Sanjana Kirodiwal

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हाँ ये मोहब्बत है – 43

Haan Ye Mohabbat Hai – 43

Haan Ye Mohabbat Hai
Haan Ye Mohabbat Hai

मीरा से नाराज होकर अक्षत अपने कमरे में सोने चला आया लेकिन सोता कहा जीजू और अर्जुन ने उसके कमरे का कबाड़ा कर दिया था और अब दोनों घोड़े बेच कर सो रहे थे। अक्षत ने तकिया उठाया और बाहर हॉल में सोने चला आया , वैसे भी ये जगह हमेशा अक्षत की फेवरेट रही है। कुछ देर बाद उसे नींद आ गयी।
सुबह मीरा सो रही थी की अमायरा के रोने से उसकी आँख खुल गयी। राधा को रोने की आवाज सुनाई दी तो वह कमरे में आयी और अमायरा को गोद में उठाते हुए कहा,”मीरा तुम लेटी रहो इसे मैं देखती हूँ”
“ठीक है माँ”,कहकर मीरा फिर लेट गयी रात भर अमायरा की वजह से वह ठीक से सो नहीं पायी थी कुछ देर बाद उसे फिर नींद आ गयी। राधा ने अमायरा को
सुला दिया और फिर खुद बाहर चली आयी। अक्षत बाहर सोफे पर सो रहा था जीजू जब उठकर उसके कमरे से बाहर आये तो अक्षत को बाहर सोया देखकर उन्हें उस पर दया आयी। कैसे कल रात उन्होंने और अर्जुन ने उसके कमरे पर अपना कब्जा जमा लिया था। जीजू निचे चले आये और ऑफिस जाने के लिए तैयार होने लगे। अर्जुन भी उठकर अपने कमरे में नहाने चला गया और फिर अपना ऑफिस बैग लेकर नीचे चला आया। अक्षत की नींद एकदम से खुली तो उसने खुद को हॉल के सोफे पर पाया। वह अंदर कमरे में आया और नहाने चला गया आज किसी केस की डेट थी और उसमे अक्षत का हाजिर होना बहुत जरुरी था। अक्षत ने व्हाइट शर्ट और ब्लैक पेण्ट पहना। अपना काला कोट और फाइल्स लेकर नीचे चला आया। अक्षत ने देखा सब उस से पहले नाश्ते के लिए डायनिंग के पास बैठे है , अक्षत भी आकर बैठ गया उसने जल्दी जल्दी नाश्ता किया और देखा राधा किचन में बिजी है। अक्षत चुपचाप उठा और उस कमरे
की ओर चला आया जिसमे मीरा थी। कोर्ट जाने से पहले वह अपनी बेटी से मिलना चाहता था। अक्षत कमरे में आया तो देखा मीरा सो रही है और अमायरा उसकी बगल में लेटी है। अक्षत ने बड़े प्यार से अपनी बेटी को देखा और घुटनो के बल बैठकर अमायरा का सर चूमते हुए धीरे से कहा,”गुड मॉर्निंग प्रिंसेज”
अमायरा अपनी नन्ही नन्ही आँखो से अक्षत को देखने लगी। अक्षत मुस्कुराया और कहने लगा,”अभी मैं कोर्ट जा रहा हूँ , शाम को वापस आऊंगा तब हम दोनों खूब सारी बातें करेंगे,,,,,,,,,,,,तुम्हारी मम्मा से तो कल रात ही झगड़ा हुआ है मेरा बताओ अपने ही हस्बेंड पर कोई ऐसे हँसता है,,,,,,,,,,,,,,खैर तुम्हे देख लिया अब मैं जाता हूँ वरना माँ ने देखा तो मुझे डांट पड़ेगी”
कहते हुए अक्षत ने एक बार फिर अमायरा को किस किया और फिर जाने लगा। दो कदम आगे बढ़ाते ही अक्षत ने पलटकर सोई हुई मीरा को देखा और उसकी तरफ आते हुए कहा,”झगड़ा अपनी तरफ है मोहब्बत अपनी तरफ” कहते हुए उसने मीरा का सर चूमा और फिर वहा से चला गया। गनीमत था की राधा ने उसे उस वक्त नहीं देखा था। अक्षत ने अपनी बाइक स्टार्ट की और वहा से निकल गया।
कोर्ट आकर वह अपने काम में लग गया। अक्षत हर आधे घंटे बाद घडी देखता उसके हिसाब से आज वक्त बहुत धीरे बीत रहा था। दिनभर अक्षत कामो में लगा रहा। जिस केस को लेकर वह पिछले कुछ दिनों से परेशान था आज वह थोड़ा आगे बढ़ा और उसके जीतने के चांसेज और बढ़ गए। शाम में अक्षत ख़ुशी ख़ुशी घर आया। उसने अपना कोट और फाइल्स सोफे पर डाले और सीधा मीरा के कमरे की तरफ गया लेकिन राधा ने फिर उसे दरवाजे पर रोक दिया तो अक्षत ने कहा,”अच्छा बाहर से तो देख सकता हूँ”
“हम्म्म्म”,राधा ने साइड होते हुए कहा तो अक्षत दरवाजे पर खड़ा खड़ा अपनी बेटी को देखता रहा और फिर चला गया।
इसी तरह चार दिन निकल गए जो की अक्षत के लिए बहुत मुश्किल थे , संडे के दिन नामकरण का फंक्शन रखा गया। अक्षत तो आज बहुत खुश था आज के बाद वह अपनी बेटी और मीरा के साथ जो रहने वाला था। घर को अच्छे से सजाया गया , मेहमानो के खाने पीने का इंतजाम भी घर में ही करवा दिया। आज सब घर में ही थे। कुछ देर बाद पंडित जी और बाकि मेहमान भी आ गए। अमर जी को किसी जरुरी काम से शहर से बाहर जाना पड़ा इसलिए वो नहीं आ पाए लेकिन उन्होंने सौंदर्या को भेज दिया और साथ में मीरा और अपनी नातिन के लिए ढेर सारे तोहफे भेज दिए। स्नान के बाद मीरा हॉल में चली आयी जहा उसके बैठने के लिए एक सोफा रखा हुआ था। मीरा उस पर आकर बैठ गयी , अमायरा उसकी गोद में थी। पंडित जी ने पूजा शुरू की कुछ देर बाद उन्होंने अक्षत को भी मीरा के बगल में आकर बैठने को कहा। अक्षत आकर मीरा के बगल में बैठ गया। पूजा शुरू हुई , पूजा के दौरान अमायरा ने अक्षत की ऊँगली को थाम लिया अक्षत के लिए ये पल बहुत प्यारा पल था वह प्यार भरी नजरो से उसे देखने लगा।
“बच्ची की कुंडली के हिसाब से उसका नाम “अ” पर निकला है जिसका राशि नक्षत्र मेष है , आपको जो नाम पसंद आये आप रख सकते है”,पंडित जी ने अमायरा के सर पर तिलक करते हुए कहा।
“पंडित जी हमारे अक्षत भैया ने तो पहले ही बिटिया का नाम रख दिया है “अमायरा”,निधि ने कहा
“ये तो और भी अच्छी बात है “अमायरा नाम बहुत ही अच्छा है , इसके घर में आने के बाद आपके जीवन में तरक्की की सम्भावनाये और अधिक बढ़ जाएगी”,पंडित जी ने अक्षत की तरफ देखकर कहा।
पंडित जी को दक्षिणा देकर विदा कर दिया गया। अब व्यास हॉउस में कोई फंक्शन हो और गाना बजाना ना हो ऐसा भला हो सकता है क्या। निधि नीता और तनु ने मिलकर नाच गाने का बंदोबस्त कर दिया सभी वही हॉल में जमा हो गए। अक्षत ने अमायरा को लिया और जीजू की तरफ चला आया।
सौंदर्या भुआ मीरा के पास आकर बैठ गयी। पड़ोस से आयी औरतो ने ढोलक मंगवाया और बजाना शुरू कर दिया। निधि नीता और तनु ने डांस करना शुरू कर दिया। विजय जी दूसरे मेहमानो के साथ बिजी थे। दादू अपनी उम्र के लोगो के साथ बातो में लगे थे। अक्षत , सोमित जीजू सोफे पर बैठे अमायरा को दुलार कर रहे थे। कुछ देर बाद अक्षत को कुछ याद आया और उसने अमायरा की एक तस्वीर लेकर निहारिका को भेज दी। कुछ देर बाद ही जवाब आया – बिल्कुल तूम पर गयी है एकदम प्रिंसेज जैसी इसे ढेर सारा प्यार मेरी तरफ से”
जवाब पढ़कर अक्षत मुस्कुराया और मीरा की तरफ देखकर सोचने लगा,”अगर मीरा नहीं होती तो मैं तुम्हे कभी अहसास दिला ही नहीं पाता की प्यार होता क्या है ?”
“कहा खो गए साले साहब अच्छा अच्छा मीरा को देख रहे है अच्छी लग रही है ना वो ?’,जीजू ने अमायरा को अपनी गोद में लेते हुए कहा
“हां बहुत अच्छी लग रही है”,अक्षत ने मीरा को देखते हुए कहा
“वैसे घर वाले भी बेरहम है तुम दोनों को अलग कर दिया लेकिन आज से तुम दोनों एक कमरे में रह सकते हो”,जीजू ने अक्षत को छेड़ते हुए कहा
“मैं ना अभी आता हूँ आप इसका ख्याल रखना”,कहकर अक्षत वहा से उठा और चला गया जैसे ही वह निधि की तरफ से गुजरा निधि पकड़कर उसे सबके बीच ले आयी और डांस करने को कहा। बेचारा अक्षत इतनी सारी औरतो के बीच कैसे डांस करता ? उसने जाना चाहा तो निधि की हेल्प करने अर्जुन आ गया और कहा,”अरे अरे आज तो तुम्हारा डांस करना बनता है,,,,,,,,,,,,,(कहते हुए जीजू की तरफ देखता है)————–
है ना जीजू ?”
“हां अर्जुन बिल्कुल सही”,कहते हुए जीजू अमायरा को अपनी गोद में सम्हाले अर्जुन की तरफ चले आये। उन्होंने अमायरा नीता के हाथ में सौंप दी और खुद अर्जुन के साथ मिलकर अक्षत को डांस करने के लिए कहने लगे। अक्षत को जब लगा की ये लोग ऐसे नहीं मानेंगे तो उसने सोमित जीजू और अर्जुन को भी अपनी तरफ खींच लिया। निधि ने ढोलक बजवाना बंद करके म्यूजिक सिस्टम पर गाना चला दिया। अर्जुन अक्षत और सोमित जीजू तीनो डांस करने लगे। घर में ख़ुशी का माहौल था और सभी बहुत खुश थे। अर्जुन ने देखा नीता खड़े खड़े उन लोगो का डांस देखकर इंजॉय कर रही है तो वह उसकी तरफ आया और उसका हाथ पकड़ कर उसे भी अपने साथ डांस करवाने लगा। हसंते मुस्कुराते नीता अर्जुन के साथ डांस कर रही थी। चीकू तो अपने मम्मी पापा को डांस करते देखकर ख़ुशी से सोफे पर उछल रहा था। निधि भी सबके साथ मिलके डांस कर रही थी जब नजर अर्जुन और नीता पर पड़ी तो चेहरा एकदम से उदासी से घिर गया। उसे हनी की याद आ गयी , सगाई को 10 महीने हो चुके थे लेकिन हनी एक बार भी निधि से मिलने इंदौर नहीं आया था बस दोनों फोन पर ही बाते या विडिओ कॉल किया करते थे। अपने भाई भाभी को देखकर निधि हनी को मिस कर रही थी। मीरा की नजर निधि पर पड़ी तो मीरा ने इशारे से पूछा – क्या हुआ
निधि ने उदासी से अपना सर हिलाया और वहा से चली गयी। मीरा को निधि का इस तरह चले जाना अच्छा नहीं लगा वह भी उठकर जाने लगी तो तनु ने उसे वापस बैठाते हुए कहा,”अरे मीरा तुम कहा जा रही हो ? बैठो”
“जी दी”,कहकर मीरा वापस बैठ गई लेकीन उसे निधि की फ़िक्र हो रही थी हर वक्त हसने मुस्कुराने वाली निधि आज उसे उदास अच्छी नहीं लगी। फंक्शन खत्म हुआ सभी मेहमान और घरवाले खाना खाने लगे। मीरा के लिए अभी भी सिंपल खाना ही बना था उसने एक दो निवाले खाये और कहा,”माँ हम अभी आते है”
“ठीक है बेटा जल्दी आना”,राधा ने प्यार से कहा तो मीरा वहा से चली गयी। मीरा निधि को ढूंढते हुए उसके कमरे में आयी निधि उदास सी अपने कमरे की खिड़की की पास खड़ी बाहर देख रही थी। मीरा ने निधि के कंधे पर हाथ रखा और कहा,”क्या हुआ निधि तुम यहाँ क्यों चली आई ? हमसे कोई गलती हुई क्या ?”
“कैसी बात कर रही हो मीरा ? तुमसे कभी कोई गलती नहीं हो सकती , तुम्हारे और भाई के लिए मैं बहुत खुश हूँ”,निधि ने मीरा की तरफ पलटते हुए कहा
“तो फिर तुम ऐसे क्यों चली आयी ?”,मीरा ने कहा
निधि ने मीरा के हाथो को अपने हाथो में थामा और कहने लगी,”आज भाई और भाभी को साथ में डांस करते हुए देखा तो हनी की याद आ गयी। सगाई के बाद से हमारे बीच हर रोज बात होती है लेकिन फेस टू फेस मिलना नहीं हो पाया। बस इसलिए वहा से चली आयी क्योकि मैं तुम्हारी खुशियों में खलल डालना नहीं चाहती थी”
“हम्म्म्म तो ये बात है , मेरी प्यारी सी दोस्त और ननद साहिबा को अपने उनकी याद आ रही है। वैसे हनी जी से हमे भी शिकायत है इतने महीनो में एक बार तो मिलने आ सकते है वो ,, तुम ज्यादा परेशान मत हो जल्दी ही तुम्हारी शादी होने वाली है उसके बाद तुम दोनों हमेशा साथ रहोगे”,मीरा ने निधि को गले लगाते हुए कहा।
मीरा के गले लगाने से निधि को थोड़ा अच्छा महसूस हुआ तो उसने कहा,”मीरा तुम हमेशा मेरी दोस्त बनकर रहना”
“तुमने हमारे लिए जो किया है वो हम इस जिंदगी में नहीं कर पाएंगे निधि तुमने हमे इतना अच्छा परिवार दिया , अपना भाई हमे दिया तुम्हारे जितनी बड़ी दिल वाली लड़की आखिर कहा मिलेगी ,, अब ये इमोशनल बाते बंद करो और नीचे चलो वरना हमे ढूंढते हुए सब ऊपर आ जायेंगे”,मीरा ने आँखों की नमी को साफ करते हुए कहा।
निधि मुस्कुराई और मीरा के साथ नीचे चली आयी। अक्षत ने देखा तो इशारो में मीरा से पूछा लेकिन मीरा ने सब ठीक होने का इशारा कर दिया। आधे से ज्यादा मेहमान लगभग जा चुके थे। बाकि बचे हुए मेहमान से राधा मीरा को मिलवाने लगी। सबने खाना खा लिया था निधि ने नहीं खाया था वह खुद से ही खाना प्लेट में लेकर सोफे के पास आकर बैठ गयी। निधि ने खाना शुरू ही किया था की जीजू उसकी बगल में आकर बैठ गए और कहा,”क्या बात है बेटा जी बड़ी उदास उदास दिख रही हो ?”
“बेचारी अपने बन्नी को मिस कर रही है”,अर्जुन ने निधि के दूसरी तरफ बैठते हुए कहा तो निधि ने अर्जुन को घुरा , निधि का चेहरा देखकर अर्जुन ने झट से अपनी बात पलट दी और कहा,”मेरा मतलब हनी”
“हनी कहो या बनी कहो रहेगा तो हमारा जीजा”,कहते हुए अक्षत भी आया और टेबल को खिसका कर निधि के बिल्कुल सामने आ बैठा। तीनो को एकसाथ वहा देख निधि ने कहा,”क्या मैं जान सकती हूँ ये इतनी जी हुजूरी किसलिए हो रही है ?”
“6 महीने बाद तू इस घर से परमानेंट जाने वाली है उसके बाद सुकून ही सुकून है,,,,,,,,,,,,,,,रोज रोज तेरी झिक झिक नहीं सुननी पड़ेगी”,अक्षत ने कहा तो निधि मुंह फाडे उसकी तरफ देखने लगी तो अर्जुन ने कहा,”पापा ने तेरी शादी फिक्स कर दी है , अगले साल अप्रैल में तेरी शादी है”
निधि ने सूना तो कहा,”ये कब हुआ ?”
“देखा जीजू शॉकड तो ऐसे हो रही है जैसे जाना नहीं चाहती , मन ही मन में लड्डू फुट रहे है”,अक्षत ने छेड़ते हुए कहा तो निधि शरमा गयी।
“ए मेरी बेटी कोई परेशान नहीं करेगा,,,,,,,,,,,,,,(पीछे से आते हुए विजय जी ने कहा और निधि के पास आकर धीरे से कहा) ,.,,,,,,,,,,,,वैसे 6 महीने कुछ ज्यादा नहीं हो गए”
“पापा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,निधि ने कुनमुनाते हुए कहा तो सभी हंसने लगे। विजय जी ने प्यार से निधि के सर पर हाथ रखा और कहा,”सिर्फ 6 महीने और उसके बाद तो मेरी चिड़िया को उड़ जाना है”
निधि प्यार से अपने पापा को देखने लगी , निधि का मासूम चेहरा देखकर विजय जी की आँखे नम होने लगी तो वे वहा से चले गए।
“चलो अब आप लोग भी जाओ मुझे खाना खाने दो”,निधि ने कहा तो जीजू ने कहा,”अरे दो दो मुस्टंडे,,,,,,,,,मेरा मतलब तुम्हारे भाई बैठे है ये खिलाएंगे”
“खिला देते है वैसे ख़ुशी का दिन है आज”,कहते हुए अर्जुन ने एक निवाला निधि को खिलाया और उसके बाद कभी अक्षत , कभी अर्जुन और कभी जीजू ने। थोड़ी देर में चीकू आया तो सबको देखकर कहा,”हमे भी खाना है”
“मेरे चीकू को मैं खिला देती हूँ”,कहकर निधि ने अपने हाथ से निवाला खिला दिया। चारो वहा बैठकर बचपन के दिन याद करने लगे

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