Sanjana Kirodiwal

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हाँ ये मोहब्बत है – 42

Haan Ye Mohabbat Hai – 42

Haan Ye Mohabbat Hai
Haan Ye Mohabbat Hai

सबने अमायरा को तोहफे दिए। मीरा को आराम करने के लिए छोड़कर सभी बाहर आ गए। राधा वही रुक गयी और अमायरा को मीरा की बगल में लिटाते हुए कहा,”मीरा तुम थोड़ी देर आराम कर लो , किसी चीज की जरूरत हो तो मुझे आवाज लगा देना”
“ठीक है माँ”,मीरा ने कहा
राधा चली गयी। मीरा अमायरा के बगल में लेट गयी और प्यार से उसे निहारने लगी। सब कितना खुश थे उसके इस दुनिया में आने से , अमायरा बिल्कुल अक्षत जैसी थी बस रंग मीरा की तरफ थोड़ा साफ था। दोपहर के खाने के समय मीरा अपने कमरे में थी तो अक्षत अपनी प्लेट लेकर वही चला आया। उसके पीछे पीछे राधा आयी और कहा,”चलो उठो यहाँ से”
“क्यों ?”,अक्षत ने कहा
“जब तक मीरा का स्नान और बच्ची का नामकरण नहीं हो जाता तुम्हे और इस घर के किसी भी मर्द को यहाँ आने की इजाजत नहीं है”,राधा ने कहा
“पर माँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने कहना चाहा लेकिन राधा ने उसे उठाया और वहा से ले गयी जाते जाते अक्षत ने पलटकर मीरा को देखा तो मीरा ने हाथ हिलाते हुए उसे बाय कहा और मुस्कुराने लगी। बेचारा अक्षत बाहर आ गया उसे देखकर जीजू , अर्जुन और निधि हंस रहे थे। अक्षत ने बाहर बैठकर ही खाना खाया और फिर ऊपर अपने कमरे में चला आया। रात भर सोया नहीं था इसलिए बिस्तर पर गिरते ही उसे नींद आ गयी।
राधा ने मीरा के लिए अलग से खाना बनाया अभी उसे ज्यादा मिर्च मसाले वाला खाना नहीं देना था। खाना खाते हुए मीरा ने राधा से कहा,”माँ अक्षत जी ने तो हमारी बेटी का नाम करण पहले ही कर दिया”
“अच्छा क्या नाम रखा है उसने ?”,राधा ने बच्ची के कपडे बदलते हुए कहा
“अमायरा , और आज नहीं इसके जन्म से पहले ही रख दिया था”,मीरा ने कहा
“नाम तो अच्छा है पर बेटा नामकरण ना जन्म और कुंडली के हिसाब से बनता है , देखते है पंडित जी क्या नाम निकालते है ?”,राधा ने कहा तो मीरा बड़े प्यार से अपनी बेटी को देखने लगी और कहा,”पंडित जी कोई भी नाम निकाले हमारे लिए तो हमारी राजकुमारी ही रहेगी ,, पता है माँ जब भी ये रोती है अक्षत जी की गोद में जाते ही चुप हो जाती है”
“अच्छा मीरा नामकरण में तुम्हे अपनी तरफ से किसी को बुलाना हो तुम्हारे दोस्त या स्टाफ के लोगो को तो मुझे बता देना , तुम्हारे घरवाले तो आएंगे ही उनके अलावा भी कोई हो तो बोल देना मैं उनसे कह दूंगी”,राधा ने कहा
“माँ दोस्त तो हमारी निधि ही है और स्टाफ में बस आश्रम से कुछ लोग हम उन्हें फोन कर देंगे”,मीरा ने कहा
“ठीक है”,कहकर राधा चली गयी राधा के जाने के कुछ देर बाद चीकू और काव्या कमरे में आये। उन्हें देखकर मीरा ने पास आने का इशारा किया दोनों बिस्तर ओर आकर बैठ गए। काव्या ने बच्ची को देखकर कहा,”मीरु मामी ये कितनी क्यूट है ना”
“हां आप दोनों की तरह”,मीरा ने प्यार से कहा
चीकू तो अपनी बड़ी बड़ी आँखों से बच्ची को देखे जा रहा था। कभी धीरे से उसके गाल को छूता तो कभी उसके हाथ को। बच्ची भी शांति से लेटी हुयी दोनों को देख रही थी। चीकू ने मीरा की तरफ देखा और कहा,”ये बोलती क्यों नहीं है ?”
चीकू की बात सुनकर मीरा और काव्या हसने लगी और फिर काव्या ने कहा,”अरे चीकू ये अभी छोटी है ना जब बड़ी हो जाएगी तब बोलेगी पर हमारे साथ खेलेगी भी”
“सच्ची ?”,चीकू ने खुश होकर कहा
“मुच्ची”,काव्या ने चीकू के गालो को खींचते हुए कहा। दोनों वही मीरा के पास बैठकर खेलने लगे।

शाम को अक्षत देर तक सोता रहा। जब उठा तो आँखे मसलते हुए नीचे आया और सोफे पर बैठते हुए कहा,”मीरा मेरी चाय”
राधा ने सूना तो मुस्कुरा उठी और नीता से कहा,”क्या होगा इस लड़के का मीरा के बिना इसकी ना सुबह होती है ना शाम , नीता चाय चढ़ाओ जरा”
नीता ने मुस्कुराते हुए अक्षत के लिए चाय चढ़ा दी , चाय लेकर मीरा की जगह जब नीता आयी तो अक्षत ने कहा,”अरे भाभी आप मीरा कहा है ?”
“देवर जी बड़ी जल्दी भूल गए मीरा आराम कर रही है अपने कमरे में”,नीता ने हँसते हुए कहा और चाय रखकर चली गयी। अक्षत को जैसे ही अमायरा का ख्याल आया वह जल्दी से उठा और कमरे की तरफ गया लेकिन राधा ने बीच में ही आकर उसे रोक दिया और कहा,”कहा जा रहे हो ?”
“माँ मीरा से नहीं मिल सकता अपनी बेटी से तो मिल सकता हूँ ना ?”,अक्षत ने कहा
“बेटा चार दिन की बात है उसके बाद मिल लेना”,राधा ने कहा
“माँ एक बार उसे देखने तो दो , प्लीज,,,,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने कहा
“जिद नहीं करते आशु , एक मर्द दिनभर घर से बाहर रहता है ऐसे में वापसी के समय वह ना जाने कितनी गलत चीजे अपने साथ लेकर आता है , उन सब बुरी चीजों का साया बच्चे पर नहीं पड़े इसलिए उन्हें स्नान तक दूर रखा जाता है”,राधा ने कहा
“आप और आपकी ये उलझी उलझी बाते , ठीक है नहीं जा रहा मैं दूर से देख सकता हूँ प्लीज”,अक्षत ने कहा
“अच्छा बाबा ठीक है लेकिन दूर से”,कहकर राधा ने अक्षत को कमरे के दरवाजे तक जाने दिया , दरवाजे पर आकर अक्षत ने आवाज लगायी,”हे प्रिंसेज”
मीरा ने सूना तो अमायरा को गोद में उठाकर उसका मुंह अक्षत की तरफ करते हुए कहा,”देखिये आपके पापा आपसे क्या कह रहे है ?”
“आआआव मेला बच्चा,,,,,,,,,कैसी है मेरी प्रिंसेज ? पापा को तुमसे मिलने नहीं दिया जा रहा बहुत जालिम है इस घर के लोग”,अक्षत ने दूर से ही अमायरा को किस करते हुए कहा
मीरा मुस्कुराते हुए अक्षत को नौटंकिया देख रही थी। कुछ देर बाद राधा आयी और कहा,”चलो अब जाओ यहाँ से” राधा ने अक्षत को भेज दिया और खुद मीरा के पास चली आयी।

रात के खाने के बाद अक्षत सोने के लिए जैसे ही अपने कमरे में आया देखा अर्जुन और सोमित जीजू पहले से वहा डेरा डालकर बैठे है। उन्हें देखकर अक्षत ने कहा,”आप दोनों यहाँ क्या कर रहे है ?”
“आज हम दोनों तुम्हारे साथ सोयेंगे”,अर्जुन ने बिस्तर पर पसरते हुए कहा।
“जीजू ये क्या मजाक है चलो उठो यार मुझे सोना है”,अक्षत ने कहा
“सोओगे तो तब न जब हम सोने देंगे”,जीजू ने अक्षत को देखते हुए कहा
“मुझे ना आप दोनों के इरादे कुछ ठीक नहीं लग रहे”,अक्षत ने अपने शर्ट के बटन बंद करते हुए कहा
“छी छी कैसी बातें कर रहा है ये लड़का ?”,जीजू ने उठते हुए कहा
“अरे आशु सुन मैंने और जीजू ने ना कुछ आर्डर किया है , अब घर में सबसे सेफ जगह अगर कही है तो वो है तुम्हारा कमरा इसलिए हम लोग यहाँ चले आये। वैसे भी मीरा तो है नहीं तो हम लोग भी आज आज इधर ही सो जायेंगे , नीता और तनु दी से मैंने बोल दिया है की हम लोग किसी जरुरी मीटिंग पर डिस्कस कर रहे है”,अर्जुन ने सच्चाई बता दी
“आप दोनों इधर बैठ के ड्रिंक करने वाले हो ?”,अक्षत ने शकभरे स्वर में पूछा
“ड्रिंक ? अरे नहीं नहीं पागल है क्या ? ड्रिंक आर्डर नहीं किया है मैंने”,अर्जुन ने कहा
“साले साहब मैं तो मदिरा को हाथ तक नहीं लगाता”,जीजू ने कहा तो अक्षत उनकी ओर पलटा और कहा,”कही मैं सपना तो नहीं देख रहा ? आपके मुंह से ऐसी बातें अच्छी नहीं लगती है जीजू”
“अरे तू तो अपना साला है,,,,,,,,,,,,,,,,मतलब साले साहब मान जाईये ना आज आज की तो बात है”,सोमित जीजू ने प्यार से अक्षत के गाल खींचते हुए कहा
“अच्छा ठीक है मैं नहाने जा रहा हूँ”,कहकर अक्षत टॉवल लेकर बाथरूम की तरफ चला गया। अर्जुन ने देखा डिलीवरी बॉय आ चुका है तो वह बालकनी के रास्ते से नीचे गया और उधर से ही सामान लेकर वापस अक्षत के कमरे में चला आया किसी ने उसे नहीं देखा। बैग लेकर अर्जुन अंदर आया
बैग देखते ही जीजू के मुंह में पानी आ गया और उन्होंने कहा,”जल्दी लेकर आओ”
अर्जुन ने बैग से डिब्बे निकाले , दो लार्ज चीज बर्स्ट पिज़्ज़ा थे , दो चिकन बर्गर , एक चिकन रोल और बड़ी सी कोक की बॉटल। अर्जुन ने फटाफट सब खोलकर रखा और फिर जीजू के साथ खाने पर टूट पड़ा। सबसे पहले दोनों ने रोल खत्म किया तब तक अक्षत नहाकर आ चुका था अपने बालो को पोछते हुए उसकी नजर अर्जुन और जीजू पर गयी जो की खाने में बिजी थे। दोनों ने एक एक स्लाइस पिज़्ज़ा हाथ में पकड़ा हुआ था और खाते हुए अर्जुन ने कहा,”पता है बार ऐसे ही मैंने नीता की किस करना चाहा तो कहती है की तुमने प्याज खाया है , अब आप बताओ रोमांस के टाइम ये सब कौन देखता है ?”
“औरतो को कोई नहीं समझ सकता उनका मूड कब बदल जाये कह नहीं सकते”,जीजू ने दुसरा स्लाइस उठाते हुए कहा
“वाह वाह बहुत सही एक तो मेरे कमरे में बैठकर ये सब खा रहे हो ऊपर से मेरी ही भाभी और दी की बुराई”,अक्षत ने एकदम से कहा तो दोनों रुक गए ,मुंह का निवाला मुंह में ही रह गया दोनों ने बेचारगी से अक्षत को देखा। अर्जुन जानता था अक्षत अगर कही पिघलता है तो वो जीजू है तो उसने जीजू की तरफ इशारा किया तो जीजू पिज्जा स्लाइस पकडे उसकी तरफ आये और कहा,”अरे हम दोनों तो बस ऐसे ही मजाक कर रहे थे,,,,,,,,,,,,तूम खाओ”
कहते हुए उन्होंने एक निवाला अक्षत को भी खिला दिया और उसके होंठ के साइड में लगा चीज हटाते हुए कहा,”दिल से नहीं बोल रहा हूँ मजाक कर रहा हूँ तुम दिल पे मत लेना हां और मौसाजी से मत कहना हम ये सब खा रहे है”
अक्षत साइड हटा और एक पूरा पिज्जा उठाकर अपने कमरे में लगे कुर्सी वाले झूले पर बैठते हुए कहा,”ठीक है नहीं बोलूंगा”
अक्षत के पिज़्ज़ा उठाने से अर्जुन ने सोमित जीजू से कहा,”ये तो पूरा पिज़्ज़ा ले गया”
“अरे कुछ मत बोलो इसने अगर मौसाजी को चिकन वाली बात बता दी तो सुबह कही हम दोनों को मुर्गा ना बनना पड़े , जो बचा है वो चुपचाप खाते है”,सोमित जीजू ने दबी आवाज में कहा
“क्या बाते हो रही है ?”,अक्षत ने दोनों को घूरते हुए कहा
“कुछ नहीं कुछ नहीं अर्जुन पूछ रहा था सॉस चाहिए आपको ,,, हैं साले साहब ?”,जीजू ने कहा तो अक्षत अपना डिब्बा लिए उठा और कमरे के बाहर चला आया। रात के 11 बज रहे थे , घर में सब सो रहे थे। अक्षत बालकनी की दिवार पर डिब्बा रखकर खाने लगा। खाते हुए उसे मीरा की याद आयी , साथ में ये भी याद आया की उसे मीरा के पास जाने नहीं दिया जाएगा। अक्षत ने जेब फोन निकाला और मीरा का नंबर डॉयल किया। मीरा सो रही थी पास ही में निधि सो रही थी। फोन वाइब्रेट हुआ तो मीरा की नींद खुल गयी उसने देखा अक्षत का फोन है उसने फोन उठाया और कहा,”हेलो आप जाग रहे है ?”
“तुम्हे मिस कर रहा हूँ”,अक्षत ने कहा
“पागल है आप मिस कर रहे है , एक ही घर में है हम दोनों और आप फोन कर रहे है”,मीरा ने उठकर बैठते हुए कहा
“एक ही घर में होकर भी तुमसे मिलने नहीं दे रहे , अच्छा हमारी बेटी कैसी है ?”,अक्षत ने पूछा
“सो रही है”,मीरा ने प्यार से अमायरा के सर पर हाथ फेरते हुए कहा
“तुम्हे डिस्टर्ब तो नहीं किया ?”,अक्षत ने पूछा
“कैसी बाते कर रहे है आप ? हम भला कभी आपसे परेशान हो सकते है”,मीरा ने जैसे ही कहा पास सोई निधि की नींद में खलल पड़ा और उसने कहा,”मीरा सो जाओ ना इतनी रात में कौन बात करता है ऐसे ?”
“श्श्श्ष्ष श्श्श निधि जाग गयी है आप एक मिनिट होल्ड करना”,कहते हुए मीरा धीरे से उठी और खिड़की की तरफ चली आयी। उसने खिड़की खोल दी ठंडी हवा के झोंके उसे छूकर गुजरने लगे और उसने कहा,”हां अब कहिये”
अक्षत कुछ कहता इस से पहले ही जीजू वहा आये और कहा,”इतनी रात में किस से बाते हो रही है ? शादी के बाद आधी रात में छुप छुप कर बात कर रहे हो कही तुम्हारा चक्कर तो नहीं चल रहा ?”
“क्या बोल रहें है आप ? मीरा है उस से बात कर रहा हूँ”,अक्षत ने खीजते हुए कहा
“बेचारा लड़का शादी के बाद कौन अपनी बीवी से ऐसे छुपछुप कर बात करता है ?”,कहते हुए जीजू ने अक्षत के पीछे हाथ से इशारा किया इतने में अर्जुन ने बचा हुआ पिज्जा उठा लिया और चला गया। अक्षत जैसे ही पलटा पिज़्ज़ा गायब था अक्षत समझ गया दोनों इसलिए आये थे। उधर जीजू की बात सुनकर मीरा हंस रही थी। मीरा को हँसता पाकर अक्षत ने कहा,”बड़ी हंसी आ रही है ना जाओ मैं नहीं करता तुमसे बात”,कहकर अक्षत ने फोन काट दिया।
“कभी कभी ना आप सच में बच्चे बन जाते है,,,,,,,,,,,,,,,,सडु कही के”,कहकर मीरा सोने चली आयी !

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क्रमश – हाँ ये मोहब्बत है – 43

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संजना किरोड़ीवाल

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