मनमर्जियाँ – 74
Manmarjiyan – 74
मनमर्जियाँ – 74
गुड्डू शगुन को लेकर मार्किट पहुंचा। थोड़े सूखे और थोड़े भीगे हुए गुड्डू शगुन दुकान के अंदर आये। शगुन ने देखा ये एक आर्टिफिशियल ज्वैलरी शॉप था। दुकान का मालिक गुड्डू को जानता था इसलिए उसे देखते ही कहा,”अरे गुड्डू भैया आप , आईये ना”
गुड्डू ने शगुन को चलने का इशारा किया और आकर कुर्सी पर बैठ गया।
“हां भैया सबसे पहले तो बहुते नाराज है आपसे शादी में नहीं बुलाये आप हमे”,लड़के ने कहा
“पिताजी कार्ड भेजे तो थे घर , काहे नहीं आये तुम ?”,गुड्डू ने कहा
“अरे उह तो मिश्रा जी की और से था आपने तो नहीं कहा ना,,,,,,,,,,,,,खैर छोड़िये इह बताईये का दिखाए ?”,लड़के ने कहा
“कुछो अच्छा सा दिखाईये किसी को गिफ्ट करना है”,गुड्डू ने कहा
“भाभी के लिए,,,,,,,,,,,?”,लड़के ने शगुन की और देखकर कहा
गुड्डू ने एक नजर शगुन को देखा और कहा,”तुमहू दिखाओ यार किसके लिए ले रहे इह जान के तुमको का करना है ?” गुड्डू की ये बात सुनकर लड़का झेंप गया और चला गया। शगुन गुड्डू को घूरते हुए मन ही मन कहने लगी,”अब तो पक्का हो चुका शगुन की गुड्डू जी जरूर किसी ना किसी लड़की के लिए तोहफा ले रहे है पर किसके लिए ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, कही पिंकी,,,,,,,,,,,,,,,,,,नहीं नहीं उस दिन के बाद से गुड्डू जी ने पिंकी का जिक्र ही नहीं किया,,,,,,,,,,,,,,,पिंकी नहीं है तो फिर कौन होगी वो ?”
“जे देखो गुड्डू भैया लेटेस्ट आया है शॉप में”,लड़के ने आर्टिफिशयल सेट्स का डिब्बा गुड्डू के सामने रखते हुए कहा गुड्डू ने उन्हें देखा भी नहीं और डिब्बे को साइड करके कहा,”जे नहीं कुछो और दिखाओ,,,,,,,,,,,,कुछो अलग”
लड़के ने दूसरा डिब्बा खोलकर रखते हुए कहा,”जे देखो अब तक का बेस्ट आइटम है शॉप का कानपूर की आधी लड़किया खरीद चुकी है”
“जब आधे कानपूर ने खरीद लिया तो हम काहे खरीदे ? कुछो और दिखाओ”,गुड्डू ने मुंह बनाते हुए कहा
लड़का उठा और थोड़ी देर बाद वापस आया इस बार उसने जो डिब्बा खोला उसमे बहुत ही खूबसूरत झुमके थे। गुड्डू को ये अच्छा लगा उसने एक हरे कुंदन वाली जोड़ी उठाकर शगुन को दिखाते हुए कहा,”ये कैसा है ?”
“अच्छा है”,शगुन ने बेमन से कहा
“एक मिनिट”,कहते हुए गुड्डू शगुन के थोड़ा करीब आया और वो झुमके उसके कानो से लगाकर देखते हुए कहा,”उम्मम्मम ये कुछ ठीक नहीं लगे”
कहकर गुड्डू कुछ और देखने लगा। इस बार उसे लाल कुंदन वाले झुमके पसंद आये जिसमे झुमको के साथ बालो में लगने वाली तीन मोतियों की लड़े भी थी। गुड्डू ने उसे उठाया और देखने लगा तो लड़के ने कहा,”ये सिंगल पीस है गुड्डू भैया और थोड़ा महंगा भी है”
“पैक कर दो”,गुड्डू ने लड़के को देकर कहा और फिर शगुन के साथ वहा से बाहर चला आया। गुड्डू ने शगुन को पूछा भी नहीं की उसे कुछ चाहिए या नहीं और शगुन समझ नहीं पा रही थी की आखिर गुड्डू को हुआ क्या है ? खैर दोनों वहा से सीधा घर के लिए निकल गए।
गोलू अपनी दुकान पर बैठा कुछ काम कर रहा था। रात को घर जाने के लिए उसने दुकान बंद की और अपनी स्कूटी लेकर निकल गया। बाबू गोलगप्पे वाले के सामने से गुजरा तो नजर वहा खड़ी पिंकी पर चली गयी ,गोलू ने देखा पिंकी अकेली है तो उसने अपनी स्कूटी रोकी और कहा,”इति रात में हिया का कर रही हो ?”
“तुमसे मतलब”,पिंकी ने गोलू को घूरते हुए कहा
“नहीं हमसे तो कोई मतलब नहीं है पर इतनी रात में यहाँ खड़े होना तुम्हारे लिए सही नहीं है”,गोलू ने पिंकी की परवाह करते हुए कहा। वो ऐसा क्यों कर रहा था वो खुद नहीं जानता था लेकिन आज पहली बार पिंकी को देखकर उसे गुस्सा नहीं आया था। गोलू की बात सुनकर पिंकी थोड़ा नरम पड़ गयी और कहा,”ऑटो का इंतजार कर रहे है”
“ऑटो नहीं आएगा दीदी आज शाम से ही स्ट्राइक है ऑटोवालों की”,बाबू ने गोलगप्पे का मासाला बनाते हुए कहा
“क्या ? लेकिन,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,खैर छोडो”,कहकर पिंकी जैसे ही जाने लगी गोलू ने कहा,”तुम कहो तो हम छोड़ देते है”
“जी नहीं शुक्रिया”,पिंकी ने मुंह बनकर कहा और आगे बढ़ गयी गोलू ने उसके बगल से निकलते हुए स्कूटी रोकी और कहा,”तुम्हायी मर्जी”
कहकर गोलू जैसे ही आगे बढ़ने को हुआ पिंकी ने कहा,”गोलू”
गोलू ने स्कूटी रोक दी तो पिंकी आकर उसके पीछे बैठ गयी , गोलू ने चुपचाप स्कूटी आगे बढ़ा दी। उन्हें जाते हुए देखकर बाबू ने मुस्कुराते हुए आसमान में देखकर कहा,”लगता है गोलू भैया की किस्मत चमकने वाली है”
गोलू और पिंकी दोनों खामोश बैठे थे दोनों में से किसी ने भी बात नहीं की। पिंकी के मोहल्ले के नुक्क्ड़ पर स्कूटी रोक कर गोलू ने कहा,”घर तक जायेंगे तो तुम्हाये मोहल्ले वाले गलत समझेंगे”
पिंकी स्कूटी से नीचे उतरी और जाने लगी तो गोलू ने कहा,”पिंकी”
“हम्म्म !”,पिंकी ने पलटकर कहा
“सॉरी हमे तुमको थप्पड़ नहीं मारना चाहिए था , जिस दिन से तुम पर हाथ उठाया है बहुते बुरा लग रहा है हमे , पर तुम जो गुड्डू भैया के साथ की अच्छा नहीं की उनका टेंट नहीं जलाना था तुमको”,गोलू ने कहा
पिंकी ने टेंट जलाने की बात सुनी तो हैरानी से गोलू की और देखने लगी क्योकि उसने ऐसा तो कुछ भी नहीं किया था उस रात वह तो बस गुड्डू के अरेंज किये खाने को बिगाड़ कर उसे सबके सामने नीचा दिखाना चाहती थी। पिंकी गोलू के पास आयी और कहा,”मैं गुड्डू से बदला लेना चाहती थी पर इतना भी नहीं की उसका टेंट जलाकर नहीं”
“का ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,मतलब उह सब तुम नहीं की ?”,गोलू ने हैरानी से कहा
“मैं सच कहूँगी तब भी तुम्हे झूठ ही लगेगा गोलू , पर हां मैंने गुड्डू का टेंट नहीं जलाया”,कहकर पिंकी वहा से चली गयी। गोलू उसे जाते हुए देखता रहा पहली बार उसे पिंकी की आँखों में सच्चाई दिखी। पिंकी आँखों से ओझल हो गयी तो गोलू अपने घर चला आया।
गुड्डू और शगुन घर आये गुड्डू ने वह तोहफा अपने कबर्ड में सहेजकर रख दिया ,शगुन चाहकर भी गुड्डू से पूछ नहीं पा रही थी की वो तोहफा किसके लिए है ? अगली सुबह शगुन नहाकर जब ड्रेसिंग के सामने आयी तो वहा पर वही झुमके रखे हुए थे जो गुडडू ने कल खरीदे थे। शगुन को हैरानी हुई की गुड्डू ने इन्हे यहाँ क्यों रखा है ? उसने उन्हें जैसे ही हाथ में उठाया गुड्डू का कमरे में आना हुआ। शगुन के हाथ में झुमके देखकर गुड्डू ने कहा,”पहिन लो तुम्हाये लिए ही है”
“मेरे लिए,,,,,,,,,,,,,,,?”,शगुन ने हैरानी से कहा जबकि मन ही मन में ख़ुशी से नाच रही थी वो पगली
“हां अब और तो कोई लड़की दोस्त है नहीं हमायी जिसके लिए तोहफा खरीदेंगे”,गुड्डू ने कहा तो शगुन मुस्कुरा उठी और कहा,”थैंक्यू”
“योर मोस्ट वेलकम”,गुड्डू ने कबर्ड की और आते हुए कहा
शगुन की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था , शादी के बाद पहला गिफ्ट वो गुड्डू से सोचकर ही उसका दिल ख़ुशी से भर गया। शगुन ने झुमके लिए और पहनने लगी एक साइड का उसने आसानी से पहन लिया लेकिन दूसरी तरफ जा पहनने में उसे परेशानी हो रही थी गुड्डू ने देखा तो कबर्ड बंद किया और शगुन की और चला आया उसके हाथ से झुमके की लड़े पकड़ी और उन्हें शगुन के बालो में लगा दिया। गुड्डू जैसा मस्त मौला लड़का जब ऐसे काम करे तो और भी प्यारा लगता है शगुन की नज़ारे सामने शीशे पर थी जिसमे उसे गुड्डू नजर आ रहा था। दिल तो किया की ये वक्त कुछ देर के लिए यही थम जाये गुड्डू ने बड़े आराम से शगुन के बालो में हुक लगाया और साइड हो गया। शगुन गुड्डू की और पलटी तो गुड्डू उसे देखता ही रह गया। ऐसा लगा जैसे वो झुमके शगुन के लिए ही बने थे। गुड्डू शगुन को देखता रहा और फिर कहा,”अच्छे लग रहे है”
“मैं या झुमके ?”,शगुन ने शरारत से कहा
“दोनों”,गुड्डू ने धीरे से कहा दूसरी और देखने लगा। लड़कियों की तारीफ करना उसे नहीं आता था शायद शगुन उसकी हालत देखकर समझ गयी इसलिए वहा से नीचे चली गयी। गुड्डू शीशे के सामने आया और खुद को डांटते हुए कहने लगा,”का पगला गए हो का गुड्डू मिश्रा ? इह आजकल शगुन के सामने आते ही
तुम्हायी बोलती काहे बंद हो जाती है ? दोस्त ही तो है फिर इतना का फील कर रहे हो उनकी प्रेजेंस को ? और इह सब का है आजकल जब देखो तब उनका हाथ पकड़ कर रोक लेते हो , उनके काम भी खुद करने लगे हो , छूने का बहना चाहिए तुमको नहीं ,,,,,,,,,,,,,,,,,,पहिले इह तो जान लो की उनको इह सब अच्छा लगता भी है या नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,हम का करे हमायी तो कुछ समझ नहीं आ रहा पहले शगुन से दूर रहते थे अब जितना पास रहे दूर ही लगता है , ऐसा लगता है की हर जगह वो हमाये साथ रहे,,,,,,,,,,,,हमसे बात करती रहे,,,हमे देखती रहे। जब भी हमे देखती है कितने प्यार से देखती है उह ,, और तोहफा लाये रहय उनके लिए तो का हो गया जे हमने अपने हाथ से पहना दिया,,,,,,,,,,,,,,,तुम ज्यादा सोच रहे हो गुड्डू , जो हो रहा है अच्छा हो रहा है और फिर शगुन है ना तुम्हाये साथ सम्हाल लेगी उह हम को”
गुड्डू काफी देर तक शीशे के सामने खड़ा बड़बड़ाते रहा और फिर गोलू का फोन आने पर नीचें चला आया। नीचे आकर देखा शगुन नहीं है तो उसके पूछने से पहले ही मिश्राइन ने कहा,”शगुन और वेदी महादेव के मंदिर गयी है”
“हम्म्म्म ठीक है हम दुकान जा रहे है”,कहकर गुड्डू भी निकल गया।
शगुन और वेदी बातें करते हुए मंदिर पहुंचे वहा पूजा के बाद जब पंडित जी शगुन के हाथ में मौली बांधने लगे तो वेदी ने कहा,”पंडित जी हमायी भाभी माँ बनने वाली है अच्छे से आशीर्वाद जिस से ये और इनका बच्चा दोनों स्वस्थ रहे”
पंडित जी ने सूना तो मुस्कुरा उठे लेकिन शगुन मन ही मन बैचैन हो गयी , उसे बहुत बुरा लग रहा था की इस बच्चे का नाटक करते हुए वह और गुड्डू घरवालों की भावनाओ के साथ खेल रहे है। शगुन का चेहरा उदासी से घिर गया। पंडित जी ने देखा तो कहा,”चिंता ना करो बिटिया महादेव सब ठीक करेंगे”
शगुन ने उन्हें प्रणाम कहा और उठाकर वेदी के साथ मंदिर की परिक्रमा करने लगी। परिक्रमा करने के बाद शगुन वही पड़ी बेंच पर आकर बैठ गयी और बच्चे को लेकर जो झूठ बोला गया उस बारे मे सोचने लगी। वेदी ने देखा तो कहा,”का बात है भाभी बहुते परेशान नजर आ रही है आप ?”
“कुछ नहीं वेदी बस ऐसे ही”,शगुन ने बात टालते हुए कहा
“आप काफी परेशान दिख रही है रुकिए मैं आपके लिए पानी लेकर आती हूँ”,कहकर वेदी वहा से चली गयी जब वेदी लोटे में पानी भरकर जाने लगी तभी किसी ने उसका हाथ पकड़ा और उसे साइड में लेकर आया। वेदी ने अपने सामने खड़े लड़के को देखा तो गुस्से से कहा,”तुम यहाँ का कर रहे हो रमेश ?”
“वेदिका तुमने उस रात मेरी बात का जवाब नहीं दिया”,रमेश ने सहजता से कहा
“कितनी बार कहे हम तुम्हे पसदं नहीं करते तुम क्यों हमारे पीछे पड़े हो , लगता है उस दिन की भैया की मार से तुम्हारा पेट नहीं भरा”,वेदी ने कहा तो रमेश का चेहरा गुस्से से तिलमिला उठा
“हुंह उस दिन अगर तुम बीच में नहीं आती ना वेदिका तो तुम्हारे भाई का वो हाल करता की जिंदगीभर याद रखता वो”,रमेश ने कहा
“तुम्हे वहम है और इस वहम के चलते दोबारा गुड्डू भैया से भीड़ मत जाना वरना हड्डी पसली एक कर देंगे तुम्हारी वो”,वेदी ने कहा
“वो मेरा क्या बिगड़ लेगा वेदिका एक गर्लफ्रेंड तो उस से सम्हाली नहीं जाती , उसकी पिंकी कल परसो मुझसे कह रही थी की गुड्डू को सबक सीखाना है,,,,,,,,,,और उस गुड्डू को तो मैं ऐसा सबक सिखाऊंगा ना वेदिका की वो मुझे भूल नहीं पायेगा”,रमेश ने कहा
“अगर हमारे भाई के बारे में कुछ भी कहा तो मुंह तोड़ देंगे तुम्हरा”,वेदी ने रमेश को ऊँगली दिखाते हुए कहा तो रमेश ने बेशर्मी से वेदी का हाथ पकड़ लिया और कहा,”वेदिका ये नाजुक से हाथ मारने के लिए नहीं बल्कि मेरे हाथो को थामने के लिए बने है”
वेदिका ने गुस्से से अपना हाथ रमेश के हाथ से छुड़ाया और उसे पीछे धकिया दिया ये देखकर रमेश को और गुस्सा आ गया उसने जैसे ही वेदी को मारने के लिए हवा में हाथ उठाया किसी ने आकर रमेश के हाथ को रोक लिया , रमेश ने सामने देखा वेदी के बगल में गुड्डू की पत्नी शगुन खड़ी थी और शगुन ने ही रमेश का हाथ पकड़ा हुआ था। रमेश ने शगुन को घुरा तो शगुन ने झटके से उसका हाथ नीचे कर दिया।
“तेरी इतनी हिम्मत,,,,,,,,!”,कहते हुए रमेश जैसे ही शगुन की और आया शगुन ने खींचकर एक थप्पड़ उसके गाल पर रसीद कर दिया। बौखलाया सा रमेश शगुन को देखने लगा तो शगुन ने गुस्से से कहा,”एक और बार अगर तुमन बदतमीजी करने की कोशिश भी तो वो हाल करुँगी की घर जाने लायक नहीं रहेगा ,, एक लड़की को डराते धमकाते हुए शर्म नहीं आती तुम्हे,,,,,,,,,,,,,,,,,,छी ! कैसे इंसान हो तुम ? वेदी तुम्हे पसंद नहीं करती है तो क्या जबरदस्ती करोगे उसके साथ अगर असली मर्द हो ना तो औरत की ना को स्वीकार करना सीखो,,,,,,,,,,,,,!!”
शगुन की बात सुनकर वेदी डरते हुए उसके पीछे आकर खड़ी हो गयी और शगुन का हाथ कसकर पकड़ लिया। वेदी को डरा हुआ देखकर शगुन ने कहा,”घबराओ मत वेदी मैं हूँ तुम्हारे साथ (पलटकर रमेश से कहती है) आईन्दा से अगर तुमने इसका रास्ता रोका या इसे परेशान किया तो सीधा जेल जाओगे समझे”
रमेश ने देखा शगुन की आवाज सुनकर वहा आस पास के लोग इक्क्ठा होने लगे है। रमेश ने वहा से निकलने में ही अपनी भलाई समझी और चुपचाप शगुन को घूरता हुआ वहा से चला गया। डर कर वेदी रो पड़ी शगुन ने उसे चुप करवाया और घर पर किसी को इस बारे में ना बताने का कहकर घर चली आयी।
जैसे जैसे वक्त गुजर रहा था एक के बाद एक परेशानी शगुन के सामने आती जा रही थी
क्रमश – manmarjiyan-75
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संजना किरोड़ीवाल
Bahut badhiyan kiya shagun ne…. Ab ramesh ko sedha karenge guddu bhaiya….
Nice
मैम जब सब सही हो रहा हैं तो…ये रमेश आ गया कुछ गड़बडी फैलानें…वैसे गोलू पिकीं की जोड़ी बन जायें तो और मजा आ जायेगा…पहले से ही प्रेग्नेंसी का ये नाटक फैला हुआ हैं…अब ये रमेश थप्पड़ खाने के बाद कुछ गलत ना कर दें 😊 shandaar part👌👌👌👌👌
Ohh to ab ye ramesh ka chakkar smjh aya…. Kher isko to smbhal lenge …koii ek hi kafi h😎😎 aj first gift Diya guddu ne shagun ko😍😍😍
Aaj ka part sukun vala tha par y ramesh kahi isne hi to guddu or holy ka tent kharab nahi kiya🤔
यार ये तो बड़ा ही बदतमीज से भी ज्याद्वारे गिरा हुआ इंसान निकला रमेश…एक तरफ घटिया पिंकी के साथ है तो देसरी तरफ वेदी के सांगितले जबरदस्ती कर रहा है…सही लड़कों को अगर ना कहो तो उन्हें समझ नहीं आता और सीधे बात अपने इगो पर ले जाते है…वही हाल रमेश का है…खैर अब इससे गुड्डू निपटेगा
Bhut hi khoobsurat part tha abhi pinki se to peecha chuts bhi nhi tha ab yh ramesh aa gya ab guddu aur shagun milkr hi is mushibat se chutkara paayenge
nice part..
Are yr ye log doctor k pass jake checkup kahe nhi krwa rhe khamkha pure gaanv m dhindhora peet rhe h…
Nice part
Nice part…🌷🌷🌷
Bus ek thappad itne s aise logo k pet nhi bharta inko to itna mRNA chahiye ki inko inka pichhla agla janam sb dikhai dene lge.
Well done shagun ❤️❤️❤️❤️❤️❤️
Very beautiful
Nice part
Yaar ye Ramesh kitna kamina nikla, Pinki se bhi lga hua hai or idhar vedi ko bhi ptana chahta hai or shagun NE aacha jwab diya uski batmizi ka