Sanjana Kirodiwal

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हाँ ये मोहब्बत है – 47

Haan Ye Mohabbat Hai – 47

Haan Ye Mohabbat Hai
Haan Ye Mohabbat Hai

अक्षत , जीजू और अर्जुन तीनो अँधेरा होने पर घर पहुंचे। अपने अपने बैग लेकर जब तीनो अंदर आये तो दादू ने उन्हें देखकर हँसते हुए राधा से कहा,”अरे राधा जरा देखो इन्हे ऐसे लग रहा है शादी निधि की नहीं इन तीनो की है”
“दादू बहन की शादी में इनका भी तो चमकने का हक़ बनता है ना”,निधि ने आकर अर्जुन की बाँह थामते हुए कहा
“हां हां बिल्कुल , सब तैयारियां कर लो कोई कमी नहीं रहनी चाहिए”,दादू ने कहा
“कोई कमी नहीं रहेगी दादू , हम सब है ना”,अक्षत ने आकर दादू के बगल में बैठते हुए कहा। दादू अक्षत की तरफ थोड़ा सा झुके और फुसफुसाते हुए कहा,”और मेरी पार्टी का क्या ?”
“आज से वो सब बंद , याद है न डॉक्टर ने क्या कहा था नो अल्कोहॉल”,अक्षत ने भी फुसफुसाते हुए जवाब दिया
“अरे डॉक्टर का क्या है वो तो ऐसे ही कुछ ना कुछ कहते रहते है”,दादू ने कहा
“क्या कह रहे है दादू ?”,जीजू ने दादू के पास पड़े सोफे पर बैठते हुए कहा
“दादू पार्टी की बात कर रहे है”,अक्षत ने जीजू की तरफ देखते हए कहा तो अर्जुन चला आया और अक्षत के बगल में बैठते हुए कहा,”ना ना ना बिल्कुल नहीं , निधि की शादी में ऐसा कुछ भी नहीं होगा , याद है मेरी शादी में और अक्षत की शादी में इस पार्टी की वजह से कितना बवाल हुआ था”
“अरे तो तुम्हे कौन बोल रहा है ? और तुम तीनो की इतनी हिम्मत की मेरे साथ बैठकर पिओगे ?”,दादू ने झूठ मुठ का नाराज होते हुए कहा
“आप तो ऐसे बात कर रहे है जैसे पहले कभी साथ में नहीं पी”,जीजू ने धीरे से कहा
“मतलब तुम तीनो की ना है”,दादू ने पूछा तो तीनो ने हाँ में सर हिला दिया। बेचारे दादू एक अक्षत इस मामले में उनका दोस्त था लेकिन आज उसने भी मना कर दिया। बेचारे दादू इस बात पर अपना दुःख जता पाते इस से पहले ही मीरा वहा आयी और कहा,”किस बात का डिस्कशन चल रहा है यहाँ ?”
“अरे मीरा अच्छा हुआ तुम आ गयी अब तुम ही फैसला करो”,जीजू ने कहा तो मीरा उनके पास आ बैठी और कहा,”कैसा फैसला जीजू ?”
“दादू कह रहे है की शादी में वो ओओओओओ वाली पार्टी का इंतजाम करने को”,अर्जुन ने वो शब्द पर जोर देते हुए कहा
“दादू,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,मीरा ने दादू की तरफ देखा मीरा के तेवर देख कर दादू समझ गए की अब उन्हें लंबा चौड़ा लेक्चर सुनने को मिलेगा इसलिए उन्होंने अपने बचाव में कहा,”अरे मीरा मैं तो डांस पार्टी के बारे में पूछ रहा हूँ पोती की शादी में मुझे भी डांस करना है”
दादू के पलटी मारते ही अक्षत , अर्जुन और जीजू ने झटके से उनकी तरफ देखा तो मीरा मुस्कुराने लगी,”हां दादू बिल्कुल आप हमे बताईयेगा कौनसा गाना हम आपका गाना फिक्स करवा देंगे”
“हां मीरा बिल्कुल तुम्हे तो पता ही है डॉक्टर ने सख्त मना किया है , इसलिए पार्टी में मेरे लिए जूस का इंतजाम भी करवा देना”,कहते हुए दादू उठे और अपने कमरे की तरफ चले गए। मीरा भी उठकर वहा से चली गयी तो जीजू ने कहा,”सही खेल गए दादू”
“अरे मीरा के सामने सबकी बोलती बंद हो जाती है , सब बिगड़े हुए सुधर जाते है”,कहते हुए अर्जुन ने अक्षत की तरफ देखा तो जीजू हसने लगे अक्षत ने अर्जुन की तरफ देखा और कहा,”मैं बिगड़ा हूँ”
“हाँ थोड़ा सा”,कहते हुए अर्जुन उठा और भाग गया , अक्षत भी उसके पीछे भागने लगा। भागते हुए अर्जुन ऊपर हॉल में चला आया अक्षत ने उसे मारने के लिए कुशन उठा लिया जैसे ही अर्जुन की तरफ फेंका अर्जुन झुक गया और वह जाकर सीधा निधि को लगा। निधि की आह निकली तो अक्षत और अर्जुन दोनों भागकर उसकी तरफ आये और अक्षत ने कहा,”सॉरी दिखाना कहा लगी ?”
“आशु देखकर फेकना था देखा लग गयी इसे”,अर्जुन ने भी निधि को देखते हुए कहा
“आँख में लगी क्या दिखा मुझे ?”,कहते हुए अक्षत धीरे धीरे निधि की आँख में फूंक मारने लगा। अपने दोनों भाईयो को अपनी परवाह करते देखकर निधि को बहुत अच्छा लग रहा था उसने कहा,”अर्जुन भैया , अक्षत भाई मैं ठीक हूँ”
“इतनी जल्दी में कहा जा रही थी तू ?”,अर्जुन ने पूछा
“खाना खाने नीचे जा रही हूँ”,निधि ने कहा
“मैंने सूना है शादी के दिन जब नजदीक आने लगे तो लड़किया खाना पीना छोड़ देती है ताकि उनका वजन मेंटेन रहे”,अक्षत ने निधि को छेड़ते हुए कहा
“वैरी फनी मैं इतनी भी भारी नहीं हूँ”,निधि ने कहा
“अच्छा रुक ज़रा उठाकर देखता हूँ”,कहते हुए अक्षत ने निधि को अपनी बांहो में उठाया। निधि को लगा अक्षत उसे गिरा देगा इसलिए कहा,”भाई नीचेउतारो मुझे” लेकिन अक्षत ने उसकी सुनी ही नहीं और उसे गोद में उठाये नीचे ले आया। निधि को तो राजकुमारी जैसा फील हो रहा था। अक्षत से उसकी बात कम ही होती थी पर कभी कभार अक्षत कुछ ऐसा कर जाता जो निधि के दिल को छू जाता था। अक्षत ने लाकर उसे डायनिंग के पास बैठा दिया और कहा,”अब ठूस ले मोटी और हो सके तो थोड़ा हमारे लिए भी छोड़ देना”
“पापा देखो ना भाई मुझे छेड़ रहा है”,निधि ने सामने से आते हुए विजय जी से शिकायत की तो विजय जी ने आते हुए कहा,”ए मेरी राजकुमारी को कोई नहीं छेड़गा” कहते हुए वे अपनी कुर्सी पर बैठते है और निधि से कहते है,”वैसे इतनी जल्दी खाना शादी की ख़ुशी में खा रही हो ?”
“पापा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,निधि ने कहा तो सब हसने लगे और उसके बाद विजय जी ने अपने हाथो से निधि को दो चार निवाले खिलाये। निधि की शादी की खबर से घर में ख़ुशी का माहौल था। कोई टेंशन नहीं थी ना ही किसी तरह की परेशानी सब हंसी ख़ुशी चल रहा था।

यु ही हँसते मुस्कुराते कब तीन हफ्ते बीत गए पता ही नहीं चला। निधि की शादी में बस 4 दिन बचे थे। घर में कुछ मेहमान आ चुके थे और बाकि मेहमान शादी वाले दिन आने वाले थे। अब जैसा की हनी और निधि चाहते थे की उनकी शादी की सारी रस्मे साथ साथ हो इसलिए विजय जी ने चार दिन के लिए घर से कुछ ही दूर मैरिज गार्डन बुक करवा लिया जिसमे 2 हॉल थे , एक उन्होंने अपने लिए रखा दूसरा लड़के वालो के लिए। ये मैरिज गार्डन इंदौर का सबसे फेमस मैरिज गार्डन था इसलिए यहाँ किसी इंतजाम की जरूरत नहीं थी सब काम वेडिंग प्लानर वाले सम्हाल रहे थे। हल्दी वाले दिन सभी घरवाले अपना अपना सामान लेकर मैरिज गार्डन के लिए निकल गए। रघु को भी विजय जी ने नए कपडे दिलवाये और शादी में साथ रहने को कहा। इन चार दिनों में उसे कोई काम नहीं करना था बस सबके साथ मिलकर इंजॉय करना था उसने भी अपना सामान एक बैग में डाला और मैरिज गार्डन के लिए निकल गया।
हनी के घरवाले और रिश्तेदार वहा पहुँच चुके थे। हल्दी का मुहूर्त सुबह के 11 बजे का था। मैरिज हॉल में कमरे बहुत ही बड़े और शानदार थे लेकिन कम थे इसलिए सबको एडजस्ट होना था। दादू दादी , बड़ी भुआ के लिए एक कमरा अलग रखा गया। विजय जी , राधा और राधा की बहनो के लिए अलग कमरा था। अर्जुन और नीता , नीता के कजिन्स के साथ शिफ्ट हो गए। बचे अक्षत , मीरा , सोमित और तनु उन्होंने एक ही कमरे में शिफ्ट होना सही समझा। निधि अपनी सहेलियों और कजिन्स के साथ अलग रूम में शिफ्ट हो गयी।
सबने नाश्ता किया और फिर हल्दी के फंक्शन के लिए तैयार होने लगे। सब तैयार होकर नीचे चले आये अक्षत नहीं था मीरा ने अमायरा को तनु को सौंपा और कहा,”दी आप इसे सम्हाले हम अक्षत जी को देखकर आते है”
“हम्म ठीक है”,तनु ने अमायरा को गोद में ले लिया। नन्ही अमायरा ने भी आज पीले रंग का बहुत ही प्यारा फ्रॉक पहना था , उसके मुलायम बाल और प्यारी प्यारी आँखे और भी प्यारे लग रहे थे। मीरा अपनी साड़ी सम्हाले ऊपर आयी देखा अक्षत तैयार हो रहा है। मीरा उसके पास आयी और कहा,”आप हर फंक्शन में हमेशा लेट होते है , जल्दी से तैयार होईये सब नीचे है”
कहते हुए मीरा अक्षत के क़रीब आयी और कुर्ते के खुले बटनों को अपने हाथो से बंद करने लगी। पीली साड़ी में उसका गोरा रंग और भी निखर के आ रहा था उस पर मैचिंग ज्वैलरी और मांग में भरा सिंदूर उसकी खूबसूरती को और बढ़ा रहा था। अक्षत ने अपनी बांहे मीरा की कमर में डाली और अपने करीब करते हुए कहा,”इसलिए लेट होता हूँ ताकि तुम आओ और अपने हाथो से मुझे तैयार करो”
“क्या कर रहे है कोई आ जाएगा ?”,मीरा ने कहा
“पत्नी हो मेरी मैं किसी से क्यों डरूंगा , वैसे भी कभी कभी तो मौका मिलता है तुम्हारे साथ रोमांटिक होने का”,कहते हुए अक्षत ने जैसे ही अपने होंठो को मीरा के गाल की तरफ बढ़ाया काव्या ने दरवाजे पर आते हुए कहा,”मामीजी आपको नीचे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
कहते हुए काव्या वापस पलट गयी , शायद अक्षत मीरा को करीब देखकर शरमाँ गयी। काव्या को वहा देखकर अक्षत ने मीरा को छोड़ दिया तो मीरा ने अक्षत से कहा,”चलिए”
“हम्म्म”,कहते हुए अक्षत ने शीशे में देखते हुए अपने बालो को सही किया और फिर मीरा काव्या के साथ कमरे से निकल आया। मीरा आगे चल रही थी और काव्या अक्षत पीछे चलते चलते काव्या ने कहा,”सॉरी मामू”
“सॉरी किसलिए ?”,अक्षत ने पूछा
“वो आप जब मामी को गाल पर किस कर रहे थे तो मैंने देख लिया था , ऐसे देखना बेड मैनर्स होता है ना इसलिए सॉरी कहा”,काव्या ने मासूमियत से कहा
“हां बेड मैनर्स तो है कवि पर तुम्हे सॉरी बोलने की जरूरत नहीं बस आगे से कभी भी किसी के कमरे में जाओ तो दरवाजा नॉक करके जाना ठीक है”,अक्षत ने प्यार से काव्या को समझाया तो काव्या ने मुस्कुरा कर हाँ में गदर्न हिला दी और अक्षत का हाथ थामे नीचे गार्डन में चली आयी जहा हल्दी का फंक्शन होने वाला था। निधि पिली साड़ी और फ्लॉवर वाली ज्वेलरी पहने सामने सोफे पर बैठी थी बगल में पीले रंग का कुर्ता पजामा पहने हनी बैठा था दोनों साथ में बहुत ही क्यूट लग रहे थे। अक्षत सोमित जीजू के पास आकर खड़ा हो गया। काव्या वहा बाकि बच्चो से घुल मिल गयी। मीरा तनु के पास आयी और अमायरा को लेकर कहा,”लाईये दी हमे दे दीजिये”
पण्डित जी आये एक छोटी सी पूजा की और उसके बाद घर की 7 सुहागिनों को सबसे पहले हल्दी लगाने को कहा। निधि और हनी के बिल्कुल सामने एक टेबल पर बड़े से बर्तन में खुशबूदार हल्दी पड़ी थी। पंडित जी की बात सुनकर हनी के पापा ने रस्म शुरू करने को कहा।
सबसे पहले हनी की मम्मी आगे आयी , उन्होंने बड़े ही प्यार से निधि और हनी को हल्दी लगायी और खूब आशीष देकर साइड हो गयी। उनके बाद निधि की दादी ने दोनों को हल्दी लगायी , निधि का गाल थपथपाते हुए कहा,”हमेशा ऐसे ही मुस्कुराती रहो” निधि मुस्कुरा उठी
दादी के बाद हनी की चाची और भुआ ने हल्दी लगायी उनकी तरफ से तीन लोगो ने ही हल्दी लगाई। निधि की तरफ से दादी माँ , राधा , तनु और नीता ने हल्दी लगाई। 7 सुहागिनों की रस्म पूरी हुई तो उसके बाद बाकि घरवालों ने एक एक करके हल्दी लगाना शुरू किया। सोमित जीजू , अर्जुन , हनी के कजिन्स और निधि की दोस्तों ने उसे भर भर कर हल्दी लगाई। मीरा की बारी आयी तो अक्षत ने अमायरा को उसकी गोद से लिया और उसे जाने को कहा। मीरा निधि की तरफ आयी उसने पहले हनी को हल्दी लगायी और फिर अपने हाथो में लेकर निधि को हल्दी लगाते हुए कहा,”हमेशा खुश रहना”
निधि मुस्कुराई और थोड़ी सी हल्दी मीरा के गालों पर लगाते हुए कहा,”हमेशा ऐसी ही रहना मीरा कभी बदलना मत”
दोनों सहेलिया एक दूसरे के गले मिली और फिर निधि अपनी जगह बैठ गयी। मीरा साइड में आ गयी तभी चीकू और काव्या आये और कहा,”मौसी हम भी आपको हल्दी लगाएंगे”
“हां लगाओ ना”,निधि ने खुश होकर कहा तो काव्या ने अपने हाथो से निधि और हनी को हल्दी लगायी। चीकू ने भी अपने नन्हे नन्हे हाथो से निधि के हाथो पर हल्दी लगाई तो निधि ने उसके हाथ से हल्दी लेकर चीकू की नाक पर लगा दी। दोनों साइड हो गये। सबने हल्दी लगा दी पर अक्षत दूर खड़ा देख रहा था निधि को भी अक्षत का इंतजार था सोमित जीजू अक्षत के पास आये और कहा,”क्या हुआ सब हल्दी लगा रहे है तुम नहीं लगा रहे , जाओ निधि वेट कर रही है”
“हम्म्म”,कहते हए अक्षत अमायरा के साथ निधि की तरफ आया।
अक्षत ने अमायरा के हाथ पर हल्दी लगाते हुए,”प्रिंसेज भुआ को हल्दी लगाओगे ना” कहते हुए अक्षत ने पहले अमायरा के हाथ से निधि को हल्दी लगवाई और फिर उसे पास खड़ी राधा को थमा दिया। अक्षत ने अपने दोनों हाथो की उंगलियों पर हल्दी ली और बड़े प्यार से निधि के गालो पर लगा दी। उस वक्त ना जाने क्यों अक्षत निधि से नजरे मिलाने से बच रहा था लेकिन निधि एकटक अक्षत को देखे जा रही थी। अक्षत ने हल्दी लगाने के बाद जैसे ही का सर चूमा निधि की आँखों में भरे आंसू गालो पर लुढ़क आये। अक्षत ने देखा तो ना में सर हिला दिया। उस वक्त उन दोनों की जो फीलिंग थी वे दोनों ही समझ सकते थे। हनी की माँ ने देखा तो निधि के पास आकर उसके आंसू पोछते हुए अक्षत से कहा,”क्या बेटा रुला दिया इसे ?”
निधि की सास को निधि की परवाह करते देख अक्षत को अच्छा लगा उसने मुस्कुराते हुए निधि को देखा और कहा,”ये हमारे घर में सबसे बड़ी नौटंकी है”
निधि ने सूना तो हसने लगी अक्षत ने उसका सर सहलाया और कहा,”बस हमेशा ऐसे ही हसती रहना” अक्षत वहा से चला गया। बाकि सब निधि और हनी के साथ फोटो खिचवाने लगे। अक्षत सबसे अलग साइड में चला आया , उसकी आँखे नम थी। सोमित जीजू ने देखा तो अक्षत के पास चले आये अक्षत ने जीजू को देखकर कहा,”बचपन से वो हमेशा मुझसे लड़ती झगड़ती आयी है पर आज उसे ऐसे देख कर मन भारी हो रहा है”
“इधर आ”,कहते हुए जीजू ने अक्षत को गले लगाया और उसकी पीठ सहलाने लगे

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