मनमर्जियाँ – 78
Manmarjiyan – 78
मनमर्जियाँ – 78
सुबह गुड्डू की आँखे खुली तो उसने पाया की शगुन उसकी और चेहरा किये सो रही है। सोते हुए उसके बालों की एक लट चेहरा पर आकर ठहर गयी है और इस से शगुन बहुत प्यारी लग रही थी। गुड्डू ने धीरे से अपनी ऊँगली से उस लट को हटाया और साइड कर दिया। शगुन सो रही थी गुड्डू ने उसे नहीं उठाया। गुड्डू उठा और नहाने चला गया। नहाकर आया तब तक शगुन उठ चुकी थी आज शगुन कुछ थकी थकी नजर आ रही थी। गुड्डू ने देखा तो तौलिये से अपने बाल पोछते हुए कहा,”का हुआ तबियत ठीक है ?”
“क कुछ नहीं बस ऐसे ही थोडी थकान महसूस हो रही है”,शगुन ने कहा जबकि उसे महीने की वजह से पेट दर्द और पीठ दर्द हो रहा था। शगुन ने कबर्ड से कपडे निकाले और बाथरूम की और चली गयी। गुड्डू तैयार होकर नीचे चला आया। आजकल गुड्डू वक्त से उठने लगा था और ये देखकर मिश्रा जी भी आजकल उस पर ना नाराज होते ना ही गुस्सा करते। शगुन के साथ रहकर गुड्डू अब बदलने लगा था। मिश्राइन ने गुड्डू के लिए नाश्ता लगा दिया। गुड्डू आकर नाश्ता करने बैठा , मिश्रा जी अपने से कमरे से आये और कहा,”गुड्डू”
“जी पिताजी”,गुड्डू ने तुरंत उनके सामने आकर कहा
“आज सुबह ही समधी जी का फोन आय रहय उह कह रहे थे की शादी के सवा महीने बाद कोई रस्म होती है उनके यहाँ तो तुम्हे और बहू को बुलाया है”,मिश्रा जी ने कहा
“कब ?”,गुड्डू ने पूछा
“अगले हफ्ते , तुम शगुन को लेकर चले जाना”,मिश्रा जी ने कहा
गुड्डू ने सूना तो सोच में पड़ गया अगले हफ्ते तो उसका जन्मदिन था और इस बार उसने दोस्तों से वादा किया था की वो बड़ी पार्टी देगा अपने घर में , लेकिन मिश्रा जी के सामने ये बात बोलने की गुड्डू की हिम्मत नहीं हुई तो उसने हाँ में सर हिला दिया। मिश्रा जी चले गए गुड्डू ने भी नाश्ता किया और जुगाड़ लगाने लगा। नाश्ता करके वह दुकान चला गया। शगुन की आज तबियत थोड़ी खराब थी इसलिए मिश्राइन ने उसे आराम करने को कहा।
धीरे धीरे गुड्डू अपनी जिम्मेदारियां समझने लगा था , वह पूरी मेहनत से गोलू के साथ मिलकर अपना काम कर रहा था और धीरे धीरे उसमे सफल भी हो रहा था। शगुन का भाग्य उस से जुड़ा था और इसी वजह से अब गुड्डू पर आने वाली हर मुसीबत का सामना शगुन पहले ही कर लेती। शगुन की मदद से गुड्डू ने अगले हफ्ते बनारस जाने वाली बात को दो दिन और आगे बढ़ा दिया। धीरे धीरे ये एक हफ्ता भी गुजर गया और वो सुबह आयी जिस दिन गुड्डू का जन्मदिन था। गुड्डू सुबह सुबह उठा और नए कपडे पहन लिए उसे लगा घर में सबको उसका जन्मदिन याद होगा। नए कपडे पहने वह शगुन के पास आया जो की उस वक्त तकियो के कवर बदलने में बिजी थी। शगुन ने गुड्डू पर कोई ध्यान ही नहीं दिया बस बेखबर होकर अपना काम कर रही थी। गुड्डू को ये खटका उसे लगा शगुन को उसका जन्मदिन याद होगा लेकिन ना तो शगुन ने गुड्डू पर ध्यान दिया ना ही उसने उसे जन्मदिन विश किया गुड्डू एकदम से शगुन के पास आया और उसका ध्यान अपनी और खींचने के लिए अपनी शर्ट के बाजु चढाने लगा लेकिन इस बार भी शगुन ने ध्यान नहीं दिया और जाने लगी तो गुड्डू ने उसके सामने आकर कहा,”आज का है ?”
“मतलब ?”,शगुन ने पूछा
“हमारा मतलब कुछ होगा ना आज स्पेशल ?”,गुड्डू ने कहा।
“हां हां याद आय”,शगुन ने एकदम से खुश होकर कहा
“का का बताओ जरा ?”,गुड्डू ने भी ख़ुशी से कहा
“आज रौशनी दीदी के घर सत्यनारायण की पूजा है माजी और मैं वहा जायेंगे , अच्छा हुआ अपने याद दिला दिया”,शगुन ने कहा तो गुड्डू का चेहरा एकदम से उतर गया
“और का है ?”,गुड्डू ने एक कोशिश और की शगुन को याद दिलाने की
“और तो आज मंगलवार है”,शगुन ने कहा
“हम्म्म्म , और ?”,गुड्डू ने आखरी कोशिश की
“गुड्डू जी मैं ना आपसे बाद में बात करती हूँ अभी मुझे नीचे जाना है बहुत सारा काम है”,कहकर शगुन बिना गुड्डू को जन्मदिन विश किये बाहर चली गयी। निराश सा गुड्डू बिस्तर पर आ बैठा और शर्ट की मुड़ी हुयी बाजु को वापस सीधा करते हुए कहने लगा,”शगुन को तो हमारा बर्थडे तक याद नहीं है”
शगुन नीचे आकर काम में लग गयी गुड्डू निचे आया उसे नए कपड़ो में देखकर मिश्रा जी ने कहा,”का बेटा लोगो की शादी में टेंट लगाते लगाते खुद ही दूल्हा बनने की सोच रहे हो ?”
“का मतलब ?”,गुड्डू ने कहा
“मतलब जे की सुबह सुबह इह बमपिलाट होके कहा जा रहे है ?”,मिश्रा जी ने कहा
“दुकान जा रहे है और कहा ? वैसे भी किसे परवाह है हमयी ?”,गुड्डू ने मुंह बनाते हुए कहा
“ए बेटा हिया आओ जरा”,मिश्रा जी ने कहा तो गुड्डू उनकी और चला आया
गुड्डू उनके सामने आकर खड़ा हो गया तो मिश्रा जी कहने लगे,”अरे आज बहुते खास दिन है और इह दिन हमहू कैसे भूल सकते है , इह ल्यो 500 रूपये और ठग्गू से लड्डू जरूर लेना”
गुड्डू ने सूना तो खुश हो गया कम से कम मिश्रा जी को तो उसका जन्मदिन याद था। गुड्डू ने ख़ुशी ख़ुशी पैसे लिए तो मिश्रा जी आगे बोल पड़े,”ओर हां ताजा लड्डू लेकर जाना”
“कहा ?”,गुड्डू ने हैरानी से पूछा
“अरे वो शास्त्री नगर वाले शुक्ला जी है ना हमाये मित्र , आज उनकी शादी की सालगिरह है हमायी और से मुबारकबाद देनी है उन्हें और लड्डू भाभी जी को उनको बहुते पसंद है”,मिश्रा जी ने कहा तो एक बार फिर गुड्डू के चेहरे से ख़ुशी गायब। मिश्रा जी को भी गुड्डू का जन्मदिन याद नहीं था। गुड्डू ने 500 का नोट मिश्रा जी को वापस दिया और भड़कते हुए कहा,”हम नहीं जा रहे कोई लड्डू वड्डू लेने और आपके दोस्त की सालगिरह पर हम काहे जाये”
मिश्रा जी कुछ कहते उस से पहले ही गुड्डू गुस्सा होकर वहा से निकल गया। उसे जाते देखकर मिश्रा जी ने कहा,”अब इन महाराज को का हुआ ? इतना काहे बिलबिलाय रहे है,,,,,,,,,,,,,,,,खैर छोडो हमहू खुद ही चले जायेंगे”
मिश्रा जी वहा से चले गए गुड्डू भी भुनभुनाते हुए दुकान चला आया। आज उसका मूड खराब था , गोलू भी अभी तक नहीं आया था कुछ देर बाद गोलू आया उसके हाथ में दो दोने थे जिनमे दही कचौड़ी मिक्स था। गोलू ने उन्हें गुड्डू के सामने रखते हुए कहा,”इह ल्यो भैया गरमा-गरम कचौड़ी खाओ”
“गोलू हमे कुछ नहीं खाना हमारा दिमाग ख़राब है”,गुड्डू ने कहा
“फिर से कोई कांड किये हो स?”,गोलू ने बिना गुड्डू की और देखे कचौड़ी ठूसते हुए पूछा , गुड्डू गोलू को घूरने लगा और जब गोलू नेँ उसकी और देखा तो गुड्डू ने कहा,”बेटा ऐसा है ज्यादा बकैती ना करो हमाये सामने वरना यही पटक के पेल देंगे”
“अरे अरे गुड्डू भैया काहे इतना गर्म हो रहे हो ? हुआ का इह तो बताओ ?”,गोलू ने कहा तो गुड्डू ने रोनी सी सूरत बनाकर कहा,”यार गोलू आज हमारा जन्मदिन है और घर में किसी को याद तक नहीं है”
“का तुम्हारा जन्मदिन है ? ए भैया फिर तो आज पार्टी लेंगे हम”,गोलू ने खुश होकर कहा
“पता नहीं कौनसी मनहूस घडी में हम तुम जैसे भुक्कड़ को अपना दोस्त बनाये रहय , हिया साला किसी को हमारा जन्मदिन याद नहीं और तुमको पार्टी की पड़ी है”,गुड्डू ने कहा तो गोलू उसके पास आया और कहा,”अच्छा जे बात है मतलब भाभी को भी याद नहीं था है ना”
“उनसे तो हमे कोई बात नहीं करनी है , ऐसे तो दुनियाभर की नसीहते देंगी हमे लेकिन हमारा जन्मदिन तक याद नहीं है”,गुड्डू ने चिढ़ते हुए कहा
“हां हां तुमहू कानपूर की रियासत के राजकुमार जो ठहरे”,गोलू ने गुड्डू का मजाक उड़ाते हुए कहा
गुड्डू ने सूना तो पास पड़ा पेपर फेंक के मारा और कहा,”ज्यादा बकैती ना करो गोलू”
“अच्छा ठीक है सॉरी , बताओ का खाओगे आज की ट्रीट हमायी तरफ से”,गोलू ने कहा
“फालूदा खाएंगे हम वो भी एक्स्ट्रा कुल्फी के साथ”,गुड्डू ने बच्चो की तरह कहा तो गोलू उसके लिए फालूदा लेने चल पड़ा। गुड्डू शगुन के बारे में सोचने लगा तभी उसका फोन बजा प्रीति का था। गुड्डू का मन तो नहीं था लेकिन फिर भी उसने फोन उठा लिया और कहा – हेलो
प्रीति – हैल्लो जीजू हैप्पी बर्थडे
गुड्डू ने सूना तो ख़ुशी से चेहरा खिल गया चलो कोई एक इंसान तो था जिसे गुड्डू का जन्मदिन याद था उसने ख़ुशी से भरकर कहा,”अरे वाह तुमको कैसे पता हमारा हैप्पी बड्डे है आज ?”
“अरे जीजाजी साली हूँ मैं आपकी , हर खबर रखती हूँ। पंडित जी जो कुंडली देकर गए थे घर उसमे लिखा था आज का तारीख”,प्रीति ने कहा
“बहुत बहुत शुक्रिया”,गुड्डू ने खुश होकर कहा
“शुक्रिया से काम नहीं चलेगा जीजू पार्टी चाहिए , आज आप और दी बनारस आने वाले थे फिर दो दिन बाद का क्यों कहा पापा से ? पता है मैं कितना वेट कर रही हूँ आप दोनों का ?”,प्रीति ने शिकायत करते हुए कहा
“अरे वो कुछो काम था हमे इसलिए”,गुड्डू ने कहा
“कोई बात नहीं लेकिन पार्टी तो मैं लुंगी”,प्रीति ने कहा
“हां ले लेना यार तुमहू भी का याद रखोगी”,गुड्डू ने इतराते हुए कहा
“ओके जीजू अभी मैं फोन रखती हूँ जब आप यहाँ आओगे तब बातें करुँगी ठीक है”,कहकर प्रीति ने फोन काट दिया। गुड्डू ने फोन जेब में रखते हुए कहा,”कितनी सही लड़की है यार हमहूँ तो खामखा उनसे चिढ़ते थे पर उनको तो हमारा जन्मदिन तक याद है और एक शगुन है जिसे याद तक नहीं”
“अरे भैया किस से बातें हो रही है ?”,गोलू ने कुल्फी फालूदा गुड्डू के सामने रखते हुए कहा
“प्रीति का फोन था जन्मदिन की बधाई दे रही थी हमको”,गुड्डू ने इतराते हुए कहा
“अच्छा प्रीति बहन का फोन था , जे भी सही है”,गोलू ने सामने बैठते हुए कहा
गुड्डू ने उसके मुंह से प्रीति के लिए बहन शब्द सूना तो उसका सर छूकर देखा और कहा,”गोलू,,,,,,,,,,,बेटा तबियत तो ठीक है ना तुम्हायी,,,,,,,,,,,,,,,कल तक तो तुम उनके पीछे पीछे घूम रहे थे आज अचानक से बहन,,,,,,,,,,,,,जे परिवर्तन कबसे ?”
“अरे भैया हम गुप्ता उह भी गुप्ता तो हुई ना बहन और हमे ना कानपूर की लड़किया ही जमेगी जे बनारस वाली नहीं”,गोलू ने बात बदलते हुए कहा
“हम्म्म कुछ बदले बदले नजर आ रहे हो गोलू गुप्ता ? हमायी पीठ पीछे का खिचड़ी पाक रही है ?”,गुड्डू ने गोलू को शक की नजरो से देखते हुए कहा
“हम तो ना बदले है लेकिन शगुन भाभी के साथ रहके तुमहू जरूर बदल गए हो , बाबू बताय रहा आज सुबह में हमे की गोलगप्पे खाये जा रहे है उनके साथ”,गोलू ने जैसे ही गुड्डू से कहा गुड्डू चुपचाप गर्दन झुकाकर अपना फालूदा खाने लगा। उसे चुप देखकर गोलू ने कहा,”नहीं अब बोलो , चुप काहे हो ?”
“इह सब छोडो तुमको हमाये दोस्त का नंबर देते है उनसे बात करो और लिस्ट बनाओ की उनको सादी में का का अरेजमेंट चाहिए , तब तक हम जवाहर नगर जाकर आते है कुछो सामान पहुँचाना हिसाब किताब करना है वहा”,गुड्डू ने खाते हुए कहा
“वहा हम काहे नहीं जा रहे ?”,गोलू ने भी खाते हुए कहा
“काहे ? पिछली बार वाली सुताई भूल गए जो फिर से जाना है”,गुड्डू ने गोलू को घूरते हुए कहा
“सुताई नहीं भैया हमहू उस बुढिया का चेहरा याद है , उह जिस दिन मरेगी ना टेंट हमही लगाएंगे”,गोलू ने नफरत से कहा
“अबे शुभ शुभ बोलो , इह ल्यो हमाये दोस्त का नंबर और बात कर लेना”,कहते हुए गुड्डू उठा और बाइक लेकर वहा से चला गया। गोलू ने भी फालूदा खत्म किया और फिर काम पर लग गया। गुड्डू के दोस्त से बात करके उसने लिस्ट बनायीं और फिर लिस्ट के हिसाब से सारा अरेजमेंट देखने लगा। शाम तक गुड्डू सारे काम खत्म करके दुकान आया। कुछ पेमेंट था जो की उसने गोलू को रखने के लिए दिया और फिर छोटू से बोलकर दो चाय मंगवाई। चाय पीते हुए गुड्डू बाहर देखने लगा , मौसम बदल गया था आसमान में काले बादल घिर आये। गुड्डू ने चाय खत्म करके गोलू से कहा,”गोलू लगता है बारिश होने वाली है , हमहू घर जा रहे है तुम भी निकलो”
“हां भैया आप चलो , वो लड़का आने वाला है कोई आर्डर का सामान लेकर बस उसे रखवाकर निकल जायेंगे हम”,गोलू ने कहा
“ठीक है”,कहकर गुड्डू वहा से चला गया। मौसम काफी खराब था , हवाएं चल रही थी और हल्का अँधेरा हो चुका था। गुड्डू जैसे ही घर आया देखा घर में भी अँधेरा है , ना ही गुड्डू को घर में कोई नजर आया उसने आवाज दी,”अम्मा,,,,,,,,,,,,,,,,,,वेदी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,कहा गए सब ?”
कोई जवाब नहीं आया गुड्डू को बहुत अजीब लगा जैसे ही उसने दोबारा आवाज देनी चाही एकदम से पुरे घर की लाइट जल उठी और गुड्डू की आँखे खुली की खुली रह गयी। घर का आंगन लाईटो से जगमगा रहा था। एक टेबल पर बड़ा सा केक रखा हुआ था और घर के सारे लोग वहा मौजूद थे साथ में रौशनी , मनोहर , शालू , सोनू भैया उनकी पत्नी। गुड्डू को तो यकीन ही नहीं हुआ की इन सबने उसके लिए ये सब किया है। गुड्डू को हैरानी परेशान देखकर मिश्रा जी ने कहा,”अरे वहा काहे खड़े हो हिया आओ ?”
गुड्डू मुस्कुराते हुए उनकी और आया तो मिश्रा जी ने एक तोहफा गुड्डू को देकर कहा,”25वे जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई हो बेटा , खूब तरक्की करो और खुश रहो”
गुड्डू की ख़ुशी का तो जैसे कोई ठिकाना ही नहीं रहा। सबने उसे तोहफे दिए और बर्थडे विश किया सबसे आखरी में शगुन ने विश किया हालाँकि उसने गुड्डू को कोई तोहफा नहीं दिया पर गुड्डू तो इतने में ही खुश था और मिश्राइन से कहा,” जब आप सबको याद था तो सुबह काहे नहीं बोला ?”
“वो इसलिए क्योकि शगुन ने मना किया था इह तुमको सरप्राइज देना चाहती थी”,सोनू भैया ने कहा तो गुड्डू ने मुस्कुरा के शगुन की तरफ देखा और कहा,”बहुते सही है”
“अरे गुड्डू भैया केक काटिये”,सोनू की पत्नी ने कहा तो सभी जमा हो गए। वहा सब मौजूद थे बस गोलू नहीं था गुड्डू ने गोलू को फोन लगाया लेकिन बारिश होने की वजह से गोलू का फ़ोन नहीं लग पाया। गुड्डू ने केक काटा सबको खिलाया। मिश्रा जी ने सबको वही दावत दी थी इसलिए सबने मिलकर वही खाना खाया। देर रात सभी अपने अपने घर चले गए गुड्डू तो आज बहुत खुश था अपने सारे तोहफे लेकर गुड्डू ऊपर आया। शगुन बिस्तर ठीक कर रही थी , गुड्डू ने सारे तोहफे साइड में रखकर कहा,”सबने हमे कुछ ना कुछ दिया तुमहू कोई तोहफा नहीं दी हमे”
शगुन गुड्डू के पास आयी और कहा,”अब आपको मुझसे तोहफा भी चाहिए ?”
“हां बिल्कुल”,गुड्डू ने कहा
“बताईये क्या चाहिए ? आप जो मांगेंगे मिलेगा”,शगुन ने प्यार से कहा
“पक्का हम कुछ मांगे तो मिलेगा”,गुड्डू ने शगुन की आँखों में देखते हुए कहा
“हां”,शगुन ने धड़कते दिल के साथ कहा क्योकि आज गुड्डू कुछ ज्यादा ही प्यार से शगुन की आँखो में देख रहा था
“कुछ भी ?”,गुड्डू ने शगुन के थोड़ा सा नजदीक जाते हुए कहा और उसकी इस हरकत ने तो शगुन का दिल और तेजी से धड़का दिया उसने धीरे से कहा,”हम्म्म !”
गुड्डू कुछ देर ख़ामोशी से शगुन की आँखो में देखता रहा और फिर कहा,”तो फिर आज तुम्हारे वाली साइड हमे सोने दो ना , एक ही तरफ सो कर थक गए है हम”
गुड्डू ने जब ये बात कही तो शगुन हैरानी से उसे देखने लगी और मन ही मन कहा,”पता नहीं कब अक्ल आएगी इन्हे”
क्रमश – मनमर्जियाँ – 79
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संजना किरोड़ीवाल
Koi bat nhi shagun.. abhi bed ki side exchange krlo fr dil b exchange ho jayenge…
😂😂😂😂😂 manga bhi to kya
Interesting 🥰🥰
Hahahaha….. Happy birthday to guddu bhaiya😊😊😊😊 bs ab dheere dheere sab patri par aa hi jayega😍😍😍😍 aur golu ko pinkiya mil hi jayegi🤣
Very beautiful
Awesome part mazaa aa gya
हा हा हा मैम…गुड्डू भैया तो बहुत सीधे हैं….बताओं गिफ्ट में इन्हें शगुन वालीं साइड सोना हैं…एकतरफ सोकर बोर हो गये हैं😄😂 शगुन को इन्हें रोमांस का abcd सब बताना पड़ेगा लगता हैं😊 beautiful part👌👌👌👌👌
Maja aa gya nice part
Jabhi to Guddu urf Buddu hai uska Nam😊😊
Are ajj guddu ka bday hai ..happy bday guddu😃…bichari shagun..😂😂😂
बेचारी शगुन
खोदा पहाड़ निकली चुहिया
Nice part….🌷🌷🌷🌷
Yeh guddu be na…Sweet wala bholuram hai…
🔥🔥
Waiting for next part
Shagun bus thoda h or thode ki jarurat h jaldi hi ishq k rang m rang jayega guddu bhi❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️