Sanjana Kirodiwal

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हाँ ये मोहब्बत है – 40

Haan Ye Mohabbat Hai – 40

Haan Ye Mohabbat Hai
Haan Ye Mohabbat Hai

मीरा को क़रीब से जानने के बाद निहारिका को अपनी सोच पर शर्म आने लगी वह दो ऐसे प्यार करने वालो को अलग करना चाहती थी जो एक दूसरे के बिना अधुरे थे। मीरा ने उसकी जान बचाकर उसका दिल जो जीत लिया था , निहारिका ने अक्षत को पाने का ख्याल दिल-ओ-दिमाग से निकाल दिया और ऐसा करने के बाद उसे बहुत ही सुकून महसूस हो रहा था। वह अपने कमरे में थी और बार बार अपने हाथ की उस पट्टी को देखे जा रही थी जो कुछ देर पहले मीरा ने उसके हाथ पर बाँधी थी। कुछ देर बाद मीरा ने आकर निहारिका को चाय दी और उसे आराम करने को कहकर बाहर चली आयी। मीरा बाहर आयी तब तक अर्जुन उसके लिए जलेबी ला चुका था और राधा ने उसके लिए पोहा बना दिया था। मीरा बैठकर नाश्ता करने लगी उसने निधि तनु और नीता को भी बुला लिया। उन्हें देखकर अर्जुन और सोमित जीजू भी चले आये। वे दोनों भी मीरा के साथ बैठकर खाने लगे। निधि और अर्जुन तो खिंचा खींची कर रहे थे। निहारिका अपने कमरे के दरवाजे पर आयी और उन्हें देखकर मुस्कुराते हुए मन ही मन कहा,”तुम इन सबकी जान हो मीरा और तुम्हारी जान अक्षत में बसती है। उसे मैं तुमसे दूर कभी नहीं करुँगी ,, अच्छा हुआ मैं यहाँ आयी और तुम सबसे मिलकर मैंने जाना की प्यार क्या होता है ? परिवार क्या होता है ? तुम बहुत लकी हो मीरा जिसे इतना प्यार करने वाले सब लोग मिले और तुमसे भी ज्यादा लकी है अक्षत जिसे तुम मिली हो,,,,,,,,,,,,,,हमेशा ऐसे ही खुश रहना और साथ रहना”
निहारिका अपने कमरे में चली आयी और अपना बैग उठाकर उसमे अपना सामान पैक करने लगी।
दोपहर से शाम होने को आयी लेकिन अक्षत वैसे ही सो रहा था अब मीरा को चिंता होने लगी थी , वह सोमित जीजू के पास आयी और कहा,”जीजू अक्षत जी सुबह से सो रहे है , इतनी देर तक वो कभी नहीं सोते उन्हें क्या हुआ है ?”
मीरा की बात सुनकर जीजू इधर उधर देखने लगे अब मीरा को कैसे बताये की अक्षत ने भांग वाला जूस पी लिया था। मीरा ने देखा तो कहा,”बताईये ना क्या हुआ है उन्हें हमे बहुत फ़िक्र हो रही है ?”
“मीरा वो दरअसल होली थी इसलिए अर्जुन ने भांग,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते कहते जीजू रुक गए तो मीरा को समझ आया की इसलिए अक्षत सुबह से सो रहा है उसने बेचैनी से कहा,”जीजू आप तो जानते है अक्षत जी को इन सब चीजों की आदत नहीं है , उनकी तबियत ख़राब हो सकती है ,, सुबह से एक बार भी वो उठे नहीं है बस सो रहे है,,,,,,,,,,,,,,आपने उन्हें भांग क्यों पिलाई जीजू ?”
“मीरा जीजू ने नहीं पिलाई अक्षत ने गलती से मेरे ग्लास का जूस पी लिया था”,अर्जुन ने आकर कहा
“लेकिन भांग पीना तो गलत है अर्जुन जी और आप तो उनकी कंडीशन जानते है फिर भी आपने”,मीरा ने थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए कहा
“सॉरी मीरा”,अर्जुंन ने कहा
“सॉरी मीरा चलो चलकर अक्षत को उठाते है , मौसाजी को पता चला तो हमे ही उठा देंगे”,सोमित जीजू ने कहा तो मीरा और अर्जुंन उनके साथ ऊपर अक्षत के कमरे में चले आये।

सोमित जीजू ने अक्षत को जबरदस्ती उठाया ,अक्षत उठ चूका था पर हल्का हल्का नशा अब भी उस पर था तो जीजू ने अर्जुन से निम्बू पानी लाने को कहा। अर्जुन निम्बू पानी ले आया और अक्षत को पिलाया। निम्बू पानी पीते ही अक्षत का जी मिचलाने लगा और वह उठकर बाथरूम की तरफ चला गया। उलटी करने के बाद अक्षत वापस आया तो जीजू ने कहा,”मुबारक हो साले साहब”
“किस बात की मुबारकबाद ?”,अक्षत ने कहा
“अहम्म अहम्म उल्टियां हो रही है”,जीजू ने कहा
“तो वो तो नार्मल है”,अक्षत ने कहा
“अरे तो तुम भी तो पापा बनने वाले हो”,जीजू ने कहा तो अक्षत उनका मजा समझ गया और उनकी तरफ लपका।
“निहारिका जा रही है”,निधि ने एकदम से आकर कहा तो सबका ध्यान उस पर गया। मीरा ने अक्षत की तरफ देखा और फिर सब के सब नीचे चले आये। अक्षत ने देखा निहारिका अपने बैग के साथ खड़ी हॉल में है। अक्षत और मीरा उसके पास आये बाकि घरवाले भी आ गए तो निहारिका ने कहा,”आई थिंक मैं इस घर के लायक नहीं हूँ मुझे अब यहाँ से चले जाना चाहियें। मैं यहाँ मीरा की जगह लेने आयी थी लेकिन उसकी जगह तो क्या मैं एक दिन भी उसकी तरह नहीं बिता पाऊँगी , अक्षत ने मुझे 7 दिन का वक्त दिया लेकिन इन 4 दिनों में ही मुझे ये समझ आ गया की 7 दिन तो क्या 7 जन्म में भी मैं मीरा जैसी नहीं बन पाऊँगी। मैंने आप सब लोगो का बहुत दिल दुखाया है बहुत कुछ गलत भी कहा है हो सके तो मुझे माफ़ कर दीजियेगा।”
“नहीं बेटा तुम्हारी गलती नहीं है बस वो पल ऐसे थे की ये सब हो गया”,राधा ने का दिल निहारिका की बातो से पिघल गया
निहारिका मुस्कुराई और कहने लगी,”आप जैसा परिवार , अक्षत जितना प्यार करने वाला पति अगर किसी लड़की के पास हो तो उसे मैं तो क्या दुनिया की कोई लड़की अक्षत से दूर नहीं कर सकती”
निहारिका की आँखो में अक्षत को सच्चाई दिखाई दे रही थी वह उसके सामने आया और कहने लगा,”बस यही दिखाने मैं तुम्हे यहाँ लेकर आया था , अगर ये बाते मैं तुम्हे बताता तो शायद तुम नहीं समझती इसलिए तुम्हे यहाँ लेकर आना पड़ा।”
निहारिका ने मीरा की तरफ देखा और कहा,”मीरा तुम्हारे लिए सही कहती है तुम सच में सडु हो , अगर उसकी तरफ प्यार से समझाया होता तो मैं समझ जाती , वैसे भी तुम मेरे टाइप के नहीं हो इतने गुस्से वाले लड़को की मुझसे आदत भी नहीं है”
निहारिका की बात सुनकर अक्षत मुस्कुराने लगा निहारिका मीरा के पास आयी और उसके गले लगते हुए कहा,”हमेशा ऐसे ही मुस्कुराते रहना और खुश रहना और हाँ अपने बेबी का पहला फोटो मुझे जरूर भेजना”
“बिल्कुल”,मीरा ने कहा तो निहारिका अक्षत के सामने आयी और कहा,”और अगर तुमने कभी भी मीरा को छोड़ा तो मैं तुम्हारा खून कर दूंगी”
“ऐसी नौबत नहीं आएगी”,अक्षत ने मीरा के कंधे पर हाथ रख उस अपने करीब करते हुए कहा
“तो अब मैं चलती हूँ”,निहारिका ने अपना बैग सम्हालते हुए कहा
“मैं तुम्हे एयरपोर्ट तक छोड़ देता हूँ”,अक्षत ने कहा
“मैंने कैब बुक कर दी है आती ही होगी”,निहारिका ने कहा
“ठीक है मैं तुम्हे बाहर तक छोड़ देता हूँ”,अक्षत ने कहा तो मीरा भी उसके साथ निहारिका को छोड़ने बाहर चली आयी। कैब आ चुकी थी निहारिका जैसे ही जाने लगी अक्षत ने कहा,”निहारिका”
“हाँ”,निहारिका ने पलटकर कहा तो अक्षत उसके पास आया और उसे गले लगाकर कहा,”थैंक्यू सो मच”
“मीरा का ख्याल रखना और अपना भी बाय”,कहते हुए निहारिका अक्षत से दूर हटी और वहा से चली गयी। मीरा और अक्षत ने हाथ हिलाकर निहारिका को बाय कहा। कैब जा चुकी थी। अक्षत जैसे ही मीरा की तरफ पलटा देखा मीरा को चक्कर आया और वह अक्षत की बांहो में आ गिरी।
“मीरा , मीरा , मीरा , मीरा आंखे खोलो”,अक्षत ने कहा लेकिंन मीरा बेहोश हो चुकी थी अक्षत ने उसे गोद में उठाया और अंदर ले आया। मीरा को बेहोश देखकर सभी घरवाले डर गए अर्जुन ने डॉक्टर को फोन किया और जल्दी से आने को कहा। अक्षत मीरा को गोद में उठाये नीचे कमरे में आया और उसे बिस्तर ओर लेटा दिया। सभी घरवाले वही चले आये , नीता ने कमरे की खिड़किया खोल दी ताकि हवा अंदर आ सके। अक्षत मीरा की बगल में बैठकर उसकी हथेली को घिसने लगा लेकिन मीरा को होश नहीं आ रहा था। अक्षत के चेहरे से परेशानी साफ़ झलक रही थी। कुछ देर बाद ही अर्जुन डॉक्टर के साथ अंदर आया। डॉक्टर ने सबको बाहर जाने को कहा और मीरा का चेकअप करने लगा। कुछ देर बाद डॉक्टर बाहर आया तो अक्षत ने कहा,”मीरा मीरा कैसी है डॉक्टर ?”
“घबराने की बात नहीं है प्रेग्नेंसी में ये सब नार्मल है”,डॉक्टर ने कहा
“फिर वो बेहोश,,,,,,,,,,,,,,,,,,,?”,अक्षत ने पूछा
“स्ट्रेस की वजह से उन्हें चक्कर आ गया था , अभी वो बिल्कुल ठीक है थोड़ी देर में उन्हें होश आ जाएगा। डिलीवरी होने तक मीरा को अच्छी देखभाल की जरूरत है और कोशिश कीजिये की उन्हें किसी तरह का स्ट्रेस ना हो”,डॉक्टर ने कहा
“मैं हू ना मैं मीरा का पूरा ख्याल रखूंगा डॉक्टर”,अक्षत ने एकदम से कहा तो बाकि सब मुस्कुराने लगे
“चलिए डॉक्टर मैं आपको बाहर तक छोड़ देता हूँ”,अर्जुन ने कहा और डॉक्टर के साथ चला गया। अक्षत बाकि सबके साथ कमरे के बाहर ही खड़ा था , वह मीरा के पास जाना चाहता था उसने पलटकर सबको देखा तो सबने एक साथ उसे जाने का इशारा किया। अक्षत अंदर चला आया तो बाकि सब भी चले आये। मीरा को होश आ चुका था। सब मीरा को हिदायते देने लगे और मीरा मुस्कुराते हुए सब सुनते रही। कुछ देर बाद सब अक्षत वहा छोड़कर बाहर चले आये। अक्षत मीरा के पास आकर बैठा और उसका हाथ अपने हाथो में लेकर कहने लगा,”आज से मैं तुम्हारा ख्याल रखूंगा , तुम्हे इतना वक्त दूंगा की तुम परेशान हो जाओगी। बस आज से ये टेंशन लेना बंद अपनी सारी टेंशन मुझे दे दो”
“हम्म्म ठीक है”,कहते हुए मीरा ने अपना सर अक्षत के सीने से लगा दिया जिस से उसे अक्षत की धड़कने साफ़ सुनाई दे रही थी !

अगले दिन से अक्षत ने मीरा का ख्याल रखना शुरू कर दिया वह सुबह अलार्म लगाकर मीरा से पहले उठता , उसके लिए खुद जूस बनाता , सुबह का नाश्ता और दवाये वह खुद उसे खिलाकर कोर्ट जाता। मीरा को उसका कोई काम न करना पड़े इसलिए अक्षत खुद ही अपने कपडे प्रेस करता था , अपने सारे काम खुद करने लगा जो मीरा उसके लिए किया करती थी। कोर्ट में रहते हुए भी वहा से दिनभर मीरा को फोन करता था। शाम में वापस आकर उसके साथ बैठता दिनभर का हाल सुनाता , रात का खाना खाने के बाद रोज एक घंटा मीरा को लेकर लॉन में घूमता था। सोने से पहले रोज उसे अच्छी किताबे पढ़कर सुनाता था। ये सब करते हुए मीरा को अक्षत से और ज्यादा प्यार हो चुका था। ये सब अक्षत का रूटीन बन चुका था और वह अपने घर और मीरा की जिम्मेदारियां अच्छे से निभा रहा था।
देखते ही देखते कब 6 महीने गुजर गए पता ही नहीं चला। अब मीरा का पेट दिखने लगा था। अक्षत बच्चो की तरह उसके पेट से कान लगाकर अपने होने वाले बच्चे से बातें किया करता था। एक सुबह अक्षत कोर्ट जाने वाला था तो मीरा ने कहा,”अक्षत जी आज डॉक्टर के पास अपॉइंटमेंट है याद है ना आपको ?’
“हाँ मीरा मैं वक्त पर आ जाऊंगा”,कहते हुए अक्षत ने उसका सर चूमा और वहा से चला गया। आज उसके किसी केस की सुनवाई थी , महिला जज थी जो की काफी स्ट्रिक्ट थी ,, अदालत में सुनवाई चल रही थी जो की काफी लम्बी चली अक्षत की नजर घड़ी पर पड़ी तो याद आया की मीरा को डॉक्टर के पास लेकर जाना है। उसने जज की तरफ देखते हुए कहा,”मैडम आगे की कार्यवाही लंच के बाद रख ले प्लीज”
“क्यों ?”,महिला जज ने हैरानी से कहा
“दरअसल मुझे अपनी वाइफ को डॉक्टर के पास लेकर जाना है , शी इज सिक्स्थ मंथ प्रेग्नेंट ,, सो प्लीज”,अक्षत ने थोड़ा शरमाते हुए कहा
महिला जज जो की काफी सख्त थी वह भी अक्षत की इस बात पर पिघल गयी और मुस्कुराते हुए कहा,”ठीक है जाओ”
“थैंक्यू मेम”,कहकर अक्षत चला गया।
घर आकर अक्षत मीरा को लेकर हॉस्पिटल चला आया। डॉक्टर शीतल का चेंबर 2nd फ्लोर पर था। अक्षत मीरा के साथ लिफ्ट के सामने आया तो देखा लिफ्ट बंद पड़ी है। 2 माले की सीढिया चढ़ना मीरा के लिए मुश्किल था
अक्षत सोच में पड़ गया और फिर मीरा के पास आकर उसे अपनी गोद में उठा लिया और सीढ़ियों की तरफ बढ़ गया। शर्म से मीरा ने अपना हाथ अपने चेहरे पर रख लिया। वहा बैठे लोगो ने देखा तो मुस्कुरा उठे। अक्षत बिना किसी की परवाह किये मीरा को गोद में उठाये सीढिया चढ़ने लगा। 2nd फ्लोर पर आकर अक्षत ने मीरा को नीचे उतार दिया और दोनों डॉक्टर के चेंबर में चले आये। डॉक्टर ने अक्षत को बैठने को कहा और मीरा का चेकअप करने के लिए उसे साइड में ले गयी। मीरा का चेकअप करते हुए डॉक्टर शीतल ने कहा,”तुम बहुत लकी हो मीरा जो तुम्हे इतना प्यार करने वाला पति मिला , अभी थोड़ी देर पहले देखा मैंने जिस तरफ से वो तुम्हे अपनी गोद में उठाकर ला रहा था ही इज सो क्यूट”
जवाब में मीरा मुस्कुरा दी। मीरा का चेकअप करने के बाद डॉक्टर बाहर आयी और अक्षत से कहा,”माँ और बच्चा दोनों हेल्थी है अब बस इनके खाने पीने का ध्यान रखे और हां मीरा खूब घूमना है”
“मैं ख्याल रखूंगा”,अक्षत ने मीरा के हाथ पर अपना हाथ रखते हुए कहा
“थैंक्यू डॉक्टर”,मीरा ने उठते हुए कहा , अक्षत ने मीरा की ट्रीटमेंट फाइल उठायी और जाने लगा तो डॉक्टर शीतल ने कहा,”मिस्टर व्यास 5 मिनिट रुक जाईये लिफ्ट ठीक हो जाये उसके बाद चले जाईयेगा”
अक्षत ने शर्माते हुए हाँ में सर हिला दिया और मीरा के साथ आकर बाहर बैठ गया। लिफ्ट ठीक होने के बाद मीरा और अक्षत नीचे चले आये। मीरा को घर छोड़कर अक्षत कोर्ट चला गया। चूँकि 7वा महीना चल रहा था इसलिए राधा ने मीरा को नीचे वाले रूम में ही रहने को कहा। राधा ने नजर का धागा भी मीरा के हाथ में बांध दिया। मीरा नीचे वाले कमरे में रहने लगी इसलिए अब दिनभर उसके कमरे में कोई ना कोई रहता ही था। एक शाम अक्षत ढेर सारी तस्वीरें लेकर आया और उन्हें मीरा के बेड के सामने दीवार पर लगाने लगा
“ये आप क्या कर रहे है ?”,मीरा ने पूछा
“बच्चो की तस्वीरें लगा रहा हूँ ताकि तुम इन्हे देखो तो हमारा बच्चा भी ऐसा ही हो”,अक्षत ने तस्वीरें लगाकर कहा और मीरा की तरफ चला आया।
“फिर तो आपको अपनी फोटो लगानी चाहिए”,मीरा ने कहा
“वो क्यों ?”,अक्षत ने कहा
“क्योकि हमे तो आप जैसा ही चाहिए ना , जिसकी आँखे बिल्कुल आप जैसी हो गहरी , आपके जैसी नाक , आपके जैसे बाल और आपके जैसे होंठ”,मीरा ने अक्षत के चेहरे को देखते हुए कहा
“बस बस बस मतलब तुम्हे छोटा अक्षत चाहिए ?”,अक्षत ने सवाल किया
“अक्षिता हो तब भी चलेगी”,कहते हुए मीरा हंस पड़ी तो अक्षत भी हंसने लगा

ऐसे ही हसते खिलखिलाते 3 महीने और बीत गए , सुबह से ही मीरा को हल्का हल्का लेबर पेन हो रहा था अक्षत के कोर्ट जाने के बाद ज्यादा होने लगा तो राधा ने अक्षत को फोन किया। अक्षत रास्ते से ही वापस चला आया और मीरा को लेकर हॉस्पिटल पहुंचा। राधा ने विजय जी को फोन कर दिया बाकि सब भी हॉस्पिटल चले आये। कुछ घंटो बाद नर्स ने आकर कहा,”मुबारक हो बेटी हुई है”
राधा और विजय जी का चेहरा ख़ुशी से खिल उठा। अर्जुन ने अक्षत को गले लगाया और कहा,”मुबारक हो आशु तू बाप बन गया है”
अक्षत ये सुनकर इतना खुश था की कुछ बोल ही नहीं पाया। कुछ देर बाद राधा और विजय जी मीरा से मिले , बच्ची बहुत ही प्यारी थी विजय जी ने कुछ रूपये बच्चे के सर से वारकर नर्स को दिए और कहा,”मिठाई खा लीजियेगा”
सब मीरा से मिले बस अक्षत ही बाहर खड़ा था। अपनी ख़ुशी को वह कैसे बया करे समझ नहीं पा रहा था। कुछ देर बाद सभी बाहर चले आये तो सोमित जीजू ने आकर कहा,”बिल्कुल आप पर गयी है साले साहब जाकर देख लीजिये”
अक्षत शर्माते हुए मीरा के कमरे में चला आया। मीरा सामने बिस्तर पर लेटी हुयी थी। पास ही पालने में बच्ची सो रही थी अक्षत मीरा के पास आया उसका सर चूमा और फिर पालने की तरफ आया। उस नन्ही सी जान को उठाने में उसके हाथ कांप रहे। अक्षत ने उसे गोद में उठाया और प्यार से देखने लगा। बच्ची भी अक्षत के हाथो में आकर एकदम शांत थी , वह अपनी नन्ही नन्ही आँखों से अक्षत को देखे जा रही थी। अक्षत ने उसे जीभरकर देखा और मीरा से कहा,”ये बिल्कुल मुझपर गयी है , वही आँखे , वही नाक , वही होंठ बिल्कुल मेरी कॉपी”
“हम्म्म्म आपकी बेटी है ना आप पर ही जाएगी”,मीरा ने मुस्कुरा कर कहा तो अक्षत उसकी तरफ आया और बच्ची को मीरा की बगल में लेटाकर अपना सर मीरा के सर से लगाते हुए कहा,”हमारी अमायरा”

Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40 Haan Ye Mohabbat Hai – 40

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