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Main Teri Heer – 16

Main Teri Heer – 16

Main Teri Heer
Main Teri Heer – Season 4

निशि और वंश एक दूसरे की आँखों में देखे जा रहे थे। वंश की निगाहे निशि की आँखों से हटकर उसके होंठो पर ठहर गयी। वंश ने अपना सर झटका और पीछे हटते हुए कहा,”आई ऍम सॉरी , सॉरी फॉर आल,,,,,,,,,,,मैंने तुम्हे परेशान किया , तुम्हे गलत बोला तुम्हारे साथ जो भी बदतमीजी की उस सब लिये आई ऍम सॉरी,,,,,,,,,एंड मैं तुम्हे नया मेकअप किट भी दिलवा दूंगा , अपने पैसो से,,,,,,,,,,,,आई प्रॉमिस,,,,,,,,,,,लेकिन अभी नहीं हाँ , सीरीज से पैसे मिलने के बाद,,,,,,,,आई नो इतना सब होने के बाद तुम्हारा मुझे माफ़ करने का दिल नहीं करेगा लेकिन फिर भी , वैसे भी हम अच्छे दोस्त है राईट,,,,,,,,,,,,!!”


कहते हुए वंश ने निशि की तरफ देखा तो पाया निशि उसे ही देख रही है। वंश फिर साइड में देखने लगा और कहा,”अब तुम मुझे ऐसे देखोगी तो मैं आगे कुछ बोल नहीं पाऊंगा,,,,,,,,,,,दूसरी तरफ देखो ना,,,,,प्लीज”
निशि ने अफ़सोस में अपना सर हिलाया और दूसरी तरफ देखने लगी। वंश ने देखा निशि उसकी तरफ नहीं देख रही तो वह आगे कहने लगा,”तुमने मेरी बहुत हेल्प भी की है , जब मैं बीमार था तो मुझे डॉक्टर के पास लेकर गयी , मेरे लिये सूप भी बनाया,,,,,,,,,,वो सूप अच्छा था मैं तो बस तुम्हे चिढ़ाने के लिये ऐसे ही बोल रहा था।

वो सच में अच्छा था,,,,,,,,,,,,मुन्ना एकदम से फ्लेट पर आया और तुम्हे वहा देखा तो मैं थोड़ा सा घबरा गया था इसलिए मैंने वो सब,,,,,,,,,,आई ऍम सॉरी ,, मैं मुन्ना से कुछ नहीं छुपाता लेकिन मैंने उस से ये बात छुपाई कि तुम रात भर मेरे साथ थी,,,,,,,,,,,,,मुन्ना कही गलत ना समझ ले इसलिये मुझे तुम्हारे साथ थोड़ा रूड होना पड़ा”
निशि ने सुना तो अपना सर पीट लिया ,

जो बात वंश मुन्ना से छुपाने की नाकाम कोशिश कर रहा था दरअसल मुन्ना वो बात पहले से जानता था लेकिन वंश की मासूमियत देखकर निशि अपना गुस्सा भूल गयी और कहा,”इट्स ओके,,,,,,,,,,,,और आइंदा से मेरे मेकअप किट को छूना नहीं”
“प्रॉमिस,,,,,,,,,,!!”,वंश ने अपना हाथ निशि की तरफ बढाकर कहा तो निशि ने अपने हाथ से उसके हाथ पर मारकर साइड करते हुए कहा,”एंड हाँ डेड भी ये सब तुम ही बताओगे मैं नहीं,,,,,,!!”


“उन्हें क्या बताना ? तुम्हे नहीं लगता ये कुछ ज्यादा जल्दी हो जायेगा ? आई मीन अभी तो मुझे सीरीज में काम करना है , इंडस्ट्री में अपना नाम बनाना है ये शादी वादी का प्रेशर मैं अपने ऊपर अभी नहीं ले सकता”,वंश ने जल्दबाजी में कहा
“शादी ? किसकी शादी ?”,निशि ने हैरानी से कहा
“मुझे लगा तुम मुझे पसंद करती हो एंड ये कहना चाह रही हो कि मैं ये बात अंकल को बताऊ”,वंश ने असमझ की स्तिथि में कहा


निशि ने सुना तो वंश का गला दबाने के लिये आगे बढ़ी लेकिन बेचारी उस तक पहुँच नहीं पायी और फिर गुस्से से अपने पैर पटकते हुए कहा,”कुछ नहीं कहना उन से , जाओ तुम मैंने तुम्हे माफ़ किया”
“अह्ह्ह्ह तुम बहुत अच्छी हो , बाय”,कहते हुए वंश ने उसे गले लगाया और वहा से चला गया। निशि को इसकी उम्मीद नहीं थी वह बुत बनी वही खड़ी रह गयी और कुछ देर बाद बड़बड़ाई,”चिरकुट”

वंश  नीचे आया और मुन्ना के पास आते हुए कहा,”मुन्ना चल यहाँ से चलते है वैसे भी काफी वक्त हो गया है। मैं कैब बुक कर देता हूँ”
“क्या हुआ ? तुमने फिर से निशि के साथ,,,,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना इतना ही कह पाया कि सामने से आती मेघना को देखकर वंश ने जल्दी से मुन्ना का मुंह बंद किया और कहा,”मैंने उसे सॉरी बोल दिया है”
“किसे सॉरी बोलकर आ रहे हो वंश ?”,मेघना ने कॉफी और सेंडविच टेबल पर रखते हुए कहा


“अह्ह्ह निशि को , निशि को आंटी,,,,,,,,,,एक्चुली मेरी तबियत ख़राब होने पर वो मेरे साथ थी और मैंने उसे थैंक्यू भी नहीं बोला बस इसलिये वो मुझसे थोड़ा गुस्सा थी,,,,,,,,,,,तो मैंने उसे सॉरी बोलकर सब शार्ट आउट कर लिया”,वंश एक साँस में बोल गया
“सो स्वीट ऑफ़ यू लेकिन अगली बार से ऐसा कुछ भी हो तो तुम बेझिझक मुझे या नवीन को कॉल करोगे,,,,,,,,,,,,हम लोग भी तुम्हारी फॅमिली ही है बेटा”,मेघना ने कहा


निशि सीढ़ियों से नीचे चली आ रही थी वंश ने उसे देखा तो मन ही मन कहा,”फॅमिली ही तो नहीं बनानी है आंटी”
निशि हॉल में चली आयी और अपनी कॉफी लेकर डायनिंग की तरफ चली गयी। वंश वही मुन्ना के पास बैठ गया और कहा,”मैंने उसे सॉरी बोल दिया है अब आगे तुम सम्हाल लेना,,,,,,,,,,,!!”
“बनारस से आने के बाद तुम कुछ ज्यादा ही पगलेट नहीं हो गए हो,,,,,,,,,,,,,तुम्हे निशि का मेकअप बर्बाद नहीं करना चाहिए था”,मुन्ना ने कॉफी पीते हुए धीमे स्वर में कहा


“मैंने उस से प्रॉमिस किया है मैं उसे नया दिला दूंगा , और तुम ये कॉफी रखो और चलो यहाँ से हमे आज रात क्लब भी तो जाना है।”,वंश ने मुन्ना के हाथ से कप लेकर टेबल पर कहते हुए कहा
“अरे लेकिन आंटी ने हमारे लिये सेंडविच बनाये है,,,,,,,,,,,,,,हमे उन्हें,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने उठते हुए कहा
वंश ने दो तीन सेंडविच हाथ में उठाये और मुन्ना को वहा से ले जाते हुए कहा,”इन्हे हम रास्ते में खा लेंगे अब चलो यहाँ से,,,,,,,,,,,,,,!!!”


“अरे वंश ! मुन्ना तुम दोनों कहा जा रहे हो ?”,मेघना ने कहा
“आंटी मुन्ना को ना अभी बहुत जरुरी काम है इसलिए हमे जाना होगा,,,,,,,,,,,मैं आपसे बाद में मिलता हूँ ना आंटी”,वंश ने दरवाजे की तरफ जाते हुए कहा
“हां ठीक है , बाय मुन्ना फिर आना,,,,,,,,!!”,मेघना ने कहा


“महादेव आंटी”,मुन्ना ने कहा और वहा से चला गया
मेघना अपना कप लिये निशि के पास आयी और कुर्सी खिसकाकर बैठते हुए कहा,”ये दोनों इतनी जल्दी में क्यों चले गए ?”

“उस लड़के में सब्र कहा है मॉम”,निशि ने कहा
“ओह्ह्ह्ह निशि ! वंश इतना बुरा भी नहीं है ,पता नहीं तुम उसे कब पसंद करोगी ?”,मेघना ने मायूस होकर कहा जिसे वंश में कभी कोई कमी नजर नहीं आती थी निशि ने सुना तो उनकी तरफ देखा तो कहा,”आई विश कि वो मुझे कभी पसंद ना आये,,,,,,,,,,,,,,,एक्चुअली मॉम वो मुझसे बहुत अलग है।”
मेघना ने इसके बाद निशि से कोई बहस नहीं की और चुपचाप अपनी कॉफी पीने लगी

 इंदौर , गौरी का घर
गौरी घर पहुंची और जैसे ही अंदर आयी नंदिता उस पर बरस पड़ी,”गौरी ! ये कोई वक्त है घर आने का ? 2 दिन बाद तुम्हारी सगाई है और तुम रात में इस वक्त अकेले घूम रही हो,,,,,,,,,,अब क्या बाकि रह गया है तुम्हारी शॉपिंग में बताना ज़रा ?”
“मॉम ! मुझे अंदर तो आने दीजिये। दो दिन बाद मेरी सगाई है और आप मुझे डांट रही है दिस इज नॉट फेयर”,गौरी ने रोआँसा होकर कहा


“अंदर आओ,,,,,,,,!!”,नंदिता ने कहा और घर का दरवाजा बंद कर गौरी के पीछे चली आयी। गौरी ने हाथ में पकडे बैग सेंटर टेबल पर रखे और सोफे पर पसरते हुए पास बैठे जय से कहा,”जाओ मेरे लिये एक गिलास पानी लेकर आओ”
“मैं आपका नौकर नहीं हूँ”,जय ने गुस्से से कहा
“क्या कहा ? ज़रा फिर से कहना”,गौरी ने जय को आँखे दिखाते हुए कहा
“जा रहा हूँ”,कहते हुए जय उठा और किचन की तरफ चला गया


नंदिता आकर सोफे पर बैठी और कहा,”गौरी , बेटा तुम्हे इस वक्त बाहर नहीं घूमना चाहिए और वैसे भी 2 दिन बाद तुम्हे मानवेन्द्र जी को बताकर ही कही जाना है। इसलिए ये देर रात बाहर रहने की आदत छोड़ दो तुम और थोड़ा अपने खर्चो पर भी कंट्रोल करो कल को तुम्हारी शादी हो जायेगी तुम्हे पैसे बचाना सीखना चाहिए”
जय तब तक पानी ले आया उसने गिलास गौरी को दिया और खुद सोफे पर आ बैठा।

गौरी ने पानी पीया और कहा,”उसकी फ़िक्र मत करो मम्मा , मान के पापा  के पास बहुत पैसा है और मान का कोई छोटा भाई बहन भी नहीं है तो उन्हें मैं और मान ही खर्च करेंगे ना , वैसे भी मान के मॉम डेड बहुत कूल है और अनु आंटी उनको तो शौपिंग करना इतना पसंद है पूछो मत,,,,,,,,,!!”
“अह्ह्ह क्या होगा तुम्हारा ? अनु जी अब तुम्हारी होने वाली सास है उन्हें मम्मी जी कहने की आदत डाल लो तुम,,,,,,,,,,,,,,मानवेन्द्र जी इतने समझदार है क्या वो तुम्हे इन सब बातो के लिये नहीं समझाते,,,,,,,,,,,,,,,!”,नंदिता ने कहा


“वो क्या समझायेंगे , उनको तो खुद इसने पागल कर रखा है,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए जय ने नंदिता के सामने अपना फोन किया। गौरी ने मुन्ना के साथ अपनी एक फोटो शेयर की थी जिसमे गौरी के साथ साथ मुन्ना भी अपने दोनों हाथो को मिलाकर दिल बना रहा था। ये देखकर नंदिता मुस्कुरा उठी और कहा,”बेचारे मानवेन्द्र जी , उन्हें भी तुमने अपने जैसा बना लिया है”
गौरी ने जय का फोन लेकर फोटो देखी तो उसी में खोकर रह गयी ये कुछ महीनो पहले की ही फोटो थी जब मुन्ना गौरी से मिलने इंदौर आया था और गौरी ने मुन्ना के साथ ये तस्वीर ली थी।

गौरी उस तस्वीर को थोड़ी देर और देख पाती इस से पहले जय ने उसके हाथ से फोन लिया और वहा से चला गया।
नंदिता ने देखा खाने का वक्त हो गया है तो वह उठी और किचन की तरफ चली गयी। नंदिता खाना बनाने लगी और गौरी अपने बैग्स उठाकर अपने कमरे की तरफ चली गयी  

शक्ति की गाड़ी अधिराज जी के घर के सामने आकर रुकी। काशी अभी भी घबराई हुई सी गाड़ी में ही बैठी थी। उसकी आँखो के सामने अभी भी वही एक्सीडेंट आ रहा था। शक्ति ने काशी के हाथ पर अपना हाथ रखा और कहा,”काशी , तुम ठीक हो ?”
“हाँ , हाँ हम ठीक है,,,,,,,,!!”,काशी ने चौंकते हुए कहा जैसे नींद से जागी हो


 शक्ति काशी के साथ गाड़ी से उतरा और उसके सामने आकर उसे गले लगाते हुए कहा,”तुमने जो देखा उसे एक बुरा ख्वाब समझकर भूल जाओ काशी,,,,,,,,,,वो बस एक हादसा था। अपना मूड ठीक करो और अंदर जाओ , नानू नानी ने तुम्हे ऐसे देखा तो वे लोग परेशान हो जायेंगे,,,,,,,,,,हम तुमसे कल मिलते है।”
“हम्म्म , अपना ख्याल रखना शक्ति”,काशी ने शक्ति से दूर होकर कहा और वहा से चली गयी। शक्ति भी गाड़ी में आकर बैठा और सिटी हॉस्पिटल के लिये निकल गया

शक्ति सिटी हॉस्पिटल पहुंचा। इंस्पेक्टर उसे वही मिल गया। शक्ति उसके पास आया और कहा,”गाड़ी और गाडी चलाने वाले के बारे में कुछ पता चला ?”
“हाँ सर , लड़के का नाम कबीर अरोड़ा है , वो इस शहर के सबसे बड़े बिजनेसमैन का इकलौता बेटा है सर,,,,,,,पता चला कि वह दोस्तों के साथ पार्टी करके वापस आ रहा था , उसने बहुत ज्यादा ड्रिंक कर रखी थी और काफी स्पीड में गाडी चला रहा था।

ब्रेक ना लगाने की वजह से गाड़ी डिवाइडर से टकराई जिस वजह से उसके सर पर चोट आयी है और हाथ भी टूट गया है। डॉक्टर अभी उसका ट्रीटमेंट कर रहे है,,,,,,,,,,,,मुझे नहीं लगता वो बचेगा सर”,पंकज ने अफ़सोस के साथ कहा
“हम्म्म कबीर अरोड़ा,,,,,,,,,,,,,इसके अलावा कुछ और पता चला मतलब वो किन दोस्तों के साथ था और कहा पार्टी कर रहा था ?”,शक्ति ने कुछ सोचते हुए कहा
“सर ये सारी डिटेल्स मैं आपको कल तक दे दूंगा”,पंकज ने कहा


“ठीक है तुम यही रुको और कबीर के होश आने के बाद उसका बयान नोट कर मुझे फोन करना”,शक्ति ने कहा
“ओके सर”,पंकज ने शक्ति को सेल्यूट करते हुए कहा और उसके बाद शक्ति वहा से चला गया और पंकज अपने काम में लग गया।

शक्ति अपनी जीप लेकर एक बार फिर उसी जगह पहुंचा जहा लड़के का एक्सीडेंट हुआ था। गाड़ी को वहा से हटा दिया गया था लेकिन खून के निशान अभी भी सड़क पर थे। शक्ति बहुत ध्यान से उस जगह को देखने लगा। इंस्पेकटर ने शक्ति के सामने कबीर के फोन का कही जिक्र नहीं किया ना ही पुलिस को कबीर का फ़ोन मिला शक्ति उसे ही ढूंढने वहा आया था। वह सड़क से डिवाइडर पर चला आया और देखने लगा।

कुछ देर बाद उसकी नजर झाड़ियों में पड़े कबीर के फोन पर पड़ी जो कि बज रहा था। शक्ति ने फोन को उठाया और स्क्रीन पर नाम देखकर बड़बड़ाया,”मिस्टर चौहान”
शक्ति फोन उठता उस से पहले ही फोन कट गया शक्ति ने फोन को जेब में रखा और कुछ देर वहा से निकल गया।

बनारस , नमो घाट
मुरारी ने अपने गाने से जो माहौल बनाया सब वाह वाह करने लगे कुछ तो भीड़ में खड़े होकर अपने कमर भी मटकाने लगे। बिजली भी मुरारी से खासा इम्प्रेस हो गयी और अपनी हार मान ली। मुरारी ने हारमोनियम लड़के को पकड़ाया और बिजली से कहा,”जे नाच गाना छोड़ के कोनो ढंग का काम देख लयो का है कि लोगो का मनोरंजन करने के चक्कर में किसी दिन खुद को मुसीबत में डाल लोगी,,,,,,,,,,समझी”


“अरे मिश्रा जी,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए बिजली ने मुरारी की कलाई पकड़कर उसे जाने से रोक लिया। मुरारी पलटा तो बिजली ने आगे कहा,”आप ही रख लो ना अपनी सेवदारी में , सुने है बनारस मा बड़के बिधायक हो”
मुरारी ने अपना हाथ छुड़ाया और कहा,”है नहीं थे , और हमरी सेवा करने के लिये हमरे घर में पहिले से एक ठो महिला है जोन हमरी मेहरारू है,,,,,,,,,,,,उनके अलावा हमको किसी की सेवा मंजूर नहीं है।”


“काहे ? घरवाली को घर के लिये रहन दयो और हमका बाहिर वाली रख लयो,,,,,,,,,,,,,,,,दिल लगा रहेगा आपका बता रहे है।”,बिजली ने मुरारी पर अपनी अदाओ की बिजली गिराते हुए कहा।


अब देखो पुराने वाला मुरारी होता तो शायद पिघल जाता लेकिन इन दिनों मुरारी इन सब चक्करो के कारण बहुत बार मुसीबत में पड़ चुका था इसलिये अपने हाथ जोड़कर कहा,”हमका माफ़ करो देवी , हमरे बस की ना है ,, हमसे साला घरवाली नही सम्हाली जाती बाहरवाली कैसे सम्हालेंगे ? अपनी बिजली कही और गिराओ,,,,,,,,,,,हमरा फ्यूज ना उड़ाओ तुम,,,,,,,,,,,,,,ए राम भद्रा हमको हिया से लेकर चलो बे , जे बिजली के लक्षण हमको कुछो ठीक ना ही लग रहे पता चले साला इनके चक्कर में घर का ही कनेक्शन कट जाये”


बिजली ने सुना तो मुंह बनाकर वहा से चली गयी। रामभद्रा और मोहन भी भांग के नशे में चूर मुरारी को घर ले जाने के बजाय गंगा किनारे ले आये और तीनो गांधीजी के तीन बंदरो की तरह बैठकर ना जाने कौनसी सोच में डूबे थे।
“ए मोहनवा हमका जे बताओ तुमहू कबो पानी पर चले हो ?”,मुरारी उन्मांद में बड़बड़ाया  
“मुरारी भैया पानी पर तो नहीं चले है हाँ एक बार उड़कर उस किनारे जरूर गए थे,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,मोहन ने भी बकैती करते हुए हुए कहा


“भक्क साला का बकैती कर रहे तुम दोनों मिल के अरे जे पानी थोड़ी ना है जे तो गंगा मैया है,,,,,,,अभी सो रही है तुम दोनों जियादा शोर ना करो वरना जाग जाए है”,रामभद्रा ने कहा तो मुरारी और मोहन ने अपने होंठो पर ऊँगली रखकर चुप रहने का इशारा किया
कुछ देर बाद तीनो वही बैठ गए और सामने से आती नाव को देखने लगे। ये वही नाव थी जिसमे शिवम् और सारिका बैठे थे

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