Main Teri Heer – 14
Main Teri Heer – 14

प्रताप का घर , बनारस
“हाँ हाँ भाईसाहब ! हम सब सम्हाल लेंगे ,, आपने रजनवा के लिए लड़की देखी है तो अच्छी ही होगी,,,,,,,,,,हाँ हाँ बिल्कुल हम रजनवा को समझा देंगे। उसने खुद हमसे कहा है कि उह शादी करने के लिए तैयार है”,बरामदे में यहाँ से वहा घूमते प्रताप ने फ़ोन कान से लगाए कहा
“वो सब तो ठीक तो ठीक है प्रताप लेकिन हमे पहले ये बताओ कि तुम उह भूषणवा को इलेक्शन टिकट क्यों दिलवाये हो ?”,प्रताप के बड़े भाई ने कहा
“उह बहुते बड़ी कहानी है भैयासाहब जब आप हिया आएंगे तब सब बताएंगे आपको ,, इह समझ ल्यो कि भूषण की वजह से ही रजनवा शादी के लिए माने है”,प्रताप ने कहा
“प्रताप हमे जे लड़के पर ज़रा भी भरोसा नहीं है , अरे उह तो शक्ल से ही धोखेबाज दिखता है थोड़ा सम्हलकर,,,,,,,!!”,प्रताप के भाई ने कहा
“भाईसाहब आप चिंता मत कीजिये हमहू है ना,,,,,,,,,,हम सब सम्हाल लेंगे,,,,,,,,,!!”,प्रताप ने कहा
“मत भूलो प्रताप सांप को दूध पिलाने से उह पालतू नहीं हो जाता है ,, याद रखना इह भी काटेगा , अभी हम रखते है कल लड़की वालो के साथ ही आएंगे घर,,,,,,,,!!”,भाईसाहब ने कहा और फोन रख दिया
प्रताप ने फोन रखा और बड़बड़ाया,”ये भाईसाहब भी ना इनको लगता है हमहू चू,,,,,,,,,,,,,बेवकूफ है हमे जैसे दुनियादारी की कुछो समझ ही नहीं है। अरे युवा नेता इलेक्शन का टिकट दिलाये है भूषणवा को पालतू बनकर रहेगा हमरा,,,,,,,,,,,!!”
“पिताजी आपने हमे बुलाया,,,,,,,!!”,राजन ने आकर कहा तो प्रताप अपने ख्यालो से बाहर आया
“हां वो हम जे कह रहे थे कि तुम्हारा कालेज तो पूरा हो चूका है तो क्यों ना तुमहू हमारे बनारसी कपड़ो का बिजनेस सम्हाल ल्यो , का है कि अब इह उम्र मा जियादा भागमभाग नहीं होती हमसे”,प्रताप ने कहा
“बिल्कुल सम्हाल लेंगे , हम भी इतने दिनों से घर मा रहते रहते परेसान हो चुके है,,,,,,,,,थोड़ा बाहर निकलेंगे तो दूसरी चीजों के बारे में कम सोचेंगे”,राजन ने कहा
“तो फिर फैक्ट्री से लड़का को बुलाय देते है ओह के साथ चले जाओ दुकान और फैक्ट्री देख आओ”,प्रताप ने कहा
“ठीक है पिताजी , पिताजी भूषण आया था का घर पर ? हम फोन किये रहय उसे पर कोनो जवाब नहीं दिये उह”,राजन ने एकदम से भूषण के बारे में पूछा
“तुमहू भूषण के बारे में काहे पूछ रहे हो ? कुछो काम था भूषण से ?”,प्रताप ने पूछा
“अह्ह्ह नहीं बस ऐसे ही , कल से हमे मिले नहीं तो पूछ लिया,,,,,,,,,,हम तैयार होकर आते है”,कहकर राजन वहा से चला गया
बैंक का काम ख़त्म करके सारिका और अनु मार्किट चली आयी। अनु ने कुछ सामान खरीदा और गाड़ी की पिछली सीट पर रखकर सारिका से कहा,”दी चलो ना गोलगप्पे खाते है”
“अनु ! यहाँ सबके बीच,,,,,,घर चलो हम घर पर बनाकर खिला देंगे”,सारिका ने कहा क्योकि पूरा मार्किट लोगो से खचाखच भरा हुआ था।
“दी चलो ना प्लीज , वैसे भी कितने दिन हम लोग साथ में बाहर आये है ,, आपको याद है जब हम स्कूल में थे तब रोज गोलगप्पे खाते थे , पापा कितना डाटते थे लेकिन हम नहीं सुनते थे”,अनु ने सारिका की कलाई पकड़कर उसे अपने साथ ले जाते हुए कहा
सारिका मुस्कुरा उठी , अनु ने ठेले वाले से गोलगप्पे खिलाने को कहा। दोनों बहने वहा खड़े होकर गोलगप्पे खाने लगी। खाते खाते अनु को बाबा की बात याद आयी और उसने सारिका से कहा,”दी मुझे आपको कुछ बताना है,,,,,,,,,,!!”
“हम्म्म बताओ ना,,,,,,,,,!!”,सारिका ने ठेलेवाले को पैसे देते हुए कहा
“यहाँ नहीं गाड़ी में चलिए,,,,,,,!!”,अनु ने कहा और सारिका के साथ गाड़ी में आ बैठी। इस बार ड्राइवर सीट पर सारिका थी उसने गाडी स्टार्ट की और आगे बढ़ाते हुए कहा,”हाँ अब बताओ तुम्हे हमसे क्या बात करनी थी ?”
“दी मुझे वंश के बारे में बात करनी थी,,,,,,,,दी क्या आपको भी लगता है कि वंश और निशि के बीच,,,,,,,,,,,!!”,अनु ने इतना ही कहा कि सारिका ने गाड़ी को एकदम से ब्रेक लगाया और अनु की तरफ पलटकर कहा,”मतलब तुम्हे भी लगता है,,,,,,,,?”
“हाँ दी,,,,,,,,,!!”,अनु ने कहा
“सारिका मुस्कुराई और कहा,”ओह्ह्ह फिर तो कोई बात नहीं निशि अच्छी लड़की है अगर वंश उसे पसंद करता है तो हमे कोई ऐतराज नहीं,,,,,,,,,लेकिन निशि और वंश दोनों अभी छोटे है पहले उन्हें अपने करियर पर फोकस करना चाहिए,,,,,,,,,,,उसके बाद हम खुद नवीन से बात करेंगे”
“ओह्ह्ह दी ये बात नहीं है , मुझे आपको कुछ और बताना है”,अनु ने बेचैनी भरे स्वर में कहा
“हम्म्म बताओ”,सारिका ने कहा
“आप और मैं जानते है निशि और वंश के बीच कुछ तो कहानी बन रही है लेकिन इस कहानी में एक ट्रायंगल भी है”,अनु ने कहा
“अनु हम तुम्हारी बात समझ नहीं पा रहे है ज़रा ढंग से बताओगी,,,,,,,!!”,सारिका ने गंभीरता से पूछा
“बाबा ने वंश के लिए अपने दोस्त की बेटी को पसंद किया है , शिवम् जीजू का बाबा को दिया वचन याद होगा आपको”,अनु ने अपने नाख़ून चबाते हुए कहा
सारिका ने सुना तो उसके चेहरे पर परेशानी के भाव उभर आये , वह ये बात कैसे भूल गयी ? मायूसी से उसने अनु को देखा और गाडी आगे बढ़ा दी
सारिका को खामोश देखकर अनु ने कहा,”दी आप चुप क्यों हो गयी ? बाबा ने जिस लड़की को पसंद किया है अगर उन्होंने उसे हाँ बोल दिया तो प्रॉब्लम हो जाएगी,,,,,,,,,वंश अगर निशि को पसंद करता है तो वो बाबा के कहने पर शादी थोड़ी कर लेगा ?”
“शिवम् जी बाबा को पहले ही वचन दे चुके है और शिवम् जी बाबा के खिलाफ कभी नहीं जायेंगे,,,,,,,,,,ये ट्रायंगल सबको बहुत महंगा पड़ने वाला है अनु”,सारिका ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“ओह्ह्ह दी कम ऑन ! वो लव स्टोरी ही क्या जिसमे ट्रायंगल ना हो , और बिना मेहनत किये महबूब मिल जाये तो लव स्टोरी कैसी ? एक सच्ची प्रेम कहानी वो होती है जिसमे प्यार होता है , इंतजार होता है , थोड़े लड़ाई झगडे , मार पीट , घरवालों का बीच में टांग अड़ाना होता है , लव बर्ड्स दुनिया के खिलाफ जाने की बातें करते है ,, ऐसी लव स्टोरी हो तो मजा आता है,,,,,,,,,जैसे आपकी और जीजू की थी”,बातो बातो में अनु ने सारिका को उसका अतीत याद दिला दिया
सारिका की आँखों के सामने उसका अतीत एकदम से किसी तस्वीर की तरह आ गया और उसने कहा,”इसी बात का तो डर है अनु , हम नहीं चाहते वंश और निशि की जिंदगी में वो अतीत फिर से दोहराया जाये,,,,,,,,पापा मान गए थे क्योकि उन्हें मनाने के लिए मुरारी भैया थे लेकिन शिवम् जी उनके सामने तो मुरारी भैया भी कुछ नहीं बोल सकते,,,,,,,,!!”
अनु ने सुना तो कहा,”ओह्ह्ह्ह तो ये बात है जीजू को मनाने के लिए मुरारी को कैसे मनाना है ये आप मुझ पर छोड़ दीजिये,,,,,,,,,!”
“मतलब ?”,सारिका ने कहा
“मीठे का सुनी हो ?”,अनु ने मुस्कुरा कर कहा और सारिका ने ना में गर्दन हिला दी क्योकि ये उसके सर के ऊपर से गया था। सारिका ने अपना सर झटका और गाडी आगे बढ़ा दी लेकिन मन ही मन वंश को लेकर अब उसे चिंता होने लगी थी।
पार्टी हॉउस , बनारस
शाम के समय भूषण अपनी जीप में सवार होकर पार्टी हॉउस पहुंचा। वह अकेला नहीं आया था बल्कि उसके साथ रमेश और राजन के लिए काम करने वाले कुछ लड़के भी आये थे। आज शाम युवा नेता इलेक्शन टिकट मिलने वाली थी जिसके लिए बनारस से कई उम्मीदवार आये थे। भूषण को अभी टिकट मिला भी नहीं था कि उसके इशारे पर साथ आये लड़को ने उसके नाम के नारे लगाने शुरू कर दिए
“भूषण भैया जिंदाबाद,,,,,,,,,,,,,भूषण भैया जिंदाबाद”
“हमारा युवा नेता कैसा हो ?,,,,,,,,,,,,,,भूषण भैया जैसा हो”
अपने नाम के नारे सुनकर भूषण ख़ुशी से फूले नहीं समा रहा था , वह पहले से घमंड में था और आज पार्टी हॉउस आकर उसका घमंड और बढ़ गया। जीप से उतरकर भूषण अपने लड़को के साथ पार्टी हॉउस की तरफ जाने लगा तो उसकी नजर वहा खड़ी मुरारी की जीप पर पड़ी। भूषण ने हाथ करके लड़को को शांत किया और कहा,”जे मिश्रा की गाडी हिया का कर रही है ? फिर से इलेक्शन मा खड़ा हो रहा है का ?
“अरे भैया मिश्रा जी पूर्व विधायक है आये होंगे किसी काम से वैसे भी जे युवा नेता इलेक्शन है अब तक तो मिश्रा जी की 4 बार उम्र निकल चुकी होगी”,लड़को में से एक ने कहा तो भूषण और बाकि सब जोर जोर से हंस पड़े।
भूषण लड़को के साथ आगे बढ़ गया तभी उसे सामने से मुन्ना आता दिखाई दिया जो कि मुरारी के साथ था। भूषण जैसे ही आगे बढ़ा रमेश ने कहा,”भूषण भैया ! यहाँ से चलते है,,,,,,,,,,,!!”
“काहे वहा से का दिक्कत है , चलो चुपचाप”,भूषण ने रमेश को डपटते हुए कहा
भूषण लड़को के साथ उस तरफ चल पड़ा जिस तरफ से मुन्ना और मुरारी आ रहे थे। जैसे ही मुरारी भूषण के बगल से निकला भूषण ने आँखों से चश्मा हटाकर कहा,”लगता है अपनी पेंशन लेने आये है का है कि विधायकी तो अब तुम्हरे बस की रही नहीं है,,,,,,,,,,,और युवा नेता के लिए तुम्हरी उम्र निकल चुकी है”
भूषण की बात सुनकर सब लड़के हसने लगे , मुन्ना ने सुना और जैसे ही भूषण से कुछ कहने आगे आया मुरारी ने हाथ बीच में करके उसे रोक दिया और कहा,”मदमस्त हाथी जब बाजार में चलता है न तो दो चार खुजली वाले कुत्ते आकर ओह पर भोकते है पर हाथो को कोनो फर्क नाही पड़ता”
भूषण ने सुना तो उबलते हुए कहा,”ए चचा तुम का खुद को मदमस्त हाथी कह रहे”
मुरारी ने भूषण की तरफ देखा और कहा,”हम तुमको भी तो खुजली वाला कुत्ता कह रहे,,,,,,,,,,!”
“ए चचा”,भूषण ने गुस्से से भरकर कहा
मुरारी सीना तानकर भूषण के सामने खड़ा हुआ और गुस्से से उसकी आँखों में देखकर ऊँचे स्वर में कहा,”का बे ? चूहा समझकर जॉन बिल मा हाथ डालने की सोच रहे हो ना हुआ अजगर बैठा है ,, ज़िंदा निगल जाएगा,,,,,,,,,,,,,,,हमसे उलझने से पहिले हमरा बैकग्राउंड जान लियो , हम मारते पहले है पूछते बाद में है,,,,,,,,,जॉन राजनीती मा तुमहू उगने का सोच रहे हो न बेटा उह राजनीती के बाप रह चुके है हम,,,,,,,,,,,,राजनीती मा गर्म खून नहीं ठंडा दिमाग काम आता है,,,,,,,,,,का समझे ?”
मुरारी की एक दहाड़ से ही भूषण अंदर तक हिल गया , उसका गला सुख गया उसने हाथ में पकड़ा चश्मा आँखों पर लगाया और लड़को से कहा,”चलो रे”
भूषण के जाने बाद मुरारी ने मुन्ना से कहा,”चले ?”
“आप चलिए हम आते है,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने शांत स्वर में कहा तो मुरारी जीप की तरफ बढ़ गया
जीप के पास खड़ा मुरारी मुन्ना का इंतजार कर रहा था। मुन्ना तो नहीं आया लेकिन सामने से अपने लड़को के साथ भूषण जरूर आ रहा था। उसके हाथ में इलेक्शन टिकट था और वह बहुत खुश नजर आ रहा था। भूषण ने मुरारी को जीप के पास अकेले खड़े देखा तो उसकी तरफ आया और टिकट से अपने चेहरे पर हवा करते हुए कहा,”इलेक्शन का टिकट तो हमका मिल गवा चचा , अब बस जे इलेक्शन जीत जाए ओह के बाद तुम्हरी बात का जवाब देंगे,,,,,,,,,जॉन राजनीती के दम पर उछल रहे थे ओहि राजनीती से जड़ समेत उखाड़ के नहीं ना फेंके ना तो हमरा नाम भी भूषण नाही,,,,,,,,,,,,,!!!”
मुरारी मुस्कुराया और कहा,”तो फिर आज ही से अपना नाम बदल ल्यो का है कि राजनीती से तो हमको खुद हमरा बेटा अलग नहीं कर पाया तुम का करी हो,,,,,,,,,,,हाँ एक ठो काम कर सकते हो जे इलेक्शन की टिकट को सम्हाल के रखना,,,,,,,,,,,, का है कि हारने के बाद बत्ती बनाने के काम आएगी,,,,,,,,,और इलेक्शन के बाद हम खुद उसे तुम्हरी,,,,,,,,,,,,,!!!”
“ए जे चचा का बोल रहे है , लगता राजनीती का भूत उतरा नहीं तुम्हरे सर से,,,,,,,,,,,,,!!”,भूषण ने हँसते हुए कहा
“भूषण भैया,,,,,,,,,,,,,!!”,रमेश ने मरी हुई आवाज में कहा और हाथ से कुछ दूर खड़े मुन्ना की तरफ इशारा कर दिया
भूषण ने हँसते हुए मुन्ना की तरफ देखा लेकिन अगले ही पल उसके चेहरे से ख़ुशी गायब हो गयी और चेहरे के भाव बदल गए सामने मुन्ना खड़ा था और उसके हाथ में था “युवा नेता इलेक्शन टिकट” जिसे हवा में लहराते हुए मुन्ना चेहरे पर हवा कर रहा था। मुरारी ने मुस्कुराते हुए मुन्ना को देखा और जेब में रखा चश्मा निकालकर आँखों पर लगाते हुए कहा,”अब सबकी बत्ती बनेगी”
मुरारी जीप में आ बैठा , मुन्ना भूषण के सामने से निकलकर जीप में बैठा और भूषण और उसके लड़को के मुंह पर धूल उड़ाते हुए वहा से निकल गया।
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संजना किरोड़ीवाल
शाम के समय भूषण अपनी जीप में सवार होकर पार्टी हॉउस पहुंचा। वह अकेला नहीं आया था बल्कि उसके साथ रमेश और राजन के लिए काम करने वाले कुछ लड़के भी आये थे। आज शाम युवा नेता इलेक्शन टिकट मिलने वाली थी जिसके लिए बनारस से कई उम्मीदवार आये थे। भूषण को अभी टिकट मिला भी नहीं था कि उसके इशारे पर साथ आये लड़को ने उसके नाम के नारे लगाने शुरू कर दिए
“भूषण भैया जिंदाबाद,,,,,,,,,,,,,भूषण भैया जिंदाबाद”
“हमारा युवा नेता कैसा हो ?,,,,,,,,,,,,,,भूषण भैया जैसा हो
शाम के समय भूषण अपनी जीप में सवार होकर पार्टी हॉउस पहुंचा। वह अकेला नहीं आया था बल्कि उसके साथ रमेश और राजन के लिए काम करने वाले कुछ लड़के भी आये थे। आज शाम युवा नेता इलेक्शन टिकट मिलने वाली थी जिसके लिए बनारस से कई उम्मीदवार आये थे। भूषण को अभी टिकट मिला भी नहीं था कि उसके इशारे पर साथ आये लड़को ने उसके नाम के नारे लगाने शुरू कर दिए
“भूषण भैया जिंदाबाद,,,,,,,,,,,,,भूषण भैया जिंदाबाद”
“हमारा युवा नेता कैसा हो ?,,,,,,,,,,,,,,भूषण भैया जैसा हो
शाम के समय भूषण अपनी जीप में सवार होकर पार्टी हॉउस पहुंचा। वह अकेला नहीं आया था बल्कि उसके साथ रमेश और राजन के लिए काम करने वाले कुछ लड़के भी आये थे। आज शाम युवा नेता इलेक्शन टिकट मिलने वाली थी जिसके लिए बनारस से कई उम्मीदवार आये थे। भूषण को अभी टिकट मिला भी नहीं था कि उसके इशारे पर साथ आये लड़को ने उसके नाम के नारे लगाने शुरू कर दिए
“भूषण भैया जिंदाबाद,,,,,,,,,,,,,भूषण भैया जिंदाबाद”
“हमारा युवा नेता कैसा हो ?,,,,,,,,,,,,,,भूषण भैया जैसा हो
शाम के समय भूषण अपनी जीप में सवार होकर पार्टी हॉउस पहुंचा। वह अकेला नहीं आया था बल्कि उसके साथ रमेश और राजन के लिए काम करने वाले कुछ लड़के भी आये थे। आज शाम युवा नेता इलेक्शन टिकट मिलने वाली थी जिसके लिए बनारस से कई उम्मीदवार आये थे। भूषण को अभी टिकट मिला भी नहीं था कि उसके इशारे पर साथ आये लड़को ने उसके नाम के नारे लगाने शुरू कर दिए
“भूषण भैया जिंदाबाद,,,,,,,,,,,,,भूषण भैया जिंदाबाद”
“हमारा युवा नेता कैसा हो ?,,,,,,,,,,,,,,भूषण भैया जैसा हो
शाम के समय भूषण अपनी जीप में सवार होकर पार्टी हॉउस पहुंचा। वह अकेला नहीं आया था बल्कि उसके साथ रमेश और राजन के लिए काम करने वाले कुछ लड़के भी आये थे। आज शाम युवा नेता इलेक्शन टिकट मिलने वाली थी जिसके लिए बनारस से कई उम्मीदवार आये थे। भूषण को अभी टिकट मिला भी नहीं था कि उसके इशारे पर साथ आये लड़को ने उसके नाम के नारे लगाने शुरू कर दिए
“भूषण भैया जिंदाबाद,,,,,,,,,,,,,भूषण भैया जिंदाबाद”
“हमारा युवा नेता कैसा हो ?,,,,,,,,,,,,,,भूषण भैया जैसा हो


OMG…jis rajniti se Munna door bhagta tha, ab ussi m ghusega….yani Munna apne papa ki sakh nhi girne dega aur iss bhushan jaise kutte aadmi ko uski aukat dikhayega…well done Munna… Murari sahi bola ki ab sabki batti banegi aur Sabse pahle Naam Bhushan ka hoga….
Munna Rajneethi se jitne dur bhagta tha aaj vahi Yuva Netha ke liye khada ho raha hai kya Munna yeah sab apne papa ke liye kar raha hai ya Banaras ke balai ke liye kyu ki agar bhagdot Bhushan jaiso ke haath agayi toh sab gadbad hojayega aur uske is faisle se Murari bahut kush hai…aur BHusham Munna ke haath ticket dekh kar ki gabra gaye abhi election hona bakhi hai aur BHushan yaad toh hoga Munna ne kaha agar voh harega toh uski kya saza hogi….Anu ki baad sunkar Sarika Vansh ke liye pareshan hogayi ki age kya hoga pata nahi…Pratap ke bhai ne sahi hai Bhushan ke baare me aur Ranjan ne apne papa ke kehne per unka bussiness sambhal ko ready hai…interesting part Maam♥♥♥♥♥