Main Teri Heer – 15

Main Teri Heer – 15

Main Teri Heer - Season 5
Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal

मुन्ना भूषण के मुंह पर धूल उड़ाते हुए चला गया। गुस्से की आग में भूषण अंदर ही अंदर उबलने लगा और कहा,”जे मुन्ना को इलेक्शन टिकट कैसे मिला ? इसे किसने खैरात दे दी ?”
भूषण को गुस्से में देखकर लड़को में उसके सामने बोलने की हिम्मत नहीं हुई लेकिन रमेश ने भूषण के सामने आकर कहा,”भूषण भैया ! मत भूलो मुन्ना भैया के पापा इतने सालो से राजनीती में रहे है उनके लिए इलेक्शन टिकट हासिल करना कौनसी बड़ी बात है ? खैरात में तो टिकट आपको मिला है उह भी राजन भैया को धोखा देने के बदले,,,,,,,,,,!!”


रमेश की बात सुनकर भूषण का खून खोल उठा उसने रमेश की कोलर पकड़ी और कहा,”साले बहुते पर निकल आये है तुम्हरे , इतना ही पिरेम है मिश्रा के लौंडे से तो उसके साथ काहे नहीं चले गए ? कान खोल कर सुन ल्यो रमेश्वा जे इलेक्शन टिकट ना बहुते मेहनत से हासिल किये है राजन भैया की खैरात से नहीं”
“भूषण भैया जाने दीजिये ना,,,,,,,,,!!”,साथ खड़े लड़को में से एक ने कहा
भूषण ने रमेश का कोलर छोड़ा और कहा,”आज के बाद अगर तुम में से किसी ने भी हमसे बदतमीजी करी तो साला यही पटक के पेल देंगे”


“इलेक्शन टिकट मिल गवा तो का , हमरी भी कोनो इज्जत है”,रमेश ने धीमे स्वर में कहा
भूषण एक तो पहले ही मुन्ना और मुरारी की वजह से चिढ़ा हुआ था ऊपर से रमेश ने आग में घी डालने का काम किया। भूषण ने झुककर अपने पैर से जूता निकाला और रमेश को मारते हुए  कहने लगा,हम देते है तुमको इज्जत , हमरा खाकर हम ही पे रौब दिखा रहे हो तुम्हरी इतनी हिम्मत,,,,,,,,,,राजन भैया के लिए काम करते थे समझे , अब जल्दी ही बनारस के युवा नेता बन जायेंगे और ओह के बाद तुम्हरे राजन भैया भी हमरे सामने सर झुकायेंगे,,,,,,,,,

आँखे किसे दिखा रहे हो बे ? तुमको का लगता है तुम कुछ भी बकोगे और हम सुनेंगे,,,,,,,,,,,का अपनी मेहरारू समझे हो का ? खाल उधेड़ देंगे अगर दोबारा जे बदतमीजी हमरे साथ की और हमरे सामने उस मिश्रा के लौंडे का गुणगान गाया तो,,,,,,,इतनी ही मोहब्बत है मुन्ना से तो जाकर घुसो ना उसकी,,,,,,,,,,,,आखरी बार बोल रहे है रमेश्वा हमरे खिलाफ जाने की कोशिश नाही करो वरना मार के भूसा भर देंगे खाल में और ऐसी जगह फेकेंगे तुम्हरे बाप जिंदगी भर नहीं ढूंढ पाएंगे,,,,,,,,,!!”


लड़को में इतनी हिम्मत नहीं थी कि भूषण को रोक पाए
रमेश को पीछे धकियाकर भूषण लड़को की तरफ पलटा और कहा,”और किसी को हमदर्दी है मुन्ना भैया ?”
“नहीं , नहीं भैया , हम लोग तो शुरू से ही आपके ही साथ है,,,,,,,!!”,एक लड़के ने कहा
भूषण ने एक नजर रमेश को देखा और जीप में आ बैठा , लड़के जीप में बैठने को हुए तो भूषण ने मना कर दिया और अकेला ही निकल गया।

एक लड़के ने नीचे गिरे रमेश को उठाया उसके होंठो से खून निकल आया था। लड़के ने रमेश के मिटटी से भरे कपडे झाड़ते हुए कहा,”रमेश ! का हो गवा है बे
तुमको ? काहे आये दिन भूषण भैया से उलझ पड़ते हो ? तुमहू भी जानते हो भूषण भैया की मुन्ना और वंश से दुश्मनी आज की नाही है फिर काहे बार बार उनके सामने मुन्ना का नाम लेते हो। राजन भैया तो अपनी यादास्त खो चुके है अब भूषण भैया ही है जो हम सबके खर्चे उठाते है,,,,,,,,, तुमहू साले उन्ही के खिलाफ बोल पड़े,,,,,,!!”


“हम तुम सबकी तरह नहीं है , अरे ! राजन भैया को कुछो याद नहीं है इह का मतलब जे तो नहीं भूषण भैया मनमानी करे , राजन भैया से झूठ बोले उनकी भावनाओ से खेले , भूषण भैया तो खुद को राजन भैया समझने लगे है,,,,,,,,,,,,उह भूल रहे है कि उन्हें सिर्फ युवा नेता इलेक्शन में सिर्फ टिकट मिला है , अभी युवा नेता बने नाही है उह,,,,,,,,,,,और आज जो उह सबके सामने हमे मारे है ना , इह गलती महंगी पड़ेगी उन्हें”,रमेश ने गुस्से से कहा और जाने लगा


“रमेश , ए रमेश सुनो भाई ,, अरे भूषण भैया गुस्से में थे उनकी बात का बुरा न मानो , अरे सुनो तो,,,,,,,,,,,!!”,लड़के ने कहा लेकिन रमेश वहा से चला गया

मुंबई , नवीन का घर
सुबह घर में जो कुछ हुआ उसके बाद निशि दिनभर अपने कमरे में उदास और मायूस सी बैठी रही वंश ने उसे फोन किया लेकिन निशि ने वंश का फोन नहीं उठाया। आज ना वह शूटिंग पर गयी ना ही कोचिंग , वह बहुत उदास थी और उसका कही भी जाने का मन नहीं था ना ही किसी से बात करने का। नवीन ऑफिस से आया तो निशि को घर में ना पाकर किचन में खड़ी मेघना से पूछा,”निशि कही बाहर गयी है क्या मेघना ?”
“वो अपने कमरे में है , सुबह से उसने ना कुछ खाया है ना ही किसी से बात कर रही है,,,,,,,,!!’,किचन में काम करती मेघना ने कहा


मेघना की बात सुनकर नवीन खामोश हो गया मेघना ने देखा तो उसके पास आयी और उसके कंधे पर हाथ रखकर कहा,”नवीन तुम्हे नहीं लगता तुम निशि के साथ कुछ ज्यादा ही कठोरता से पेश आ रहे हो , तुम्हे एक बार निशि के मन की बात जाननी चाहिए नवीन। वंश अच्छा लड़का है और निशि भी उसे पसंद करती है ,,  अगर तुम उनके रिश्ते को एक्सेप्ट कर भी लोगे तो क्या हो जाएगा ?”


नवीन ने मेघना की तरफ देखा और कहा,”बात वो नहीं है मेघना , वंश सारिका मैडम का बेटा है,,,,,,,मेरी इतनी हैसियत नहीं है कि मैं निशि के लिए उनसे वंश का हाथ मांग सकू ,, और अब तो सारिका मैडम फिर से मुंबई आकर फिर से अपनी कम्पनी शुरू करने वाली है , मैं उनकी कम्पनी में बस एक मामूली सा मैनेजर हूँ,,,,,,,,मैं उनके बराबर कैसे बैठ सकता हूँ ?”


“नवीन अगर यही बात 25 साल पहले मेरे पापा ने सोची होती तो क्या आज हम साथ होते ? मुझे लगा तुम अपनी बेटी को भावनाओ को समझोगे लेकिन,,,,,,,,,,,हाह ! निशि हमारी इकलौती बेटी है और जितनी समझदार वो है , वंश को चुनकर उसने कुछ गलत नहीं किया,,,,,,,,,पर तुम ये बात नहीं समझोगे , बाप जो हो उसके”,मेघना ने कठोरता से कहा और वापस किचन के अंदर चली गयी

नवीन कुछ देर वहा रुका और फिर गले में बंधी अपनी टाई को ढीली करते हुए सीढ़ियों की तरफ बढ़ गया। अपने कमरे की तरफ जाते हुए उसकी नजर निशि के कमरे की तरफ चली गयी। दरवाजा खुला था और निशि उदास सी बिस्तर पर बैठी किसी सोच में डूबी थी।  

नवीन कुछ देर वहा रुका और फिर अपने कमरे में चला गया। कमरे में आकर उसने अपना बैग साइड में रखा और बिस्तर पर आ बैठा। उसने अपने दोनों हाथो की उंगलियों को आपस में फंसाया और होंठो से लगाकर किसी सोच में डूब गया। नवीन की आँखों के सामने वंश के साथ बिताये पल आने लगे , वंश का नवीन को परेशान करना , उसके साथ मस्ती करना , उसका नवीन के लिए परवाह जताना , निशि को छेड़ना , सारी बाते एक एक करके नवीन को याद आने लगी। वह अपने ही ख्यालो में खोता चला गया।

काफी देर सोच विचार के बाद नवीन उठा , कपडे बदले और नीचे चला आया। किचन में आकर देखा मेघना अपना काम कर रही है तो नवीन ने फ्रिज खोला
और उसमे कुछ ढूढ़ते हुए कहा,”मेघना ! पनीर कहा रखा है ?”
“वो वहा कोने में,,,,,,,,!!”,मेघना ने हैरानी से कहा क्योकि अमुमन नवीन जल्दी कभी ऐसे किचन में आता नहीं है।
नवीन ने खुश होकर पनीर उठाया और प्लेटफॉर्म की तरफ चला आया। उसने एप्रिन पहना और सब्जिया काटने लगा।


“तुम क्या कर रहे हो ?”,मेघना ने पूछा
“मैं अपनी प्यारी बेटी के लिए पनीर सेंडविच बना रहा हूँ,,,,,,,,जरा वो मसाले का डिब्बा देना”,नवीन ने बिना मेघना की तरफ देखे कहा।
बेचारी मेघना चक्कर खाकर गिरते गिरते बची , कुछ देर पहले ही जिस नवीन को उसने कठोर देखा था वह अब बिल्कुल मुलायम हो चुका था प्लेटफॉर्म पर रखे उस सफ़ेद पनीर की तरह। मेघना नवीन के बगल में आकर खड़ी हो गयी और उसे सेंडविच बनाते हुए देखने लगी


नवीन ने सेंडविच बनाया और प्लेट में सजाया , साथ में दो कप कॉफी बनायीं सबको ट्रे में रखा और किचन से लेकर जैसे ही जाने लगा मेघना ने कहा,”अरे मेरी सेंडविच कहा है ?”
“अपने पापा से कहो वो बनाकर खिलाएंगे,,,,,,,,,,!!”,नवीन ने जाते हुए कहा तो मेघना मुस्कुरा दी।

नवीन ट्रे लेकर निशि के कमरे में आया और ट्रे को बिस्तर पर रखकर उसके बगल में बैठते हुए कहा,”मेघना ने बताया कि तुमने सुबह से कुछ नहीं खाया है , क्या तुम अपने डेड से अभी भी नाराज हो ?”
निशि ने सुना तो उदास आँखों से नवीन की तरफ देखा वह खामोश रही। उसे खामोश देखकर नवीन ने कॉफी से भरा कप उठाया और उसकी तरफ बढाकर कहा,”आज बहुत दिनों बाद मैंने तुम्हारा फेवरेट पनीर सेंडविच बनाया है , खाकर बताओ कैसा बना है ?”


निशि ने कप लिया और देखा ट्रे में दो पनीर सेंडविच रखे है जिन पर एक स्माइली बना हुआ है। निशि ने सेंडविच उठाना चाहा तो नवीन ने उसे रोक दिया और कहा,”रुको मैं खिलाता हूँ,,,,,,,!!”
नवीन ने अपने हाथ से निशि को सेंडविच खिलाया और अपनी भँवे उचकाई।
“हम्म्म अच्छा है,,,,,,,,,,,!!”,निशि ने कहा तो नवीन ने भी एक निवाला खाया और खुद को शाबाशी देते हुए कहा,”अहम्म्म्म नॉट बेड नवीन,,,,,,,,!!”


निशि ने सुना तो मुस्कुरा उठी , उसने सेंडविच का एक टुकड़ा अपने हाथ में उठाया और खुद ही खाने लगी। सेंडविच खत्म होने के बाद नवीन ने दोनों के बीच रखी ट्रे को साइड में रखा और अपना कप लेकर निशि के बगल में बैठ गया। दोनों ख़ामोशी से अपनी कॉफी पीने लगे। एक दो घूंठ के बाद नवीन ने कहा,”मेघना कहती है कि मैं तुम्हारे साथ कुछ ज्यादा ज्यादा ही कठोर हो गया हूँ , क्या तुम्हे भी ऐसा लगता है ?”
“नहीं आप अपनी जगह सही है डेड,,,,,,,!!”,निशि ने कहा


नवीन मुस्कुराया , निशि आज भी उस पर उतना ही भरोसा जो करती थी। नवीन ने एक घूंठ भरा और कहा,”तुम सच में वंश को पसंद करती हो ?”
निशि ने सुना तो नवीन को देखने लगी नवीन ने अपना सवाल दोहराया तो निशि ने कहा,”हम्म्म्म ! और मैं जानती हूँ आप उसे पसंद नहीं करते , मैं वंश के बिना नहीं रह सकती डेड लेकिन मैं आपके खिलाफ भी नहीं जा सकती,,,,,,,,,,,,इसलिए आज मैं,,,,,,,,,!!”


निशि अपनी बात पूरी करती इस से पहले नवीन ने कहा,”इसलिए आज तुम चुप थी और वो लड़का , वो लड़का वंश चुप होने का नाम नहीं ले रहा था,,,,,,,,,निशि तुम्हे नहीं लगता वो कितना ओवर एक्सप्रेसिव है लाईक जो उसके दिल में होता है सबके सामने बेझिझक बोल देता है , उसे कोई मतलब नहीं सामने वाला इस बात पर कैसे रिएक्ट करेगा बस उसे अपनी बात बोलनी है,,,,,,,,,

उसने बिना डरे मेरे सामने कितनी आसानी से कह दिया कि वो तुम्हे पसंद करता है,,,,,,,,,इतनी हिम्मत तो मुझमे भी नहीं थी , मैं तो आज भी मेघना के पापा के सामने बोलने से पहले 10 बार सोचता हूँ,,,,,,,,,लेकिन उफ्फ्फ ये लड़का,,,,,,,,,,सच में बहुत अजीब है , तुम इसके साथ पूरी जिंदगी रह पाओगी ?”

नवीन की बाते सुनकर निशि के दिल को एक आस जगी कि शायद नवीन भी वंश को पसंद करता है। निशि ने नवीन की आँखों में देखा और कहा,”मैं सम्हाल लुंगी डेड,,,,,,,,पर आप उसे पसंद नहीं करते”
“मैं उसे पसंद करता हूँ”,नवीन ने एकदम से कहा तो निशि हैरानी से नवीन को देखने लगी
नवीन ने निशि को देखा और फिर सामने देखते हुए कहने लगा,”मैं पहले दिन से ही उसे पसंद करता हूँ , हाँ वो थोड़ा ओवर एक्साइटेड , ओवर एक्सप्रेसिव और बातूनी है लेकिन अच्छा लड़का है।

उसकी शैतानिया अगर साइड कर दू तो वो एक बहुत जिम्मेदार और समझदार लड़का भी है,,,,,,,,,जो भी लड़की उसकी वाइफ बनेगी वो हमेशा उसे अपनी उटपटांग बातो से हँसाता रहेगा”
“फिर आपने अब तक वंश को इग्नोर क्यों किया ? क्या आप ये जान बूझकर कर रहे थे ?”,निशि ने पूछा
नवीन ने एक गहरी साँस ली और निशि को सारिका के बारे में बताया , अपने मन की उलझन के बारे में बताया और वंश को इग्नोर करने की वजह बताई

निशि ने कहा,”ऐसा आपको लगता है डेड , मैं सारिका आंटी से मिली हूँ वो बहुत डाउन टू अर्थ है,,,,,,,,,,मुझे नहीं लगता वो आपके बारे में ऐसा सोचती होंगी , आपने देखा ना मुन्ना भैया और गौरी की सगाई में शिवम् अंकल और सारिका आंटी ने हमे कितना अच्छे से ट्रीट किया,,,,,,,,,!!”
“सारिका मैडम की जितनी तारीफ की जाए कम है निशि लेकिन तुम्हारे और वंश के प्यार के बीच में मैं हमारे बीच की इस हैसियत को नहीं आने दूंगा , मैं सारिका मैडम से बात करूंगा,,,,,,,,,,,!!”,नवीन ने कहा


निशि ने सुना तो उसे अपने कानो पर यकीं नहीं हुआ और उसने हैरानी से कहा,”क्या आप सच कह रहे है डेड ? आई मीन क्या आप ये कहना चाहते है कि आपको वंश से कोई प्रॉब्लम नहीं है ?”
नवीन ने हांमी में सर हिला दिया

निशि ख़ुशी के बारे नवीन के गले आ लगी और ख़ुशी से भरकर कहा,”ओह्ह्ह डेड ! थैंक्यू थैंक्यू थैंक्यू ! थैंक्यू सो मच,,,,,,,,,,,,,,,आप वर्ल्ड के बेस्ट डेड हो , आई लव यू,,,,,,,,,,,!!”
निशि नवीन से दूर हटी तो नवीन ने कहा,”लेकिन तुम ये बात वंश को नहीं बताओगी कि मैं मान गया हूँ , पहले मैं उसे टेस्ट करूंगा अगर उसने तुम्हारा दिल तोड़ा तो मैं उसका मुंह तोड़ दूंगा”
निशि ने नवीन के हाथो को अपने हाथो में लिया और कहा,”डेड ! वो ऐसा नहीं करेगा,,,,,,,,कभी नहीं करेगा”


निशि की आँखों में वंश के लिए प्यार और बातो में विश्वास देखकर नवीन ने हामी में गर्दन हिला दी। वह कुछ देर निशि के साथ और रुका फिर उठकर जाने लगा। चलते चलते नवीन रुका और पलटकर निशि से कहा,”निशि !”
“हाँ डेड,,,,,,,,,,,!!”,निशि ने पूछा
नवीन ने अपना सर खुजाया और कहा,”वैसे तुमने अभी तक उसे आई लव यू क्यों नहीं बोला ?”
“डेड,,,,,,,,,,,,!!”,निशि ने शरमाते हुए कहा तो नवीन हसने लगा और वहा से चला गया।

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संजना किरोड़ीवाल  

Main Teri Heer - Season 5
Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal
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Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal

नवीन कुछ देर वहा रुका और फिर अपने कमरे में चला गया। कमरे में आकर उसने अपना बैग साइड में रखा और बिस्तर पर आ बैठा। उसने अपने दोनों हाथो की उंगलियों को आपस में फंसाया और होंठो से लगाकर किसी सोच में डूब गया। नवीन की आँखों के सामने वंश के साथ बिताये पल आने लगे , वंश का नवीन को परेशान करना , उसके साथ मस्ती करना , उसका नवीन के लिए परवाह जताना , निशि को छेड़ना , सारी बाते एक एक करके नवीन को याद आने लगी। वह अपने ही ख्यालो में खोता चला गया।

नवीन कुछ देर वहा रुका और फिर अपने कमरे में चला गया। कमरे में आकर उसने अपना बैग साइड में रखा और बिस्तर पर आ बैठा। उसने अपने दोनों हाथो की उंगलियों को आपस में फंसाया और होंठो से लगाकर किसी सोच में डूब गया। नवीन की आँखों के सामने वंश के साथ बिताये पल आने लगे , वंश का नवीन को परेशान करना , उसके साथ मस्ती करना , उसका नवीन के लिए परवाह जताना , निशि को छेड़ना , सारी बाते एक एक करके नवीन को याद आने लगी। वह अपने ही ख्यालो में खोता चला गया।

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