हाँ ये मोहब्बत है – 13
Haan Ye Mohabbat Hai – 13
सोमित जीजू के बुरे हालातो में अक्षत ने उन्हें सम्हाल लिया था। अक्षत के ट्रांसफर के सारे पेपर भी बन चुके थे। अगले दिन अक्षत ने तनु से जरुरी सामान पैक करने को कहा। सोमित जीजू खामोश से सोफे पर बैठे सब देख रहे थे। काव्या वही पास में खेल रही थी। अक्षत ने किचन में आकर सबके लिए कॉफी बनायीं और एक कप लेकर जीजू के सामने आ बैठा और उन्हें कॉफी देते हुए कहा,”जीजू कॉफी”
“मम्मा हम कही जा रहे है ?”,काव्या ने सवाल किया
तनु ने ख़ामोशी से अक्षत की और देखा तो अक्षत ने काव्या को अपने पास बुलाया और कहा,”तुम्हे चीकू की याद आ रही थी और तुम चाहती थी चीकू भी तुमहारे साथ आये”
“हम्म्म्म”,काव्या ने कहा
“तो मैंने सोचा क्यों ना तुम मैं म्मा पापा चीकू के साथ ही रहे , उसके घर मे”,अक्षत ने कहा
“वाओ मामू तब तो मैं हमेशा उसके साथ खेल सकती हूँ वो बहुत क्यूट है”,काव्या ने ख़ुशी से उछलते हुए कहा
“हां इसलिए कल हम सब इंदौर जा रहे है तुम भी जाकर अपने फेवरेट खिलोने पैक कर लो”,अक्षत ने कहा तो काव्या ख़ुशी ख़ुशी चली गयी। जीजू खामोश बैठे अभी भी कॉफी के कप को घूर रहे थे। अक्षत ने देखा तो उनके हाथ पर अपना हाथ रखकर कहा,”जीजू ज्यादा मत सोचिये सब ठीक हो जाएगा”
“मैं यहाँ से क्यों जा रहा हूँ ? किसी ने पूछा तो क्या जवाब दूंगा मैं ?”,जीजू ने कहा
“आपको किसी से कुछ कहने की जरूरत नहीं है जीजू मैं सब सम्हाल लूंगा”,अक्षत ने विश्वास के साथ कहा
“मेरे लिए किस किस को जवाब दोगे आशु ?”,जीजू ने दुखी स्वर में अक्षत की और देखते हुए कहा
“जीजू मेरे बुरे वक्त में आपने मेरा साथ दिया , आपने जो किया उसे मैं जिंदगीभर नहीं भूल सकता तो क्या आज आपके लिए मैं इतना सा नहीं कर सकता,,,,,,,,,,,,,मुझ पर भरोसा रखिये जीजू”,अक्षत ने कहा तो सोमित को थोड़ी हिम्मत मिली और उन्होंने कहा,”तू मेरे पिछले जन्म का बेटा है जो इस जन्म में अपने फर्ज निभा रहा है”
“जीजू जिंम्मेदारी निभाने के लिए रिश्तो का होना जरुरी नहीं है”,अक्षत ने कहा
“मीरा ने सिखाया ना ये सब ?”,जीजू ने अक्षत की और देखकर पूछा
“हम्म्म , जबसे वो मेरी जिंदगी में आयी है सब बदलने लगा है जीजू”,अक्षत ने मीरा को याद करते हुए कहा
“कल शाम के बाद एक बार भी उसे फोन किया ?”,जीजू ने कहा तो अक्षत को याद आया की उसे आज “अमायरा” वाली मीटिंग के लिए भी जाना था। वह उठा और कहा,”मैं कैसे भूल गया आज मेरी एक बहुत इम्पोर्टेन्ट मीटिंग थी , जीजू आप कॉफी पिओ मैं नहाने जाता हूँ”
अक्षत जल्दी से कमरे में आया , बैग से कपडे निकाले और नहाने चला गया। नहाकर अक्षत जल्दी जल्दी तैयार हुआ और फिर अपना लेपटॉप और अमायरा प्रोजेक्ट वाली फाइल उठाकर निकल गया। चलते हुए उसने मीरा को फोन लगाया। उसे जाते देखकर तनु ने कहा,”आशु बैठो मैं तुम्हारे लिए नाश्ता लगा देती हूँ”
“दी मैं बाहर खा लूंगा”,कहते हुए अक्षत वहा से निकल गया। उसने लेपटॉप और फाइल अपनी बगल वाली सीट पर रखी और गाड़ी स्टार्ट करके वहा से निकल गया। काफी देर बाद मीरा ने फोन उठाया – हैलो
अक्षत – हेलो मीरा , सॉरी कल बिजी था
मीरा – हम जानते है
अक्षत – अच्छा सुनो सुनो विश मी लक
मीरा – आल द बेस्ट , आप अपने काम में जरूर सफल होंगे
अक्षत – थैंक्यू माय लव , पता है आज मैं अमायरा की फाइनल मीटिंग के लिए जा रहा हूँ
मीरा – हमे ख़ुशी है की आपका सपना पूरा होने जा रहा है
अक्षत – अच्छा दिल्ली से तुम्हारे लिया क्या लाऊ
मीरा – हमारे लिए
अक्षत – हाँ
मीरा – बस आप जल्दी आ जाईये , आपके बिना कुछ अच्छा नहीं लगता है यहाँ
अक्षत – जल्दी आउंगा मीरा तुम्हे कुछ बताना भी है
मीरा – हम इंतजार करेंगे
“जल्दी आऊंगा मीरा , अपना ख्याल रखना”,कहकर अक्षत ने फोन काट दिया। सामने ही कुछ दूरी पर होटल था जिसमे मीटिंग थी। अक्षत गाड़ी लेकर अंदर चला आया उसने गाड़ी पार्किंग में लगायी और लेपटॉप फाइल लेकर चल पड़ा। चलते चलते अक्षत ने फ़ोन जेब में डालने की कोशिश की तभी सामने से आती एक लड़की उस से टकरा गयी। लड़की के हाथ में पकड़ा प्लास्टिक का कॉफी मैग नीचे जा गिरा साथ ही अक्षत की फाइल भी।
“आई ऍम सॉरी”,अक्षत बिना लड़की की और देखे नीचे गिरी फाइल को उठाने लगा। लड़की जो की बेइंतहा खूबसूरत थी उसने अक्षत को देखा। फॉर्मल पेंट शर्ट , चमचमाते जूते , अच्छी बॉडी , सांवला रंग , खूबसूरत गहरी आँखे और सुर्ख होंठ ,, वह अक्षत को देखते ही रह गयी। अक्षत उठा और अपनी फाइल सही करते हुए कहा,”आई ऍम सो सॉरी मैंने आपको देखा नहीं”
अक्षत की दिलकश आवाज सुनकर लड़की कुछ बोल ही नहीं पाई। अक्षत आगे बढ़ गया लड़की उसे जाते हुए देखते रही , कुछ देर बाद उस लड़की की कुछ दोस्त आयी और कहा,”हे निहारिका , यहाँ क्यों खड़ी हो चलो ना देर हो जाएगी”
“कौन था वो लड़का जिसने निहारिका को नहीं देखा ?”,निहारिका ने होटल के एंट्री गेट की और देखकर कहा।
“ओह्ह कम ऑन नेहु कोई लड़का तुम्हे इग्नोर कर दे ऐसा हो ही नहीं सकता , यू आर द ब्यूटी क्वीन माय डार्लिंग”,निहारिका की दोस्त ऐना ने कहा
“उम्मम्मम या कम ऑन लेटस गो”,कहते हुए निहारिका ने चश्मा लगाया और अपने दोस्तों के साथ चली गयी
“निहारिका सिन्हा” दिल्ली में रहने वाले एक बड़े बिजनेसमैन की इकलौती बेटी , खूबसूरत इतनी की कोई एक बार देख ले तो उसका दीवाना हो जाये। निहारिका अपने दोस्तों के साथ लंच पर इस होटल में आयी थी और अनजाने में अक्षत से टकरा गयी। लड़के जहा निहारिका के एक इशारे पर दौड़े चले आते है वही अक्षत ने उसे देखा तक नहीं और कही ना कही ये बात उसे खटक रही थी। गाड़ी में बैठे बैठे उसे बार बार अक्षत का चेहरा याद आ रहा था।
अक्षत होटल आया और मीटिंग रूम में पहुंचा , अक्षत के अलावा वहा 5 लोग और थे जो इस मीटिंग के लिए आये थे। जिसने ये मीटिंग रखी थी वो अभी नहीं आया था। वहा मौजूद 6 लोगो में अक्षत सबसे यंग कॉम्पिटिटर था। कुछ अक्षत को देखकर जल भून रहे थे और कुछ इतनी कम उम्र में उसके प्रोफेशन की सराहना कर रहे थे। कुछ देर बाद ही एक अच्छी पर्सनालिटी का आदमी अपने पी.ए. के साथ मीटिंग रूम में दाखिल हुआ। उन्हें देखते ही सब खड़े हो गए उन्होंने सबको बैठने को कहा और अपना परिचय देने लगे – गुड़ आफ्टरनून ! मेरा नाम चंद्र शेखर सिन्हा है , सिन्हा ग्रुप एंड कम्पनीज का ऍम.डी. , दिल्ली में मुझे किसी परिचय की जरूरत नहीं है यहाँ सब मुझे जानते है। हाल ही मैंने एक नया बिजनेस शुरू किया है डायमंडस का और मैं चाहता हूँ किसी न्यू कमर के साथ कोलब्रेट करू , सो मीटिंग शुरू करते है”
कहते हुए वे अपनी चेयर पर आ बैठे उन्होंने एक नजर अक्षत पर डाली , अक्षत उन्हें बहुत यंग लगा , उन्होंने अपने पी.ए. को इशारा किया और अपने पास बुलाकर कहा,”हर्षत मैंने तुमसे कहा था मुझे इस मीटिंग में नॉलेजेबल कैंडिडेट्स चाहिए पर ये लड़का तो काफी यंग दिखाई दे रहा है , ये कर पायेगा”
“सर ये अक्षत व्यास है दिल्ली के जाने माने क्रिमिनल लॉयर , सुप्रीम कोर्ट के जज साहब ने इनका नाम रिकमेंडेन्ट किया था”,हर्षत ने कहा
“ओके फाइन”,सिन्हा साहब ने कहा तो हर्षत मीटिंग रूम से बाहर चला गया। मीटिंग शुरू हुई लगभग 1 घंटे की प्रेजेंटेशन के बाद सबसे आखिर में अक्षत का नंबर आया। जब उसने अपने ब्रांड “अमायरा” को लेकर प्रेजेंटेशन दी तो सब देखते ही रह गए। एक एक चीज अक्षत ने बहुत ही क्लियर तरीके से समझायी और उसका बनाया हुआ डिजाइन भी सबको बहुत पसंद आया। अक्षत का काम देखकर सिन्हा साहब भी उस से खासा इम्प्रेस हुए। सबकी रजामंदी के बाद टेंडर अक्षत को ही मिला। अक्षत को बहुत ख़ुशी हुई सालो से वह इस सपने को पूरा करने के पीछे पड़ा था आज जाकर ये सफल हुआ। सबने हाथ मिलाते हुए अक्षत को बधाईया दी और मीटिंग रूम से चले गए। सिन्हा जी ने अक्षत के पास आये और उस से हाथ मिलाते हुए कहा,”कॉन्ग्रैचुलेशन ! आपके डिजाइन्स और आप काबिल-ए-तारीफ है”
“थैंक्यू सर”,अक्षत ने मुस्कुराकर सहजता से कहा
“एक एक कॉफी हो जाये ?”,सिन्हा जी ने पूछा। सिन्हा जी जो की इतने पंचुअल थे की किसी को ज्यादा वक्त नहीं देते थे लेकिन अक्षत से वो काफी प्रभावित थे। दोनों मीटिंग रूम से निकल कर कॉफी एरिया ने आये। सिन्हा जी ने दो कॉफी आर्डर की , अगले कुछ ही देर में कॉफी उनके सामने थी उन्होंने एक कप खुद उठाया और दूसरे के अक्षत से कहा।
“थैंक्यू !”,कहते हुए अक्षत ने कॉफी उठायी और पिने लगा
“सो मिस्टर व्यास आपकी प्रेजेंटेशन काफी अच्छी थी , आई ऍम इम्प्रेस्ड बस एक डाउट है”,सिन्हा जी ने अक्षत की और देखकर कहा
“वो क्या सर ?”,अक्षत ने पूछा
“मेरे पी.ए. ने बताया की आप एक क्रिमिनल लॉयर है फिर ये अचानक से बिजनेस में इंट्रेस्ट क्यों ?”,सिन्हा जी ने अक्षत के सामने अपना डाउट रखते हुए कहा
अक्षत हल्का सा मुस्कुराया और कहा,”एक्चुअली सर “अमायरा” मेरे पापा का सपना है , अपने काम और जिम्मेदारियों के चलते वो शायद इस भूल भी चुके है लेकिन पिछले कई सालो से मैं इस प्रोजेक्ट को देख रहा था उन्ही का सपना पूरा करने मैं आज यहाँ आया हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,जब उन्हें पता चलेगा वो बहुत खुश होंगे एंड उस वक्त उनकी ख़ुशी प्राइसलेस होगी”
“या ऑफकोर्स ! आई लाइक योर वे ऑफ़ थिंकिंग , आजकल इंसान इतना सेल्फिश हो चुका है की सिर्फ अपने बारे में सोचता है वही तुम अपने पापा का सपना पूरा कर रहे हो , आई लाइक दिस”,सिन्हा जी ने कहा
“थैंक्यू सर , इस जिंदगी में आज मैं जो कुछ भी हूँ उन्ही के प्यार और सपोर्ट की वजह से हूँ , उनके सपनो को पूरा करना मेरी रिस्पॉन्सिब्लिटी है”,अक्षत ने सहजता से कहा जिस से मिस्टर सिन्हा काफी इम्प्रेस हुए
मिस्टर सिन्हा ने अक्षत से कुछ देर बात की और कॉफी खत्म करके उठते हुए कहा,”ओके मिस्टर व्यास आई थिंक अब मुझे अब चलना चाहिए (अपना विजिटिंग कार्ड अक्षत की और बढ़ाते हुए) ये मेरा कार्ड है आप जब भी जरूरत हो फोन कर सकते है ,, आपसे मिलकर अच्छा लगा”
“मी टू सर एंड थैंक्यू सो मच फॉर दिस अपॉर्च्युनिटी”,अक्षत ने गर्मजोशी से सिन्हा जी से हाथ मिलाते हुए कहा
मिस्टर चंद्र शेखर अपने पी.ए. के साथ वहा से निकल गए। अक्षत बहुत खुश था “अमायरा” के लिए उसे डायमंड मर्चेंट मिल चुका था। मिस्टर सिन्हा डायमंड्स का बिजनेस करते थे , उन्ही डायमंड्स को खरीदकर उन्हें ज्वेलरी के रूप में अक्षत नया बिजनेस शुरू करने वाला था। ये उसके पापा का सपना था जो अक्षत और अर्जुन ने मिलकर पूरा किया था। दोनों ने ज्वैलरी के इस ब्रांड का नाम “अमायरा” रखा था। अक्षत ने अपनी फाइल और लेपटॉप उठाया और ख़ुशी ख़ुशी होटल से बाहर निकल गया। मीरा का उसकी जिंदगी में आना उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट था और जबसे मीरा से शादी हुई है उसकी जिंदगी में सब अच्छा चल रहा है। अक्षत ने पार्किंग से गाड़ी निकाली और घर की और निकल गया।
अक्षत घर पहुंचा तब तक तनु सभी जरुरी सामान पैक कर चुकी थी। अक्षत ने सारे बैग्स डिग्गी में रखे कुछ आगे सीट पर रख दिए। सोमित का मन नहीं था दिल्ली छोड़ने का लेकिन मज़बूरी में उन्हें जाना पड़ रहा था। तनु ने घर को लॉक किया और फिर काव्या को साथ लेकर गाड़ी में आ बैठी। काव्या तो चीकू के पास जाने के नाम से ही खुश थी। अक्षत ड्राइवर सीट पर आकर बैठा , सोमित गाड़ी के बाहर खड़ा बुझी नजरो से चारो और देख रहा था पिछले 10 सालो से वह यहाँ रह रहा था और आज अचानक उसे जाना पड़ रहा था। अक्षत ने गाड़ी का हॉर्न बजाया तो जीजू की तंद्रा टूटी और वह आकर अक्षत के बगल में बैठ गए। उन्हें उदास देखकर अक्षत ने अपना हाथ उनके हाथ पर रखा और आँखों ही आँखों में उन्हें आश्वस्त रहने का इशारा किया। अक्षत ने गाड़ी आगे बढ़ा दी , सोमित के हालातो को देखकर अक्षत दुखी था तो अमायरा की सफलता को लेकर खुश भी था। लेकिन इस वक्त इस बारे में वह सोमित के सामने बात करना नहीं चाहता था। माहौल को थोड़ा हल्का करने के लिए अक्षत ने म्यूजिक चला दिया , ये किसी पुरानी हिंदी फिल्म का गाना था
“जिंदगी के सफर में गुजर जाते है जो मुकाम,,,,,,,,,,,,,,वो फिर नहीं आते , वो फिर नहीं आते”
अक्षत जानता था की सोमित जीजू को पुराने गाने और राजेश खन्ना बहुत पसंद है। ये गाना जीजू का हमेशा से पसंदीदा रहा है , जीजू ने सूना तो अक्षत की और देखा और मुस्कुरा उठे। उन्हें मुस्कुराते देखकर अक्षत ने कहा,”पता है मेरी जिंदगी की दो सबसे खूबसूरत चीज क्या है ?”
“क्या ?”,जीजू ने कहा
“पहली मेरी माँ दूसरी आपकी स्माइल”,अक्षत ने कहा तो जीजू मुस्कुरा उठे और कहा,”पता है आशु जिंदगी में जब भी निराश होता हूँ न तो सबसे तेरा ख्याल आता है , जानता है क्यों क्योकि तू मेरा आइडियल है”
“ये क्या कह रहे है आप ? मैं आपसे सीख रहा हूँ और आप मुझे ही,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने हैरानी से कहा
“हां सही कह रहा हूँ मैं , इंसान मेच्योर उम्र से नहीं बल्कि अपनी सोच से बनता है , तुमने अपनी जिंदगी में जो हासिल किया है वो काबिलेतारीफ है , तुमने खुद को इतना स्ट्रांग और समझदार बना लिया है की तुम अब हर सिचुएशन फेस कर सकते हो”,जीजू ने अक्षत की तारीफ में कहा तो अक्षत मुस्कुरा उठा
“हां शायद पर आज भी मैं अपनों के नाम पर कमजोर पड़ जाता हूँ”,अक्षत ने गाड़ी चलाते हुए कहा
“वो इसलिए क्योकि तुम रिश्तो की बहुत इज्जत करते हो , दुसरो का दुःख तुम्हे अपना लगता है और ये एक बहुत बड़ी बात है”,जीजू ने कहा
“हे जीजू कम ऑन यार ऐसी बाते करके मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैं पापा के साथ बैठा हूँ”,अक्षत ने कहा तो सोमित मुस्कुरा उठा और कहा,”मुझे भी ऐसा ही लग रहा है जैसे आज मेरे पापा ने मुझे सम्हाल लिया”
अक्षत ने सूना तो दोनों एक दूसरे की और देखकर मुस्कुरा उठे
Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13 Haan Ye Mohabbat Hai – 13
क्रमश – Haan Ye Mohabbat Hai – 14
Read More – हाँ ये मोहब्बत है – 12
Follow Me On – facebook | instagram | youtube
Buy This Book Here – archanapublication
संजना किरोड़ीवाल
Bhut hi emotional part tha
Strong bonding btw akshit and somit ,aise rishte km hi dekhne ko milte hain
✨✨👍👍
💕💕💕
Somit jiju or akshat ke bich ka bond bhut hi pyara h ajkal aisa dekhne ko nhi milta, bhut acha part tha, lekin ye niharika aab new entry banke agyi h akshat ke piche padne.
Beautiful part …full of emotions and family values…Akshat aur somit ka rishta kitna pyara hai …kabhi doston jaisa ..kabhi bhaiyon jaisa …kabhi baap bete jaisa…♥️♥️
Beautiful part… akshat bahut samjhdar ho gya h…uski or Jiju ki bonding bahut hi strong h..dono ek duje k liye kuch bhi kr sakte h…aaj akshat ne apne papa k sapne ki or 1 kadam aage badh gya…ye Niharika Mr Sinha ki beti h or usko akshat ka ignore krna khal gya… pehle mona or ab Niharika naam ka Graham akshat pr lag gya… lekin akshat sirf meera ka h… waiting eagerly for next part
Ye Niharika Akshat aur meera ki jindagi me khi koi Tufan na laye today’s part awesome 👌 👏
एक अक्षत के लिए कुड़ियां आएगी….इंदौर में मोना और अब दिल्ली में निहारिका सिन्हा…. जरूर कुछ ना कुछ कांड करेगी…..
🥰🥰🥰
🥺❤
💕💕💕💕💕💕