Sanjana Kirodiwal

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हाँ ये मोहब्बत है – 22

Haan Ye Mohabbat Hai – 22

Haan Ye Mohabbat Hai
Haan Ye Mohabbat Hai

अक्षत और मीरा की जिंदगी में एक खूबसूरत पल आया। अक्षत और सब घरवाले काफी खुश थे। दिल्ली में निहारिका ने जब अक्षत को पहली बार देखा तो वह उस से काफी इम्प्रेस हुई और जब उसे पता चला की अक्षत इंदौर में रहता है और उसके पापा के साथ काम कर रहा है तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। दो दिन पहले ही वह घूमने के लिए अपने दोस्तों के साथ पेरिस जाने वाली थी लेकिन उसने अचानक से सब प्लान केंसिल किये और अपने पापा के सामने इंदौर जाने की इच्छा जाहिर की। सिन्हा जी अपनी इकलौती बेटी का कहा भला कैसे टाल सकते थे उन्होंने निहारिका को इंदौर जाने की इजाजत दे दी और अगले दिन की फ्लाइट की टिकट बुक करवा दी। निहारिका ने अपने कपड़े , जूते और मेकअप का सामान पैक किया और अपने डेड के पास आकर कहा,”डेड मैं तैयार हूँ लेकिन एक प्रॉब्लम है”
“वो क्या ?”,सिन्हा जी ने कहा
“डेड इंदौर मेरे लिए अनजान सिटी है एंड मैं अकेले वहा जा रही हूँ , मैं वहा किसी को जानती भी नहीं हूँ मेरे लिए अकेले घूमना थोड़ा मुश्किल हो जाएगा”,निहारिका ने कहा
“तो अपने दोस्तों को लेकर जाओ मैं उनके लिए भी टिकट्स बुक कर देता हूँ”,सिन्हा जी ने कहा
“डेड वो सब मुंबई चली गयी है घूमने”,निहारिका ने मासूम सा चेहरा बनाकर झूठ कहा
“सो नाऊ ? मैं अपने पी.ए. को तुम्हारे साथ भेज देता हूँ”,सिन्हा जी ने कहा
“नो डेड , उनके साथ मुझे नहीं घूमना,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,निहारिका ने कहा
“तो फिर तुम्ही बताओ”,सिन्हा जी ने कहा तो निहारिका उनके सोफे के हत्थे पर आ बैठी और उनके गले में अपनी बाँहे डालते हुए कहा,”डेड आपका कोई फ्रेंड या कोई नॉन नहीं है जो मुझे इंदौर घुमा सके”
“उम्मम्मम्म याद आया इसी महीने हमारी डायमंड कम्पनी से नए क्लाइंट जुड़े है जो की इंदौर से ही है , अक्षत व्यास बहुत ही ग्रेट पर्सनालिटी है नेहु मैं उनसे बात करता हूँ , एक काम करो तुम उन्ही के घर रुको ना वो फैमिली काफी अच्छी है”,सिन्हा जी ने कहा
“नोप डेड मैं होटल में ही रुकूंगी , उनसे कहना मुझे एयरपोर्ट पर रिसीव कर ले और इंदौर घुमा दे”,निहारिका ने कहा
“स्योर”,कहते हुए सिन्हा जी ने अक्षत को फोन लगाया और उसे निहारिका के आने की खबर दी , अक्षत भी संडे तक फ्री था इसलिए उसने हामी भर दी , सिन्हा जी ने अक्षत को थैंक्यू कहा और घडी में टाइम देखते हुए कहा,”नेहू मेरी उनसे बात हो चुकी है वो तुम्हे एयरपोर्ट पर रिसीव कर लेंगे , आई थिंक तुम्हे अब निकलना चाहिए”
“या डेड , बाय एंड टेक केयर”,निहारिका ने सिन्हा जी के गले लगते हुए कहा और अपना ट्रॉली बैग लिए वहा से चली गयी। निहारिका ने कमरे से बाहर आकर बैग ड्राइवर को पकड़ाया और निचे चली आयी। ड्राइवर ने बैग गाड़ी में रखा और निहारिका को साथ लेकर चल पड़ा। कुछ देर बाद निहारिका एयरपोर्ट पहुंची और अपनी टिकट कन्फर्म करवाकर फ्लाइट में आ बैठी। फ्लाईट दिल्ली से इंदौर के लिए रवाना हो गयी। डेढ़-दो घंटे की यात्रा के बाद निहारिका इंदौर पहुंची , प्लेन से उतरकर जब वह प्लेटफॉर्म आयी लोगो की नजरे उस पर टिक गयी। अच्छी हाईट , गोरा रंग , चमकते बाल , आँखों पर बड़े बड़े ग्लास वाला चश्मा , डेनिम शॉर्ट्स और उस पर टीशर्ट के साथ जैकेट , लॉन्ग शूज पहने वह चली आ रही थी। एक हाथ में ट्रॉली बेग का हेंडल तो दूसरे में अपना पर्स और फोन पकडे थी। सिन्हा जी ने अक्षत को इन्फॉर्म कर दिया था इसलिए वह कुछ देर पहले ही वहा चला आया था। वेटिंग एरिया में निहारिका के नाम की प्लेट लिए रघु खड़ा था। निहारिका ने अपना नाम देखा तो मुस्कुराते हुए उस और बढ़ी , उसने ये भी नहीं देखा की वह प्लेट किसने पकड़ी है ? निहारिका अपने नाम के सामने आयी और चश्मा उतारकर जैसे ही सामने देखा अक्षत की जगह किसी और को देखकर चौंक गयी और कहा,”who are you ?”
“मैं रघु अक्षत भैया के यहाँ काम करता हूँ”,रघु ने मुस्कुरा कर कहा
“तुम मुझे लेने आये हो ? अक्षत कहा है ?”,निहारिका ने अजीब नजरो से रघु को देखते हुए कहा
“अक्षत भैया बाहर खड़े है , आईये”,रघु ने कहा
निहारिका ने अपना ट्रॉली बैग और पर्स उसे दे दिया और उसके साथ चल पड़ी , अक्षत का ये बिहेव निहारिका को पसंद नहीं आया खुद आने के बजाय अक्षत ने रघु को भेजा , दिल्ली में लड़को को अपने आगे पीछे घूमाने वाली निहारिका को भला ये कहा पसंद आता। रघु के साथ वह एयरपोर्ट से बाहर आयी देखा गाड़ी के पास खड़ा अक्षत फोन पर किसी से बात कर रहा है। बात करते हुए जैसे ही वह निहारिका की और पलटा निहारिका की नजरे उस पर जम सी गयी। ब्लैक पेण्ट शर्ट में अक्षत बहुत ही हॉट लग रहा था , उस पर हल्की हल्की दाढ़ी , कातिल आँखे। निहारिका बस अपलक उसे देखते रही जबकि अक्षत ने उस पर ध्यान ही नहीं दिया।
रघु ने निहारिका का सामान गाड़ी की डिग्गी में रख दिया। रघु को वहा देखकर अक्षत ने फोन काटकर जेब में रखा और रघु से कहा,”रघु इन्हे होटल छोड़ देना”
“मैं इसके साथ जाउंगी , नो वे डेड ने आई थिंक तुम्हे बोला होगा मुझे होटल तक छोड़ने के लिए”,निहारिका ने अक्षत से कहा तो पहली बार अक्षत ने उसकी और देखा , निहारिका का लुक और उसका ड्रेसिंग स्टाइल देखकर अक्षत ने रघु से कहा,”रघु तुम घर चले जाओ इन्हे मैं छोड़ दूंगा”
निहारिका का दिल ख़ुशी से नाचने लगा , उसे लगा अक्षत ने उस से इंम्प्रेस होकर ऐसा कह रहा है जबकि अक्षत को सिन्हा जी की कही एक बात याद आ गयी “नेहू बहुत ही ऐशो आराम में पली बढ़ी है मिस्टर व्यास , गुस्सा हमेशा उसकी नाक पर रहता है कोशिश करना उसे कोई प्रॉब्लम ना हो”
अक्षत के कहने से रघु वहा से चला गया। निहारिका अदा के साथ अक्षत की और आयी उसे लगा अक्षत उसके लिए गाडी का गेट खोलेगा पर ऐसा नहीं हुआ निहारिका के आते ही अक्षत दूसरी और चला गया और दरवाजा खोलकर ड्राइवर सीट पर जा बैठा
“सो रुड”,निहारिका ने अपनी आँखों से चश्मा हटाते हुए कहा
निहारिका को बाहर खड़े देखकर अक्षत ने गाड़ी का हॉर्न बजाया , निहारिका की तंद्रा टूटी तो उसने दरवाजा खोला और अक्षत के बगल में आ बैठी। अक्षत ने उसे देखा तक नहीं और गाड़ी स्टार्ट करके आगे बढ़ा दी।
अक्षत निहारिका पर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहा था उसका ध्यान सामने था तभी निहारिका ने अपना हाथ उसकी और बढाकर कहा,”हाय आई ऍम निहारिका सिन्हा यू कॉल मी नेहु”
“अक्षत व्यास”,अक्षत ने बिना निहारिका की और देखे कहा उसके दोनों हाथ गाड़ी के स्टेयरिंग पर थे। उसका ये एटीट्यूड निहारिका को अच्छा लगा उसने अपना हाथ वापस पीछे किया और मन ही मन कहा,”निहारिका सिन्हा जिसे पसंद करे उस पर इतना ऐटिटूड जचता है”
गाड़ी में फैली ख़ामोशी देखते हुए निहारिका ने उसमे लगा म्यूजिक सिस्टम ऑन कर दिया। नाईन्टीज के दौर का कोई गाना बजने लगा
“वादा रहा सनम , होंगे जुदा ना हम,,,,,,,,,,,,चाहे ना चाहे जमाना,,,,,,,,,,!!”
“ओह्ह्ह,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए निहारिका ने गाना चेंज कर दिया शायद उसे पसंद नहीं आया , अगला गाना बजा
“मुझे रात दिन बस मुझे चाहती हो,,,,,,,,,,,,,,,,,कहो ना कहो,,,,,,,,,,!!”
“सिल्ली सांग्स,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए निहारिका ने गाना फिर चेंज कर दिया ,अगला गाना बजा जो की अक्षत और मीरा दोनों का पसंदीदा था।
“हम दिल दे चुके सनम , तेरे हो गए हम , तेरी कसम,,,,,,,,,,!!”
“व्हाट द हेल ? आज के ज़माने में इतने चीप सांग कौन सुनता है ?”,कहते हुए निहारिका ने म्यूजिक सिस्टम बंद कर दिया। अक्षत ने सूना तो उसे बुरा लगा और उसने पहली बार देखकर निहारिका की और देखकर कहा,”मैं सुनता हूँ बचपन से और ये चीप नहीं है”
“ओह्ह रियली , तुम्हारी पसंद बहुत बकवास है,,,,,,,,,,,,,,,!!”,निहारिका ने घमंड के साथ कहा
निहारिका की बात सुनकर अक्षत का पैर ब्रेक से जा लगा , उसने बीच रस्ते में गाड़ी साइड में लगाई और नीचे उतरा। उसने डिग्गी से निहारिका का सामान निकाला और फुटपाथ पर रख दिया। निहारिका ने देखा तो गाड़ी से बाहर निकलकर कहा,”हे व्हाट आर यू डूइंग ?”
अक्षत ने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया जाकर वापस ड्राइवर सीट पर बैठा और निहारिका के साइड वाला गेट बंद करके शीशा नीचे करते हुए कहा,”मैडम थोड़ी देर में यहाँ से ऑटो गुजरेगा उसमे बैठकर अपने होटल चली जाईयेगा ,,,, बाय”,कहते हुए अक्षत ने गाड़ी आगे बढ़ा दी और निहारिका पैर पटकते हुए रह गयी। कुछ देर बाद जब ऑटो आया तो निहारिका ने उसमे सामान रखा और उसे होटल चलने को कहा। निहारिका को अक्षत पर अब गुस्सा आ रहा था , उसके जितना अकड़ू इंसान उसने शायद कभी नहीं देखा था। वही अक्षत ने अपनी गाड़ी का म्यूजिक सिस्टम ऑन किया वही नाईन्टीज वाला गाना चलने लगा !
अक्षत सीधा घर के लिए निकल गया। निहारिका भुनभुनाते हुए “रॅडिसन ब्लू होटल” पहुंची , सिन्हा जी वहा ऑनलाइन उसके लिए रूम बुक करवा दिया। निहारिका अपने रूम में आयी , उसने अपना पर्स बेड पर रखा और खिड़की के पास आकर उसका पर्दा हटा दिया। इस वक्त वह होटल के 7वे माले के रूम में थी और वहा से इंदौर का नजारा देख रही थी। खिड़की से सामने देखते हुए वह खुद से कहने लगी,”वाओ इट्स रियली ब्यूटीफुल,,,,,,,,,,,,,,इंदौर अ ब्यूटीफुल सिटी एंड यहाँ के लोग अमेजिंग”
कुछ देर वहा रूककर निहारिका फोन की और चली आयी , उसने अपने लिए खाना आर्डर किया और शॉवर लेने बाथरूम की और चली गयी।

अक्षत घर आया और गाड़ी पार्किंग में लगाकर अंदर चला आया। दोपहर का वक्त था और सभी अपने अपने कमरों में थे। निधि हॉल में बैठकर पढाई कर रही थी और चीकू वही उसके आस पास खेल रहा था। अक्षत को देखते ही वह उसके पास चला आया अक्षत ने उसे हाई-फाइव देते हुए कहा,”हे चैम्प व्हाट्स अप”
“मीरा , मीरा”,चीकू ने अपनी डॉल को हाथ में झुलाते हुए कहा
अक्षत ने देखा तो मुस्कुरा उठा , उसने चीकू के गाल पर किस किया और फिर निधि से पूछा,”निधि मीरा कहा है ?”
“ऊपर अपने कमरे में”,निधि ने किताब में सर गड़ाए हुए कहा
अक्षत सीढ़ियों की और बढ़ गया , वह ऊपर आया और देखा मीरा बिस्तर पर पड़े कपडे तह करके कबर्ड में रख रही है। अक्षत आया बिस्तर पर बैठते हुए कहा,”क्या हो रहा है मीरा ?”
“आपके कपडे तह करके रखे जा रहे है , सडु जी”,मीरा ने मुस्कुराते हुए कहा
“डॉक्टर ने तुम्हे आराम करने को कहा है ना , फिर ये सब छोडो मैं करता हूँ”,कहते हुए अक्षत ने उसके हाथ से अपना शर्ट छीना और उसे जैसे तैसे उल्टा सीधा समेटकर कबर्ड में रख दिया। मीरा ने देखा तो कहा,”ये ऐसे समेटा जाता है ?”
“जैसे भी समेटा जाये कबर्ड में आके कौन देखने वाला है ? अच्छा छोडो ये सब यहाँ बैठो मुझे तुम्हे कुछ बताना है”,अक्षत ने कहा
मीरा ने अक्षत के सामने पड़े मुड्ढे पर बैठते हुए कहा,”हम्म कहिये , वैसे आप किसी को लेने जाने वाले थे एयरपोर्ट”
“हां लेकिन मैं उसे रास्ते में ही छोड़ आया”,अक्षत ने मुंह बनाकर कहा
“रास्ते में क्यों ?”,मीरा ने हैरानी से अक्षत की और देखकर कहा
अक्षत ने मीरा को सारी बात बता दी तो मीरा कुछ देर चुप रही और फिर कहने लगी,”ये आपने सही नहीं किया अक्षत जी , उनके पापा ने उन्हें आपकी जिम्मेदारी पर भेजा और आप उनके रास्ते में छोड़कर आ गए।”
“मीरा उसने मेरी पसंद को बकवास कहा”,अक्षत ने बच्चो की तरह चिढ़ते हुए कहा तो मीरा मुस्कुरा उठी और अक्षत के हाथो को अपने हाथो में लेकर कहने लगी ,”अक्षत जी आप ना कभी कभी बच्चे बन जाते हो , हमारी पसंद को अच्छा बुरा कहे तो उस से क्या फर्क पड़ता है ? हम जानते है हमे जो पसंद है वो सबको पसंद नहीं आता इसका मतलब ये तो बिल्कुल नहीं है हम उनसे नफरत करने लगे ,,, अगर उन्होंने आपकी पसंद को बकवास कहा भी तो हो सकता है उनकी पसंद आपसे बहुत अलग हो”
“हां लेकिन मुझे अच्छा नहीं लगा , वैसे भी वो लड़की थोड़ी अजीब है”,अक्षत ने कहा
“आपको तो हम भी बड़े अजीब लगते है , है ना ?”,मीरा ने शरारत से कहा
“मीरा तुम अजीब नहीं हो बल्कि तुम मेरा हिस्सा हो , तुम्हे मैं कभी किसी और से कम्पेयर नहीं कर सकता”,अक्षत ने प्यार से कहा
“थैंक्यू ! तो अब आप जब भी उस लड़की से मिलेंगे तो उसे बिहेव के लिए सॉरी कहेंगे”,मीरा ने कहा
“ओके,,,,,,,,,,,,,,अब आप मुझे खाना देंगी बहुत भूख लगी है”,अक्षत ने मासूमियत से कहा
“चलिए”,कहते हुए मीरा अक्षत के साथ नीचे चली आयी। अक्षत डायनिंग टेबल पर आ बैठा उसे देखकर चीकू भी वहा चला आया। अक्षत ने उसे कुर्सी पर बैठाने के बजाय टेबल पर अपने सामने ही बैठा लिया। मीरा ने अक्षत के लिए खाना गर्म किया और दो चपाती गर्म सेंककर ले आयी। तब तक अक्षत और चीकू वहा बैठकर मस्ती कर रहे थे। मीरा खाना लेकर आयी उसने अक्षत की प्लेट में खाना परोसा और पास पड़ी कुर्सी पर बैठ गयी। अक्षत खाने लगा चीकू को वहा बैठा देखकर मीरा ने एक छोटा सा निवाला अपने हाथ से उसे खिलाया। अक्षत बड़े प्यार से मीरा को देखता रहा और फिर कहा,”मीरा मुझे भी एक निवाला अपने हाथ से खिलाओ ना”
“हम्म्म बिल्कुल”,कहते हुए मीरा ने एक निवाला तोड़ा और अक्षत की और बढ़ा दिया। दोनों की आँखों में एक दूसरे के लिए बेइंतहा प्यार नजर आ रहा था।

Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22 Haan Ye Mohabbat Hai – 22

क्रमश – Haan Ye Mohabbat Hai – 23

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