पास आये और दोनों ने मिलकर निधि को कंधो पर उठा लिया। निधि बहुत खुश थी। उसकी हल्दी का फंक्शन इतना यादगार जो बन चुका था। हल्दी के फंक्शन के बाद कुछ लोग वही गार्डन में रुके और कुछ नहाने चले गए। अक्षत ने देखा मीरा के गालो पर भी हल्दी लगी है वह हल्दी वाले बर्तन की तरफ आया और अपने दोनों हाथो में थोड़ी हल्दी लेकर मीरा के सामने आकर खड़ा हो गया। मीरा ने अक्षत को देखा तो कहा,”क्या ?”
अक्षत मुस्कुराया और ना में गर्दन हिलाते हुए अपने हाथो में ली हुई हल्दी मीरा के गालो पर लगा दी। मीरा ने झूठ मुठ के गुस्से से अक्षत को देखा तो अक्षत ने बची हुई हल्दी अपनी ऊँगली से मीरा के नाक पर लगा दी। अब तो सच में मीरा चिढ गयी और अक्षत के पीछे भागने लगी। आगे अक्षत और पीछे मीरा , नजारा देखने लायक था भागते हुए अक्षत अंदर हॉल में चला आया और वहा से ऊपर छत पर , मीरा भी उसके पीछे पीछे चली आयी। छत पर आकर अक्षत दिवार के पास खड़े होकर हाफने लगा। मीरा आकर उसके सामने खड़े हो गयी तो अक्षत ने कहा,”क्या है ?”
“आपने हमे हल्दी लगायी ना अब हमे भी आपको हल्दी लगानी है”,मीरा ने कहा
“अच्छा लगा दो लेकिन एक शर्त पर”,अक्षत ने कहा
“कोनसी शर्त ?”,मीरा ने पूछा
“तुम बेशक मुझे हल्दी लगा सकती हो लेकिन बिना हाथ लगाए”,अक्षत ने शरारत से कहा मीरा सोच में डूब गयी और फिर अक्षत के करीब आकर उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”आपको क्या लगता है वकील साहब ? इस शहर में सिर्फ आप ही होशियार है”
“लगता क्या है मैं हूँ”,अक्षत ने पॉजिटिव ऐटिटूड के साथ कहा तो मीरा ने अपना गाल उसके गाल से सताया और हल्दी लगा दी। मीरा के गालो की छुअन से अक्षत पिघलने लगा था। उसकी धड़कने बढ़ चुकी थी और आँखे बंद हो चुकी थी। मीरा ने अक्षत के दूसरे गाल पर भी ऐसे ही हल्दी लगायी और कहा,”आपके साथ रहके थोड़ी होशियारी हम भी सिख गए है”
मीरा के इतना कहते ही अक्षत ने मीरा की कमर पकड़ के उसे घुमाकर उसकी पीठ दिवार से लगा दी और अपना सर उसके सर से लगते हुए कहा,”तुम्हे मुझसे कुछ सिखने की जरूरत नहीं है मीरा , जिंदगी की खूबसूरत चीज मैंने तुमसे सीखी है और वो है मोहब्बत , बेइंतहा , बेशुमार,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
अब धड़कने बढ़ने की बारी मीरा की थी दोनों खामोश थे बस एक दूसरे की साँसो की गर्माहट थी और , धड़कनो का शोर था। अक्षत ने अपने होंठो को मीरा के होंठो से छुआ और फिर एकदम से दूर होकर कहा,”तुम जाओ”
मीरा ने हैरानी से अक्षत को देखा और फिर जाते हुए कहा,”सडु कही के”
अक्षत हसने लगा और बालो में से हाथ घुमाते हुए मीरा के पीछे चला आया। दोनों नीचे चले आये अक्षत को विजय जी ने किसी काम से बुला लिया और मीरा नहाने चली गयी।
दोपहर में सबके खाने का इंतजाम अंदर हॉल में किया गया क्योकि बाहर बहुत धूप थी। सब अलग अलग ग्रुप बनाकर खाना खा रहे थे। निधि और हनी को साथ में टाइम स्पेंड करने का अच्छा मौका मिल चुका था। दोनों साथ खा पी रहे थे , साथ घूम रहे थे। मेहमान भी सब अपने अपने तरीके से एन्जॉय कर रहे थे। विजय जी ने बेटी की शादी में अच्छा खर्चा किया था। आज शाम में कोई फंक्शन नहीं था इसलिए सोमित जीजू , तनु और अक्षत तीनो सो रहे थे। मीरा कमरे में आयी अक्षत को सोया देखकर उसने नहीं जगाया और नीचे चली आयी। निचे हनी की तरफ की महिलाये और निधि के तरफ की महिलाये गीत-संगीत कर रही थी मीरा भी अमायरा को लेकर वहा आकर बैठ गयी। नीता निधि की सहेलियों के साथ बैठी बातें कर रही थी। कुछ देर बाद हनी की कजिन आयी और अमायरा की तरफ देखकर मीरा से कहा,”क्या मैं ले लू ? एक्चुअली ये बहुत क्यूट है”
“लीजिये ना”,कहते हुए मीरा ने अमायरा को उसकी तरफ बढ़ा दिया और लड़की से कहा,”प्लीज ध्यान रखियेगा”
“यही पीछे सोफे पर हूँ डोंट वरी”,कहकर लड़की अमायरा को लेकर मीरा के पीछे पड़े सोफे पर आ बैठी और अमायरा के साथ सेल्फी लेने लगी। बस फिर क्या था
एक एक करके सब अमायरा के साथ सेल्फी लेने लगे। कुछ देर बाद लड़की उसे वापस मीरा को देकर चली गयी।
दिनभर हंसी ख़ुशी वाला माहौल रहा रात के खाने के बाद सभी अपने अपने कमरो में थे। जीजू , अक्षत , तनु , मीरा चारो बैठकर पुरानी बातें कर रहे थे की तभी किसी ने दरवाजा खटखटाया। अक्षत ने उठकर दरवाजा खोला तो देखा सामने अक्षत खड़ा है। अक्षत को साइड में करके अंदर आते हुए अर्जुन ने कहा,”जीजू आज मुझे भी आप लोगो के कमरे में सोना है”
“पर तुमने तो पार्टी बदल ली थी”,जीजू ने ताना मारते हुए कहा
“अरे यार बहुत पछता रहा हूँ पता है नीता और उसकी कजिन्स की बोरिंग बातें सुनकर पक गया हूँ , प्लीज मुझे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अर्जुन ने इतना ही कहा था की जीजू ने पीछे देखने का इशारा किया अर्जुन ने पीछे देखा तो गुस्से में घूरती नीता खड़ी थी। अर्जुन की तो सिट्टी पिट्टी ही गुम हो गयी लेकिन अक्षत को मन ही मन हंसी आ रही थी। अर्जुन को लगा नीता अब उस पर गुस्सा करेगी लेकिन नीता ने कमरे का दरवाजा बंद किया और कहा,”एक्चुअली मैं खुद भी यहाँ सोने आयी हूँ , उनकी बातो से मैं भी बोर हो रही थी”
“कोई बात नहीं आ जाओ यहाँ बहुत जगह है”,जीजू ने हँसते हुए कहा
“चीकू कहा है ?”,अक्षत ने सवाल किया
“चीकू माँ के पास सो गया है”,नीता ने कहा
सभी आकर गद्दो पर बैठ गए और फिर शुरू हुई उन सबके बीच बातें जो खत्म ही नहीं हुई। सुबह के 3 बजे जाते जाते सब सो गए।

अगले दिन सब जल्दी उठ गए। अक्षत को अपनी नींद बहुत प्यारी थी जब मीरा ने उसे उठाया तो उसने कहा,”मीरा मुझे सोने दो वैसे भी मेहँदी का फंक्शन है उसमे मेरा कोई काम नहीं है” कहकर अक्षत ने पास में सो रही अमायरा को अपनी बांहो में लिया और सो गया। मीरा को भी लगा की दोनों बाप बेटी को सोने देना चाहिए। शाम में डांस प्रोग्रमा था इसलिए मेहँदी का फंक्शन दिन में ही रखा जिस से सबको मेहँदी भी लग जाये और रस्म भी हो जाये। मेहँदी के लिए हॉल में ही एक बहुत अच्छा सेट-अप बनाया गया लाल सफ़ेद पर्दो के बीच में गोल रंग का एक ऊँचा सा गद्दा रखा हुआ था। पास में दो तीन सोफे रखे थे जहा दूल्हे दुल्हन के अलावा बाकि लोग बैठ सके। बगल में एक गद्दा और लगा था जहा ढोलक और कुछ सामान रखा हुआ था। फंक्शन के हिसाब से हनी ने हरे रंग का कुरता पजामा और उस पर बहुत ही सुन्दर कोटी पहनी हुई थी। निधि ने हरे रंग का पलाजो और स्लीवलेस टॉप पहना था। निधि की सहेलियों में से कुछ ने हरे रंग के सूट तो कुछ ने मेहँदी के अकॉर्डिंग ड्रेस पहने हुए थे। नीता और तनु ने हरे रंग की साड़ी थी मीरा ने हरे रंग की राजपूती पोशाक पहनी थी जिस में वह बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। नाश्ते के बाद सभी आकर मेहँदी की रस्म के लिए जमा हो गए। ढोलक बजना शुरू हुआ , सभी गीत संगीत गाने लगी। निधि की सास ने निधि की हथेली पर शगुन की मेहँदी लगायी और फिर मेहँदी वाली से कहा,”ऐसी मेहँदी लगना की सालो साल उसका रंग हमारी बहू के जीवन में बना रहे”
निधि मुस्कुरा उठी राधा अपनी समधन के पास आयी और कहा,”बहनजी आईये आप भी मेहँदी लगवा लीजिये”
“हाँ चलिए हम लोग वहा चलकर बैठते है , बच्चो को यहाँ बैठने देते है”,कहते हुए हनी की मम्मी राधा को अपने साथ ले गयी। हनी और निधि को मेहँदी लगने लगी। नीता और तनु भी पास ही सोफे पर बैठकर अपने हाथो में मेहँदी लगवा रही थी। निधि ने मीरा को देखा तो अपनी तरफ आने का इशारा किया। मीरा निधि की बगल में आकर बैठ गयी तो निधि ने कहा,”तुम मेहँदी क्यों नहीं लगवा रही ?”
“बाद में लगवा लेंगे”,मीरा ने मुस्कुरा कर कहा
“बाद में क्यों ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अच्छा अच्छा भाई के बिना तुम्हारी मेहँदी अधूरी है , उनको देखे बिना मेहँदी का रंग कैसे आएगा ? है ना”,निधि ने मीरा को छेड़ते हुए कहा
“कुछ भी बोलती हो , चुप करके मेहँदी लगवाओ और हां अपनी हथेली में हनी जी का नाम लिखवाना मत भूलना”,मीरा ने कहा तो निधि मुस्कुरा दी।
“अच्छा हम अमायरा को देखकर आते है , तुम तब तक मेहँदी लगवाओ ठीक है , और कुछ चाहिए तो हमे बताना”,कहते हुए मीरा वहा से चली गयी। अभी कुछ दूर ही गयी थी की सामने से आती भुआजी की गोद में अमायरा दिखी। मीरा उनके पास आयी और कहा,”भुआजी आपने क्यों तकलीफ की ? हम आ ही रहे थे”
“अरे कोई बात नहीं मीरा तुम्हे और भी दस काम है , अक्षत नहाने गया है इसलिए मुझसे कहा की मैं इसे सम्हालू पर ये रोने लगी , इसे शायद भूख लगी है”
“हां भुआजी लाईये हमे दे दीजिये हम इसे दूध पीला देते है”,कहते हुए मीरा ने अमायरा को गोद में लिया और अंदर जाने लगी। सामने से आती राधा ने मीरा को देखा तो कहा,”मीरा मैंने तुम्हे गहनों का एक डिब्बा दिया था वो दोगी मुझे”
“हां माँ थोड़ी देर में देते है अभी अमायरा को दूध पिलाने ले जा रहे है”,मीरा ने कहा
“एक काम करो इसे मुझे दो इसके दूध का बोतल मैंने सुबह ही धोकर रखवाया है , इसे दूध मैं पीला देती हूँ। तुम जाकर वो गहनों का डिब्बा ले आओ और उसे अपने पापा को दे दो”,राधा ने कहा
“ठीक है माँ हम जाते है”,कहकर मीरा चली गयी। राधा अमायरा को लेकर नीचे कमरे में चली आयी और रघु से अमायरा की दूध को बॉटल लेकर आने को कहा। मीरा ने डिब्बा लाकर विजय जी को दे वापस आयी तो देखा राधा ने अमायरा को दूध पीला दिया था और उसके कपडे भी चेंज कर दिए थे। मीरा को देखते ही उन्होंने कहा,”मीरा तुम जाकर मेहँदी लगवा लो तब तक इसे मैं रख लुंगी”
“लेकिन माँ आप परेशान”,मीरा ने कहना चाहा तो राधा ने कहा,”बेटा मैं हूँ ना तुम जाओ मेहँदी लगवाओ फिर और भी बहुत सारे काम है , चलो जाओ”
राधा की बात सुनकर मीरा वापस हॉल में चली आयी लेकिन इस बार नजारा चेंज था। सोमित जीजू और अक्षत निधि के पास बैठे थे। चलते चलते मीरा की नजर अक्षत पर पड़ी , उसकी नजरे एक पल के लिए अक्षत पर ठहर सी गयी। डार्क ग्रीन शर्ट और सफेद रंग की जींस में अक्षत बहुत हेंडसम लग रहा था। शादी के बाद भी वह किसी बेचलर से कम नहीं लग रहा था। मीरा वहा आयी तो तनु ने उठते हुए कहा,”मीरा मेरा हो गया तुम लगवा लो”
मीरा जैसे ही सोफे पर आकर बैठी अक्षत भी उसकी बगल में आकर बैठ गया। जीजू ने देखा तो अक्षत को छेड़ते हुए कहा,”क्यों साले साहब मीरा को रिश्वत देने गए हो ताकि वो अपनी मेहँदी में आपका नाम लिखवाये”
अक्षत मुस्कुराया और कहा,”अरे मेरा नाम तो इनके किस्मत के पन्नो पर लिखा जा चुका है मेहँदी में लिखे ना लिखे क्या फर्क पड़ता है ?” मीरा ने सूना तो अक्षत की आँखो में देखने लगी और दोनों एक पल के लिए एक दुसरे की आँखों में खो से गए।

Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48 Haan Ye Mohabbat Hai – 48

क्रमश – हाँ ये मोहब्बत है – 49

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संजना किरोड़ीवाल

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Haan Ye Mohabbat Hai

अगले दिन सब जल्दी उठ गए। अक्षत को अपनी नींद बहुत प्यारी थी जब मीरा ने उसे उठाया तो उसने कहा,”मीरा मुझे सोने दो वैसे भी मेहँदी का फंक्शन है उसमे मेरा कोई काम नहीं है” कहकर अक्षत ने पास में सो रही अमायरा को अपनी बांहो में लिया और सो गया। मीरा को भी लगा की दोनों बाप बेटी को सोने देना चाहिए। शाम में डांस प्रोग्रमा था इसलिए मेहँदी का फंक्शन दिन में ही रखा जिस से सबको मेहँदी भी लग जाये और रस्म भी हो जाये। मेहँदी के लिए हॉल में ही एक बहुत अच्छा सेट-अप बनाया गया लाल सफ़ेद पर्दो के बीच में गोल रंग का एक ऊँचा सा गद्दा रखा हुआ था। पास में दो तीन सोफे रखे थे जहा दूल्हे दुल्हन के अलावा बाकि लोग बैठ सके। बगल में एक गद्दा और लगा था जहा ढोलक और कुछ सामान रखा हुआ था। फंक्शन के हिसाब से हनी ने हरे रंग का कुरता पजामा और उस पर बहुत ही सुन्दर कोटी पहनी हुई थी। निधि ने हरे रंग का पलाजो और स्लीवलेस टॉप पहना था। निधि की सहेलियों में से कुछ ने हरे रंग के सूट तो कुछ ने मेहँदी के अकॉर्डिंग ड्रेस पहने हुए थे। नीता और तनु ने हरे रंग की साड़ी थी मीरा ने हरे रंग की राजपूती पोशाक पहनी थी जिस में वह बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। नाश्ते के बाद सभी आकर मेहँदी की रस्म के लिए जमा हो गए। ढोलक बजना शुरू हुआ , सभी गीत संगीत गाने लगी। निधि की सास ने निधि की हथेली पर शगुन की मेहँदी लगायी और फिर मेहँदी वाली से कहा,”ऐसी मेहँदी लगना की सालो साल उसका रंग हमारी बहू के जीवन में बना रहे”

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