Sanjana Kirodiwal

Story with Sanjana Kirodiwal

Telegram Group Join Now

मनमर्जियाँ – S34

Manmarjiyan – S34

Manmarjiyan - S34

मनमर्जियाँ – S34

गोलू गुड्डू और शगुन को मिलाने का एक बढ़िया प्लान बना चुका था और गुड्डू ने पार्टी में चलने का बोलकर हरी झंडी भी दिखा दी थी बस अब शगुन को मनाना बाकि था और ये काम सौंपा गोलू ने गुड्डू को। गोलू 7 बजे मिलने का बोलकर चला गया गुड्डू नीचे आया देखा शगुन किचन में कुछ काम कर रही है तो वह आया और दरवाजे पर खड़ा होकर शगुन को देखने लगा। कुछ देर बाद जब देखा आसपास कोई नहीं है तो इशारा किया,”श्श्श्हशश शशशशशश”
अब तक शगुन गुड्डू के इस इशारे को भी पहचानने लगी थी इसलिए पलटकर कहा,”जी कहिये”
“वो हमहू सोच रहे थे इते दिन से तुमहू घर से बाहर नहीं निकली हो , तो सोचा घुमा देते है तुमको”,गुड्डू ने अपनी गर्दन के पीछे हाथ करके ईशर उधर देखते हुए कहा। शगुन ने सूना तो उसने गुड्डू को एकटक देखने लगी और सोचने लगी की आज ये अचानक से गुड्डू को क्या हुआ ? शगुन को अपनी ओर देखता पाकर गुड्डू ने कहा,”अरे घूमने से मतलब आज शाम में पार्टी है तो हम और गोलू जा रहे थे सोचा तुमहू से भी पूछ ले , वैसे कोई गलत इंटेंशन नहीं है”
“कब जाना है ?”,शगुन ने कहा
“7 बजे चलेंगे गोलू आएगा लेने”,गुड्डू ने कहा
“ठीक है लेकिन अंकल आंटी ?”,शगुन ने कहा
“अरे उनको कौन बताएगा ? छुप के जायेंगे,,,,,,,,,,,,,छुपके समझती हो ना , मतलब कभी स्कूल कॉलेज में बंक मारा होगा ना वैसे ही ,, ठीक है अभी हम जा रहे है तुमहू 7 बजे तैयार रहना”,कहकर गुड्डू चला गया
“ये गोलू जी ने कौनसी पार्टी रखी है ? गोलू जी भी ना एक बार मुझे बताया होता बस कुछ गड़बड़ ना हो , सम्हाल लेना महादेव”,शगुन ने हाथ जोडते हुए मन ही मन कहा। शगुन ऐसे छुपकर जाना नहीं चाहती थी इसलिए मिश्राइन को पहले ही बता दिया की गुड्डू उसे बाहर ले जाना चाहता है। अब शगुन गुड्डू ठहरे पति पत्नी उन्हें भला कोई क्यों मना करता ,मिश्राइन ने भी जाने की परमिशन दे दी। गुड्डू अपने कमरे में आया और पार्टी में जाने के लिए कपडे देखने लगा। कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या पहने कुछ देर बाद उसके हाथ लगा एक ब्लैक शर्ट और पेंट , उन्हें देखते ही गुड्डू ने कहा,”जे सही है आज तो ग़दर मचा देंगे”
वही नीचे शगुन इस उलझन में थी की क्या पहनकर जाये ? वह परेशान सी अपनी सारे सूट एक एक करके देख रही थी पर कोई भी ऐसा नहीं था जिसे पहनकर बाहर जा सके। वेदी ने अपनी भाभी को परेशान देखा तो उसके पास आयी और कहा,”का हुआ भाभी परेशान काहे है आप ?”
“गुड्डू जी मुझे बाहर ले जाना चाहते है लेकिन मेरे पास कोई अच्छा ड्रेस नहीं है समझ नहीं आ रहा क्या पहन कर जाऊ ?”
“बस इतनी सी बात के लिए इतना परेशान हो रही है आप , एक मिनिट रुकिए”,कहते हुए वेदी ने अपना कबर्ड खोला और उसमे से बहुत ही प्यारा ग्रीन रंग का सूट निकाला जिसके साथ बनारसी दुपट्टा था , कुरता लॉन्ग फ्रॉक में था जिसका बॉटम बहुत प्यारा था और सामने से बॉटम नेक लेकिन पीछे से डीप कट था , फुल चूड़ीदार बाजू थी वेदी ने शगुन को वो पहनने को कहा। शगुन उसे लेकर बाथरूम में गयी और पहनकर बाहर आयी वो ड्रेस ऐसा लग रहा था जैसे शगुन की फिटिंग का ही बनवाया गया हो , एकदम परफेक्ट। वेदी ने देखा तो खुश होकर शगुन के पास आयी और कहने लगी,”अरे वाह भाभी जे तो बहुते ही प्यारा लग रहा है , जे ना हम गुड्डू भैया की शादी में लाये थे लेकिन पहन नहीं पाए , पर आप पर ये बहुत जच रहा है ,, आईये हम आपके बाल बना देते है”
शगुन को लेकर वेदी आईने के सामने चली आयी , शगुन को बैठाया और खुद उसके बाल बनाने लगी।
वेदी ने शगुन के बाल बनाये , सूट से मैच करते झुमके उसे पहना दिए , थोड़ा सा मेकअप किया क्योकि शगुन को मेकअप की ज्यादा जरूरत नहीं थी वह सादगी में भी बहुत प्यारी लगती थी। शगुन ने आँखों में काजल लगाया , होंठो पर लिपस्टिक लगायी और वेदी की तरफ पलटते हुए कहा,”ठीक है ना ?”
वेदी शगुन को देखते ही रह गयी और फिर अपनी आँख से काजल निकालकर शगुन के कान के पीछे लगाते हुए कहा,”बहुत प्यारी लग रही है आप आज गुड्डू भैया तो आप पर लट्टू ही हो जायेंगे”
“थैंक्यू वेदी , तुम बहुत प्यारी हो”,शगुन ने वेदी के गाल को प्यार से छूकर कहा
“7 बजने वाले है गोलू भैया आते ही होंगे आप बैठो हम आते है”,वेदी ने कहा और वहा से चली गयी।

गुड्डू तैयार हुआ उस ब्लैक शर्ट में वह सच में ग़दर लग रहा था। हाथ का ब्रासलेट पहनते हुए गुड्डू निचे आया , लेकिन ये क्या आज उस से ये ब्रासलेट पहना नहीं जा रहा था। वह शगुन को बुलाने वेदी के कमरे की तरफ आया , जैसे ही उसकी नजर शगुन पर पड़ी वह बस उसे देखता ही रह गया , शगुन उस ड्रेस में इतनी खूबसूरत लग रही थी की एक पल के लिए गुड्डू पलके झपकना तक भूल गया। शगुन शीशे में देखते हुए अपने सूट के दुपट्टे को पिन अप कर रही थी , जैसे ही शीशे में गुड्डू नजर आया शगुन पलटी और गुड्डू को देखकर वह भी खामोश हो गयी। हॉट शब्द उसने सिर्फ सूना था पर आज गुड्डू को देखकर यकीन भी आ गया की ऐसा शब्द सिर्फ गुड्डू जैसे लड़को के लिए बना है। शगुन होश में आयी और गुड्डू की तरफ आते हुए कहा,”मैं तैयार हूँ”
शगुन की आवाज से गुड्डू की तंद्रा टूटी उसने हाथ का ब्रासलेट पहनते हुए कहा,”गोलू , गोलू बस आता ही होगा”
शगुन ने देखा ब्रासलेट पहनते हुए गुड्डू के हाथ काँप रहे थे उस से पहना नहीं जा रहा था। शगुन गुड्डू के थोड़ा क़रीब आयी और कहा,”लाईये मैं पहना देती हूँ”
गुड्डू शगुन को मना ही नहीं कर पाया उसने हाथ शगुन की तरफ बढ़ा दिया। शगुन के नाजुक हाथो की छुअन गुड्डू को अपने सख्त हाथो पर महसूस हो रही थी। शगुन के इतना करीब होने से उसे गर्मी का अहसास हो रहा था। वह इधर उधर देखने लगा , शगुन उसे ब्रासलेट पहनाने लगी जब शगुन की नजरे गुड्डू के हाथ पर थी तब गुड्डू की नजरे शगुन पर थी और जैसे ही शगुन ने गुड्डू की तरफ देखा गुड्डू ने झटके से गर्दन घुमा ली और दूसरी तरफ देखने लगा।
“हो गया”,शगुन ने पीछे हटते हुए कहा
“शुक्रिया”,गुड्डू ने कहा और अपने हाथ को देखने लगा जो कुछ देर पहले शगुन के हाथ में था। गुड्डू इस भावना में डूब ही रहा था की तभी शगुन का फोन बजा। शगुन ने फोन उठाया और कहा,”हेलो”
“भाभी गुड्डू भैया है जरा बात करवाओ उनसे”,दूसरी तरफ से गोलू ने कहा
“जी यही है , एक मिनिट”,कहते हुए शगुन ने अपना फोन गुड्डू की तरफ बढ़ाते हुए कहा,”गोलू जी”
“हां गोलू बोलो”,गुड्डू ने फोन कान से लगाते हुए कहा गोलू ने गुड्डू से कुछ कहा होगा उसके बाद गुड्डू ने फोन काटकर शगुन की तरफ बढ़ा दिया और कहा,”गोलू ने चौक आने को कहा है , बोल रहा है वही से साथ चलेंगे”
“ठीक है कोई बात नहीं”,शगुन ने अपने बालो को समेटते हुए कहा क्योकि रात में ऐसे खुले बाल जाना उसे सही नहीं लगता था। गुड्डू को शगुन का बांधना अच्छा नहीं लगा पर किस हक़ से कहे , अपने जजबातो को मन में दबाकर गुड्डू ने कहा,”चले फिर ?”
“हम्म्म”,कहते हुए शगुन उसके साथ चल पड़ी। आज गुड्डू की किस्मत वाकई में उस पर मेहरबान थी मिश्रा जी किसी काम से कानपूर से बाहर गए थे अगले दिन आने वाले थे और मिश्राइन से शगुन को पहले ही परमिशन मिल चुकी थी तो रोकने टोकने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता। गुड्डू ने अपनी बाइक घर से निकाली और उस पर सवार होकर शगुन की तरफ देखकर कहा,”इसी से जाना पडेगा कम्फर्टेबल हो ना ?”
“हम्म्म”,कहते हुए शगुन गुड्डू के पीछे आ बैठी और मन ही मन सोचने लगी,”भला कोई लड़की अपने पति के साथ बैठने में अनकम्फर्टेबल महसूस क्यों करेगी ? मुझे ख़ुशी है की इतने दिन बाद मुझे आपके साथ आपकी इस बाइक पर बैठने का मौका मिला”

गुड्डू को लगा शगुन उसके कंधे पर हाथ रखेगी लेकिन शगुन ने ऐसा कुछ नहीं किया तो गुड्डू ने बाइक स्टार्ट करके जैसे ही झटके से आगे बढ़ाई शगुन का हाथ गुड्डू के कंधे से आ लगा। अपने कंधे पर शगुन का हाथ देखकर गुड्डू मन ही मन मुस्कुरा उठा और बाइक आगे बढ़ा दी। गुड्डू के कंधे पर शगुन का हाथ बहुत प्यारा लग रहा था। शाम का अन्धेरा मौसम , कानपूर की वो गलिया , चमचमाती लाईटे सब देखकर गुड्डू का दिल खुश हो गया उसने बाइक चलाते हुए शगुन से कहा,”तुमहू एक ठो बात बताये”
“हम्म्म”,शगुन ने कहा
“वेदी के बाद तुमहू पहली लड़की हो जो हमायी बाइक पर हमाये पीछे बैठी है”,गुड्डू ने थोड़ा शर्माते हुए कहा तो शगुन मुस्कुरा उठी क्योकि ये बात वह जानती थी की वह गुड्डू की लाइफ में पहली लड़की है जिसने गुड्डू के साथ इतना वक्त बिताया है। शगुन को खामोश देखकर गुड्डू ने कहा,”तुमहू जे मत सोचना की हम तुम पर लाइन वाइन मार रहे है , वो तो बस हमारा दिल किया इसलिए बताय रहे है तुम्हे”
“आपसे एक बात कहे”,शगुन ने कहा
“हां कहो ना”,गुड्डू ने कहा
“मेरी जिंदगी में आप पहले लड़के है जिसकी बाइक पर मैं बैठी हूँ”,शगुन ने कहा तो गुड्डू मुस्कुराने लगा और कहा,”काहे तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड कोई दोस्त नहीं है ?”
“दोस्त है लेकिन मैं कभी उनके साथ बाइक पर नहीं बैठी”,शगुन ने कहा
“और बॉयफ्रेंड ?”,गुड्डू ने बॉयफ्रेडं पर कुछ ज्यादा ही जोर देते हुए कहा
“नहीं मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है”,शगुन ने मुस्कुरा के कहा
“इतनी खूबसूरत है , इतनी अच्छी है फिर भी सिंगल , साला सिंगल तो हम भी हमने का उखाड़ लिया इतनी अच्छी शक्ल के बाद”,गुड्डू ने मन ही मन कहा
“क्या हुआ कहा खो गए आप ?”,शगुन ने पूछा
“कही नहीं चौक आ गया वो रहा गोलू”,गुड्डू ने कहा तो शगुन ने देखा सामने गोलू अपनी स्कूटी लिए खड़ा है। तीनो वहा से पार्टी वाली लोकेशन पर पहुंचे गुड्डू शगुन ने देखा वहा 20-25 लड़के लड़किया है जिनकी फ्रेशर पार्टी चल रही है। गोलू गुड्डू शगुन को अंदर आने का कहकर चला गया। गुड्डू ने बाइक साइड में लगायी शगुन नीचे उतरी और गुड्डू के साथ चल पड़ी। चलते चलते गुड्डू की नजर शगुन की पीठ पर पड़ी जो की सूट का गला बड़ा होने की वजह से दिखाई पड़ रही थी। शगुन और गुड्डू के पीछे चल रहे दो तीन लड़को की नजर शगुन की पीठ पर ही थी। गुड्डू को अच्छा नहीं लगा तो उसने शगुन के बालो में खोंसा हुआ कलेचर निकाल दिया शगुन के रेशमी चमचमाते बाल नीचे झूलने लगे जिनसे उसकी नंगी पीठ भी छुप गयी। शगुन ने गुड्डू की इस हरकत पर उसकी तरफ देखा तो गुड्डू ने कहा,”का है तुम्हाये बाल ना खुले ज्यादा अच्छे लगते है”
गुड्डू की इस बात से शगुन का दिल धड़कने लगा वह गुड्डू की आँखों में देखते रही। वहा से गुजर रहे लड़के की वजह से गुड्डू को धक्का लगा और वह शगुन के करीब आ गया। अब शगुन के साथ साथ गुड्डू का दिल भी धड़कने लगा था। दोनों एक दूसरे की आँखों में देखे जा रहे थे। हवा से उड़कर शगुन के बाल जैसे ही उसके गाल पर आये ना जाने गुड्डू में इतना साहस कहा से आया शगुन की आँखों में देखते हुए उसने उन बालो को साइड कर दिया। गुड्डू की छुअन से शगुन पिघलने लगी थी। उसने खुद को सम्हाला और कहा,”अंदर चले”
“हां हां चलते है गोलू वेट कर रहा होगा”,गुड्डू ने कहा और शगुन के साथ आगे बढ़ गया।

गुड्डू और शगुन अंदर आये। अंदर बहुत शानदार पार्टी चल रही थी। गुड्डू ने देखा तो खुश हो गया। गोलू ने हाथ हिलाकर गुड्डू को अपने पास बुलाया तो गुड्डू उसकी तरफ चला गया शगुन की उसके पीछे पीछे चल पड़ी। सारा इंतजाम गोलू ने किया था लेकिन गुड्डू को इस बात का पता नहीं था उसने आकर गोलू से कहा,”यार गोलू बढ़िया इंतजाम किया है यार किसने किया ? मतलब कानपूर जे सब भी होने लगा हमहू तो आज पहली बार देख रहे है”
“अरे भैया बहुत तरक्की कर ली है कानपूर वालो ने , अच्छा तुमहू बइठो हमहू तुम्हाये लिए कुछ भिजवाते है”,कहकर गोलू वहा से चला गया। गुड्डू ने शगुन से बैठने का इशारा किया खुद भी पास पड़ी कुर्सी पर आ बैठा। शगुन को ऐसी शोर शराबे वाली जगह कम ही पसंद आती थी लेकिन गुड्डू के लिए वह चली आयी गुड्डू का ध्यान सामने डांस कर रहे लड़के लड़कियों पर था। सबने छोटे कपडे पहने थे कुछ ने , टाइट जींस टॉप , उनमे से एक लड़की लगातार गुड्डू को देखे जा रही थी। गुड्डू का लुक उसे काफी पसंद आया वह डांस करते हुए गुड्डू की तरफ आयी और कहा,”हाय हेंडसम , लेटस डांस”
गुड्डू ने लड़की को एक नजर देखा , लड़की के कपड़ो से और मुंह से शराब की बदबू आ रही थी गुड्डू को ये सब पसंद नहीं था इसलिए उसने हाथ जोड़ दिए और शगुन की तरफ इशारा करके का की हम इनके साथ है
शगुन ने गुड्डू की तरफ देखा एक अच्छी फीलिंग आयी ,लड़की वहा से चली गयी थोड़ी देर में गोलू दो कोल्ड ड्रिंक लेकर आया एक शगुन के सामने रखी और दूसरी गुड्डू को देते हुए कहा,”मजा आ रहा है ?”
“अबे घंटा , यहाँ ना लड़किया दारू पीकर आयी है बे , जे किस तरह की पार्टी है गोलू”,गुड्डू ने हैरानी से कहा
“हम साला मना किये थे यहाँ मदिरा लेके नहीं आना साले सुनते नहीं है जे लौंडे”,गोलू खुद में ही बड़बड़ाया तो गुड्डू ने कहा,”का बड़बड़ा रहे हो बे ?”
“अरे कुछो नहीं भैया आजकल नार्मल है ड्रिंक करना , जे कॉलेज वालो की फ्रेशर पार्टी है हमे इस से का , हम इंजॉय करेंगे निकल लेंगे”,गोलू ने बात सम्हालते हुए कहा
“अरे गोलू जे सब तो ठीक है पर यार लेडीज है साथ में यार समझा करो”,गुड्डू ने कहा तो गोलू शगुन की तरफ पलटा और कहा,”भाभी,,,,,,,,,,,,,हमारा मतलब शगुन जी आप यहाँ अनकम्फर्टेबल हो ?”
“नहीं गोलू जी अच्छा लग रहा है”,शगुन ने गुड्डू का दिल रखने के लिए बोल दिया
“देखा अब तुम भी न थोड़े कम्फर्टेबल हो जाओ और आओ यार डांस करते है”,कहते हुए गोलू ने गुड्डू के हाथ से कोल्ड ड्रिंक ली और शगुन के सामने रख कर गुड्डू को अपने साथ ले गया। गुड्डू और गोलू दोनों मिलाकर डांस करने लगे शगुन उन्हें देखने लगी उसकी नजर बस गुड्डू पर थी जैसे जैसे वो डांस कर रहा था , हंस रहा था , बालो में हाथ घुमा रहा था शगुन को सब अच्छा लग रहा था। उसने सामने पड़ी गुड्डू की जूठी कोल्डड्रिंक उठायी और पीने लगी आज पहली बार कोई गड़बड़ नहीं हुयी। डांस करते हुए गुड्डू की नजर शगुन पर गयी। शगुन मुस्कुराते हुए उसे ही देख रही थी। गुड्डू ने आने का इशारा किया तो शगुन ने मना कर दिया। गुड्डू एक बार फिर नाचने में बिजी हो गया। डांस करते हुए गोलू अपना प्लान भूल गया। उसका फोन वाइब्रेट हुआ तो वह साइड में आया और कहा,”हेलो”
“अरे गोलू भैया कहा हो यार हम लड़के लेकर आये है , आगे का क्या प्लान है ?”,फोन पर किसी ने कहा
“तुमहू वही रुको हम आते है”,कहकर गोलू ने फोन जेब में डाला और वहा से चला गया। बाहर आकर लड़को से मिला और उन्हें सब समझाकर कहा,”हम ना जाकर भाभी को भेजते है फिर 5 मिनिट बाद गुड्डू भैया को भेजेंगे जैसे ही वो दिखे अपना काम शुरू कर देना और हां थोड़ा इज्जत के साथ भाभी है हमायी”
“अरे भैया चिंता ना करो तुम्हायी भाभी हमायी भाभी”,कहकर लड़के चले गए
गोलू अंदर आया और शगुन को किसी बहाने बाहर भेज दिया। शगुन ने भी ज्यादा सोचा नहीं और बाहर चली आयी। डांस करते हुए गुड्डू को जब शगुन नहीं दिखी तो उसने गोलू से पूछा,”शगुन कहा है ?”
“पता नहीं भैया थोड़ी देर पहिले तो यही थी , हां हमने ना उनको बाहर जाते देखा था”,गोलू ने प्लान के मुताबिक कहा
“अबे अकेले काहे जाने दिए पता है ना कैसे लौंडे है यहाँ ? रुको हम देखकर आते है”,कहते हुए गुड्डू जाने लगा तो गोलू ने कहा,”सुनो भैया हमने ना उनको गेट से बांयी और जाते देखा था”
“हाँ ठीक है तुमको दिखे तो रिंग करना”,कहकर गुड्डू चला गया
गोलू ने आसमान की तरफ देखा और मन ही मन कहा,”सम्हाल लेना पिलीज”

Manmarjiyan – S34Manmarjiyan – S34Manmarjiyan – S34Manmarjiyan – S34Manmarjiyan – S34Manmarjiyan – S34Manmarjiyan – S34Manmarjiyan – S34Manmarjiyan – S34Manmarjiyan – S34Manmarjiyan – S34Manmarjiyan – S34Manmarjiyan – S34Manmarjiyan – S34Manmarjiyan – S34Manmarjiyan – S34Manmarjiyan – S34Manmarjiyan – S34Manmarjiyan – S34Manmarjiyan – S34Manmarjiyan – S34Manmarjiyan – S34Manmarjiyan – S34Manmarjiyan – S34Manmarjiyan – S34Manmarjiyan –

क्रमश – मनमर्जियाँ – S35

Read More – manmarjiyan-s33

Follow Me On – facebook

Follow Me On – instagram

संजना किरोड़ीवाल

30 Comments

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!