Sanjana Kirodiwal

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मनमर्जियाँ – S33

Manmarjiyan – S33

Manmarjiyan - S33
Manmarjiyan-s33

गुड्डू अपने पहले वाले स्वैग में बुलेट पर सवार होकर घर से निकला। उसकी शादी हो चुकी है ये बात उसे छोड़कर पूरा कानपूर जानता था। सुबह बंटी की दुकान पर तो गोलू ने जैसे तैसे बात सम्हाल ली थी लेकिन अब फिर से गुड्डू घर से बाहर निकला था वो भी अकेले और गोलू भी साथ में नहीं था। गोलू को आज शाम एक फ्रेशर पार्टी का ऑफर आया था। पैसे अच्छे थे और ज्याद ताम झाम भी नहीं था इसलिए गोलू ने हामी भर दी। लोकेशन कानपूर से 2 किलोमीटर बाहर थी। गोलू लोकेशन देख आया दो कमरों के साथ एक छोटा सा फार्म हॉउस जैसा था। गोलू ने अपने लड़को को अरेजमेंट में लगा दिया। वहा घूमते हुए गोलू के दिमाग में एक आइडिआ आया वह अपने ही आईडिया के बारे में सोचकर खुश हो रहा था। उसने पिंकी को फोन लगाया और कहा,”पिंकिया फ्री हो तो हमसे आकर मिलो ना”
“कहा आना है ?”,पिंकी ने कहा
“आधे घंटे में मोती झील मिलो वही आते है हम भी”,गोलू ने कहा
“हम्म्म ठीक है”,कहकर पिंकी ने फोन काट दिया
गोलू ने फोन काटकर जेब में रखा और लड़को को काम पर लगाकर वहा से निकल गया। गुड्डू अपनी बाइक लिए सड़को पर दौड़े जा रहा था। पिंकी कॉलेज से आयी थी गुड्डू ने जो टाइम दिया था उसमे अभी 15 मिनिट बाकि थे , अब गोलगप्पे थे पिंकी की पहली मोहब्बत तो अकेले ही बाबू गोलगप्पे वाले के पास चली आयी। पिंकी को वहा देखकर बाबू ने कहा,”आज गोलू भैया नहीं आएंगे”
“तुमहू पोस्ट मास्टर लगे हो ? चुपचाप गोलगप्पे खिलाओ”,पिंकी ने गुस्से कहा
“खिलाते है”,बाबू ने कहा और मसाला बनाने लगा उसने पिंकी को दोना दिया और गोलगप्पे खिलाने लगा पिंकी ने अभी एक दो ही खाये थे की तभी गुड्डू की बुलेट आकर रुकी पिंकी ने हाथ में गोलगप्पा उठाया हुआ था उसने गुड्डू को वहा देखा तो बस देखते ही रह गयी। गुड्डू पहले से भी ज्यादा अच्छा लगने लगा था , टाइट शर्ट , जींस , जूते , आँखों पर चश्मा , गुड्डू का ये स्टाइल देखकर पिंकी का मुंह खुला का खुला रह गया। उसके हाथ में पकड़ा गोलगप्पा भी छूटकर नीचे गिर गया। गुड्डू ने आँखों से चश्मा उतारा और शर्ट में टांगते हुए बाबू गोलगप्पे वाले के पास आया और कह,”और बाबू कैसे हो ?”
“हमहू ठीक है गुड्डू भैया , आप बताओ इतने दिन से गायब रहे सब खैरियत ,, और भाभी को साथ नहीं लाये ?”,बाबू ने अनजाने में शगुन का जिक्र कर दिया पर गुड्डू को लगा की वह होने वाली भाभी की बात कर रहा है उसने पिंकी की तरफ देखते हुए कहा,”तुम्हायी बगल में ही तो खड़ी है”
पिंकी ने एक नजर गुड्डू को देखा और फिर बाबू को , बाबू ने सूना तो थोड़ा अजीब लगा और उसने कहा,”पर जे तो गो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!”
बाबू आगे बोल पाता इस से पहले ही पिंकी ने कहा,”गोलगप्पे खिलाने है की हम जाए ?”
“खिलाते है”,कहकर बाबू ने फिर से पिंकी को गोलगप्पे खिलाना शुरू कर दिया। गुड्डू वही खड़ा बड़े प्यार से पिंकी को देख रहा था और फिर बाबू से कहा,”यार बाबू हमे भी खिला दो यार हमाये फेबरेट है गोलगप्पे तो”
पिंकी ने सूना तो हाथ में पकड़ा खाली दोना बाल्टी में फेंका और जाने लगी। गुड्डू ने भी अपनी प्लेट साइड में रखी और पिंकी के पीछे आते हुए कहा,”पिंकिया सुनो तो”
“क्या है गुड्डू ?”,पिंकी ने पलटकर गुड्डू से कहा
“हमे लगा हमे इस लुक में देखकर तुमहू एकदम से खुश हो जाओगी और हमसे फिर से प्यार करने लगोगी”,गुड्डू ने कहा
“गुड्डू शक्ल और कपडे बदल जाने से इंसान नहीं बदलता है , और दूसरी बात हम ना तुमसे कल प्यार करते थे ना आज करते है , इसलिए हमारे पीछे तो तुम आओ ही मत”,कहकर पिंकी वहा से चली गयी
“पर हम तो तुमको पसदं करते है न पिंकिया आगे हमायी किस्मत”,गुड्डू ने जाती हुई पिंकी को देखते हुए कहा और वापस बाबू के पास चला आया।
“खिलाये का भैया ?”,बाबू ने पूछा
“हाँ खिलाओ यार थोड़ा मीठी चटनी मिक्स करके , तीखी बातें तो उह करके चली गयी”,गुड्डू बड़बड़ाया। बाबू ने खिलाना शुरू किया उसे गुड्डू बदला बदला नजर आया इसलिए उसने उस से ज्यादा बात नहीं की। गोलगप्पे खाकर गुड्डू वहा से निकल गया। रास्ते से गुजरते हुए उसकी नजर अपनी ही दूकान के बोर्ड पर गयी जिस पर लिखा था “मिश्रा वेडिंग प्लानर”
“जे किसने बना दिया बे ? हमाये बाद दुसरा मिश्रा कौन आ गवा कानपूर में ? खैर आज पहली बार निकले है का पता का देखने को मिलेगा ?”,कहते हुए गुड्डू आगे बढ़ गया जबकि ये वही दुकान थी जिसे गोलू और गुड्डू ने मिलकर शुरू किया था।

पिंकी मोती झील पहुंची गोलू वहा पहले से था पिंकी थोड़ा सा लेट हो गयी थी गोलू को वहा देखकर पिंकी उसके पास चली आयी तो गोलू ने कहा,”इति देर काहे में लगा दी ?”
“अरे यार तुम्हारा वो दोस्त गुड्डू , कसम से हाथ धोकर पीछे पड़ा है हमारे उसी से पीछा छुड़ा के आये है”,पिंकी ने खीजते हुए कहा
“कौन गुड्डू भैया ? अब का किया उन्होंने ?”,गोलू ने हैरानी से पूछा
“करना क्या है गोलू ? सज धज के आये थे बाबू के ठेले पर , उसे लगता है हम उसकी अच्छी शक्ल और स्टाइल देखकर इम्प्रेस हो जायेंगे”,पिंकी ने कहा
“तो का पहिले नहीं हुई थी ?”,गोलू ने अपनी एक भंव ऊपर चढ़ाते हुए कहा
“गोलू तब बात और थी अब तो हम तुमसे प्यार करते है ना , और वैसे भी हमे बार बार गुड्डू का दिल दुखाना अच्छा नहीं लग रहा”,पिंकी ने उदास होकर कहा
“टेंशन ना लो हमाये पास एक मस्त प्लान है”,गोलू ने आँखों में चमक भरते हुए कहा
“कैसा प्लान ?”,पिंकी ने पूछा
“गुड्डू भैया की यादास्त वापस लाने का और उन्हें और शगुन भाभी को एक करने का”,गोलू ने कहा
“हम कुछ समझे नहीं गोलू तुम क्या कह रहे हो ?”,पिंकी ने कहा तो गोलू उसका हाथ पकड़कर उसे बेंच के पास लेकर आया और कहा,”बइठो हम समझाते है”
पिंकी बेंच पर आ बैठी गोलू भी उसके सामने आ बैठा और कहने लगा,” तुमको याद है गुड्डू भैया के दोस्त की सगाई में रमेश ने गुड्डू भैया पर हमला किया था ?”
“हां सुना था हमने पर उस से क्या ?”,पिंकी ने कहा
“तो वैसा ही सीन दोबारा बनाएंगे , आज शाम में हम एक पार्टी का आर्डर लिए है शगुन भाभी और गुड्डू भैया को भी ले जायेंगे , भाड़े के 4 लोग बुलाएँगे और उनसे कहेंगे की गुड्डू भैया के सामने शगुन भाभी को छेड़े , जब वो इह करेंगे तो गुड्डू भैया उन्हें पीटेंगे और हो सकता है इस से गुड्डू भैया को पुराने वाला झगड़ा याद आये और वो शगुन भाभी को पहिचान ले ,,”,गोलू ने अपना प्लान सुनाया
“उसके बाद ?”,पिंकी को अब भी गोलू का प्लान सक्सेज नहीं लग रहा था
“फिर क्या शगुन भाभी और गुड्डू भैया एक और उसके बाद हमायी शादी की बात भी तो करनी है तुम्हाये घर में”,गोलू ने थोड़ा नरम होते हुए कहा
“गोलू तुमको लगता है तुम्हारा ये प्लान काम करेगा ?”,पिंकी ने कहा
“करेगा पक्का काम करेगा , का है की हमे भले कुछो याद आये ना आये किसी से दुश्मनी और झगडे जरुर याद आते है , गुड्डू भैया को बस वो पुराने वाला झगड़ा याद आ जाये उसके बाद देखना तुमहू कैसे उह तुम्हे छोड़ शगुन भाभी के पीछे भागते है”,गोलू ने कहा
“हम्म्म ऑल द बेस्ट गोलू बस इस बार कुछ गड़बड़ ना हो”,पिंकी ने कहा
“अच्छा आज शाम में तुमहू का कर रही हो ? तुमहू भी चलो पार्टी में”,गोलू ने कहा
“नहीं गोलू पापा नहीं आने देंगे और फिर वहा गुड्डू भी होगा हमे देखकर फिर से उसका ध्यान भटकेगा , हम नहीं आएंगे”,पिंकी ने कहा
“जे भी सही है अच्छा चलो हमहू छोड़ देते है तुम्हे फिर हमे गुड्डू भैया के घर भी जाना है”,गोलू ने उठते हुए कहा
“गोलू हम चले जायेंगे तुम अपना काम देखो”,पिंकी ने कहा तो गोलू मुस्कुराने लगा और कहा,”जबसे तुमहू जिंदगी में आयी हो ना तबसे सब अच्छा हो रहा है हमाये साथ , बस ऐसे ही हमारा साथ देते रहना जिंदगी भर,,,,,,,,,,,,,,,घर तक ना सही चलो रिक्शा तक छोड़ देते है”
गोलू पिंकी के साथ बाहर चला आया सामने से आते रिक्शा को रोका ये वही रिक्शावाला था जिसे उस रात गोलू ने पिंकी के लिए रुकवाया था उसे देखते ही गोलू ने कहा,”अरे तुमहू हो , मेडम को घर छोड़ दयो और पैसे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“हाँ भैया हमे पता है पैसे इन्ही से लेने है”,रिक्शा वाले ने गोलू की बात बीच में काटते हुए कहाँ तो गोलू उसके पास आया और कहा,”अबे पूरी बात सुन ल्यो हमहू जे कह रहे की पैसे ना लेना भाभी है तुम्हायी”
गोलू की बात सुनकर पिंकी मुस्कुराने लगी। रिक्शावाले ने सूना तो हैरानी से कहा,”जे कब हुआ भैया ?”
“कानपूर के लौंडो की किस्मत कब मेहरबान हो जाये कोई कह नहीं सकता , चलो निकलो अब”,गोलू ने कहा तो रिक्शा वहा से चला गया। पिंकी ने गर्दन बाहर निकालकर गोलू को देखा और एक फ्लयिंग किस उसे दे दी। गोलू ने उछलकर किस पकड़ा और अपने सीने के बायीं तरफ रख लिया। पिंकी के जाने के बाद गोलू ने अपनी स्कूटी उठायी और गुड्डू के घर की तरफ चल पड़ा

गोलू गुड्डू के घर आया शगुन किसी काम में लगी थी गोलू ने शगुन से गुड्डू के बारे में पूछा तो शगुन ने ऊपर की तरफ इशारा कर दिया। गोलू ख़ुशी ख़ुशी ऊपर आया तो वहा का नजारा देखकर थोड़ा हैरान रह गया। गुड्डू उजड़े हुए आशिक की तरह अपने कमरे की दिवार से पीठ लगाए बैठा था एक पैर मोड़कर हाथ घुटने पर टिकाया हुआ था और दुसरा पैर सीधा पसारे हुए था। जो हाथ घुटने पर था उसमे एक गुलाब था और दूसरे हाथ से वह एक एक करके उस गुलाब की पत्तिया तोड़े जा रहा रहा। पास ही पड़े टेप रिकॉर्डर में गाना चल रहा रहा
“दिल जलता है तो जलने दे , आंसू ना बहा फ़रियाद ना कर , दिल जलता है तो जलने दे”
गोलू का माथा ठनका वह गुड्डू के पास आया और टेप रिकॉर्डर बंद करते हुए कहा,”अबे ओह्ह इंसानो की दुनिया में ज़िंदा भटकते आशिक , का है बे जे ?”
“ये प्यार इतना मुश्किल काहे होता है गोलू ?”,गुड्डू ने खोये हुए स्वर में फूल की पत्तिया तोड़ते हुए कहा
“प्यार मुश्किल नहीं है तुमहू पगलेट हो , अच्छा छोडो जे सब हमायी बात सुनो”,गोलू ने कहा तो गुड्डू ने एकदम से बचा हुआ फूल साइड में फेंका और आलथी पालथी मारकर गोलू के सामने बैठते हुए कहा,”हा बोलो”
“इतनी जल्दी बदल गए अभी थोड़ी देर पहिले तो तुमहू रोना मचाये थे”,गोलू ने हैरानी से कहा
“वो तो हमहू बस ऐसे ही फील ले रहे थे , तुमहू बताओ का हुआ ?”,गुड्डू ने कहा
“आज शाम मे एक पार्टी है हमाये पास उसके पास है तुमहू चलोगे ?”,गोलू ने कहा
“अबे गोलू नेकी और पूछ पूछ , पर हमे जे बताओ तुम्हाये पास “पास” कहा से आये ?”,गुड्डू ने सवाल किया
“अरे हमने कबाड़े है सिर्फ तुम्हाये लिए सोचा इतने दिन से घर में पड़े पड़े सुस्ता गए होंगे तो थोड़ा चिल करेंगे बाहर इसलिए ले आये”,गोलू ने कहा तो गुड्डू ने उसका चेहरा पकड़ा और एक जबरदस्त चुम्मा उसके गाल पर चिपकाते हुए कहा,”यार गोलू मतलब किते सही आदमी हो यार तुम हमाये लिए जे सब किये , सच्ची बताय रहे है गोलू अगर तुमहू लड़की होते न तो अभी ब्याह कर लेते तुमसे”
“हमे बक्श दो महाराज एक तो हमाये पिताजी पीछे पड़े है , अच्छा जे सब छोडो और इह बताओ चलोगे के नहीं ?”,गोलू ने कहा
“यार गोलू चल तो लेंगे पर एक ठो परेशानी है यार पिताजी रात में बाहर जाने देंगे”,गुड्डू ने कहा
“यार गुड्डू भैया तुम्हायी ना फट ती बहुत है , अरे पार्टी 8 बजे शुरू होगी तुमहू 7 बजे ही खाना खाकर अपने कमरे में चले जाना , उसके बाद जब मिश्रा जी सो जाये तबही चुपके से निकल जाना उनको का पता चलेगा , दो चार घंटे में वापस आ जायेंगे”,गोलू ने आइडिआ दिया
“प्लान तो सही है गोलू , ठीक है हम चलेंगे वैसे भी बहुत दिन हो गए रात में घर से बाहर गए हुए
“तो फिर डन कर देते है आपका , अच्छा हमहू जे कह रहे थे की हमाये पास ना एक ठो एक्स्ट्रा पास भी है तुमहू कहो तो शगुन जी को भी ले चले साथ में”,गोलू ने गुड्डू का मन टटोलते हुए कहा
“उनको , उनको काहे ले जाना है ?”,गुड्डू ने कहा
“अरे यार हमारा मतलब जबसे उह कानपूर आयी है हमहू उन्हें बाहर निकलते नहीं देखे , वैसे भी लड़की जाएगी हमाये साथ तो जियादा इम्प्रेशन पडेगा ना”,गोलू ने गुड्डू को बोतल में उतारते हुए कहा
“अच्छा ठीक है पर तुमको लगता है उह जाएगी ?”,गुड्डू ने शंका जताई
“तुमहू ही जाकर पूछ ल्यो का है की हमने सूना है तुम्हायी बातें आजकल जियादा सुनती है वो”,गोलू ने गुड्डू को छेड़ते हुए कहा तो गुड्डू को वो पल याद आ गया जब उसके कहने पर शगुन ने दूध पीया था। गुड्डू को खोया देखकर गोलू उठा और जाते हुए मन ही मन कहा,”बस आज की रात और उसके बाद आप दोनों को एक होने से कोई नहीं रोक सकता”

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संजना किरोड़ीवाल

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